देखिए जी।
मेरा मानना है कि जैसे कोई आदमी या औरत चोरी चाकरी, मार काट, त्रिया चरित्र गुंडा गुंडी सारे कर्म करने के बाद बाबा या जोगन या सन्यासी बन जाता है और कहता है कि सब मोहमाया है।
ठीक वैसे ही यहां आने वाले लोग खुद को चाहे जितना शरीफ बताएं, लेकिन वो एक नम्बर के.........
इसके आगे मुझे नहीं लगता कि कुछ बताने की जरूरत है।



समझदार के लिए इशारा काफी।