Adultery भयानक हवस का षडयंत्र by Mohik

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Update - 11






अब अन्दर कमरे में अब्दुल वापस नेहा के पास आता है और अपना मूसल लण्ड नेहा और सबीना के सामने हिलाने लगता है. यह देख सबीना खुश हो जाती है और बोलती है - क्या बात है अब्दुल मिया, आप तो अभी भी जोश में हो. सही मे असली मर्द कभी नहीं थकता ! वाह अब्दुल मिया वाह !


यह सब सुन कर अब्दुल भी बड़ा खुश होता और अन्दर ही अन्दर सोचता है कि सबीना को लग रहा है कि अब मुझको औरतों की दबा के चूत चोदना और पेल पेल कर गाण्ड मारना अच्छे से आ गया है. अब मैं किसी भी औरत को चोद सकता हूं.



इसके बाद सबीना कहतीं है - अब्दुल मिया, आपका लौड़ा बहुत बड़ा और मोटा हो गया है, इसे नेहा की चूत में घुसाए रखो ! सच में आपको और नेहा को बड़ा मज़ा आने वाला है।


तभी नेहा तुरन्त बोलती है - ना सबीना जी ना ! अब मैं बहुत थक गयी हु. मुझसे अब नहीं हो पायेगा.


इधर उस चुतिये चौकीदार अब्दुल का लण्ड पहले से ही नेहा की चूत फाड़े हुए था। मैं यही सोच रहा था कि अभी तो यह अब्दुल ने इतनी चुदम पट्टी मचायी है और कितना सेक्स करेगा ! साला मैं होता तो अभी तक इतना सेक्स करने के बाद सौ गया होता नेहा की बाहों में.



अब अन्दर अब्दुल 'ना ना' बोलती नेहा की चूत में धक्के मारने शुरू करता है । नेहा भी आगे पीछे होकर ना ना और आह आह बोल कर चुदने का मज़ा ले रही थी. मुझको लग रहा था कि अन्दर एक शांत चुदाई सी चल रही थी। थोड़ी देर बाद सबीना बोली- अब्दुल मिया, पीछे से अपने लण्ड को तेजी से इसकी चूत में घुसा दो और इसे चोद दो !



यह सेक्स की चुदमपट्टी वापस शुरू होते देख अब मुझे भी रहा नहीं जा रहा था ! मैं भी मेरे लण्ड को तेजी से मसल रहा था. पर अपने लण्ड को यह सब देख कर हाथों से हिलाने के बजाए, मैं इधर बाहर कुछ कर भी नहीं सकता था.




अब अब्दुल ने नेहा को घुमा के तिरछा किया और दोनों हाथों से उसकी गोरी चूचियाँ दबा ली और चूत में पीछे से लण्ड घुसा दिया। अब्दुल का लण्ड उसकी चूत में घुस गया था। धीरे-धीरे से नेहा के निप्पल दबाते हुए उसकी चूत चोद रहा था। कामुकता से भरपूर उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थी।



अब्दुल ने नेहा की चूची दबाते हुए तेज धक्कों से उसे चोदना शुरू कर दिया। इधर पास में बेठी सबीना भी बहुत गरम हो रही थी. सबीना ने अपनी बीच वाली उँगली अपनी चूत में डाल दी. फिर सबीना दूसरे हाथ से नेहा के सर और बलों पर हाथ रख कर सहलाने लगी.




इसके बाद अब्दुल ने नेहा को उल्टा किया और उसकी गोरी भारी हुई गाण्ड से लण्ड छुआते हुए लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया और जोर के धक्कों के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी। अब मुझको लग रहा था कि नेहा भी पूरे मज़े लेते हुए अब्दुल के मूसल लण्ड से चुद रही है। अब अब्दुल के धक्के ओर भी तेज होते जा रहे थे। बेचारी नेहा तो अब्दुल के धक्को से जोर से जोर से हिल रही थी। नेहा को ऐसा पेलते हुए देख मेरा भी लण्ड मेरे कंट्रोल से बाहर हो गया था। उधर पास में बैठा यूसुफ भी अपना मूसल लण्ड हिला रहा था। जोर जोर के अब्दुल के धक्को से सबीना समझ गयी थी कि अब्दुल झड़ने या अपना वीर्य निकालने वाला है।


अब सबीना तुरन्त अपनी उँगली में से चूत निकालती है और नेहा के पास जाती है। और अब्दुल को एक इशारा करती है और रुकने का बोलती है। अब अब्दुल अपनी स्पीड कम कर देता है और अपना लण्ड धीमे धीमे धक्को के साथ नेहा की चूत में से निकाल देता है।


इधर यूसुफ पूछता है - क्या हुआ सबीना ! तूने अब्दुल मिया को रोका क्यों ? देख अभी बस वो झड़ने वाला है।


सबीना बोलती है - हाँ मुझको पता है पर हमेशा ये नेहा आपके और अब्दुल मिया के माल यानी वीर्य को हमेशा थूक देती है और अपने अंदर भी नहीं लेती। इसको सिखाना पड़ेगा कैसे ***** आदमी के लण्ड से निकले असली माल या वीर्य को बरबाद नहीं करते। इसको अपने अन्दर लेते है या मुँह में भर लेते है।


यह सुनते ही नेहा ना बोलती है और दर्द से भरे शब्दों में बोलती है सबीना जी प्लीज यह मत कीजिये मुझको स्पर्म पसंद नहीं है। स्पर्म (वीर्य) बहुत बदबूदार और बेकार होता है। मैंने आज तक अपने पति का भी नहीं लिया। प्लीज।


