दोस्तो मुझे ये कहानी अच्छी लगी इसीलिए इस कहानी को मैं हिन्दी मे पोस्ट कर रहा हूँ
ज़िंदगी भी अजीब होती है कब कैसे मोड़ ले आती है हम कभी कल्पना भी नही कर सकते है. कुछ ऐसी ही मेरी कहानी है मैं कभी ऐसा नही बनना चाहता था पर एक चीज़ होती है तक़दीर जिसपे हमारा कोई बस नही चलता है.यह सब अचानक ही सुरू होता गया शुरुआत मे बहुत ही अच्छा लगता था पर आज जब पीछे मुड़कर देखता हू तो अजीब सा लगता है.खैर आपको बताता हू कि कैसे ये सब शुरू हुआ.
UPDATE-1
मेरा नाम $$$$ है. मैं एक गाँव मे रहता हू उस समय मेरी उमर तो कुछ खास नही थी पर वीसीआर पे ब्लूफिल्म ऑर सेक्सी कहानियो वाली किताब पढ़ कर थोड़ा जल्दी ही जवानी की ओर कदम बढ़ा दिए थे.ये कहानी शुरू हुवी जब मैं अपनी भाभी यानी मेरे तौजी के बेटे की वाइफ के पार्टी आकर्षित होने लगा उनका नाम अनीता था
23-24 की होगी उस टाइम पे वो काफ़ी हँसी-मज़ाक भी करती रहती थी. मैं नया नया जवान हुआ था तो दिल मे चूत मारने की कसक लगी रहती थी. धीरे धीरे अनिता भाभी मुझसे खुलने लगी हम कई देर बाते करते रहते थे और दिन कट रहे थे पर एकाएक दिन लगभग 11 बजे के आसपास्स मैं अपनी छत पर गया तो अचानक मैने देखा कि .........................................
अनिता अपने आँगन मे नहा रही है मेरे तो होश ही उड़ गये!उसको देख कर आप समझ सकते हैं कि गाँव मे लोग ऐसे ही नहाते है बाथरूम वगेरा का चलन गाँवो मे थोड़ा कम ही होता हैं,पानी मे भीगा हुआ उसका गोरा बदन
देख कर मेरी तो सिट्टी पिट्टी ही गुम हो गयी ज़िंदगी मे पहली बात किसी औरत तो ऐसा देखा था
बस एक काले रंग की कछि ही उसके बदन पे थी उसकी बड़ी बड़ी चूचिया देख कर मेरा तो दिमाग़ ही खराब होगया अचानक ही उसकी नज़र मुझ पे पड़ी तो वो मेरी ओर देखकर मुस्कुराइ पर मैं तुरंत ही नीचे भाग गया. बस मेरे दिमाग़ मेउसका मादक बदन ही घूम रहा था शाम को मैं उसके घर पे गया तो वो अकेली ही थी हम बात करने लगे फिर
अचानक से उसने पूछा कि दोपहर को क्या देख रहे थे ? मैने उसको बताया कि कैसे वो सब हो गया. फिर वो हँसने लगी तभी मेरे दिमाग़ मे एक फिल्म का डायलॉग आया कि हसी तो फसी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसको पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंटो को अपने होंटो मे दबा लिया और चूसने लगा वो एकदम से पीछे हुई और मेरी ओर देखने लगी
मैने बिना देर किए उसको आइ लव यू बोल दिया और दोबारा अपनी बाहों मे भरने की कोशिश की परंतु उसने कहा कि वो सोच के बताए गी और मुझे जाने को कहा क्योंकि उसकी सास आने वाली थी खैर अगले दिनो कुछ खास नही हुआ मैं सोच रहा था कि कब उसको चोदु.................
5-6 दिन बाद अनिता की सास हमारे घर आई और बताने लगी कि वो और उसके पति खाटू शामजी के दर्शन करने के लिए जा रहे है एक हफ्ते के लिए अगले दिन वो चले गये.
अब मैं जुगाड़ मे था कि कैसे अनिता भाभी को चोदु पर बात नही बन रही थी.शाम को हम ऐसे ही बैठे थे तो उसके पति रवि ने जिकर किया कि उसको काम के सिलसिले मे बाहर जाना पड़ेगा कुछ दिनो के लिए पर घर पे कोई नही है तो वो कैसे जाए तो
पापा बोले कि वो जाए और घर की तरफ से बे फिकर रहे.अगली सुबह रवि काम पे निकल गया शाम को पापा ने मुझे बुलाया और कहा कि जब तक रवि या उसके मा-बाबा नही आ जाते मुझे उनके घर पे ही सोना है और भाभी की मदद भी करनी है
कानो मे मैं तो ये सुनके मस्त हो गया पर उपर से ऐसा शो किया कि मेरी कोई इच्छा नही है उनके घर जाने की. खैर धीरे धीरे शाम हुई और मैं उनके घर की ओर चल दिया ...................................
