Update 2
अब तक आपने पढ़ा...........................
“प्लीज़ अर्जुन...इसके आगे मत बढ़ो...तुम्हे मेरी कसम...” गिडगिडाते हुए सलमा अपनी चुचि अर्जुन की वासना भरी निगाहों से छुपाने लगी. उसे लगने लगा था कि अगर वो अर्जुन को नही रोकेगी तो वो हो जाएगा जो वो शादी से पहले नही करना चाहती. उसकी आँखो से वासना का परदा हट चुका था.
अब आगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
“कम ऑन डार्लिंग...किसी बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड के बीच चुदाई तो होती ही है...” कहते हुए ज़बरदस्ती अर्जुन ने ब्रा को फाड़ कर सलमा की चुचियो को आज़ाद कर दिया.
अर्जुन के इस वहशिपन को एक बार देख कर सलमा भौचक्की रह गयी, “अर्जुन क्या तुम्हे मेरी फीलिंग की कोई परवाह नही है...क्या तुम सिर्फ़ मेरे इस जिस्म से प्यार करते हो मेरी आत्मा से नही....”
“अरे बस कर नौटंकी...बहुत सुन लिया तेरा सती सावित्री होने का नाटक....अब चल यह सलवार खोल नही तो यह भी फाड़ दूँगा.” कहते हुए अर्जुन ने सलमा के हाथो को एक तरफ हटाया और झटके से उसकी सलवार का नाडा खोल दिया.
“प्लीज़ अर्जुन मैं तुमसे प्यार करती हूँ...हम यह सब शादी के बाद करेंगे...प्लीज़ अल्लाह के वास्ते यह सब बंद करो...” सलमा अपनी नंगी जाँघो को चिपकाते हुए बोली.
“साली यह शादी शादी क्या लगा रखा है...तुम जानती हो तुम्हारे अब्बू और अम्मी जान, कभी इस रिश्ते के लिए तय्यार नही होंगे...तुम एक मुस्लिम लड़की हो और मैं एक हिंदू लड़का हूँ, यह शादी कभी नही हो सकती...अब कम से कम मुझे सुहागरात तो मना लेने दो.” अर्जुन ने बेदर्दी से सलमा की जाँघो को अलग कर दिया और उसकी काली मॅचिंग सिल्क पैंटी भी खीच कर फाड़ दी.
अंदर का नज़ारा देख कर अर्जुन के मूह मे पानी आ गया, “हुहम....बोलती है चुदाई नही करूँगी तो फिर अपनी झान्टो को शेव कर के क्यू आई है...”
उसने अपने हाथो पर थूक लगा कर सलमा की पवरोटी जैसे फूली चूत को सहलाने लगा. क्लीन शेव चूत के उपर गुलाबी दाना बड़ा कामुक लग रहा था. अर्जुन बारी बारी से सलमा की खूबसूरत चुचियो का दूध पीने लगा और एक हाथ से चूत के दाने को हौले हौले सहलाने लगा, उसे पता था कि एक औरत को कैसे गरम किया जाता है.
सलमा को तो विश्वास नही हो रहा था कि वो जिस से प्यार करती है वो उसके जिस्म का इतना भूका है, सिर्फ़ दो महीने मे अर्जुन का असली रंग उसके सामने आ गया, वो समझ चुकी थी कि अर्जुन ने इसीलिए उसे आज इतनी शाम को अपने घर बुलाया था.
वो अपनी किस्मत को कोस रही थी कि क्यू वो अर्जुन की मीठी मीठी बातों मे आ गयी कि उनका धर्म कभी भी उनके प्यार के बीच नही आएगा और यदि आया तो वो सलमा को उसके घर से भगा के शादी कर लेगा.
