Adultery एक घरेलु महिला से बहुपत्नी बनने तक का सफ़र

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दोस्ती की शुरुआत :

जैसा कि पहले भाग में हमने देखा था की रश्मि को उसके हार्ट पेशेंट पति को दूसरे शहर में ले जाने के लिए,कार और ड्राइवर की जरूरत थी, उसकी बहन जिनी ने उसको एक ड्राइवर का नंबर दिया और कहा की देखना ड्राइवर बहुत अच्छा और एकदम हैंडसम है कहीं तेरा दिल नहीं आ जाए उसपर...ऐसा वो इसलिए कह रही थी क्योंकि रश्मि पिछले कुछ सालों से सेक्स जीवन का मजा नहीं ले पा रही थी, एक तो उसका पति बीमार था दूसरा कुछ काम नहीं कर पा रहा था तो रश्मि को मजबूरन एक प्राइवेट नौकरी करनी पड़ रही थी जिसकी वजह से वो बहुत फ्रस्ट्रेट थी...कई बार उसे एक मजबूत मर्द की बाहों के सहारे की जरूरत महसूस होती थी...पर वो कुछ कर नहीं पा रही थी,जब जिनी ने उसे कहा की ड्राइवर का स्वभाव बहुत ही अच्छा है और वो बहुत हैंडसम भी है तो रश्मि के दिल में पता नहीं क्यों एक गुदगुदी सी हुई और उसे लगा की उसकी चूत गीली हो गई...उसने पूछा क्या नाम है तो जिनी ने कहा की ड्राइवर का नाम आमिर है और वो 36 साल का एक कड़क मर्द है...रश्मि ने जिनी को छेड़ते हुए पूछा की क्या उसने उसका कड़कपन देखा है...जिनी ने ठंडी आह भरते हुए कहा की नहीं, मैंने कोशिश तो बहुत की पर आमिर ने मुझे कोई भाव नहीं दिया । फिर रश्मि को कहा की तू भी ट्राई मार के देख लेना क्या पता तेरा जादू चल जाए उसपे ।

जब आमिर उसके घर आया तो पहली ही नजर में दोनो के बीच एक जबरदस्त आकर्षण पैदा हुआ...आमिर रश्मि को पहली ही नज़र में पसंद आ गया वो वाकई बहुत हैंडसम लग रहा था और उस दिन तो रश्मि भी कयामत ढा रही थी उसने एक टाइट जींस जिसमें से उसकी पेंटी का उभार साफ नजर आ रहा था और एक लो नेक टैंक टॉप पहना हुआ था जो उसकी गहरी घाटियों को दिखा रहा था...रश्मि का गोरा रंग और उस पर काला चश्मा,आमिर तो उसे देखते ही रह गया...

जब वो लोग कार में बैठे तो रश्मि का पति ड्राइवर की सीट के ठीक पीछे बैठा और रश्मि उसके पास में...ये देख कर आमिर की तो जैसे मुराद पूरी हो गई...क्योंकि उसने रीयर व्यू मिरर इस तरह सेट कर लिया था की वो अब रश्मि को बड़े आराम से ताड़ सकता था...रश्मि भी जब पीछे सीट पर बैठी तो उसकी नजर सीधे रीयर व्यू मिरर पर गई और उसका दिल धड़क उठा क्योंकि वो आमिर की नज़रों को देख सकती थी...

कुछ दूर शहर से बाहर होते ही रश्मि का पति ऊंघने लगा...अब आमिर मिरर में से रश्मि को निहार रहा था...रश्मि ने उसे ताड़ते हुए देख लिया पर चूंकि उसने काला चश्मा लगा रहा था तो आमिर को पता नहीं चला की रश्मि भी उसे ही देख रही है...अब रश्मि ने सोचा की टाइम पास करने के लिए चलो इससे ही बातें की जाए तो उसने आमिर से उसके बारे में जानकारी लेना शुरू कर दी की वो कहां रहता है और उसके घर में कौन कौन है...आमिर ने बताया कि वो शहर बाहर जंगलों के पास एक छोटे गांव में रहता है और उसके परिवार में सिर्फ उसके मां बाप है...उसने बताया कि उसने MBA किया है और दस सालों तक उसने दुबई में नौकरी की है...फिर उसके पिता की तबियत ज्यादा ख़राब होने पर उसे नौकरी छोड़कर वापस आना पड़ा...यहां गांव में कोई अच्छा काम ना मिलने पर उसने 4 गाड़ियां ख़रीद ली और ट्रेवल्स का काम शुरू कर दिया...यह सुनकर रश्मि उससे बड़ी प्रभावित हुई क्योंकि रश्मि ने भी mba किया था और उसे भी कोई ढंग की नौकरी नहीं मिली थी...रश्मि ने मन ही मन सोचा की चलो यह पढ़ा लिखा ड्राइवर है तो इसे ही हमेशा लेकर जाएंगे ।

फिर रश्मि ने उसके पति को कोहनी मारते हुए कहा की सुनाजी यह भैया ने MBA किया है मेरे जैसा और दुबई में दस साल नौकरी भी की है...यहां आने के बाद ये इनका खुद का ट्रेवल्स का बिजनेस है...अब आगे से हम इनको ही लेकर आएंगे....रश्मि का पति ये सुनकर बड़ा आश्वस्त हुआ की चलो एक पढ़ा लिखा आदमी साथ में चलेगा तो रश्मि को कोई तकलीफ नहीं आयेगी अगर उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो...

अब उनके बीच माहौल अनौपचारिक हो गया था...क्यूंकि जिसे वो ड्राइवर समझ रहे थे वो एक बिज़नेस मैन था और उनके बराबरी के स्तर का था...रश्मि की खुशी का तो मानो ठिकाना ही नहीं था अब वो गॉगल में से आमिर के चेहरे को निहार रही थी और मन ही मन सोच रही थी की जिनी ने सही कहा था की ड्राइवर बड़ा हैंडसम है...आमिर भी बार रश्मि को देखे जा रहा था और सोच रहा था कितनी सेक्सी और अच्छी औरत है...काश ये मेरी होती !!

फिर एकाकेक रश्मि ने पूछा की भैय्या आपके कितने बच्चे है तो आमिर ने जवाब दिया की अभी तक उसने शादी नहीं की है...रश्मि ने पूछा की ऐसा क्यों तो वो बोला की कोई लड़की उसके मां बाप की सेवा करने को तैयार नहीं है..और वो उसके मां बाप को उनके आखिरी समय में अकेले नहीं छोड़ सकता...यह सुनकर रश्मि उससे और प्रभावित हो गई...फिर उसने माहोल को हल्का करने के लिए आमिर से बोला की भैय्या कोई अच्छे से गाने लगाओ ना...तो आमिर ने किशोर कुमार के रोमांटिक गाने लगा दिए...

अब रश्मि भी साथ साथ गुनगुनाने लगी और साथ ही साथ आमिर को भी निहारती जा रही थी की क्या मस्त हैंडसम मर्द है,सांवला रंग और गठीला शरीर वाकई कड़क मर्द होगा यह तो...और मन ही मन अपनी सोच पर हंस पड़ी...रश्मि भी एक बहुत ही गर्म औरत थी... जो चाहती थी की कोई कड़क मर्द उसे अपनी बाहों में लेकर बुरी तरह मसल दे तो वो उसकी गुलाम हो जाए...कैंसर के पहले तक रश्मि का पति सेक्स के मामले में बड़ा एक्टिव था पर उसका शरीर बड़ा ही नाज़ुक सा था और सेक्स के टाइम पर उसको अपनी चूचियों को चुसवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आता था पर वो रश्मि को संतुष्ट कर देता था पर फिर भी रश्मि को उसमे एक मर्द की कमी हमेशा लगती थी ।

एक बार तो रश्मि के पति ने उससे आधे घंटे तक चुचियों को चुसवाया तो रश्मि ने झुंझलाकर उससे पूछा की कही तुम पहले औरत तो नहीं थे,तब रश्मि के पति ने स्वीकार किया की शादी के पहले वो एक बाइसेक्सुअल था और उसका एक दोस्त उसकी चुचियों को हमेशा दबाते और चूसते रहता था,रश्मि के पति को भी उसके उस दोस्त का लन्ड चूसने की आदत थी..पर रश्मि से शादी होने के बाद उसने यह सब छोड़ दिया पर चूचियों को चुस्वाने की आदत उसे अभी भी है...ये सुनकर रश्मि को उसके कॉलेज के दिन याद आ गए जब उसकी एक आंटी उसे सेक्स एजुकेशन के नाम पर अपने मम्मे चुस्वाया करती थी...इसलिये रश्मि को उसके पति की आदत पर कोई अचरज नहीं हुआ ।

कुछ ही समय में वो लोग दूसरे शहर के अस्पताल पहुंच गए जो की एक सरकारी अस्पताल था..इस वजह से वहां काउंटर पर बहुत भीड़ थी...रश्मि ने उसके पति को पेशेंट एरिया में बैठाया और लाइन में खड़ी हो गई...तभी उसे ध्यान आया कि ड्राइवर भूखा होगा तो उसने उसको फोन लगाकर बोला की भैय्या यहां भीड़ बहुत है तो तुम खाना खा लो...अभी हमें बहुत वक्त लगेगा तो आमिर बोला की कोई बात नही मैडम आप काम निपटा लीजिए,खाना मैं रास्ते में लौटते वक्त खा लूंगा...फिर उसने पूछा की अंकल कहां है...तो रश्मि ने उसे बताया की उनको पेशेंट एरिया में बैठाया है...

थोड़ी देर बाद आमिर दो ग्लास फलों का ज्यूस और सैंडविच लेकर पेशेंट एरिया में जाता है और रश्मि के पति को कहता है की अंकल आप सैंडविच का नाश्ता कर लो और ज्यूस पी लो,क्योंकि यहां बहुत टाइम लग सकता है और मैं जाकर मैडम को भी यहां भेजता हूं, वहां लाइन में मैं लग जाऊंगा..रश्मि का पति आमिर के इस व्यवहार से बड़ा खुश हो जाता है और उसे थैंक यू बोलता है...अब आमिर रश्मि के पास जाता है और उसे उसके पति के पास नाश्ता करने के लिए भेज देता हैं और खुद लाइन में खड़ा हो जाता है,रश्मि उसके इस व्यवहार पर फिर से खुश हो जाती है और उससे पूछती है की क्या उसने नाश्ता कर लिया तो आमिर कहता है की नहीं पहले आप नाश्ता कर लो मैं फिर कर लूंगा...तब तक मैं यहां लाइन में खड़ा हूं...

रश्मि उसके पति के पास जाती है और उससे पूछती है की क्या उसने नाश्ता कर लिया तो वो कहता है कि हां कर लिया...और फिर कहता है की यह ड्राईवर एक दोस्त की तरह ख्याल रख रहा है...अपने पति से ड्राइवर की तारीफ़ सुनकर रश्मि बहुत खुश हो जाती है और कहती है की हां इस अजनबी शहर में एक दोस्त मिल गया !!

