Romance मेरी पड़ोसन (Completed)

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Update 40

अमृत को पीने के बाद मैं ने उसकी चूत को एक बार चाट कर साफ किया.
मैं ने टाइम देखा ,2 घंटे से मैं रेशमा के साथ सिर्फ़ उपर उपर से प्यार कर रहा था.
मतलब मुझे रेशमा के साथ प्यार करते हुए समय का भी ध्यान नही रहा.
फिर ज़्यादा देर करना ठीक नही होता. मैं ने अपने कपड़े निकाल दिए.और रेशमा को आँखे खोलने के
लिए कहा .
उसने आँखे खोल दी.मैं ने लंड को रेशमा के हाथो मे दिया.
रेशमा ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर लंड की तरफ .
लंड की तरफ देखते हुए शर्मा गयी .
फिर मैं ने रेशमा की गंद के नीचे अपने कपड़े रख दिए. फिर मैं रेशमा की टाँगो के बीच मे
आ गया.
मैं ने लंड पे थूक लगा दी. और लंड को चूत पर रख दिया.
मेरा लंड रेशमा की चूत को प्यार करना चाहता था. उसको फील करना चाहता था.
मैं ने लंड वैसे ही रहने दिया .
लंड और चूत का मिलन होने वाला था. उस मिलन मे दर्द होने वाला था पर मेरा लंड चूत को
दर्द देने से पहले उसको प्यार कर रहा था.
दर्द से पहले प्यार...
मुझे कुछ ना करते हुए देख कर रेशमा ने आँखे खोल कर मुझे आगे बढ़ने को कहा.
मैं ने फिर से लंड पर थूक लगाया और लंड को चूत पर रखा .और रेशमा के उपर आ गया.
आज रेशमा मेरी हो जाएगी
मैं ने पहले रेशमा के होंठो पर एक किस किया और फिर मैं ने एक झटका मारा पर कुछ नही
हुआ, मेरा लंड फिसल गया.
लंड को ठीक से सेट नही किया था
मैं ने फिर से लंड को चूत पर रखा और एक झटका मारा कि लंड रेशमा की चूत मे चला गया .
रेशमा के मुँह से आहे निकल गयी .
दर्द रेशमा को हो रहा था और पानी मेरी आँखो मे आ रहा था.
रेशमा अपने होंठो को दबा कर अपनी चीख को रोकने लगी. पर रेशमा को दर्द हो रहा था.
रेशमा का दर्द कम करने के लिए मैं अपने होंठ रेशमा के होंठो पर रख कर चूसने लगा.
जिस से रेशमा दर्द को भूल कर किस पर फोकस कर सके ताकि दर्द कम होज़ाये.
अभी तो सिर्फ़ थोड़ा लंड अंदर गया था. पूरा लंड अंदर जाना बाकी था. पर मुझे क्या हुआ था कि मैं
रेशमा को दर्द होता हुआ देख नही पा रहा था.पर रेशमा को प्यार भी करना था.
शायद उसका हज़्बेंड नामर्द हो तभी इतना सा लंड अंदर जाने से दर्द हुआ रेशमा को
उपर से मेरा लंड रेशमा की चूत मे जाने के लिए बेताब हो रहा था.
थोड़ी देर मे रेशमा शांत हो गयी फिर भी मैं हाथो से बूब्स को दबाने लगा. थोड़ी देर मे
रेशमा को पूरी तरह से अच्छा लगने लगा .
मैं ने रेशमा को इशारे मे पूछा कि अंदर डालु पर वो तो आँखे बंद करके उस मिलन को फील
कर रही थी
फिर मैं ने जोरदार झटका मारा और 5 इंच तक अंदर चला गया.
रेशमा ने बहुत कोशिस की चीख ना निकले पर ये ऐसा झटका था जिस के मारते ही हर लड़की की चीख
निकल जाती है.
रेशमा की भी चीख निकल गयी.पर मेरे किस करने से उसकी दबी हुई चीख मेरे मुँह मे दब गयी .
रेशमा और मेरी आँखो से पानी निकलने लगा .
उसको सासे लेने की ज़्यादा ज़रूरत थी जिस से मैं ने उसके होंठो को अपने होंठो से आज़ाद किया. पर
मैं बूब्स दबाता रहा.
रेशमा के मुँह से दाआर्र्र्र्र्द्द्द्द्द वर्ड निकाला. पर रेशमा ने कंट्रोल करते हुए उस वर्ड को
बीच मे रोक दिया.