सबीना - तभी तो तुझको बताना है कि इसका भी क्या मजा आता है। तु तो मेरी रानी है तुझको कैसे सूखा सूखा छोड़ दूँ।


फिर सबीना अपना हाथ आगे बढ़ा कर नेहा के गोरे हाथों को पकड़ती है और अपनी ओर खींच लेती हैं। और जैसे सबीना घुटनों के बल आधी बैठी हुई थी वेसे नेहा को भी बैठा देती है।


अब सबीना अपने सख्त काले हाथों से नेहा की गोरी कमर पर हाथ घुमाने लगती है। फिर सबीना अपनी एक उँगली नेहा की चूत में डाल देती है। सबीना अपनी उँगली को नेहा की चूत में जैसे ही अंदर बाहर करने के साथ-साथ घुमाने लगती है वेसे ही नेहा आहे भरने लगती है। फिर सबीना अपने सूखे होठों को नेहा के गुलाबी होठों पर रख देती है और एक जोर से किस या चुम्मा करती है। फिर सबीना अपनी उँगली को नेहा की चूत में तेज करते हुए नेहा को अपनी तरफ खींच कर अपनी बाहों में भर लेती है।


अब कमरे का नज़ारा इतना कामुक और सेक्सी हो गया था कि एक तरफ काली मोटी सबीना और दूसरी तरफ सेक्सी गोरी नेहा। दोनों औरते मादरजात क्या चिपकी हुई थी। सबीना ने नेहा को कस कर दोनों हाथों से पकड़ कर अपने आप से चिपका रखा था। सबीना नेहा के होठों पर किस करने के साथ-साथ नेहा के गालों और गले को चाट भी रही थी। नेहा भी सबीना को ज्यादा रोक नहीं रही थी और सबीना का साथ दे रही थी। एक तरफ काला सबीना का काला बदन दूसरी तरफ नेहा का गौरा बदन। नेहा और सबीना के बड़े बूब्स या निप्पल आपस में चिपक और छू रहे थे। ये नज़ारा इतना सेक्सी दिख रहा था कि मेरा और यूसुफ का तो लण्ड तोप की तरह खडा हो गया था जो किसी भी टाइम् अपना माल निकाल सकता था। और उधर अब्दुल भी तैयार था अपने लण्ड को चलाने के लिये और अपनी तोप से वीर्य का भरा गोला छोड़ने को।


अब सबीना नेहा को अपनी बाहों में भरे हुए, अब्दुल की तरफ देखती है। नेहा भी अब्दुल सबीना के साथ अब्दुल को देखती है। अब्दुल तुरन्त अपना नौ इंच का मोटा काला लण्ड सबीना और नेहा के मुँह के पास ले आया।


अब अब्दुल सबीना और नेहा के मुँह को देखते हुए अपना लण्ड अपने हाथों से तेजी से हिलाने लगा। लण्ड हिलाते हिलाते अब्दुल चिल्लाते हुए अपना मूठ या वीर्य की पिचकारी सीधा नेहा के मुँह और चेहरे पर मारता है। सबीना और नेहा का चेहरा साथ में होने की वज़ह से थोड़ी पिचकारी सबीना के चेहरे पर भी गिरती है।


अब अब्दुल जोर से चिल्लाते हुए अपने हाथ से नेहा के बाल पकड़ता है और नेहा के चेहरे को अपने लण्ड के पास लाता है और सीधा अपना लण्ड का टोपा नेहा के होठों पर रख कर अन्दर घुसा देता है। बेचारी नेहा के तो गले के अन्दर तक अब्दुल का लण्ड घुस जाता है। नेहा की आँखों से पानी निकल जाता है।


अब्दुल को देख कर लग रहा था कि इस मिल के मामूली वॉचमैन के अन्दर का जानवर जाग गया है।


अब्दुल चिल्ला कर बोलता है नेहा को - चाट रंडी चाट ! साली कुतिया ! ले पूरा चूस ले लण्ड मेरा ! तेरी जैसी शादी शुदा और संस्कारी *** *र्म की खूबसूरत औरत को तो चोदने में मुझे मजा ही आ गया।



फिर अब्दुल चार - पांच बार नेहा के मुँह में लण्ड को अन्दर बाहर करता है और अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है। नेहा को अब थोड़ी राहत मिलती है। अब्दुल के लण्ड के गले के अन्दर तक जाने से नेहा को बहुत घुटन हो रही थी। अब्दुल वापस नेहा की और देख कर अपने लण्ड की तरफ इशारा करता है फिर नेहा अब्दुल के मूसल लण्ड को चाट चाट कर साफ़ करती है। फिर अब्दुल नेहा के मुँह से लण्ड निकाल कर यूसुफ के पास जाकर बैठ जाता है।


अब सबीना नेहा के पास आती है वापस नेहा को पकड़ लेती है। सबीना अपनी काली हथेलियों से नेहा की हथेलियों को पकड़ लेती है फिर नेहा के चेहरे पर लगे अब्दुल के वीर्य को चाटने लगती है। सबीना नेहा के चेहरे को ऐसे चाट रही थी मानो कोई बच्चा लॉलीपॉप को चाटता है।


