Incest कथा चोदमपुर की

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था.. मैं सोच रहा था यार कर्मा मां है तो बहुत खूबसूरत इतनी सेक्सी बॉडी है कि मेंउनका अपना बेटा लंड खड़ा होने से नहीं रोक पाता

.और रात की चुदाई देख कर ये भी कन्फर्म हो गया था की मां चुदासी भी रहती है...और आज चाची के साथ हुए सीन ने मेरा कॉन्फिडेंस भी थोड़ा बड़ा दिया था तो मैं सोचने लगा की क्या मैं मां पर भी कोशिश कर सकता हूं ...
Waah kya soch hai re teri karma. :bow3:
 
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क्या ये संभव है ... कोई और समय होता तो मैं खुद को मना कर देता लेकिन आज हुई चाची के साथ वाली घटना ने मुझे उम्मीद दिला दी थी, मैं सोचने लगा के मुझे कोशिश करना ही चाहिए मां पर... लेकिन बहुत सोच संभल कर नहीं तो एक गलत कदम सब कुछ बिगाड़ सकता है..
:akshay:
 
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सुन कर ओवर एक्टिंग करते हुए अपने हाथ कान पर रखते हुए बोले...

मैं- हे भगवान, ये सुनने से पहले मेरे कान खराब क्यों नहीं हो गए, ये धरती फट क्यों नहीं गई, ये आकाश गायब गया क्यों नहीं हो गया ..... मेरी मां बुढी है ....

मां मेरी हरकत से चौक गई और फिर मजाक में गुसा दिखाते हुए बोली
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मां- बड़ा प्यार आ रहा है अपनी बूढ़ी मां पर...

मैं- मां मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं तो प्यार तो आएगा ही ...और आप बुद्धि नहीं हो ...औरअब मैं ऐसे ही प्यार करुंगा आपको

ये कहकर मैंने अपने हाथ और कस लिए और उन्हे अपनी और समा लिया .... कुछ पल बाद जब मुझे अंदाज हुआ के मेरा हाथ कहां है मेरा एक हाथ उनकी पीठ पर ब्लाउज के ऊपर था और एक हाथ जो जगह मुझे बहुत पसंद थी उनकी नंगी कमर पर था ... मेरे सीने पर मां के चुचे मुझे महसूस हो रहे थे।
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तरफ देखा तो वह लगा शायद मैं सो रहा हूं तो थोड़ी सी घूम कर मेरी तारफ हो कर बैठ गई जिससे मुझे हवा ज्यादा मिल सके ....और फिर अचानक से उनकी नज़र मेरे सामने लंड के तंबू पर गई ... तो उनकी आंखों में एक थाहराव सा आ गया और फिर अचानक से मेरे चेहरे की तरफ देखा तो उन्हे अब भी लगा के मैं तो सो रहा हूं और फिर उनकी नजर मेरे लंड पर आ गई ..वो थोड़ी देर तक उसे घूरती रही. और फिर मुझे भी समझ नहीं आया उनके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कुराहट आ गई लंड को देखते हुए
:akshaysmile:
 
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इसके आगे कर्मा मां को पाने के लिए और क्या करता है वो सब अगली अपडेट में ... आप लोग कृपया समीक्षाएं देते रहे जिनसे कहानी और अच्छी बने ... शुक्रिया ...
Bhoute hi shandar update tha bhai. :bow2:
Maza aaya padh ke ab lagta hai karma sabke khuub sewa karne wala hai :D
 
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लास्ट अपडेट में अपने देखा के कर्माऔरपापा आम तोते हैं और उन ले कर कर्मा ममता चाची के घर के लिए निकल जाता है ... अब आगे

अपडेट 3

मैं आम का थैला लेकर ममता चाची के घर की तरफ चल दिया..लेकिन चलते हुए मुझे बहुत ही उत्तेजना हो रही थी की ना जाने ममता चाची के यहां क्या होगा ... . क्या वो आम मुझे सच में आम चूसने को मिलेंगे ये सोचते ही मेरा लंड फिर से तंग हो गया .. मैंने गेट खाट खाटया और गेट खुला और मेरे सामने पल्लवी खड़ी थी ... वो मुझे देख कर मस्कुराई और बोली ...