उसे अपने अब्बू और अम्मी की बातें याद आ रही थी जब उन्होने कहा था कि अर्जुन जैसे अमीर लड़के सिर्फ़ लड़कियो के जिस्म से खेलते है कभी उनसे प्यार नही करते. उसे अब अर्जुन से नफ़रत सी होने लगी थी, लेकिन उसे पता था कि अब उसका कौमार्या नही बचेगा. उसको एहसाह हो गया था कि अर्जुन जैसे लड़के से प्यार करने की सज़ा उसे मिल रही है.
उम्मीद छोड़ कर सलमा ने अपने जिस्म को अर्जुन के हवाले कर दिया और एक मोम के पुतले की तरह शांत पड़ गयी. उसका जिस्म तो शांत था पर उसकी आँखो से लगातार आँसू बहे जा रहे थे.
खैर चूत सहलाए जाने से उसके अंदर चिकनाहट आ रही थी जिसे देख कर अर्जुन का हौसला और बढ़ गया, “आ गयी ना लाइन पर...इतनी बड़ी बड़ी बातें कर रही थी...अब देख तेरी खुद की चूत कैसे पानी छोड़ रही है...” कहते हुए अर्जुन ने अपनी एक उंगली पर थूक लगाकर चूत के अंदर पेल दी.
भले ही सलमा का जिस्म उसका साथ नही दे रहा था पर उसका मन यही कह रहा था कि शादी से पहले यह सब करना ग़लत है, उसके अब्बू अम्मी ने उसको ऐसी ही नेक तालीम दी थी. खैर उसने आगे आने वाले पल को अल्लाह पर छोड़ कर अपनी आँखे बंद कर ली.
अर्जुन अब बर्दाश्त से बाहर हो चुका था. उसने अपने खड़े लंड पर थूक लगाया और सलमा की जाँघो के बीच आ गया, “तय्यार हो जा मेरी रानी अपने राजा का लंड लेने के लिए...”
मोम के पुतले की तरह पड़ी सलमा कुछ ना बोली, वो अपने किस्मत से समझौता कर चुकी थी. इधर अर्जुन ने अपना खड़ा लंड सलमा की चूत पर टिका दिया और हौले हौले अपने लंड से चूत के छेद को रगड़ने लगा. उत्तेजना के मारे अर्जुन का हल्लबी लंड और फूल के मोटा और लंबा हो गया था. लंड की नसें सॉफ दिख रकी थी जो बता रही थी कि उसका लंड बहुत तगड़ा है.
सलमा की होंठो को मूह मे चूसने के साथ वो अपना लंड पेलने के लिए तय्यार था,”क्या हुआ जानू...तुम तो किसी मोम के पुतले की तरह कुछ रियेक्शन ही नही दे रही हो...देखना जब मेरा लंड तेरी कुवारि बुर मे जाएगा तो तुझे भी जन्नत का मज़ा मिलेगा...”
अर्जुन ने एक ज़ोर का धक्का लगाया और उसके लंड का सुपाडा सलमा की कुवारि बुर को चीरते हुए अंदर जा घुसा. पता नही सलमा सचमुच की मोम का पुतला बन गयी थी या वो चुप रह कर ही अपना विरोध जाता रही थी, क्यूकी इतना बड़ा लंड का सुपाडा जब उसकी कुवारि चूत मे घुसा तब भी उसके मूह से कोई आवाज़ नही आई, हाँ बस आया तो उसके आँखो से आँसू. वो सारा दर्द पी कर रह गयी.अर्जुन ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया और अपने थोड़े फँसे हुए लंड का एक करारा धक्का मारा. उसका हल्लबि लंड सलमा की कुवारि चूत की दीवारो को बेरहमी से चीरते हुए उसकी झिल्ली को फाड़ दिया और सीधे जा के सलमा की बच्चे दानी से टकराया. सलमा की चूत बुरी तरह से फैल गयी थी. चूत की दीवारो ने लौडे को कस कर जाकड़ लिया था.
खून की तेज़ धार सलमा की चूत से बह निकली. खून इतना ज़्यादा था जैसे अर्जुन के लंड ने किसी बड़ी नस को काट दिया हो. पर आश्चर्य की बात यह थी कि सलमा के मूह से फिर भी कोई आवाज़ नही निकली, क्यूकी शायद अब तक सलमा अपने होश गवाँ चुकी थी.