मुझे पता था कि रेशमा को दर्द हो रहा है.फिर भी रेशमा ने मुझे लंड बाहर निकालने को नही
कहा और अंदर डालने को भी नही कहा.
वो बस मेरे नीचे लेटी हुई अपने दर्द को मुझ पर जाहिर नही होने देना चाहती थी.
रेशमा मुझसे इतना प्यार करती थी कि उसने आँखे खोल कर मुझे आँखो से इशारा करके थोड़ी
देर रुकने को कहा.
उसे लगा कि अगर मैं भी उस से प्यार करता हूँ तो मैं उसका इशारा समझ जाउन्गा .और हुआ भी ऐसा
ही मैं समझ गया कि वो क्या कहना चाहती है.
मैं ऐसे ही रुका रहा. मुझे ऐसे देख कर उसकी आँखो मे एक चमक आ गयी.
उसका दर्द कम हो गया. मैं ने रेशमा के होंठो को छोड़ दिया .और बूब्स को भी ...
बहुत टाइट थी रेशना की चूत
रेशमा के चेहरे पर अब दर्द नही था बस प्यार ही प्यार दिख रहा था.
मैं ने लंड को धीरे से बाहर निकाल कर अंदर डालने लगा .धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.
अभी तक 5 इंच लंड अंदर था.मैं आराम से 2 मिनिट तक लंड को हिलाता रहा.
रेशमा बस बिना पलकें झुकाए मुझे देख रही थी. क्या पता क्या देख रही थी.
मैं जो प्यार से लंड अंदर बाहर कर रहा था .मैं उसे ज़्यादा दर्द नही होने दे रहा था. शायद
रेशमा यही देख रही थी.
मैं लंड को बड़े प्यार से रेशमा की चूत मे डाल रहा था. शायद रेशमा मेरा यही प्यार देख
रही थी.
फिर धीरे धीरे गति बढ़ाने लगा .अब रेशमा का कुछ दर्द कम हुआ था. पर मैं ने अभी तक पूरा लंड
अंदर नही डाला था.मैं इंतज़ार करने लगा कि कब रेशमा की चूत पानी छोड़ेगी.
5 मिनिट तक ऐसे ही चुदाई करने से रेशमा की चूत ने पानी छोड़ दिया.
रेशमा की चूत का पानी बाहर आ गया था. चूत अब गीली हो गयी थी. लंड के लिए जगह बन रही थी.
फिर मैं ने आख़िरी झटका मारा और पूरा लंड अंदर चला गया. रेशमा की दबी हुई दर्द भरी
चीख निकल गयी.
मैं रेशमा का बचा हुआ दर्द बूब्स दबा कर कम करने लगा.
मैं ने रेशमा से कहा बस हो गया .अब दर्द नही होगा... जितना दर्द होना तो हो गया ...पूरा
लंड अंदर चला गया है..,बस थोड़ा देर रूको सब ठीक हो जाएगा
रेशमा की आँख कह रही थी कि अवी मुझे दर्द नही हो रहा है.
मुझे पता था कि रेशमा झूठ बोल रही थी.
मेरे लंड से दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
रेशमा की चूत मे दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
लंड अंदर जाने के बाद चीख निकली और दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
रेशमा ने मेरे लिए कहा कि उसे दर्द नही हो रहा.
रेशमा की बात सुन ने के बाद मैं ने लंड को बाहर निकाल लिया.
मैं समझ गया कि वो मेरे लिए ,अपने प्यार के लिए दर्द बर्दास्त कर रही है.
मैं ने लंड को धीरे से फिर से अंदर डाल दिया और रेशमा के बूब्स दबाते हुए लंड को धीरे धीरे
आगे पीछे करना शुरू किया.
लंड को हिलाने से रेशमा को दर्द हो रहा था .उसने अपने हाथ मेरे पीठ पे रख दिए. जैसे उसको
दर्द होता वो अपने नाख़ून मेरी पीठ मे गढ़ा देती.और कहती कि मुझे दर्द नही हो रहा
एक तरफ दर्द के वजह से नाख़ून से मेरी पीठ को खरॉच रही थी और दूसरी तरफ कह रही थी कि मुझे
दर्द नही हो रहा.
रेशमा के साथ चुदाई करते हुए मुझे कोई जल्दी नही थी.
मैं हर एक धक्के को महसूस करना चाहता था. मैं ऐसा क्यूँ कर रहा था मुझे पता नही
था.