पल्लवी- हैं भइया आए और आए हैं....

मैं- कैसी हो पल्लवी?

ये बोलकर मैं आंगन में पड़ी खाट पर जाकर बैठ गया

पल्लवी- मैं बहुत अच्छी हूं भैया .. आप तो अब घर कभी आते ही नहीं ... आज भी काम था इसलिय आए बस ..

मैं- अच्छा पागल मैं नहीं आता तो तू बड़ा आती है घर ... ये नहीं जाकर अपनी ताई जी की मदद करवा दे और अनुज से बी मिल लिया कर ....

पल्लवी अनुज का नाम सुनकर शर्मा गई ...झिझकते हुए बोली

पल्लवी- अब जरूर आउंगी भैया वो पढाई में थोड़ी बिजी थी...

मैं- चल पढाई तो अच्छी बात है लेकिन इतना भी व्यस्त मत हो जा के सब को भूल जाए ... अच्छा चाची कहां है कहीं दिख नहीं रही?

पल्लवी- वो मम्मी छत पर कपड़े डालने गईं हैं बस आती ही होंगी

पल्लवी के इतना कहते ही आवाज आई

ममता सी- कौन आया है पल्ली?

मैं- मैं हूं चाची।

मैंने इतना बोल कर नज़र घुमाई उन्की तरफ तो देखता ही रह गया... इस समय चाची सिरफ ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी...और उनकी चिकनी कमर... पर नज़र पड़ने ही मेरा लंड हरकत करने लग गया..क्या कमर थी चाची की बहुत ही चिकनी और उस भी पर अभी नहाने की वजह से कुछ पानी की बूंदे फिसल कर मस्ती कर रही थी मन तो कर रहा था अभी भी उन बूंदों से भरी पूरी कमर को मसलूं और चाटुं ... उनकी नाभी में जीब डालू .



मैं इन्हीं ख्यालों में खोया हुआ था जब चाची ने बोला...

ममता सी- अरे कर्मा बच्चा आ गया तू...आम भी ले आया चल बहुत अच्छा किया बेटा... पल्लू तू क्या देख रही है खड़ी खड़ी भैया के लिए चाय बना...

मैं- अरे नहीं चाची चाय नहीं पीनी..

ममता सी- ऐसे कैसे नहीं पिनी पल्ली तू जा बना के ला

इतना सुनकर पल्लवी चाय बनाना चली गई ..

और चाची वैसे ही पेटीकोट ब्लाउज में मेरे पास आकर बैठा गई ... मेरी नज़र उनके पेट और ब्लाउज में कसी उनकी चुच्चियो से हट ही नहीं रही थी और मेरा लंड पूरी तरह जाग कर मेरे पजामे पर दस्तक दे रहा था। मैंने उसे छुपाने के लिए अपनी टांगो को मोड़ कर एडजस्ट किया और जितना कर सकता था बिना चाची को पता लगे ..

ममता सी-अच्छा कर्मा बच्चा चाय नहीं पियेगा तो कुछ और बनवा दूंगा बता अभी चढाई नहीं होगी पल्ली ने ... पर तुझे कुछ ना कुछ तो लेना ही पड़ेगा ...

मैं- हैं चाची मैं तो यहां पके हुए आम चखने आया था वो चखाओ...

ममता चाची मेरी ये बात सुनकर पहले तो थोड़ी शांत हुई फिर शर्मा कर हंसने लगी ...औरबोली

ममता सी- तू भी बहुत दुष्ट होता है जा रहा है। लगता है दीदी से कह कर जल्दी ही तेरी शादी करनी पड़ेगी...

मैं- क्या चाची आम खाने के लिए शादी की क्या जरूरी है ....

ये बात मैंने उनकी ब्लाउज से बाहर आती हुई चुचीया देखते हुए बोली .... तो जब उन मेरी नजर का पीछा किआ तो वो भी समझ गई मैं क्या देख रहा हूं तो थोड़ी और असहज हो गई और कुछ सोचेते हुई मुस्कुराते हुई बोली...

