सूरज साइकल पर बैठे अपने होने वाली मामी के गांव की तरफ निकल पड़ा,, अंधेरे की वजह से सूरज धीरे धीरे साइकल चलाते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहा था,,
सूरज रास्ते भर सोच रहा था की,, आज रात को मोका मिल जाए तो शादी से पहले वह उसकी होने वाली मामी को चोद दे,, यह कल्पना किए सूरज निर्मला के घर के पास पहुंच जाते है,, सूरज साइकल को झाड़ियों में छुपाकर घर के पीछे की तरफ जाने लगता है,,
घर के पीछे जाकर तुरंत निर्मला मामी के कमरे की खीडकी के पास जाकर बैर के पेड़ के नीचे रुक जाता हे,, थोड़ी देर रुक कर कमरे के अंदर का जायजा लेने लागत है,, जब अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही थी,, तो सूरज ने हिम्मत करके धीरे से निर्मला ऐसा कहकर पुकारा,,
अब सूरज की दिलों की धड़कन तेज हो रही थी, सामने आने वाली आवाज को सुनने के लिए,, पर सामने से कोई जवाब नही आया,,
सूरज ने फिर से निर्मला को आवाज दी,, पर इस बार भी सामने से किसी ने जवान नही आया,,
( सूरज ने मन में विचार चल रहा था,, की शायद होनेवाली मामी कमरे में नहीं है,, इस बात से सूरज निराश हो गया,, अब निर्मला मामी से उसकी मुलाकात नहीं हो पाएगी,,तो सूरज घर वापस जाने की सोच रहा था की तो उसे संगीत और तबले की आवाज आने लगी,, तो सूरज धीरे धीरे उस आवाज के पीछे जाने लगा,, जैसे जैसे सूरज आगे बढ़ रहा था,, संगीत की आवाज तेज हो रही थी,,
थोड़ी दूर जाकर सूरज दीवार की ओट से जाकर छुप गया ओर सामने का नजारा देखने लगा,,)
सामने संगीत का कार्यक्रम चल रहा था,, वहा पर ढेर सारी औरते थी,, उने देखा कर सूरज का लंड धोती में हरकते करने लगा,, कुछ औरतें संगीत का आनंद लेते हुए नाच रही थी,, नाचते वक्त उनकी हिलती हुई बडी बडी गांड को देखकर सूरज के मुंह में पानी आ गया,, उन औरते में सूरज की आंखे अपने होने वाली मामी को ढूंढ रही थी,,पर उसकी होने वाली मामी उसे नजर नही आ रही थी,, वहा पर औरतों की इतनी ज्यादा भीड़ थी की उनमें होने वाली मामी को ढूंढना मुश्किल हो रहा था,,
उसे की नजर बार बार नाच रही औरतों की हिलती बड़ी बड़ी गांड पर जा रही थी,, जिसे देख सूरज धोती के ऊपर से अपना लंड मसल रहा था,, कुछ देर तक सूरज संगीत का और औरतों की मतकती गांड को देखने का मजा लेता रहा,, थोड़ी देर में संगीत का कार्यक्रम खतम हुआ सभी औरते धीरे धीरे वहा से जाने लगी,, उन औरतों की भीड़ में सूरज को उसकी होने वाली मामी नजर नही आइ तो सूरज निराश होकर वहांसे जाने लगा,,, ओर घर के पीछे की तरफ जाने लगा,,,
दूसरी तरफ घर के पीछे घने अंधेरे में दो साए आपस में बाते कर रहे थे,, दो साए में से एक आदमी था और एक औरत,,,,
(आज रात में कुछ ज्यादा अंधेरा था की अंधेरे की वजह से सामने के आदमी की पहचाना मुस्कील हो रहा था,,)
आदमी उस औरत से कहता है,,,चलो उस कमरे में अब मुझसे रहा नही जा रहा है,, औरत उस आदमी से कहती हे,आपको शरम नही आरही हे क्या कुछ दिनों में हमारी बेटी की शादी हे और आपको ये सब सूच रहा है,,
( उनके बातो से यह पता चल रहा रह की वह दोनो निर्मला के माता पिता है,,)
रत्ना का पति जब भी तुम्हे देखता हु तो मेरा लंड खड़ा हो जाता हैं,, रत्ना शरमाते हुए छी कैसी गंदी बाते करते हो,, उमर हो गई है सुधार जाओ अब,,
इसमें शरामने की क्या बात है और इतना कह का रत्ना का पति ब्लाउज के उपरसे ही उसकी चूचियां दबाने लगता है,, अपने पति के चूचियां दबाने से रत्ना के मुंह से सिसक निकल जाती हे, अहहा,, साआहह,,,
तभी रत्ना अपने पति का हात अपने चूचियों से हटाते हुए,, कहती है,, क्या कर रहे हो आप शादीब्याह का घर है,, घर पर इतने सारे मेहनमान आए हुए है, कोई देख लेगा,,
रत्ना का पति अपने लंड को धोती के ऊपर से मसलते हुए रत्ना से कहता है,, इसी लिए तो तुझे घर के पीछे लाया हू घर के पीछे बने कमरे जाके मस्त चुदाई करेंगे,,