पर हर एक धक्के के साथ मुझे एक अलग ही आनंद मिल रहा था.
रेशमा भी अब मेरे धक्को को महसूस करके अपने दिलो दिमाग़ मे ये चुदाई फिट कर रही थी.
मैं बड़े प्यार से रेशमा की चुदाई कर रहा था.
आज मुझे क्या हुआ था कुछ समझ नही रहा था.
मैं सुबह भगवान से दुआ कर रहा था कि आज का दिन जल्दी निकल जाए और अब मैं हर एक
सेकेंड को जीना चाह रहा था.
सुबह मैं सोच रहा था कि रेशमा आज मुझसे दूर रहे और अब रेशमा को छोड़ने का मन नही
हो रहा.
एक पल के लिए लगा कि रेशमा को भूल जाउ और एक पल के लिए लगा कि रेशमा को बस प्यार करता जाउ.
ना रेशमा को जल्दी थी और ना मुझे जल्दी थी.
ना रेशमा मुझसे अलग होना चाहती थी. और ना मैं रेशमा को अलग होने देना चाहता था
आज मेरे साथ सब अजीब हो रहा था.
मैं लंड को रेशमा की चूत की गहराई तक अंदर डाल कर धक्के मारता गया. फिर भी उसका दर्द
कम नही हुआ.पर मुझे लग रहा था कि उसका प्यार बढ़ रहा है.
चुदाई के बाद मैं रेशमा को क्या कहूँगा ,उसका सामना कैसे करूँगा ,इसकी मुझे कोई फिकर
नही थी.
बस मैं धक्के मार कर अपने जीवन को सफल कर रहा था.
मैं लंड को धीरे से पूरा बाहर निकाल लेता फिर अंदर कर लेता. ऐसा 20 25 करने के बाद रेशमा की
चूत ने मेरे लंड के लिए जगह बना दी.और लंड आराम से अंदर जाने लगा.
रेशमा के दिल मे भी मेरे लिए जगह बन गयी
चूत मे लंड के लिए जगा बनने से रेशमा का दर्द ख़तम हो गया. मैं धक्के लगाता रहा .
रेशमा भी अपनी गंद उपर करके मेरा साथ दे रही. रेशमा अब शीष्कारिया ले रही थी पर खुल कर
नही ले रही थी. वो मुझसे शरमा रही थी.
बस बीच बीच मे आहह आहह कर रही थी.10 मिनिट तक मैं ने दिमाग़ को चुदाई से अलग रख कर दिल
को रेशमा की चुदाई फील करने दे रहा था.
मैं रेशमा की ऐसे ही चुदाई करता रहा.फिर से रेशमा ने पानी छोड़ दिया.
फिर मैं ने रेशमा के पैर को थोड़ा ज़्यादा फैला दिया और धक्के मारने लगा.
मैं जितनी गति के साथ दूसरो के साथ धक्के मारता उस से कई गुना कम गति से मैं रेशमा की
चूत मे धक्के मार रहा था.
मैं रेशमा को हर धक्के का मज़ा दे रहा था और ले भी रहा था. मैदान मे हमारे चुदाई
का म्यूज़िक गूँज रहा था.
म्यूज़िक कब से बज रहा था ये ना रेशमा को पता था और ना मुझे पता था.
रेशमा ने ज़्यादा तर समय अपनी आँखे बंद रखी थी.पर रेशमा बीच बीच मे अपनी आँखे खोल
कर मुझे धक्के मारते हुए देख कर फिर से अपनी आँखे बंद कर लेती.
रेशमा ने फिर एक बार पानी छोड़ दिया.इस लंबी चुदाई मे मुझे भी लग रहा था कि अब मेरा भी होने
वाला है.
अब मुझे अपनी धक्के मारने की गति बढ़ानी थी.पर रेशमा को दर्द ना हो,इसके लिए दिल मुझे इसकी
इजाज़त नही दे रहा था.
अगर दिल की जगह दिमाग़ होता तो अब तक मैं ने . गति बढ़ा दी होती और मेरा वीर्य रेशमा की
चूत मे होता.
मैं बड़े प्यार के साथ आखरी झटके भी धीरे धीरे मार रहा था.
आख़िरी झटके वो भी धीरे धीरे मारने के लिए मुझे अपने दिल ने बहुत मदद की.
मेरा धक्के की गति थोड़ी बढ़ गयी थी शायद उस से रेशमा ने पता लगा गया होगा कि मेरा होने
वाला है .इस लिए वो अपनी गंद उठाकर मेरा साथ देने लगी.
