लास्ट अपडेट में अपने देखा मैं और ममता चाची साथ में बैठे हैं उनके घर में वो पेटीकोट और ब्लाउज में हैं और मेरा हाथ उनकी कमर पर है अब आगे
अपडेट 4
मैं जनता था उनकी आह्ह्ह क्यों निकली लेकिन फिर भी जान बूझ कर पूछा
में क्या हुआ चाची..आप ठीक तो है ना... आपको दर्द हो रहा है क्या.. कहां दर्द है आपकी कमर में?
ये कहते हुए बिना उनके जवाब का इंतजार किये मैंने अब अपना दूसरा हाथ भी उनकी कमर पर लगा दिया और अब दो हाथो से उनके पेट को मसलने लगा .... मेरा लंड झटके पर झटके खा रहा था मुझे पता था अगर मैंने लंड पर हाथ भी लगा दिया तो मैं झड़ जाऊंगा ... वो इतना टाइट हो चुका था ...
चाची की नज़र से लंड से टोपी ही नहीं रही थी बड़ी मुश्किल से उन इतनी देर में लंड से नज़र हटाकर मेरे चेहरे की तरफ देखा और कहा...
ममता सी- बेटा दर्द नहीं है अभी पल्ली आती होगी चाय लेकर...
मैं तो ये भूल ही गया था के पल्लवी भी घर ने है चाय लेकर आती ही होगी ... तो मैंने अपने हाथ उनकी कमर से ना चाहते हुए भी हटा लिए और अपना लंड भी थोड़ा नीचे की तरफ समायोजित किया.... लेकिन मुझे बात की खुशी भी हुई के अगर पल्लवी के आने का डर नहीं होता चाची मुझे नहीं रोकती है।
मैं- चाची देखलो अगर कमर में दर्द हो तो मैं मालिस कर दूंगा..
ममता सी-वो नहीं बच्चा मैं....
वो इतना ही बोल पाई थी के पल्लवी चाय लेकर आ गई और हम दोनो को दी और खुद भी चाय लेकर बैठी हमारे पास .... हम दो में से कोई नहीं बोल रहा था ... मैं चाची और पल्लवी की और देख रहा था पल्लवी बस आम तौर पर चाय पी रही थी और चाची बार बार चोर नजरो से मेरे लंड की और देख रही थी और कभी पल्लवी की और देखती की कहीं उसने तो नहीं देख लिया ऐसे ही हमनें चाई खतम की तो पल्लवी हम दोनो से चाय के कप लिए और बोली,
पल्लवी- मम्मी मैं नहांलू?
ममता सी-कक्क्य, हं बेटा नहले .....
वो थोड़ा अटके बोली उनका ध्यान अभी भी कहीं और ही था,
पल्लवी-ठीक मम्मी फिर नाहकर खाना बनाउंगी।
ममता सी- ठीक जा तू....
पल्लवी कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गई गेट बंद होने की आवाज आई और मैं तुरंत ही उनसे दोबारा चिपक गया..और अपने हाथों से फिर उनके नंगे सपाट पेट को दबाने मसलने लगा, चाची मेरे इस अचानक हमले से चौंक गई गई लेकिन शायद उनकी बॉडी को ये सब अच्छा लग रहा था इसलिये वो सिसकने लगी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह करके
मैं- चाची..
ममता सी- आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म्मम्मम्मम्म.
मैं- चाची सुनो न मेरे दर्द हो रहा है...
ममता सी-कक्क्या?
मैंने एक कदम बढ़ते हुए उनका हाथ पजामे के ऊपर से ही अपने लंड पर रख दिया... और बोला
मैं- चाची इस्मे
लंड पर हाथ पढते ही चाची के बदन में एक करंट सा दौड़ गया और उनकी बदन भी सिहर गया .... सांसे और भी तेज चलने लगी जिनसे उनके स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे मैं लगातार उनके पेट को मसले जा रहा था तो कभी नाभि को छेड़ रहा था ....... मैंने भी अपने आप को कंट्रोल किया और एक लंबी सांस ली मुझे पता था अगर मैं अभी झड़ गया तो सारा खेल खराब हो जाएगा मुझसे ज्यादा से जयादा देर खुद को रोकना होगा ...
