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चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिये और उसकी चुचियों पर हाथ फेरने लगी।
Update 29
मै अभी तक रूका हुआ था और चाची के नॉर्मल होने का इंतजार कर रहा था लेकिन जब चाची की तरफ से कोई पहल नही हुई तो मेरे से रह नहीँ गया… और मैने माँ की चुचियों को पकड़ लिया और उनको दबाने लगा…
अब माँ चाची की चुचियाँ दबा रही थीं और मै अपने लण्ड को चाची की चूत में डालकर माँ की चुचियाँ दबा रहा था… होंठ चूसने और चुचियाँ दबने से चाची को भी अब मजा आ रहा था और उसने अपनी गण्ड हिलाना शुरू कर दिया था…
लेकिन अब मै कुछ और सोच रहा था…मैंने माँ की चुचियाँ दबाते हुए उसके पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसको नीचे कर दिया था…माँ के चाची के ऊपर झुके होने से मुझे इसमें कोई दिक्कत नही आई…अब तक चाची भी पूरे जोश में आ चुकी थी और वो भी अपनी गण्ड जोर से हिला रही थीं और मैने अब धीरे से अपना लण्ड आधा बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का दे दिया।
चाची की आह निकली और उसने अपनी गण्ड फिर उछाल दी और मेरे लण्ड को अपनी बच्चेदानी से टकराने लगी …अब तो चाची नीचे से अपनी गण्ड उछाल रही थी और मै हल्के धक्कों से उसकी चुत की सेवा शुरू कर चुका था और साथ ही साथ माँ की चुची दबाते हुए एक हाथ उसकी चुत पर ले गया जो कि अब फिर से पानी छोड़ने लगी थी।
मैने अपनी एक उंगली माँ की चूत में घुसा दी माँ अचानक हुई इस हरकत से चौक गई और चाची के होंठों से होंठ हटा कर मेरी और देखने लगी…अपने होंठ आज़ाद होते ही चाची चिल्लाई राज जोर से कर और मैने माँ को अपनी तरफ खींच कर उसके होंठ चूसने लगा और एक उंगली माँ की चूत में चलाते हुए चाची की चूत में जोरदार तरीके से धक्के लगाने लगा…
माँ भी अब मेरे होंठो को बुरी तरह से चूसने लगी थी और एक हाथ नीचे लेजाकर मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चुत में ज़ोर से उँगली चलवाने लगी…मैने अपने धक्के अचानक रोक दिये और चाची से कहा कि आप ऊपर आओ और अपना लण्ड निकाल कर मै लेट गया।
क्रमशः
Update 29
मै अभी तक रूका हुआ था और चाची के नॉर्मल होने का इंतजार कर रहा था लेकिन जब चाची की तरफ से कोई पहल नही हुई तो मेरे से रह नहीँ गया… और मैने माँ की चुचियों को पकड़ लिया और उनको दबाने लगा…
अब माँ चाची की चुचियाँ दबा रही थीं और मै अपने लण्ड को चाची की चूत में डालकर माँ की चुचियाँ दबा रहा था… होंठ चूसने और चुचियाँ दबने से चाची को भी अब मजा आ रहा था और उसने अपनी गण्ड हिलाना शुरू कर दिया था…
लेकिन अब मै कुछ और सोच रहा था…मैंने माँ की चुचियाँ दबाते हुए उसके पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसको नीचे कर दिया था…माँ के चाची के ऊपर झुके होने से मुझे इसमें कोई दिक्कत नही आई…अब तक चाची भी पूरे जोश में आ चुकी थी और वो भी अपनी गण्ड जोर से हिला रही थीं और मैने अब धीरे से अपना लण्ड आधा बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का दे दिया।
चाची की आह निकली और उसने अपनी गण्ड फिर उछाल दी और मेरे लण्ड को अपनी बच्चेदानी से टकराने लगी …अब तो चाची नीचे से अपनी गण्ड उछाल रही थी और मै हल्के धक्कों से उसकी चुत की सेवा शुरू कर चुका था और साथ ही साथ माँ की चुची दबाते हुए एक हाथ उसकी चुत पर ले गया जो कि अब फिर से पानी छोड़ने लगी थी।
मैने अपनी एक उंगली माँ की चूत में घुसा दी माँ अचानक हुई इस हरकत से चौक गई और चाची के होंठों से होंठ हटा कर मेरी और देखने लगी…अपने होंठ आज़ाद होते ही चाची चिल्लाई राज जोर से कर और मैने माँ को अपनी तरफ खींच कर उसके होंठ चूसने लगा और एक उंगली माँ की चूत में चलाते हुए चाची की चूत में जोरदार तरीके से धक्के लगाने लगा…
माँ भी अब मेरे होंठो को बुरी तरह से चूसने लगी थी और एक हाथ नीचे लेजाकर मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चुत में ज़ोर से उँगली चलवाने लगी…मैने अपने धक्के अचानक रोक दिये और चाची से कहा कि आप ऊपर आओ और अपना लण्ड निकाल कर मै लेट गया।
क्रमशः