V
Vision
हाई दोस्तों,
मेरा नाम अल्पेश हे और मैं गुजरात का रहने वाला हू | मैं गुजरात में ही काम करता हू इसीलिए यहाँ पे अकेला रहता हूँ | दिवाली से एक दिन पहले अपने इलाके की झाड़ू वाली आई बक्शीश के लिए | मैं उसी वक्त नहा के ही निकल था और टावल में था | मेने उसे कहा की अंदर आके बैठ जाओ और मैं अंदर कमरे में चला गया पैसे लेने के लिए | पैसे लाके में जेसे ही उसे दे रहा था तभी जोर से हवा आई और दरवाजा बंद हुआ और साथ ही साथ मेरे हाथ से नोट निचे गिर गया | मैं उठाने के लिए झुका और जेसे ही उठा मेरा टावल खुल गया और मैं उसके सामने एक दम से नंगा हो गया | वो मेरे लंड को देख रही थी और ये देख के की वो मेरा लंड देख रही हे मेरे लंड तन गया एक दम से | उसने मेरे लंड को कुछ ही पालो में पकड़ लिए और उसे हिलाने लग गयी |
दो मिनट हिलाने के बाद वो निचे बैठी और लंड को मुह में लेके चूसने लगी | वो मस्त तरीके से चूस रही थी और मैं तिन मिनट के करीब में, मैं उसके मुह में झड गया | मेरे झड़ने के बाद भी वो चुस्ती रही और लंड को चाट के साफ़ कर दी | मेने उसय उठाया और उसकी पूरी साडी उतर के उसे एक दम नंगा कर दिया और फिर मेने उसे बिस्तर पे लेटा दिया और उसके उपर चड के उसके निप्पल चूसने लग गया | चूसने के साथ साथ में उसके चेंडू को मसल भी रहा था | वो इतने में एक बार झड चुकी थी, मैं उसके निप्पल को मसलता रहा और चुस्त रहा करीब दस मिनट तक और फिर उठ गया | उठके मेने उसके दोनों टांगो को खोल दिया और बीचे में आ गया और आने के बाद लंड उसकी चुत पे रख के रगड़ने लग गया |
वो अब तदपने लगी और बोली साहब जल्दी डाल दो मुझसे रुका नही जा रहा | मेने उसकी बात मान ली और लंड अंदर पेल दिया, लंड म्सुकिल से गया पर चला गया और उसके मुह से चीख निकल पड़ी | मेने उसके दर्द की तरफ नही देखा और पेलता रहा | वो दो बार झड चुकी थी और मैं उसे कस कस के पेलता ही जा रहा था | उसने अपनी टांगो को उठा के मेरे कमर पे बंद दिया और मुझे कसने लगी | मैं उसकी चुत को पन्द्रह मिनट तक अच्छे से रगडा और फिर वो एक दम से ऐईईईइ हम्म सह्हब्ब्ब्ब्ब्ब में आऐईईईई और फिर हम दोनों एक साथ ही झड गए | मैं उसके चुत में झड गया और फिर उसके बाजू में लेट गया | उसने कुछ देर के बाद अपनी तंग को मेरे उपर रख के मुझे चूमने लगी |
मेने उससे पुचा की बक्सिश नही चाहिए क्या ? वो बोली आपका वो मिल गया वोही बहुत हे और फिर हम दोनों एक साथ फिर नहाये और फिर वो उठ के चली गयी | अब वो हर रोज सुबह मेरे घर एक घंटा बिता के जाती हे और हम दोनों मस्त में रहते हे |
मेरा नाम अल्पेश हे और मैं गुजरात का रहने वाला हू | मैं गुजरात में ही काम करता हू इसीलिए यहाँ पे अकेला रहता हूँ | दिवाली से एक दिन पहले अपने इलाके की झाड़ू वाली आई बक्शीश के लिए | मैं उसी वक्त नहा के ही निकल था और टावल में था | मेने उसे कहा की अंदर आके बैठ जाओ और मैं अंदर कमरे में चला गया पैसे लेने के लिए | पैसे लाके में जेसे ही उसे दे रहा था तभी जोर से हवा आई और दरवाजा बंद हुआ और साथ ही साथ मेरे हाथ से नोट निचे गिर गया | मैं उठाने के लिए झुका और जेसे ही उठा मेरा टावल खुल गया और मैं उसके सामने एक दम से नंगा हो गया | वो मेरे लंड को देख रही थी और ये देख के की वो मेरा लंड देख रही हे मेरे लंड तन गया एक दम से | उसने मेरे लंड को कुछ ही पालो में पकड़ लिए और उसे हिलाने लग गयी |
दो मिनट हिलाने के बाद वो निचे बैठी और लंड को मुह में लेके चूसने लगी | वो मस्त तरीके से चूस रही थी और मैं तिन मिनट के करीब में, मैं उसके मुह में झड गया | मेरे झड़ने के बाद भी वो चुस्ती रही और लंड को चाट के साफ़ कर दी | मेने उसय उठाया और उसकी पूरी साडी उतर के उसे एक दम नंगा कर दिया और फिर मेने उसे बिस्तर पे लेटा दिया और उसके उपर चड के उसके निप्पल चूसने लग गया | चूसने के साथ साथ में उसके चेंडू को मसल भी रहा था | वो इतने में एक बार झड चुकी थी, मैं उसके निप्पल को मसलता रहा और चुस्त रहा करीब दस मिनट तक और फिर उठ गया | उठके मेने उसके दोनों टांगो को खोल दिया और बीचे में आ गया और आने के बाद लंड उसकी चुत पे रख के रगड़ने लग गया |
वो अब तदपने लगी और बोली साहब जल्दी डाल दो मुझसे रुका नही जा रहा | मेने उसकी बात मान ली और लंड अंदर पेल दिया, लंड म्सुकिल से गया पर चला गया और उसके मुह से चीख निकल पड़ी | मेने उसके दर्द की तरफ नही देखा और पेलता रहा | वो दो बार झड चुकी थी और मैं उसे कस कस के पेलता ही जा रहा था | उसने अपनी टांगो को उठा के मेरे कमर पे बंद दिया और मुझे कसने लगी | मैं उसकी चुत को पन्द्रह मिनट तक अच्छे से रगडा और फिर वो एक दम से ऐईईईइ हम्म सह्हब्ब्ब्ब्ब्ब में आऐईईईई और फिर हम दोनों एक साथ ही झड गए | मैं उसके चुत में झड गया और फिर उसके बाजू में लेट गया | उसने कुछ देर के बाद अपनी तंग को मेरे उपर रख के मुझे चूमने लगी |
मेने उससे पुचा की बक्सिश नही चाहिए क्या ? वो बोली आपका वो मिल गया वोही बहुत हे और फिर हम दोनों एक साथ फिर नहाये और फिर वो उठ के चली गयी | अब वो हर रोज सुबह मेरे घर एक घंटा बिता के जाती हे और हम दोनों मस्त में रहते हे |