आखिरी अपडेट में अपने देखा कर्मा अपनी मां को अपने लंड का दर्द दिखाता है और फिर सो जाता है अब आगे,
अपडेट 6
मैं सोया तो सीधा शाम को उठा ... फिर कुछ देर ऐसे ही आंखें खोल कर लेटा रहा और फिर वॉशरूम में जाकर फ्रेश हुआ और बाहर आ गया..जब हॉल की तरफ बड़ा तो देखा अनुज हॉल में बैठा हुआ है और किचन की तरफ एक तक देखे जा रहा है ... मैं कुछ बोलने वाला था लेकिन सोचा इसे क्या हुआ ये क्या देख रहा है थोड़ा आगे बड़ के देखा तो मेरी नज़र वहां पड़ी जहां अनुज देख रहा था जिसे देखकर मुझे जलन सी हुई बुरा भी लगा गुसा भी आया काफ़ी मिली-जुली भावनाएँ थीं मैंने देखा की माँ रसोई में झुक कर कुछ निकाल रही हैं और उनकी बड़ी सी गांड बाहर की तरफ निकली हुई बड़ी कामुक लग रही थी ... दोनों चूतड़ ऐसे झलक रहे थे ऐसा लग रहा था के साड़ी में दो तरबूज रखे हो..
ये नजारा देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा ... लेकिन फिर मुझे अनुज का ध्यान आया .... और मैं सोचने लगा .... क्या ये भी वो देख रहा है जो मैं देख रहा हूं .... क्या ये भी मां को उसी नजर से देखता है जैसे मैं देखता हूं..मुझे बात पर थोड़ा जलन और गुस्सा आया... लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या महसूस कर रहा हूं मैं अभी... सोच कर के मेरा भाई भी मां को उसी नजर से देखता है बहुत परेशान हो गया था ... मुझे समझ नहीं एक रहा था कि मुझे हो क्या रहा है ... मुझे लगा के मुझे में सबके बारे में अकेले में कहीं जाकर सोचना चाहिए नहीं तो ऐसे तो मैं पागल हो जाऊंगा ... तो मैं बिना कुछ बोले घर से निकल गया और सीधा बाग में चला गया मुझे पता था अभी वहां कोई नहीं होगा बाग में... एक खाट पड़ी रहती थी पापा के लिए में खाट पर बैठा गया...
और फिर मैं सारी घाटनाओ के बारे में सोचने लगा ... मैं अपनी ही मां को चोदना चाहता हूं, क्या ये सही है ... मैंने अपनी मां जैसी ममता चाची से अपना लंड चुस्वाया क्या वो सही था, मैं अपनी मां को जिस नज़र से देखता हूं लेकिन जब आज मैंने अपने भाई को मां की गांड देखते हुए देखा तो मुझे जलन क्यों हुई ... पर साथ ही मेरा लंड कड़क क्यों हो गया ... मैं ये सब सोच रहा था और पूछ रहा था कि कौन दे सकता है मेरे अंदर सब सवालों का जवाब ....
तबी मुझे एक आवाज आई ... तो मैंने अपनी राइट साइड में देखा तो ये हमारा भैंसा था ... वो ही भैंसा जिसने अपनी मां को खूब चोदा था पीछे से सवार होकर ... उसे देखते ही मेरे मन में ख्याल आने लगे .. .इसकी लाइफ कितनी मस्त है, अपनी मां को चोद दिया और कोई तनाव नहीं है ... मजे से रहता है कोई फर्क नहीं पड़ा इसे जब उसने अपनी मां की चूत में लंड घुसा दिया तो ये तो बस लंड की प्यास जानता है... लंड खड़ा हो तो चूत में डालदो और फिर खूब चोदो .... बस और फिर जैसे हमें भैंसे ने ही मेरे सारे सवालो के जवाब दे दिए ...
मैं अपनी मां को चोदना चाहता हूं क्योंकि उनका बदन इतना कामुक और गदराया है और उनके पास चूत है और मेरे पास लंड, जहां भी चूत मिलेगी लंड तो जायेगा ही... यही तो चाची के साथ भी हुआ, और रही बात मां की तो मां की गांड ऐसी है जिसे देख कर किसी नामर्द का लंड भी खड़ा हो जाए अनुज तो एक 18 साल का जवान लड़का है... तो वो तो देखेगा ही..हो सकता है उसकी नजर चली गई हो वो जैसा मैं सोचता हूं वैसा न सोचा हो....