ममता सी- अच्छा तो तुझे मेरे आम ही खाने हैं... पर मैंने आम तो तेरे चाचा के लिए बचा कर रखे हैं वो ही खाते हैं...उन्हे भी बहुत पसंद हैं....

चाची से ये बात सुनकर मेरा हाल और बुरा हो गया मेरा लंड बिलकुल टाइट हो गया था और अब मुझसे चुप नहीं रहा था ...

मैं- क्या। चाची आप मुझे प्यार ही नहीं करती .. चाचा को तो रोज़ आम चुस्वती हो और मुझे मना कर रही हो ...

ममता सी-अरे मेरा बच्चा तू तो मुझे सबसे ज्यादा प्यारा है... गुस्सा ना हो

इतना कहकर चाची मेरे करीब आकर मेरे सर पर हाथ फिराने लगी ... लेकिन उनके पास आने से मेरी परशानी और बढ़ गई अब तक कैसे भी मैंने लंड छुपा कर रखा था वो सब साफ साफ दिख रहा था ... उन्हें देख कर मेरा लंड फुंकार रहा था और इतना टाइट हो गया था के अब दर्द भी हो ने लगा था ...

मैं – आह तो फिर आम चुसाओ न चाची..

मेरी लंड के दर्द से आह निकल गए। पर मेरी नज़र उनकी चुचियों और पेट से हट ही नहीं रही थी ... मैंने अपने लंड का अपने हाथो से छुपा रखा था।

ममता सी- अरे चूस लेना बच्चा किसी दिन आराम से,और क्या हुआ तुझे आह क्यों कर रहा है तेरी तबियत तो ठीक है ना....
मैं- हां चाची मैं ठीक हूं, लेकिन एक बात कहूं आप बहुत खूबसूरत हो .... चाचा बड़े भाग्यशाली हैं के आप उन्हे मिली ...
ममता सी- बातें मत बना ये बता हुआ क्या है ला हाथ दिखला कहीं तुझे बुखार तो नहीं...
मैं- नहीं चाची मैं...
मैं इतना ही बोल पाया की चाची ने मेरा हाथ पकड लिया और हाथ हटते ही पजामे में बना तंबू और ऊपर हो गया और उनकी नजरो के सामने आ गया ...चाची की नज़र उस पर पड़ी और वो उसे देखे जा रही थी उनके मुह से बडी धीरे से निकला
ममता सी- हाय दया....
मेरा एक हाथ अब भी उनके हाथ में था लेकिन मेरा दूसरा हाथ जैसे उसका खुद का ही दिमाग हो अपने आप उनकी कमर पर चला गया ... और धीरे धीरे सहलाने लगा....
मैं- चाची तुम्हारा पेट बहुत चिकना है बिलकुल हीरोइन की तरह...
चाची कुछ नहीं बोली बस उसी तरह देखी जा रही थी ... उनके चेहरे से लग रहा था वो कुछ बोलना चाह रही है लेकिन शायद उनके मुह से बाहर ही नहीं आ रहे हैं .... ...

ममता सी- तेरा हथियार तो बहुत बड़ा है कर्मा...
मैने उन्हे और खोलने के लिए बोला
मैं- कौनसा हथियार चाची, मेरे पास तो कोई हथियार नहीं है
ये कहते हुए मैंने अपना हाथ उनकी नंगी कमर पर चला रहा था मैंने थोड़ा सा उनका पेट मसल भी दिया ... उनके मुह से आह्ह्ह निकल गई ...


अगला अपडेट बहुत ही जल्दी
Sab to theek hai par ye karma karna kiya chata hai.kacha aam mamta ko diya aur paka hua thulthula aam chuchna chata hai. Nehi ye wala shuda theek nehi aam ke sath kuch aur mile to sauda theek baithega.