नाश्ता करने के बाद जब रश्मि वापस लाइन में लगने के लिए जाती है तो वहां आमिर नहीं मिलता,कहां चला गया यह सोच कर वो थोड़ा परेशान हो जाती है की तभी आमिर उसके पीछे से आकर उसके कान में धीरे से हेलो कहता है तो रश्मि एक दम से चौंक जाती है..वो पूछती है की लाइन छोड़कर कहां चले गए थे,तो आमिर कहता हैं की उसका एक जरूरी काम था वो करने गया था फिर वो अचनाकंसे रश्मि का हाथ पकड़ के भीड़ से बाहर खींच लेता हैं और उसको डॉक्टर की फाइल देते हुए कहता हैं की आप को अब लाइन में लगने की जरूरत नहीं....रश्मि आश्चर्यचकित रह जाती है और मन ही मन में सोचती हैं की यह तो सच में मर्द है जो एक औरत की इतनी मदद कर रहा है...रश्मि कुछ देर तक उसको देखती रहती है, उसकी आंखों में आसूं आ जाते है और वो उसको सिर्फ इतना ही कह पाती है की थैंक्यू वेरी मच !!

जब रश्मि के पति को यह पता चलता है तो वो आमिर का हाथ पकड़ के कहता है थैंक यू दोस्त वन्स अगेन !! इस बार आमिर रश्मि की आंखो में झांकते हुए कहता है की नो थैंक यू इन फ्रेंडशिप आपने मुझे दोस्त बोला है !! यह सुनकर सब हस पड़ते है।

रात को वापस अपने शहर लौटते वक्त वो लोग लेट हो जाते है पर आज रश्मि की जिंदगी में एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी थी...जो उसकी आगे की जिंदगी सेक्स और रसो से भर देने वाली है....पढ़ते रहिए ....

भाग दो - पहला चुम्बन :

ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते है, रश्मि अपने ऑफिस और घर के कामों में व्यस्त हो जाती है, एक दिन अचानक शाम को रश्मि के घर की घंटी बजती है,रश्मि का पति दरवाजा खोलता है,रश्मि अभी ऑफिस से नहीं आयी थी..दरवाजे पर आमिर खड़ा होता है एक फलों की टोकरी लेके..रश्मि का पति उसे अंदर आने को कहता है...उसे थोड़ा असमंजस होता है आमिर को देख कर क्योंकि उसके साथ उन लोगो के कोई ऐसे संबंध नहीं थे की आमिर उनके घर आए...आमिर इस बात को समझ जाता है और कहता है की उसके एक दोस्त का सेब का एक्सपोर्ट का काम है तो उसने आमिर के मातापिता के लिए एक्सपोर्ट क्वालिटी के सेब भेजे है,अब वो लोग तो इतना सेब खाते नहीं है तो उसने सोचा की क्यों ना थोड़े सेब आपको दे दून और आपसे दुआ सलाम करके अगले महीने कब जाना है यह भी पूछता चलूं...यह सुनकर रश्मि का पति थोड़ा रिलेक्स होता है और कहता है की वो रश्मि से पूछकर बताएगा की कब जाना है...फिर वो आमिर को बोलता है की बैठो मैं कॉफी बनाता हूं तुम्हारे लिए...तो आमिर बोलता है की नहीं आप तकलीफ ना करें मैं फिर कभी आके पी लूंगा जब मैडम होंगी घर पे !

फिर आमिर रश्मि के पति से उसके परिवार के बारे में पूछता है और जब रश्मि का पति उसे बताता है की उसकी कैंसर की बीमारी की वजह से उसके सारे रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ लिया है और उनका होना ना होने के बराबर है...तो आमिर अपनी सहानुभूति देते हुए कहता है की आपको कभी किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे बताएं आखिर आपने मुझे अपना दोस्त बोला है...सुनकर रश्मि का पति मुस्कुरा देता है और कहता है ज़रूर दोस्त, जरूरत पड़ने पर मैं तुम्हे अवश्य फोन करूंगा, तो आमिर कहता है की मैडम को जब भी मार्केट जाना हो या कुछ सामान लाना हो तो मैं अपने किसी ड्राइवर को भेज दूंगा आप लोग चले जाना,यह कहकर वो चला जाता है...

रश्मि जब ऑफिस से वापस आती है तो उसका पति उसे सारी बातें बताता है और कहता है की लो भाई तुम्हारी आनेजाने की समस्या का हल हो गया है अब जब भी तुम्हे बाजार से कोई सामान लाना हो तो आमिर को फोन कर देना वो एक अच्छा आदमी है...यह सुन कर रश्मि अब फिर से गुदगुदा जाती है..रश्मि का पति उसे कहता है की अगले महीने कब चलने का प्लान है आमिर को फोन कर के बता देना बुकिंग करने के लिए...

रात को करीब दस बजे रश्मि आमिर को फोन लगाती है जैसे ही आमिर हेलो बोलता है रश्मि का दिल जोरों से धड़क उठता है...पहले तो रश्मि उसे सेब की पेटी के लिए धन्यवाद बोलती है और फिर अगले महीने की तारीख़ बताती है दूसरे शहर फिर से जाने के लिए...फिर वो उससे पूछती है की वो कहां है तो आमिर बताता है की वो दिल्ली में है किसी कस्टमर को लेकर आया है...आज की रात वो रुकेगा और कल वापस लौटेगा...फिर वो रश्मि से पूछता है की कुछ लाना है उनके लिए तो रश्मि मना कर देती है...आमिर कहता है की यहां दिल्ली में लहंगे और कॉस्ट्यूम्स बहुत अच्छे मिलते है...अगर रश्मि चाहे तो वो ला सकता है..बहुत जोर देने पर रश्मि कहती है की ठीक है पर अगर कपड़े उसे फिट नहीं आए तो नुकसान हो जाएगा तो आमिर कहता है चिंता की कोई बात नही अगर कपड़े फिट नहीं आये तो वो अगली बार जब दिल्ली आएगा तो रिटर्न कर देगा...
फिर वो रश्मि से पूछता है की आपने खाना खा लिया तो रश्मि कहती है की हां और आपने? तो वो एक ठंडी सांस लेकर कहता है की उसकी ऐसी किस्मत कहां जो उसे कोई गरमा गरम खाना खिलाएं यह सुनकर रश्मि भावुक हो जाती है और कहती है की जब वो लौटेगा तो वो उसे अपने घर पर दावत देगी और गरमा गरम खाना खिलाएगी...आमिर यह सुनकर खुश हो जाता है और फिर रश्मि से पूछता है की क्या वो उसको फोन कर सकता है...रश्मि को वो अब और अच्छा लगने लगा था तो उसने भी कह दिया की वो उसे फोन कर सकता है...

अब धीरे धीरे दोनो में बातें होने लगी...थोड़ा बहुत मजाक भी करने लगे वो दोनो...एक दिन बातों बातों में रश्मि ने आमिर से कहा की उसे अब कोई अच्छी लड़की देख कर शादी कर लेनी चाहिए तो आमिर ने कहा की वो थोड़ा लेट हो गया इस मामले में, एक बहुत अच्छी लड़की उसे मिली पर एक अंकल उसे ले उड़े...तो रश्मि ने धीरे से बोला की क्या हुआ ले उड़े तो अगर तुम कोशिश करते रहो तो क्या पता वो तुम्हे भी मिल जाए...सब कुछ संभव है...तो आमिर ने कहा की हां प्यार में सब कुछ संभव है और जायज़ भी है...रश्मि यह सुनकर मुस्कुरा दी...

एक दिन आमिर रश्मि को फोन करता है और कहता है की कल वो वापस पहुंच जाएगा और रात को करीब नौ बजे उसके यहां आएगा तो रश्मि ने कहा की ठीक है वो उसका इंतजार करेगी और रात का खाना भी साथ में ही खायेंगे...तो आमिर ने कहा हा जी वो भी गरमा गरम..
दूसरे दिन रात को करीब नौ बजे आमिर रश्मि के यहां पहुंचता है उसके साथ में चार शॉपिंग बैग होते है...जिसमे से एक में रश्मि के लिए लहंगे और एक में वेस्टर्न ड्रेसेज और एक में नाईटगाउन होते है...और एक बेग में रश्मि के पति के लिए कुछ कुर्ता पजामा होते है...रश्मि और उसका पति इतनी सारी गिफ्ट देख कर अचंभित हो जाते है...
रश्मि उससे पूछती है की वो ये सब क्यों कर रहा है तो आमिर उसकी आंखो में झांकते हुए कहता है की अपने सबसे अच्छे दोस्तो के लिए तो करना ही पड़ता है..
वो लोग फिर खाना खाने के लिए बैठते है...आज रश्मि आमिर की आंखो में खुल कर देख रही थी और वो बड़ी प्यासी नजरों से रश्मि को देख रहा था...अचानक रश्मि को पता नहीं क्या हुआ उसने उसके पति के सामने ही आमिर का हाथ पकड़ा और उसे कहा की थैंक यू भैय्या...आमिर ने जवाब में कहा की या तो उसे दोस्त कहे या फिर भैया तो रश्मि ने इठलाते हुए कहा की वो तो उसे भैय्या ही कहेगी..और उसे धीरे से आंख मार दी...रश्मि का पति यह सुन कर बड़ा खुश हो गया और उसने भी आंख मारते हुए कहा की तुम भाई बहन आपस में बातें करो में अब सोने जा रहा हूं....और वो अपने बेडरूम में चले गया।

