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UPDATE-12
भाभी किसी कुतिया की तरह हाँफ रही थी मैने चूत के अंदर उंगली रगड़ ते हुए पूछा कि जानेमन
मज़ा आया क्या तो वो कुछ नही बोली बस चेहरे को झुका लिया मैं उन्हे छेड़ ते हुए बोला कि शर्मा क्यों रही हो
बताओ ना तो वो बोली हां मज़ा आया बहुत मज़ा आया जी करता है पूरी रात तुमसे अपनी चूत को चुस्वाती रही
और इस आनंद को बार बार प्राप्त करती रहू
मैं हँसते हुए बोला तो किसने रोका है मैं अभी आपकी इस इच्छा कोपूरी कर देता हू
और एक बार और उनकी चूत के दाने को अपने होंटो मे दबा लिया
एक बार फिर मेरी जीब काजादू भाभी पे चलने लगा था भाबी ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपनी मांसल जंघे मेरे चेहरे पे
लॉक की तरह कस दी मैने कभी नही सोचा था कि मेरी ज़िंदगी मे ऐसा कोई मोड़ अचानक आएगा कहाँ तो कुछ दिन
पहले तक बस अपना हाथ जगन्नाथ था और कहाँ अब भाभी जैसा टंच माल मेरे साथ बिस्तर पे था
मैं अपने
दान्तो से उनके दाने को धीरे धीरे काट भी रहा था
तो भाभी अपनी कमर को उचका रही थी जैस ही मैं उनके दानेको काट ता उनकी सिसकारी निकलती थी
थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा
फिर मैने उनको 69 मे होने को कहा ताकिमैं भी थोड़ा आनंद ले सकु मैने दुबारा चूत की फांको को अपने मुँह मे ले लिया
और उसी पल भाभी के होंठ
भी मेरे सुपाडे पे कस गये पूरा सुपाडा उनके मुँह मे था
उनकी गीली जीब से मुझे थोड़ी गुदगुदी भी हो रहीथी पर वो बहुत ही मजेदार पल थे
भाभी लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट से भी ज़्यादा थी वो बहुत ही प्यार से मेरालंड चूस रही थी
साथ साथ लंड को अपने मुँह मे अंदर तक ले जाती थी बहुत ही मुश्किल है उन पलो का
वर्णन करना यहाँ पे बस कोशिश ही कर सकता हू अब अनिता ने पूरे जोश से लंड को चूसना शुरू कर दिया था
उनका थूक बाहर आकर गिर रहा था इधर मैं भी पूरे जोश से चूत का रस पी रहा था
काफ़ी देर तक ऐसे हीचलता रह
अब मैं बस उनको चोदना चाहता था मैने उन्हे हटाया और नीचे लेट गया वो समझ गयी कि मैं क्याचाहता हू और झट से आके मेरे लंड पे बैठ गई
गप्प्प की आवाज़ क साथ एक झटके से पूरा लंड उनकी छोटी सी
चूत मे समा गया उनके और मेरे मुँह से एक साथ ही मस्ती की
आह निकल गयी मैने हाथ बढ़ा के उनकी बालो कीचोटी को खोल दिया अब उनके बाल पूरे चेहरे पे फिसलने लगे जिस से उनकी खूबसरती और भी बढ़ गयी थी
भाभी किसी कुतिया की तरह हाँफ रही थी मैने चूत के अंदर उंगली रगड़ ते हुए पूछा कि जानेमन
मज़ा आया क्या तो वो कुछ नही बोली बस चेहरे को झुका लिया मैं उन्हे छेड़ ते हुए बोला कि शर्मा क्यों रही हो
और एक बार और उनकी चूत के दाने को अपने होंटो मे दबा लिया
पहले तक बस अपना हाथ जगन्नाथ था और कहाँ अब भाभी जैसा टंच माल मेरे साथ बिस्तर पे था
मैं अपने
दान्तो से उनके दाने को धीरे धीरे काट भी रहा था
भी मेरे सुपाडे पे कस गये पूरा सुपाडा उनके मुँह मे था
गप्प्प की आवाज़ क साथ एक झटके से पूरा लंड उनकी छोटी सी