Excellent updates brother...संजीव(गुस्से से)- भाई डर लगता है...ओर वो राह चलती रंडी थोड़े ही है जो मैं बोलू ऑर वो चुदने आ जाय...माँ है मेरी...उसकी गंद के चक्कर मे मेरी गंद ना फट जाए
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मैं-(हंसते हुए)-भाई तू बस ये पता कर कि तेरी माँ चुदाई की शौकीन है या नही...बाकी आगे हम देख लेगे
संजीव-भाई चुदासी तो बहुत है
मैं- तुझे कैसे पता
संजीव- भाई मैने 1 दिन मोम-डॅड को चुदाई के दौरान बाते करते हुए सुना था
मैं-क्या तूने उनकी चुदाई देखी...??
संजीव- नही भाई सिर्फ़ सुना
मैं- क्या सुना..??
संजीव- भाई मेरी माँ डॅड से बोल रही थी कि आज फिर आप पीछे रह गये...अब मैं क्या करूँ तो डॅड बोले तुम्हे तो बस लंड चाहिए ...मैं थक जाता हू काम करते हुए...मैं इतना ही कर सकता हूँ...तो मेरी माँ ने कहा ठीक है तो ये बताओ मैं अब मेरी चूत को कैसे ठंडा करूँ...
तो डॅड बोले रुक मैं अभी तेरी चूत चाट कर ठंड करता हूँ..
इसके बाद डॅड मोम की चूत चूसने लगे..![]()
मैं- तूने देखा क्या..??
संजीव –अरे नही यार वो माँ की सिसकारियों से समझ आ गया था…
मैं- तो इसमे ये कैसे पता चला कि तेरी माँ चुदासी है
संजीव- भाई डॅड चूत चूस्ते हुए बोल रहे थे…कि साली अभी भी तेरी चूत इतनी तड़पति है चुदने को तो माँ बोली कि मेरा बस चले तो 2-2 लंड 1 साथ ले लूँ…लेकिन मैं तुमसे ही काम चलाना चाहती हूँ…तो डॅड ने भी हंस के बोला कि कोई नही मैं हूँ ना
उसके बाद मैं वहाँ से निकल गया
मैं- फिर भी सवाल वही है कि तेरी माँ चुद कैसे सकती है
संजीव-भाई अगर उसे कोई तगड़ा लंड मिल जाय ऑर उसे लेने मे कोई बदनामी ना हो तो वो ले लेगी…इतना बोल सकता हूँ
मैं-तो तू दिखा दे अपना
संजीव- नही भाई मेरा तो नॉर्मल है...ऑर मैं उसका बेटा हूँ...नही बहकेगी
मैं- तो फिर क्या...???
संजीव-1 आइडिया है भाई
मैं- ऑर वो क्या है साले..??
संजीव- भाई अगर मेरी माँ तेरा लंड ले ले तो…???
मैं- ऑर भैनचोद वो कैसे लेगी
संजीव-भाई तेरा लंड मुझसे तगड़ा है…ऑर अगर तुझसे चुद भी गई तो बदनामी भी नही होगी उसकी…इतना वो जानती है
मैं- चल साले वो नही मानेगी
संजीव-भाई ट्राइ तो कर मान जाएगी
मैं(थोड़ा सोच कर)- अच्छा माना कि मान गई ऑर मेरा लंड ले लिया …तो इसमे तेरा क्या फ़ायदा
संजीव-भाई तू लेगा तो मैं भी ले लुगा उसकी
मैं- कैसे...???
संजीव- भाई मोम तुझसे चुदने लगेगी तो मैं उसकी चोरी पकड़ लुगा ..ऑर उसे चोदने को बोलुगा
मैं-मतलब, ब्लॅकमेल करेगा साले
संजीव-हाँ
मैं-नही भाई जबरन की चुदाई मे मज़ा नही आता…चुदाई वही अच्छी होती है जब पार्ट्नर दिल से चुदवाये…
संजीव-तब तो मेरा कुछ नही होगा
मैं-(कुछ सोच कर)- भाई 1 काम हो सकता है
संजीव- क्या???
thanks dear Akash ⚜️Excellent updates brother...
Keep posting
Congratulations mitr apni pahli kahani yahan post karne ke liyeदोस्तो वैसे तो मेरी इस कहानी नाम प्यार की भूख है लेकिन इस कहानी का टाइटल होना चाहिए था चूतो का मेला जो मुझे काफ़ी टाइम बाद महसूस हुआ .
इस फोरम पर मैं इसे चूतो का मेला के नाम से पोस्ट कर रहा हूँ .
मैं ये स्टोरी सिर्फ़ आप सब के मनोरंजन के लिए लिख रहा हूँ.
इस स्टोरी मे आप सब को प्यार,रोमॅन्स, इमोशन, मिस्ट्री आंड थ्रिल सब कुछ मिलेगा....
स्टोरी की स्टार्टिंग से इस के बारे मे राय ना बनाए….आप पढ़ते जाए ऑर कही बोर होने लगे तो प्लीज़ बता दीजियगा .
तो स्टोरी स्टार्ट करते है इंट्रोडक्षन से….