अब सबीना नेहा के चेहरे पर लगे सारे वीर्य को अपनी जुबान से चाट चाट कर अपने मुँह में भर लेती है। अब सबीना नेहा के चेहरे के पास जाकर वापस नेहा के होठों को अपने होठों से मिला कर किस करना शुरू कर देती है और किस करते करते अपने मुँह में भरा सारा सफेद गाढ़ा वीर्य नेहा के मुँह में डाल देती है। जैसे ही नेहा को पता लगता है कि उसके मुँह में वीर्य है वो थूकने जाती है वेसे ही सबीना नेहा को इशारा करती है कि वापस मेरे मुँह में डाल दे इसको। फिर नेहा भी अब बेशर्मी से सबीना के चेहरे पर अपना चेहरा रख कर सबीना के मुँह में सारा वीर्य थूक देती है। अब सबीना वापस नेहा को पकड़ लेती और अपनी बाहों में भर कर। फिर सबीना नेहा के चेहरे के ऊपर अपना चेहरा रखती है और नेहा के होठों को खोल कर उसके मुँह में सारा वीर्य थूक देती है।


और फिर तुरंत सबीना नेहा का गला दबा कर बोलती है - अब साली अगर तूने ये माल थूक दिया या अपने अपने गले के अन्दर नहीं उतारा तो में तुझको पकड़ कर ले जाऊँगी और अपने मोहल्ले के सभी ***** आदमियों से चूदवाउगी।


नेहा बेचारी डर के सारा गाढ़ा वीर्य अपने पेट में उतार लेती है। यह देख खुश होकर सबीना नेहा को एक किस कर देती है और बोलती है - यूसुफ जी क्यों मैंने कहा था ना कि नेहा को भी में परफेक्ट बना दूँगी।


यूसुफ - वो तो है सबीना बिलकुल सही।


सबीना - चलो यूसुफ जी जल्दी से अपना बचा कुचा माल या वीर्य खाली करदो इस नेहा के गरम सेक्सी मुँह में।


बेचारी नेहा क्या ही बोलती यह सुन कर ! अब तो नेहा को भी आदत सी पड़ गयी थी।


फिर यूसुफ आगे बढ़ता है और नेहा के कामुक मुँह में अपना 8 इंच का काला लण्ड डाल देता है और सात आठ झटकों के बाद नेहा के मुँह में ही झड़ जाता है। और नेहा सबीना को देखते हुए सारा वीर्य चुप चाप अपने पेट में उतार लेती है और शान्त होकर आराम से बैठ जाती है।


नेहा को देख कर लग रहा था कि यह सब उसके लिये नया है। नेहा के चेहरे पर दर्द के साथ एक भयानक और असली कामवासना सेक्स की संतुष्टि भी दिख रही थी।


इधर मेरा भी हाल खराब था। कमरे में भी सब शान्त होकर बैठ गये थे। अब देखना था कि ये तीनों क्या करते है ? कैसे अब सब कुछ अब नॉर्मल होता है ?








To Be Continued _________________
 
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Update 12







("अब आगे की स्टोरी "मैं" से हटकर "प्रोपर स्टोरी लाइन" में चलेगी")





अब दोस्तों जैसा कि स्टोरी में "मैं" को अब्दुल के बाद रोहित बता रहा था। पर अब आगे आने वाले सभी अपडेट में स्टोरी "मैं" कि जगह एक प्रोपर स्टोरी लाइन की तरह चलेगी। अब स्टोरी के अन्दर "मैं" से कोई नहीं बतायेगा। जरूरत हुई तो कुछ भाग के लिये "मैं" आ सकता है।


अब हम वापस स्टोरी पर आते है _______________-




अब कमरे में सब कुछ शांत था। नेहा थोड़ी काप रही थी। आजतक जो नेहा ने इतना भयानक सेक्स नहीं किया था और ना ही नेहा को इसका अनुभव था।

फिर एक मोबाइल की घंटी बजती है। मोबाइल की घंटी से सभी एक दूसरे को देखते है। यह घंटी नेहा के मोबाइल से बज रही होती है तभी नेहा हडबडी में अपने मोबाइल की स्क्रीन पर देखती है। अन्दर अब्दुल, सबीना और यूसुफ सभी नेहा को ही देख रहे होते है।

नेहा को थोड़ी शान्ति मिलती है जब वो देखती है कि कॉल उसके पति का नहीं बल्कि रुचि का है।

फिर नेहा कॉल उठा कर रुचि से बात करती है और कुछ देर किसी प्रोजेक्ट की फाइल और नेहा कितनी देर में वापस घर आयेगी यह बात करके कॉल काट देती है।

नेहा - सबीना जी अब मुझको जाना होगा। 6 बज चुके है पहले मुझको रुचि के घर जाना है इसके बाद घर भी। अब आप प्लीज मुझको मत रोकना।

सबीना - हाँ हाँ नेहा अब तुझको कोई नहीं रोकेगा। चल मेरे भी वेसे घर जाने का समय हो गया है।

तभी अब्दुल थोड़ा गंदे सा और अजीब सा मुँह बना कर बोलता है - अभी कहा जा रही हो तुम दोनों। मेरी तो इच्छा थी कि पूरी रात गुजारे हम। ऐसे ही साथ ही।

सबीना - कोई नहीं अब्दुल मिया अभी सिर्फ शुरुआत है आप सब्र तो रखिये।

उधर यूसुफ को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि सबीना क्या बोल रही है।

सबीना - मेरे कहने का मतलब हम कभी फिर ऐसा प्लान बनाएंगे। आप चिन्ता ना करे अब्दुल मिया।

फिर नेहा जैसे तैसे खड़ी होकर अपनी साड़ी पहन लेती है और लड़खड़ाते कदमों के साथ जाने को तैयार हो जाती है। इतनी चुदाई के बाद तो नहीं सही से चल भी नहीं पा रही थी।

तभी यूसुफ बोलता है - चल नेहा मैं तुझको छोड़ देता हूं।

तभी अब्दुल बोलता है - अरे यूसुफ मिया मैं छोड़ आता हूं नेहा को। और वेसे भी आपका तो नालंदा सोसाइटी में जाना मना है ना। सेक्रेटरी ने आपको मना बोला है।

