संजीव-गुस्सा मत कर…तू अपने तरीके से काम कर ..हुआ तो ठीक…ऑर नही हुआ तो कोई नही यार…कुछ ऑर सोचेगे
मैं-ओके…ये हुई ना बात
मैं पता नही क्यो ये सोचने लगा था कि संजीव को गोली मारो ऑर इसकी फॅमिली की जितनी चूत मिलेगी उनको मैं मारूगा...
संजीव की बात कौन करे किसी से...जब मैं सबकी ले लूँगा...तब इसका सोचूँगा...हाँ, ये ठीक रहेगा...नही तो पता चला इसे चूत दिलाने के चक्कर मे मेरे हाथ भी कुछ ना लगे
इतने मे आंटी रेडी हो कर हॅंड बेग के साथ आ गई...
आंटी-आइ एम रेडी
मैने आंटी को देखा तो देखता रह गया…क्या माल थी यार…लाइट ब्लू साड़ी, स्लीवलेशस ब्लाउस…पिंक लिप्स…गोरे-2 हाथ…ऑर बड़े-बड़े बूब्स…आज तो मेरी निकल पड़ी
संजीव-मोम आपने कपड़े नही लिए
ये सुनकर आंटी चुप रह गई…मैं भी सोचने लगा कि आंटी का समान तो मेरे घर पर है…जो आंटी ले जाने वाली है…अब क्या बोलेगी ये
आंटी(बहाना बनाकर)-संजू,वो मेरी फरन्ड अपने सामान के साथ मेरे कपड़े भी ले गई….मैने सोचा जाना तो वही है तो अलग से क्या ज़रूरत है
संजीव- ओके
आंटी(राहत की साँस लेते हुए)-चले बेटा , लेट ना हो जाएँ
मैं-ओके आंटी चलो….ओके संजीव जाते है…
संजीव-ओके बाइ…बाइ मोम…सेफ जर्नी
आंटी…बाइ बेटा…थॅंक्स न्ड टेककेअर
इतना बोलते हुए हम घर से बाहर आए ऑर कार से निकल गये…संजीव अपने रूम मे निकल गया.....
( कार के अंदर आते ही)
आंटी-चलो जल्दी…सामान उठा लेते है
मैं-हाँ चलते है…बट सामान उठना ही नही है…ऑर भी कुछ करना है
आंटी- ऑर क्या??
मैं-आप चलो तो, मैं बताता हूँ…आप बस वेट करो
आंटी(शरमाते हुए)-अच्छा, इसी लिए तो जल्दी आई हूँ
मैं-हहे मेरी रानी….मज़ा आ गया
आंटी-रानी ????, ओके तो तुम मेरे राजा…पर याद है ना
मैं-क्या
आंटी-वही जो रात को बोला था
मैं(अंजान बनते हुए)-क्या???
आंटी-भूल गया
मैं- बता भी दो ना
आंटी-यही कि अगर मैं खुश हो गई तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी…नही तो आगे से कुछ भी नही
मैं-आंटी…आज आप मेरी हो जाओगी…ओर उसके बाद मैं अंकल के पास भी नही जाने दूँगा…सोच लो
आंटी-अगर तूने खुश कर दिया तो…उसके पास जाउन्गी भी नही….तेरे पास ही आउन्गी.
मैं-ओके…तो वेट करो बस
( इसके बाद मैं सोचने लगा कि साली मेरे साथ गेम…कोई बात नही खेलो …स्टार्ट तुमने कर दिया अब अंजाम मैं दिखाउन्गा…साली जिंदगी भर पछताएगी कि मुझसे पंगा क्यो लिया…)
ऐसे ही बाते करते हुए ऑर सोचते हुए मेरा घर भी आ गया…
मैं-कैसी हो रश्मि…सब लोग कहाँ है???
रश्मि-सविता ताई मार्केट गई है...ऑर रेखा अपने ससुराल
मैं-तुम नही गई रेखा के साथ
रश्मि-नही….घर खाली छोड़ कर कैसे जाती..आप भी नही थे
मैं-ओके…2 कॉफी बनाओ…जल्दी(मैने रश्मि को आँख मार दी)…हमे जाना भी है रश्मि-(मेरी बात समझ कर) – जी वो कॉफी ख़त्म हो गई...आप चलो मैं मग़वा लेती हूँ....जल्द से जल्द आती हूँ
Ankit apne dost se kiye bade se mukar raha hai shaad uske gar me maujud sabhi chute ko akele bhogna ka lalach uske man me aa gaya hai. Ya phir rat me jo kuch suna ye uska natija ho sakta hai. Dekhte hai aage kya hota hai