Adbhut atulniya lekhan kaushal:clapclap::clapclap::clapclap:
 
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लास्ट अपडेट में अपने देखा मैं और ममता चाची साथ में बैठे हैं उनके घर में वो पेटीकोट और ब्लाउज में हैं और मेरा हाथ उनकी कमर पर है अब आगे
अपडेट 4
मैं जनता था उनकी आह्ह्ह क्यों निकली लेकिन फिर भी जान बूझ कर पूछा
में क्या हुआ चाची..आप ठीक तो है ना... आपको दर्द हो रहा है क्या.. कहां दर्द है आपकी कमर में?
ये कहते हुए बिना उनके जवाब का इंतजार किये मैंने अब अपना दूसरा हाथ भी उनकी कमर पर लगा दिया और अब दो हाथो से उनके पेट को मसलने लगा .... मेरा लंड झटके पर झटके खा रहा था मुझे पता था अगर मैंने लंड पर हाथ भी लगा दिया तो मैं झड़ जाऊंगा ... वो इतना टाइट हो चुका था ...
चाची की नज़र से लंड से टोपी ही नहीं रही थी बड़ी मुश्किल से उन इतनी देर में लंड से नज़र हटाकर मेरे चेहरे की तरफ देखा और कहा...
ममता सी- बेटा दर्द नहीं है अभी पल्ली आती होगी चाय लेकर...
मैं तो ये भूल ही गया था के पल्लवी भी घर ने है चाय लेकर आती ही होगी ... तो मैंने अपने हाथ उनकी कमर से ना चाहते हुए भी हटा लिए और अपना लंड भी थोड़ा नीचे की तरफ समायोजित किया.... लेकिन मुझे बात की खुशी भी हुई के अगर पल्लवी के आने का डर नहीं होता चाची मुझे नहीं रोकती है।
मैं- चाची देखलो अगर कमर में दर्द हो तो मैं मालिस कर दूंगा..
ममता सी-वो नहीं बच्चा मैं....
वो इतना ही बोल पाई थी के पल्लवी चाय लेकर आ गई और हम दोनो को दी और खुद भी चाय लेकर बैठी हमारे पास .... हम दो में से कोई नहीं बोल रहा था ... मैं चाची और पल्लवी की और देख रहा था पल्लवी बस आम तौर पर चाय पी रही थी और चाची बार बार चोर नजरो से मेरे लंड की और देख रही थी और कभी पल्लवी की और देखती की कहीं उसने तो नहीं देख लिया ऐसे ही हमनें चाई खतम की तो पल्लवी हम दोनो से चाय के कप लिए और बोली,
पल्लवी- मम्मी मैं नहांलू?
ममता सी-कक्क्य, हं बेटा नहले .....
वो थोड़ा अटके बोली उनका ध्यान अभी भी कहीं और ही था,
पल्लवी-ठीक मम्मी फिर नाहकर खाना बनाउंगी।
ममता सी- ठीक जा तू....
पल्लवी कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गई गेट बंद होने की आवाज आई और मैं तुरंत ही उनसे दोबारा चिपक गया..और अपने हाथों से फिर उनके नंगे सपाट पेट को दबाने मसलने लगा, चाची मेरे इस अचानक हमले से चौंक गई गई लेकिन शायद उनकी बॉडी को ये सब अच्छा लग रहा था इसलिये वो सिसकने लगी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह करके
मैं- चाची..
ममता सी- आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म्मम्मम्मम्म.
मैं- चाची सुनो न मेरे दर्द हो रहा है...
ममता सी-कक्क्या?
मैंने एक कदम बढ़ते हुए उनका हाथ पजामे के ऊपर से ही अपने लंड पर रख दिया... और बोला
मैं- चाची इस्मे
लंड पर हाथ पढते ही चाची के बदन में एक करंट सा दौड़ गया और उनकी बदन भी सिहर गया .... सांसे और भी तेज चलने लगी जिनसे उनके स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे मैं लगातार उनके पेट को मसले जा रहा था तो कभी नाभि को छेड़ रहा था ....... मैंने भी अपने आप को कंट्रोल किया और एक लंबी सांस ली मुझे पता था अगर मैं अभी झड़ गया तो सारा खेल खराब हो जाएगा मुझसे ज्यादा से जयादा देर खुद को रोकना होगा ...
चाची जैसे ख्यालो में ही थी मेरे लंड को हाथ में महसूस कर रही थी और बस इतना बोली
ममता सी- मैं .... क्या.... कैसे ....
मैं- चाची मुझे नहीं पता लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा है कुछ तो करो..
और मैं अपने कमर को आगे पीछे करके उनके हाथ पर दबाव डालने लगा ... अब वो भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी और मेरे लंड को सहलाने लगी और बोली
ममता सी- बहुत दर्द हो रहा है बछुआ को ... लेकिन बच्चा मुझे दर्द सही करने के लिए इसे देखना होगा ....
मैंने बिना उनका मतलब समझे उनकी नाभी से खेलते हुए बोला
मैं- ठीक है चाची
ये सुनते ही चाची ने थोड़ा हाथ ऊपर करके एक ही झटके में पायजामा और अंडरवियर खिसका कर मेरा लंड बहार निकला लिया और नंगे लंड को देखते ही चाची की आंखों में एक चमक आ गई और एक आह्ह्ह निकल गई भी मैं भी उनके ये करने से चौंक गया उनके हाथ मेरे नंगे लंड पर पढते ही मैंने उनके पेट पर अपने हाथ गड़ा दिए ... और वैसा ही उनसे चिपक गया .... और बस इतना ही बोल पाया
