Incest कथा चोदमपुर की

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कहानी पूरी तरह से कल्पना से भरी है वास्तविकता से इसका कोई संबंध नहीं है। दोस्तो मेरी कहानी सेक्स या चुदई से भरपुर होगी तो सिर्फ इसे मनोरंजन के तौर पर पढ़ें वैसे मैं पूरी कोशिश करुंगा के सारी बातों का ध्यान रखूं पर कहीं तार्किक रूप से आपको कुछ गलत लगे तो उसके लिए माफी चाहूंगा। धन्यावाद।



चोदमपुर एक बिलकुल किसी भी अन्य गांव की तरह ही है यहां भी लोगो का गुजरा खेती से होता है लेकिन यहां की जमीन अच्छे होने से यहां के लोग काफी अच्छे हैं लेकिन इतना ज्यादा अमीर नहीं कह सकते पर गुज़ारा अच्छा खासा हो जाता है।



इसी गांव का एक परिवार है जिसके मुखिया हैं...

नीलेश सिंह

आयु 45

लंड भी अच्छे साइज का है

सीधे साधे इंसान हैं लेकिन हम सब की तरह चुदाई करना बहुत पसंद है इसलिए अपनी बीवी को खूब चोदते हैं।

उनकी पत्नी का नाम है...

सभ्या

आयु 42

बिलकुल घरेलु बीवी या मां लेकिन दिखने में एक दम सेक्सी जिसे देख कर ही नीलेश का लंड आज भी खड़ा हो जाता है या फिर जामकर चोदते हैं..

सब्या बहुत ही घरेलु या पतिव्रत औरत है लेकिन चुदाई करने में वो भी बिलकुल अपने पति की तरह है ... खूब मजे ले लेकर चउदवती है।

चुचियों और गांड का साइज़ भी काफी भारी भरकम है







सब्या या नीलेश के दो बेटे है .. बड़ा बेटा

कर्मा

आयु 20

हमारी कहानी का हीरो भी है।

अच्छा दिखता है ... शरीर भी हीरो जैसी नहीं लेकिन ठीक थाक है ये पढाई कर रहा है या गांव का पास ही कॉलेज में जाता है..इसकी खास बात ये है कि इस्का लंडड बी अच्छा आकार का है या वो हमऐसा समझो खड़ा है रहता है ... इसके दिमाग में हर जबकि चुदाई के ख्याल ही चलते रहते हैं ...

घर का सबसे छोटा सदस्य है..

अनुज

आयु 18

अभी अभी जवान हुआ है या जवानी में तो आपको पता ही है लंड का क्या हाल होता है..या लंडके साइज के मामले में ये भी अपने बड़े भाई या बाप जैसा ही है... हमेशा अपनी पहली चुदाई के सपने देखता है या लंड हिलाता रहता है।




तो दोस्तो ये है हीरो या उसका परिवार बाकी के किरदार जैसे जैसे जुड़ेंगे रहेंगे आपको उनसे परिचित करवाता रहूंगा..अभी बता कर भ्रमित नहीं करना चाहता... धन्यवाद

Introduction bahut hi shandar raha
 
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पात्र
नीलेश सिंह- कर्म के पिता, घर के मुखिया, किसान हैं और खेती करते हैं, चुदाई के शौकीन पर सीधे इंसान हैं।
सब्या- कर्मा की मां और नीलेश की पत्नी, घरेलु सीधी साधी महिला, हिस्से से बिलकुल काम औरत, पर चुदाई की बहुत शौकीन। बदन का हर अंग तराशा हुआ है, सपत पालतू, बड़े चुतड़ ... भारी चूचियां
कर्म- नीलेश और सब्य का बड़ा बेटा, हमारा हीरो, एक आम लड़का, ठेठ हीरो नहीं है जो एक साथ 10 को मारे पीट, बस सबकी तरह है बस सेक्स की भूख बहुत है और नसीब भी इसे ऐसी ही परिस्थियों से मिलाता है।
अनुज- कर्म का भाई, नीलेश और सभ्या का छोटा बेटा, बिलकुल एक 18 साल का आम लड़का..नंगा बदन देखते ही लंडड खड़ा हो जाता है..पर सीधा साधा लड़का है बाकी धीरे धीरे कहानी में पता चलेगा..