रत्ना सहमी हुई अपने पति से कहती हे,, नही बाबा अभी नही बहुत काम है घर में इतने सारे मेहमान है उनके सोने की व्यवस्ता भी करनी है,,
रत्ना मेरी रानी बस कुछ देर का काम है जैसे ही मेरा पानी निकल जायेगा मेरा काम ही जाएगा,, ओर फिरसे रत्ना की चुचियों पर हात रख कर चुचियों को मसलते हुए रत्ना को गरम करने लगता है,,,
अपने पति के इस तरह चूचियो मसलने से रत्ना गरम होने लगती है और उसकी बुर से पानी रिसने लगता है,,
रत्ना अपने आप पर काबू रखते हुए अपने पति से कहती हे,, नही नही आप तो अपना काम करके अपना पानी निकाल कर चले जाते हों लेकिन में तो प्यासी रह जाती हू फिर मुझे उंगली से काम चलाना पड़ता है,,
तभी रत्ना का पति एक हाथ नीचे ले जाकर साड़ी के ऊपर से रत्ना की बुर मसले लगता है,, और रत्ना को गरम करने लगता है,,
और कहता है इस बार ऐसा नही होगा में चूरन खाके आया हु तुम्हे शिकायत का मोका नही दूंगा,,,
अपने पति की इस हरकत की वजह से उसकी बुर से अब पानी रिसने लगा था जिससे उसकी पेंटी को गीली करने होने लगी,,
( अपने पति बातो और हरकतों की वजह से रत्ना अभ कामवासना में बहती चली जा रही थी,, और कामतूर हो कर अपने पति से कहती हे,,)
ठीक है जल्दी चलिए अब मुझसे रहा नही जा रहा है,,
रत्ना का पति उसका हाथ पकड़ कर घर के पीछे बने कमरे की तरफ जाने लगते है,,( घर के पीछे बने कमरे में खेती में लगने वाले सामान रखे थे,,)
कमरे के पास पहुंच तेहि रत्ना का पति रत्ना से कहता है तुम यही रुको में जरा पेशाब करके आता हू,, और इतना कहकर दूर झाड़ियों में पेशाब करने चला जाता हे,,
रत्ना वही खड़ी होकर अपने पति का आने का इंतजार करने लगती है,,,
इधर सूरज बेखबर इस बात से अनजान की घर के पीछे क्या चल रहा है,, उसे कुछ मालूम नही था,, सूरज होने वाली मामी को ना मिलने की वजह से निराश हो कर घर के पीछे जाने लगते है,, आगे क्या होने वाला था उसे बिलकुल
भी अंदाजा नहीं था,,
सूरज रास्ते भर सोच रहा था की,, आज रात को मोका मिल जाए तो शादी से पहले वह उसकी होने वाली मामी को चोद दे,, यह कल्पना किए सूरज निर्मला के घर के पास पहुंच जाते है,, सूरज साइकल को झाड़ियों में छुपाकर घर के पीछे की तरफ जाने लगता है,,
घर के पीछे जाकर तुरंत निर्मला मामी के कमरे की खीडकी के पास जाकर बैर के पेड़ के नीचे रुक जाता हे,, थोड़ी देर रुक कर कमरे के अंदर का जायजा लेने लागत है,, जब अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही थी,, तो सूरज ने हिम्मत करके धीरे से निर्मला ऐसा कहकर पुकारा,,
अब सूरज की दिलों की धड़कन तेज हो रही थी, सामने आने वाली आवाज को सुनने के लिए,, पर सामने से कोई जवाब नही आया,,
सूरज ने फिर से निर्मला को आवाज दी,, पर इस बार भी सामने से किसी ने जवान नही आया,,
( सूरज ने मन में विचार चल रहा था,, की शायद होनेवाली मामी कमरे में नहीं है,, इस बात से सूरज निराश हो गया,, अब निर्मला मामी से उसकी मुलाकात नहीं हो पाएगी,,तो सूरज घर वापस जाने की सोच रहा था की तो उसे संगीत और तबले की आवाज आने लगी,, तो सूरज धीरे धीरे उस आवाज के पीछे जाने लगा,, जैसे जैसे सूरज आगे बढ़ रहा था,, संगीत की आवाज तेज हो रही थी,,
थोड़ी दूर जाकर सूरज दीवार की ओट से जाकर छुप गया ओर सामने का नजारा देखने लगा,,)
सामने संगीत का कार्यक्रम चल रहा था,, वहा पर ढेर सारी औरते थी,, उने देखा कर सूरज का लंड धोती में हरकते करने लगा,, कुछ औरतें संगीत का आनंद लेते हुए नाच रही थी,, नाचते वक्त उनकी हिलती हुई बडी बडी गांड को देखकर सूरज के मुंह में पानी आ गया,, उन औरते में सूरज की आंखे अपने होने वाली मामी को ढूंढ रही थी,,पर उसकी होने वाली मामी उसे नजर नही आ रही थी,, वहा पर औरतों की इतनी ज्यादा भीड़ थी की उनमें होने वाली मामी को ढूंढना मुश्किल हो रहा था,,