मैं- आह्ह्ह्ह्ह्ह चाची..
ममता सी- हाय दैय्या ये तो अब और बड़ा दिख रहा है....
वो बस लंड को घूरे जा रही थी और अपना हाथ चलाये जा रही थी उनकी जीब बार बार उनके होंठों को गीला कर रही थी
मैं भी अब अपने होश खो बैठा और मैं अपने हाथ ऊपर बढ़ाए और बड़े बड़े चुचीयों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा ... मेरे हाथ से चूचे मसले जाने पर चाची और तेजी से मेरा लंड हिलाने लगी ... मैंने भी डर ना करते हुए उनके ब्लाउज के हुक को खोल दिया और ब्रा को नीचे करके एक चूचे को बाहर निकला और दबाने लगा
मुझे तो जैसे जन्नत का मजा मिला था ... चाची सिसकने लगी और आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म् करने लगी मैने उनकी ब्रा नीचे करके दोनो चुचे बाहर निकालड लिए, कसम से ... इतने बड़े बड़े ... और टाइट भी ... मैं उन्हे मसलने लगा और चाची की आह्ह्ह और बढ़ गए अब चाची खुल कर मेरा साथ दे रही थी ... और बोल रही थी ..
ममता सी- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् तेरा औजार बहुत बड़ा है री कर्मा आह,
मैंने अपने होठ उनकी गर्दन पर रख दिए और चूमने लगा वो हर चुम्बन पर सिस्की ले रही थी फिर मैंने गर्दन झुकाकर अपना मुह उनकी एक चुच्ची पर रख दिया और चूसने लगा... चाची तो जैसा पागल हो गई और अपना हाथ मेरे लंड से हटा लिया और मेरा सर पकड कर अपने चुचे पर दबने लगी..मैं एक चूचे को दबा रहा था और दूसरे को चूस रहा था ज़ोर से...
ममता सी- आह्ह्ह बच्चा पीजा सारा दूध अपनी चाची का चूस चुस कर खाली कर दे इनका रस चूस मेरे आमो को....
मैं मम्म्म आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म्म्म करके चुसे जा रहा था ... फिर थोड़ी देर बाद मैंने दूसरा चूचा मुह में ले लिया चाची फिर से और गरम हो गई ... मुझे बहुत मजा आ रहा था ... ऐसा रस तो दुनिया में नहीं कहीं होगा जो मुझे चाची के चुचीयो को पीने में मिल रहा था .... फिर थोड़ी देर और चूसने के बाद मैं अचानक से अपना मुह उनके सीने से हटा लिया और अपने होठ उनके होठों पर रख दिया.... और उन चूसने लगा। ..चाची पहले तो हड़बदाई लेकिन अगले कुछ ही पलो में मेरा साथ देने लगी ... और मेरे होठो को चूसने लगी ..... फिर उन अपनी जीभ मेरे मुह में डाली मैं उसे चूसने लगा साथ ही हाथों से लगातार उनके चूचे मसल रहा था .... फिर वो मेरी जीब चूसने लगी .... सच एक शदीशुदा औरत के साथ ये सब करने में। बहुत ही मजा आता है उनमे झिझक भी कम होती है और अनुभव से बहुत कुछ सिखाती है
..अब मुझे लगने लगा मैं झड़ने वाला हूं तो मैं ऐसे ही नहीं झड़ना चाहता था मैंने एक कदम औरर बढ़ने की सोची और उनके रसीले होंठ से होंठ हटाए और कंधे पकड़ कर नीचे की ओर दबाने लगा ... .वो बी समझ गई मैं क्याचाहता हूं और नीचे बैठ गईं ... मेरा लंड उनके चेहरे के सामने था और उसे पकड़ कर वो अपने हाथ आगे पीछे करने लगे फिर उन्होंने मेरी आंखें में देखता हुए अपना मुंह खोला और मेरे लंड के टोपे पर अपनी गीली जीभ फिराई ..
मैं तो जैसे खो गया कहीं .... मेरी पूरी बॉडी अकड़ने लगी .... कुछ पल और रुकने के बाद मैंने उनके सर के पीछे हाथ लगा दिया और अपना लंड उनके खुले मुंह में झटके के साथ घुसा दिया और झटके मारने लगा। ... वो पहले तो थोड़ा सकपाकाई फिर घु घु करके जितना चूस सकतीं थी चूसने लगी .... मैं उनके मुह को चोदने लगा और कुछ 15-20 झटको के बाद मैंने उनका मुंह अपने लंड पर दबा दिया और अपने रस उनके मुह में ही छोड़ते हुए लंड की पिचकारी चलाने लगा.... वो थोड़ा झटपटाई फिर पता नहीं कैसे एडजस्ट करके वो गटक गतक के सारा रस पी गई . थोडा सा रस उनके होंठों से बहकर बाहर आ रहा था वो अब भी मेरा लंड चूस रही थी, मेरा लंड अब धीरे-धीरे सिकुदने लगा था और चाची अब भी मेरे लंड को चूस चूस कर साफ कर रही थी ... उन्होनें मेरे लंड को चाट कर साफ किया... अपनी जीभ बाहर निकाल कर होथो के आस पास लगे रस को जीब से चाटा ... तबी चाची को जैसे कुछ याद आ गया हो तुरंत खडी हो गईं...
ममता सी- तू अपने पजामा ऊपर कर पल्ली बहार आती ही होगी...
उन्होन भी अपनी ब्रा ठीक की और ब्लाउज के हुक बंद करने लगी ... और मैंने अभी अपना अंडरवियर और पायजामा ऊपर कियाऔर लंड और अंदर डाल कर बैठ गया ....
मैं- चाची आज तो मजा आ गया....
ममता सी- (कुछ सोचते हुए) कर्मा पता नहीं मैंने सही भी किया या नहीं...
मैं- चाची अपने बिलकुल सही किया..आप परेशन मत हो..