ममता चाची- नीलेश और सब्य की गली में रहती है... दोनो के परिवार की आप में काफ़ी बनती है, भरे बदन की महिला है और बेहद कामुक भी। चूचियां और गंद काफ़ी निकली हुई, सपात पेट।
राजन चाचा- ममता के पति, सीधे साधे इंसान..आपनी मस्ती में मस्त रहते हैं नीलेश के अच्छे दोस्त हैं..
पल्लवी- राजन और ममता की एकलौती बेटी, 18 साल की है, अनुज के साथ ही पढ़ाती है, काफ़ी चुलबुली है पर शरीर से बिलकुल अपनी मां की तरह कामुक।
Dusri bar parichy do post me kahe parichy diye ho 🤔

Diya hai to khuch sochkar diya mai bhi socho mamta chachi kaha chulbuli pallu kaha gayi dekho lekhak sahab ne in sabhi dusre post me dhakel diya.
 
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लास्ट अपडेट में मैंने किरदारों के बारे में आपको बताया था, तो अब आगे की कहानी खुद कर्मा की जुबानी ..

अपडेट 1

(या ज़ोर से चूसो ... हं हन थोडा और अंदर येह्ह्ह अह्ह्ह थोड़ा या अंदर आह्ह) सुबह मेरी निंद ऐसा सपना देखते हुए खुल गई सपने में तो लंड किसी के मुह में था यहां तो खुद के हाथ में खड़ा था । ... यानी कुल मिलाकर मेरी हलत वैसी ही थी जैसी सारे लड़कों की होती है ... अपने खड़े लंड को थोड़ा सहलाते हुए मैंने अपनी आंखें पूरी तरह खोली या खुद को सपनों की दुनिया से वास्तविकता में लेकर आया ...

तबी पीछे से एक आवाज आई

मां- उठ अब कब तक सोता रहेगा?

मैं- सोने दो ना मां आज तो संडे है..

माँ- संडे है तो क्या पूरे दिन सोयेगा उठ जल्दी तेरे पापा तो बाग में चले भी गए या तू सोता ही रहता है।

मैं- उफ्फो मां उठ रहा हूं अनुज कहां है?

माँ- वो बहार नाश्ता कर रहा है तू भी उठ और करले।

मैं- ठीक मां अब चलो मैं आता हूं...

(मेरा घर एक सिंगल मंजिला घर है मतलब ऊपर रूम नहीं बने बस छत है या बैठने के लिए है नीचे 4 कमरे हैं 2 वॉशरूम या किचन या हॉल सब नीचे है क्योंकि गांव के घर बड़े होते हैं इसलिए ऊपर बनाने की जरूरत नहीं पड़ी। एक कमरा में माँ पापा या उनके बगल वाला कमरा खाली है माँ पापा के कमरे के बहार एक वॉशरूम है उनके गेट के बगल में ही और फिर उन दो कमरे के बाद किचन फिर मेरा कमरा और फिर एक कमरा अनुज का है)

इतना सुन कर मां चली जाती है या मैं सोचता हूं बच गया जो मां ने मेरा खड़ा लंड नहीं देखा एक तो शॉर्ट्स में ये छुपा भी नहीं है..फिर मैं वॉशरूम में जकर लंड हिलाकर शांत करता हूं या बहार आ जाता हूं ... लेकिन लंड भी ना एक बार हिलाने से मान जाए ऐसा कहां है... जैसा आपको मैंने बताया है के मैं चुदाई का कितना भुखा हूं तो उसी के ख्याल रहते हैं दिमाग में तो मैं हर लड़की के नंगे में सबसे पहले ये सोचता हूं के ये नंगी कैसे लगेगी ... इस्को चोदने कितना मजा आएगा पहले तो मेरा लंड सिरफ लड़कियों को देख कर खड़ा होता था लेकिन अब तो चाची भाभी सबको देखकर तन जाता है ... अपने से बड़ी उम्र की औरतों को देख कर करता हूं है मेरा हाल शायद ये ज्यादा ब्लू फिल्म देखने की वजह से है..

