Horror ghost (Completed)

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d80b4a07c9c79a71e4c354f41b80fa8d मुंबई जुहू बीच के आगे का रेड लाइट एरिया , जहां शाम ढलते ही बस स्टॉप पर रंग बिरंगी तितलियों के साथ गे और जिगेलो जमावड़ा देखने को मिल जाता है ,जो अपनी मनमोहक अदाओं से कस्टमर्स को आकर्षित करने में लगे रहते हैं , वैसे तो कानून की नज़र में सब कुछ गैर कानूनी है , मगर पैसों की चकाचौंध के आगे सब कुछ खो जाता है , रात के ११ बज चुके हैं , तभी एक कार जुहू तारा रोड पर बेलगाम दौड़ी जा रही है , कार के अंदर तीन दोस्त हैं , राज़, सुदीप , बंटी , राज़ और सुदीप उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं जबकि बंटी पहले से ही मुंबई में रह रहा है , राज़ सुदीप बंटी से बोलते हैं बंटी गटर से भरा पड़ा है तेरा मुंबई साले बहुत डींगे मारता था , अबे अभी हमारे लखनऊ में होता तो तुझे वो नज़ारा दिखाते बेटा की तेरी सारी रात रंगीन हो जाती , तुम अभी तक बस बीच में मसाज करने वाली आंटियों से मिलवाये हो कोई ढंग का आइटम ही नहीं क्या तेरे मुंबई में , बंटी बोलता है रुक जा नारे बाबा अभी तुझे एक झक्कास चीज़ दिखाता हूँ रे बाबा बस दिल थाम के बैठ , राज और सुदीप एक बार फिर अपना बेसुरा राग अलापने में लग जाते हैं , लानत है बे तुम्हारे मुंबई पर कोई फुलझड़ी न सही तो कोई गे ही दिलवा दो , सुदीप कहता है हाँ भोस… के अब ये दिन आगये हैं की लड़के से काम चलाना पड़ रहा है , तभी सामने वाली फुटपाथ पर एक लड़का चलता हुआ दिखाई देता है , बंटी ताव ताव में गाड़ी रोक लेता है , राज़ खिड़की से झांकता है और उस लड़के के पास आते ही पूछता है , क्या बॉस कोई माल है क्या , बंटी कहता है ये गे है बे , राज कहता है ये तो और अच्छा है इसी को भर लो कार में आज रात के टिकाने का जुगाड़ हो जायेगा , सुदीप कहता है अबे ओये रंगीले रतन क्या चार्ज हैं तेरा , वो लड़का बोलता है सिंगल ३००० डबल ५००० राज़ कहता है आओ भोस ,,, के आज तुम्हारी ही लेंगे लड़के को राज़ और सुदीप सीट के बीच में चाप लेते हैं , अभी कुछ करना भी सुरु नहीं किया था की लड़का कराहने लगता है , राज़ कहता है अब तुम्हारे नखरे तो लड़कियों से भी बढ़कर हैं पहले से ही मरवा के आरहे हो क्या कहीं से , लड़का कहता है मत पूछ मेरे भाई बड़ी दर्द भरी कहानी है राज़ कहता है भाई मत बोल हम कस्टमर हैं तेरे और आज रात तेरी जमके लेने वाले हैं बहन ,,, फिर लड़का कहता है , मैं यहां मुंबई में हीरो बनने आया था पहले तो घर वाले भी पैसे भेजते रहे मगर धीरे धीरे उन्होंने ने भी पैसे भेजना बंद कर दिया जिसके चलते मुझे ये रास्ता इख्तियार करना पड़ा तभी राज़ कहता है लैंग्वेज से तो तुम यू पी के लगते हो और हरकते चिमकाण्डीयों वाली कर रहे हो शर्म आनी चाहिए तुम्हे तभी वो लड़का कहता है लेकिन तुम्हे उससे क्या अपना काम करो और निकलो , सुदीप कहता है तुम्हारा रंडी रोना ख़तम हो गया हो तो पंत खोलो और