चाची जैसे ख्यालो में ही थी मेरे लंड को हाथ में महसूस कर रही थी और बस इतना बोली
ममता सी- मैं .... क्या.... कैसे ....
मैं- चाची मुझे नहीं पता लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा है कुछ तो करो..
और मैं अपने कमर को आगे पीछे करके उनके हाथ पर दबाव डालने लगा ... अब वो भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी और मेरे लंड को सहलाने लगी और बोली
ममता सी- बहुत दर्द हो रहा है बछुआ को ... लेकिन बच्चा मुझे दर्द सही करने के लिए इसे देखना होगा ....
मैंने बिना उनका मतलब समझे उनकी नाभी से खेलते हुए बोला
मैं- ठीक है चाची
ये सुनते ही चाची ने थोड़ा हाथ ऊपर करके एक ही झटके में पायजामा और अंडरवियर खिसका कर मेरा लंड बहार निकला लिया और नंगे लंड को देखते ही चाची की आंखों में एक चमक आ गई और एक आह्ह्ह निकल गई भी मैं भी उनके ये करने से चौंक गया उनके हाथ मेरे नंगे लंड पर पढते ही मैंने उनके पेट पर अपने हाथ गड़ा दिए ... और वैसा ही उनसे चिपक गया .... और बस इतना ही बोल पाया
मैं- आह्ह्ह्ह्ह्ह चाची..
ममता सी- हाय दैय्या ये तो अब और बड़ा दिख रहा है....
वो बस लंड को घूरे जा रही थी और अपना हाथ चलाये जा रही थी उनकी जीब बार बार उनके होंठों को गीला कर रही थी
मैं भी अब अपने होश खो बैठा और मैं अपने हाथ ऊपर बढ़ाए और बड़े बड़े चुचीयों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा ... मेरे हाथ से चूचे मसले जाने पर चाची और तेजी से मेरा लंड हिलाने लगी ... मैंने भी डर ना करते हुए उनके ब्लाउज के हुक को खोल दिया और ब्रा को नीचे करके एक चूचे को बाहर निकला और दबाने लगा
मुझे तो जैसे जन्नत का मजा मिला था ... चाची सिसकने लगी और आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म् करने लगी मैने उनकी ब्रा नीचे करके दोनो चुचे बाहर निकालड लिए, कसम से ... इतने बड़े बड़े ... और टाइट भी ... मैं उन्हे मसलने लगा और चाची की आह्ह्ह और बढ़ गए अब चाची खुल कर मेरा साथ दे रही थी ... और बोल रही थी ..
ममता सी- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् तेरा औजार बहुत बड़ा है री कर्मा आह,
मैंने अपने होठ उनकी गर्दन पर रख दिए और चूमने लगा वो हर चुम्बन पर सिस्की ले रही थी फिर मैंने गर्दन झुकाकर अपना मुह उनकी एक चुच्ची पर रख दिया और चूसने लगा... चाची तो जैसा पागल हो गई और अपना हाथ मेरे लंड से हटा लिया और मेरा सर पकड कर अपने चुचे पर दबने लगी..मैं एक चूचे को दबा रहा था और दूसरे को चूस रहा था ज़ोर से...
ममता सी- आह्ह्ह बच्चा पीजा सारा दूध अपनी चाची का चूस चुस कर खाली कर दे इनका रस चूस मेरे आमो को....