उसे की नजर बार बार नाच रही औरतों की हिलती बड़ी बड़ी गांड पर जा रही थी,, जिसे देख सूरज धोती के ऊपर से अपना लंड मसल रहा था,, कुछ देर तक सूरज संगीत का और औरतों की मतकती गांड को देखने का मजा लेता रहा,, थोड़ी देर में संगीत का कार्यक्रम खतम हुआ सभी औरते धीरे धीरे वहा से जाने लगी,, उन औरतों की भीड़ में सूरज को उसकी होने वाली मामी नजर नही आइ तो सूरज निराश होकर वहांसे जाने लगा,,, ओर घर के पीछे की तरफ जाने लगा,,,
दूसरी तरफ घर के पीछे घने अंधेरे में दो साए आपस में बाते कर रहे थे,, दो साए में से एक आदमी था और एक औरत,,,,
(आज रात में कुछ ज्यादा अंधेरा था की अंधेरे की वजह से सामने के आदमी की पहचाना मुस्कील हो रहा था,,)
आदमी उस औरत से कहता है,,,चलो उस कमरे में अब मुझसे रहा नही जा रहा है,, औरत उस आदमी से कहती हे,आपको शरम नही आरही हे क्या कुछ दिनों में हमारी बेटी की शादी हे और आपको ये सब सूच रहा है,,
( उनके बातो से यह पता चल रहा रह की वह दोनो निर्मला के माता पिता है,,)
रत्ना का पति जब भी तुम्हे देखता हु तो मेरा लंड खड़ा हो जाता हैं,, रत्ना शरमाते हुए छी कैसी गंदी बाते करते हो,, उमर हो गई है सुधार जाओ अब,,
इसमें शरामने की क्या बात है और इतना कह का रत्ना का पति ब्लाउज के उपरसे ही उसकी चूचियां दबाने लगता है,, अपने पति के चूचियां दबाने से रत्ना के मुंह से सिसक निकल जाती हे, अहहा,, साआहह,,,
तभी रत्ना अपने पति का हात अपने चूचियों से हटाते हुए,, कहती है,, क्या कर रहे हो आप शादीब्याह का घर है,, घर पर इतने सारे मेहनमान आए हुए है, कोई देख लेगा,,
रत्ना का पति अपने लंड को धोती के ऊपर से मसलते हुए रत्ना से कहता है,, इसी लिए तो तुझे घर के पीछे लाया हू घर के पीछे बने कमरे जाके मस्त चुदाई करेंगे,,
रत्ना सहमी हुई अपने पति से कहती हे,, नही बाबा अभी नही बहुत काम है घर में इतने सारे मेहमान है उनके सोने की व्यवस्ता भी करनी है,,
रत्ना मेरी रानी बस कुछ देर का काम है जैसे ही मेरा पानी निकल जायेगा मेरा काम ही जाएगा,, ओर फिरसे रत्ना की चुचियों पर हात रख कर चुचियों को मसलते हुए रत्ना को गरम करने लगता है,,,
अपने पति के इस तरह चूचियो मसलने से रत्ना गरम होने लगती है और उसकी बुर से पानी रिसने लगता है,,
रत्ना अपने आप पर काबू रखते हुए अपने पति से कहती हे,, नही नही आप तो अपना काम करके अपना पानी निकाल कर चले जाते हों लेकिन में तो प्यासी रह जाती हू फिर मुझे उंगली से काम चलाना पड़ता है,,
तभी रत्ना का पति एक हाथ नीचे ले जाकर साड़ी के ऊपर से रत्ना की बुर मसले लगता है,, और रत्ना को गरम करने लगता है,,
और कहता है इस बार ऐसा नही होगा में चूरन खाके आया हु तुम्हे शिकायत का मोका नही दूंगा,,,
अपने पति की इस हरकत की वजह से उसकी बुर से अब पानी रिसने लगा था जिससे उसकी पेंटी को गीली करने होने लगी,,
( अपने पति बातो और हरकतों की वजह से रत्ना अभ कामवासना में बहती चली जा रही थी,, और कामतूर हो कर अपने पति से कहती हे,,)
ठीक है जल्दी चलिए अब मुझसे रहा नही जा रहा है,,
रत्ना का पति उसका हाथ पकड़ कर घर के पीछे बने कमरे की तरफ जाने लगते है,,( घर के पीछे बने कमरे में खेती में लगने वाले सामान रखे थे,,)
कमरे के पास पहुंच तेहि रत्ना का पति रत्ना से कहता है तुम यही रुको में जरा पेशाब करके आता हू,, और इतना कहकर दूर झाड़ियों में पेशाब करने चला जाता हे,,
रत्ना वही खड़ी होकर अपने पति का आने का इंतजार करने लगती है,,,
इधर सूरज बेखबर इस बात से अनजान की घर के पीछे क्या चल रहा है,, उसे कुछ मालूम नही था,, सूरज होने वाली मामी को ना मिलने की वजह से निराश हो कर घर के पीछे जाने लगते है,, आगे क्या होने वाला था उसे बिलकुल
भी अंदाजा नहीं था,,