अब रश्मि और आमिर अकेले एक सोफे पर बैठे थे और एक दूसरे की आंखो में झांक कर मन को पढ़ने की कोशिश कर रहे थे तभी आमिर ने कहा की एक बेग में कुछ विशेष गिफ्ट है रश्मि के लिए और बोला की क्या वो उस ड्रेस में उसके फोटो उसको भेजेगी अगर वो उसे पहन कर नहीं दिखा सकती...तो रश्मि ने कहा की क्यों नही दिखा सकती तुम बैठो मैं अभी चेंज कर के आती हूं ऐसा कह कर वो बेग लेकर कमरे में चली जाती है...जब वो बेग खोलती है तो उसमे चार बेहद सेक्सी नाइट गाउन होते है...जो की एकदम ट्रांसपेरेंट और कमर से थोड़े नीचे की लंबाई लिए हुए होते है...वो ये देख कर एकदम से गरम हो जाती है क्योंकि अब आमिर उसके और उसके पति की दिल में जगह बना चुका था...पहले तो वो नही पहनने का सोचती है फिर सोचती है की आमिर उन लोगो के लिए इतना करता है तो फिर उसकी इच्छा पूरी करनी चाहिए...यह सोच कर वो एक नाईट गाउन पहन लेती है... उस नाईट गाउन में से उसकी लाल कलर की ब्रा और पेंटी साफ नजर आ रही थी...उसके कमर के नीचे चिकनी और बेहद गोरी जांघें चमक रही थी...वो ऐसे ही बाहर आती है और आमिर के पीछे जाकर उसकी आंखे बंद कर देती है...आमिर उसको आगे खींचता हुआ कहता है की बंद आंखो से तो वो उसको रोज रात को देखता है आज खुली आंखों से देखना है...और वो रश्मि के हाथ अपनी आंखों से हटा देता है....अब रश्मि की आंखे शर्म से बंद हो जाती है, आमिर उसको बड़े ध्यान से देखता है, गुलाब की पंखुड़ियों से भी लाल और नाजुक होंठ...बड़ी बड़ी आंखे....दूध जैसा गोरा रंग...बड़े बड़े मम्मे जो की ब्रा में से आधे दिख रहे थे...भरी भरी मांसल जांघें...यह सब देख के उसका लन्ड बुरी तरह से खड़ा हो गया...अब आमिर से कंट्रोल नही होता और वो आगे बढ़कर रश्मि के गुलाबी होंठो को चूम लेता है...जैसे ही वो चूमता है रश्मि के होंठ थरथरा जाते है और उसकी चूत गीली हो जाती है...
अब रश्मि दूसरी तरफ मुंह घुमा लेती है...आमिर उसका चेहरा अपनी तरफ करके फिर एक बार उसके होंठो का चुम्बन लेता है...इस बार वो उसके होठों पर अपने होंठो का दबाव रखता है जिससे रश्मि चुम्बन तोड़ नहीं पाती....वो थोड़ी ताकत लगाकर आमिर से अलग हो जाती है और कहती है की ये सब गलत है वो ऐसा नहीं कर सकती...उसके पति को पता चलेगा तो अच्छा नहीं होगा...

तब आमिर उसे कहता है की वो उसके प्रेम में पागल हो चुका है और रश्मि के अलावा उसे कुछ नहीं दिखाई देता...यहां तक कि उसका दो बार एक्सीडेंट भी हो चुका है वो ड्राइव करते वक्त रश्मि के ख्यालों में इतना खोया था की उसे आगे की गाड़ी ही नहीं दिखी...यह सुनकर रश्मि को एक झटका लगता है वो उससे कहती है की वो एक शादी शुदा औरत है और अपने पति को धोखा नहीं दे सकती..तब आमिर उसे कहता है की याद करो तुमने ही कहा था की मैं कोशिश करते रहूं,इस दुनिया में सब कुछ संभव है....तो तुम मेरी क्यों नही हो सकती... मैं तुमसे शादी करूंगा....तुम बोलो की क्या करना है,मुझसे अकेलापन अब बर्दाश्त नहीं होता...तुम जो बोलोगी वो मैं करूंगा पर मुझे तुम चाहिए ही चाहिए....तब रश्मि उसको कहती है की तुम पागल जैसी बातें मत करो मैं तुम्हारी दोस्त बनने को तैयार हूं पर शादी,तुम्हे पता है की मेरी एक बड़ी बेटी हैं जो बाहर नौकरी करती है...अब उसकी शादी का वक्त है मेरी शादी का नहीं..

आमिर उससे कहता है की वो उसकी बेटी की शादी में पूरी मदद करेगा उसे अपनी बेटी की तरह ही रखेगा...बस रश्मि एक बार उसकी बन जाए...रश्मि उसके इस प्रेम के तूफान को देख कर हैरान थी...वो भी आमिर को खोना नहीं चाहती थी...दिल ही दिल में वो भी आमिर को पसंद करती थी...पर शादी यह नही सोचा था उसने...ज्यादा से ज्यादा एक आध बार सेक्स करने का ख्याल जरूर आया था उसके मन में,तो उसने आमिर को समझाते हुए कहा की तुम एक मैच्योर मर्द हो...हमारे संबंध अभी नए नए है....इन्हे थोड़ा वक्त दो...मुझे भी तुम पसंद हो पर मुझे इन सब बातों के लिए वक्त चाहिए...तब आमिर ने बेसब्र होकर पूछा कितना वक्त तब रश्मि ने जवाब दिया...शायद दो साल या चार साल..क्या तुम इतना इंतजार कर पाओगे...तो आमिर ने जवाब दिया की उसकी ये ज़िंदगी अब रश्मि के नाम है...उसे अगर मरते दम तक भी इंतज़ार करना पड़ा तो वो करेगा....

अब रश्मि से रहा नहीं गया और उसने आगे बढ़कर अपने होंठ,आमिर के होंठो पर रख दिए और उन्हें हल्के हल्के चूमने लगी...ये रश्मि का किसी गैर मर्द के साथ पहला चुंबन था, उसकी आंखो में आंसू थे वो बोली...कही ऐसा तो नहीं की वो बीच में ही सब्र छोड़ देगा...तो आमिर ने कहा की वो जुबान का पक्का है आज से रश्मि उसके लिए पत्नी जैसी है और वो उसके अलावा किसी की भी तरफ़ आंख उठाकर भी नही देखेगा...और फिर वो रश्मि को अपनी बाहों में कस लेता है और उसे किस करने लगता है...रश्मि के सब्र का बांध पहले ही टूट चुका था तो वो भी आमिर का साथ देने लगी और दोनो एक दूसरे के होंठो का रस पीने लगे...धीरे धीरे आमिर का हाथ रश्मि की कमर के नीचे जा पहुंचता है और वो रश्मि की गदराई गांड़ को सहलाने लगता है....उसका एक हाथ जैसे ही गाउन के नीचे जाकर पेंटी के ऊपर घूमता है...रश्मि एक झटके से उससे अलग हो जाती है....और कहती है की नहीं आमिर अभी नहीं...अभी मैं इन सब के लिए तैयार नहीं हूं...तो फिर कब? तो वो कहती है की सब्र करो अभी तो तुमने कहा था की तुम मेरे लिए जिंदगी भर इंतजार कर सकते हो तो आमिर ने कहा की ठीक है....आज के बाद जब तक रश्मि खुद पहल नहीं करेगी वो उसको हाथ भी नहीं लगाएगा,यह बोलते हुए वो मुस्कुरा दिया...क्योंकि वो रश्मि को मुंह से चखना चाहता था हाथो का काम तो बहुत कम था उसमे!,

इस तरह की बातों में रात बहुत देर हो जाती है और आमिर रश्मि से फिर मिलने का वादा लेकर चला जाता है...जाते जाते वो एक किस का इशारा करता है जिसको देख के रश्मि के चहेरे पर एक मुस्कान आ जाती है ।

रश्मि भी अपने बेडरूम में आ जाती है और सारे घटनाचक्र के बारे में सोचने लगती है वो जितना आमिर के बारे में सोचती है उतना ही वो उसको मिस करती है...आमिर का मासूम चेहरा उसका गठीला बदन...उसके होठों का वो पहला चुंबन...रह रह कर उसके शरीर में सेक्स की तरंगे उठने लगती है और रश्मि निश्चय करती है की आमिर के साथ वो अपने रिश्ते को आगे बढ़ाएगी...

दूसरे दिन रश्मि आमिर को फोन करती है और उससे पूछती है की तुम कहां हो तो आमिर कहता है की वो ऑफिस में है..तब रश्मि कहती है की उसे घर का कुछ समान खरीदना है तो क्या वो साथ में चल सकता है, आमिर कहता है की ठीक है में गाड़ी लेकर तुम्हारे ऑफिस आ रहा हूं.....आगे अगले भाग में
 
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जैसा कि पहले भाग में हमने देखा था की रश्मि को उसके हार्ट पेशेंट पति को दूसरे शहर में ले जाने के लिए,कार और ड्राइवर की जरूरत थी, उसकी बहन जिनी ने उसको एक ड्राइवर का नंबर दिया और कहा की देखना ड्राइवर बहुत अच्छा और एकदम हैंडसम है कहीं तेरा दिल नहीं आ जाए उसपर...ऐसा वो इसलिए कह रही थी क्योंकि रश्मि पिछले कुछ सालों से सेक्स जीवन का मजा नहीं ले पा रही थी, एक तो उसका पति बीमार था दूसरा कुछ काम नहीं कर पा रहा था तो रश्मि को मजबूरन एक प्राइवेट नौकरी करनी पड़ रही थी जिसकी वजह से वो बहुत फ्रस्ट्रेट थी...कई बार उसे एक मजबूत मर्द की बाहों के सहारे की जरूरत महसूस होती थी...पर वो कुछ कर नहीं पा रही थी,जब जिनी ने उसे कहा की ड्राइवर का स्वभाव बहुत ही अच्छा है और वो बहुत हैंडसम भी है तो रश्मि के दिल में पता नहीं क्यों एक गुदगुदी सी हुई और उसे लगा की उसकी चूत गीली हो गई...उसने पूछा क्या नाम है तो जिनी ने कहा की ड्राइवर का नाम आमिर है और वो 36 साल का एक कड़क मर्द है...रश्मि ने जिनी को छेड़ते हुए पूछा की क्या उसने उसका कड़कपन देखा है...जिनी ने ठंडी आह भरते हुए कहा की नहीं, मैंने कोशिश तो बहुत की पर आमिर ने मुझे कोई भाव नहीं दिया । फिर रश्मि को कहा की तू भी ट्राई मार के देख लेना क्या पता तेरा जादू चल जाए उसपे ।

जब आमिर उसके घर आया तो पहली ही नजर में दोनो के बीच एक जबरदस्त आकर्षण पैदा हुआ...आमिर रश्मि को पहली ही नज़र में पसंद आ गया वो वाकई बहुत हैंडसम लग रहा था और उस दिन तो रश्मि भी कयामत ढा रही थी उसने एक टाइट जींस जिसमें से उसकी पेंटी का उभार साफ नजर आ रहा था और एक लो नेक टैंक टॉप पहना हुआ था जो उसकी गहरी घाटियों को दिखा रहा था...रश्मि का गोरा रंग और उस पर काला चश्मा,आमिर तो उसे देखते ही रह गया...

जब वो लोग कार में बैठे तो रश्मि का पति ड्राइवर की सीट के ठीक पीछे बैठा और रश्मि उसके पास में...ये देख कर आमिर की तो जैसे मुराद पूरी हो गई...क्योंकि उसने रीयर व्यू मिरर इस तरह सेट कर लिया था की वो अब रश्मि को बड़े आराम से ताड़ सकता था...रश्मि भी जब पीछे सीट पर बैठी तो उसकी नजर सीधे रीयर व्यू मिरर पर गई और उसका दिल धड़क उठा क्योंकि वो आमिर की नज़रों को देख सकती थी...