फिर एक आखरी धक्के के साथ मेरा वीर्य निकल गया. मैं ने अपना वीर्य रेशमा की चूत मे
डाल दिया.मेरा वीर्य चूत मे महसूस कर के रेशमा ने आँखे खोल दी और मैं रेशमा के
उपर गिर गया..
 
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Update 41

रेशमा और मैं एक हो गये
इस मिलन को मैं कभी नही भूलूंगा
इस मिलन से ना हमारे दिल एक हुए बल्कि हमारी आत्मा भी एक हुई
रेशमा को वो सुख दिया जिसका उसको इंतज़ार था
आज उसके चेहरे पे वो ख़ुसी देखी जिसके लिए वो तरस रही थी
रेशमा और मेरे बीच प्यार का नया रिस्ता जुड़ गया था
रेशमा इस हसीन रात को मेरी हो गयी
अब रेशमा मेरी है और मैं उसका
रेशमा के साथ प्यार करके जो सुकून मिला उसकी कल्पना भी नही कर सकते
ये मिलन को मैं मरते दम तक नही भूलूंगा
रेशमा अभी तक मेरे प्यार को फील कर रही थी
उसकी चूत मे मेरा वीर्य जा चुका था
उसके तन मन और दिल पर मेरा नाम मैं ने लिख दिया था
रेशमा होश मे थी या नही ये नही पता पर वो खुश दिख रही थी उसने मेरा पूरा साथ दिया
रेशमा की सुंदरता मे खो गया था मैं
रेशमा के उपर मैं वैसे पड़ा हुआ था
रेशमा की चूत इतनी टाइट होगी सोचा नही था
रेशमा के हज़्बेंड ने सेक्स किया था भी नही इस बात पे डाउट हो रहा था
एक औरत की प्यास जिंदा थी अब तक रेशमा के अंदर
आज मेरे वीर्य ने उसकी प्यास बुझा दी
पर इस मिलन मे हमने एक वर्ड भी नही बोला
मैं ने रेशमा से इजाज़त भी नही माँगी थी
. रेशमा होश मे तो नही थी
मैं ने रेशमा को होश मे लाना चाहा
रेशमा की आँख बंद थी
अवी- रेशमा रेशमा
रेशमा कोई जवाब नही दे रही थी
मैं ने रेशमा के गाल पर थप्पड़ मारा
रेशमा को होश मे लाना चाहा
रेशमा होश मे थी और नाटक कर रही थी या सच मे वो होश मे नही थी
मैं ने फिर से रेशमा के गाल पर थप्पड़ मार कर .
उसको थप्पड़ मारने का दिल नही किया पर थप्पड़ मारना ज़रूरी था
रेशमा ने अपनी आँख खोल दी
रेशमा मेरी आँख मे देखने लगी
रेशमा- ये नही होना चाहिए था
रेशमा ने जो कहा उसपे विश्वास नही हो रहा था
रेशमा- हमे ये सब नही करना चाहिए था
अवी- हम दोनो प्यार करते है
रेशमा- प्यार?
अवी- तुम प्यार नही करती मुझे
रेशमा- हमे ये नही करना चाहिए था
अवी- तुम ही तो मेरा साथ दे रही थी
रेशमा- तब मैं होश मे नही थी
अवी- इसका मतलब ये जो हुआ इसमे तुम्हारी मर्ज़ी नही थी
रेशमा- हमे ये नही करना चाहिए था
अवी- मैं तुम्हें प्यार करता हूँ फिर भी नही
रेशमा- मैं शादीशुदा हूँ
अवी- तो क्या हुआ
रेशमा- तुम भी तो किसी और से शादी करने वाले हो
अवी- प्यार का एंड शादी हो ये ज़रूरी नही होता
रेशमा- ये ग़लत है
अवी- तुम दुनिया वालो की वजह ऐसा बोल रही हो
रेशमा- मैं हम दोनो के . के लिए बोल रही हूँ
अवी- मैं तुम्हें बदनाम होने नही दूँगा
रसजमा- बदनाम तो हो गयी हूँ मैं अपनी नज़रो मे
अवी- ऐसा क्यूँ कह रही हो , तुम भी मुझे प्यार करने लगी हो
रेशमा- मुझे नही पता
अवी-तुम्हें नही पता तो तुम ने अपना ये क्या हाल बना के रखा है
रेशमा- मुझे कुछ समझ नही आ रहा कि मुझे क्या हो रहा है
