Erotica Lagi Lund Ki Lagan Mai Chudi Sabhi Ke Sang(Completed)

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S Meena

इस बार लंड सीधे मेरी चूत के अन्दर था।

अब मैं और उस फिल्म की लड़की एक ही पोजिशन में थे और रितेश उसी तरह धक्के मार रहा था जैसे उस फिल्म का लड़का कर रहा था।

जिस-जिस पोजिशन में वो लड़का उस लड़की की चुदाई कर रहा था उसी पोजिशन में रितेश मेरी भी चुदाई करता।

उस लड़के ने लड़की को दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया और उसकी एक टांग को पकड़ कर हवा में उठाकर उसको चोद रहा था तो रितेश ने भी मुझे उसी तरह की पोज में कर दिया और अपनी कार्यवाही शुरू कर दी।
उसकी नजर भी स्क्रीन पर थी।

फिर चार-पांच धक्के मारने के बाद रितेश ने मुझे डायनिंग टेबल पर बैठाया और अपना लंड मेरी चूत में डालने के बाद मुझे गोदी में उठा कर उछल कूद करने लगा।

अब इस समय मैं अपनी तो कुछ नहीं कह सकती पर रितेश को खूब मजा आ रहा था।

कुछ दस पन्द्रह शॉट लगाने के बाद एक बार फिर रितेश ने मुझे उसी तरह लेकर एक कुर्सी पर बैठ गया।

दूसरे ही पल लगा कि रितेश एक बार फिर अपनी गर्मी को मेरे अन्दर उतार दिया।

ठीक उसी समय उस लड़के ने लड़की को नीचे बैठा कर अपने लंड को उसके मुंह में लगा दिया और कुछ सफेद सा उसके मुंह में डालने लगा जिसको लड़की ने पूरा गटक लिया और फिर मुंह से लड़के का लंड चाट कर उसकी मलाई को साफ कर दिया।

ऐसा देख कर मैंने रितेश से पूछा- तुम अपनी मलाई मेरे अन्दर क्यों डाल देते हो?
वो बोला- मुझे अच्छा लगता है।

तीन चार घंटे बीत चुके थे तो मैंने रितेश को चूम कर बाय किया और अपने घर चली आई।

कहानी जारी रहेगी।
 
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S Meena

इसके बाद जब भी मौका मिलता तो मैं और रितेश अपनी जिस्म की आग को बुझाते और नई स्टाईल से मजा लेती!
और अब तो मुझे भी गाली देने की आदत सी हो गई थी।

लेकिन एक दिन मुझे उल्टी सी महसूस हुई और उसके बाद लगातार होने लगी और मन खट्टा होने लगा तो मेरी मम्मी मुझे डॉक्टर के यहां ले गई।
डॉक्टर ने चेक अप करने के बाद मुझे बताया कि मेरे पेट में बच्चा है, तो मेरे पैरो के नीचे से जमीन खिसक गई।

डॉक्टर जाकर मेरी मम्मी को बताने वाली थी लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर न बताने को बोली और जल्दी ही ऑर्बशन कराने के लिये बोली।
मुझे एक लम्बा चौड़ा सा लेक्चर पिला दिया।

लेकिन एक बात डॉक्टर ने बताई कि खूब खुल कर मजा लो लेकिन अगर बच्चा नहीं चाहती हो तो कुछ प्रिकॉशन लो और कोशिश करो कि लड़के का पानी तुम्हारे अन्दर न जाये।

मेरे लिये अब चिन्ता की बात यह थी कि इस बात को कैसे छुपाया जाये।
तो डॉक्टर से छुटने के बाद मैं सीधा रितेश से मिली और जो जो डॉक्टर ने बताया सब बात रितेश को बता दी।

किसी तरह घर से बहाना बना कर ऑबोर्शन कराने पहुँची।
इस समय रितेश ने मेरा खूब साथ दिया और जैसे-जैसे डॉक्टर ने कहा उस तरह मेरा ध्यान रखा।

धीरे-धीरे दोनों लोगों का एक-दूसरे के यहां आना जाना शुरू हो चुका था। रितेश मेरे परिवार एक एक-एक सदस्य से मिल चुका था और मैं रितेश के परिवार के एक-एक सदस्य से मिल चुकी थी।

हलाँकि रितेश में परिवार में ज्यादा लोग नहीं थे, उसके एक जीजा, जो काफी हैण्डसम थे और पुलिस में थे, उसकी मम्मी थी, पापा थे जो 55 की उम्र में भी काफी हट्टे कट्टे जवान को मात करते थे और दो छोटे भाई थे दोनों ही अब तक बालिग हो चुके थे।