यूसुफ अब्दुल की ओर देख थोड़ा गुस्से में बोलता है - आ जी लण्ड मेरा। मैं किसी से नहीं डरता। और वो सोसाइटी का सेक्रेटरी उससे तो बिलकुल नहीं डरता। साला चूतिया बन का लण्ड सेक्रेटरी। अब मैं ही छोड़ूंगा नेहा को।

नेहा फिर दोनों को स्पष्ट रूप से ना बोल देती है और कहती है कि - मैं चली जाऊँगी। आप दोनों रहने दो और वेसे भी इस समय सोसाइटी में चहल पहल बहुत रहती है और मेरे पति के भी अचानक आने का खतरा है।

फिर दोनों कोई बात नहीं सुनते पर सबीना दोनों को चुप कराती है। और बोलती है नेहा से

सबीना - देख नेहा तेरी अभी दबा के चुदाई और गाण्ड पिलाई हुई है तू अभी ठीक से चल भी नहीं पा रही है इसलिये तू इन दोनों को छोड़ मेरे साथ चल। मेरे आने से किसी को शक भी नहीं होगा।

यह बोलते बोलते सबीना नेहा के खुले बगल और आर्मपीठ पर हाथ घुमा रही थी।

फिर नेहा ने भी कुछ नहीं बोला और हामी भर दी। फिर नेहा और सबीना दोनों कमरे से निकलने लगे। यह देख रोहित सीधा खिड़की को छोड़ कर नीचे चला गया ताकि कोई उसे देख ना ले। नेहा और सबीना को जाता देख यूसुफ भी निकल गया। फिर नेहा और सबीना पैदल ही जा रहे थे सोसाइटी में रुचि की घर की ओर। रोहित भी अपने चेहरे पर रुमाल बाँध कर दोनों का पीछा करने लगा।

नेहा की चाल को देख कर साफ़ दिख रहा था कि नेहा की अभी जबरदस्त चुदाई हुई है। बेचारी सही से चल भी नहीं पा रही थी। फिर थोड़ा चलते चलते रुचि अग्रवाल का घर आ गया।

फिर नेहा और सबीना दोनो रुक गये। जैसे ही नेहा अन्दर जाने लगी तो सबीना ने उसकी पकडी जिससे नेहा वहीं रुक गयी और बोली - क्या हुआ?

राहुल एक दीवार के पीछे खड़ा होकर सब देख रहा था।

सबीना ने नेहा का मोबाइल नंबर और घर का पता लिया और फिर दोनों कुछ बात करने लगी। फिर नेहा रुचि के घर के अन्दर चली गयी और सबीना भी वहा से निकल गयी।

रोहित को कुछ ज्यादा तो नहीं सुनाई दिया पर जब सबीना नेहा का हाथ छोड़ कर जा रही थी तो उसने जाते वक़्त इतना जरूर बोला था नेहा को "कि मैं कल तुम्हारे घर पर आऊंगी।" बस रोहित को इतना ही सुनाई दिया था।

फिर रोहित ने भी वहा से निकालना ही उचित समझा। और वहा से निकल कर अपने घर चला गया। रोहित घर गया ही था कि उसको उसके बॉस का फोन आया कि आज वो कहा था आधा दिन? रोहित ने भी बीमार होने का बहाना बना दिया और कल के दिन की छुट्टी ले ली। अब रोहित को कल का इन्तजार था। की क्या होने वाला नेहा के घर? सबीना क्यों आने वाली है नेहा के घर पर?







To Be Continued
 
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Update - 13








अगले दिन की सुबह होती है। रोहित ने अपनी पूरी रात नेहा की याद और उसके प्रति अपने हवस के भाव से निकाली थी। सुबह से ही रोहित नेहा की घर की तरफ देख रहा था। देखते देखते नेहा का पति भी अपने काम से निकल गया और नेहा घर पर अकेली थी। लगता है आज नेहा ने छुट्टी ली थी। छुट्टी लेती भी क्यों ना कल की दर्द भरी चुदाई के बाद थोड़ा आराम भी चाहिये था। रोहित को तो इन्तज़ार था कि कब सबीना आये और वो नेहा के घर पर देखने जाये।



रोहित की निगाहें नेहा गुप्ता के घर पर ही टिकी हुई थी। देखते देखते दोपहर हो गयी। पर अभी तक सबीना नहीं आयी थी।


फिर थोड़ी देर बाद वापस रोहित देखने लगा तो उसको दूर से गर्मी में चल कर आती हुई सबीना नजर आयी।


सबीना के पास नेहा के घर का पता था इसलिये वो सीधा नेहा के घर पर डोर बेल बजा कर अन्दर चली गयी। रोहित भी फुर्ती से तैयार होकर नेहा के घर की खिड़की से ताकने लगा जहाँ से उसको सब कुछ आसानी से सुनाई और दिखाई दे जाता था।


नेहा ने घंटी सुनकर जैसे ही दरवाजा खोला वेसे ही सबीना अन्दर आ गयी।


सबीना नेहा के घर के अन्दर आ कर सोफ़े पर बैठ गयी। नेहा ने आज खूबसूरत सेक्सी सा स्लीवलेस और बैकलेस ब्लाउज पहना था और उस लाइट ऑरेंज कलर की साड़ी। क्या सेक्सी दिख रही थी उसमे नेहा। नेहा को देखते ही राहुल का लण्ड अन्दर पैंट में ही खड़ा हो गया।


