मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स की प्यासी रह गयी शादी के बाद क्योंकि उसको अपने पति से चुदाई में पूरा मजा नहीं मिलता था. तो मैंने उसे कैसे चोदा और आनन्द दिलाया?
दोस्तो, ये मेरी मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स की पहली गंदी कहानी है, इसलिए कोई गलती हो जाए, तो माफ कर दीजिएगा.
मेरा नाम राज शर्मा है, मैं इंदौर का रहने वाला हूं. मेरी शादी 2014 में हो गई थी. बीवी के साथ बहुत अच्छे से समय कट रहा था.
एक दिन अचानक मेरे साथ पढ़ने वाली गर्लफ्रेंड का एक मैसेज मेरे व्हाट्सैप नम्बर पर आया. मेरी इस गर्लफ्रेंड का नाम सौम्या था. उसके इस मैसेज के बाद मेरी उससे हल्की फुल्की बातचीत होने लगीं. कुछ दिनों में हमारी बातचीत में सेक्स की बातें भी शामिल होने लगीं. बातों से पता चला कि मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स की प्यासी है, उसे अपने पति से पूरी संतुष्टि नहीं मिलती.
सौम्या के पति भोपाल के एक बिजनेसमैन थे. सौम्या से ऐसे ही चैट करते करते मुझे 6 महीने हो गए थे. अब हम दोनों ही मिलने को बेताब थे, लेकिन मिलना एक कठिन काम था क्योंकि वो भोपाल में रहती थी और मैं इंदौर में था.
एक दूसरे की लेटेस्ट फ़ोटो तो हम आपस में शेयर करते रहते थे. उसकी फ़ोटो देख कर कहीं से नहीं लगता था कि वो एक बच्चे की माँ भी बन चुकी है.
एक दिन उसने मुझसे कहा- मेरे पति दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं. अगर तुम चाहो तो भोपाल आ जाओ.
मैंने भी ‘हां’ कह दी और अगले दिन दोपहर में भोपाल के लिए बस से निकल गया.
उसने मुझसे पहुंचने का टाइम पूछ लिया था और कह दिया था कि मैं लालघाटी पर उतर जाऊं.
मैं बस से शाम 6 बजे के करीब भोपाल में लालघाटी पर आ पहुंचा.
तभी उसका फ़ोन आया, वो मुझे लेने अपनी कार से आई थी. मैं जाकर उसकी कार में बैठ गया. मैंने जैसे ही उसे देखा तो बस देखता ही रह गया.
वो गुलाबी साड़ी में कमाल की खूबसूरत दिख रही थी. उसने मैचिंग का स्लीव लैस ब्लाउज पहना हुआ था, खुले बाल थे. उसके तने हुए मम्मों को देख कर मेरा लंड पैंट में खड़ा होने लगा.
मैंने उसकी तारीफ की और हम दोनों कार से उसके घर की तरफ चल दिए.
घर पहुंचने पर उसने मुझसे कहा- कुछ इस तरह से छिप जाओ, ताकि तुम्हें कोई और देख न सके.
मैं सीट पर कुछ इस तरह से लेट गया कि बाहर से कोई मुझे देख ही न सके.
उसने कार को घर के अन्दर किया, खुद पहले उतर कर घर का मेन गेट खोला और अन्दर जाने लग गई. जाते समय उसने इधर उधर देखा और मुझे सम्भल कर अन्दर आने का इशारा कर दिया.
इस वक्त तो मैं उसके हुकुम का गुलाम था तो सौम्या की हर बात मानता हुआ मैं छिपते छिपाते उसके घर के अन्दर चला गया.
फिर वो पीछे से दरवाजा बंद करके अन्दर आई. सौम्या ने मुझे बड़ी प्यार से देखा और मुझसे लिपट कर कहा- तुम आज बहुत मस्त लग रहे हो.
मैंने उसको धन्यवाद कहा.
दोस्तो, ये मेरी मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स की पहली गंदी कहानी है, इसलिए कोई गलती हो जाए, तो माफ कर दीजिएगा.
मेरा नाम राज शर्मा है, मैं इंदौर का रहने वाला हूं. मेरी शादी 2014 में हो गई थी. बीवी के साथ बहुत अच्छे से समय कट रहा था.
एक दिन अचानक मेरे साथ पढ़ने वाली गर्लफ्रेंड का एक मैसेज मेरे व्हाट्सैप नम्बर पर आया. मेरी इस गर्लफ्रेंड का नाम सौम्या था. उसके इस मैसेज के बाद मेरी उससे हल्की फुल्की बातचीत होने लगीं. कुछ दिनों में हमारी बातचीत में सेक्स की बातें भी शामिल होने लगीं. बातों से पता चला कि मेरी गर्लफ्रेंड सेक्स की प्यासी है, उसे अपने पति से पूरी संतुष्टि नहीं मिलती.
सौम्या के पति भोपाल के एक बिजनेसमैन थे. सौम्या से ऐसे ही चैट करते करते मुझे 6 महीने हो गए थे. अब हम दोनों ही मिलने को बेताब थे, लेकिन मिलना एक कठिन काम था क्योंकि वो भोपाल में रहती थी और मैं इंदौर में था.
एक दूसरे की लेटेस्ट फ़ोटो तो हम आपस में शेयर करते रहते थे. उसकी फ़ोटो देख कर कहीं से नहीं लगता था कि वो एक बच्चे की माँ भी बन चुकी है.
एक दिन उसने मुझसे कहा- मेरे पति दो दिन के लिए बाहर जा रहे हैं. अगर तुम चाहो तो भोपाल आ जाओ.
मैंने भी ‘हां’ कह दी और अगले दिन दोपहर में भोपाल के लिए बस से निकल गया.
उसने मुझसे पहुंचने का टाइम पूछ लिया था और कह दिया था कि मैं लालघाटी पर उतर जाऊं.
मैं बस से शाम 6 बजे के करीब भोपाल में लालघाटी पर आ पहुंचा.
तभी उसका फ़ोन आया, वो मुझे लेने अपनी कार से आई थी. मैं जाकर उसकी कार में बैठ गया. मैंने जैसे ही उसे देखा तो बस देखता ही रह गया.
वो गुलाबी साड़ी में कमाल की खूबसूरत दिख रही थी. उसने मैचिंग का स्लीव लैस ब्लाउज पहना हुआ था, खुले बाल थे. उसके तने हुए मम्मों को देख कर मेरा लंड पैंट में खड़ा होने लगा.
मैंने उसकी तारीफ की और हम दोनों कार से उसके घर की तरफ चल दिए.
घर पहुंचने पर उसने मुझसे कहा- कुछ इस तरह से छिप जाओ, ताकि तुम्हें कोई और देख न सके.
मैं सीट पर कुछ इस तरह से लेट गया कि बाहर से कोई मुझे देख ही न सके.
उसने कार को घर के अन्दर किया, खुद पहले उतर कर घर का मेन गेट खोला और अन्दर जाने लग गई. जाते समय उसने इधर उधर देखा और मुझे सम्भल कर अन्दर आने का इशारा कर दिया.
इस वक्त तो मैं उसके हुकुम का गुलाम था तो सौम्या की हर बात मानता हुआ मैं छिपते छिपाते उसके घर के अन्दर चला गया.
फिर वो पीछे से दरवाजा बंद करके अन्दर आई. सौम्या ने मुझे बड़ी प्यार से देखा और मुझसे लिपट कर कहा- तुम आज बहुत मस्त लग रहे हो.
मैंने उसको धन्यवाद कहा.