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बॅक टू प्रेजेंट………….
क्या सच में ये सब हुआ था सब के साथ .
मैने पीछे मूड के देखा तो गुड़िया खड़ी थी पीछे पता नही कब से पर अब मुझे मेरी बेबकूफी पे हसी आ रही थी जो बात में किसी को नही बताना चाह रहा था वो अब सब को पता थी.
में-तुम कब से खड़ी हो यहाँ पे.इधर आओ.
गुड़िया मेरे गले लगते हुए जब से आप जॅक अंकल को अपनी स्टोरी सुना रहे थे तब से पर आप ने बताया नही कि ये सब सच है .
में-ये जानना ज़रूरी है तुम्हारे लिए.
गुड़िया -हाँ .
में-हाँ ये बिल्कुल सच है पर आधा अभी आधी स्टोरी बाकी है जो में अब जॅक अंकल को नही सुनाने वाला.
जॅक-क्यूँ तुम्हें पता है मुझे पहली बार कुछ इंट्रेस्टिंग लगा है अब तो मुझे ये पूरी सुननी है किसी भी कीमत पे.
गुड़िया -और मुझे भी वैसे वो प्रिया कितनी बुरी है मुझे मिल जाए तो में उस को****
में-ज़्यादा गुस्सा अच्छा नही अब ये बताओ कि क्या करने आई थी यहाँ पर.
गुड़िया –में तो बस खुद को आकेला महसूस कर रही थी तो आपको ढूँढने लगी तभी आपको यहाँ जॅक अंकल के साथ बात करते हुए देखा मैने सोचा की में आपको डिस्टर्ब नही करूगी इसलिए आप की बात सुनने लगी .
में-तुमे नही पता कि किसी की बातें सुनना बहुत बुरी बात होती है.
जॅक-चलो आज के लिए इतना काफ़ी है बाकी कल देखते है में तो चला आराम करने तुम भी डिन्नर कर के आराम करो कल से
तुम्हारी असली ट्रनिंग सुरू होगी.
में-ओके .
गुड़िया –चलो डिन्नर करते है आज में आपको अपने हाथ से डिन्नर कराती हूँ.
में-सच में तब तो आज में सारा ख़तम कर दूँगा किसी के लिए भी कुछ नही बचने वाला सोच लो.
गुड़िया -सोच लिया चलो .
फिर हम हॉल में आ गये और मॉम डॅड से थोड़ी बहुत बातें हुई फिर सच में गुड़िया ने ही अपने हाथो से मुझे डिन्नर खिलाया और मैने सच में आज बाकी दिनो के मुक़ाबले कुछ ज़्यादा ही खा लिया इतना कि बाद में मुझे मेडिसन भी लेनी पड़ी.पर गुड़िया का मुझे ऐसे खाना खिलाने से मुझे नैना दी की याद आ गयी पता नही मेरे बिना उन का क्या हो रहा होगा मुझे ये तो पक्का पता है कि वो अपना डिन्नर या लंच ढंग से
नही कर रही होगी पर में कुछ नही कर सकता ये जान के भी बड़ा दुख होता है.फिर दिल को एक शकुन मिलता है कि जल्द ही वो भी मेरे पास होगी बस उन के पास होने का अहसास ही मेरे सारे दुख दर्द पे भारी है जब मेरी दी हो साथ तो में सारी दुनिया का मुकाबला
कर सकता हूँ.
गुड़िया -किस के बारे में सोच रहे हो.
में-नैना दी के बारे में तुम कभी मिली हो उन से.
गुड़िया -नही बस डॅड से सुना है कि वो बहुत सुंदर है और अच्छी भी.
में-बिल्कुल ठीक सुना है तुमने वो बहुत सुंदर और अच्छी है पर तुम से ज़्यादा सुंदर नही है.चलो सो जाओ कल स्कूल जाना है तुम्हे .
गुड़िया -मुझे कुछ चाहिए आप से और प्ल्ज़ आप मना नही करेंगे प्ल्ज़ प्ल्ज़्ज़.
में-ओके पर क्या चाहिए पहले ये बताओ.
गुड़िया -परसो से हमारी छुट्टियाँ स्टार्ट हो रही है और प्ल्ज़ इस बार आप मुझे कही घुमाने ले चलो प्ल्ज़ में कभी भी बाहर घूमने नही गयी.में-इधर आ .वो मेरे पास आ गयी और सुन ऐसे कामो के लिए कभी भी छोटे रिक्वेस्ट नही करते सीधा ऑर्डर करते है.
गुड़िया भाग के मेरे गले लग गयी मुझे उसे ऐसे खुस देख के बहुत अच्छा लगा .
में-चल अब सो जा और और कल स्कूल से आ के अपनी प्लॅनिंग कर लेना कि कहाँ जाना है ओके.
गुड़िया -भाई क्या में अपनी कुछ फ्रेंड्स को भी साथ ले लूँ.और एक बात वो कल खाडुश अमृता दी आ रही है मुझे लेने को प्ल्ज़ आप मुझे
उन से बचा लेना प्ल्ज़.
में-अच्छा और वो क्यू भला उन्हे कोई काम होगा तुमसे.
गुड़िया -नही उन्हे कोई काम नही है बस ऐसे ही जब भी मेरी छुट्टी पड़ती है तो मुझे अपने साथ ले जाती है और बस हुकुम चलाती रहती है.
में-तू है इतनी प्यारी कि सब तेरे साथ रहना चाहते है चल में देख लूँगा और तू अपनी फ्रेंड्स को भी बुला ले और ये ट्रिप मेरी तरफ से सब
के लिए ओके चल अब और कोई बात नही चुप चाप सो जा.
गुड़िया -हाँ तो चलो मुझे सुलाओ नही तो मुझे नीद नही आने वाली.
अब मेरे पास कुछ नही बचा था बोलने को किसी ने सही ही कहा है कि आप सब से जीत सकते हो पर कभी भी अपने छोटे ब्रो*आंड सिस* से पंगा मत लेना नही तो 100 में 100 बार मूह की खानी पड़ेगी.
गुड़िया ने मेरी गोद में अपना सिर रख के लेट गयी और में उसके सिर में धीरे धीरे हाथ फेरने लगा कुछ देर के बाद वो सो गयी तो मैने सोचा कि चलो इसे ठीक से सुला दूं पे में ऐसा कर नही पाया क्यूँ कि सोते हुए भी उस की पकड़ मुझ पे बिल्कुल भी ढीली नही हुवी थी आख़िर कार एक बार फिर मेरी हार हुई और मैने उस को ऐसे ही रहने दिया और मेरी कब आख लग गयी पता ही चला सुबह हमारे हिट्लर के दरवाजे पे नोक के साथ ही मेरी नीद खुली और मैने गुड़िया को साइड कर के गेट खोला तो सामने जॅक खड़ा था उस ने मुझे घड़ी की तरफ इशारा कर
के ये बताया कि में लेट हो रहा हूँ और मैने रिप्लाइ में अपने हाथ की 5 उंगलिओ को दिखा के 5 मीं और ले लिए और शायद आज वो अच्छे मूड में था इसलिए उस ने मुझसे बिना किसी बहस के 5 मीं दे भी दिए जो आज की ब्रेकिंग न्यूज़ होनी चाहिए थी पर हाए रे मेरी किस्मत
यहाँ भी धोका दे गयी.कभी कभी में सोचता हूँ कि जब मेरी किस्मत लिखी जा रही थी तब या तो लिखने वाला महा कमीना होगा या उस
को मुझसे कोई खास खुन्नश होगी नही तो ऐसा मेरे साथ बार बार नही होता.आज जो होने वाला था उस से मेरी पूरी लाइफ ही चेंज हो गयी मेरी जीने का तरीका मुझे मजबूरी में बदलना पड़ा मुझे और ये सब सिर्फ़ जॅक की वजह से पता नही उस ने ये सही किया या ग़लत ये तो वक़्त ही बताएगा पर अभी तो मेरा दिल बस जॅक का खून करने को कर रहा
था काश में ऐसा कर सकता ….*****
जॅक-तो तुम तैयार हो ट्रनिंगे के लिए .
में-अगर नही भी हुआ तो तुम छोड़ने वाले नही हो हैं ना .
जॅक-हाँ क्यूँ नही.चलो आज कुछ नया करते है तुम्हें पता है कि हर इंसान की शक्ति का एक शोर्से होता है.
में-नही मुझे ऐसी किसी फज़ूल बातों पे विश्वास नही है.
जॅक-अगर में तुम्हें विश्वास दिला दूं तो तुम मेरे कहे अनुसार चलोगे.
में-बिल्कुल पर कभी ऐसा नही हो सकता.
जॅक-देखते है आओ में तुमे कुछ दिखाता हूँ.
और हम लोग यहाँ से एक छोटे से फव्वारे के पास चले गये जो यही गार्डन में था.
में-अब क्या .
जॅक-देखते रहो.
फिर जो उसने किया वो में अपनी जिंदगी भर नही भूल सकता ऐसा मेरे या किसी भी आम इंसान के लिए देखना या करना नामुमकिन था.
में-ये क्या है ऐसा नही हो सकता ज़रूर ये कोई ट्रिक है ना.
जॅक-तुम्हें ये लगता है कि ये ट्रिक है में ऐसा पूरे दिन भर कर सकता हूँ.
में- पर ये नामुमकिन है ऐसा हो ही नही सकता ये तो****
जॅक-मुझे पता है तुम क्या कहना चाहते हो पर तुम्हारे लिए ये सब जानना भी ज़रूरी है मुझे पता है कि इस समय तुम्हारे दिमाग़ में बहुत
से सवाल उठ रहे होगे पर उन से काफ़ी सवालो के जबाब तुम्हे खुद ही ढूँढने होगे और ये ही आज की तुम्हारी ट्रनिंग है .