कुछ दूर शहर से बाहर होते ही रश्मि का पति ऊंघने लगा...अब आमिर मिरर में से रश्मि को निहार रहा था...रश्मि ने उसे ताड़ते हुए देख लिया पर चूंकि उसने काला चश्मा लगा रहा था तो आमिर को पता नहीं चला की रश्मि भी उसे ही देख रही है...अब रश्मि ने सोचा की टाइम पास करने के लिए चलो इससे ही बातें की जाए तो उसने आमिर से उसके बारे में जानकारी लेना शुरू कर दी की वो कहां रहता है और उसके घर में कौन कौन है...आमिर ने बताया कि वो शहर बाहर जंगलों के पास एक छोटे गांव में रहता है और उसके परिवार में सिर्फ उसके मां बाप है...उसने बताया कि उसने MBA किया है और दस सालों तक उसने दुबई में नौकरी की है...फिर उसके पिता की तबियत ज्यादा ख़राब होने पर उसे नौकरी छोड़कर वापस आना पड़ा...यहां गांव में कोई अच्छा काम ना मिलने पर उसने 4 गाड़ियां ख़रीद ली और ट्रेवल्स का काम शुरू कर दिया...यह सुनकर रश्मि उससे बड़ी प्रभावित हुई क्योंकि रश्मि ने भी mba किया था और उसे भी कोई ढंग की नौकरी नहीं मिली थी...रश्मि ने मन ही मन सोचा की चलो यह पढ़ा लिखा ड्राइवर है तो इसे ही हमेशा लेकर जाएंगे ।

फिर रश्मि ने उसके पति को कोहनी मारते हुए कहा की सुनाजी यह भैया ने MBA किया है मेरे जैसा और दुबई में दस साल नौकरी भी की है...यहां आने के बाद ये इनका खुद का ट्रेवल्स का बिजनेस है...अब आगे से हम इनको ही लेकर आएंगे....रश्मि का पति ये सुनकर बड़ा आश्वस्त हुआ की चलो एक पढ़ा लिखा आदमी साथ में चलेगा तो रश्मि को कोई तकलीफ नहीं आयेगी अगर उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो...

अब उनके बीच माहौल अनौपचारिक हो गया था...क्यूंकि जिसे वो ड्राइवर समझ रहे थे वो एक बिज़नेस मैन था और उनके बराबरी के स्तर का था...रश्मि की खुशी का तो मानो ठिकाना ही नहीं था अब वो गॉगल में से आमिर के चेहरे को निहार रही थी और मन ही मन सोच रही थी की जिनी ने सही कहा था की ड्राइवर बड़ा हैंडसम है...आमिर भी बार रश्मि को देखे जा रहा था और सोच रहा था कितनी सेक्सी और अच्छी औरत है...काश ये मेरी होती !!

फिर एकाकेक रश्मि ने पूछा की भैय्या आपके कितने बच्चे है तो आमिर ने जवाब दिया की अभी तक उसने शादी नहीं की है...रश्मि ने पूछा की ऐसा क्यों तो वो बोला की कोई लड़की उसके मां बाप की सेवा करने को तैयार नहीं है..और वो उसके मां बाप को उनके आखिरी समय में अकेले नहीं छोड़ सकता...यह सुनकर रश्मि उससे और प्रभावित हो गई...फिर उसने माहोल को हल्का करने के लिए आमिर से बोला की भैय्या कोई अच्छे से गाने लगाओ ना...तो आमिर ने किशोर कुमार के रोमांटिक गाने लगा दिए...

अब रश्मि भी साथ साथ गुनगुनाने लगी और साथ ही साथ आमिर को भी निहारती जा रही थी की क्या मस्त हैंडसम मर्द है,सांवला रंग और गठीला शरीर वाकई कड़क मर्द होगा यह तो...और मन ही मन अपनी सोच पर हंस पड़ी...रश्मि भी एक बहुत ही गर्म औरत थी... जो चाहती थी की कोई कड़क मर्द उसे अपनी बाहों में लेकर बुरी तरह मसल दे तो वो उसकी गुलाम हो जाए...कैंसर के पहले तक रश्मि का पति सेक्स के मामले में बड़ा एक्टिव था पर उसका शरीर बड़ा ही नाज़ुक सा था और सेक्स के टाइम पर उसको अपनी चूचियों को चुसवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आता था पर वो रश्मि को संतुष्ट कर देता था पर फिर भी रश्मि को उसमे एक मर्द की कमी हमेशा लगती थी ।

एक बार तो रश्मि के पति ने उससे आधे घंटे तक चुचियों को चुसवाया तो रश्मि ने झुंझलाकर उससे पूछा की कही तुम पहले औरत तो नहीं थे,तब रश्मि के पति ने स्वीकार किया की शादी के पहले वो एक बाइसेक्सुअल था और उसका एक दोस्त उसकी चुचियों को हमेशा दबाते और चूसते रहता था,रश्मि के पति को भी उसके उस दोस्त का लन्ड चूसने की आदत थी..पर रश्मि से शादी होने के बाद उसने यह सब छोड़ दिया पर चूचियों को चुस्वाने की आदत उसे अभी भी है...ये सुनकर रश्मि को उसके कॉलेज के दिन याद आ गए जब उसकी एक आंटी उसे सेक्स एजुकेशन के नाम पर अपने मम्मे चुस्वाया करती थी...इसलिये रश्मि को उसके पति की आदत पर कोई अचरज नहीं हुआ ।

कुछ ही समय में वो लोग दूसरे शहर के अस्पताल पहुंच गए जो की एक सरकारी अस्पताल था..इस वजह से वहां काउंटर पर बहुत भीड़ थी...रश्मि ने उसके पति को पेशेंट एरिया में बैठाया और लाइन में खड़ी हो गई...तभी उसे ध्यान आया कि ड्राइवर भूखा होगा तो उसने उसको फोन लगाकर बोला की भैय्या यहां भीड़ बहुत है तो तुम खाना खा लो...अभी हमें बहुत वक्त लगेगा तो आमिर बोला की कोई बात नही मैडम आप काम निपटा लीजिए,खाना मैं रास्ते में लौटते वक्त खा लूंगा...फिर उसने पूछा की अंकल कहां है...तो रश्मि ने उसे बताया की उनको पेशेंट एरिया में बैठाया है...

थोड़ी देर बाद आमिर दो ग्लास फलों का ज्यूस और सैंडविच लेकर पेशेंट एरिया में जाता है और रश्मि के पति को कहता है की अंकल आप सैंडविच का नाश्ता कर लो और ज्यूस पी लो,क्योंकि यहां बहुत टाइम लग सकता है और मैं जाकर मैडम को भी यहां भेजता हूं, वहां लाइन में मैं लग जाऊंगा..रश्मि का पति आमिर के इस व्यवहार से बड़ा खुश हो जाता है और उसे थैंक यू बोलता है...अब आमिर रश्मि के पास जाता है और उसे उसके पति के पास नाश्ता करने के लिए भेज देता हैं और खुद लाइन में खड़ा हो जाता है,रश्मि उसके इस व्यवहार पर फिर से खुश हो जाती है और उससे पूछती है की क्या उसने नाश्ता कर लिया तो आमिर कहता है की नहीं पहले आप नाश्ता कर लो मैं फिर कर लूंगा...तब तक मैं यहां लाइन में खड़ा हूं...

रश्मि उसके पति के पास जाती है और उससे पूछती है की क्या उसने नाश्ता कर लिया तो वो कहता है कि हां कर लिया...और फिर कहता है की यह ड्राईवर एक दोस्त की तरह ख्याल रख रहा है...अपने पति से ड्राइवर की तारीफ़ सुनकर रश्मि बहुत खुश हो जाती है और कहती है की हां इस अजनबी शहर में एक दोस्त मिल गया !!

नाश्ता करने के बाद जब रश्मि वापस लाइन में लगने के लिए जाती है तो वहां आमिर नहीं मिलता,कहां चला गया यह सोच कर वो थोड़ा परेशान हो जाती है की तभी आमिर उसके पीछे से आकर उसके कान में धीरे से हेलो कहता है तो रश्मि एक दम से चौंक जाती है..वो पूछती है की लाइन छोड़कर कहां चले गए थे,तो आमिर कहता हैं की उसका एक जरूरी काम था वो करने गया था फिर वो अचनाकंसे रश्मि का हाथ पकड़ के भीड़ से बाहर खींच लेता हैं और उसको डॉक्टर की फाइल देते हुए कहता हैं की आप को अब लाइन में लगने की जरूरत नहीं....रश्मि आश्चर्यचकित रह जाती है और मन ही मन में सोचती हैं की यह तो सच में मर्द है जो एक औरत की इतनी मदद कर रहा है...रश्मि कुछ देर तक उसको देखती रहती है, उसकी आंखों में आसूं आ जाते है और वो उसको सिर्फ इतना ही कह पाती है की थैंक्यू वेरी मच !!

जब रश्मि के पति को यह पता चलता है तो वो आमिर का हाथ पकड़ के कहता है थैंक यू दोस्त वन्स अगेन !! इस बार आमिर रश्मि की आंखो में झांकते हुए कहता है की नो थैंक यू इन फ्रेंडशिप आपने मुझे दोस्त बोला है !! यह सुनकर सब हस पड़ते है।

रात को वापस अपने शहर लौटते वक्त वो लोग लेट हो जाते है पर आज रश्मि की जिंदगी में एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी थी...जो उसकी आगे की जिंदगी सेक्स और रसो से भर देने वाली है....पढ़ते रहिए ....

भाग दो - पहला चुम्बन :

ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते है, रश्मि अपने ऑफिस और घर के कामों में व्यस्त हो जाती है, एक दिन अचानक शाम को रश्मि के घर की घंटी बजती है,रश्मि का पति दरवाजा खोलता है,रश्मि अभी ऑफिस से नहीं आयी थी..दरवाजे पर आमिर खड़ा होता है एक फलों की टोकरी लेके..रश्मि का पति उसे अंदर आने को कहता है...उसे थोड़ा असमंजस होता है आमिर को देख कर क्योंकि उसके साथ उन लोगो के कोई ऐसे संबंध नहीं थे की आमिर उनके घर आए...आमिर इस बात को समझ जाता है और कहता है की उसके एक दोस्त का सेब का एक्सपोर्ट का काम है तो उसने आमिर के मातापिता के लिए एक्सपोर्ट क्वालिटी के सेब भेजे है,अब वो लोग तो इतना सेब खाते नहीं है तो उसने सोचा की क्यों ना थोड़े सेब आपको दे दून और आपसे दुआ सलाम करके अगले महीने कब जाना है यह भी पूछता चलूं...यह सुनकर रश्मि का पति थोड़ा रिलेक्स होता है और कहता है की वो रश्मि से पूछकर बताएगा की कब जाना है...फिर वो आमिर को बोलता है की बैठो मैं कॉफी बनाता हूं तुम्हारे लिए...तो आमिर बोलता है की नहीं आप तकलीफ ना करें मैं फिर कभी आके पी लूंगा जब मैडम होंगी घर पे !

