नमस्कार दोस्तों मेरा नाम मुकेश है और मैं बिहार का रहने वाला हूँ। आप का समय ख़राब का करते हुए मैं अब सीधा इस चुदाई की कहानी पर ही आता हूँ। मेरी बड़ी माँ एक गदराई हुई जवान औरत हैं उनका फिगर एकदम हॉट हैं एकदम टाईट गोल चुंचे और मसलवाली बड़ी गांड भी हैं उनकी। बड़ी माँ को देखते हुए किसी का भी लोडा खड़ा हो जाए ऐसा रंग हैं उसका, देखने वो किसी परी के जैसी लगती हैं।
एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था सिर्फ मैं और मेरी बड़ी माँ थे। वो दोपहर में सो गई थी तभी मैं क्रिकेट खेल के घर आया तो देखा की उनकी साड़ी ऊपर उठी हुई थी और उनका बुर पूरा पसीने से भीगा हुआ था। उस समय मुझे पता नहीं चला की बड़ी माँ नींद में ही झड़ चुकी हैं।
मैं उन्हें नींद में समझ के उनके जांघ की तरफ जा के सूंघने लगा। क्या मस्त खुसबू आ रही थी उनके बुर से। मैंने उसकी साडी को थोडा ऊपर किया तभी उनकी आँख खुल गई तब भी उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा। और वो उठ के मेरी तरफ देख रही थी तो मैंने बहाना बना के कहा की बड़ी माँ खाना दो न बहुत भूख लग रही हैं। पर मैंने देखा की वो मुझे एकदम नशीली आँखों से देख रही थी। मैंने कहा, क्या हुआ बड़ी माँ ऐसे क्यूँ देख रही हो। तो उसने कहा की मेरा एक काम करेगा तू?
मैं: क्यों नहीं बड़ी माँ!
बड़ी माँ: किसी से कहेगा तो नहीं ना?
मैं: नहीं बड़ी माँ क्या बात हैं।
बड़ी माँ: वही जो तू अभी मेरे साथ करने लगा था उसे अछे से और खुल कर कर लेते हैं।
मैं पूरा शर्म के मारे लाल हो गया।
बड़ी माँ: मेरी नजर तेरे ऊपर बड़े पहले से ही थी। तू जब भी नहाता तो मैं तेरा लोडा बड़े ही प्यार से देखती हूँ।
मैं बड़ी माँ के पास गया तो उन्होंने मुझे कमर से पकड़ लिया। मुझे भी अन्दर से बहुत मस्त लग रहा था क्यूंकि मेरी भी सालो की तमन्ना आज पूरी होने को थी। कितने दिनों से मैं बड़ी माँ की गांड और बूब्स को देखना और टच करना चाहता था। और तभी बड़ी माँ ने मेरा माथा पकड के अपने बुर की तरफ कर दिया।
मुझे बड़ी माँ के बुर से गीली खुसबू का अहसास हो रहा था। मैंने उनके बुर पर हाथ रखा तो जैसे मेरे लोडे में पूरा करंट लगा। अब वो उठी और मेरी पेंट को निचे कर के बोली, जो तू रोज मेरे नाम की मुठ मारता हैं तो आज जो करना चाहता हैं कर ले। मैंने भी देरी न करते हुए पसीने से लथपथ उनके कंधे को और कानो को चाटना चालू कर दिया। बड़ी माँ भी एकदम मदहोशी में डूबी हुई थी, अब मैं निचे गया और उनके बुर को चाटना चालू कर दिया। वो पूरी मदहोशी से मोनिंग कर रही थी।। आह्ह्ह चाट आह्ह्ह मेरे राजा चाट चाट के साफ़ कर के अपनी बड़ी माँ के भोसड़े को! आह आह तू ही है जो मेरी चुदाई का दर्द दूर करेगा मेरे राजा,, आह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह।
बड़ी माँ ने अपनी जांघो के बिच में मेरी मुंडी को कस के दबा ली और मैं समझ गया की मेरे चाटने की वजह से वो झड़ने की कगार पर आ चुकी थी।
तभी मुझे किसी के आने की आवाज सुनाई दी…। वो कोई और नहीं मेरे बड़े पापा थे। मैं जैसे तैसे अपनेआप को रोक के वहाँ से भाग खड़ा हुआ। और बड़ी माँ को बड़ा गुस्सा आ गया।
फिर मैं शाम को बड़ी मम्मी के यहाँ गया तो देखा उनकी आँखों में एक अलग ही चमक थी। मैंने कुछ बोला भी नहीं और वो मेरे पास आइ और एक झटके में मुझे किस करने लगी। मैंने भी जवान में खूब जोर से उसे किस करना चालू कर दिया।
फिर मैंने देर न करते अपने दोनों हाथो से उनकी साडी के अन्दर के बूब्स को पकड़ लिया। पहले मैंने बूब्स को थोडा मसला और फिर अपना एक हाथ उनके बुर में डाल दिया। क्या बताऊँ दोस्तों उनके बुर की खुसबू को मैं सूंघना चाहता था और इसलिए मैं खुद को रोक नहीं सका। मैंने अपना हाथ बुर से निकाल के अपने उंगलियों को चाटना और सूंघना चालू कर दिया।
बड़ी माँ ने कहा, चाटना हैं तो पहले से बता देता।