हम दोनों के परिवार को हम दोनों के रिश्ते को मंजूरी भी मिल चुकी थी पर शर्त इतनी थी कि अच्छी सी जॉब मिलने के बाद हम दोनों की शादी कर दी जायेगी।
लेकिन किसी को यह नहीं मालूम था कि हम दोनों जिस्म की आग को बुझा रहे हैं।

खैर आओ फिर से कहानी पर लौटते हैं।

अब वो कहानी यहां से शुरू होती है जब एक-एक करके कई लंड मेरी चूत में जा चले गये।

शुरू शुरू में मेरी चूत में जो भी लंड गया, उसमें रितेश भी शामिल था पर बाद में लंड मिलते गये और मैं लेती गई।

इसी क्रम में एक दिन रितेश मेरे पास आया और बटरिंग करने लगा तो मैंने बोल दिया- यार तेरे को जब भी मेरी चूत चाहिये होती है तो मैं तो तैयार ही हूँ ना फिर मेरी बटरिंग करने का क्या फायदा?

‘आज कुछ नया करना है।’

मुझे लगा वो मेरी गांड मारने की बात कर रहा है तो मैं बोली- यार, एक चीज तो सुहागरात के लिये छोड़ दो, नहीं तो सुहागरात में क्या करोगे। कुछ तो कुवांरा रहने दो, मैं सुहागरात में तुमसे अपनी गांड ही मरवाऊँगी, यह वादा है।

तभी वो बोला- यार, मैं तेरी गांड सुहागरात का उदघाटन सुहागरात पर ही करूंगा पर अभी कुछ नया हो।
कह कर वो चुप हो गया और फिर बोला- देख, तू मेरी होने वाली बीवी है, मैं तुझसे कुछ छिपा कर नहीं करना चाहता, जो भी मैं करूँ तेरे साथ ही करूँ।
 
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S Meena

मैं उसकी बात को काटते हुये बोली- बता, तू क्या चाहता है।
तो उसने एक बार फिर टोनी और मीना की बात बताई कि टोनी तुम्हें चोदना चाहता है और मीना मुझसे चुदवाना चाहती है।

खैर इतने दिनों सेक्स का खेल खेलते हुए एक बात तो समझ में आ गई कि रितेश मुझसे बहुत प्यार करता है और सिवाय मेरे वो किसी भी और लड़की को देखता नहीं है, जबकि कई लड़कियाँ उससे चुदने को तैयार हैं।

फिर भी पता नहीं टोनी और मीना के लिये ये इतना परेशान क्यों हो रहा था।

मैंने उससे कहा- क्या तुम मुझे रंडी बनाना चाहते हो?
वो गुस्से से बोला- देख तू मेरी बीवी है और जब मुझे ऐतराज नहीं है तो तू क्यों चिन्ता करती है। क्या तू मेरे लिये इतना नहीं कर सकती?

हम दोनों के बीच काफी बहस हुई लेकिन मैं हार कर उसकी बात मान गई।

रितेश ने उस प्लान के लिये वो समय चुना जब कॉलेज का टूर जा रहा था। तो हम दोनों ने अपने-अपने घर में टूर के बारे में जो कि तीन से चार दिन का था, बता दिया और तय समय पर हम लोग घर से निकल गये और दिल्ली की ट्रेन पकड़कर दिल्ली स्टशन पहुँचे।

स्टेशन पर पहले से ही टोनी और मीना हम लोगों का इंतजार कर रहे थे।

टोनी की लम्बाई और डील डौल बहुत ही अच्छा था और रितेश से बीस था और उसकी बीवी मीना बहुत ही खूबसूरत… उसके सामने मैं कुछ भी नहीं थी।
उसके दूध जैसा रंग, बड़ी-बड़ी आँखें, आँखो में काजल, होंठों में हल्की गुलाबी लिपस्टिक, माथे के बीचोंबीच एक छोटी सी बिन्दी, बड़ी-बड़ी चूची जो उसके कपड़े से आजाद होने के लिये बेताब थी।
टाईट जींस और उँची हील की सैन्डिल में वो जान मारू लग रही थी।