फिर आमिर रश्मि के पति से उसके परिवार के बारे में पूछता है और जब रश्मि का पति उसे बताता है की उसकी कैंसर की बीमारी की वजह से उसके सारे रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ लिया है और उनका होना ना होने के बराबर है...तो आमिर अपनी सहानुभूति देते हुए कहता है की आपको कभी किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे बताएं आखिर आपने मुझे अपना दोस्त बोला है...सुनकर रश्मि का पति मुस्कुरा देता है और कहता है ज़रूर दोस्त, जरूरत पड़ने पर मैं तुम्हे अवश्य फोन करूंगा, तो आमिर कहता है की मैडम को जब भी मार्केट जाना हो या कुछ सामान लाना हो तो मैं अपने किसी ड्राइवर को भेज दूंगा आप लोग चले जाना,यह कहकर वो चला जाता है...

रश्मि जब ऑफिस से वापस आती है तो उसका पति उसे सारी बातें बताता है और कहता है की लो भाई तुम्हारी आनेजाने की समस्या का हल हो गया है अब जब भी तुम्हे बाजार से कोई सामान लाना हो तो आमिर को फोन कर देना वो एक अच्छा आदमी है...यह सुन कर रश्मि अब फिर से गुदगुदा जाती है..रश्मि का पति उसे कहता है की अगले महीने कब चलने का प्लान है आमिर को फोन कर के बता देना बुकिंग करने के लिए...

रात को करीब दस बजे रश्मि आमिर को फोन लगाती है जैसे ही आमिर हेलो बोलता है रश्मि का दिल जोरों से धड़क उठता है...पहले तो रश्मि उसे सेब की पेटी के लिए धन्यवाद बोलती है और फिर अगले महीने की तारीख़ बताती है दूसरे शहर फिर से जाने के लिए...फिर वो उससे पूछती है की वो कहां है तो आमिर बताता है की वो दिल्ली में है किसी कस्टमर को लेकर आया है...आज की रात वो रुकेगा और कल वापस लौटेगा...फिर वो रश्मि से पूछता है की कुछ लाना है उनके लिए तो रश्मि मना कर देती है...आमिर कहता है की यहां दिल्ली में लहंगे और कॉस्ट्यूम्स बहुत अच्छे मिलते है...अगर रश्मि चाहे तो वो ला सकता है..बहुत जोर देने पर रश्मि कहती है की ठीक है पर अगर कपड़े उसे फिट नहीं आए तो नुकसान हो जाएगा तो आमिर कहता है चिंता की कोई बात नही अगर कपड़े फिट नहीं आये तो वो अगली बार जब दिल्ली आएगा तो रिटर्न कर देगा...
फिर वो रश्मि से पूछता है की आपने खाना खा लिया तो रश्मि कहती है की हां और आपने? तो वो एक ठंडी सांस लेकर कहता है की उसकी ऐसी किस्मत कहां जो उसे कोई गरमा गरम खाना खिलाएं यह सुनकर रश्मि भावुक हो जाती है और कहती है की जब वो लौटेगा तो वो उसे अपने घर पर दावत देगी और गरमा गरम खाना खिलाएगी...आमिर यह सुनकर खुश हो जाता है और फिर रश्मि से पूछता है की क्या वो उसको फोन कर सकता है...रश्मि को वो अब और अच्छा लगने लगा था तो उसने भी कह दिया की वो उसे फोन कर सकता है...

अब धीरे धीरे दोनो में बातें होने लगी...थोड़ा बहुत मजाक भी करने लगे वो दोनो...एक दिन बातों बातों में रश्मि ने आमिर से कहा की उसे अब कोई अच्छी लड़की देख कर शादी कर लेनी चाहिए तो आमिर ने कहा की वो थोड़ा लेट हो गया इस मामले में, एक बहुत अच्छी लड़की उसे मिली पर एक अंकल उसे ले उड़े...तो रश्मि ने धीरे से बोला की क्या हुआ ले उड़े तो अगर तुम कोशिश करते रहो तो क्या पता वो तुम्हे भी मिल जाए...सब कुछ संभव है...तो आमिर ने कहा की हां प्यार में सब कुछ संभव है और जायज़ भी है...रश्मि यह सुनकर मुस्कुरा दी...

एक दिन आमिर रश्मि को फोन करता है और कहता है की कल वो वापस पहुंच जाएगा और रात को करीब नौ बजे उसके यहां आएगा तो रश्मि ने कहा की ठीक है वो उसका इंतजार करेगी और रात का खाना भी साथ में ही खायेंगे...तो आमिर ने कहा हा जी वो भी गरमा गरम..
दूसरे दिन रात को करीब नौ बजे आमिर रश्मि के यहां पहुंचता है उसके साथ में चार शॉपिंग बैग होते है...जिसमे से एक में रश्मि के लिए लहंगे और एक में वेस्टर्न ड्रेसेज और एक में नाईटगाउन होते है...और एक बेग में रश्मि के पति के लिए कुछ कुर्ता पजामा होते है...रश्मि और उसका पति इतनी सारी गिफ्ट देख कर अचंभित हो जाते है...
रश्मि उससे पूछती है की वो ये सब क्यों कर रहा है तो आमिर उसकी आंखो में झांकते हुए कहता है की अपने सबसे अच्छे दोस्तो के लिए तो करना ही पड़ता है..
वो लोग फिर खाना खाने के लिए बैठते है...आज रश्मि आमिर की आंखो में खुल कर देख रही थी और वो बड़ी प्यासी नजरों से रश्मि को देख रहा था...अचानक रश्मि को पता नहीं क्या हुआ उसने उसके पति के सामने ही आमिर का हाथ पकड़ा और उसे कहा की थैंक यू भैय्या...आमिर ने जवाब में कहा की या तो उसे दोस्त कहे या फिर भैया तो रश्मि ने इठलाते हुए कहा की वो तो उसे भैय्या ही कहेगी..और उसे धीरे से आंख मार दी...रश्मि का पति यह सुन कर बड़ा खुश हो गया और उसने भी आंख मारते हुए कहा की तुम भाई बहन आपस में बातें करो में अब सोने जा रहा हूं....और वो अपने बेडरूम में चले गया।

अब रश्मि और आमिर अकेले एक सोफे पर बैठे थे और एक दूसरे की आंखो में झांक कर मन को पढ़ने की कोशिश कर रहे थे तभी आमिर ने कहा की एक बेग में कुछ विशेष गिफ्ट है रश्मि के लिए और बोला की क्या वो उस ड्रेस में उसके फोटो उसको भेजेगी अगर वो उसे पहन कर नहीं दिखा सकती...तो रश्मि ने कहा की क्यों नही दिखा सकती तुम बैठो मैं अभी चेंज कर के आती हूं ऐसा कह कर वो बेग लेकर कमरे में चली जाती है...जब वो बेग खोलती है तो उसमे चार बेहद सेक्सी नाइट गाउन होते है...जो की एकदम ट्रांसपेरेंट और कमर से थोड़े नीचे की लंबाई लिए हुए होते है...वो ये देख कर एकदम से गरम हो जाती है क्योंकि अब आमिर उसके और उसके पति की दिल में जगह बना चुका था...पहले तो वो नही पहनने का सोचती है फिर सोचती है की आमिर उन लोगो के लिए इतना करता है तो फिर उसकी इच्छा पूरी करनी चाहिए...यह सोच कर वो एक नाईट गाउन पहन लेती है... उस नाईट गाउन में से उसकी लाल कलर की ब्रा और पेंटी साफ नजर आ रही थी...उसके कमर के नीचे चिकनी और बेहद गोरी जांघें चमक रही थी...वो ऐसे ही बाहर आती है और आमिर के पीछे जाकर उसकी आंखे बंद कर देती है...आमिर उसको आगे खींचता हुआ कहता है की बंद आंखो से तो वो उसको रोज रात को देखता है आज खुली आंखों से देखना है...और वो रश्मि के हाथ अपनी आंखों से हटा देता है....अब रश्मि की आंखे शर्म से बंद हो जाती है, आमिर उसको बड़े ध्यान से देखता है, गुलाब की पंखुड़ियों से भी लाल और नाजुक होंठ...बड़ी बड़ी आंखे....दूध जैसा गोरा रंग...बड़े बड़े मम्मे जो की ब्रा में से आधे दिख रहे थे...भरी भरी मांसल जांघें...यह सब देख के उसका लन्ड बुरी तरह से खड़ा हो गया...अब आमिर से कंट्रोल नही होता और वो आगे बढ़कर रश्मि के गुलाबी होंठो को चूम लेता है...जैसे ही वो चूमता है रश्मि के होंठ थरथरा जाते है और उसकी चूत गीली हो जाती है...
अब रश्मि दूसरी तरफ मुंह घुमा लेती है...आमिर उसका चेहरा अपनी तरफ करके फिर एक बार उसके होंठो का चुम्बन लेता है...इस बार वो उसके होठों पर अपने होंठो का दबाव रखता है जिससे रश्मि चुम्बन तोड़ नहीं पाती....वो थोड़ी ताकत लगाकर आमिर से अलग हो जाती है और कहती है की ये सब गलत है वो ऐसा नहीं कर सकती...उसके पति को पता चलेगा तो अच्छा नहीं होगा...

तब आमिर उसे कहता है की वो उसके प्रेम में पागल हो चुका है और रश्मि के अलावा उसे कुछ नहीं दिखाई देता...यहां तक कि उसका दो बार एक्सीडेंट भी हो चुका है वो ड्राइव करते वक्त रश्मि के ख्यालों में इतना खोया था की उसे आगे की गाड़ी ही नहीं दिखी...यह सुनकर रश्मि को एक झटका लगता है वो उससे कहती है की वो एक शादी शुदा औरत है और अपने पति को धोखा नहीं दे सकती..तब आमिर उसे कहता है की याद करो तुमने ही कहा था की मैं कोशिश करते रहूं,इस दुनिया में सब कुछ संभव है....तो तुम मेरी क्यों नही हो सकती... मैं तुमसे शादी करूंगा....तुम बोलो की क्या करना है,मुझसे अकेलापन अब बर्दाश्त नहीं होता...तुम जो बोलोगी वो मैं करूंगा पर मुझे तुम चाहिए ही चाहिए....तब रश्मि उसको कहती है की तुम पागल जैसी बातें मत करो मैं तुम्हारी दोस्त बनने को तैयार हूं पर शादी,तुम्हे पता है की मेरी एक बड़ी बेटी हैं जो बाहर नौकरी करती है...अब उसकी शादी का वक्त है मेरी शादी का नहीं..

आमिर उससे कहता है की वो उसकी बेटी की शादी में पूरी मदद करेगा उसे अपनी बेटी की तरह ही रखेगा...बस रश्मि एक बार उसकी बन जाए...रश्मि उसके इस प्रेम के तूफान को देख कर हैरान थी...वो भी आमिर को खोना नहीं चाहती थी...दिल ही दिल में वो भी आमिर को पसंद करती थी...पर शादी यह नही सोचा था उसने...ज्यादा से ज्यादा एक आध बार सेक्स करने का ख्याल जरूर आया था उसके मन में,तो उसने आमिर को समझाते हुए कहा की तुम एक मैच्योर मर्द हो...हमारे संबंध अभी नए नए है....इन्हे थोड़ा वक्त दो...मुझे भी तुम पसंद हो पर मुझे इन सब बातों के लिए वक्त चाहिए...तब आमिर ने बेसब्र होकर पूछा कितना वक्त तब रश्मि ने जवाब दिया...शायद दो साल या चार साल..क्या तुम इतना इंतजार कर पाओगे...तो आमिर ने जवाब दिया की उसकी ये ज़िंदगी अब रश्मि के नाम है...उसे अगर मरते दम तक भी इंतज़ार करना पड़ा तो वो करेगा....