सबीना को पानी का ग्लास देकर नेहा भी सबीना के पास सोफ़े पर आकर बैठ गयी। सबीना पानी पीने के बाद बोली

सबीना - वाह नेहा तेरा घर तो बड़ा और शानदार है।

नेहा - थैंक यू , सबीना जी।

सबीना - वह सब छोड़ नेहा ये बता तेरा दर्द कैसा है। रात कैसी गयी तेरी।

नेहा थोड़ा शर्माते हुए - अभी तो ठीक है सबीना जी पर रात बड़ी दर्द भरी निकली।

सबीना हस्ते हुए - वो तो निकलनी ही थी तुझको मैंने कल दो असली ** लण्डो से औरत जो बनाया था।

नेहा - आह याद मत दिलाई ये। यह सब छोड़िये और आपका प्लान बताई ये।

सबीना - वेसे नेहा तेरे घर के साथ-साथ तु भी बहुत शानदार दिख रही है। कतई मादक माल।

यह बोलते बोलते सबीना नेहा के पास आ जाती है और अपने काले पसीने वाले हाथों से नेहा के हाथों को पकड लेती है अपनी ओर खींच लेती है।

नेहा चौक जाती है और बोलती है - ये क्या कर रहे हों सबीना जी।


सबीना - वहीं तो तुझको प्लान बता रही हूँ मेरी जान।

अब सबीना ने नेहा को अपनी बाहों में भरकर अपनी गोदी में बिठा दिया और एक किस या चुम्मा कर दिया। नेहा बेचारी पूरी सबीना की गोद में थी। फिर नेहा खुद छुड़ाती है और वापस पास में बैठ जाती है।


नेहा - देखो सबीना जी आप सही से बात करिये। मुझको अभी यह सब नहीं करना।

फिर सबीना हस्ते हुए - ठीक है मेरी जान।

फिर सबीना नेहा को अपना प्लान बताती है। जिसको रोहित बाहर खड़े हुए सुन रहा होता है। रोहित को बाहर खड़े हुए अब धीमे धीमे समझ में आ रहा होता है कि यह तो साला बहुत बड़ा षड़यंत्र हो रहा है।


नेहा सबीना का प्लान सुन कर बोलती है - नहीं नहीं यह तो गलत है। मैं इसमें तुम्हारा कोई साथ नहीं दूँगी।

सबीना नेहा की हथेलियाँ को पकड़ कर बोलती है - देख लो नेहा दे दो मेरा साथ। मेरा साथ देने से तुमको ही फायदा होगा। तुझको यूसुफ शैख से छुटकारा मैं दिलाऊंगी। सोच लो।


फिर नेहा थोड़ा डरते और दुःखी होती हुई कुछ देर सोच कर हाँ बोल देती है।


सबीना नेहा के बालो पर हाथ घुमाते हुए बोलती - गुडगर्ल, वाह मजा आ गया। पर अभी भी मुझको एक आदमी की जरूरत है। मेरे प्लान के लिये। सोच रही हूँ किसी भाड़े के आदमी को कॉल कर दु।


रोहित यह सुनकर बहुत खुश हो जाता है। पर रोहित की समस्या यह थी कि वो अन्दर कैसे जाये और सबीना को कैसे बताए। उसकी तो हिम्मत ही नहीं हो रही थी। फिर भी रोहित दोड़ कर नेहा के घर के गेट के पास जाता है। और गेट को धक्का मारता है जिससे गेट खुल जाता है। दरसल गेट पहले से ही खुला हुआ था।


अचानक आयी गेट की आवाज से नेहा चौक जाती है और सामने देखने लगती हैं।


अब रोहित भागकर आता है और नेहा और सबीना के सामने खड़ा हो जाता है। और बोलता है


रोहित - सबीना जी मै तैयार हूँ आपके प्लान के लिये आप किसी भी भाड़े के आदमी को कॉल मत कीजिये।


सबीना थोड़ा गुस्से में - अबे चुतीये गाण्डू तू है कोण और छिप के हमारी बातें क्यों सुन रहा है।


नेहा अचानक से चौकती है और बोलती है - रोहित जी आप यहां ऐसे अचानक क्या कर रहे है? आपको शर्म नहीं आती किसी के घर की ताक जाक और जासूसी करते हुए।

सबीना - यह कोन है नेहा?

नेहा - ये रोहित गर्ग है मेरे पड़ोस वाले घर मे ही रहते है। और किसी मिल के मैनेजर है। इनकी पत्नी का नाम काव्या गर्ग है।

रोहित - अरे सबीना जी और नेहा तुमको पता नहीं है पर मैं बहुत कुछ जानता हूं आपके प्लान के अलावा भी की कल उस मेरे मिल के वोचमैन अब्दुल के कमरे पर क्या-क्या हुआ।


यह सुन नेहा एक दम डर जाती है और उसके हाथ पैर कापने लगते हैं।


पर सबीना तो माहिर रंडी थी उसको कैसे सब सही करना है आता था।

फिर रोहित कल जो कुछ भी हुआ वो पूरा डिटेल्स में बता देता है।

सबीना हस्ते हुए - ठीक है रोहित। मैं तुमको अपने प्लान में शामिल करती हू पर तुम्हें मेरा एक कठिन काम करना पड़ेगा।

रोहित हवस की आग में बिना कुछ सोचे सबीना को हाँ बोल देता है।

नेहा तभी बोलती है - देखो सबीना अगर ये रोहित जी प्लान में रहेगे तो मैं नहीं शामिल होऊंगी।

सबीना - देख लो नेहा मैं मेरा प्लान ओर भी लोगों को नहीं बताना चाहती वेसे भी रोहित को अब सब पता भी है मेरे प्लान और तुम्हारे बारे मे फिर समस्या कहा है। रोहित के रहने से तुम भी थोड़ा सैफ रहोगी और तुम्हारे सीक्रेट भी। नेहा सोच लो रोहित जी तो प्लान में रहेगे पर फिर तु चली गयी तो "तु यूसुफ शैख के चंगुल से कैसे बचेगी?"