में-पर ये हो ही नही सकता ये नामुमकिन है तो में सवाल कहाँ से ढूंडू.
जॅक-अजय अब तुम जिस लाइफ में कदम रखने वाले हो वहाँ कुछ भी नामुमकिन नही है कुछ भी नही .
में-पर क्या सच में वो तुम ने किया था .
जॅक-बिल्कुल और तुम्हें उस से कही आगे जाना है.चलो अब कॉलेज के लिए तैयार हो जाओ कल मिलते है और हाँ आज मुझे कहीं जाना है तो में कॉलेज नही आ रहा तो अपना ध्यान रखना.
में-ये तो अच्छी बात है वैसे भी आज से वो रवि का बच्चा भी आ रहा है.
जॅक-चलो तब ठीक है.
फिर में अपने रूम में चला गया गुड़िया वहाँ नही थी पर आज की सुबह मेरी धमाकेदार रही थी आज मैने वो देखा जो आज तक किसी
ने नही देखा होगा में बस ये बात रवि और अपने दोस्तो को बताने के लिए मरा जा रहा था.तभी मेरा फोन बजने लगा और ये जॅक का फोन था.
में-अब भी कुछ बच गया क्या .में-ये तो अच्छी बात है वैसे भी आज से वो रवि का बच्चा भी आ रहा है.
जॅक-चलो तब ठीक है.
फिर में अपने रूम में चला गया गुड़िया वहाँ नही थी पर आज की सुबह मेरी धमाकेदार रही थी आज मैने वो देखा जो आज तक किसी ने नही देखा होगा में बस ये बात रवि और अपने दोस्तो को बताने के लिए मरा जा रहा था.तभी मेरा फोन बजने लगा और ये जॅक का फोन था.
में-अब भी कुछ बच गया क्या .
जॅक-हाँ और वो ये कि जो भी आज हुआ वो किसी को पता ना चले नही तो उसके लिए अच्छा नही होगा समझे.
में-यार तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है हर काम में अपनी टाँग लगा देते हो.
जॅक-अब क्या करूँ मेरी टाँग ही इतनी बड़ी है बस जो मैने कहा वो ध्यान रखना.
में-ठीक है .
फिर में रेडी हो के नीचे हॉल में चला गया जहाँ गुड़िया नाश्ते पे मेरा वेट कर रहे थे.
में-क्या हो रहा है आज तो राजकुमारी जी यही है अभी तक.
गुड़िया -हहा मुझे हसी नही आई अब जल्दी से मुझे नाश्ता कराओ मुझे स्कूल के लिए लेट हो रहा है.
मॉम-ये क्या बदतमीज़ी है अपना नाश्ता अपने आप करो और स्कूल जाओ बाहर ड्राइवर तुम्हारा वेट कर रहा है.
में-मॉम आप हमारे बीच ना आएँ में देख लूँगा इसको आप टेन्षन ना लें.
मॉम-ठीक है आज से में कभी तुम दोनों के बीच नही आने वाली.
गुड़िया -ये ही ठीक है .
फिर मैने गुड़िया को नाश्ता करवाया और हम दोनों अपने स्कूल और कॉलेज के लिए निकल गये.
आज रघु को किसी काम से कहीं जाना था इसलिए वो कॉलेज नही जाने वाला था.में अभी कॉलेज में पहुँचा ही था कि निशा मुझे गेट पे खड़ी मिल गयी और काफ़ी गुस्से में लग रही थी मैने सोचा कि साइड से निकल लूँ पर हाए रे मेरी किस्मत ऐसा हो ना सका और निशा ने मुझे गेट पे ही रोक लिया .
निशा-कहाँ जा रहे हो में कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ यहाँ पे और तुम ऐसे ही जा रहे हो बिना मुझ से मिले हुए.
में-ऐसा नही निशा में तो बस .हाँ वो में वो देख नही पाया सॉरी.
निशा-झूट मत बोलो नही तो …
रवि-कोई प्रॉब्लम है मिस कहीं ये आपको परेशान तो नही कर रहा है अगर कर रहा है तो मुझे बता दें में इसे अभी ठीक कर देता हूँ.
निशा-और आप कौन है.
जी में रवि हूँ और मैने भी इसी कॉलेज में अड्मिशन लिया है बस थोड़ा लेट एंट्री हुई है.
निशा-तभी इतना बोल रहे हो नही तो शायद तुम्हे नही पता कि ये क्या कर सकता है.
रवि-ये कुछ नही कर सकता इस जैसे तो मैने पता नही कितने ठीक किए है .
निशा-ज़्यादा ओवरकॉन्फिडेन्स अच्छा नही होता.
में-भाई मेरी कोई ग़लती नही है और ये मेरी दोस्त है तुम तो खमखा ही ग़लत सोच रहे हो.
रवि-मुझे पता है में क्या कर रहा हूँ मुझे कुछ बताने की ज़रूरत नही है .तो आप का क्या नाम है मिस आप बोलें में इसे अभी ठीक कर
देता हूँ.
निशा-निशा नाम है मेरा हम दोस्त है इसलिए तुम यहाँ से जा सकते हो.
रवि-बेटा आज बच गया तू नही तो कल की कसर निकाल लेता आज.
में-भाई आज मेरी किस्मत बहुत जोरो पे है.
निशा-ये सब क्या हो रहा है कोई मुझे भी कुछ बताएगा.
में-निशा इन से मिलो ये मेरा बेस्ट फ्रेंड् और भाई रवि है उस दिन पार्टी में मिले थे पर उस टाइम इसने मास्क पहना हुआ था.
निशा-अच्छा तो तुम दोनों दोस्त हो और ये अमृता के अंकल के फ्रेंड् का बेटा है.
में-ऐसा भी कह सकती हो चलो क्लास चलते है लेट हो रहे है.रवि मेरे कान में भाई लड़की तो मस्त है मेरी सेट्टिंग करवा दे कब तक ऐसे ही रहुगा.
में-भाई बहुत डेंजर भी है बाकी तू देख ले.
रवि-भाई तू उस की टेन्षन ना ले बस सेट्टिंग करवा दे .
में-चल ब्रेक टाइम में तेरी फ्रेंड्सशिप करवाता हूँ अब मूह बंद कर के क्लास चल…
फिर क्लास स्टार्ट हो गयी क्लास तो स्टार्ट हो गयी पर रवि शायद किसी और ही दुनिया में खोया हुआ था वो बस एक टक निशा को ही देख रहा था जैसे की उसके अलावा कोई है ही नही वहाँ.
में-भाई बस भी कर दे.अब तो मुझे भी शर्म आ रही है.
रवि-मैने क्या किया जो तुझे शर्म आ रही है .
में-भाई तू कब से निशा को घुरे जा रहा है अपनी ना सही कम से मेरी इज़्ज़त का तो ख़याल कर .
रवि-तेरे कहने का मतलब क्या है कि में**
में-बल्कुल सही समझा तू अब अगर तूने उसे एक बार और घूरा तो में तेरी फ्रेंड्सशिप नही करवाने वाला.
रवि-यार क्या करूँ वो है ही इतनी सुंदर .
फिर किसी तरह मैने उसे समझाया और क्लास कंटिन्यू करी .और इसी तरह ब्रेक टाइम तक हम दोनों में फिर कोई बात नही हुई और ब्रेक टाइम भी हो गया.
निशा-चलो कॅंटीन में चलते है वैसे भी मुझे तुम से कुछ बात करनी है.
में-चलो चलते है मुझे भी कुछ बात करनी है तुमसे.
रवि-मुझे भी.
निशा-क्या ?
रवि-मेरा मतलब है कि अजय से कुछ बात करनी है.(बच गया यार नही तो )
अब हम लोग कॅंटीन में चल दिए वहाँ तो एक अलग ही महॉल था किसी ने सही कहाँ है कि कॉलेज का असली मज़ा तो कॉलेज कॅंटीन में
ही है और जाहिर सी बात है कि कॉलेज कॅंटीन हो और वहाँ गर्ल्स और बाय्स हो और लफडा ना हो ऐसा कभी हो सकता है.
रवि-अजय देख वहाँ पे कुछ लड़के उन लड़कियों को परेशान कर रहे है.
में-तो तू रुका क्यूँ है जा उन की मदद कर और हीरो बन जा.
रवि-कमीने पागल समझा है क्या वो 5 है और में आकेला.
में-भाई किसी ने सही ही कहा है कि झुंड में तो कुत्ते शिकार करते है शेर अकेले ही शिकार करता है.
रवि-साले डिस्कवरी में भी देखता हूँ शेर (लाइयन)कभी शिकार नही करता वो तो बस राज करता है चल अब डायलॉग बंद कर और चल मेरे साथ.
निशा-डर लग रहा है रवि.
में-ऐसा बिल्कुल नही है ये अकेला ही दस पे भारी है वो वहाँ अभी 5 ही है ना इसलिए इसको शर्म आ रही है नही तो अभी तक तो वो बस समझ जाओ.
निशा-ऐसी बात है मुझे लगा कि मिस्टर.रवि को डर लग रहा है .
रवि-ऐसा कुछ नही है.
में-अच्छा अगर रवि ने उन सब को अकेले सबक सिखा दिया तो तुमको रवि के साथ डेट पे जाना होगा.
रवि-भाई क्या बोल रहा है .
में-तुझे नही जाना कोई नही में किसी दूसरे को ढूंढता हूँ
रवि-मैने मना कब किया में तो ये बोल रहा था कि निशा जी को कहीं बुरा लग गया तो.
में-तू उस की टेन्षन ना ले .तो निशा क्या बोलती हो.
निशा-ठीक है पर सोच लो एक बार और वो यहाँ के अच्छे स्टूडेंट में नही गिने जाते.
में-चल जा मेरे शेर अब तो तेरी पाँचो उंगलिया घी में और सिर कढ़ाई में है.
रवि-वो कैसे ?