अब रश्मि से रहा नहीं गया और उसने आगे बढ़कर अपने होंठ,आमिर के होंठो पर रख दिए और उन्हें हल्के हल्के चूमने लगी...ये रश्मि का किसी गैर मर्द के साथ पहला चुंबन था, उसकी आंखो में आंसू थे वो बोली...कही ऐसा तो नहीं की वो बीच में ही सब्र छोड़ देगा...तो आमिर ने कहा की वो जुबान का पक्का है आज से रश्मि उसके लिए पत्नी जैसी है और वो उसके अलावा किसी की भी तरफ़ आंख उठाकर भी नही देखेगा...और फिर वो रश्मि को अपनी बाहों में कस लेता है और उसे किस करने लगता है...रश्मि के सब्र का बांध पहले ही टूट चुका था तो वो भी आमिर का साथ देने लगी और दोनो एक दूसरे के होंठो का रस पीने लगे...धीरे धीरे आमिर का हाथ रश्मि की कमर के नीचे जा पहुंचता है और वो रश्मि की गदराई गांड़ को सहलाने लगता है....उसका एक हाथ जैसे ही गाउन के नीचे जाकर पेंटी के ऊपर घूमता है...रश्मि एक झटके से उससे अलग हो जाती है....और कहती है की नहीं आमिर अभी नहीं...अभी मैं इन सब के लिए तैयार नहीं हूं...तो फिर कब? तो वो कहती है की सब्र करो अभी तो तुमने कहा था की तुम मेरे लिए जिंदगी भर इंतजार कर सकते हो तो आमिर ने कहा की ठीक है....आज के बाद जब तक रश्मि खुद पहल नहीं करेगी वो उसको हाथ भी नहीं लगाएगा,यह बोलते हुए वो मुस्कुरा दिया...क्योंकि वो रश्मि को मुंह से चखना चाहता था हाथो का काम तो बहुत कम था उसमे!,

इस तरह की बातों में रात बहुत देर हो जाती है और आमिर रश्मि से फिर मिलने का वादा लेकर चला जाता है...जाते जाते वो एक किस का इशारा करता है जिसको देख के रश्मि के चहेरे पर एक मुस्कान आ जाती है ।

रश्मि भी अपने बेडरूम में आ जाती है और सारे घटनाचक्र के बारे में सोचने लगती है वो जितना आमिर के बारे में सोचती है उतना ही वो उसको मिस करती है...आमिर का मासूम चेहरा उसका गठीला बदन...उसके होठों का वो पहला चुंबन...रह रह कर उसके शरीर में सेक्स की तरंगे उठने लगती है और रश्मि निश्चय करती है की आमिर के साथ वो अपने रिश्ते को आगे बढ़ाएगी...

दूसरे दिन रश्मि आमिर को फोन करती है और उससे पूछती है की तुम कहां हो तो आमिर कहता है की वो ऑफिस में है..तब रश्मि कहती है की उसे घर का कुछ समान खरीदना है तो क्या वो साथ में चल सकता है, आमिर कहता है की ठीक है में गाड़ी लेकर तुम्हारे ऑफिस आ रहा हूं.....आगे अगले भाग में
Amezing...

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दोस्ती की शुरुआत :

जैसा कि पहले भाग में हमने देखा था की रश्मि को उसके हार्ट पेशेंट पति को दूसरे शहर में ले जाने के लिए,कार और ड्राइवर की जरूरत थी, उसकी बहन जिनी ने उसको एक ड्राइवर का नंबर दिया और कहा की देखना ड्राइवर बहुत अच्छा और एकदम हैंडसम है कहीं तेरा दिल नहीं आ जाए उसपर...ऐसा वो इसलिए कह रही थी क्योंकि रश्मि पिछले कुछ सालों से सेक्स जीवन का मजा नहीं ले पा रही थी, एक तो उसका पति बीमार था दूसरा कुछ काम नहीं कर पा रहा था तो रश्मि को मजबूरन एक प्राइवेट नौकरी करनी पड़ रही थी जिसकी वजह से वो बहुत फ्रस्ट्रेट थी...कई बार उसे एक मजबूत मर्द की बाहों के सहारे की जरूरत महसूस होती थी...पर वो कुछ कर नहीं पा रही थी,जब जिनी ने उसे कहा की ड्राइवर का स्वभाव बहुत ही अच्छा है और वो बहुत हैंडसम भी है तो रश्मि के दिल में पता नहीं क्यों एक गुदगुदी सी हुई और उसे लगा की उसकी चूत गीली हो गई...उसने पूछा क्या नाम है तो जिनी ने कहा की ड्राइवर का नाम आमिर है और वो 36 साल का एक कड़क मर्द है...रश्मि ने जिनी को छेड़ते हुए पूछा की क्या उसने उसका कड़कपन देखा है...जिनी ने ठंडी आह भरते हुए कहा की नहीं, मैंने कोशिश तो बहुत की पर आमिर ने मुझे कोई भाव नहीं दिया । फिर रश्मि को कहा की तू भी ट्राई मार के देख लेना क्या पता तेरा जादू चल जाए उसपे ।

जब आमिर उसके घर आया तो पहली ही नजर में दोनो के बीच एक जबरदस्त आकर्षण पैदा हुआ...आमिर रश्मि को पहली ही नज़र में पसंद आ गया वो वाकई बहुत हैंडसम लग रहा था और उस दिन तो रश्मि भी कयामत ढा रही थी उसने एक टाइट जींस जिसमें से उसकी पेंटी का उभार साफ नजर आ रहा था और एक लो नेक टैंक टॉप पहना हुआ था जो उसकी गहरी घाटियों को दिखा रहा था...रश्मि का गोरा रंग और उस पर काला चश्मा,आमिर तो उसे देखते ही रह गया...

जब वो लोग कार में बैठे तो रश्मि का पति ड्राइवर की सीट के ठीक पीछे बैठा और रश्मि उसके पास में...ये देख कर आमिर की तो जैसे मुराद पूरी हो गई...क्योंकि उसने रीयर व्यू मिरर इस तरह सेट कर लिया था की वो अब रश्मि को बड़े आराम से ताड़ सकता था...रश्मि भी जब पीछे सीट पर बैठी तो उसकी नजर सीधे रीयर व्यू मिरर पर गई और उसका दिल धड़क उठा क्योंकि वो आमिर की नज़रों को देख सकती थी...

कुछ दूर शहर से बाहर होते ही रश्मि का पति ऊंघने लगा...अब आमिर मिरर में से रश्मि को निहार रहा था...रश्मि ने उसे ताड़ते हुए देख लिया पर चूंकि उसने काला चश्मा लगा रहा था तो आमिर को पता नहीं चला की रश्मि भी उसे ही देख रही है...अब रश्मि ने सोचा की टाइम पास करने के लिए चलो इससे ही बातें की जाए तो उसने आमिर से उसके बारे में जानकारी लेना शुरू कर दी की वो कहां रहता है और उसके घर में कौन कौन है...आमिर ने बताया कि वो शहर बाहर जंगलों के पास एक छोटे गांव में रहता है और उसके परिवार में सिर्फ उसके मां बाप है...उसने बताया कि उसने MBA किया है और दस सालों तक उसने दुबई में नौकरी की है...फिर उसके पिता की तबियत ज्यादा ख़राब होने पर उसे नौकरी छोड़कर वापस आना पड़ा...यहां गांव में कोई अच्छा काम ना मिलने पर उसने 4 गाड़ियां ख़रीद ली और ट्रेवल्स का काम शुरू कर दिया...यह सुनकर रश्मि उससे बड़ी प्रभावित हुई क्योंकि रश्मि ने भी mba किया था और उसे भी कोई ढंग की नौकरी नहीं मिली थी...रश्मि ने मन ही मन सोचा की चलो यह पढ़ा लिखा ड्राइवर है तो इसे ही हमेशा लेकर जाएंगे ।

फिर रश्मि ने उसके पति को कोहनी मारते हुए कहा की सुनाजी यह भैया ने MBA किया है मेरे जैसा और दुबई में दस साल नौकरी भी की है...यहां आने के बाद ये इनका खुद का ट्रेवल्स का बिजनेस है...अब आगे से हम इनको ही लेकर आएंगे....रश्मि का पति ये सुनकर बड़ा आश्वस्त हुआ की चलो एक पढ़ा लिखा आदमी साथ में चलेगा तो रश्मि को कोई तकलीफ नहीं आयेगी अगर उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो...

अब उनके बीच माहौल अनौपचारिक हो गया था...क्यूंकि जिसे वो ड्राइवर समझ रहे थे वो एक बिज़नेस मैन था और उनके बराबरी के स्तर का था...रश्मि की खुशी का तो मानो ठिकाना ही नहीं था अब वो गॉगल में से आमिर के चेहरे को निहार रही थी और मन ही मन सोच रही थी की जिनी ने सही कहा था की ड्राइवर बड़ा हैंडसम है...आमिर भी बार रश्मि को देखे जा रहा था और सोच रहा था कितनी सेक्सी और अच्छी औरत है...काश ये मेरी होती !!

फिर एकाकेक रश्मि ने पूछा की भैय्या आपके कितने बच्चे है तो आमिर ने जवाब दिया की अभी तक उसने शादी नहीं की है...रश्मि ने पूछा की ऐसा क्यों तो वो बोला की कोई लड़की उसके मां बाप की सेवा करने को तैयार नहीं है..और वो उसके मां बाप को उनके आखिरी समय में अकेले नहीं छोड़ सकता...यह सुनकर रश्मि उससे और प्रभावित हो गई...फिर उसने माहोल को हल्का करने के लिए आमिर से बोला की भैय्या कोई अच्छे से गाने लगाओ ना...तो आमिर ने किशोर कुमार के रोमांटिक गाने लगा दिए...