यह कह के उन्होंने नंगे हो के सोफे के ऊपर अपनी जांघो को खोल दिया। मैं उनके पास गया और उनके बुर को चाटने लगा। बुर को चाट रहा था और लोडा भी मेरे हाथ में था। मैं लोडा हिलाते हुए अपनी बड़ी माँ का बुर चाट रहा था। मैंने २० मिनट तक उनका बुर अपनी जबान से चोदा और इस बिच में वो २ बार झड़ भी गई। वो मुझे अपना बुर जोर जोर से चाटने के लिए कहती रहती थी बिच बिच में।
अब मैंने और भी जोर जोर से बड़ी माँ का बुर चाटा। वो फिर से एक बार झड़ गई और मैं उसके बुर का सब पानी पी गया। अब मैंने अपना लोडा बड़ी माँ को चूसने के लिए दे दिया। बड़ी मम्मी सच में एक चुदस्सी औरत थी और उसने इतना हॉट ब्लोव्जोब दिया मुझे की मेरे लौड़े में जैसे आग सी लगा दी। वो अपनी जबान से सुपारे को हिलाती थी और लंड को एकदम तडपा के फिर अपने मुह में ले लेती थी। मैं ५ मिनट में ही उसके मुहं में झड़ गया। बड़ी माँ ने सब वीर्य पी लिया।
फिर हम दोंनो ने एक दुसरे को गले लगा लिया। २ मिनट में उसके हाथ से फिर से मेरा लंड हिलना चालू हो गया। सिकुड़े हुए लोडे में फिर से खुसपुसाहट सी हो गई और उसकी सलवटें मिट के लोडा फिर से कडक हो गया। अब मैंने बड़ी माँ की बुर को खोला और अपना लंड उनके बुर पर रख दिया।
बड़ी माँ: आह जल्दी से अन्दर कर दे अपने तोते को मेरी मैना बहुत ही प्यासी हैं।
मैंने एक झटका दिया और मेरा लोडा बड़ी माँ के बुर में घुस गया। मैंने अपने मुह में उनके बूब्स भर लिये और मैं बूब्स को चूसते हुए ही उन्हें चोदने लगा। बड़ी माँ को बड़ा अच्छा लग रहा था और वो भी अपनी गांड हिला हिला के चुदवा रही थी।
१० मिनट चोद के फिर मैंने अपना सब वीर्य बड़ी माँ के बुर में ही छोड़ दिया। बड़ी माँ ने फिर मेरा लोडा अपने मुह में भर लिया और लंड के सब तरफ से वीर्य को चाट के साफ़ कर लिया।
दोस्तों यह थी मेरी और बड़ी माँ की पहली चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी। अब हम दोनों सेक्स के रेग्युलर पार्टनर हो चुके हैं और जब भी चांस मिलता हैं मैं उनका बुर चोद आता हूँ।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम मुकेश है और मैं बिहार का रहने वाला हूँ। आप का समय ख़राब का करते हुए मैं अब सीधा इस चुदाई की कहानी पर ही आता हूँ। मेरी बड़ी माँ एक गदराई हुई जवान औरत हैं उनका फिगर एकदम हॉट हैं एकदम टाईट गोल चुंचे और मसलवाली बड़ी गांड भी हैं उनकी। बड़ी माँ को देखते हुए किसी का भी लोडा खड़ा हो जाए ऐसा रंग हैं उसका, देखने वो किसी परी के जैसी लगती हैं।
एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था सिर्फ मैं और मेरी बड़ी माँ थे। वो दोपहर में सो गई थी तभी मैं क्रिकेट खेल के घर आया तो देखा की उनकी साड़ी ऊपर उठी हुई थी और उनका बुर पूरा पसीने से भीगा हुआ था। उस समय मुझे पता नहीं चला की बड़ी माँ नींद में ही झड़ चुकी हैं।
मैं उन्हें नींद में समझ के उनके जांघ की तरफ जा के सूंघने लगा। क्या मस्त खुसबू आ रही थी उनके बुर से। मैंने उसकी साडी को थोडा ऊपर किया तभी उनकी आँख खुल गई तब भी उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा। और वो उठ के मेरी तरफ देख रही थी तो मैंने बहाना बना के कहा की बड़ी माँ खाना दो न बहुत भूख लग रही हैं। पर मैंने देखा की वो मुझे एकदम नशीली आँखों से देख रही थी। मैंने कहा, क्या हुआ बड़ी माँ ऐसे क्यूँ देख रही हो। तो उसने कहा की मेरा एक काम करेगा तू?
मैं: क्यों नहीं बड़ी माँ!
बड़ी माँ: किसी से कहेगा तो नहीं ना?
मैं: नहीं बड़ी माँ क्या बात हैं।
बड़ी माँ: वही जो तू अभी मेरे साथ करने लगा था उसे अछे से और खुल कर कर लेते हैं।
मैं पूरा शर्म के मारे लाल हो गया।
बड़ी माँ: मेरी नजर तेरे ऊपर बड़े पहले से ही थी। तू जब भी नहाता तो मैं तेरा लोडा बड़े ही प्यार से देखती हूँ।
मैं बड़ी माँ के पास गया तो उन्होंने मुझे कमर से पकड़ लिया। मुझे भी अन्दर से बहुत मस्त लग रहा था क्यूंकि मेरी भी सालो की तमन्ना आज पूरी होने को थी। कितने दिनों से मैं बड़ी माँ की गांड और बूब्स को देखना और टच करना चाहता था। और तभी बड़ी माँ ने मेरा माथा पकड के अपने बुर की तरफ कर दिया।
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