में-देख तूने अगर उन लड़कियों की हेल्प की तो जाहिर सी बात है वो भी तेरी फ्रेंड् बन जाएगी और निशा के साथ डेट तेरी तो लॉटरी निकल पड़ी.में-देख तूने अगर उन लड़कियों की हेल्प की तो जाहिर सी बात है वो भी तेरी फ्रेंड् बन जाएगी और निशा के साथ डेट तेरी तो लॉटरी निकल पड़ी.
रवि-और अगर कहीं पासा उल्टा पड़ गया तो.
में-तो तू रुक में जाता हूँ.
रवि-तू रहने दे में ही जा रहा हूँ.
फिर रवि उन के पास चला गया और उन लड़को से बात करने लगा और उस ने तो कमाल ही कर दिया उन लड़को को पता नही क्या
बोला वो सभी लड़के उन लड़कियो से माफी माँगते हुए वहाँ से चले गये.\
निशा-मुझे बिलिव नही हो रहा ये सब हुआ कैसे.
में-मुझे क्या पता मुझे तो लगा था कि एक दो खा के वापस आएगा तब में हीरो की तरह एंट्री करूगा पर यहाँ तो उल्टा हो गया.
रवि उन दोनों लड़कियों को ले के हमारी टेबल पे आ गया.
रवि-गर्ल्स इन से मिलो ये है मेरा दोस्त अजय और ये है निशा.अजय ये है सिमरन और आरती.
सिमरन-हाँ हम जानते है हम ने वीडियो देखी थी इन की .
में-देखा में किसी सुपरस्टार की तरह फेमस हूँ.
रवि-बेटा अगर उस दिन में भी होता तो आज में भी फेमस होता.
निशा-हेलो फ्रेंड्स .
रवि-तो निशा कब फ्री है आप.
निशा-अभी तो मेरा शेड्यूल काफ़ी टाइट है नेक्स्ट ईयर देखते है.
मेरी तो हसी निकल गयी और में अपना पेट पकड़ के वही हँसने लगा .
सिमरन-किसी ने कोई जोक मारा क्या जो आप इतना हंस रहे है.क्यूँ कि मुझे हसी नही आ रही है.
में-नही किसी का यहाँ पे कचरा हो गया अभी अभी.
रवि-तू अपना मूह बंद कर नही तो में तेरा मूह तोड़ दूँगा समझा.
आरती-आप लोग कुछ लेंगे में अपने लिए स्नेक लेने जा रही हूँ.
में-हाँ में भी चलता हूँ आपको हेल्प मिल जाएगी आप सब के लिए अकेले नही ला पाएगी.
निशा-कोई ज़रूरत नही है में और सिमरन जाते है हेल्प के लिए तुम यही बैठो.
में-जैसी आप की मर्ज़ी.वो सब वहाँ से उठ के चल गये और अब वहाँ पे सिर्फ़ में और रवि ही थे.
में-तो भाई तूने उन सब को ऐसा क्या कह दिया कि वो सब इतना डर गये.
रवि-छोड़ ना वो ज़रूरी नही है .
में-देख सीधे तरह बता नही तो.
रवि-मैने उन को बस इतना ही बोला कि अभी कुछ दिन पहले जो कॉलेज साइट पे वीडियो था वो मेरे फ्रेंड् का था जो वहाँ उस टेबल पे बैठा है.
में-यानी कि तूने मुझे गुंडा बना दिया.
रवि-नही बस खुद को पिटने से बचा लिया बस.
में-मेरे साथ रहते हुए स्मार्ट हो गया है.
रवि-क्या फ़ायदा यार निशा ने तो साफ मना कर दिया .
में-मेरे पास एक आइडिया है जिस से तुम दोनों को काफ़ी टाइम मिल जाएगा .
रवि-बता ना यार फिर देर क्यूँ कर रहा है.में-मेरे पास एक आइडिया है जिस से तुम दोनों को काफ़ी टाइम मिल जाएगा .
रवि-बता ना यार फिर देर क्यूँ कर रहा है.
में-पहले ये बता कि मेरा क्या फ़ायदा होगा उस से.
रवि-तू जो भी बोले मुझे मंज़ूर है.
में-ठीक है फिर पूरे इस सेमिस्टर तू मेरे सभी असाइनमेंट तू पूरे करेगा .
रवि-ये कुछ ज़्यादा नही हो गया.
में-सोच ले मुझे कोई जल्दी नही है.
रवि-ठीक है तू भी तो कभी फसेगा मेरे चुंगल में तब बताता हूँ तुझे.
में-तो सुन कल में और गुड़िया और उसके कुछ फ्रेंड् जा रहे है घूमने के लिए कम से कम 3से 4 दिन का प्लान है तो में निशा को भी साथ
ले लेता हूँ और तू भी चल तुझे पूरा टाइम मिलेगा उसके साथ बस तू अपना जादू चला दिओ उस पे.
रवि-आइडिया तो अच्छा है पर क्या वो चलेगी.
में-तू उस की टेन्षन ना ले वो मेरा काम है उस को मनाने का तू रेडी है तो बोल.
में-में तो डबल रेडी हूँ.
तब तक वो सब भी आ गयी और हम ने ऐसे ही बात चीत करते हुए अपने स्नॅक ख़तम किए और अपने अपने लेक्चर अटेंड किए.
घर जाते हुए भी निशा मुझे कुछ बोलना चाह रही थी पर मैने उस को बोलने नही दिया क्यूँ कि में कोई रिस्क नही लेना चाहता था रवि को इसके पीछे लगाने का एक कारण ये भी था की इससे निशा का ध्यान मुझसे हट के कही और जाए .
में पार्किंग से अपनी बाइक निकाल रहा था कि किसी की गाड़ी फुल स्पीड में मेरे बिल्कुल पास से निकली और में अपनी बाइक के साथ
गिर पड़ा गाड़ी कुछ आगे जा के रुकी और उस में से प्रिया (दोस्तो ये कॉलेज वाली प्रिया है) निकली और हँसने लगी.
प्रिया-तुम्हारी औकात ही ये है अब पड़े रहो ज़मीन पर.
में-सही कहा प्रिया मेरी तो औकात ये ही है पर मुझे लगता है कि जो ज़मीन से जुड़े होते है आगे भी वो ही जाते है.
प्रिया-वो भी देख लेंगे .
में-क्या ऐसा कोई दिन आएगा जब में आप की ये बदसूरत से शकल देखे बिना भी अपने घर जा सकता हूँ.
प्रिया-क्या कहा तुम ने में तुम्हे जिंदा नही छोड़ने वाली.
तभी निशा आ गयी और उस ने प्रिया को पकड़ लिया मामले को बिगड़ता हुआ देख मैने दोनों को आलग किया और प्रिया को वापस भेज दिया जाते हुए भी प्रिया हम को देख लेने की धमकी देते हुए गयी.
में-यार निशा तुम्हारा ऐसा रूप तो मैने पहलीी बार देखा है कमाल है तुम तो बहुत ही ख़तरनाक हो यार अगर में टाइम पे नही आता तो तुम तो उसे जान से ही मार देती.
निशा-तुम ने समझ क्या रखा है अपने आपको कोई भी आता है और तुम को कुछ भी बोल के चला जाता है और तुम उसे कुछ नही
बोलते ऐसा क्यूँ तुम ऐसे क्यूँ हो.
में-क्यू कि में यहाँ पढ़ने आया हूँ और ये सब तो चलता रहता है .छोड़ो ये सब अपना मूड ठीक करो प्ल्ज़.
निशा-पर वो .
में-कुछ भी जस्ट रिलॅक्स बिल्कुल भी टेन्षन मत लो बस शांत रहो सब ठीक हो जाएगा.
निशा-ओके ठीक है.
में-अब ये बताओ कि तुम यहाँ क्या कर रही हो.
निशा-वो मेरी गाड़ी खराब हो गयी है तो क्या तुम मुझे घर छोड़ दोगे प्ल्ज़.
में-ओके चलो बैठो और मैं उस को उसके घर छोड़ने के लिए घर चला गया जहाँ कि एक नया ड्रामा मेरा इंतज़ार कर रहा था ……….घर पे पहुँच के में मॉम को ढूँढने लगा मॉम अपनी आदत के अनुसार किचन में ही मिली.
में-मॉम घर पे इतने नोकर होने के बावजूद आप मुझे हमेंशा किचन में ही क्यूँ मिलती है.
मॉम-इंडियनमाँ हूँ ना इसलिए हमेंशा अपने बच्चो और अपने परिवार को अपने हाथ से बना खाना खिलाना पसंद करती हूँ जिस वजह से तुझे में हमेंशा किचन में मिलती हूँ .और है ही क्या करने के लिए मेरे लिए बाकी सारा काम तो नोकर कर ही देते है अगर ये भी नोकर कर लेंगे तो में पागल हो जाउन्गी.
में-ओके मैने पूछ के ही ग़लती कर दी चलो आप से मुझे कुछ बात करनी है गुड़िया आ गयी स्कूल से .
मॉम-नही ड्राइवर ने फोन किया था कि वो रानी के घर जा रही है किसी काम से बस कुछ देर में आती ही होगी.
में-गुड और आज कोई आने वाला है क्या .
मॉम-नही तो तुझे ऐसा क्यूँ लग रहा है.
में-नही वो गुड़िया बता रही थी कि अमृता दी आ रही है उस को ले जाने के लिए.
मॉम-ओह हाँ में तुझे बताना भूल गयी अमृता इसे जब भी इसकी छुट्टियाँ पड़ती है तो अपने साथ ले जाती है तो कल से इसकी एक वीक
की छुट्टियाँ है तो वो उस को ले जाने के लिए आ रही है.
में-पर मॉम गुड़िया को उन के साथ रहना पसंद नही.
मॉम-मुझे पता है.
में-फिर आप उसे क्यूँ जाने देती हो.