“बहनचोद यह तो बेहोश हो गयी...अब क्या करूँ...लगता है इसके मूह पर पानी डालना पड़ेगा.....पर लंड इतनी टाइट चूत से निकालने का मन नही हो रहा है.....चलो जो भी होगा देखा जाएगा.” एक वहशी मुस्कान हंसते हुए अर्जुन बेहोश सलमा को वैसे ही ठोकने लगा.
धक्के पे धक्का मारते हुए अर्जुन हुंकार भर रहा था. नीचे बेचारी सलमा बेहोश पड़ी थी. उसे तो बिल्कुल पता ही नही चल रहा था कि उसकी मुलायम मखमली चूत को रंडी की तरह अर्जुन चोद रहा था.
“साली की चूत का आज भोसड़ा बना के रहूँगा...लंड बहुत रगड़ रगड़ कर जा रहा है...अगर कही जन्नत है तो वो औरत की चूत मे है...” कहते हुए अर्जुन गपा गॅप सलमा की बुर पेलने लगा.
सलमा के बेहोश होने की वजह से अर्जुन को उसके चिल्लाने या चीखने का कोई डर भी नही था, इसीलिए वो इतनी बेदर्दी से उसकी चूत चोद रहा था जैसे कोई बाजारू रंडी को चोद रहा हो.
ना जाने वो कितनी देर तक सलमा को रौन्द्ता रहा, उसके जिस्म से अपनी हवस का प्यास बुझाता रहा.
इतनी कसी हुई कमसिन बुर को चोदने के बाद अब अर्जुन झड़ने के नज़दीक आ गया था. उसे पता था कि सलमा की चूत के अंदर झड़ने से उसके माँ बन ने का ख़तरा है इसी लिए उसने आख़िरी वक़्त पर अपना लॉडा खीच लिया.
सलमा अभी भी अपना सुध बुध खो कर अर्जुन के बिस्तर पर नंगी बेहोश पड़ी थी. अर्जुन उसके उपर चढ़ कर अपने हल्लबि लंड को जो सलमा के खून से पूरा सना हुआ था उसे सलमा के प्यारे होंठो पर रगड़ने लगा.
अब उस से और बर्दाश्त नही हो पाया और उसके लौडे ने सलमा के चेहरे पर वीर्य की बौछार कर दी. वीर्य की पिचकारी सलमा की आँखो और नाक मे घुस गयी और कुछ उसके खुले हुए मूह के अंदर जा पहुचि.
वीर्य की पिचकारी अपने चेहरे पर महसूस करके सलमा बेहोशी के आलम से बाहर आ गयी और उसे होश आ गया. होश आते ही उसने महसूस किया कि उसकी आँखे ठीक से खुल नही रही है क्यूकी उनपे कुछ चिप चिपा और लिस लिसि चीज़ लगी है जो अर्जुन के लौडे से निकला हुआ वीर्य था.
जब सलमा ने अपनी आँखे किसी तरह खोली तो अपने उपर अर्जुन को चढ़ा पाया. उसने देखा कि अर्जुन की आँखे मज़े मे बंद थी और वो अपने लंड को मसल रहा था जिस से वीर्य की आख़िरी बची हुई कुछ बूंदे टपक कर सलमा के मूह मे गिर गयी. उसे तब एहसास हुआ कि उसका मूह पहले से ही अर्जुन के वीर्य से भरा हुआ था.
अगली चीज़ हो सलमा को महसूस हुई वो थी एक तेज़ दर्द की लहर जो उसे अपनी चूत मे महसूस हुई. उसे जानने मे देर नही लगी कि उसकी चूत बेरहमी से पूरी तरह फॅट गयी है.
