" हैप्पी बर्थ डे "
साजन ,सजनी
झुक कर उनकी आँखों में झांकते मैंने धीमे से पूछा ,
" बोल ,कैसे लगा। "
वो झेप गए।
" अरे मेरा मतलब है , आम खाने में , मैंगो जूस पीने में , था न मजेदार। "
अब मुस्कराकर वो बोले , हाँ बहुत अच्छा।
"चल तो अबकी तेरे मायके में तेरी उस बहना कम माल के सामने खिलाऊँगी , खाओगे न "
पहले तो उन्होंने सर हिलाया फिर साफ साफ कबूल कर लिया ,
" हाँ "
" पहले उसके सामने ,तुझे आम खिलाऊँगी ,
फिर उसके कच्चे टिकोरे तुझे "
मैं बोली।
वो मुस्करा रहे थे।
" बहनचोद , बहुत मन कर रहा हैं न तेरा अपनी उस बहन कम माल को चोदने का, .... "
मैंने छेड़ा ,और झुक के एक जोर का चुम्मा , मेरी जीभ उनके मुंह के अंदर। ,डीप फ्रेंच किस।
और उनके मुंह में अभी भी आमरस का स्वाद था।
टन टन टन टन , घड़ी ने १२ बजाये।
एक पल के लिए होंठ हटा के मैं बोली ,
" हैप्पी बर्थ डे "
और दुबारा मेरे होठ ,उनके होंठों से चिपक गए ,
,उनके होंठों , मुंह में घुले आम रस ,काम रस का स्वाद लेते।
………………………………………………………………
अगर उनकेमायकेवाले उन्हें इस तरह देखा होता तो फट के हाथ में आ जाती उनकी।
"मेरे भैय्या ऐसे है , आप मुझसे ज्यादा मेरे भइया को थोड़े जानती हैं। "
मैंने सर झटक के इस ख्यालको हटाया , कुछ ही दिन की बात है फिर तो इनके मायकेवालों के सामने भी , …
और थोड़ी देर में हम दोनों साथ बैठे हुए थे , मैं उनकी गोद में ,
जोर से हम दोनों एक दूसरे को बाँहों में भींचे हुए , बड़ी देर तक बिना कुछ बोले ,
न हमारे बीच कोई कपड़ा था न लाज , न अतीत की याद ,डर ,झिझक ,न भविष्य की आशंका , न क्या अच्छा क्या बुरा।
सिर्फ साजन ,सजनी।
उनके चेहरे पे एक नयी चमक , एक नया कांफिडेंस था और ख़ुशी एकदम टपक रही थी।
L
साजन ,सजनी

झुक कर उनकी आँखों में झांकते मैंने धीमे से पूछा ,
" बोल ,कैसे लगा। "
वो झेप गए।
" अरे मेरा मतलब है , आम खाने में , मैंगो जूस पीने में , था न मजेदार। "

अब मुस्कराकर वो बोले , हाँ बहुत अच्छा।
"चल तो अबकी तेरे मायके में तेरी उस बहना कम माल के सामने खिलाऊँगी , खाओगे न "
पहले तो उन्होंने सर हिलाया फिर साफ साफ कबूल कर लिया ,
" हाँ "
" पहले उसके सामने ,तुझे आम खिलाऊँगी ,

फिर उसके कच्चे टिकोरे तुझे "
मैं बोली।
वो मुस्करा रहे थे।
" बहनचोद , बहुत मन कर रहा हैं न तेरा अपनी उस बहन कम माल को चोदने का, .... "
मैंने छेड़ा ,और झुक के एक जोर का चुम्मा , मेरी जीभ उनके मुंह के अंदर। ,डीप फ्रेंच किस।

और उनके मुंह में अभी भी आमरस का स्वाद था।
टन टन टन टन , घड़ी ने १२ बजाये।
एक पल के लिए होंठ हटा के मैं बोली ,

" हैप्पी बर्थ डे "
और दुबारा मेरे होठ ,उनके होंठों से चिपक गए ,
,उनके होंठों , मुंह में घुले आम रस ,काम रस का स्वाद लेते।
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अगर उनकेमायकेवाले उन्हें इस तरह देखा होता तो फट के हाथ में आ जाती उनकी।
"मेरे भैय्या ऐसे है , आप मुझसे ज्यादा मेरे भइया को थोड़े जानती हैं। "

मैंने सर झटक के इस ख्यालको हटाया , कुछ ही दिन की बात है फिर तो इनके मायकेवालों के सामने भी , …
और थोड़ी देर में हम दोनों साथ बैठे हुए थे , मैं उनकी गोद में ,
जोर से हम दोनों एक दूसरे को बाँहों में भींचे हुए , बड़ी देर तक बिना कुछ बोले ,

न हमारे बीच कोई कपड़ा था न लाज , न अतीत की याद ,डर ,झिझक ,न भविष्य की आशंका , न क्या अच्छा क्या बुरा।
सिर्फ साजन ,सजनी।
उनके चेहरे पे एक नयी चमक , एक नया कांफिडेंस था और ख़ुशी एकदम टपक रही थी।

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