रितेश ही नहीं हर लड़के की नजर उसके उपर थी।
खैर सबसे बेपरवाह उन दोनों ने हम दोनों के गले लग कर स्वागत किया और फिर उनकी गाड़ी में बैठ कर उनके घर की तरफ चल दिये।
रास्ते में टोनी ने मुझे आकांक्षा डार्लिंग कहकर सम्बोधित किया और पूछा डर तो नहीं लग रहा है?
मैं कुछ नहीं बोली तो उसने गाड़ी एक किनारे लगाई और मीना से बोला- तुम रितेश के पास बैठो और आकांक्षा, तुम मेरे पास आओ।

मैंने रितेश की तरफ देखा और उतर कर मैंने और मीना ने अपनी जगह बदल ली।
मेरे लिये ये सब अजीब सा था और हिम्मत भी नहीं पड़ रही थी।

तभी निसंकोच रूप से टोनी ने अपना हाथ को मेरी चूत पर रख दिया और सहलाते हुये पूछा- डार्लिंग, अब तक केवल रितेश से ही चुदवाई करवाई है या किसी और से भी?

मैं चुप रही तो टोनी, जिसका हाथ मेरी चूत को ही सहला रहा था, फिर बोला- आकांक्षा शर्म करने से कुछ नहीं होगा, पीछे देखो मीना ने रितेश के लंड को अपने हाथ में लिया है और चूस रही है, और रितेश मीना की चूत सहला रहा है।

दोनों अपने में मस्त मशगूल थे।
मीना के लगभग कपड़े उतर ही चुके थे वो केवल पैन्टी में ही थी और रितेश के लंड पर झुकी हुई थी।
मेरी नजर उन दोनों पर जब हटी जब मुझे एहसास हुआ कि मेरा हाथ जीन्स के ऊपर टोनी के लंड पर है।

इतने ही पल में टोनी ने अपने लंड को अपने जींस से बाहर निकाल लिया और मेरे हाथ को लेजाकर उस पर टिका दिया।
करीब आधे घंटे के बाद टोनी का बंगला आ गया।
 
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S Meena

अपनी गाड़ी को पोर्च में खड़ी करके मीना नंगी ही उतर फिर उसने मेरी तरफ का दरवाजा खोला और मुझे लेकर अन्दर चली।

मैं उसे देख रही थी और वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी, फिर मेरी गांड में चिकोटी काटते हुये बोली- बिन्दास दो दिन सेक्स का मजा लो।

तभी फिर मुझे अपना वो ख्याल याद आया जब मैं सोचती थी कि शादी के बाद सुहागरात में मेरे साथ क्या-क्या होगा।
लेकिन मेरी सुहागरात तो शादी से काफी पहले हो चुकी है और अब मुझे रितेश के अलावा दूसरा मर्द चोदेगा।

सोचते-सोचते मैं घर के अन्दर प्रवेश कर गई।

थोड़ी ही देर में मीना ही हम सब के लिये चाय ले आई।
 
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S Meena

मीना अभी भी नंगी ही थी और जब वो झुक कर चाय सर्व कर रही थी तो उसकी लटकी हुई गोल चूचियों पर से रितेश की नजर हट ही नहीं रही थी।

हम सब की नजर रितेश पर थी पर ऐसा लग रहा था कि रितेश हम सब से अनजान था।

चाय का कप मैं उठा ही रही थी कि मेरे हाथ को पकड़ते हुए टोनी बोला- देखो यहां पर कोई भी किसी बात का बुरा नहीं मानेगा और अपनी मर्जी की करने के लिये सभी स्वतंत्र होंगे। दूसरे कि हम लोग चाय ऐसे नहीं पियेंगे।
और बताने लगा कि आकांक्षा चाय सिप करेगी फिर उसका कप मेरे पास आयेगा, मेरा कप मीना के पास जायेगा, मीना का कप रितेश की पास और रितेश का कप आकांक्षा के पास जायेगा।

कहकर हम लोग चाय पीने लगे।
थोड़ी देर तक गपशप होती रही।

इसी बीच टोनी ने भी अपने सभी कपड़े उतार दिये और अपने हाथ से लंड को मसलते हुये बोला- तुम लोग नहा धो लो।

मुझे थोड़ी उलझन हो रही थी और संकोच से बाहर नहीं आ पा रही थी तो मैं ही उठी, बाथरूम में निपटने पहुँची और बाथरूम का दरवाजा बन्द ही कर रही थी कि टोनी वहां पहुँच गया, बोला- यहां कुछ बन्द में नहीं होता सब कुछ खुले में होता है।
कह कर उसने दरवाजे को खोल दिया और वहीं पर कुर्सी लगा कर बैठ गया और मुझे आँख मारते हुये हवाई किस करने लगा।