मॉम-क्यूँ कि उसके लिए अमृता ही ठीक है नही तो मेरी कोई बात मानती ही कहाँ है वो पहले बस पूरे दिन भर अपने रूम में पड़ी रहती थी ना किसी से बात करना ना कुछ और इसको देख के ऐसा लगता था कि ये लड़की बस जिंदगी को किसी सज़ा की तरह काट रही है
तब अमृता ने इसे संभाला कुछ प्यार से और कुछ डाँट से .
में-समझ गया मुझे लगा ही था ओके पर अब में आ गया हूँ ना अब से में उस का पूरा ध्यान रखुगा आप टेन्षन ना लें.
मॉम-मुझे पता है .
में-मॉम वो में सोच रहा था कि कही एक हॉलिडे पे गुड़िया को कही की सैर करा लाऊ .
मॉम-ये तो अच्छी बात है .
में-तो मॉम आप ने मुझे पार्मिशन दे दी.
मॉम-इसमें पार्मिशन की क्या ज़रूरत है.
में-क्यूँ नही है आपके बच्चे है हम आपको पता होना चाहिए कि हम कहाँ है क्या कर रहे है आप का हक़ बनता है .
मॉम-सच में मैं तुझ जैसा बेटा पा के धन्य हो गयी .तेरी मामी ने सच में तुझे बहुत ही अच्छी परवरिश दी है शायद में भी इतनी अच्छी परवरिश नही दे सकती थी.
में-अब आप ये सब ले के मत बैठ जाना प्ल्ज़.में जैसा भी हूँ बस आप लोगो के प्यार और आशीर्वाद की वजह से हूँ अब मुझे बहुत भूक लगी है कुछ खाने को मिल जाता तो मज़ा ही आ जाता.
मॉम-चुप कर नौटंकीबाज तू बैठ में अभी लाती हूँ आज मैने तेरी पसंद के छोले चावल बनाए है तुझे पसंद है ना.
में-बहुत पसंद है जल्दी ले के आइए और प्ल्ज़ थोड़े ज़्यादा लाईएगा.मॉम खाना लेने को चली गयी कि तभी अमृता दी की एंट्री हुई.में सच में क्या किस्मत पाई है मैने साला सारी जिंदगी ही ससपेन्स में है और मेरे भाई लोग बोलते है कि मैने ससपेन्स बना रखा है अब आप लोग ही बताओ कि अगर अमृता दी 02 मीं पहले आ जाती तो उन का क्या बिगड़ जाता .
अमृता दी-तुम यहाँ क्या कर रहे हो बैठे तो ऐसे हो जैसे कि मालिक हो इस घर के.
में-हाँ अब हूँ मुझे गोद ले लिया है मिस्टर.गुप्ता यानी कि मेरे डॅड ने और आप कौन है .
अमृता-क्या बकवास है ये ये तुम्हें बहुत भारी पड़ेगा.
में-हल्की चीज़ो का मुझे शॉक भी नही है.अगर आपको विश्वास नही हो रहा तो अभी विश्वास दिला देता हूँ. मॉम खाना लाने में और कितना टाइम लगेगा.
मॉम-(किचन से ही) बस ला रही हूँ दो मिनट रुक जा .
में-अब तो विश्वास हो गया की और कोई डाउट है.
अमृता दी-ये सब हो क्या रहा है मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा.
मॉम-अरे अमृता तुम कब आई आओ बैठो
अमृता दी-ये सब क्या है आंटी आप ने इसे गोद ले लिया और किसी को बताया भी नही और वो भी एक नौकर को.
मॉम-ये क्या बकवास है अमृता उस दिन अजय ने तुम को नाश्ता क्या सर्व कर दिया तुम ने इसे नोकर बना दिया शर्म आनी चाहिए तुम्हें
ये तुम्हारा छोटा भाई है.
में-दीदी जी नमस्ते.
अमृता दी-पर आंटी अभी अभी तो इसने कहा कि आप ने और अंकल ने इसे गोद लिया है.और उस दिन भी इसने मुझसे ये ही कहा था
कि पार्टी के तैयारियों के लिए आया है .
मॉम-में बिल्कुल तेरी बात से सहमत हूँ इस ने कहा होगा ऐसा बहुत ही नौटंकी बाज और शैतान है ये.
ये अजय है जो अपने मामा मामी के साथ बाहर रहता था कुछ दिन पहले ही इंडिया आया है अब यही रह के अपनी आगे की स्टडी करेगा.
तू रुक तुझे में अभी बताती हूँ तूने मुझे बुद्धू बनाया ना.और दी मुझे सोफे के कुशन से मारने लगी और में बचने के लिए मॉम के पीछे छुप गया जब दी थक गयी तो उन्होने अपनी हार मानते हुए अपने हथियार डाल दिए.मैने मोका देख के उन को पीछे से गले लगा लिया और वो मेरे सिर पे हाथ फेरने लगी.
में-मॉम अमृता दी मुझसे बड़ी है या सेम एज की है में काफ़ी कॅनफ्यूज़ हूँ.
मॉम-बड़ी है 6 मंत्स.
में-मर गया अब तो .
अमृता दी-और नही तो क्या चल अपना समान पॅक कर और गुड़िया के साथ तू भी चल रहा है मेरे साथ.
में-कोई कही नही जा रहा हमारा कुछ और प्लान है.
अमृता दी-क्या प्लान है कोई प्लान नही .
में-अब कुछ नही हो सकता मैने सब को बोल दिया है और हम घूमने जा रहे है अगर आप चाहे तो आप भी हमारे साथ चल सकती है.
गुड़िया -नही दी नही जाएगी .
में-तू कब आई तुझे तो मैने देखा ही नही.
गुड़िया -बस अभी ही आई हूँ और प्ल्ज़ भाई दी को मत लेके जाओ ना.
में-तू टेन्षन ना ले तेरा बदला भी तो लेना है साथ में सबक सिखाना दी को वहाँ.
अमृता दी-क्या खुसुर फुसुर हो रही है तुम दोनों में.
में-कुछ नही आप चल रही है ना.
अमृता दी-पता नही मॉम से पूछना पड़ेगा.
में-वो मॉम पूछ लेगी क्यूँ मॉम.
मॉम-ओके चल में बात कर लूँगी तू भी तैयारी कर ले.
अमृता दी-पर मेरे पास मेरा समान नही है.
में-तो क्या हुआ चल के शॉपिंग कर लेते है वैसे भी मुझे और मेरी प्रिंसेज़ को तो शॉपिंग करनी ही है.
गुड़िया -और नही तो क्या आपको चलना है तो आप भी चल सकती है.
अमृता दी-देखो कैसे भाई के आने से चींटी के भी पर निकल आए है तुझे तो में बाद में देख लूँगी.
में-ऐसा कुछ नही है.
गुड़िया -बिल्कुल है अब आप मेरा कुछ नही कर सकती अब मुझे बचाने वाला आ गया .
में-क्यूँ पिटवाने पे तुली है तुझे पता तो है कि लड़कियों का टॉप फ्लोर खाली होता है कब गरम हो जाए पता नही.
गुड़िया -आपके कहने का मतलब क्या है कि मेरा भी ...
में-अरे नही तुझे छोड़ के तू तो स्पेशल है.में-क्यूँ पिटवाने पे तुली है तुझे पता तो है कि लड़कियों का टॉप फ्लोर खाली होता है कब गरम हो जाए पता नही.
गुड़िया -आपके कहने का मतलब क्या है कि मेरा भी ...
में-अरे नही तुझे छोड़ के तू तो स्पेशल है.
गुड़िया -तब ठीक है
अमृता दी-कब चलना है शॉपिंग पे.
में-बस कुछ देर में चलते है रवि और जिया दी को भी बुला लेता हूँ अच्छा रहे गा.
अमृता दी-वैसे कहाँ जा रहे है हम.
में-वो स्पेशल लोगो को ही पता है और आप स्पेशल लोगो में नही आते तो वेट आंड वॉच.
गुड़िया धीरे से मेरे कान में मुझे तो बता दो में तो स्पेशल हूँ.
में-मुझे क्या पता प्लान तो तेरा था तुझे पता होना चाहिए कि कहाँ जाना है.
गुड़िया -हे भगवान क्या सारा काम इस छोटी सी बच्ची से ही करवाओगे कुछ खुद भी कर लो.
में-अच्छा कुछ ज़्यादा नही हो रहा.
गुड़िया -कम की हमें आदत नही है.हम अपने रूम में आराम करने जा रहे है जब हम वापस आए तो हमें हमारे सवाल के जबाब मिल जाने चाहिए.
में-तू रुक तुझे बताता हूँ में.
पर वो भाग के अपने रूम में पहुँच गयी उस का रूम नीचे होने का एक ये फ़ायदा भी था वापस आ के सबसे पहले इसका रूम उपर
सेट करवाता हूँ तब बात बनेगी नही तो ये तो हमेंशा ही बच जाएगी.
मैं-- दी आप भी आराम कर लें जब जाना होगा में आप की बता दूँगा और में भी आराम करने चला गया .**
में अभी अपने कमरे में पहुँचा ही था कि रवि का कॉल आ गया.
में-देख अगर आरजेंट ना हो तो बाद में बात करते है मुझे अभी सोना है.
रवि-कमीने मेरी नीद उड़ा के तुझे सोने की पड़ी है .तूने निशा से बात की या नही.
में-अभी नही में कर लूँगा.
रवि-अभी कर में 5 मिनट बाद दुबारा कॉल कर रहा हूँ और मुझे गुड न्यूज़ ही चाहिए नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.(और कमिने ने फोन काट दिया.)
मैं- यार कसम से क्या दिन आ गये है यार मेरे कोई भी धमकी दे देता है आज कल.और मैने निशा को कॉल मिलाया और कमाल की बात कि दो रिंग में ही फोन पिक हो गया जैसे कि मेरे ही फोन का वेट कर रही हो.