मैं मम्म्म आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म्म्म करके चुसे जा रहा था ... फिर थोड़ी देर बाद मैंने दूसरा चूचा मुह में ले लिया चाची फिर से और गरम हो गई ... मुझे बहुत मजा आ रहा था ... ऐसा रस तो दुनिया में नहीं कहीं होगा जो मुझे चाची के चुचीयो को पीने में मिल रहा था .... फिर थोड़ी देर और चूसने के बाद मैं अचानक से अपना मुह उनके सीने से हटा लिया और अपने होठ उनके होठों पर रख दिया.... और उन चूसने लगा। ..चाची पहले तो हड़बदाई लेकिन अगले कुछ ही पलो में मेरा साथ देने लगी ... और मेरे होठो को चूसने लगी ..... फिर उन अपनी जीभ मेरे मुह में डाली मैं उसे चूसने लगा साथ ही हाथों से लगातार उनके चूचे मसल रहा था .... फिर वो मेरी जीब चूसने लगी .... सच एक शदीशुदा औरत के साथ ये सब करने में। बहुत ही मजा आता है उनमे झिझक भी कम होती है और अनुभव से बहुत कुछ सिखाती है
..अब मुझे लगने लगा मैं झड़ने वाला हूं तो मैं ऐसे ही नहीं झड़ना चाहता था मैंने एक कदम औरर बढ़ने की सोची और उनके रसीले होंठ से होंठ हटाए और कंधे पकड़ कर नीचे की ओर दबाने लगा ... .वो बी समझ गई मैं क्याचाहता हूं और नीचे बैठ गईं ... मेरा लंड उनके चेहरे के सामने था और उसे पकड़ कर वो अपने हाथ आगे पीछे करने लगे फिर उन्होंने मेरी आंखें में देखता हुए अपना मुंह खोला और मेरे लंड के टोपे पर अपनी गीली जीभ फिराई ..
मैं तो जैसे खो गया कहीं .... मेरी पूरी बॉडी अकड़ने लगी .... कुछ पल और रुकने के बाद मैंने उनके सर के पीछे हाथ लगा दिया और अपना लंड उनके खुले मुंह में झटके के साथ घुसा दिया और झटके मारने लगा। ... वो पहले तो थोड़ा सकपाकाई फिर घु घु करके जितना चूस सकतीं थी चूसने लगी .... मैं उनके मुह को चोदने लगा और कुछ 15-20 झटको के बाद मैंने उनका मुंह अपने लंड पर दबा दिया और अपने रस उनके मुह में ही छोड़ते हुए लंड की पिचकारी चलाने लगा.... वो थोड़ा झटपटाई फिर पता नहीं कैसे एडजस्ट करके वो गटक गतक के सारा रस पी गई . थोडा सा रस उनके होंठों से बहकर बाहर आ रहा था वो अब भी मेरा लंड चूस रही थी, मेरा लंड अब धीरे-धीरे सिकुदने लगा था और चाची अब भी मेरे लंड को चूस चूस कर साफ कर रही थी ... उन्होनें मेरे लंड को चाट कर साफ किया... अपनी जीभ बाहर निकाल कर होथो के आस पास लगे रस को जीब से चाटा ... तबी चाची को जैसे कुछ याद आ गया हो तुरंत खडी हो गईं...
ममता सी- तू अपने पजामा ऊपर कर पल्ली बहार आती ही होगी...
उन्होन भी अपनी ब्रा ठीक की और ब्लाउज के हुक बंद करने लगी ... और मैंने अभी अपना अंडरवियर और पायजामा ऊपर कियाऔर लंड और अंदर डाल कर बैठ गया ....
मैं- चाची आज तो मजा आ गया....
ममता सी- (कुछ सोचते हुए) कर्मा पता नहीं मैंने सही भी किया या नहीं...
मैं- चाची अपने बिलकुल सही किया..आप परेशन मत हो..
चाची कुछ नहीं बोली, और तबी पल्लवी भी नाहकर बहार आ गई .... गीले बालों में वो बहुत प्यारी लग रही थी .... उसके स्तन भी टॉप में बहुत कसे हुए लग रहे थे ..मन किया की उसे अभी जाकर चूमलूं ...
तभी मैं सोचने लगा मुझे क्या हुआ है मैं हर किसी को बस चोदने का खयाल क्यों आ रहा है ... अभी मां से लंड चुस्वाया है और अभी बेटी को भी उस नजर से देख रहा हूं ... ये सोचते हुए ... मैने चाची को फिर कभी आने का बोल कर उनके घर से निकला गया .....
इस्के आगे अगला अपडेट में आप लोग कृपया फीडबैक दते रहे हैं ... धन्यवाद