उसी समय रितेश आ गया और टोनी के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला- यार देखो, अब शर्माना छोड़ो और खुल कर मजा लो।
उसी समय मीना ने पीछे से रितेश को पकड़ा और उसके दोनों निप्पल को कस कर मसलने लगी और उसके गालों को किस करने लगी।

हाँ, एक बात पर मेरा बहुत ज्यादा ध्यान गया वो ये कि मीना कपड़ो में नहीं थी पर हाई हील सेन्डिल पहनी हुई थी।

तभी रितेश मेरे कंधे के झटके हुये बोला- क्या सोच रही हो?
कह कर मेरी गांड में चपत लगाते हुए बोला- enjoy

मैं अपनी सोच से बाहर आते हुये अपने कपड़े उतारने लगी कि मीना टोनी से बोली- डार्लिंग, जाकर उसके कपड़े उतारने में उसकी मदद करो।

टोनी उठा और मेरे कुर्ती, सलवार, ब्रा और पैन्टी एक एक करके सभी उतार दी और मेरी चूत की फांकों में उंगली करके मुझे कमोड में बैठा दिया।

चूँकि मुझे प्रेशर बहुत ज्यादा मार रहा था तो बैठते ही पर्रर… रररर्र के साथ मैं फ्री होने लगी और इधर पर्रर्रर्र की आवाज सुन कर सभी हँस रहे थे।

मेरी नजर उन सभी पर थी।

हगने के बाद मैं धोने ही जा रही थी तो टोनी ने मुझसे मग ले लिया और मेरी गांड में हाथ लगा कर उसको धोने लगा।
फिर मेरे खड़े होते ही कमोड में झांककर देखते हुए बोला- यार आकांक्षा ने बहुत ज्यादा कर लिया।
बाकी दोनों भी आकर देखने लगे और हँसने लगे और एक एक चपत मेरी गांड में लगाते हुए बोले- बहुत ताकत है इसमें।

उसी समय रितेश मीना की तरफ देखते हुये बोला- मीना, हगने के बाद क्या तुम मेरी भी गांड धुलाओगी?

मीना बोली- रितेश, हम दोनों ने जब से शादी की है तो जब मैं टोनी के घर जाती हूँ या टोनी मेरे घर जाता है तभी हम लोग अपनी गांड खुद से साफ करते हैं। नहीं तो आज तक मैं टोनी की गांड साफ करती हूँ और ये मेरी गांड धोता है। इसलिये तुम चिन्ता मत करो केवल हगो… धो मैं दूंगी।
 
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S Meena

सुनते ही रितेश भी कमोड में बैठ गया और हगने लगा।

यह मेरे जीवन के पहला मौका था जब मैं किसी के सामने इस तरह नंगी बैठ कर हगी हूँ और मेरी गांड किसी मर्द ने साफ की है।
रितेश भी जब फारिग हो गया तो फिर हम चारों एक साथ नहाये।

मैंने और मीना ने पैन्टी ब्रा पहन ली जबकि रितेश और टोनी नंगे ही थे।

मीना ने पैन्टी ब्रा पहने के बाद फिर हाईहील सेन्डिल पहन ली।

मुझसे अब रहा नहीं गया तो मैं मीना से बोली- मीना तो हाई हील सेन्डिल हर समय क्यों पहनती हो?
तो वो बोली- अपने टोनी के लिये।
फिर मुझे समझाते हुए बोली- जब मैं हाई हील सेन्डिल पहन कर चलती हूँ तो मेरी गांड पेन्डुलम की तरह उपर नीचे होती है और टोनी को बहुत मजा आता है।
उसकी बात सुनकर रितेश ने मेरी ओर देखा तो मैं उसके इशारे को समझते हुए मीना की एक हाई हील सेन्डिल पहनकर चलने लगी। अब रितेश और टोनी दोनों को ही मेरा इस तरह चलना बहुत अच्छा लग रहा था।

दोनों मीना के अगल-बगल खड़े होकर उसकी चूत में हाथ डाले हुए मेरी ओर देखकर दोनों ही बोले- यार, इसकी गांड भी बड़ी मजेदार लग रही है।

ऊँची हील पहनने के कारण मेरी लंबाई भी रितेश के लम्बाई के बराबर हो गई।
मेरी चाल को देखकर दोनों के लंड बिल्कुल तन कर नब्बे डिग्री का कोण बना चुके थे और दोनों ही अपने हाथों को कष्ट दे रहे थे मतलब दोनों ही अपने लंड को हिला रहे थे।

