Romance लड़का लड़की सबसे अच्छे दोस्त होते हैं

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बात जनवरी 2011 की है, मैंने अपने जीवन की प्रथम हवाई यात्रा की गोवा से इंदौर, इंदौर पहुँचते ही मेरी एक अजीज मित्र अक्षिमा मुझे लेने इंदौर हवाई अड्डे पर आई.
अक्षिमा और मैं बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन दोस्ती के साथ कब प्यार हो गया, ये न मुझे पता चला था और ना ही उसे!

शाम 7 बजे मैं इंदौर पहुंचा, हमने एक दूसरे को देखा तो वो हमारी लगभग 2 साल बाद हुई मुलाकात थी. अक्षिमा दिखने में बहुत ही सुन्दर है और मैं तो यहाँ तक कहता हूँ कि उससे ज्यादा सुन्दर मेरी कोई फ्रेंड नहीं है.

इंदौर से मेरी ट्रेन रात 1 बजे की थी जिससे मुझे रतलाम आना था, एयरपोर्ट से टेक्सी करके हम इंदौर के प्रसिद्द गुरुकृपा रेस्टोरेंट में आ गए. दोस्तो, इंदौर का खाना बहुत ही लज़ीज़ होता है, खाना खाते खाते ही न जाने क्या हुआ और अचानक हमारी आँखों ने एक दूसरे से अपने अन-समझे प्यार का इजहार कर दिया. सच कहूँ तो प्यार का अहसास उस पल जो हुआ वो तो शायद किस्मत वालों को ही नसीब होता है पर उस प्यार को हम पक्की दोस्ती ही समझ बैठे.

लेकिन किस्मत को आज कुछ और ही मंजूर था. कुछ ही वक्त हुआ था कि किस्मत ने और जोर मारा और अचानक एक फैमिली मेंबर का फ़ोन आया कि कल इंदौर में किसी नजदीकी परिचित की शादी है और मुझे इंदौर ही रात रुकने का बोला.
ना जाने क्यों… पर इस फोन से हम दोनों के चेहरे पर चमक आ गई. फिर का खाना ख़त्म कर कर हमने आगे का प्लान किया.

अक्षिमा इंदौर के एक कॉलेज से MCA कर रही थी और वो कॉलेज शहर से तक़रीबन 10 किमी दूर था. मैंने पास ही एक होटल में रुकने का सोचा और हम दोनों होटले में चले गए.
रास्ते में अक्षिमा ने बताया कि उसके होस्टल में रात 10 बजे बात प्रवेश नहीं दिया जाता तो उसको जाना होगा.
पर फिर हमने सोचा कि इतने दिन बाद मिले हैं तो क्यों ना साथ ही रुक जायें, ढेर सारी बातें करेंगे क्योंकि हम दोनों के पास एक दूसरे को बताने के लिए बहुत सारी बातें थी.

गुरुकृपा के पास ही एक होटल में हमने 2 कमरे ले लिए जो एक दूसरे के सामने थे, एक कमरे में मेरा सामान रख कर हम दूसरे कमरे में एक दूसरे से बातें करने लगे.

उसने मुझे अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बताया जो बेंगलूरु में एक कंपनी में जॉब पर था और उसको कम टाइम देता था. मैंने भी उसको गोवा के लाइफ के बारे में बताया.

हम बात कर ही रहे थे कि इसी बीच वेटर ने नोक किया और पूछा- सर कुछ चाहिए?
मैंने उसको 2 कॉफ़ी लाने का बोला एक इस रूम में और दूसरी दूसरे रूम में!

लगभग 10 मिनट बाद उसने कॉफ़ी सर्व की फिर में अपने कमरे में चला गया और लैपटॉप पर अपना काम करने लगा.

दोस्तो, दोस्ती बहुत हसीन चीज़ होती है. सुपर मॉडल अक्षिमा जैसी लड़की साथ होते हुए भी मुझे उसके प्रति कोई सेक्स या गलत भावना नहीं आई, शायद यह उस दोस्ती का ही असर था.

रात 11:30 का समय होगा, मुझे अक्षिमा के फ़ोन से मेसेज आया- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- बाबा, मैं गोवा में नहीं हूँ, तुम्हारे सामने वाले रूम में ही तो हूँ. नींद नहीं आ रही हो तो आ जाओ, थोड़ी देर साथ में बैठेंगे.

