फिर दादी और डेड नानी नाना के पास गए और उन्हें सब कुछ समझाया बहुत सोचने समझने के बाद वो भी मान गए और फिर वो अम्मी के कमरे मे गए जहा अम्मी उदास बैठी थी
नानी- बेटी क्या कर रही है
अम्मी- उदासी से क्या करूंगी अपनी सजा का इंतजार
डेड- ऐसा क्यों कह रही ।ओ मुस्कान मुझे माफ कर दो
नाना- देखो जो होना था हो गया अब आगे का सोचना है हमने बहुत सोचने के बाद एक रास्ता निकाला है
अम्मी,- कैसा रास्ता
नानी- बेटी देख एक ही इंसान है जिसपर हम भरोसा कर सकते है और जिससे हमारा परिवार भी सुरक्षित रहेगा और इज्जत भी घर मे रहेगी
अम्मी - कौन है वो
दादी- देखो बेटी तुम पहले आराम से सुनना और ठंडे दिमाग से सोच-समझ कर फैसला लेना क्यू की रह हमारे परिवार के अस्तित्व का मामला है
अम्मी- पर ऐसा क्या है
नानी- पहले तू वादा कर की तू शांती से सोच समझकर परिवार के बारे मे सोचकर फैसला लेगी और गुस्सा नही होगी
अम्मी- ठीक है
नाना- तो हमने सोचा है की हमारे घरेलू एक हक मर्द है जो शादी लायक है और कुंवारा है और सबसे ज्यादा भरोसेमंद है वो है शाहिद
अम्मी चौकते हुई- क्या क्या कह रहे है आप आप लोगों का दिमाग तो सही जगह है न शाहिद आप लोगों ने ऐसा सोचा भी कैसे वो मेरा बेटा है और आप चाहते हो मे उससे शादी छी
दादी- देख बेटी हमे पता है यह गलत है मगर कोई रास्ता भी तो नही है और कोई ऐसा भरोसेमंद इंसान है भी तो नही और शाहिद से ज्यादा भरोसेमंद इतनी जल्दी मिल भी नही सकता
नानी- हा बेटी बुरा तो मुझे भी लग रहा है मगर क्या कर सकते है
अम्मी- फरहान आप क्यू चुप हो कुछ बोलों ये लोग क्या बोल रहे है
दादी- मैने इसे भी समझा दिया हैऔर ये राजी है
अम्मी- क्या आप भी कैसे वो हमारा बेटा है
डेड- क्या करू मुस्कान कोई और रास्ता भी तो नही है अगर कल सुबह हमने कुछ फैसला मौलवी को नही बताया तो तुम इस घर से चली जाओगी और फिर हमारा हलाला भी नही होगा
अम्मी- पर मै अपने बेटे की बीबी कैसे
नाना- तो एक काम कर अपने परिवार को टूटने दे और चल हमारे साथ अब यही रास्ता बचा है
अम्मी- नही मै अपने बच्चों और इनको छोड़ कर नही रह सकती
नाना- तो यह जो फैसला है उसे मान ले और शाहिद से शादी कर ले
अम्मी रोने लगी और कहने लगी ये क्या दिन दिखा रहा है उपर वाला क्या करू मै
दादी- बच्ची चुप हो जाओ और सोच की यह तू अपने परिवार के लिए कर रही है और शाहिद तो तेरी कितना इज्जत करता है हमारी बात मान जा
नानी- हा बेटी मान जा अपने गर को बचाने के लिए
अम्मी - ठीक है अगर मै मान भी गई तो क्या शाहिद मानेगा कभी नही और फिजा और जन्नत भी नही मानेगी और दुनिया क्या बोलेंगी
नानी- वो तुम दोनों को और परिवार को बहुत प्यार करता है तुम दोनों समझाओगे तो मान ही जाएगा और वो दोनो भी मान जाएगी और दुनिया तो कुछ दिन कुछ कहेगी फिर चुप हो जाएगी
अम्मी- ठीक है पर फरहान इससे हमारे बेटे की जिंदगी खराब नही होगी कल को कौन लडकी शादी करेगी उससे
दादी- उसकी फिक्र तुम दोनों मत करो मे अपने पोतों की शादी करवा दूंगी
डेड- मुस्कान तुम सचमुच महान हो जो गलती मैने की है और सजा तुम भुगतान रही हो
अम्मी- गलती हम दोनों की है और सजा आपको भी तो मिल रही है की मेरी शादी हमारे ही बेटे से
फिर सबने फैसला किया कि अम्मी की शादी मेरे साथ होगी