तभी मीना ने मुझे आँख मारी और रितेश के दोनों जांघों को हाथ से पकड़ कर उसके लंड को चूसने लगी।

मीना को ऐसा करते देख मैंने भी अपनी पोजिशन पकड़ ली और टोनी के लंड को अपने मुँह में ले लिया।
अब मुझे भी चुदम-चुदाई के इस खेल में बहुत कुछ समझ में आ गया था और मैं टोनी के लंड को चूस कर उसको खुश भी करना चाहती थी।

मैं कभी उसके लंड को पूरा अपने मुँह में लेती तो कभी उसके सुपारे की चमड़ी हटा कर उसके अग्र भाग को अपनी जीभ की टो से टच करती और अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाती और जो गीलापन मेरी चूत से निकलता उस गीलेपन से टोनी के लंड को मालिश करती और फिर उसके लंड को चूसती।

रितेश और टोनी के मुँह से सीसीसी की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था।

मीना के कहने पर हम दोनों अदल-बदल कर लंड चूस रही थी।

इस तरह करते-करते करीब दस मिनट बीत चुके थे।
तभी टोनी ने मुझे खड़ा किया और मुझे घुमाते हुए नीचे की तरफ झुका दिया और पेन्टी एक किनारे करके अपने प्यासे लंड से मेरी चूत को रगड़ने लगा, फिर बिना एक पल गवांए मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया।

टोनी की देखा देखी रितेश ने भी मीना की चूत में लंड डाल दिया और धक्के पे धक्का देना शुरू कर दिया।

उस पोजिशन में झुके होने से मेरे पैरों और कमर में दर्द बहुत हो रहा था पर मजा भी खूब आ रहा था।
दोनों ही बारी-बारी से हम दोनों की चूत में लंड पेलते और चोदते जाते।
टोनी बड़बड़ाते हुए कह रहा था- इसको कहते है बुर का भोसड़ा बनाना। आ मेरी कुतिया… क्या मजा आ रहा तेरी चूत चोदने का!

उधर रितेश के मुंह से केवल आह-ओह ही निकल रहा था।
 
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S Meena

अब जब टोनी का माल निकलने वाला था तो उसने मुझे घुटने के बल नीचे बैठा दिया और मेरे जबड़े को कस कर पकड़ कर मेरे खुले मुँह में लंड लाकर अपने माल को डालने लगा और जब तक उसके माल की एक एक बूँद में गटक नहीं गई तब तक उस हरामी ने मेरे मुँह को छोड़ा नहीं।

उधर बड़े प्यार से मीना रितेश के माल को पी गई।

फिर टोनी अपने मुरझाये लंड को मीना के पास और रितेश मेरे पास आ गया और मुँह में डालते हुए बोला- रंडियो, चलो बचा खुचा माल भी साफ करो।

मैं रितेश के लंड को साफ कर ही रही थी कि टोनी मेरे पास आया और झुक गया और अपनी गांड को खोलते हुये चाटने के लिये बोला।
अब चूंकि मैं इस खेल में आ चुकी थी इसलिये नखरे मारने का कोई सवाल ही नहीं था सो मेरी जीभ स्वतः ही उसके गांड के छेद की ओर बढ़ गई और उसकी गांड को चाट चाट कर गीला कर दिया।

कुछ देर बाद टोनी खड़ा हो गया और मुझे अपने से चिपकाते हुए बोला- मीना, मुझे उम्मीद नहीं थी कि आकांक्षा इतनी जल्दी एडजस्ट कर लेगी।
बात करते हुए टोनी मेरी गांड में उंगली डालता और फिर निकाल कर कभी उसको सूंघता तो कभी उसको चाटता।

फिलहाल नोएडा पहुँचने के बाद चुदाई का कार्यक्रम शुरू हो चुका था।

टोनी से इस तरह चुदने से पहले मैं जब कभी भी रितेश से चुदी थी वो मुझे पूरी नंगी करके ही चोदता था जबकि टोनी ने न तो मेरी पेन्टी उतारी और न ही ब्रा।
वो मेरे चूची को भी ब्रा के उपर से ही मसलता था जो कि मेरे लिये एक नया अनुभव था।

अब मुझे भूख लग रही थी, मैंने मीना को अपनी भूख के बारे में बताया तो सभी हँसने लगे।

उसके बाद मैं और मीना रसोई में गये और खाना बनाने लगे।

खाना खाने के बाद टोनी ने सभी को मॉल चलने के लिये कहा।
सभी लोग तैयार होने लगे।

हम लोगों के बीच अब कोई परदा तो था नहीं… मैं भी सबके सामने कपड़े पहनने लगी।

और जैसे ही मैंने अपनी जींस को पहनना शुरू किया कि टोनी बोला- सभी लोग केवल दो ही कपड़े पहनेंगे उससे एक भी ज्यादा नहीं।
उसकी बात सुनकर मैंने मीना की तरफ देखा तो वो मुझे आँख मारते हुए अपनी ब्रा और पैन्टी को उतार कर खड़ी हो गई और टोनी से चिपकते हुए बोली- जानू, तुम बताओ मैं क्या पहनूँ?