क्या सच में ये सब हुआ था सब के साथ .
मैने पीछे मूड के देखा तो गुड़िया खड़ी थी पीछे पता नही कब से पर अब मुझे मेरी बेबकूफी पे हसी आ रही थी जो बात में किसी को नही बताना चाह रहा था वो अब सब को पता थी.
में-तुम कब से खड़ी हो यहाँ पे.इधर आओ.
गुड़िया मेरे गले लगते हुए जब से आप जॅक अंकल को अपनी स्टोरी सुना रहे थे तब से पर आप ने बताया नही कि ये सब सच है .
में-ये जानना ज़रूरी है तुम्हारे लिए.
गुड़िया -हाँ .
में-हाँ ये बिल्कुल सच है पर आधा अभी आधी स्टोरी बाकी है जो में अब जॅक अंकल को नही सुनाने वाला.
जॅक-क्यूँ तुम्हें पता है मुझे पहली बार कुछ इंट्रेस्टिंग लगा है अब तो मुझे ये पूरी सुननी है किसी भी कीमत पे.
गुड़िया -और मुझे भी वैसे वो प्रिया कितनी बुरी है मुझे मिल जाए तो में उस को****
में-ज़्यादा गुस्सा अच्छा नही अब ये बताओ कि क्या करने आई थी यहाँ पर.
गुड़िया –में तो बस खुद को आकेला महसूस कर रही थी तो आपको ढूँढने लगी तभी आपको यहाँ जॅक अंकल के साथ बात करते हुए देखा मैने सोचा की में आपको डिस्टर्ब नही करूगी इसलिए आप की बात सुनने लगी .
में-तुमे नही पता कि किसी की बातें सुनना बहुत बुरी बात होती है.
जॅक-चलो आज के लिए इतना काफ़ी है बाकी कल देखते है में तो चला आराम करने तुम भी डिन्नर कर के आराम करो कल से
तुम्हारी असली ट्रनिंग सुरू होगी.
में-ओके .
गुड़िया –चलो डिन्नर करते है आज में आपको अपने हाथ से डिन्नर कराती हूँ.
में-सच में तब तो आज में सारा ख़तम कर दूँगा किसी के लिए भी कुछ नही बचने वाला सोच लो.
गुड़िया -सोच लिया चलो .
फिर हम हॉल में आ गये और मॉम डॅड से थोड़ी बहुत बातें हुई फिर सच में गुड़िया ने ही अपने हाथो से मुझे डिन्नर खिलाया और मैने सच में आज बाकी दिनो के मुक़ाबले कुछ ज़्यादा ही खा लिया इतना कि बाद में मुझे मेडिसन भी लेनी पड़ी.पर गुड़िया का मुझे ऐसे खाना खिलाने से मुझे नैना दी की याद आ गयी पता नही मेरे बिना उन का क्या हो रहा होगा मुझे ये तो पक्का पता है कि वो अपना डिन्नर या लंच ढंग से
नही कर रही होगी पर में कुछ नही कर सकता ये जान के भी बड़ा दुख होता है.फिर दिल को एक शकुन मिलता है कि जल्द ही वो भी मेरे पास होगी बस उन के पास होने का अहसास ही मेरे सारे दुख दर्द पे भारी है जब मेरी दी हो साथ तो में सारी दुनिया का मुकाबला
कर सकता हूँ.
गुड़िया -किस के बारे में सोच रहे हो.
में-नैना दी के बारे में तुम कभी मिली हो उन से.
गुड़िया -नही बस डॅड से सुना है कि वो बहुत सुंदर है और अच्छी भी.
में-बिल्कुल ठीक सुना है तुमने वो बहुत सुंदर और अच्छी है पर तुम से ज़्यादा सुंदर नही है.चलो सो जाओ कल स्कूल जाना है तुम्हे .
गुड़िया -मुझे कुछ चाहिए आप से और प्ल्ज़ आप मना नही करेंगे प्ल्ज़ प्ल्ज़्ज़.
में-ओके पर क्या चाहिए पहले ये बताओ.
गुड़िया -परसो से हमारी छुट्टियाँ स्टार्ट हो रही है और प्ल्ज़ इस बार आप मुझे कही घुमाने ले चलो प्ल्ज़ में कभी भी बाहर घूमने नही गयी.में-इधर आ .वो मेरे पास आ गयी और सुन ऐसे कामो के लिए कभी भी छोटे रिक्वेस्ट नही करते सीधा ऑर्डर करते है.
गुड़िया भाग के मेरे गले लग गयी मुझे उसे ऐसे खुस देख के बहुत अच्छा लगा .
में-चल अब सो जा और और कल स्कूल से आ के अपनी प्लॅनिंग कर लेना कि कहाँ जाना है ओके.
गुड़िया -भाई क्या में अपनी कुछ फ्रेंड्स को भी साथ ले लूँ.और एक बात वो कल खाडुश अमृता दी आ रही है मुझे लेने को प्ल्ज़ आप मुझे
उन से बचा लेना प्ल्ज़.
में-अच्छा और वो क्यू भला उन्हे कोई काम होगा तुमसे.
गुड़िया -नही उन्हे कोई काम नही है बस ऐसे ही जब भी मेरी छुट्टी पड़ती है तो मुझे अपने साथ ले जाती है और बस हुकुम चलाती रहती है.
में-तू है इतनी प्यारी कि सब तेरे साथ रहना चाहते है चल में देख लूँगा और तू अपनी फ्रेंड्स को भी बुला ले और ये ट्रिप मेरी तरफ से सब
के लिए ओके चल अब और कोई बात नही चुप चाप सो जा.
गुड़िया -हाँ तो चलो मुझे सुलाओ नही तो मुझे नीद नही आने वाली.
अब मेरे पास कुछ नही बचा था बोलने को किसी ने सही ही कहा है कि आप सब से जीत सकते हो पर कभी भी अपने छोटे ब्रो*आंड सिस* से पंगा मत लेना नही तो 100 में 100 बार मूह की खानी पड़ेगी.
गुड़िया ने मेरी गोद में अपना सिर रख के लेट गयी और में उसके सिर में धीरे धीरे हाथ फेरने लगा कुछ देर के बाद वो सो गयी तो मैने सोचा कि चलो इसे ठीक से सुला दूं पे में ऐसा कर नही पाया क्यूँ कि सोते हुए भी उस की पकड़ मुझ पे बिल्कुल भी ढीली नही हुवी थी आख़िर कार एक बार फिर मेरी हार हुई और मैने उस को ऐसे ही रहने दिया और मेरी कब आख लग गयी पता ही चला सुबह हमारे हिट्लर के दरवाजे पे नोक के साथ ही मेरी नीद खुली और मैने गुड़िया को साइड कर के गेट खोला तो सामने जॅक खड़ा था उस ने मुझे घड़ी की तरफ इशारा कर
के ये बताया कि में लेट हो रहा हूँ और मैने रिप्लाइ में अपने हाथ की 5 उंगलिओ को दिखा के 5 मीं और ले लिए और शायद आज वो अच्छे मूड में था इसलिए उस ने मुझसे बिना किसी बहस के 5 मीं दे भी दिए जो आज की ब्रेकिंग न्यूज़ होनी चाहिए थी पर हाए रे मेरी किस्मत
यहाँ भी धोका दे गयी.कभी कभी में सोचता हूँ कि जब मेरी किस्मत लिखी जा रही थी तब या तो लिखने वाला महा कमीना होगा या उस
को मुझसे कोई खास खुन्नश होगी नही तो ऐसा मेरे साथ बार बार नही होता.आज जो होने वाला था उस से मेरी पूरी लाइफ ही चेंज हो गयी मेरी जीने का तरीका मुझे मजबूरी में बदलना पड़ा मुझे और ये सब सिर्फ़ जॅक की वजह से पता नही उस ने ये सही किया या ग़लत ये तो वक़्त ही बताएगा पर अभी तो मेरा दिल बस जॅक का खून करने को कर रहा
था काश में ऐसा कर सकता ….*****
जॅक-तो तुम तैयार हो ट्रनिंगे के लिए .
में-अगर नही भी हुआ तो तुम छोड़ने वाले नही हो हैं ना .
जॅक-हाँ क्यूँ नही.चलो आज कुछ नया करते है तुम्हें पता है कि हर इंसान की शक्ति का एक शोर्से होता है.
में-नही मुझे ऐसी किसी फज़ूल बातों पे विश्वास नही है.
जॅक-अगर में तुम्हें विश्वास दिला दूं तो तुम मेरे कहे अनुसार चलोगे.
में-बिल्कुल पर कभी ऐसा नही हो सकता.
जॅक-देखते है आओ में तुमे कुछ दिखाता हूँ.
और हम लोग यहाँ से एक छोटे से फव्वारे के पास चले गये जो यही गार्डन में था.
में-अब क्या .
जॅक-देखते रहो.
फिर जो उसने किया वो में अपनी जिंदगी भर नही भूल सकता ऐसा मेरे या किसी भी आम इंसान के लिए देखना या करना नामुमकिन था.
में-ये क्या है ऐसा नही हो सकता ज़रूर ये कोई ट्रिक है ना.
जॅक-तुम्हें ये लगता है कि ये ट्रिक है में ऐसा पूरे दिन भर कर सकता हूँ.
में- पर ये नामुमकिन है ऐसा हो ही नही सकता ये तो****
जॅक-मुझे पता है तुम क्या कहना चाहते हो पर तुम्हारे लिए ये सब जानना भी ज़रूरी है मुझे पता है कि इस समय तुम्हारे दिमाग़ में बहुत
से सवाल उठ रहे होगे पर उन से काफ़ी सवालो के जबाब तुम्हे खुद ही ढूँढने होगे और ये ही आज की तुम्हारी ट्रनिंग है .
में-पर ये हो ही नही सकता ये नामुमकिन है तो में सवाल कहाँ से ढूंडू.