खैर मैंने बहार आ कर ब्रश करने लगा दोस्तो मैं आपको अपनी एक कमजोरी के बारे में तो बताना ही भूल गया मुझे महिलाओं की कमर बहुत सेक्सी लगती है खसकर साड़ी में से किसी की कमर या नावेल दिख जाए तो मेरा लंड हो गया है .... तो हुआ भी कुछ कुछ ऐसा ...

जब मैं ब्रश कर रहा था तब माँ कुछ काम कर रही थी या उन साड़ी पाहन राखी थी जो वो नावेल से थोड़ा नीचे बंधती थी .... तो मेरी नज़र उनके चिकने पेट पर पड़ी, काम करने की वजह से उनका पल्लू थोड़ा पल्लू थोडा गया था जिससे उनका पूरा सपाट पेट और नाभि नजर आ रही थी ...



फिर क्या था मेरा लंड ये देखते ही खड़ा होने लगा ... या कुछ ही पलो में पूरा खड़ा हो गया ... मेरी नजर मां की चिकन कमर से हट ही नहीं रही थी तबी मां किसी काम से कमरे में चली गई तो मुझे होश आया ... फिर मैं खुद को गाली देने लगा की अपनी मां को देख कर तेरा लंड कैसे खड़ा हो सकता है ... लेकिन लंड के लिए वो सिरफ कमर थी। तो हो गया वो खड़ा ... फिर मैंने मुश्किल से लंड को पजामे में एडजस्ट किया या निकल गया बहार अपने बाग की तरफ .. हमारी भैंस या गया भी वही बंधी रहती है ..)

जब मैं बाग में पाहुचा तो देखा पापा एक भैंस को खोल रहे थे.. तो मैंने पूछा

मैं- क्या हुआ पापा आप इसे खोल क्यों रहे हो?

पापा- इसका टाइम हो गया है ना तो इसे करना है

मैं- क्या टाइम हो गया है पापा या क्या करना है?

पापा- अरे गधे, इस्को पेट से करने का टाइम हो गया है तबी तो बच्चा देगा या फिर दूध दे पायेगी...

मैं- ओह अच्छा तो आप किस करवाओगे इसे।

पापा- अरे है ना वो बंधा हमारा छोटा भैंसा

मैं- पर पापा वो इसे कैसे कर सकता है.... ये भैंस तो उसकी मां है..

पापा- अरे माँ वा कुछ नहीं होता अभी देख कैसा चढ़ता है वो इसके ऊपर एक बार में ही कर देगा ... एक ही बार में पेट में बच्चा डाल देगा..

मैं पापा की ये बात सुनकर चुप हो गया लेकिन उनकी बात मेरे मन में घूमने लगी...

फिर पापा ने उन दोनो को साथ किया तो भैंसा तुरंत अपनी मां के पीछे गया या उसकी चूत पर सूंघा या फिर तूरंत अपना बड़ा सा लंड लेकर उस पर चढ़ गया ... मैं उनकी ये चुदाई बड़े ध्यान से देख रहा था या मुझे आज सारा सीन याद आ रहा था वो मां का चिकन पेट, मेरे लंड का खड़ा होना या पापा की कही ये बात भी मुझे बार बार अपनी या खींच रही थी। एडजस्ट करके पजामे में छुपाया ... या कुछ डर देखने के बाद मैं वहां से निकल गया फिर मैं घर आया कॉलेज का कुछ काम था वो किया .. अनुज से थोड़ी लड़ाई हुई जो भाईयों में होती रहती है या फिर टीवी देखते देखते तो गया ...