यह सुन नेहा बेचारी वापस सबीना की बात मान लेती है और हाँ बोल देती है।


नेहा मन ही मन सोचती है कि जिस रोहित गर्ग को उसने आज तक भाव नहीं दिया आज उसको उसके साथ एक प्लान में काम करना पड़ेगा।

नेहा - पर सबीना तुम रोहित को समझाओ की वह मुझसे दूर रहे। ज्यादा चिपके नहीं।

सबीना - ठीक है मेरी जान। नहीं परेशान करेगा तुझे।

फिर सबीना नेहा को कुछ कहकर रोहित के साथ नेहा के घर से चली जाती और रोहित भी अपने घर चला जाता है। पर जाते समय सबीना रोहित को उँगलियों से कुछ इशारे करती है जिसको रोहित शायद समझ जाता है पर बाहर जाकर भी उसके कान में भी सबीना कुछ बोल देती है।


नेहा अपने घर का गेट बन्द करके सोफ़े पर बैठ कर सर पर हाथ रखकर सोच रही होती है कि वो इन सब चक्करों में कहा फस गयी।

फिर कुछ देर बाद नेहा के घर की घंटी बजती है और नेहा गेट खोलती है तो उसके सामने रोहित को खड़ा पाती है।


नेहा - देखो रोहित जी आप पहले तो अन्दर आइये।


फिर रोहित अन्दर आकर सोफ़े पर बैठ जाता है।

नेहा - देखो रोहित जी आप इन सब से दूर रहिये। वो सबीना को आप जानते नहीं पर वो बहुत बेकार औरत है। एक दम वेश्या है।

तभी रोहित नेहा का हाथ पकड़ लेता है और बोलता है मुझको पता है नेहा पर क्या करूँ तुमको कल उस हालत में देखने के बाद मुझसे रहा ही नहीं जा रहा है।

नेहा - अरे रोहित जी हाथ छोड़िये मेरा। आप क्या कर रहे है ये। मुझको आपके साथ यह सब नहीं करना।

रोहित - वाह क्या नहीं करना? मुझको पता है तुमको सब करना है। कल देखा था मैंने कैसे तुम उन दोनों ***** अब्दुल और यूसुफ के साथ कर रही थी। जब उन दोनों भद्दे मोटे कलियों के साथ सेक्स कर सकती हो तो मुझमे कहा ख़राबी है। एक बार मेरा लण्ड तो देखो खुश हो जाऊँगी तुम।

नेहा - रोहित जी समझिये मेरी कल मजबूरी थी। मैं शादी-शुदा औरत हूँ।

रोहित - वो तो कल मैंने देखा तुम कितनी शादी-शुदा और संस्कारी औरत हो।

नेहा - आप क्यों नहीं समझ रहे हैं।

रोहित - देखो नेहा वो सब तो ठीक पर आज तुमको मुझको शान्त करना पड़ेगा। मेरी सेक्स की आग को बुझाना पड़ेगा।






To Be Continued _______________________
 
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Update 14


नेहा अब कुछ नहीं बोलती उसके पास कोई रास्ता नहीं था। वो जानती थी कि रोहित भले ही अभी नहीं बोल रहा हो पर वो ब्लैकमेल जरूर कर सकता है। नेहा ने भी सोचा क्यों ना थोड़ा मजा लेकर नॉर्मल सेक्स ही कर लेती हूँ।


फिर रोहित नेहा के हाथों को पकड़ कर अपने होठों को नेहा के होठों पर रख कर किस करने लगता है। रोहित किस करते करते नेहा के गले को और चेहरे को चाट भी रहा था। नेहा भी रोक नहीं रही थी। फिर कुछ देर तक ऐसे ही किस करने के बाद रोहित रुकता है और जाकर दरवाजे को अच्छे से देखता है कि बराबर बन्द है या नहीं। और नेहा के पास आकार फिर से उसके रसीले होठो को चूमने लगा।



नेहा को भी उसका चूमना अच्छा लग रहा था। नेहा भी रोहित का साथ देने लगी फिर रोहित ने नेहा का ब्लाउज के ऊपर का पल्लू हटाते हुए ब्लाउज को भी निकाल दीया और उसे वही सोफे पर लिटा दिया। फिर रोहित नेहा के होटो को चूमने के साथ साथ बूब्स भी दबाने लगा। काफी देर तक दोनों एक दुसरे को चूमते रहे। लग रहा था दोनों को बहुत मजा आ रहा था।

फिर रोहित उठा और नेहा की साडी को उतार दीया और कहने लगा की नेहा आज तो तुमने ब्रा पेंटी भी ब्लैक कलर की पहनी है। तुम इस ब्रा और पेंटी में बहुत खुबसूरत सेक्सी लग रही हो। फिर रोहित ने नेहा को अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया। नेहा को बेड पर बिठा दिया फिर रोहित ने अपनी टीशर्ट जींस उतार दी अब वो सिर्फ अंडरवेयर में था। और नेहा ब्रा पेंटी में।