टोनी उसके होंठों को कस कर चूसने लगा और कोई दो मिनट बाद अलग करते हुए बोला- जान तुम और आकांक्षा दोनों ही शार्ट स्कर्ट और टॉप पहन कर चलो।

मेरे पास तो थी नहीं, तो मीना ने मुझे अपना एक सेट निकाल कर दिया और मैं उसे पहन कर तैयार हो गई।
रितेश और टोनी ने बरमुडा और टी-शर्ट पहन ली।

हम सभी चल पड़े।

मैं भी किसी रंडी से कम नजर नहीं आ रही थी।

मॉल पहुँच कर हम सभी घूम रहे थे कि टोनी रितेश का हाथ पकड़ कर और मीना से बोला कि तुम दोनों इधर ही रहो हम दोनों अभी आ रहे हैं।
इतना कहकर पता नहीं दोनों कहाँ गायब हो गये।

उन दोनों को गये पाँच सात ही मिनट बीता होगा कि मीना मुझसे बोली- यार, मुझे पेशाब आ रही है, मैं मूत कर आती हूँ तुम यहीं रहना!
 
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कह कर वो भी एक कार्नर में जाकर गायब हो गई।

मैं बिल्कुल अकेली खड़ी थी कि तभी मेरी गांड में किसी ने उंगली कर दी। मैंने पलट कर देखा तो एक लम्बा चौड़ा आदमी खड़ा था। जैसे ही मैं मुड़ी तो मुझे आँखे मारते हुए बोला- एक रात का कितना लेती हो? बहुत मस्त माल हो तुम! तुम अपना रेट बताओ मैं तुम्हारी चूत और गांड का मजा लेना चाहता हूं।
कहकर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और एक किनारे जहां भीड़ कम थी, ले जाने की कोशिश करने लगा और मैं लगभग घसीटती सी चली जा रही थी।

मौका पाकर उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरी चूचियों को कस-कस कर मसलने लगा।
मेरी सांस अन्दर बाहर न तो मैं चीख पा रही थी और न ही उससे अपने आपको छुड़ा पा रही थी।
लगा कि भरे बाजार मेरी इज्जत जाने वाली थी।

तभी टोनी, रितेश और मीना तीनों ही वहां पहुंच गये और मेरे साथ कुछ हो इससे पहले उन लोगों ने मुझे बचा लिया।

मैं शर्मिन्दगी के कारण किसी से नजर मिला नहीं पा रही थी, मेरे पैर भी बुरी तरह से कांप रहे थे।

सभी वहां से निकल कर घर पर आ गये।

घर पहुँचते ही मेरा गुस्सा रितेश पर फूट पड़ा, मैं रितेश पर चिल्ला पड़ी और बोली- बस, अब वापस चलो… रंडी ही बना कर छोड़ना! मेरा जिस्म, चूत, गांड सब केवल तुम्हारे लिये ही थी लेकिन तुमने टोनी से भी चुदवा दिया और अब मन न भरा हो तो मुझे यहीं नंगी कर दो और आने जाने वालों से मुझको चुदवा दो।

तभी मीना ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरी पीठ सहलाते हुए मुझे शांत करने लगी। धीरे-धीरे मेरा गुस्सा शांत हुआ।

