कुछ देर राहुल रवि के साथ वही बैठ कर बात कर रहा था या फिर उठ कर चला गया रवि जानता था कि राहुल बी अब किचन में जाएगा लेकिन अब वह कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि शकुंतला देवी अब राहुल की बीवी थी। राहुल किचन मी आया जहां शकुंतला देवी अपने ही ध्यान मी काम कर रही थी किचन मी जाते ही राहुल शकुंतला देवी से सात कर खड़ा हो गया
राहुल का लंड शकुंतला देवी की गांड के साथ पूरा हो गया। राहुल का खड़े लंड अपनी गांड के ऊपर पा कर शकुंतला देवी सिसक उठी या मुध कर राहुल को अपनी बहो मी भरते हुए उसको चूमती बोली, ये क्या कर रहे हैं जी या राहुल के होठों पर
को दोस्त वापस सीधी हो कर अपना काम मिल गया।
शकुनलता देवी; आप जाइए मुझे काम दीजिए राहुल शकुंतला देवी की पीठ को चूमते हुए
राहुल ; मेरी जान तुम अपना काम कर रही हो या अपने दोनों हाथों को शकुंतला देवी की कमर के चारों ओर रख कर अपने से चिपकते
अपने दोनों हाथो को शकुंतला देवी के सैंट्रो पर रख उन्हें अपनी मुट्ठी में भर लिया दबा दिया
राहुल के इतने जोर से चुचियों के दबते हाय शकुंतला देवी के मुंह से हल्की सी चीख निकली, उई मां दर्द होता हाय कितना जोर से दबते हाय ना बाहर पिता जी हाय पर राहुल ने कहा उस समय शकुंतला की सुनता उसने शकुंतला देवी की साड़ी का पल्लू उसकी चुचियो पर से गिरा दिया या उसकी चुचियो को अपने डोनो हाथो मी पकड़
कर ऐसे दबाने लगा जैसे वो चुचिया नहीं किसी गड्डी का हॉर्न हो