तो भैंसे ने मेरी सारे भ्रम को दूर कर दिया ... और मैंने सोच लिया के अब मैं बेकार के भ्रम में नहीं फसूंगा बस लंड को खुश रखूंगा .... क्योंकि मुझे उस में मजा आता है ... मैंने प्यार से जाके भैंसे के सर पर हाथ फेरा और जैसा उसका शुक्रिया किया हो मेरी टेंशन दूर करने के लिए ... फिर अचानक पता नहीं मेरे दिमाग में क्या आया मैंने उसे रस्सी को खूंटे से खोला और पकड़ कर आगे बड़ा वो भी मेरे साथ चलने लगा ... मैंने उसका आगे किया और उसकी मां के पास जकर खड़ा कर दिया ... वो अगले ही पल अपनी मां के पीछे की और गया और उसे चूत को सूंघने लगा और फिर अगले ही मिनट में उसके ऊपर चढ़ गया और चोदने लगा .... उसे अपनी मां को चोदता देख मुझे बहुत खुशी हो रही थी मैंने भी सोच लिया था का मैं भी एक दिन ऐसे ही अपनी मां को चोदूंगा फिर उनकी चुदाई के बाद मैंने फिर से बांध दिया और मुस्कुराता चला हुआ ... घर पहुचा तो देखा अनुज और पापा खाना खा रहे हैं, मां ने मुझे देखा और बोली
मां- कहां निकल गया था, जा बैठा जा हाथ पैर धोके खाना लगा रही हुं तेरे लिए भी..
मैं- ठीक मां अभी आया मुझे भी भूख लग रही है...
मां- जा जल्दी से आ फिर...
माँ ने मुझे खाना दिया मैं खाने लगा थोड़ी देर बाद अनुज और पापा उठ गए ... अनुज अपने कमरे पढने को बोल कर निकल गया पापा कहीं बाहर चले गए तो मैंने अपना खाना खतम किया और अपने झूठे बरतन उठा कर किचन में ले गया... तो देखा मां बारतन धो रही थी मैंने अपने बरतन भी वही रख दिया और मां से बोला
मैं- मां आपको कितना काम करना पड़ता है ना..
मां- हां बेटा अकेली औरत हूं घर में मैं नहीं करूंगी तो कौन करेगा...
मैं- मैं हूं ना मां आपकी मदद करने के लिए मैं धो देता हूं बरतन..
मां नहीं बेटा बस तू मेरे लिए एक बहू ला दे फिर मुझे मदद मिलेगी..
मैं- हैं मां मैं बहू तो ले आऊं लेकिन वो आपसे जलेगी तो घर का माहोल खराब होगा...
मां- अच्छा ऐसा क्यों भला मुझसे क्यों जलेगी मेरी बहू...
मैं- जलेगी ही जिसकी सास इतनी सुंदर हो तो ... बहू तो जलेगी ही ना ....
मां- हट नालायक कहीं का तू फिर शुरू हो गया...
मैं- सच मां तुम सच में बहुत सुंदर हो
ये कहते हुए मैंने उनके गाल को चूम लिया .... मेरे चूमते ही मां का हाथ बर्तन पर रुक गया मुझे लगा कहीं मैं कुछ ज्यादा तो नहीं कर गया ... मेरी थोड़ी सी फटने लगी ... तबी मां बोली
मां- कर्मा क्या कर रहा है
मैं- अपनी मां से प्यार
माँ अच्छा और जो तूने अभी किया वो
मैं- क्या किया मैंने
माँ – मेरे गाल को चूमा..
मैं – तो क्या हुआ मां क्या मैं अपनी मां को पप्पी नहीं दे सकता?
माँ कुछ सोचते हुए बोली
मां- हां दे सकता है लेकिन इससे पहले तूने कभी ऐसे नहीं किया तो थोड़ा अजीब लगा ..
मैं- मां मैं पागल था इससे पहले जो नहीं किया लेकिन अब से मैं ऐसे ही खूब प्यार करुंगा आप ..
ये कहते ही मैंने उनके दूसरे गाल पर भी चूम लिया...
बार मां ने कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी और मुस्कान लगी और बोली...
मां- पागल है तू बिलकुल...
मैं – माँ पागल वागल कुछ नहीं .. और अब आप भी मुझसे प्यार करोगी ऐसे ही ...
मां- मैं ऐसे कैसे...