अर्जुन ने जब देखा कि सलमा को होश आ गया है तो उसके ऊपर से उठा और बगल मे बिस्तर पर लेट गया. सलमा ने अपना सर उठाया और अपनी चूत को देखा. सामने बिस्तर की चादर पर बेहिसाब खून पड़ा देख उसका आँखे एक बार फिर नम हो गयी. जब उसने अपनी चूत पर हाथ फेरा तो एक दर्द की तेज़ की लहर उसके जिस्म मे दौड़ गयी. उसकी चूत सूज कर गुम्मा हो गयी थी. अर्जुन ने उसे इतने बेरहमी से जनवरो की तरह पेला था कि चुदाई ख़तम होने के बावजूद उसकी फटी हुई चूत से अभी तक खून की धार रिस रिस कर बाहर आ रही थी.सलमा ने एक नज़र बगल मे लेटे हुए अर्जुन पर डाली, उसके मूह पर एक विजयी मुस्कान थी और मूह मे एक सिगरेट.
“अरे मेरी रानी, तुझे कुछ नही हुआ, ज़रा सा बस बेहोश हो गयी थी....और यह खून भी तुरंत रुक जाएगा...एक दो बार और चुदवा लोगि मुझसे तो चूत बिल्कुल खुल जाएगी और मेरे खड़े लंड को अपने अंदर अच्छे से अड्जस्ट कर लेगी...” अर्जुन आराम से सिगरेट का कश लगाते हुए बोला.
सलमा ने सोचा कि यह कितना गंदा आदमी है, जो उस से इतना प्यार करती है उसे यह वासना का पुजारी बेहोशी की हालत मे भी चोदता रहा. वो बिना कुछ बोले उठी, पर इतनी ताबड़तोड़ चुदाई के बाद उसके पैर जवाब दे गये और वो लड़खड़ा गयी.
अर्जुन आगे बढ़ कर उसे थामने वाला ही था कि सलमा ने उसे पहले ही रोक दिया. वो नही चाहती थी यह इंसान उसे अब एक भी बार और च्छुए.
बाहर अब तक काफ़ी रात हो गयी थी. सलमा चुप चाप अपने कपड़े समेटने लगी, उसकी आँखे लगातार आँसू टपका रही थी. उसने अपना सलवार कमीज़ उठाया और पहन ने लगी. ब्रा और पैंटी तो अर्जुन ने बेरहमी से फाड़ दी थी जो अब पहन ने लायक नही रह गयी थी.
बिना ब्रा पैंटी के कपड़े पहन ने से सलमा का सफेद सलवार चूत की जगह पे खून लगने से लाल हो गया था. उसने एक मोम के पुतले की तरह अपना दुपट्टा उठाया और घर से बाहर जाने लगी.
“अरे इतनी रात को बाहर क्यू जा रही है...आज मेरे यहाँ ही रुक जा...थोड़ी और मस्ती करते है...रात भर प्यार व्यार करेंगे...” अर्जुन मूह से सिगरेट निकालते हुए बोला.
सलमा लड़खड़ाते हुए अर्जुन के पास आई और अपनी पूरी ताक़त लगा कर अर्जुन के गालो पर ज़ोर का तमाचा लगा दिया. “तुमने आज मुझसे प्यार नही मेरा बलात्कार किया है...” सलमा ने बस इतना कहा और लड़खड़ाते कदमो से बाहर निकल गयी.
तमाचा पड़ने से अर्जुन सन्न रहा गया, पर आज ना जाने क्यू उसे बुरा नही लगा. वासना का भूत अब अर्जुन से उतर चुका था. उसके दिल मे कही ना कही ग्लानि का भाव था कि उसने सलमा के साथ जो किया वो ग़लत था. इस से पहले वो कयि लड़कियो को ठोक चुका था पर वो सब अर्जुन के दौलत की भूकि थी और खुद अपनी चूत मरवाने के लिए हमेशा तय्यार रहती थी. पर सलमा की बात कुछ और थी. भले ही वो ग़रीब परिवार की थी पर उसमे अर्जुन के लिए सच्चा प्यार था ना कि बाकी लड़कियो की तरह पैसो का लालच.