अब रश्मि भी साथ साथ गुनगुनाने लगी और साथ ही साथ आमिर को भी निहारती जा रही थी की क्या मस्त हैंडसम मर्द है,सांवला रंग और गठीला शरीर वाकई कड़क मर्द होगा यह तो...और मन ही मन अपनी सोच पर हंस पड़ी...रश्मि भी एक बहुत ही गर्म औरत थी... जो चाहती थी की कोई कड़क मर्द उसे अपनी बाहों में लेकर बुरी तरह मसल दे तो वो उसकी गुलाम हो जाए...कैंसर के पहले तक रश्मि का पति सेक्स के मामले में बड़ा एक्टिव था पर उसका शरीर बड़ा ही नाज़ुक सा था और सेक्स के टाइम पर उसको अपनी चूचियों को चुसवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आता था पर वो रश्मि को संतुष्ट कर देता था पर फिर भी रश्मि को उसमे एक मर्द की कमी हमेशा लगती थी ।

एक बार तो रश्मि के पति ने उससे आधे घंटे तक चुचियों को चुसवाया तो रश्मि ने झुंझलाकर उससे पूछा की कही तुम पहले औरत तो नहीं थे,तब रश्मि के पति ने स्वीकार किया की शादी के पहले वो एक बाइसेक्सुअल था और उसका एक दोस्त उसकी चुचियों को हमेशा दबाते और चूसते रहता था,रश्मि के पति को भी उसके उस दोस्त का लन्ड चूसने की आदत थी..पर रश्मि से शादी होने के बाद उसने यह सब छोड़ दिया पर चूचियों को चुस्वाने की आदत उसे अभी भी है...ये सुनकर रश्मि को उसके कॉलेज के दिन याद आ गए जब उसकी एक आंटी उसे सेक्स एजुकेशन के नाम पर अपने मम्मे चुस्वाया करती थी...इसलिये रश्मि को उसके पति की आदत पर कोई अचरज नहीं हुआ ।

कुछ ही समय में वो लोग दूसरे शहर के अस्पताल पहुंच गए जो की एक सरकारी अस्पताल था..इस वजह से वहां काउंटर पर बहुत भीड़ थी...रश्मि ने उसके पति को पेशेंट एरिया में बैठाया और लाइन में खड़ी हो गई...तभी उसे ध्यान आया कि ड्राइवर भूखा होगा तो उसने उसको फोन लगाकर बोला की भैय्या यहां भीड़ बहुत है तो तुम खाना खा लो...अभी हमें बहुत वक्त लगेगा तो आमिर बोला की कोई बात नही मैडम आप काम निपटा लीजिए,खाना मैं रास्ते में लौटते वक्त खा लूंगा...फिर उसने पूछा की अंकल कहां है...तो रश्मि ने उसे बताया की उनको पेशेंट एरिया में बैठाया है...

थोड़ी देर बाद आमिर दो ग्लास फलों का ज्यूस और सैंडविच लेकर पेशेंट एरिया में जाता है और रश्मि के पति को कहता है की अंकल आप सैंडविच का नाश्ता कर लो और ज्यूस पी लो,क्योंकि यहां बहुत टाइम लग सकता है और मैं जाकर मैडम को भी यहां भेजता हूं, वहां लाइन में मैं लग जाऊंगा..रश्मि का पति आमिर के इस व्यवहार से बड़ा खुश हो जाता है और उसे थैंक यू बोलता है...अब आमिर रश्मि के पास जाता है और उसे उसके पति के पास नाश्ता करने के लिए भेज देता हैं और खुद लाइन में खड़ा हो जाता है,रश्मि उसके इस व्यवहार पर फिर से खुश हो जाती है और उससे पूछती है की क्या उसने नाश्ता कर लिया तो आमिर कहता है की नहीं पहले आप नाश्ता कर लो मैं फिर कर लूंगा...तब तक मैं यहां लाइन में खड़ा हूं...

रश्मि उसके पति के पास जाती है और उससे पूछती है की क्या उसने नाश्ता कर लिया तो वो कहता है कि हां कर लिया...और फिर कहता है की यह ड्राईवर एक दोस्त की तरह ख्याल रख रहा है...अपने पति से ड्राइवर की तारीफ़ सुनकर रश्मि बहुत खुश हो जाती है और कहती है की हां इस अजनबी शहर में एक दोस्त मिल गया !!

नाश्ता करने के बाद जब रश्मि वापस लाइन में लगने के लिए जाती है तो वहां आमिर नहीं मिलता,कहां चला गया यह सोच कर वो थोड़ा परेशान हो जाती है की तभी आमिर उसके पीछे से आकर उसके कान में धीरे से हेलो कहता है तो रश्मि एक दम से चौंक जाती है..वो पूछती है की लाइन छोड़कर कहां चले गए थे,तो आमिर कहता हैं की उसका एक जरूरी काम था वो करने गया था फिर वो अचनाकंसे रश्मि का हाथ पकड़ के भीड़ से बाहर खींच लेता हैं और उसको डॉक्टर की फाइल देते हुए कहता हैं की आप को अब लाइन में लगने की जरूरत नहीं....रश्मि आश्चर्यचकित रह जाती है और मन ही मन में सोचती हैं की यह तो सच में मर्द है जो एक औरत की इतनी मदद कर रहा है...रश्मि कुछ देर तक उसको देखती रहती है, उसकी आंखों में आसूं आ जाते है और वो उसको सिर्फ इतना ही कह पाती है की थैंक्यू वेरी मच !!

जब रश्मि के पति को यह पता चलता है तो वो आमिर का हाथ पकड़ के कहता है थैंक यू दोस्त वन्स अगेन !! इस बार आमिर रश्मि की आंखो में झांकते हुए कहता है की नो थैंक यू इन फ्रेंडशिप आपने मुझे दोस्त बोला है !! यह सुनकर सब हस पड़ते है।

रात को वापस अपने शहर लौटते वक्त वो लोग लेट हो जाते है पर आज रश्मि की जिंदगी में एक नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी थी...जो उसकी आगे की जिंदगी सेक्स और रसो से भर देने वाली है....पढ़ते रहिए ....

भाग दो - पहला चुम्बन :

ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते है, रश्मि अपने ऑफिस और घर के कामों में व्यस्त हो जाती है, एक दिन अचानक शाम को रश्मि के घर की घंटी बजती है,रश्मि का पति दरवाजा खोलता है,रश्मि अभी ऑफिस से नहीं आयी थी..दरवाजे पर आमिर खड़ा होता है एक फलों की टोकरी लेके..रश्मि का पति उसे अंदर आने को कहता है...उसे थोड़ा असमंजस होता है आमिर को देख कर क्योंकि उसके साथ उन लोगो के कोई ऐसे संबंध नहीं थे की आमिर उनके घर आए...आमिर इस बात को समझ जाता है और कहता है की उसके एक दोस्त का सेब का एक्सपोर्ट का काम है तो उसने आमिर के मातापिता के लिए एक्सपोर्ट क्वालिटी के सेब भेजे है,अब वो लोग तो इतना सेब खाते नहीं है तो उसने सोचा की क्यों ना थोड़े सेब आपको दे दून और आपसे दुआ सलाम करके अगले महीने कब जाना है यह भी पूछता चलूं...यह सुनकर रश्मि का पति थोड़ा रिलेक्स होता है और कहता है की वो रश्मि से पूछकर बताएगा की कब जाना है...फिर वो आमिर को बोलता है की बैठो मैं कॉफी बनाता हूं तुम्हारे लिए...तो आमिर बोलता है की नहीं आप तकलीफ ना करें मैं फिर कभी आके पी लूंगा जब मैडम होंगी घर पे !

फिर आमिर रश्मि के पति से उसके परिवार के बारे में पूछता है और जब रश्मि का पति उसे बताता है की उसकी कैंसर की बीमारी की वजह से उसके सारे रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ लिया है और उनका होना ना होने के बराबर है...तो आमिर अपनी सहानुभूति देते हुए कहता है की आपको कभी किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे बताएं आखिर आपने मुझे अपना दोस्त बोला है...सुनकर रश्मि का पति मुस्कुरा देता है और कहता है ज़रूर दोस्त, जरूरत पड़ने पर मैं तुम्हे अवश्य फोन करूंगा, तो आमिर कहता है की मैडम को जब भी मार्केट जाना हो या कुछ सामान लाना हो तो मैं अपने किसी ड्राइवर को भेज दूंगा आप लोग चले जाना,यह कहकर वो चला जाता है...

रश्मि जब ऑफिस से वापस आती है तो उसका पति उसे सारी बातें बताता है और कहता है की लो भाई तुम्हारी आनेजाने की समस्या का हल हो गया है अब जब भी तुम्हे बाजार से कोई सामान लाना हो तो आमिर को फोन कर देना वो एक अच्छा आदमी है...यह सुन कर रश्मि अब फिर से गुदगुदा जाती है..रश्मि का पति उसे कहता है की अगले महीने कब चलने का प्लान है आमिर को फोन कर के बता देना बुकिंग करने के लिए...

रात को करीब दस बजे रश्मि आमिर को फोन लगाती है जैसे ही आमिर हेलो बोलता है रश्मि का दिल जोरों से धड़क उठता है...पहले तो रश्मि उसे सेब की पेटी के लिए धन्यवाद बोलती है और फिर अगले महीने की तारीख़ बताती है दूसरे शहर फिर से जाने के लिए...फिर वो उससे पूछती है की वो कहां है तो आमिर बताता है की वो दिल्ली में है किसी कस्टमर को लेकर आया है...आज की रात वो रुकेगा और कल वापस लौटेगा...फिर वो रश्मि से पूछता है की कुछ लाना है उनके लिए तो रश्मि मना कर देती है...आमिर कहता है की यहां दिल्ली में लहंगे और कॉस्ट्यूम्स बहुत अच्छे मिलते है...अगर रश्मि चाहे तो वो ला सकता है..बहुत जोर देने पर रश्मि कहती है की ठीक है पर अगर कपड़े उसे फिट नहीं आए तो नुकसान हो जाएगा तो आमिर कहता है चिंता की कोई बात नही अगर कपड़े फिट नहीं आये तो वो अगली बार जब दिल्ली आएगा तो रिटर्न कर देगा...
फिर वो रश्मि से पूछता है की आपने खाना खा लिया तो रश्मि कहती है की हां और आपने? तो वो एक ठंडी सांस लेकर कहता है की उसकी ऐसी किस्मत कहां जो उसे कोई गरमा गरम खाना खिलाएं यह सुनकर रश्मि भावुक हो जाती है और कहती है की जब वो लौटेगा तो वो उसे अपने घर पर दावत देगी और गरमा गरम खाना खिलाएगी...आमिर यह सुनकर खुश हो जाता है और फिर रश्मि से पूछता है की क्या वो उसको फोन कर सकता है...रश्मि को वो अब और अच्छा लगने लगा था तो उसने भी कह दिया की वो उसे फोन कर सकता है...

अब धीरे धीरे दोनो में बातें होने लगी...थोड़ा बहुत मजाक भी करने लगे वो दोनो...एक दिन बातों बातों में रश्मि ने आमिर से कहा की उसे अब कोई अच्छी लड़की देख कर शादी कर लेनी चाहिए तो आमिर ने कहा की वो थोड़ा लेट हो गया इस मामले में, एक बहुत अच्छी लड़की उसे मिली पर एक अंकल उसे ले उड़े...तो रश्मि ने धीरे से बोला की क्या हुआ ले उड़े तो अगर तुम कोशिश करते रहो तो क्या पता वो तुम्हे भी मिल जाए...सब कुछ संभव है...तो आमिर ने कहा की हां प्यार में सब कुछ संभव है और जायज़ भी है...रश्मि यह सुनकर मुस्कुरा दी...