चाची कुछ नहीं बोली, और तबी पल्लवी भी नाहकर बहार आ गई .... गीले बालों में वो बहुत प्यारी लग रही थी .... उसके स्तन भी टॉप में बहुत कसे हुए लग रहे थे ..मन किया की उसे अभी जाकर चूमलूं ...
तभी मैं सोचने लगा मुझे क्या हुआ है मैं हर किसी को बस चोदने का खयाल क्यों आ रहा है ... अभी मां से लंड चुस्वाया है और अभी बेटी को भी उस नजर से देख रहा हूं ... ये सोचते हुए ... मैने चाची को फिर कभी आने का बोल कर उनके घर से निकला गया .....

इस्के आगे अगला अपडेट में आप लोग कृपया फीडबैक दते रहे हैं ... धन्यवाद
Palli ko dekhar soch badlna hi tha. Kyuki karma havas namak bimari se pidhit ho chuka hai. Jab havasi jagi to use na rishta dikha na nata dikha bas dikha to sirf aur sirf sharirik shukh dikha. Jise bhujhane ke liye pahle maa ka istemal kiya ab beti par bhi nazar phisal gaya. Dekhte hai aage kiya kiya hoota hai.

Adbhut atulniya lekhan kaushal:clapclap::clapclap::clapclap:
 

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