मैं- जैसे मैंने किया वैसा
या ये कहकर मैंने अपना सीधा वाला गाल आगे कर दिया पहले तो कुछ सेकंड तक मां ने कुछ नहीं किया फिर अपने होंठ मेरे गाल पर रख दिए और मुझे चूम लिया .... मुझे बहुत अच्छी वाली फीलिंग आई ... और फिर तूरंत ही मैंने मुह पलट कर दूसरा गाल भी आगे कर दिया और बार मां ने तुरंत ही मुझे चूम लिया दूसरे गाल पर .... मैं खुश हो गया के माँ धीरे-धीरे कुछ तो खुल रही है ...
फिर मैंने मां के हाथ से बरतन छीन लिए और बोला...
मैं- अब लाओ आज मैं आपकी मदद करुंगा...
मां- रहने दे धो लुंगी मैं...
ये कहते हुए मुस्कुराने लगी...
मैं- नहीं नहीं आज बर्तान खुद इस सल्तनत के महाराज कर्मा सिंह धोयेंगे और ये उन का आदेश है के उन्हे बर्तन धोने दिए जाएंगे.. समझी महारानी मां साहिबा...
माँ मेरी बातें सुन कर हंसने लगी और बोल
मां- नौटंकी है पूरा तू भी...
या ये कहते ही इस बार खुद मेरे माथे पर चूम लिया ... मुझे बहुत अच्छा लगा ... के मां ने खुद से पहल की और किस करना भी बहुत अच्छा लगा ... मां के होंठ जब भी शरीर से छूते तो एक सनसनी होती बदन में पूरे .... फिर मां वही खड़ी रही और मैंने सारे बरतन धो दिए, मां ने जब सारे धुले बरतन देखे तो मेरी तरह देखते हुए बोली
माँ- हाय मेरा लाल कितना प्यारा है....
या ये कहकर मां ने मुझे गले लगा लिया और उनके बड़े चुछियां मेरे सीने से चिपक गए और मेरा हाथ उनकी कमर पर चला गया और मैं उन्गालियं उनकी नंगी कमर पर फिराने लगा ... बस फिर क्या था मेरा लंड टाइट हो गया और आगे कुछ पलो में मां के पेट में लगने लगा .. क्योंकि मां की ऊंचाई मुझसे काफी कम है मेरी 6 फीट तो उनकी 5 "2 है .... फिर तूरंत ही मां ने अपना गले से अलग किया और अलग हो गए ...
मैं ये नहीं कह सकता था के वो मेरे लंड के स्पर्श होने की वजह से अलग हुई और सामान्य तौर पर हुई ... क्योंकि सब कुछ इतनी जल्दी हुआ ... लेकिन मैं खुश था मैंने मां को फिर भी काफ़ी खोल दिया से उन खुद मुझे गले लगाना और किस किया ... तबी पापा आ गए, उनके साथ राजन चाचा भी थे (ममता-चाची के पति) तो वो लोग कुछ बात करते हुए मैं और मां भी वही पाहुच गए ...
मैं- नमस्ते चाचा
राजन च- नमस्ते बेटा और पढाई कैसी चल रही...
मैं-अची चल रही है चाचा,
राजन छ- क्यूं भाभी ये पढा भी है और ऐसे ही बातें बना रहा है
ये बोलकर हंसने लगे...
माँ- पढा तो है भइया बाकी तो नंबर ही बता देंगे परीक्षा के... आप बताओ खाना लगाओ आपके लिए...
राजन च- अरे नहीं भाभी खाना तो खा कर निकला हूं, ममता ने मोर्टिन मंगाई थी … चाहिये ...
पापा- क्या कहां चल दिया अभी इतनी जल्दी...बैठ कुछ डर..
मां- हां भैया अभी आए और अभी चल दिए कुछ डर रुकिए...
राजन छ- पर ये मोर्टिन...
पापा- तू भी मॉर्टिन के लिए परशान है... कर्मा जा ये मोर्टिन चाची को दे आ भाग कर और बोल भी देना के हमारे यहां है थोड़ी देर हो जाएगी....
मैं तो मन ही मन में खुश हो गया के चाची के पास जाने का मौका मिल गया....
मैं- ठीक है पापा अभी जाता हूं।
राजन छ- चलो कर्मा जा ही रहा है तो फिर तो सारी परशानी खतम ये ले बेटा जा...
और मैं मौर्टिएन लेकर निकल गया...उनके घर पहुचा तो गेट चाची ने खोला...
मुझे देख कर चौक गई और बोली..
ममता सी- कर्मा तू इस वक्त यहां क्या कर रहा है...
