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बहुत प्यार आ रहा है आज अपनी बहन पे, रण्डी है साली, कस के चोदो। यह बोलते हुए मेरी बीवी, गरिमा, अपनी चूत में उंगली कर रही थी।
साली तेरी ठरक मिटाने के लिए मेरी बहन अपनी चूत का भोसड़ा बनवा लेगी क्या? यह बोलते हुए मैने अपनी बहन दिव्या के मम्मे मसलना चालू रखा। तभी दिव्या चिंहुक के बोली "मेरी भाभी रण्डी और भाई बेहेंचोद, तो मैं क्या बनती? तुम दोनो ने ही इस कम उमर में यह सब काम करवाए। अब मेरी आग बुझाओ, वरना मैं खुद गार्डेन में नंगी हो के लेट जाऊंगी।
यह सुनते ही मैने दिव्या के निप्पल बेरहमी से खींच लिए और हचक के लौंडा उसके अंदर तक घुसाया। यही चाहती हैं न तू, साली कुतिय, तो और ले, सारा पानी निकाल दूंगा तेरा आज।
दिव्या : हां भैया, चोदो मुझे, अपनी बीवी के सामने। जो मजा भाई का लौंडा लेने में है वो भाभी क्या जाने। कुचल दो मुझे आज, जानवर बनके चोदो मुझे।
गरिमा: रेप कर दो साली का, बहुत गर्मी है लौंडिया में। तुम तो जानते हो जबतक तुम्हारी बहन की चीख न निकले मेरी चूत का पानी नहीं निकलेगा। दिव्या तो खुद मरी जा रही है की तुम कब जानवर बनके उसका शरीर नोच लोगे, साली मुझसे भी आगे निकल गई है।
दिव्या: और अंदर तक भैया, बहुत भूखी है तुम्हारी बहन। दूध भी पी लो मेरा।
तब मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, मेरी बहन की कमसिन नन्ही चूत ने मेरे लौड़े को जकड़ लिया था। मुझे पता था कि मैं ५ मिनट से ज्यादा अब नहीं टिकूंगा। मैने दिव्या से कहा "मुंह खोल साली और अपने भाई का थूक पी"। जैसे ही दिव्या ने मुंह खोला मैने कसके उसके पूरे चेहरे पे थूक दिया। यह देखके गरिमा और गरम हो गई। दिव्या का थूक लगा चेहरा देख के मैं उत्तेजना से पागल सा हो गया। गरिमा भी समझ गई थी और मुझे और उकसाने लगी।
गरिमा: अपनी छोटी बहन को दिन रात नंगा रखते हो, उसके बदन को किसी बाजारू औरत की तरह भोगते हो, कैसे भाई हो तुम?
दिव्या: मैं यही सब चाहती हूं भैया, हमेशा तुम्हारे लौड़े के नीचे रहना। तुम्हे जो जी आए मेरे साथ करो। चोदो, मारो, थूको मुझ पे, अपनी गांड़ चटवाओ, सब करूंगी मैं अपने भाई के लौंडे के लिए।
यह सब सुनकर और दिव्या के निप्पल खींच के मै इतना उत्तेजित हुआ की मेरे लौंडे ने दिव्या की चूत में उल्टी कर दी।
गरिमा : सही टाइम पे खत्म किया तुमने मैं भी बस अभी झड़ी।
में (अनुज) : अभी खत्म नहीं हुआ, अभी तुम दोनो मेरे साथ नहाओगी और तू शावर के नीचे मेरा मुठ पिएगी। अभी तो तुझे बहुत दर्द सहने है अपनी पति की हवस के लिए।
गरिमा: स्कूल में थी तबसे तुम्हारी हवस का इंतजाम करती आई हूं और आगे भी करूंगी।
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मेरा जीवन इस हसीन मोड़ पर कुछ महीनों पहले ही आया था। यह कहानी उस सफर की है जो मुझे यहां लाया और उसके आगे भी।
साली तेरी ठरक मिटाने के लिए मेरी बहन अपनी चूत का भोसड़ा बनवा लेगी क्या? यह बोलते हुए मैने अपनी बहन दिव्या के मम्मे मसलना चालू रखा। तभी दिव्या चिंहुक के बोली "मेरी भाभी रण्डी और भाई बेहेंचोद, तो मैं क्या बनती? तुम दोनो ने ही इस कम उमर में यह सब काम करवाए। अब मेरी आग बुझाओ, वरना मैं खुद गार्डेन में नंगी हो के लेट जाऊंगी।
यह सुनते ही मैने दिव्या के निप्पल बेरहमी से खींच लिए और हचक के लौंडा उसके अंदर तक घुसाया। यही चाहती हैं न तू, साली कुतिय, तो और ले, सारा पानी निकाल दूंगा तेरा आज।
दिव्या : हां भैया, चोदो मुझे, अपनी बीवी के सामने। जो मजा भाई का लौंडा लेने में है वो भाभी क्या जाने। कुचल दो मुझे आज, जानवर बनके चोदो मुझे।
गरिमा: रेप कर दो साली का, बहुत गर्मी है लौंडिया में। तुम तो जानते हो जबतक तुम्हारी बहन की चीख न निकले मेरी चूत का पानी नहीं निकलेगा। दिव्या तो खुद मरी जा रही है की तुम कब जानवर बनके उसका शरीर नोच लोगे, साली मुझसे भी आगे निकल गई है।
दिव्या: और अंदर तक भैया, बहुत भूखी है तुम्हारी बहन। दूध भी पी लो मेरा।
तब मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, मेरी बहन की कमसिन नन्ही चूत ने मेरे लौड़े को जकड़ लिया था। मुझे पता था कि मैं ५ मिनट से ज्यादा अब नहीं टिकूंगा। मैने दिव्या से कहा "मुंह खोल साली और अपने भाई का थूक पी"। जैसे ही दिव्या ने मुंह खोला मैने कसके उसके पूरे चेहरे पे थूक दिया। यह देखके गरिमा और गरम हो गई। दिव्या का थूक लगा चेहरा देख के मैं उत्तेजना से पागल सा हो गया। गरिमा भी समझ गई थी और मुझे और उकसाने लगी।
गरिमा: अपनी छोटी बहन को दिन रात नंगा रखते हो, उसके बदन को किसी बाजारू औरत की तरह भोगते हो, कैसे भाई हो तुम?
दिव्या: मैं यही सब चाहती हूं भैया, हमेशा तुम्हारे लौड़े के नीचे रहना। तुम्हे जो जी आए मेरे साथ करो। चोदो, मारो, थूको मुझ पे, अपनी गांड़ चटवाओ, सब करूंगी मैं अपने भाई के लौंडे के लिए।
यह सब सुनकर और दिव्या के निप्पल खींच के मै इतना उत्तेजित हुआ की मेरे लौंडे ने दिव्या की चूत में उल्टी कर दी।
गरिमा : सही टाइम पे खत्म किया तुमने मैं भी बस अभी झड़ी।
में (अनुज) : अभी खत्म नहीं हुआ, अभी तुम दोनो मेरे साथ नहाओगी और तू शावर के नीचे मेरा मुठ पिएगी। अभी तो तुझे बहुत दर्द सहने है अपनी पति की हवस के लिए।
गरिमा: स्कूल में थी तबसे तुम्हारी हवस का इंतजाम करती आई हूं और आगे भी करूंगी।
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मेरा जीवन इस हसीन मोड़ पर कुछ महीनों पहले ही आया था। यह कहानी उस सफर की है जो मुझे यहां लाया और उसके आगे भी।