फिर रोहित ने अपनी अंडरवेयर को थोडा नीचे सरका कर अपना लण्ड निकाल कर नेहा के होटो से लगा दिया और कहने लगा लो नेहा चुसो इसे। नेहा तो रोहित का लण्ड देख कर हैरान रह गयी इतना बड़ा 7 इंच का साफ़ लंड देख कर। नेहा ने कभी सोचा नहीं था कि रोहित का भी लण्ड इतना बड़ा होगा एक दम अब्दुल और यूसुफ के समान। पर फिर भी रोहित का लण्ड एक दम तो अब्दुल और यूसुफ जैसा नहीं था पर टक्कर तो दे सकता था।


नेहा ने पर रोहित का लण्ड तुरन्त मुँह में नहीं लिया यह देख रोहित को थोड़ा गुस्सा आया और बोला - नेहा जल्दी लो मेरा बहुत गरम हो रहा है।

नेहा - रोहित हम सिर्फ नॉर्मल सेक्स ही कर ले तो मैं बहुत थक गयी हुँ कल जो हुआ उससे।

रोहित - थक गयी हुँ इसका क्या मतलब नेहा नहीं तुम मेरा मुँह में लो और मुझको ओरगेसम दो।

नेहा - नहीं रोहित! समझो तुम!

रोहित थोड़ा गुस्से भरी अपनी भारी आवाज में बोलता है - क्या समझू मैं नेहा क्या समझू? कल तो तुम बड़ा लपक कर उन दो नीच **लो का बालों से भरा काला लण्ड ले रही थी। तो आज क्या हुआ। नहीं तुमको अपने सेक्सी मुँह में मेरा लण्ड लेना होगा।

बेचारी नेहा क्या करती रोहित को सब पता ही था कि कल क्या हुआ था इसलिये बचने का तो कोई मोका था ही नहीं उसके पास।

नेहा धीमे शब्दों में बोली - रोहित मुझको लगा तुम समझदार हो समझ जाओगे पर तुम नहीं समझे। वो तो दोनों गँवार ***न है उनको क्या समझाती। मुझको नहीं पसन्द मुँह में लेना। पर तुम कहां मानोगे। वेसे भी मैंने अपनी इच्छा से उनका मुँह में नहीं लिया था मजबूरी थी।

रोहित को अभी सिर्फ नेहा को दबा कर चोदना था उसको नेहा की बातों से कोई फर्क़ नहीं पड रहा था। कल के बाद रोहित अभी तक बहुत गरम और वासना में जल रहा था। रोहित अपने हाथ आये मौके को गंवाना या छोड़ना नहीं चाहता था। फिर रोहित अपना लण्ड नेहा के मुँह के पास रखता है।



बेचारी नेहा तो रोहित के लंड को अपने मुह में ले लीया और चूसने लगी। कल के मुकाबले नेहा को रोहित का लण्ड को चुसना ठीक लग रहा था। दस मिनट तक नेहा रोहित के लंड को चूसती रही फिर रोहित ने अपना लण्ड नेहा के मुह से निकाला और उसको बेड पर लिटा दिया। फिर रोहित नेहा के ऊपर आ कर बूब्स दबाने लगा। नेहा के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी फिर रोहित ने नेहा की ब्रा का हुक खोल कर ब्रा को उतर दिया और बूब्स को चूसने लगा और एक हाथ से नेहा की चूत को सहलाने लगा।



फिर नेहा आआआआआअ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह अह अह उइ उइ उइ ओह फक कर के सिसकियां लेने लगी फिर रोहित बूब्स को चुमते हुए नीचे आने लगा और पेंटी के ऊपर से नेहा की चूत को चूमने लगा और अपने दोनों हाथो से बूब्स (चुचिया) दबाने लगा।


नेहा कहने लगी की - रोहित थोडा धीरे करो धीरे प्लीज!


फिर रोहित ने नेहा की पेंटी भी उतार दी और उसकी चूत को पागलो की तरह चूसने लगा और नेहा की सिसकियो से सारा कमरा गूंजने लगा। कुछ देर चूत चूसने के बाद रोहित ने कहा की नेहा क्या अब में अपना लंड तुम्हारी चूत में डाल दू।


नेहा थोड़ा हस्ते हुए मादक आवाज में बोली - मैं ना कहूँगी तो नहीं डालोगे क्या! ओह रोहित प्लीज फास्ट।

रोहित - नहीं तुम बोलो ना कि डालो प्लीज।


नेहा कहने लगी की हॉ डाल दो अब मुझ से राहा नही जा रहा तो रोहित ने लण्ड को नेहा की चूत पर रखा फिर लण्ड से नेहा की चूत को सहलाने लगा। फिर धक्का लगाया पर लण्ड पूरा अन्दर नही गया तो रोहित ने एक ओर जोर का धक्का मारा तो उस का आधे से ज्यादा लण्ड नेहा की चूत के अन्दर चला गया और नेहा की चीख निकल गयी। नेहा कहने लगी की रोहित निकालो अपने लण्ड को बहार मुझे बहुत दर्द हो रहा है तो रोहित कहने लगा थोडा तो दर्द होगा नेहा कल भी तो हुआ था। और रोहित नेहा के ऊपर लेट कर उसके गुलाबी रसीले होटो को चूमने लगा।

फिर रोहित ने एक और जोर का धक्का मारा तो उसका पूरा लंड नेहा की चूत में चला गया और वो अपने लंड को चूत के अन्दर आगे पीछे करते हुए चोदने लगा। और दोनों हाथों से नेहा के गोरे बूब्स को भी दबाने लगा।


नेहा के मुँह से - आआआआआ ऊऊऊऊईईईईईईइ आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह फक! फक हार्ड! की आवाजे निकालने लगी। अब नेहा की आवाज ओर भी तेज हो गई रोहित को ओर भी मजा आने लगा।