चुपचाप पलट जाओ , लड़का वैसा ही करता है तभी राज़ चिल्लाता है अरे बाप रे तुम तो पहले से ही खून की होली खेल के आये हो बे , कितने शिकार मारे हो भोस,,,,,, के , अभी गाडी सुनशान रास्ते में कुछ आगे बढ़ी ही थी , कार राज़ और सुदीप की चीख से गूँज उठती है , दूसरे ही पल बंटी की गर्दन चाकू के नोक पर आ जाती है , और कार में सवार युवक तीनो को लूट कर चम्पत हो जाता है , वो चंद लम्हों में कहाँ ग़ायब हो जाता है किसी को पता भी नहीं चलता है , बंटी पुलिस को फोन लगाता है पुलिस मौका ए वारदात पर पहुंच जाती है बंटी घटना का वृत्तांत बताता है पंचनामा होता है , कुछ दिन न्यूज़ चैनल्स और पेपर में हल्ला हो होता शक के बिना पर कुछ गिरफ्तारियां होती हैं मगर कोई ठोस सबूत न मिलने की वजह से केस बंद हो जाता है ।

मुंबई दोपहर का वक़्त चर्चगेट से विरार जाने वाली लोकल बहुत ज़्यादा भरी नहीं है , गेट में लटकने के शौक़ीन कुछ कॉलेज के लड़के पहले से ही गेट में कब्ज़ा जमा रखे हैं , जिससे ट्रैन में चढ़ने वाला हर शख्स उनकी तरफ गुस्से की दृष्टि से देखता है तभी ट्रैन में एक शख्स चढ़ता है उसके चेहरे में एक अजीब सी मुस्कान रहती है वो उन कॉलेज के लड़को के पीछे चुप चाप चढ़ता है एक दो स्टेशन के बाद भीड़ बढ़ने लगती है और मौके का फायदा उठा कर वह शख्स कॉलेज के लड़को से और सटने लगता है , और अपना हथियार उसके पिछवाड़े पर रगड़ने लगता है उसकी हरकत से परेशान कॉलेज के लड़को के ग्रुप में से लड़का उस हख्स की ये हरकते देख रहा था , वो अपने आगे वाले साथी को इशारा करता है अँधेरी आते ही तू किनारे हो जाना फिर मैं इसको बताता हूँ , और जैसे ही अँधेरी स्टेशन आता है उस शख्स के सामने वाला लड़का हट जाता है , और उसका दोस्त उस शख्स को पीछे से एक लात खींच के मारता है , जिससे वो शख्स प्लेटफार्म में मुँह के बल गिरता है , और उठकर जैसे ही अपने मुँह से बह रहा खून पोछता है , और वो लड़के बोलते हैं मर गया चूतिया साला इसी के साथ ट्रैन चल देती है वो शख्स गुस्से से उन लड़कों की तरफ घूरता रह जाता है और कुछ सेकण्ड में ट्रैन के साथ वो शख्स भी आँखों से ओझल हो जाते हैं ।



रात के ७ बज चुके थे , अँधेरी से भयंदर जाने वाली बस लगभग भर चुकी थी , तभी एक नौजवान बस में चढ़ता है , जोगेश्वरी गोरेगाव मलाड कांदिवली बोरीवली आते आते बस लगभग खाली हो चुकी थी ,और वो शख्स भी लगभग बिल्कुल आगे गेट के बाजु वाली सीट तक पहुंच चुका था , उस सीट में एक शख्स पहले से ही बैठा हुआ था , जिसको पहले शख्स बोलता है थोड़ा खिसकना यार , बैठा हुआ शख्स इशारे में कहता है और अपना पैर हटा लेता है की तुम अंदर की तरफ बैठ जाओ मगर जब पहले वाला शख्स उस शख्स की आवाज़ सुनता है तो दंग रह जाता है , वो एक लड़की थी मगर शक्ल सूरत से लड़का लग रही थी , पहला वाला शख्स धीरे धीरे उससे बातचीत करना सुरु करता है , वो भी बात करती है , दोनों मीरा रोड में जी सी सी क्लब के पास उतर जाते हैं लड़की उस शख्स