तब मीना बोली- देखो आकांक्षा, केवल तुम ही नहीं हो जो टोनी से चुद रही हो… मैं भी तो रितेश से चुद रही हूँ। और निकल इन दकियानूसी बातों से… जब हमारे पति को कोई ऐतराज नहीं तो फिर किसी के ऐतराज से हमें चिन्ता नहीं होनी चाहिए। टोनी के साथ जब भी मैं बाहर कही जाती हूँ तो टोनी मेरी गांड को जानबूझ कर सहलाता है, ताकि लोगों की नजर मुझ पर पड़े। कई बार टोनी की इस हरकत के वजह से मेरी गांड में भी लोगों ने उंगली कर दी।
शुरू-शुरू में मुझे बहुत गुस्सा आया और हमारे बीच में तलाक तक की नौबत आ चुकी थी। लेकिन टोनी ने बताया कि उसे वाईल्ड सेक्स बहुत पसंद है और इस तरह के सेक्स के साथ वो जीवन जीना चाहता है। उसका कहना है कि जब एक आदमी कई औरतों को चोद सकता है और उसका लंड घिसता नहीं तो अगर एक औरत भी अपनी इच्छानुसार मर्द से चुदे तो कौन सी उसकी चूत और गांड में अन्तर हो जायेगा।
जब मुझे उसकी बात समझ में आई तो हमारी दुनिया ही बदल गई। और यह नहीं है कि टोनी ही जिसको सेलेक्ट करे उसी से मैं चुदूँ। इसलिये हम लोग नेट यूज करने लगे।और जो कपल में हम दोनों की रजामन्दी होती है उसी के साथ हम अपने रिश्तों को बढ़ाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि मुझे कोई मर्द पसंद आया पर उसकी औरत टोनी को नहीं पसंद है तो भी टोनी उस औरत के साथ मेरे लिये रिलेशन बनाता है और इसी तरह मैं भी टोनी का ध्यान रखती हूँ।
हम दोनों हसबैंड-वाईफ दिनभर जॉब करते हैं और रात को मजा लेते है।
 
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तभी रितेश बोला- हम दोनों में कौन ज्यादा पसंद था?
टोनी ने उत्तर दिया- तुम दोनों ही पसंद थे क्योंकि दोनों ही कुंवारे थे और तुम दोनों को ही चुदाई का खेल नहीं आता था।

तभी मैं बीच में बोल पड़ी- जब मैं यहाँ आई तो एक अच्छी खासी चुदी हुई लड़की हूँ।

तभी टोनी मेरे पास आया और मेरे पीछे घुटने के बल बैठते हुए और मेरी गांड को सहलाते हुए बोला- हाँ, अब तुम चुदी हुई जरूर हो लेकिन पहली बार जब हम लोग वेब कैम पर थे तो तुम दोनों ही कुंवारे थे और तुम लोगों को कुछ नहीं मालूम था और अब से पहले जितनी बार तुम चुदी होगी वो केवल रितेश से ही चुदी होगी।
इतना कहकर टोनी मेरी गांड की फांकों को फैलाते हुए छेद में अपनी जीभ घुसेड़ दी।

आज से पहले रितेश मुझे चोदते समय मेरी गांड में उंगली करता था और मैं उसे झिड़क देती थी क्योंकि मुझे ये सब पसंद नहीं था, लेकिन आज टोनी के इस तरह से मेरी गांड चाटने का मुझे एक अलग सा आनन्द मिल रहा था।

तभी टोनी ने इशारा करते हुए रितेश को पास बुलाया और मेरी चूत को सहलाते हुए उसे चाटने के लिये बोला।

अब रितेश भी मेरे सामने घुटने के बल बैठ गया, मेरी चूत में उसने अपनी जीभ लगा दी और बीच बीच में वो अपने हाथों का प्रयोग करता… पर मीना ने रितेश के हाथ को पीछे बांध दिया।

अब रितेश बिल्कुल एक कुत्ते की तरह मेरी चूत चाट रहा था।

मीना अपने होंठों पर उंगली रखकर दो मिनट कुछ सोचती रही और फिर एकाएक मेरी चूचियों को कस कस कर मसल रही थी।
वो मेरी चूची को कसकर मसलती अपने दाँतों से मेरे निप्पल को काटती और फिर मुँह में रख कर उसको पीती।

कसम से मुझे पहली बार वो एहसास हो रहा था जिसका मैं बखान नहीं कर सकती।
गांड में सुरसुराहट, चूत में सुरसुराहट… मतलब मेरे पूरे जिस्म में एक खलबली सी मची हुई थी।

काफी देर तक सभी एक पोजिशन में थे और मैं करीब तीन बार पानी छोड़ चुकी थी और हर बार तीनों लोग मेरा पानी पी लेते।

मीना भी काफी उत्तेजित थी, वो भी पानी छोड़ रही थी और अपने हाथ से अपनी चूत का पानी लेती और मेरे मुंह के पास लाती और उसके पानी को मुझे चाटना पड़ता।