अर्जुन को अभी तक लग रहा था कि सलमा सेक्स एंजाय करेगी, उसने सलमा के संस्कारो को ठीक से समझा नही था. सलमा के लिए अपनी और अपने अब्बू अम्मी की इज़्ज़त ही सबकुछ थी जिसकी अभी अभी उसने धज्जिया उड़ा दी थी.उसकी पलको पर भी आँसू छलक आए. उसे अचानक अपनी माँ की याद आ गयी. उसके पापा तो बचपन मे ही उसका साथ छोड़ कर चले गये थे, पर बारह साल पहले जब वो खुद बारह साल का था तब उसकी माँ भी उसे और उसकी उस समय 9 साल की छोटी बहन काजल को छोड़ कर ना जाने कहाँ गायब हो गयी.
अर्जुन के कान समाज के ताने सुन सुन कर पक गये कि उसकी माँ एक बदचलन औरत थी क्यूकी उस जमाने मे किसी औरत के ऐसे अचानक गायब हो जाने पर सब उसे गंदी निगाहो से देखते थे.
पैसो की कोई कमी नही थी अर्जुन के पास और ना ही कोई रिश्तेदार थे उसके. थी तो बस उसकी प्यारी सी छोटी बहन काजल जिसे वो अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करता था. वो एक बहुत बड़ी कन्स्ट्रक्षन कंपनी मे सीनियर सिविल इंजिनियर था और उसकी बेहन काजल लॉ स्कूल मे वकालत पढ़ रही थी.
शायद माँ बाप की कमी होने के वजह से ही अर्जुन इतना बिगड़ गया था, पर आज भी उसका दिल बहुत सॉफ था. उसे अंत तक यही लग रहा था कि बाकी लड़कियो की तरह सलमा नाटक कर रही है और आख़िर मे वो भी सब की तरह सेक्स एंजाय करेगी, पर उसका सोचना ग़लत साबित हुआ. आज तक उसकी लाइफ मे हमेशा मतलबी लड़किया ही आई थी जिन्हे पैसो के लिए बिस्तर गरम करना पड़े तो वो वह भी कर सकती थी. इसी कौतूहल मे शायद अर्जुन ने एक सच्चे प्यार को खो दिया था.
“तुमने आज मुझसे प्यार नही मेरा बलात्कार किया है...” उसके कानो मे अभी भी सलमा की कही हुई यह बात गूँज रही थी जो सीधे उसके दिल को छल्नी कर रही थी.
“ओह माइ गॉड...यह मैने वासना के नशे मे क्या कर दिया...मुझे सलमा के साथ ऐसा नही करना चाहिए था.” कहते हुए अर्जुन तुरंत उठा और अपना घर के बाहर झाँका इस उम्मीद मे कि शायद उसे सलमा दिखाई दे जाए, पर उसे सलमा दूर दूर तक नही दिखाई दे रही थी, दिखाई दे रहा था तो बस अंधेरे की वो काली चादर जो आसपास फैली हुई थी.
“कोई बात नही कल सलमा को कान पकड़ कर सॉरी कह दूँगा...शायद वो मुझे माफ़ कर दे...” अर्जुन अपने मन को झूठी तसल्ली दे रहा था क्यूकी वो जानता था कि जिस तरह से सलमा उस से रूठ कर गयी है वो उसे कभी माफ़ नही करेगी.
वापस बिस्तर पर आते ही उसे अपने सपने के बारे मे याद आया. वो वासना के भवर मे ऐसा फसा था कि उसे और कुछ याद ही नही रहा यहाँ तक कि वो कल आने वाले अपनी छोटी बहन काजल का बर्तडे भी भूल गया था.
“आर्जूउन्न्ं………बचाओ मुझे……मैं यहाँ इस अंधेरी खौफनाक गुफा मे बंद हू…मेरे बेटे बस एक तुम ही हो जो मुझे यहाँ से बाहर निकाल सकते हो………” अर्जुन को यह सपना याद हो गया था और हो भी क्यू ना, क्यूकी उसे यही सपना पिछ्ले दो महीनो से आ रहा था.