को बियर पीने का ऑफर देती है , एक लड़के के लिए इससे बेस्ट ऑफर हो भी नहीं सकता है वो फ़ौरन हाँ कर देता है , दोनों ३ बियर लेते हैं लड़की बोलती है यार मेरा तो डेढ़ बियर का डोज है लड़का बोलता है मेरा भी इतना ही है लड़की बोलती है तुम्हारा फ्लैट कहाँ है क्या तुम अकेले रहते हो लड़का कहता है हाँ लड़की पूछती है कोई रूम पार्टनर नहीं है तुम्हारा लड़का कहता है, हाँ है मगर अभी वो बाहर गया है एक महीने के लिए , लड़की कहती है अपना रूम नहीं दिखाओगे , लड़का कहता है क्यों नहीं चलो नेक काम में देरी कैसी और उसके मन में दबी कामुकता की भावना उफान मार देती है वो वासना के गिरफ्त में कसता जाता है , दोनों फ्लैट पहुंचते हैं एक एक बियर ख़त्म होती है दोनों अपनी अपनी आप बीती सुनाते हैं , लड़का कहता है सॉरी यार यहां बाहर मुंबई में आई फील रेअली लोनली लड़की कहती है मी टू डियर जस्ट वेट और कमरे से लगे बाथरूम में जाकर पेशाब करने लगती है , लड़की को खड़े होकर पेशाब करता देखकर पहले वाले शख्स की सारी बियर उतर जाती है , उसके वाशरूम से वापस आते ही पहला शख्स पूछता है तुम खड़े होकर पेशाब करती हो वो लड़की बोलती है हाँ पहला वाला शख्स तुम लड़की नहीं हो , दूसरा शख्स कहता है नहीं मैंने कब कहा मैं लड़की हूँ क्या तुम अब तक मुझे लड़की समझ रहे थे , और बातों की बातों में वो दूसरी बियर अकेले ही पी गया , पहला शख्स मुझे लगा तुम लड़की हो सारी बियर उतर गयी बे और फोन करके एक ट्रिपल एक्स रम का हाल्फ और खाने का आर्डर दे देता है , दोनों खूब हँसते हैं उस शख्स की नादानी पर , दोनों खाना खाकर सो जाते हैं , अब लगभग हर सैटरडे दोनों की मुलाक़ात होने लगती है दोनों में जान पहचान बढ़ती है पहला शख्स अपना नाम शुभांस और दूसरा शख्स अपना नाम अमित बताता है दोनों हर जगह अब साथ देखे जाने लगते हैं , शुभांस अमित पर अपना हक़ समझने लगा था , अमित भी उसे अच्छा दोस्त मानता था , एक रात जब दोनों जाम से जाम टकरा रहे थे , तभी अमित भावुक हो जाता है , और उसे बताता है की जब वो छोटा था कैसे मोहल्ले के एक बड़े लड़के ने उसके साथ समलैंगिक सम्बन्ध बनाये थे , जिस एक गलती के कारण वो गे हो गया और इतना कहते ही अमित फफक फफक के रोने लगता है इधर अमित की बातों में वसीभूत कामोवेश शुभांस अमित की जांघ में हाँथ फेरने लगता है , और उसका हाँथ धीरे धीरे पैंट की ज़िप की तरफ बढ़ जाता है पहले तो अमित को भी अच्छा लगता है , मगर अचानक जाने क्या होता है की अमित उसका हाँथ झटक देता है , और सुभांस को गाली दते हुए कहता है तुम भी उन घटिया इंसानो में से एक हो जिन्हे सिर्फ जिस्म की भूख है , तुम्हारे लिए दोस्ती के कोई मायने नहीं है , और सामने रखी शराब की बोतल शुभांस के सिर पर दे मारता है और बोतल फोड़ कर लगातार कई वार शुभांस के पेट में करता है नुकीले कांच की बोतल के वार से , शुभांस के पेट की अंतड़ियाँ कट जाती है और सारा फर्श लहू लुहान हो जाता है , शुभांस के मरने की पुष्टि के बाद अमित तुरंत वहाँ से निकल जाता है ,