मुझे देख कर भाभी हँसते हुए बोली कि आ गये फिर हम ने चाइ पी और बातें करने लग गये. लगभग 9 बजे हम ने सोने की तैयारी की उन्होने मेरी खाट अपने पलंग के पास ही बिछा दी मैं लेटे लेटे उसको चोदने का सोचने लगा
भाभी घाघरे चोली मे बहोत ही मादक लग रही थी जबकि वो गाँव मे एक नॉर्मल ड्रेस ही होती है.मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था आख़िर मैने फ़ैसला किया और भाभी के पलंग पे जा के बैठ गया और उनका हाथ पकड़ लिया भाभी उठ कर मेरे पास बैठ गयी और बोली "क्या बात है नींद नही आ रही क्या"
मैने कहा ,"भाभी मुझे कुछ हो रहा है मैं अपने को कंट्रोल नही कर पा रहा हू"तो भाभी बोली कि मैं क्या मदद करू तुम्हारी इतना सुनते ही
मैं उस से लिपट गया और उनके गालो की पप्पी ले ली थोड़ी देर मैं उनसे लिपटा रहा फिर मैने उनके होंटो को चूसना शुरू किया पता नही कितनी देर मैं किस करता रहा
फिर उन्होने किस तोड़ा और मेरी ओर देखने लगी
मैने दुबारा किस करना शुरू किया और धीरे से अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरता रहा अब भाभी की साँसे उखड़ने लगी थी मेरे हाथ उनकी गोलमटोल सुडोल छातियों पे पहुँच गये थे जैसे ही मैने उनकी चूचियो को हल्का सा दबाया भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया
पर मैने कहा "भाभी आज मत रोको आज बस जो होता है हो जाने दो" तो वो बोली अगर किसी को मालूम हो गया तो
मैने कहा चिंता मत करो अभी बस इन लम्हो मे खो जाओ और मेरे हाथ उनकी चूचियो पर कस गये
उनके मूह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गयी जिस से मैं और उत्तेजित हो गया
मैने भाभी की चोली को खोल दिया और ब्रा के उपर से ही उनको मसल्ने लगा फिर मैने ब्रा को भी उतार दिया
और एक चूची को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा और दूसरी को अपने हाथ से मसल्ने लगा जैसे जैसे भाभी की निप्पल को चूस्ता गया उनके मूह से उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हीईीईईईईईईईईईईईईईईईईई जैसी आवाज़े हल्के हल्के निकलने लगी
मैं बारी बारी से दोनो चुचियो को पीता रहा अब भाभी की आँखो मे खुमारी छाने लगी थी मैने भाभी को खड़ा किया और उनके घाघरे का नाडा खींच दिया जैसे ही वो नीचे गिरा मेरी अनंखे खुशी से चमक उठी उन्होने कछि नही पहनी थी
वो पूर्ण रूप से नंगी मेरे सामने खड़ी थी शरम से उनकी आँखे बंद हो गयी और मेरी नज़रे तो उनकी चूत से ही नही हाथ रही थी काले काले बालों से धकि हुई हाली लाल लाल सी चूत को देख कर मेरा लंड जो पहले से ही ज़ोर मार रहा था और बेकाबू हो गया भाभी बोली लाइट बंद करदो मुझे शरम आ रही है
पर मैने मना किया कि भाभी आज इस हुस्न के दर्शन करने का मौका आया है और आप लाइट को बंद करने के लिए कह रही हो.अब रुकना मुश्किल था मैने अपने कच्छे को छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए और भाभी को अपनी गोदी मे बिठा लिया और उनको किस करने लगा
मेरे हाथ उनकी चुतडो पर पहुच गये और मैं उन्हे सहलाने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार पर महसूस हो रहा था वो मस्ती मे आ चुकी थी
अब मैने भाभी को लिटा दिया
और उनके बदन को चूमना शुरू कर दिया भाभी की पप्पी लेते लेते मैने एक हाथ उनकी चूत पे रख दिया और उसको सहलाने लगा