मेरे मेसेज करने के बाद लगभग 20 मिनट तक न उसका कोई मेसेज आया और न ही वो आई. मैंने जब उसको कॉल किया तो वो दूसरे कॉल पर व्यस्त थी, मैंने सोचा शायद घर से फ़ोन होगा पर इतनी रात को?
मैं यह सोच ही रहा था कि उसका फिर से कॉल आया और उसने कहा- प्रतीक, सोना मत, मैं थोड़ी देर में आती हूँ, बॉयफ्रेंड से बात कर रही हूँ, यार तुम मेरे लिए बहुत लकी हो, आज तुम आये और देखो आज उसका फ़ोन कितने दिन बाद आया.

उसकी बात सुनकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि चलो उसके साथ कुछ तो अच्छा हुआ.

काम करते करते मुझे नींद आने लगी और मैंने अक्षिमा को गुड नाईट का मेसेज कर दिया और लिखा कि अगर अब भी नींद न आये तो मुझे उठा देना.
और फिर मुझे कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला…

रात के 12 बजे होंगे कि मुझे अक्षिमा ने उठाया और हल्का सा नाराज होते बोली- इतने दिन बाद मिले फिर भी सो गए, इससे ज्यादा देर तो हम मोबाइल पर बात करते जागते हैं यार!
मैं बोला- नहीं यार, मैंने वेट किया पर तू आई ही नहीं तो आँख लग गई.
यह बोल कर में उठ कर बैठ गया और वो वो भी मेरे साथ बेड पर बैठ गई.

फिर मैंने पूछा- हो गई बात? कैसा चल रहा है? कब शादी कर रहे हो यार?
उसने कहा- पता नहीं, पर शादी तो उससे ही करनी है, आगे किस्मत!
मैंने कहा- पागल, किस्मत विस्मत कुछ नहीं होती, सब हमें ही करना होता है.

मेरी इस बात को सुन कर उसने मूड में आकर कहा- अच्छा, गोवा जाकर बहुत समझदार हो गए हो, सब हमें ही करना होता हे, हम्म तो बताओ तुमने आज तक क्या क्या किया?
उसकी बात अब थोड़ी रोमांटिक होने लगी थी और यह पहला मौका था कि मेरे मन में भी वासना जागने लगी थी, मैंने कहा- किया तो बहुत कुछ है पर सब अनओफिशियल है.
और हम दोनों हंसने लगे.

मौका देखकर उसने कहा- ऑफिशियल कब करने वाले हो?
उसकी बात मैंने समझ ली और बोला- यार, वो तो घर वालों पर ही है, जिस दिन होगा, तुझे भी बुलाऊंगा.

यों ही बातों बातों में दोहरे मतलब वाली बातें होने लगी. ऊपर से ठण्ड के मौसम का असर भी होने लगा था, हम दोनों ने बैठे बैठे एक ही कम्बल ओढ़ लिया था, लाइट भी बंद कर नाईट लैंप जला लिया.
फिर उसने अचानक ऐसी बात बोली कि मेरे दिमाग ने काम करना बंद ही कर दिया, उसने मुझे कहा- एक बात कहूँ, बुरा तो नहीं मानोगे?
मैंने कहा- हाँ बोल ना, क्या हुआ?
उसने बोला- क्या तुम मुझे सिर्फ एक दोस्त ही मानते हो?
यह बोलते हुए मुझे उसकी आँखों में वासना दिख रही थी.

पर फिर भी मैं पहल नहीं करना चाह रहा था, मैंने कहा- दोस्ती से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता पगली!
मेरा यह बोलना हुआ कि उसने मुझे हग कर लिया और मेरे कान में कहा- तो फिर आज मुझे अपनी दोस्ती का गिफ्ट नहीं दोगे?
‘दोस्ती में कौन सा गिफ्ट देते हैं?’ मैंने भी धीरे से उसके कान में कहा ही था कि उसने मेरे आगे आकर आँखों में आँखें डाल कर कहा- बेबी मुझे तुमसे प्यार चाहिए.
और मेरे होंठों पर अपने कोमल गुलाबी होंठ रख दिए और हम एक दूसरे को बेइंतिहा चूमने लगे.