cut to ,
जॉनथन बचपन से ही बहुत शर्मीले किस्म का लड़का रहा है , इसी शर्मीलेपन की वजह से मोहल्ले के लड़के जानू कह कर बुलाने लगे धीरे धीरे जॉनथन जानू बन गया , उसकी चाल लड़कों की ड्रेस में भी लड़कियों जैसी ही रहती है , पहले लोग उसे पैसे देखर लड़कियों की तरह एक्टिंग करने को बोलते सभी को अच्छा लगता मगर धीरे धीरे लोगों को मज़ाक जॉनथन के दिल में चुभने लगा था , वो अन्य लड़कों की अपेक्षा शारीरिक रूप से कमज़ोर था , धीरे धीरे वो घर वालों और बाहर वालों के ताने सुनकर थक चुका था , और इसी मानसिक प्रतारणा के चलते वो एक दिन घर से भाग जाता है , और रेड लाइट एरिया के गुमनाम रास्तों में गुमराह हो जाता है ,

बॉम्बे एक्टिंग इंस्टिट्यूट के कुछ छात्र कैंटीन में बैठे चाय नास्ता कर रहे हैं , जिनमे एक्टिंग डायरेक्शन प्रोडक्शन एडिटिंग सिनेमैटोग्राफर्स लग भग सभी फील्ड के लड़के हैं तभी डेविड की एंट्री होती है सभी हाय हेलो करते हैं तभी तारुल पूछता है यार अपना डिप्लोमा ख़त्म होने वाला है अभी तक शोरील शूट नहीं हुयी हैं , ऋचा डायरेक्शन फील्ड है कहती है कुछ ऐसे कांसेप्ट पर काम करना होगा ताकि सबको रेअलास्टिक लगे , सर्टिफिकेट कोर्स वाली शोरील कितनी बकवास बनाई थी रे ,सुबान ऋचा की टाइट जीन्स में उभरते हुए नितम्बों को घूरता हुआ कहता है फ़,, यु बिच तभी सुबान के हाँथ से चाय की ग्लास छूट कर उसकी जीन्स में गिर जाती है , ऋचा गुस्से से उसकी तरफ घूरती हुयी कहती है सुबान यू आर सच ए एसहोल टाइप ऑफ़ पर्सन क्या कॅरेक्टर है यार तू सुबान हम सब यहां बेस्ट प्रोजेक्ट बनाने की बात कर रहे हैं , और तू मेरी जींस ताड़ रहा है , तभी सुदीप हँसता हुआ कहता है एक्टर है न रे बाबा कॅरेक्टर विज़ुअलाइज़ करने में लग जाता है तभी सुबान बीच में बोल पड़ता है अबसेलोटुली राइट ऋचा कहती है ये साला दिन दहाड़े मुझे फ़.. करने के ख्वाब देख रहा है और तुम सब इस वहशी दरिंदे का साथ दे रहे हो तुम सब दोस्त हो या जल्लाद , तभी श्रीजीत बोलता है यार तुम सब की रासलीला ख़त्म हो गयी हो तो मैं कुछ कहूँ , ऋचा कहती है तू क्यों चुप बैठा है तू भी भौंक , श्रीजीत कहता है हम रेड लाइट एरिया में रियल लोकेशन में अपने डिप्लोमा प्रोजेक्ट की शूट करेंगे , तभी कैमरामैन डेविड बोलता है अबे ओये नाना तेरा दिमाग तो ठिकाने हैं न रे तुझे पता है न अक्खा मुंबई का रेड लाइट एरिया अंडरवर्ल्ड के नीचे काम करता है , भाई लोग के एक आदमी को भी भनक लग गयी न , तो साला सबका सब खल्लास , ऋचा पहुंच जाएगी पुणे , सुबान साला बिना टिकट के कलकत्ता चला जायेगा और तू श्रीजीत साला तूभी बाहर गाँव का है न , पुलिस साला जेल में बंद करके ऐसा पेलेगी न तेरे को साला ऑल लाइफ के लिए अपना गाँव का पता भूल जायेगा रे तू , तभी श्रीजीत कहता है अबे चुप कर साला शाहरुख़ खान की छठी औलाद ,