मैने मोरटीन का पैकेट आगे बढ़ाया और बोला
मैं – वो चाची ये चाचा ने भिजवाया है वो पापा के साथ बैठे कर बात कर रहे हैं थोड़ी देर में आ जाएंगे ...
ममता च- अच्छा तबी मैं सोच ये कहां रह गए ... कितनी देर से गए हैं .... तू और बाहर क्यों खड़ा है ... बच्चा ... चाची बिलकुल नॉर्मल लग रही थी जैसे आज कुछ हुआ ही नहीं है हम दोनो के बीच में चाची से पूछा खाट पर बैठ कर पर बैठे हुए वो नीचे बैठ कर मॉर्टिन जलाने में लगी हुई थी
मैं- पल्लवी कहां है चाची...
ममता सी- वो अपने कमरे में पढ़ रही होगी...
ये सुन्ते ही मैं खुश हो गया का रास्ता साफ है और चाची मॉर्टिन जला कर जैसे ही मूडी मैंने अपने होंठ उनके होंथो पर रख दिए और चूसने लगा .... मैनेबउनका सर पकड लिया था पीछे से और उनके होठनों को चूसे जा रहा था फिर कुछ मिनट बाद चाची भी मेरा साथ देने लगी ....
ममता सी- उहम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्म उम्म्ह
मैं- मुउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्म्मम्मम्मम्म
फिर हम एक दूसरे के मुह में जीब डालकर चूसने लगे मैंने अपना हाथ उनके सर से हटाया और नीचे लाकर उनकी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और अपने हाथ उनकी कमर पर और पेट पर चलाने लगा ..... फिर अचानक जाने क्यों चाचा मुझसे धक्का देकर अलग हो गई ...
मुझे कुछ समझ नहीं आया के सब अच्छा चल रहा था तो फिर अभी क्या हुआ मैं उनकी तरफ देख रहा था मेरी आंखों में देखा था मेरा लंड पूरी तरह तंग था ...
ममता च- कर्मा हम ये गलत कर रहे हैं ... मैं बहक गई थी पर अब ये नहीं होगा बचुआ ... तू मेरे बेटे जैसा है और मैं तेरे चाचा के साथ धोखा नहीं दे सकता ...
मैं खड़े लंड पर धोखा नहीं खाना चाहता था कि मुझे गुसा एक गया मैंने सोचा सब अच्छे से चल रहा हो तबी अपने संस्कार घुसेड़ने थे चाची को मैं कुछ बोला नहीं ... चाची मेरी ओर देखे जा रही थी और मेरी नजर पेट पर ही थी ... फिर मुझसे कुछ बरदाश्त नहीं हुआ तो मैंने एक ही झटके में मैं घुटनो पर बैठा गया और चाची के पिचवाड़े को अपनी बाहों में भर कर अपना मुह उनके लिए पेट पर लगा दिया और चूमने लगा ... .... चाची के मुह से एक सिसकारी निकली ... आआह्ह्ह्ह करके ... पहले तो चाची ने मुझे अलग करना चाहा पर मेरी पकड़ मजबूर थी फिर मैंने अपनी जीभ उनकी नाभी में दाल दी तो फिर तो उनका विरोध बहुत कम हो गया .... वो मेरे बालो में हाथ फिराने लगी .... मैं उनके चिकने पेट को चूम और चाटे जा रहा था ... मुझे उनका पेट मक्खन जैसा लग रहा था फिर मैंने हाथ ऊपर करके उनका ब्लाउज खोल दिया उन्होने और ब्रा नहीं पहनी थी .... उनके रसीले आम सामने आ गए .. मैंने एक दो मिनट और उनकी नाभि को चूसा फिर ख अदा हो गया ... और उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया और अपना खड़ा लंड उनकी गांड पर रागडने लगा और हाथ आगे लेजाकर उनके चूचों से खेलने लगा
मैं उनकी चुचियों को मसले जा रहा था और उनके मुह से धीरे आह्ह्ह निकल रही थी मेरा लंड पूरी तरह तंग होकर उनकी गांड पर हमला कर रहा था ... वो बोले जा रही थी ...
ममता सी- बस कर्म आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ः..
मैं- चाची आराम तो अब मिला है.... क्या चुचीया है तुम्हारी बहुत ही स्वादिष्ट...
ये कहकर मैंने उन्हे घुमाया और उनके चुचे चुसने लगा .... एक को मसलता और एक को चूस्ता ... मैंने उनका हाथ पकड़ा कर अपने लंड पर रख दिया जो पज़ामे के जो परेशान हो रहा था ... चाची उसे सहलाने लगी। ... मैंने चुचे से मुह हटाया और बोला में चाची तुम्हें चोदने में बड़ा मजा आएगा ...