दोस्तो, आपमें से जिसने भी सेक्स किया होगा, उसको किस में कितना मजा होता है वो तो मालूम ही होगा. पर जो लोग आज तक यह सुख नहीं अनुभव कर पाए उनके लिए बताना चाहूँगा कि किस करते समय हमें पार्टनर का स्वाद आता हे और हमारी वासना चरम पर पहुँचने लगती है, आँखें अपने आप बंद हो जाती हैं और बस सारा कण्ट्रोल हमें जीभ पर होता है जो पार्टनर की जीभ को रगड़ रही होती है.
बहरहाल आगे बढ़ते हैं.

बस इस किस के साथ हो जैसे हमारे बीच की दोस्ती की शर्म का बंधन टूट गया और हम एक दूसरे को आलिंगन करते हुए कपड़े उतारने लगे, कुछ ही पल में हम दोनों सिर्फ चड्डी में थे, उसने ब्लू कलर की पेंटी पहनी थी जो उसके गोरे बदन को और भी खूबसूरत बना रही थी, उसके स्तन एक परिपक्व लड़की जैसे लगभग 33″ साइज़ के थे बिल्कुल दूध जैसे सफ़ेद और उसके चूचुक मुन्नका दाख के जैसे थे अमूमन साइज़ से कुछ बड़े से!

अब हमारे बीच बातें बंद हो गई और हम दोनों एक दूसरे को हर जगह चूम रहे थे, मैंने उसके स्तन को अपने हाथ से थोड़ा उठा के चूचुक को मुख में लिया और खड़े खड़े ही उसको चूसने लगा.
मेरे मुख में उसका चूचुक जाते ही उसके मुख से पहली सिसकारी निकली- आह प्रतीक प्लीज!

और हम दोनों बेड पर गिर गए. मैं नीचे लेटा था और वो मेरे ऊपर, उसके निप्पल को मैं अपने मुँह में मसल रहा था और उसके दोनों हाथ मेरे सर में मेरे बालों को सहला रहे थे.
अचानक उसने मुझे चांटा मार दिया.
इस अचानक हुए एक्शन से उसका निप्पल मेरे मुख से निकल गया और वो उठ कर साइड मेरे अंडरवियर की ओर आई और बोली- मुझे माफ करना, पर आज मैं अपनी सभी फंतासी तुमसे पूरी करुँगी.
यह बोलते हुए उसने मेरी चड्डी अपने मुँह से खीच कर नीचे कर दी और बोली- वाह, सोचा नहीं था कि मेरे दोस्त के पास इतना अच्छा लंड होगा.

उसके मुँह से लंड शब्द सुन कर में चौंक गया लेकिन इतने में ही उसने मेरे लंड जो वास्तव में 5.5 इंच का है, और थोड़ा कर्वी कैले जैसा है, को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
इतनी देर से चल रहे फोरप्ले से मेरा हाल पहले से टाइट था और अब तो जैसे मैं जन्नत में था.

सबसे अजीब बात थी कि सिंसिअर सी रहने वाली लड़की आज इस रूप में?

उस दिन मुझे पता चला कि लड़की का सामान्य व्यव्हार और सेक्स की फंतासी दोनों में बहुत अंतर भी हो सकता है.

लगभग 2 मिनट की चुसाई में ही मेरे माल निकलने जैसा होने लगा, मैंने कहा- अक्षिमा निकल जायेगा.
उसने कहा- चोदू, मैं क्या टाइमपास करने के लिए चूस रही हूँ?

अब मुझे समझ में आ गया था कि यह आज सारी हद पार करने वाली है, मैंने अपना माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया और उसने वाशरूम जा कर शायद उसको निकला या पी गई पता नहीं.

2 मिनट बाद वो अपनी चड्डी मुँह में फंसा कर पूरी नंगी होकर बेड पर आई और बोली- आज रात की हर हुई और होने वाली गलती के लिए पहले से माफ़ी मांगती हूँ, और तुम मुझे माफ़ करोगे यही मेरी दोस्ती का गिफ्ट होगा.
मैंने सहमति में आँख हिला दी और बस वो आकर मेरे मुँह पर अपनी चूत रखकर बैठ गई और बोली- चलो अब उधार चुकाओ.