एक दिन आमिर रश्मि को फोन करता है और कहता है की कल वो वापस पहुंच जाएगा और रात को करीब नौ बजे उसके यहां आएगा तो रश्मि ने कहा की ठीक है वो उसका इंतजार करेगी और रात का खाना भी साथ में ही खायेंगे...तो आमिर ने कहा हा जी वो भी गरमा गरम..
दूसरे दिन रात को करीब नौ बजे आमिर रश्मि के यहां पहुंचता है उसके साथ में चार शॉपिंग बैग होते है...जिसमे से एक में रश्मि के लिए लहंगे और एक में वेस्टर्न ड्रेसेज और एक में नाईटगाउन होते है...और एक बेग में रश्मि के पति के लिए कुछ कुर्ता पजामा होते है...रश्मि और उसका पति इतनी सारी गिफ्ट देख कर अचंभित हो जाते है...
रश्मि उससे पूछती है की वो ये सब क्यों कर रहा है तो आमिर उसकी आंखो में झांकते हुए कहता है की अपने सबसे अच्छे दोस्तो के लिए तो करना ही पड़ता है..
वो लोग फिर खाना खाने के लिए बैठते है...आज रश्मि आमिर की आंखो में खुल कर देख रही थी और वो बड़ी प्यासी नजरों से रश्मि को देख रहा था...अचानक रश्मि को पता नहीं क्या हुआ उसने उसके पति के सामने ही आमिर का हाथ पकड़ा और उसे कहा की थैंक यू भैय्या...आमिर ने जवाब में कहा की या तो उसे दोस्त कहे या फिर भैया तो रश्मि ने इठलाते हुए कहा की वो तो उसे भैय्या ही कहेगी..और उसे धीरे से आंख मार दी...रश्मि का पति यह सुन कर बड़ा खुश हो गया और उसने भी आंख मारते हुए कहा की तुम भाई बहन आपस में बातें करो में अब सोने जा रहा हूं....और वो अपने बेडरूम में चले गया।

अब रश्मि और आमिर अकेले एक सोफे पर बैठे थे और एक दूसरे की आंखो में झांक कर मन को पढ़ने की कोशिश कर रहे थे तभी आमिर ने कहा की एक बेग में कुछ विशेष गिफ्ट है रश्मि के लिए और बोला की क्या वो उस ड्रेस में उसके फोटो उसको भेजेगी अगर वो उसे पहन कर नहीं दिखा सकती...तो रश्मि ने कहा की क्यों नही दिखा सकती तुम बैठो मैं अभी चेंज कर के आती हूं ऐसा कह कर वो बेग लेकर कमरे में चली जाती है...जब वो बेग खोलती है तो उसमे चार बेहद सेक्सी नाइट गाउन होते है...जो की एकदम ट्रांसपेरेंट और कमर से थोड़े नीचे की लंबाई लिए हुए होते है...वो ये देख कर एकदम से गरम हो जाती है क्योंकि अब आमिर उसके और उसके पति की दिल में जगह बना चुका था...पहले तो वो नही पहनने का सोचती है फिर सोचती है की आमिर उन लोगो के लिए इतना करता है तो फिर उसकी इच्छा पूरी करनी चाहिए...यह सोच कर वो एक नाईट गाउन पहन लेती है... उस नाईट गाउन में से उसकी लाल कलर की ब्रा और पेंटी साफ नजर आ रही थी...उसके कमर के नीचे चिकनी और बेहद गोरी जांघें चमक रही थी...वो ऐसे ही बाहर आती है और आमिर के पीछे जाकर उसकी आंखे बंद कर देती है...आमिर उसको आगे खींचता हुआ कहता है की बंद आंखो से तो वो उसको रोज रात को देखता है आज खुली आंखों से देखना है...और वो रश्मि के हाथ अपनी आंखों से हटा देता है....अब रश्मि की आंखे शर्म से बंद हो जाती है, आमिर उसको बड़े ध्यान से देखता है, गुलाब की पंखुड़ियों से भी लाल और नाजुक होंठ...बड़ी बड़ी आंखे....दूध जैसा गोरा रंग...बड़े बड़े मम्मे जो की ब्रा में से आधे दिख रहे थे...भरी भरी मांसल जांघें...यह सब देख के उसका लन्ड बुरी तरह से खड़ा हो गया...अब आमिर से कंट्रोल नही होता और वो आगे बढ़कर रश्मि के गुलाबी होंठो को चूम लेता है...जैसे ही वो चूमता है रश्मि के होंठ थरथरा जाते है और उसकी चूत गीली हो जाती है...
अब रश्मि दूसरी तरफ मुंह घुमा लेती है...आमिर उसका चेहरा अपनी तरफ करके फिर एक बार उसके होंठो का चुम्बन लेता है...इस बार वो उसके होठों पर अपने होंठो का दबाव रखता है जिससे रश्मि चुम्बन तोड़ नहीं पाती....वो थोड़ी ताकत लगाकर आमिर से अलग हो जाती है और कहती है की ये सब गलत है वो ऐसा नहीं कर सकती...उसके पति को पता चलेगा तो अच्छा नहीं होगा...

तब आमिर उसे कहता है की वो उसके प्रेम में पागल हो चुका है और रश्मि के अलावा उसे कुछ नहीं दिखाई देता...यहां तक कि उसका दो बार एक्सीडेंट भी हो चुका है वो ड्राइव करते वक्त रश्मि के ख्यालों में इतना खोया था की उसे आगे की गाड़ी ही नहीं दिखी...यह सुनकर रश्मि को एक झटका लगता है वो उससे कहती है की वो एक शादी शुदा औरत है और अपने पति को धोखा नहीं दे सकती..तब आमिर उसे कहता है की याद करो तुमने ही कहा था की मैं कोशिश करते रहूं,इस दुनिया में सब कुछ संभव है....तो तुम मेरी क्यों नही हो सकती... मैं तुमसे शादी करूंगा....तुम बोलो की क्या करना है,मुझसे अकेलापन अब बर्दाश्त नहीं होता...तुम जो बोलोगी वो मैं करूंगा पर मुझे तुम चाहिए ही चाहिए....तब रश्मि उसको कहती है की तुम पागल जैसी बातें मत करो मैं तुम्हारी दोस्त बनने को तैयार हूं पर शादी,तुम्हे पता है की मेरी एक बड़ी बेटी हैं जो बाहर नौकरी करती है...अब उसकी शादी का वक्त है मेरी शादी का नहीं..

आमिर उससे कहता है की वो उसकी बेटी की शादी में पूरी मदद करेगा उसे अपनी बेटी की तरह ही रखेगा...बस रश्मि एक बार उसकी बन जाए...रश्मि उसके इस प्रेम के तूफान को देख कर हैरान थी...वो भी आमिर को खोना नहीं चाहती थी...दिल ही दिल में वो भी आमिर को पसंद करती थी...पर शादी यह नही सोचा था उसने...ज्यादा से ज्यादा एक आध बार सेक्स करने का ख्याल जरूर आया था उसके मन में,तो उसने आमिर को समझाते हुए कहा की तुम एक मैच्योर मर्द हो...हमारे संबंध अभी नए नए है....इन्हे थोड़ा वक्त दो...मुझे भी तुम पसंद हो पर मुझे इन सब बातों के लिए वक्त चाहिए...तब आमिर ने बेसब्र होकर पूछा कितना वक्त तब रश्मि ने जवाब दिया...शायद दो साल या चार साल..क्या तुम इतना इंतजार कर पाओगे...तो आमिर ने जवाब दिया की उसकी ये ज़िंदगी अब रश्मि के नाम है...उसे अगर मरते दम तक भी इंतज़ार करना पड़ा तो वो करेगा....

अब रश्मि से रहा नहीं गया और उसने आगे बढ़कर अपने होंठ,आमिर के होंठो पर रख दिए और उन्हें हल्के हल्के चूमने लगी...ये रश्मि का किसी गैर मर्द के साथ पहला चुंबन था, उसकी आंखो में आंसू थे वो बोली...कही ऐसा तो नहीं की वो बीच में ही सब्र छोड़ देगा...तो आमिर ने कहा की वो जुबान का पक्का है आज से रश्मि उसके लिए पत्नी जैसी है और वो उसके अलावा किसी की भी तरफ़ आंख उठाकर भी नही देखेगा...और फिर वो रश्मि को अपनी बाहों में कस लेता है और उसे किस करने लगता है...रश्मि के सब्र का बांध पहले ही टूट चुका था तो वो भी आमिर का साथ देने लगी और दोनो एक दूसरे के होंठो का रस पीने लगे...धीरे धीरे आमिर का हाथ रश्मि की कमर के नीचे जा पहुंचता है और वो रश्मि की गदराई गांड़ को सहलाने लगता है....उसका एक हाथ जैसे ही गाउन के नीचे जाकर पेंटी के ऊपर घूमता है...रश्मि एक झटके से उससे अलग हो जाती है....और कहती है की नहीं आमिर अभी नहीं...अभी मैं इन सब के लिए तैयार नहीं हूं...तो फिर कब? तो वो कहती है की सब्र करो अभी तो तुमने कहा था की तुम मेरे लिए जिंदगी भर इंतजार कर सकते हो तो आमिर ने कहा की ठीक है....आज के बाद जब तक रश्मि खुद पहल नहीं करेगी वो उसको हाथ भी नहीं लगाएगा,यह बोलते हुए वो मुस्कुरा दिया...क्योंकि वो रश्मि को मुंह से चखना चाहता था हाथो का काम तो बहुत कम था उसमे!,

इस तरह की बातों में रात बहुत देर हो जाती है और आमिर रश्मि से फिर मिलने का वादा लेकर चला जाता है...जाते जाते वो एक किस का इशारा करता है जिसको देख के रश्मि के चहेरे पर एक मुस्कान आ जाती है ।

रश्मि भी अपने बेडरूम में आ जाती है और सारे घटनाचक्र के बारे में सोचने लगती है वो जितना आमिर के बारे में सोचती है उतना ही वो उसको मिस करती है...आमिर का मासूम चेहरा उसका गठीला बदन...उसके होठों का वो पहला चुंबन...रह रह कर उसके शरीर में सेक्स की तरंगे उठने लगती है और रश्मि निश्चय करती है की आमिर के साथ वो अपने रिश्ते को आगे बढ़ाएगी...

दूसरे दिन रश्मि आमिर को फोन करती है और उससे पूछती है की तुम कहां हो तो आमिर कहता है की वो ऑफिस में है..तब रश्मि कहती है की उसे घर का कुछ समान खरीदना है तो क्या वो साथ में चल सकता है, आमिर कहता है की ठीक है में गाड़ी लेकर तुम्हारे ऑफिस आ रहा हूं.....आगे अगले भाग में
Nice story 👌👌👌
 

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