जॅक-अजय अब तुम जिस लाइफ में कदम रखने वाले हो वहाँ कुछ भी नामुमकिन नही है कुछ भी नही .
में-पर क्या सच में वो तुम ने किया था .
जॅक-बिल्कुल और तुम्हें उस से कही आगे जाना है.चलो अब कॉलेज के लिए तैयार हो जाओ कल मिलते है और हाँ आज मुझे कहीं जाना है तो में कॉलेज नही आ रहा तो अपना ध्यान रखना.
में-ये तो अच्छी बात है वैसे भी आज से वो रवि का बच्चा भी आ रहा है.
जॅक-चलो तब ठीक है.
फिर में अपने रूम में चला गया गुड़िया वहाँ नही थी पर आज की सुबह मेरी धमाकेदार रही थी आज मैने वो देखा जो आज तक किसी
ने नही देखा होगा में बस ये बात रवि और अपने दोस्तो को बताने के लिए मरा जा रहा था.तभी मेरा फोन बजने लगा और ये जॅक का फोन था.
में-अब भी कुछ बच गया क्या .में-ये तो अच्छी बात है वैसे भी आज से वो रवि का बच्चा भी आ रहा है.
जॅक-चलो तब ठीक है.
फिर में अपने रूम में चला गया गुड़िया वहाँ नही थी पर आज की सुबह मेरी धमाकेदार रही थी आज मैने वो देखा जो आज तक किसी ने नही देखा होगा में बस ये बात रवि और अपने दोस्तो को बताने के लिए मरा जा रहा था.तभी मेरा फोन बजने लगा और ये जॅक का फोन था.
में-अब भी कुछ बच गया क्या .
जॅक-हाँ और वो ये कि जो भी आज हुआ वो किसी को पता ना चले नही तो उसके लिए अच्छा नही होगा समझे.
में-यार तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है हर काम में अपनी टाँग लगा देते हो.
जॅक-अब क्या करूँ मेरी टाँग ही इतनी बड़ी है बस जो मैने कहा वो ध्यान रखना.
में-ठीक है .
फिर में रेडी हो के नीचे हॉल में चला गया जहाँ गुड़िया नाश्ते पे मेरा वेट कर रहे थे.
में-क्या हो रहा है आज तो राजकुमारी जी यही है अभी तक.
गुड़िया -हहा मुझे हसी नही आई अब जल्दी से मुझे नाश्ता कराओ मुझे स्कूल के लिए लेट हो रहा है.
मॉम-ये क्या बदतमीज़ी है अपना नाश्ता अपने आप करो और स्कूल जाओ बाहर ड्राइवर तुम्हारा वेट कर रहा है.
में-मॉम आप हमारे बीच ना आएँ में देख लूँगा इसको आप टेन्षन ना लें.
मॉम-ठीक है आज से में कभी तुम दोनों के बीच नही आने वाली.
गुड़िया -ये ही ठीक है .
फिर मैने गुड़िया को नाश्ता करवाया और हम दोनों अपने स्कूल और कॉलेज के लिए निकल गये.
आज रघु को किसी काम से कहीं जाना था इसलिए वो कॉलेज नही जाने वाला था.में अभी कॉलेज में पहुँचा ही था कि निशा मुझे गेट पे खड़ी मिल गयी और काफ़ी गुस्से में लग रही थी मैने सोचा कि साइड से निकल लूँ पर हाए रे मेरी किस्मत ऐसा हो ना सका और निशा ने मुझे गेट पे ही रोक लिया .
निशा-कहाँ जा रहे हो में कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ यहाँ पे और तुम ऐसे ही जा रहे हो बिना मुझ से मिले हुए.
में-ऐसा नही निशा में तो बस .हाँ वो में वो देख नही पाया सॉरी.
निशा-झूट मत बोलो नही तो …
रवि-कोई प्रॉब्लम है मिस कहीं ये आपको परेशान तो नही कर रहा है अगर कर रहा है तो मुझे बता दें में इसे अभी ठीक कर देता हूँ.
निशा-और आप कौन है.
जी में रवि हूँ और मैने भी इसी कॉलेज में अड्मिशन लिया है बस थोड़ा लेट एंट्री हुई है.
निशा-तभी इतना बोल रहे हो नही तो शायद तुम्हे नही पता कि ये क्या कर सकता है.
रवि-ये कुछ नही कर सकता इस जैसे तो मैने पता नही कितने ठीक किए है .
निशा-ज़्यादा ओवरकॉन्फिडेन्स अच्छा नही होता.
में-भाई मेरी कोई ग़लती नही है और ये मेरी दोस्त है तुम तो खमखा ही ग़लत सोच रहे हो.
रवि-मुझे पता है में क्या कर रहा हूँ मुझे कुछ बताने की ज़रूरत नही है .तो आप का क्या नाम है मिस आप बोलें में इसे अभी ठीक कर
देता हूँ.
निशा-निशा नाम है मेरा हम दोस्त है इसलिए तुम यहाँ से जा सकते हो.
रवि-बेटा आज बच गया तू नही तो कल की कसर निकाल लेता आज.
में-भाई आज मेरी किस्मत बहुत जोरो पे है.
निशा-ये सब क्या हो रहा है कोई मुझे भी कुछ बताएगा.
में-निशा इन से मिलो ये मेरा बेस्ट फ्रेंड् और भाई रवि है उस दिन पार्टी में मिले थे पर उस टाइम इसने मास्क पहना हुआ था.
निशा-अच्छा तो तुम दोनों दोस्त हो और ये अमृता के अंकल के फ्रेंड् का बेटा है.
में-ऐसा भी कह सकती हो चलो क्लास चलते है लेट हो रहे है.रवि मेरे कान में भाई लड़की तो मस्त है मेरी सेट्टिंग करवा दे कब तक ऐसे ही रहुगा.
में-भाई बहुत डेंजर भी है बाकी तू देख ले.
रवि-भाई तू उस की टेन्षन ना ले बस सेट्टिंग करवा दे .
में-चल ब्रेक टाइम में तेरी फ्रेंड्सशिप करवाता हूँ अब मूह बंद कर के क्लास चल…
फिर क्लास स्टार्ट हो गयी क्लास तो स्टार्ट हो गयी पर रवि शायद किसी और ही दुनिया में खोया हुआ था वो बस एक टक निशा को ही देख रहा था जैसे की उसके अलावा कोई है ही नही वहाँ.
में-भाई बस भी कर दे.अब तो मुझे भी शर्म आ रही है.
रवि-मैने क्या किया जो तुझे शर्म आ रही है .
में-भाई तू कब से निशा को घुरे जा रहा है अपनी ना सही कम से मेरी इज़्ज़त का तो ख़याल कर .
रवि-तेरे कहने का मतलब क्या है कि में**
में-बल्कुल सही समझा तू अब अगर तूने उसे एक बार और घूरा तो में तेरी फ्रेंड्सशिप नही करवाने वाला.
रवि-यार क्या करूँ वो है ही इतनी सुंदर .
फिर किसी तरह मैने उसे समझाया और क्लास कंटिन्यू करी .और इसी तरह ब्रेक टाइम तक हम दोनों में फिर कोई बात नही हुई और ब्रेक टाइम भी हो गया.
निशा-चलो कॅंटीन में चलते है वैसे भी मुझे तुम से कुछ बात करनी है.
में-चलो चलते है मुझे भी कुछ बात करनी है तुमसे.
रवि-मुझे भी.
निशा-क्या ?
रवि-मेरा मतलब है कि अजय से कुछ बात करनी है.(बच गया यार नही तो )
अब हम लोग कॅंटीन में चल दिए वहाँ तो एक अलग ही महॉल था किसी ने सही कहाँ है कि कॉलेज का असली मज़ा तो कॉलेज कॅंटीन में
ही है और जाहिर सी बात है कि कॉलेज कॅंटीन हो और वहाँ गर्ल्स और बाय्स हो और लफडा ना हो ऐसा कभी हो सकता है.
रवि-अजय देख वहाँ पे कुछ लड़के उन लड़कियों को परेशान कर रहे है.
में-तो तू रुका क्यूँ है जा उन की मदद कर और हीरो बन जा.
रवि-कमीने पागल समझा है क्या वो 5 है और में आकेला.
में-भाई किसी ने सही ही कहा है कि झुंड में तो कुत्ते शिकार करते है शेर अकेले ही शिकार करता है.
रवि-साले डिस्कवरी में भी देखता हूँ शेर (लाइयन)कभी शिकार नही करता वो तो बस राज करता है चल अब डायलॉग बंद कर और चल मेरे साथ.
निशा-डर लग रहा है रवि.
में-ऐसा बिल्कुल नही है ये अकेला ही दस पे भारी है वो वहाँ अभी 5 ही है ना इसलिए इसको शर्म आ रही है नही तो अभी तक तो वो बस समझ जाओ.
निशा-ऐसी बात है मुझे लगा कि मिस्टर.रवि को डर लग रहा है .
रवि-ऐसा कुछ नही है.
में-अच्छा अगर रवि ने उन सब को अकेले सबक सिखा दिया तो तुमको रवि के साथ डेट पे जाना होगा.
रवि-भाई क्या बोल रहा है .
में-तुझे नही जाना कोई नही में किसी दूसरे को ढूंढता हूँ
रवि-मैने मना कब किया में तो ये बोल रहा था कि निशा जी को कहीं बुरा लग गया तो.
में-तू उस की टेन्षन ना ले .तो निशा क्या बोलती हो.
निशा-ठीक है पर सोच लो एक बार और वो यहाँ के अच्छे स्टूडेंट में नही गिने जाते.
में-चल जा मेरे शेर अब तो तेरी पाँचो उंगलिया घी में और सिर कढ़ाई में है.
रवि-वो कैसे ?