रात के आठ बज चुके हैं जुहू बस चौपाटी से लगे बस स्टॉप के आगे वाले रेड लाइट एरिया में कुछ मनचले युवक युवतियों की चहल कदमी साफ़ देखी जा सकती है , तभी एक मिनी वैनिटी वैन रेड लाइट एरिया में आकर रूकती है और उसमे बैठे सुबान, डेविड, तारुल, श्रीजीत , ऋचा , सुदीप , ऋचा कहती है सो कम ऑन यु गाइज़ आर रेडी न मिशन स्टार्ट नाउ , सुदीप तुझे कस्टमर बनकर बस स्टॉप पर जाना है और जो भी मिले बेझिझक रेट की बात करना है , डेविड तू कैमरा हैंडल करेगा , विज़न नाईट मोड में रहेगा किसी को शक नहीं होना चाहिए की हम लोग पिक्चर शूट कर रहे हैं , डेविड कहता है ओके डन श्रीजीत तू लाइटिंग देख , कोशिश करना की सारा का सारा शूट स्ट्रीट लाइट्स की रौशनी में ही हो जाए , ताकि सब कुछ रियल लगे , तभी सुदीप कहता है मैं ज़रा हल्का होकर आता हूँ , ऋचा कहती है वैनिटी में मूतने में क्या प्रॉब्लम होती है रे तेरे को सीधा सीधा बोलना सुट्टा मारने जाना है , एक काम कर दो फूंक मुझे भी दे देना बहन चो,,,, शूट के टाइम पर बहुत कंटाल आता है अपुन को , डेविड कहता है सीख गयी रे ऋचा तू भी मुम्बइया लैंग्वेज नार्थईस्ट की है न तू , क्या मुँह दिखाएगी तू अपने गाँव जाकर , ऋचा उसको ठाँसती हुयी बोलती है , तू ज़्यादा सायना मत बन कैमरा ठीक से हैंडल करना वरना आज मार लूँगी मैं तुम सबकी डायरेक्टर इज द कैप्टेन ऑफ़ द शिप,डेविड ओके बोस कहता हुआ सुबान को साथ में लेकर बस स्टॉप की तरफ चल पड़ता है , इधर सुदीप वैन से निकल कर थोड़ी दूर बह रहे नाले के किनारे धार मारने में लग जाता है , तभी कोई उसके सर पर एक रॉड का शॉट मारता है दूसरे ही पल सुदीप एक गुलाटी खाकर नाले में चारों खाने चित पड़ा होता है , अभी डेविड सुबान के पीछे पीछे कैमरा हैंडल करता हुआ बस स्टॉप पर पंहुचा ही था की , वैन में बैठे साउंड इंजीनियर को आवाज़ आती है , बस स्टॉप पर कोई लड़की नहीं है ऋचा कहती है वेट करो बस पुलिस न आजाये इस बात का ध्यान रखना , तभी डेविड कहता है यार एक लड़का है चाल से गे लगता है इसी के साथ सीन शूट कर लूँ क्या ऋचा कहती है ओके रोल साउंड कैमरा एक्शन , सुबान उस लड़के के पास जाता है , और उससे रेट की बात करता है डेविड उसके पीछे पीछे स्पाई कैमरा की मदद से सीन शूट करने में लगा है , लड़का बोलता है २ लोग हो फुल नाईट का ६ थाउजेंड सुबान कहता है कुछ कम करो दोनों का ५००० डन इससे कम नहीं होगा रे बाबा , सुबान पूछता है लोकेशन क्या रहेगी , लड़का बोलता है होटल में सेटिंग है अपुन की मगर वहाँ पुलिस की रेड का खतरा है सुबान बोलता है तुम तो लड़का हो फिर किस बात का डर पुलिस सबको पहचानती है तुम फ़िक्र नक्को करो अपुन के अंकल की खोली है बाजु में वहचलते हैं डेविड और सुबान उसके पीछे पीछे चलने लगते हैं , साथ वैनिटी भी उनका पीछा करने में लग जाती है , ऋचा कहती है अब ये सुदीप कहाँ मर गया ,