टोनी का घर अब किसी रंडी खाने से कम नहीं था उस समय।

रितेश की तो हालत और भी खराब थी।

टोनी फिर भी मेरी गांड चाटते हुए अपने हाथ से अपने लंड को भी सम्भाल रहा था पर रितेश का हाथ बंधा था और उसका शरीर अकड़ रहा था।
उसकी हालत और पतली होती जा रही थी तो मैंने मीना से उसके हाथ को खोलने के लिये कहा।

जैसे ही मीना ने उसका हाथ खोला तो रितेश का हाथ सीधा उसके लंड पर गया और वो कस-कस कर मुठ मारने लगा और दो मिनट बाद दोनों ही खलास हो गये और फिर सभी मुझसे अलग हो गये।

दोनों मर्दों का माल नीचे जमीन पर गिरा पड़ा था और लंड सिकुड़ चुका था।

तब मैं टोनी के सिकुड़े लंड को साफ करने लगी और उधर मीना रितेश के लंड को साफ करने लगी।

उसके बाद मीना घुटने के बल रेंग कर उस जगह पहुँची जहां पर रितेश का माल गिरा पड़ा था और मुझे भी इशारे से उसी तरह आने के लिये कहा जैसा मीना ने किया था।
 
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फिर हम दोनों ने ही जमीन पर गिरे माल को कुतिया की तरह चाट कर साफ किया।
उसके बाद हम दोनों ही मतलब मैं और मीना अपने-अपने प्रेमी मतलब कि मैं रितेश से चिपक गई और मीना टोनी से चिपक गई और एक बार फिर चूमा-चाटी का दौर शुरू हो चुका था।

करीब आधे घंटे तक अदल-बदल कर चूमा चाटी चलती रही।

दोनों के लंड टाईट हो चुके थे और हम दोनों की चूतो में खुजली हो चुकी थी जिसको अब केवल लंड से ही मिटाया जा सकता था।

खैर दोनों बारी-बारी से हम दोनों को चोद रहे थे और दोनों अपनी ताकत का अहसास करा रहे थे कि दोनों में से पहले कौन फिनिश होता है।

उन दोनों के इस खेल से हम दोनों की चूत का बाजा बज चुका था।
अच्छी खासी चूत चुदाई चल रही थी कि अचानक टोनी की जब बारी मुझे चोदने के लिये आई तो उसने मुझे एक बार फिर कुतिया की पोजिशन में आने के लिये कहा।

चूँकि सुबह से ही मैं एक दो बार इस पोजिशन में आकर रितेश और टोनी के लंड को अपनी चूत में ले चुकी थी इसलिये बिना हिचके मैं कुतिया बन गई।

मेरे कुतिया बनते ही टोनी मेरी गांड को अपने लंड से रगड़ने लगा और मेरी गांड के अन्दर अपने लंड को डालने की कोशिश करने लगा।
मैं चिहुंकी और तुरन्त खड़ी हो गई और टोनी से गांड न मारने की बात बोली तो टोनी ने कहा- यार जब छेद बना है तो लंड डलवा लो।

मेरे मना करने के बाद भी वो मेरी गांड मारने के लिये जिद करने लगा।
टोनी जिद तो कर ही रहा था रितेश भी उसको बढ़ावा दे रहा था।
हो सकता हो उसे मेरा वादा न याद रहा हो, इसलिये वो टोनी के हाँ में हाँ मिला रहा था।

मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ क्योंकि मैं चाहती थी कि रितेश ही मेरी गांड का उदघाटन करे और मैं ये सीधे सीधे बोल नहीं सकती थी… तो न चाहते हुए भी टोनी मेरी गांड मार लेता।

तभी मेरे मुँह से निकला- टोनी डार्लिंग, मैं चाहती थी कि मेरी चूत की सील शादी के बाद टूटे, पर रितेश के प्यार के करण वो समय से पहले टूट गई। लेकिन मैं चाहती हूँ कि जब मेरी और रितेश की शादी हो तो सुहागरात में मैं कम से कम मेरी गांड के कोरेपन का तोहफ़ा रितेश को दूँ। नहीं तो सुहागरात का कोई आनन्द नहीं रह जायेगा।

मेरी बात से मीना सहमत हो गई और उसने टोनी को मेरे लिये मना लिया लेकिन टोनी ने हम दोनों को पूरे कपड़े पहनने के लिये कहा।
हम सभी लोग टोनी से पूछते रहे क्या हुआ, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया और जिद पर अड़ गया कि मुझे और मीना को पूरे कपड़े पहनने ही है।
हार कर हमने अपने कपड़े पहन लिए।

कहानी जारी रहेगी।
 
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