में-देख तूने अगर उन लड़कियों की हेल्प की तो जाहिर सी बात है वो भी तेरी फ्रेंड् बन जाएगी और निशा के साथ डेट तेरी तो लॉटरी निकल पड़ी.में-देख तूने अगर उन लड़कियों की हेल्प की तो जाहिर सी बात है वो भी तेरी फ्रेंड् बन जाएगी और निशा के साथ डेट तेरी तो लॉटरी निकल पड़ी.
रवि-और अगर कहीं पासा उल्टा पड़ गया तो.
में-तो तू रुक में जाता हूँ.
रवि-तू रहने दे में ही जा रहा हूँ.
फिर रवि उन के पास चला गया और उन लड़को से बात करने लगा और उस ने तो कमाल ही कर दिया उन लड़को को पता नही क्या
बोला वो सभी लड़के उन लड़कियो से माफी माँगते हुए वहाँ से चले गये.\
निशा-मुझे बिलिव नही हो रहा ये सब हुआ कैसे.
में-मुझे क्या पता मुझे तो लगा था कि एक दो खा के वापस आएगा तब में हीरो की तरह एंट्री करूगा पर यहाँ तो उल्टा हो गया.
रवि उन दोनों लड़कियों को ले के हमारी टेबल पे आ गया.
रवि-गर्ल्स इन से मिलो ये है मेरा दोस्त अजय और ये है निशा.अजय ये है सिमरन और आरती.
सिमरन-हाँ हम जानते है हम ने वीडियो देखी थी इन की .
में-देखा में किसी सुपरस्टार की तरह फेमस हूँ.
रवि-बेटा अगर उस दिन में भी होता तो आज में भी फेमस होता.
निशा-हेलो फ्रेंड्स .
रवि-तो निशा कब फ्री है आप.
निशा-अभी तो मेरा शेड्यूल काफ़ी टाइट है नेक्स्ट ईयर देखते है.
मेरी तो हसी निकल गयी और में अपना पेट पकड़ के वही हँसने लगा .
सिमरन-किसी ने कोई जोक मारा क्या जो आप इतना हंस रहे है.क्यूँ कि मुझे हसी नही आ रही है.
में-नही किसी का यहाँ पे कचरा हो गया अभी अभी.
रवि-तू अपना मूह बंद कर नही तो में तेरा मूह तोड़ दूँगा समझा.
आरती-आप लोग कुछ लेंगे में अपने लिए स्नेक लेने जा रही हूँ.
में-हाँ में भी चलता हूँ आपको हेल्प मिल जाएगी आप सब के लिए अकेले नही ला पाएगी.
निशा-कोई ज़रूरत नही है में और सिमरन जाते है हेल्प के लिए तुम यही बैठो.
में-जैसी आप की मर्ज़ी.वो सब वहाँ से उठ के चल गये और अब वहाँ पे सिर्फ़ में और रवि ही थे.
में-तो भाई तूने उन सब को ऐसा क्या कह दिया कि वो सब इतना डर गये.
रवि-छोड़ ना वो ज़रूरी नही है .
में-देख सीधे तरह बता नही तो.
रवि-मैने उन को बस इतना ही बोला कि अभी कुछ दिन पहले जो कॉलेज साइट पे वीडियो था वो मेरे फ्रेंड् का था जो वहाँ उस टेबल पे बैठा है.
में-यानी कि तूने मुझे गुंडा बना दिया.
रवि-नही बस खुद को पिटने से बचा लिया बस.
में-मेरे साथ रहते हुए स्मार्ट हो गया है.
रवि-क्या फ़ायदा यार निशा ने तो साफ मना कर दिया .
में-मेरे पास एक आइडिया है जिस से तुम दोनों को काफ़ी टाइम मिल जाएगा .
रवि-बता ना यार फिर देर क्यूँ कर रहा है.में-मेरे पास एक आइडिया है जिस से तुम दोनों को काफ़ी टाइम मिल जाएगा .
रवि-बता ना यार फिर देर क्यूँ कर रहा है.
में-पहले ये बता कि मेरा क्या फ़ायदा होगा उस से.
रवि-तू जो भी बोले मुझे मंज़ूर है.
में-ठीक है फिर पूरे इस सेमिस्टर तू मेरे सभी असाइनमेंट तू पूरे करेगा .
रवि-ये कुछ ज़्यादा नही हो गया.
में-सोच ले मुझे कोई जल्दी नही है.
रवि-ठीक है तू भी तो कभी फसेगा मेरे चुंगल में तब बताता हूँ तुझे.
में-तो सुन कल में और गुड़िया और उसके कुछ फ्रेंड् जा रहे है घूमने के लिए कम से कम 3से 4 दिन का प्लान है तो में निशा को भी साथ
ले लेता हूँ और तू भी चल तुझे पूरा टाइम मिलेगा उसके साथ बस तू अपना जादू चला दिओ उस पे.
रवि-आइडिया तो अच्छा है पर क्या वो चलेगी.
में-तू उस की टेन्षन ना ले वो मेरा काम है उस को मनाने का तू रेडी है तो बोल.
में-में तो डबल रेडी हूँ.
तब तक वो सब भी आ गयी और हम ने ऐसे ही बात चीत करते हुए अपने स्नॅक ख़तम किए और अपने अपने लेक्चर अटेंड किए.
घर जाते हुए भी निशा मुझे कुछ बोलना चाह रही थी पर मैने उस को बोलने नही दिया क्यूँ कि में कोई रिस्क नही लेना चाहता था रवि को इसके पीछे लगाने का एक कारण ये भी था की इससे निशा का ध्यान मुझसे हट के कही और जाए .
में पार्किंग से अपनी बाइक निकाल रहा था कि किसी की गाड़ी फुल स्पीड में मेरे बिल्कुल पास से निकली और में अपनी बाइक के साथ
गिर पड़ा गाड़ी कुछ आगे जा के रुकी और उस में से प्रिया (दोस्तो ये कॉलेज वाली प्रिया है) निकली और हँसने लगी.
प्रिया-तुम्हारी औकात ही ये है अब पड़े रहो ज़मीन पर.
में-सही कहा प्रिया मेरी तो औकात ये ही है पर मुझे लगता है कि जो ज़मीन से जुड़े होते है आगे भी वो ही जाते है.
प्रिया-वो भी देख लेंगे .
में-क्या ऐसा कोई दिन आएगा जब में आप की ये बदसूरत से शकल देखे बिना भी अपने घर जा सकता हूँ.
प्रिया-क्या कहा तुम ने में तुम्हे जिंदा नही छोड़ने वाली.
तभी निशा आ गयी और उस ने प्रिया को पकड़ लिया मामले को बिगड़ता हुआ देख मैने दोनों को आलग किया और प्रिया को वापस भेज दिया जाते हुए भी प्रिया हम को देख लेने की धमकी देते हुए गयी.
में-यार निशा तुम्हारा ऐसा रूप तो मैने पहलीी बार देखा है कमाल है तुम तो बहुत ही ख़तरनाक हो यार अगर में टाइम पे नही आता तो तुम तो उसे जान से ही मार देती.
निशा-तुम ने समझ क्या रखा है अपने आपको कोई भी आता है और तुम को कुछ भी बोल के चला जाता है और तुम उसे कुछ नही
बोलते ऐसा क्यूँ तुम ऐसे क्यूँ हो.
में-क्यू कि में यहाँ पढ़ने आया हूँ और ये सब तो चलता रहता है .छोड़ो ये सब अपना मूड ठीक करो प्ल्ज़.
निशा-पर वो .
में-कुछ भी जस्ट रिलॅक्स बिल्कुल भी टेन्षन मत लो बस शांत रहो सब ठीक हो जाएगा.
निशा-ओके ठीक है.
में-अब ये बताओ कि तुम यहाँ क्या कर रही हो.
निशा-वो मेरी गाड़ी खराब हो गयी है तो क्या तुम मुझे घर छोड़ दोगे प्ल्ज़.
में-ओके चलो बैठो और मैं उस को उसके घर छोड़ने के लिए घर चला गया जहाँ कि एक नया ड्रामा मेरा इंतज़ार कर रहा था ……….घर पे पहुँच के में मॉम को ढूँढने लगा मॉम अपनी आदत के अनुसार किचन में ही मिली.
में-मॉम घर पे इतने नोकर होने के बावजूद आप मुझे हमेंशा किचन में ही क्यूँ मिलती है.
मॉम-इंडियनमाँ हूँ ना इसलिए हमेंशा अपने बच्चो और अपने परिवार को अपने हाथ से बना खाना खिलाना पसंद करती हूँ जिस वजह से तुझे में हमेंशा किचन में मिलती हूँ .और है ही क्या करने के लिए मेरे लिए बाकी सारा काम तो नोकर कर ही देते है अगर ये भी नोकर कर लेंगे तो में पागल हो जाउन्गी.
में-ओके मैने पूछ के ही ग़लती कर दी चलो आप से मुझे कुछ बात करनी है गुड़िया आ गयी स्कूल से .
मॉम-नही ड्राइवर ने फोन किया था कि वो रानी के घर जा रही है किसी काम से बस कुछ देर में आती ही होगी.
में-गुड और आज कोई आने वाला है क्या .
मॉम-नही तो तुझे ऐसा क्यूँ लग रहा है.
में-नही वो गुड़िया बता रही थी कि अमृता दी आ रही है उस को ले जाने के लिए.
मॉम-ओह हाँ में तुझे बताना भूल गयी अमृता इसे जब भी इसकी छुट्टियाँ पड़ती है तो अपने साथ ले जाती है तो कल से इसकी एक वीक
की छुट्टियाँ है तो वो उस को ले जाने के लिए आ रही है.
में-पर मॉम गुड़िया को उन के साथ रहना पसंद नही.
मॉम-मुझे पता है.
में-फिर आप उसे क्यूँ जाने देती हो.