फिर डेविड और सुबान एक अँधेरी गली में घुस जाते हैं , वैन का उस सकरी जगह में घुस पाना नामुमकिन था , इसलिए वो वहीँ खड़े उन दोनों के लौटने का इंतज़ार करने लगते हैं , तभी ऋचा तारुल को कहती है जा देख ये सुदीप कहाँ मर गया , तारुल सुदीप को देखने के लिए बस के पीछे नाले की तरफ बढ़ता है जो लगभग 100 मीटर पीछे था , तभी गली से चीखने की आवाज़ आती है , डेविड खून में लथपथ बेतहाशा दौड़ा चला आरहा था , ऋचा पूछती है क्या हुआ , इतने में वैन में बैठे और अन्य क्रू मेमेबर्स भी वैन से नीचे उतर कर आजाते हैं , डेविड की ये हालत देखकर ऋचा रोती हुयी ज़मीन में गिर जाती है , श्रीजीत उसे उठाता है , और डेविड से पूछता है क्या हुआ था अंदर गली में डेविड कहता है जान बचानी है तो भागो यहां से ये कोई रेडलाइट एरिया नहीं है , मर्डर एरिया है ये अंदर जो लड़का साथ में गया था वो लड़का नहीं है , पिशाच है वो , जो अँधेरे में पहुंचते ही अपने असली रूप में आजाता है , और किसी को भी मारकर खा जाता है वो खून का प्यासा है वो , मैंने जो देखा वो बहुत ही भयानक दृश्य था , अब तुरंत निकलो यहां से , सभी बस में बैठकर वापस निकलते हैं , तभी रोड में खून से लथपथ तारुल दिखता है बस ड्राइवर बस रोक देता है , एक भयानक ब्रेक की चिंघाड़ के साथ बस एक ही जगह पर रुक जाती है तारुल को दरवाज़ा खोलकर वो लोग बस के अंदर खींच लेते हैं , और बस को हॉस्पिटल की तरफ मोड़ देते हैं ,

अभी गाडी कुछ फर्लांग ही चली थी , सामने पुलिस की गाडी उनका रास्ता रोक लेती है , वैन का ड्राइवर कहता है इमरजेंसी है सर पुलिस वाला कहता है रुको ज़रा सबर करो , क्या उत्पात मचा रखा है तुम लोगों ने इस एरिया में तभी सिपाही वैन के अंदर झांकता है , और खून खून चिल्लाने लगता है , इंस्पेक्टर पूछता है क्या चक्कर है ये क्रिमिनल हो साले तुम सबके सब , गाड़ी ले चलो थाने पहले एक आई आर होगी , ऋचा कहती है मर जायेगा सर ये और वो अपने मूवी मेकिंग इंस्टीटूट का आइडेंटिटी कार्ड दिखाती तब जाकर पुलिस का गुस्सा शांत होता है , तारुल को ट्रीटमेंट के लिए हस्पताल में भर्ती कराया जाता है , डेविड शूट किया हुआ वीडियो पुलिस वालों को दिखाता है , पुलिस वाले उस वीडियो को देखकर भौचक्के रह जाते हैं , इंस्पेक्टर कहता है वीडियो फिर से रिवाइंड करना , और बोलता है ये जो शख्स है न , जिसके साथ तुम सब वीडियो शूट कर रहे थे , ये जॉनथन है मीरा रोड में रहता था लगभग २ साल पहले एक ट्रैन हादसे में इसकी मौत हो गयी थी , कुछ शरारत कर रहा था लोकल ट्रैन में कुछ मनचलों ने इसको चलती ट्रैन से फेंक दिया अँधेरी स्टेशन में कौन लोग थे आजतक पता नहीं चला , मीरा रोड में जी सी सी क्लब के पास फ्लैट में हुआ मर्डर भी जॉनेथन का काम है , अभी कुछ दिनों पहले जुहू सर्कल के पास तीन लड़को को ज़ख़्मी करके भागा था , वो भी जॉनेथन ही था , तुम लोगों के दोस्तों की जान जाने का हमें अफसोश है मगर नेक्स्ट टाइम बिना पुलिस परमिशन के रेड लाइट एरिया में घुसा न तो जेल में डालकर सड़ा दूँगा फिर वहीँ बनाना अपनी अपनी पिक्चर ।

story finished ,
 

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