मैंने अपना काम शुरू कर दिया और अपनी जीभ से उसकी चिकनी चूत को खोलने लगा. अक्षिमा मेरे ऊपर एक चुदासी लड़की की तरह धीरे धीरे हिल रही थी, उसका एक हाथ बेड पकड़े हुआ था तो दूसरे हाथ से वो अपने सर को पकड़े थी और उसकी आँखें बंद थी, चेहरे के भाव बिल्कुल कामदेवी जैसे थे.

2-3 मिनट की चुसाई में बाद मुझे उसका जूस अपने मुँह में आता लगा, उसके मुँह से सिसकारी निकली- आह प्रतीक, आ गई मैं!
और वो निढाल होकर मेरे ऊपर गिर गई.

उसको सेक्स में डूबा देख फिर से मेरा लंड टाइट हो गया और मैंने देर न करते हुए उसके ऊपर आते हुए गली से उसकी चूत पर अपना लंड सेट करके झटके से अन्दर डाल दिया.
‘आह बेबी धीरे, आह प्लीज प्रतीक, कम ऑनलाइन, चोदो!’ उसकी सिसकारी निकलने लगी.

जिस लड़की को में पिछले 4 साल से पक्का दोस्त मानता था, आज मेरे साथ वो सब कुछ बांट रही थी. मैं अपने पूरे जोश से उसको चोदने लगा, उसको चोदते समय अचानक मेरे ध्यान आज की फ्लाइट की एयर होस्टेस पर आ गया जिसे देख कर मेरे मन प्लान में बन गया था.

चुदते चुदते अक्षिमा जोश में आ गई, बोली- अब मुझे अपने ऊपर लो.

मैंने जगह बदली, अब मैं नीचे और वो मेरे ऊपर चढ़ कर चुदवा रही थी, फिर से पहले जैसा नजारा था, उसका एक हाथ मेरे छाती की बाल पर और दूसरा हाथ उसके सर पर था, 20-25 धक्के लगे होंगे कि वो फिर से झड़ गई और निढाल हो गई.

मैंने उसकी कमर पकड़ी और तेजी से उसको चोदते हुए 20-30 धक्कों में सारा दम लगा कर अपना माल निकल दिया.
उसने फिर से मेरे गाल पर एक चांटा लगाया और बोली- आई लव यू, पागल!
और फिर मुझे किस करने लगी, मेरे पास लेट गई.

बातों बातों में उसने बताया कि फ़ोन पर बॉयफ्रेंड से बात करते करते वो गर्म हो गई थी तो उसने मेरे साथ सेक्स किया.
वो बहुत खुश थी और मैं भी!

पर एक बात जो सबसे अच्छी थी वो यह कि वो अब भी अपने बॉयफ्रेंड से प्यार करती थी और मुझे अपना सबसे अच्छा दोस्त मानती थी. मेरे मन में भी उसके लिए वो प्यार वाली फीलिंग अब भी नहीं आई थी.

दोस्तो, यह थी मेरी और अक्षिमा की दोस्ती की कहानी.
आगे जिंदगी ने बहुत से मौके दिए हम दोनों को… पर उस रात के बाद हमारे बीच कोई शारीरिक सम्बन्ध नहीं बना.
हम दोनों आज भी बेस्ट फ्रेंड हैं और हमेशा रहेंगे.

‘लड़का और लड़की सिर्फ दोस्त नहीं होते.’ यह बात आपने भी सुनी होगी पर मेरे इस अनुभव से कह सकता हूँ कि लड़का और लड़की सबसे अच्छे दोस्त होते हैं. जो एक दूसरे की हर जरूरत पूरी कर सकते हैं.
 
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Hello Everyone :hi: ,
We are Happy to present to you The Exclusive story contest of Lustyweb "The Exclusive Story Contest" (ESC)..

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne ESC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat aka discussion thread toh pehle se he Hindi section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 2000 words and maximum 8000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Lustyweb dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki ESC Ki stories ko pure Lustyweb k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.


Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Lustyweb k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.


Entry thread aaj yaani 5th February ko open hogaya hai matlab aap aaj se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 25 February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shaktey hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.


Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..

Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.

Regards :Lweb Staff.
 

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