मॉम-क्यूँ कि उसके लिए अमृता ही ठीक है नही तो मेरी कोई बात मानती ही कहाँ है वो पहले बस पूरे दिन भर अपने रूम में पड़ी रहती थी ना किसी से बात करना ना कुछ और इसको देख के ऐसा लगता था कि ये लड़की बस जिंदगी को किसी सज़ा की तरह काट रही है
तब अमृता ने इसे संभाला कुछ प्यार से और कुछ डाँट से .
में-समझ गया मुझे लगा ही था ओके पर अब में आ गया हूँ ना अब से में उस का पूरा ध्यान रखुगा आप टेन्षन ना लें.
मॉम-मुझे पता है .
में-मॉम वो में सोच रहा था कि कही एक हॉलिडे पे गुड़िया को कही की सैर करा लाऊ .
मॉम-ये तो अच्छी बात है .
में-तो मॉम आप ने मुझे पार्मिशन दे दी.
मॉम-इसमें पार्मिशन की क्या ज़रूरत है.
में-क्यूँ नही है आपके बच्चे है हम आपको पता होना चाहिए कि हम कहाँ है क्या कर रहे है आप का हक़ बनता है .
मॉम-सच में मैं तुझ जैसा बेटा पा के धन्य हो गयी .तेरी मामी ने सच में तुझे बहुत ही अच्छी परवरिश दी है शायद में भी इतनी अच्छी परवरिश नही दे सकती थी.
में-अब आप ये सब ले के मत बैठ जाना प्ल्ज़.में जैसा भी हूँ बस आप लोगो के प्यार और आशीर्वाद की वजह से हूँ अब मुझे बहुत भूक लगी है कुछ खाने को मिल जाता तो मज़ा ही आ जाता.
मॉम-चुप कर नौटंकीबाज तू बैठ में अभी लाती हूँ आज मैने तेरी पसंद के छोले चावल बनाए है तुझे पसंद है ना.
में-बहुत पसंद है जल्दी ले के आइए और प्ल्ज़ थोड़े ज़्यादा लाईएगा.मॉम खाना लेने को चली गयी कि तभी अमृता दी की एंट्री हुई.में सच में क्या किस्मत पाई है मैने साला सारी जिंदगी ही ससपेन्स में है और मेरे भाई लोग बोलते है कि मैने ससपेन्स बना रखा है अब आप लोग ही बताओ कि अगर अमृता दी 02 मीं पहले आ जाती तो उन का क्या बिगड़ जाता .
अमृता दी-तुम यहाँ क्या कर रहे हो बैठे तो ऐसे हो जैसे कि मालिक हो इस घर के.
में-हाँ अब हूँ मुझे गोद ले लिया है मिस्टर.गुप्ता यानी कि मेरे डॅड ने और आप कौन है .
अमृता-क्या बकवास है ये ये तुम्हें बहुत भारी पड़ेगा.
में-हल्की चीज़ो का मुझे शॉक भी नही है.अगर आपको विश्वास नही हो रहा तो अभी विश्वास दिला देता हूँ. मॉम खाना लाने में और कितना टाइम लगेगा.
मॉम-(किचन से ही) बस ला रही हूँ दो मिनट रुक जा .
में-अब तो विश्वास हो गया की और कोई डाउट है.
अमृता दी-ये सब हो क्या रहा है मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा.
मॉम-अरे अमृता तुम कब आई आओ बैठो
अमृता दी-ये सब क्या है आंटी आप ने इसे गोद ले लिया और किसी को बताया भी नही और वो भी एक नौकर को.
मॉम-ये क्या बकवास है अमृता उस दिन अजय ने तुम को नाश्ता क्या सर्व कर दिया तुम ने इसे नोकर बना दिया शर्म आनी चाहिए तुम्हें
ये तुम्हारा छोटा भाई है.
में-दीदी जी नमस्ते.
अमृता दी-पर आंटी अभी अभी तो इसने कहा कि आप ने और अंकल ने इसे गोद लिया है.और उस दिन भी इसने मुझसे ये ही कहा था
कि पार्टी के तैयारियों के लिए आया है .
मॉम-में बिल्कुल तेरी बात से सहमत हूँ इस ने कहा होगा ऐसा बहुत ही नौटंकी बाज और शैतान है ये.
ये अजय है जो अपने मामा मामी के साथ बाहर रहता था कुछ दिन पहले ही इंडिया आया है अब यही रह के अपनी आगे की स्टडी करेगा.
तू रुक तुझे में अभी बताती हूँ तूने मुझे बुद्धू बनाया ना.और दी मुझे सोफे के कुशन से मारने लगी और में बचने के लिए मॉम के पीछे छुप गया जब दी थक गयी तो उन्होने अपनी हार मानते हुए अपने हथियार डाल दिए.मैने मोका देख के उन को पीछे से गले लगा लिया और वो मेरे सिर पे हाथ फेरने लगी.
में-मॉम अमृता दी मुझसे बड़ी है या सेम एज की है में काफ़ी कॅनफ्यूज़ हूँ.
मॉम-बड़ी है 6 मंत्स.
में-मर गया अब तो .
अमृता दी-और नही तो क्या चल अपना समान पॅक कर और गुड़िया के साथ तू भी चल रहा है मेरे साथ.
में-कोई कही नही जा रहा हमारा कुछ और प्लान है.
अमृता दी-क्या प्लान है कोई प्लान नही .
में-अब कुछ नही हो सकता मैने सब को बोल दिया है और हम घूमने जा रहे है अगर आप चाहे तो आप भी हमारे साथ चल सकती है.
गुड़िया -नही दी नही जाएगी .
में-तू कब आई तुझे तो मैने देखा ही नही.
गुड़िया -बस अभी ही आई हूँ और प्ल्ज़ भाई दी को मत लेके जाओ ना.
में-तू टेन्षन ना ले तेरा बदला भी तो लेना है साथ में सबक सिखाना दी को वहाँ.
अमृता दी-क्या खुसुर फुसुर हो रही है तुम दोनों में.
में-कुछ नही आप चल रही है ना.
अमृता दी-पता नही मॉम से पूछना पड़ेगा.
में-वो मॉम पूछ लेगी क्यूँ मॉम.
मॉम-ओके चल में बात कर लूँगी तू भी तैयारी कर ले.
अमृता दी-पर मेरे पास मेरा समान नही है.
में-तो क्या हुआ चल के शॉपिंग कर लेते है वैसे भी मुझे और मेरी प्रिंसेज़ को तो शॉपिंग करनी ही है.
गुड़िया -और नही तो क्या आपको चलना है तो आप भी चल सकती है.
अमृता दी-देखो कैसे भाई के आने से चींटी के भी पर निकल आए है तुझे तो में बाद में देख लूँगी.
में-ऐसा कुछ नही है.
गुड़िया -बिल्कुल है अब आप मेरा कुछ नही कर सकती अब मुझे बचाने वाला आ गया .
में-क्यूँ पिटवाने पे तुली है तुझे पता तो है कि लड़कियों का टॉप फ्लोर खाली होता है कब गरम हो जाए पता नही.
गुड़िया -आपके कहने का मतलब क्या है कि मेरा भी ...
में-अरे नही तुझे छोड़ के तू तो स्पेशल है.में-क्यूँ पिटवाने पे तुली है तुझे पता तो है कि लड़कियों का टॉप फ्लोर खाली होता है कब गरम हो जाए पता नही.
गुड़िया -आपके कहने का मतलब क्या है कि मेरा भी ...
में-अरे नही तुझे छोड़ के तू तो स्पेशल है.
गुड़िया -तब ठीक है
अमृता दी-कब चलना है शॉपिंग पे.
में-बस कुछ देर में चलते है रवि और जिया दी को भी बुला लेता हूँ अच्छा रहे गा.
अमृता दी-वैसे कहाँ जा रहे है हम.
में-वो स्पेशल लोगो को ही पता है और आप स्पेशल लोगो में नही आते तो वेट आंड वॉच.
गुड़िया धीरे से मेरे कान में मुझे तो बता दो में तो स्पेशल हूँ.
में-मुझे क्या पता प्लान तो तेरा था तुझे पता होना चाहिए कि कहाँ जाना है.
गुड़िया -हे भगवान क्या सारा काम इस छोटी सी बच्ची से ही करवाओगे कुछ खुद भी कर लो.
में-अच्छा कुछ ज़्यादा नही हो रहा.
गुड़िया -कम की हमें आदत नही है.हम अपने रूम में आराम करने जा रहे है जब हम वापस आए तो हमें हमारे सवाल के जबाब मिल जाने चाहिए.
में-तू रुक तुझे बताता हूँ में.
पर वो भाग के अपने रूम में पहुँच गयी उस का रूम नीचे होने का एक ये फ़ायदा भी था वापस आ के सबसे पहले इसका रूम उपर
सेट करवाता हूँ तब बात बनेगी नही तो ये तो हमेंशा ही बच जाएगी.
मैं-- दी आप भी आराम कर लें जब जाना होगा में आप की बता दूँगा और में भी आराम करने चला गया .**
में अभी अपने कमरे में पहुँचा ही था कि रवि का कॉल आ गया.
में-देख अगर आरजेंट ना हो तो बाद में बात करते है मुझे अभी सोना है.
रवि-कमीने मेरी नीद उड़ा के तुझे सोने की पड़ी है .तूने निशा से बात की या नही.
में-अभी नही में कर लूँगा.
रवि-अभी कर में 5 मिनट बाद दुबारा कॉल कर रहा हूँ और मुझे गुड न्यूज़ ही चाहिए नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.(और कमिने ने फोन काट दिया.)
मैं- यार कसम से क्या दिन आ गये है यार मेरे कोई भी धमकी दे देता है आज कल.और मैने निशा को कॉल मिलाया और कमाल की बात कि दो रिंग में ही फोन पिक हो गया जैसे कि मेरे ही फोन का वेट कर रही हो.