ममता चाची थोड़ा सोचने लगी और मेरा लंड सहलाते हुए ही बोली
ममता सी- बच्चा तूने बाकी सब कर लिया है पहले भी तो तू अभी करले पर चूत तुझे हम नहीं देंगे... इसपर सिरफ तेरे चाचा का हक है...
मैंने कुछ सोचा के अभी वही भी चाचा भी आते ही होंगे चोद तो वैसा भी नहीं पाऊंगा ... चोदूंगा तो जरूर चाची को लेकिन आज बात मान लेता हूं ....
मैं- ठीक चाची लेकिन बाकी सब तो करने दो ना...
ममता सी-हां बच्चा तू कुछ भी करले बाकी तो...
मैंने उनकी साड़ी उतर दी और पेटीकोट का नाडा भी पकड कर खींच दिया तो वो खुल कर नीचे गिर गया...
ममता सी- ये क्या कर रहा है तू कर्मा कोई देख लेगा तो
मैं- चाची गेट बंद है ... और अपने बोला मैंने चोदने के अलावा सब कर सकता हूं तो अब मत रोको ...
ये बात चाची को भी समझ आ गई तो कुछ नहीं बोली और अब चाची एक खुले हुए ब्लाउज और पैंटी में थी ... उन्होन मेरा लंड पजामे से बाहर निकला लिया ... और हिलाने लगी मैंने भी अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया ..
हाय क्या गरम चूत थी उनकी पूरी गीली थी .... मैं उसे रगड़ने लगा चाची की आह्ह्ह आआहजः करने लगी .... फिर चाची बोली बेटा तेरे चाचा आते ही होंगे जलदी कर जो करना है .... मैंने बिना कुछ बोले उनका ब्लाउज और पैंटी भी उतर दी अब वो बिलकुल नंगी मेरे सामने थी और मैंने अपने भी कपड़े उतरे दिए और नंगा हो गया और बोला चाची अब आपको करना है जो करना है .... इसे शांत करो अपने लंड की इशारा कर के बोला ... चाची मेरे सामने घुटनो पर बैठ गई और लंड को आगे पीछे करने लगी फिर जीभ से इस्तेमाल कर चाटने लगी सिर पर तो कभी पूरे लंड पर ... .. मुझे बहुत मजा आने लगा. चाची ने लंड को अपनी बड़ी बड़ी चूचियों के बीच में फंसाया और मैं उनकी चूचियों को चोदने लगा.
वो जीभ बाहर निकल कर मेरा लंड जैसा ही ऊपर आटा चाटती उसे ... मुझे तो धरती पर स्वर्ग दिख रहा था ... मेरा लंड बहुत तंग हो चुका था ... फिर उन्होंने मुझे खाट पर लेटने का इशारा किया और मैं लेट गया .... और अब वो मेरा लंड अपने मुह के काफ़ी अंदर तक लेकर चुनने लगी ...
मुझे बहुत मजा आ रहा था चाची मरा लंड बड़ी शिद्दत के साथ चूस रही थी ...... मेरा भी अब निकलने को हो गया था तभी किसी ने गेट खटखटाया मैं तुरंत उठ कर खड़ा हो गया... मेरी तो जायस गगां किलस गई के इनको भी अभी आना था .... लेकिन वो आखिरी पल था तो मैंने चाची को उठने न दिया और खड़े होकर उनके मुह में अपना लंड डालकर झटके मारने लगा उनके गले से घो घो की आवाज ए रही थी ... मेरा लंड बड़ा होने की वजह से उन काफ़ी तकलीफ हो रही थी .... उनकी आंखों से आसुन बी निकल रहे थे के तभी मेरे सबर का बांध टूट गया और मैंने अपना लंड रस उनके मुह में उड़ेल दिया .... वो जितना पी सकती थी गटक गई ... बाकी मैंने अपना लंड निकल कर उनके चेहरे पर लंड रस बिखेर दीया .... उनका चेहरा बहुत सेक्सी लग रहा था
मेरा स्पर्म उनकी चिन पर से गिरता उनके चूची पर गिर रहा था ..... तबी हमें गेट खतखटने की आवाज फिर से आई ....
इसके आगे क्या हुआ कौन था गेट पर कैसे बचे ये सब आगे अपडेट में आप लोग पढ़ते रहिए और प्लीज रिव्यू देजिये ..... धन्यवाद ...