शाम को खाने के समय अनुज ने उठाया और बोला

अनुज-उठ जाओ खाना खा लो मां बुला रहे हैं...

मैं- तू चल मैं हाथ धोकर आता हूं।

फिर जकार मैं सबके साथ खाना खाने बैठा मैं, पापा या अनुज खा रे थे या मां हम सबको खाना दे रही थी... तो खाना देते हुए जब मां झुक रही थी तो मेरी नजर फिर मां के पेट पर चली गई। या मुझसे फिर से सब वो याद ए गया जो सबह हुआ था ... मैंने खुद को कंट्रोल करते हुए अपनी नजर ऊपर करने लगा लेकिन पल्लू साइड होने की वजह से फिर मुझे उनके ब्लाउज के और से झांकती हुई चुचिया में देखा में पहली बार ये ख्याल आया के मां की चुच्चिया कितनी बड़ी है या कितनी सुंदर या टाइट लग रहे हैं..या मैं उनको देखता ही रह गया ... तब एक आवाज से मेरा ध्यान टूटा

मां- कर्मा तू कुछ या लेगा क्या...

मेरे मुह से अपने आप निकल गया

मैं- दूध ... अरे वो मां अभी नहीं लूंगा बस दूध पी कर सो जाऊंगा ...

इतना कह कर मैं अपने रूम में आ गया या ले गया .... जाने मैं आज जो बी सब हुआ उसके बारे में सोचने लगा पहले तो मैं खुद को कोसने लगा के अपनी मां की बॉडी को देख कर तू सब सोच रहा है फिर वो पापा की बात याद आई के मां बेटा कुछ नहीं होता है..लेकिन क्या भ्रम है के बाद भी मैं एक चीज तो सोच रहा था कि मां है बहुत ही सेक्सी लगा ही नहीं के दो बच्चों की मां है... इतना सेक्सी बदन बड़े बड़े चुतड़... बड़ी चुचीया चिकन कमर सपत पेट..मैं सोचने लगा के मां नंगी कैसी दिखी होगी..उनके चूतड़ कैसे दिखेंगे

लेकिन मैंने खुद को ख्यालो से हटाए के लिए सोचा के ब्लू फिल्म देखता हूं या मैं देखने लगा लेकिन बहुत सारी देखने के बाद भी मुझे कुछ ऐसा महसूस नहीं हुआ था, इसे देखकर हिलाना चाहिए... नहीं हुआ तो मैं उठा कर रूम से बहार आ गया पानी पाइन के लिए .. जब मैं किचन में पाहुचा तो मुझे हांफने की आवाज आई या थोड़ी खुशर पुसर की.. मुझे समाधाने डर ना लागी की पापा के कमरे में क्या हो रहा है...

ये सोच कर मेरा लंड तुरंत और टाइट हो गया..और मेरा मन करने लगा के मैं भी उन्हे चुदाई करते हुए देखना ... एक मन बोल रहा था ये बहुत गलत है लेकिन लंड कह रहा था अब देखते हैं या मां को भी ना . देखने का मौका मिल जाएगा ... फिर लंड के आगे दिमाग हार गया या मैं दबे पांव उनके कमरे की तरफ चल दिया.. जैसे जैसे मैं आगे रहा था आवाज या तेज होती जा रही थी ...

आगे की कहानी अगली अपडेट में कृपया सुझाव या प्रतिक्रिया दें...

Bahut khub karma hai to kamina par abhi tak jvani ke maje nehi le paya tabhi kuch bhi uttejak dekhte hi babu mosaya ke usttad tak dhinadhin karte huye maujudgi ka aisas karva deta hai.

Neelesh ko achhe se samjhna chahiye tha par usne bas itna hi kaha ma ba kuch nehi abhi dekhna kaise chad jayega aur ek hi baar me maa bana dega. Khair nehi samjhya to kiya bhi kya ja sakta hai ye unka parivarik masla vo jo kare ham to bas maza lenge.

Adbhut atulniya lekhan kaushal:clapclap::clapclap::clapclap::clapclap:
 

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