आज का दिन उसके लिए अच्छा नही था. उसके सर मे तेज़ दर्द हो रहा था इसीलये वो लेट गया, थकान की वजह से उसे ज़ोर से नींद आ रही थी. बिस्तर पर पड़े सलमा के खून के धब्बो को देख कर वो मायूस हो गया.
“आइ आम सॉरी सलमा......” वो बुद्बुदाया और अपनी आँखे बंद कर के सो गया.
सुबह उसकी नींद खुली तो बाहर तेज़ धूप थी. वो अंगड़ाई लेकर उठा और बेडशीट को धोने को डाल दिया. सुबह रोज़ की तरह एक्सर्साइज़ और अपना रुटीन करने के बाद वो साइट पर रवाना हो गया.
पूरा दिन उसका मन काम मे नही लग रहा था. दो ऐसी घटनायें थी जिसे सोच सोच कर उसके सर मे दर्द हो रहा था. एक तो उसने सलमा के साथ बहुत बुरा किया और दूसरा वो रहस्यमयी सपना जो उसे लगभग हर रात आता था. इस सपने से तो अब अर्जुन परेशान हो गया था और किसी साइकिट्रिस्ट को दिखाने की सोच रहा था. यह दिन भी आधा निकल गया. उसने सोचा कि सलमा के घर जाकर उस से माफी माँगेगा पर उसकी हिम्मत ही नही हो रही थी. एक तरह से वो अपनी ही नज़रों मे गिर गया था.
अब तक तो शाम हो चली थी. मुंबई मे फिर से बारिश होने के आसार उमड़ रहे थे क्यूकी आसमान मे घने काले बादल फिर छा गये थे. वो वापस घर लौटने की सोच रहा था कि उसकी मोबाइल की घंटी बजी. जैसे ही उसने वो नंबर देखा उसे पसीने छूट गये. वो कॉल उसकी बहन काजल का था और अर्जुन जानता था कि वो उसका बर्तडे भूल गया है और वो यह भी जानता था कि काजल अब उस से पूरा दिन लड़ाई करती रहेगी.
हेलो मेरी गुड़िया, हॅपी बर्तडे टू यू....तुम ऐसे ही हज़ार साल तक जियो, तुझे मेरी भी उमर लग जाए...मैं भगवान से प्रार्थना करूँगा...” अर्जुन फोन पर बोला.
“पता है मुझे...मेरा बर्तडे भूल गये तो मस्का लगाने के लिए यह सब डाइलॉग बोल रहे हो...और आप तो चाहते ही हो कि मैं हज़ार साल बूढ़ी हो कर जियु....हुहम.” काजल मूह बिचका कर बोली.
“अरे नही ऐसा कुछ नही है...क्या मेरी गुड़िया रानी ऐसा सोचती है कि उसका भाई उसका बर्तडे भूल जाएगा...अब देख मैं तेरे लिए पुर मुंबई मे एक गिफ्ट तलाश कर रहा था जो अब जा कर मुझे मिला है...उपर से मैं तो तुझे सर्प्राइज़ देने वाला था इसीलिए फोन भी नही किया...” अर्जुन माथे पर पसीना पोछता हुआ बोला. उसने किसी तरह बात संभाल ली थी.
“अच्छा अच्छा ठीक है चलो ज़्यादा झूठ मत बोलो...अब यह बताओ कि क्या गिफ्ट लिए हो मेरे लिए.”
“सर्प्राइज़ है...तेरे अपार्टमेंट पर आके ही तुझे तेरा गिफ्ट दूँगा...अब चल फोन रखता हू...बाइ”
“पर जल्दी आना पार्टी शुरू होने वाली है...बाइ” उधर से काजल ने भी फोन काट दिया.
टू बी कंटिन्यूड...