नेहा कामुकता वाले स्वर में बोली - रोहित ओर जोर जोर से चोदो मुझे प्लीज फक फास्ट बहुत मजा आ रहा है।



ये सुनते ही रोहित ने अपनी स्पीड ओर भी बढ़ा दी इतने मे नेहा झड गई पर रोहित अभी भी पुरे जोश में था और नेहा को चोदे जा रहा था। फिर रोहित कहने लगा नेहा को - मैं भी झड़ने वाला हू क्या करूँ।


नेहा - प्लीज रोहित मेरी चूत में मत निकालना नही तो प्रोब्लम हो जाएगी।

तो रोहित ने तेजी से लंड को चूत से बाहर निकाला और उस का फव्वारा छूट गया जो सीधे नेहा के बदन पर आकार गिरा। नेहा बेड पर ही लेटी थी और बहुत थक चुकी थी उसका सारा बदन दर्द कर रहा था। रोहित भी उसके पास ही लेट गया फिर रोहित ने कहा केसा लगा नेहा तुम को मजा तो आया न।



नेहा ने कहा - मेरा सारा बदन दर्द कर रहा है कुछ देर हम दोनों वेसे ही लेटे रहे।

फिर थोड़ी देर बाद नेहा उठ कर बाथरूम में चली गई और अपने आप को साफ करने लगी तभी रोहित फिर पीछे से आ कर उसके गोरे बड़े बूब्स को दबाने लगा और अपने लंड को उसकी गांड से लगा दिया। रोहित के इस तरह बूब्स दबाने से नेहा फिर गरम हो गई। फिर अचानक नेहा निचे बैठ कर रोहित के लण्ड को चूसने लगी जिससे रोहित का लंड फिर से खड़ा हो गया। कुछ देर चुसने के बाद रोहित ने नेहा को वही बड़े से बाथरूम के फर्श पर लिटा दिया और उसकी चूत को चूसने लगा। नेहा की फिर सिसकियां निकलने लगी।


फिर रोहित ने नेहा को अपनी बाहों से गोद में उठा लिया और बाथरूम से बहार लाकर बेड पर लिटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोर का शॉर्ट मारा। रोहित का लंड नेहा की चूत से टकराया। नेहा का रोम रोम झटकों और खुशी वाले दर्द से झूम रहा था। रोहित ने आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को नेहा की चूत मे अंदर बाहर करने लगा जब वो लण्ड बाहर करता तब नेहा की चूत की पंखुडियां उसके लंड के साथ चिपक कर बाहर की तरफ खिचने लगती। ऐसा लग रहा था नेहा की चूत भी उसके लंड को छोड़ने को तैयार नही.


अब रोहित ने अपनी स्पीड बढ़ा दी उसका लंड जो अब तक मुश्किल से घुस रहा था। अब आसानी से आ जा रहा था। उसने नेहा की चूत में लंड डाले हुए उसको अपनी गोद में उठा लिया। नेहा अब एक गुलदस्ते की तरह से रोहित की गोद में आ गई ऐसा लगता ही नही था की रोहित ने कोई जिस्म उठाया हो। नेहा ने रोहित की कमर की दोनो तरफ अपने पैर से पकड़ लिया ताकी गिर ना जाए.



रोहित का बड़ा 7 इंच का लंड नेहा की चूत में घुसा हुआ था। अब नेहा भी रोहित के निपल को अपने दाँतों से हल्के हल्के काट रही थी जिससे रोहित को मज़ा आ रहा था। रोहित नेहा को उपर उठा के नीचे छोड़ता तो उसका लण्ड नेहा की चूत की जड़ तक टकरा जाता.


रोहित बोला - मज़ा आ रहा हे नेहा. मैं तो उन दोनों कालिये मोटे गँवार क* **लो से तो अच्छा ही चौद रहा हूँ।


नेहा - आह रोहित मजा तो आ रहा है पर कल एक अलग ही प्रकार का खुशी वाला दर्द था। आज दर्द कम हो रहा है। भले ही तुम कुछ अलग कर रहे हों पर कल की बात ही कुछ अलग थी।



फिर रोहित ने नेहा बेड पर पटक के उसकी दोनो टाँगों को अपने कंधे पर रख दीया। जिससे नेहा की चूत उपर की तरफ उठ गई। नेहा ने अपने दोनो पैर रोहित के कंधे पर आराम से रख दिए। ये पोज़ देख कर रोहित बहुत खुश हुआ और फिर अपने लंड से नेहा की चूत को धक्के देते हुए अन्दर बहार होने लगा। जिस कारण नेहा कई फिर झड चुकी थी रोहित अलग अलग एंगल से नेहा को चोद रहा था। नेहा भी जोश में थी और रोहित अब पूरी स्पीड से चोद रहा था। दोनो के मुँह से अलग अलग आवाज़ निकल रही थी रोहित से भी अब नही रहा जा रहा था लग रहा था वो अब फिर से झड़ने वाला है।



फिर रोहित ने लंड को चूत से बहार निकाल कर नेहा के मुँह में रखने की कोशिश कर पर नेहा ने ना बोल दिया तो रोहित ने जोर से अकड़ते हुए अपना सारा वीर्य नेहा के चुचियों और थोड़ा चेहरे पर डाल दिया। फिर रोहित नेहा के ऊपर ही लेट गया कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद नेहा नहाने चली गयी और खुद को साफ़ किया पूरा।



अब शाम का भी समय हो गया था इसलिये रोहित नेहा को बाय बोलकर और उसका मोबाइल नम्बर लेकर अपने घर चला गया।







To Be Continued
 

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