अवी-मेरे दूर जाने की बात से देखो तुम्हारा क्या हाल हुआ है और मेरे दूर जाने पे तुम जी नही पाओगी
रेशमा- तुम नही थे तो भी मैं जी रही थी
अवी-अब मेरे बिना जीकर तो दिखाओ
रेशमा- सच कहा तुमने कि तुम्हारे बिना जी नही पाउन्गी
अवी-तो मेरे साथ प्यार करो
रेशमा- नही कर सकती ,
अवी-तुम मुझे प्यार नही करती
रेशमा- मुझे नही पता
अवी-हाँ या ना मे जवाब दो
रेशमा- हमे घर जाना चाहिए
अवी-तुम क्यूँ खुद से लड़ रही हो , जो दिल मे है वो ज़बान पर क्यूँ नही लाती
रेशमा- मैं एक औरत हो
अवी-एक प्यासी औरत हो जो सेक्स खुशी हसी प्यार सबकी प्यासी है
रेशमा- रहने दो मुझे प्यासी
अवी-ठीक है , जैसा तुम चाहो पर मैं तुम्हें प्यार करते रहूँगा
रेशमा- तुम समझ क्यूँ नही रहे हो
अवी-ये मेरी हवस नही मेरा प्यार है
रेशमा- फिर भी ये मुमकिन नही है
अवी-तुम मत प्यार करो पर मैं तुम्हे प्यार करता रहूँगा
रेशमा- ये हम दोनो के लिए अच्छा नही होगा
अवी-मुझे मत बताओ कि क्या अछा होगा और क्या नही , तुम प्यार नही करती तो मत करो पर मुझे
प्यार करने से तुम भी नही रोक सकती
रेशमा- क्यूँ करते हो मुझे प्यार
अवी-प्यार करने को कोई वजह नही चाहिए
अवी-और मैं ने तुमसे दूर रह कर देख लिया है , मैं तुमसे दूर रह कर जी नही पा रहा हूँ ,
अवी- और तुम भी जी नही पा रही हो , कहीं पर भी हम दोनो का ध्यान नही लग रहा है
अवी- ऐसे मे हमारे दूर जाने से हम बस तड़फते रहेंगे इस लिए अब मैं तुम्हें छोड़ कर कही
नही जाउन्गा , कही भी नही
रेशमा मेरी बात सुनकर शायद अंदर ही अंदर खुश हुई होगी
अवी- और मैं तुम्हें ऐसे देवदासी की तरह नही देख सकता ,
अवी- मैं तुम्हारे प्रेमी की तरह रहूँगा और तुम मुझे दोस्त की तरह समझो
अवी- दोस्त तो बना ही सकती हो
अवी- वादा करता हूँ इस बार दोस्ती की लिमिट टूटने नही दूँगा पर दिल मे तुम्हारे लिए प्यार कभी कम भी
नही होगा
अवी- आज से हम फिर से दोस्त बन रहे है
अवी- और इस पर मैं कुछ नही सुनना चाहता हूँ
अवी- हम दोस्त है और दोस्त रहेंगे , पर एक प्रेमी तुम्हारे हाँ का इंतज़ार हमेशा करता रहेगा ,
अवी- मैं हमेशा तुम्हारे जवाब का इंतज़ार करूँगा
मुझे जो कहना था वो कह दिया
रेशमा मेरी बात सुनकेर शॉक्ड हो गयी
प्यार नही सही दोस्त तो बने रह ही सकते है
दोस्त बन कर थोड़ी ख़ुसीयन तो दे ही सकता हूँ रेशमा को
रेशमा को थोड़े सोचने का समय चाहिए
अभी जो हुआ सब अचानक हुआ
रेशमा को इतना बड़ा फ़ैसला लेने को टाइम चाहिए
मैं उसको टाइम दे रहा था
दोस्त बना कर उसके अंदर प्यार की ज्योत जला कर रहूँगा
 
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MEGAUPDATE 42

रेशमा से बात करके फिर से मुझे निराशा हुई
रेशमा ने मेरे प्यार को ठुकरा दिया
पर अब मैं रेशमा से दूर नही जाउन्गा
मैं प्रेमी बन कर नही रह सकता तो दोस्त बन कर तो रह ही सकता हूँ
और रेशमा कितना भी कुछ करे मैं उसकी दोस्ती अब टूटने नही दूँगा
रेशमा के उपर मैं अभी तक था
अवी-मैं उठ जाता हूँ , तुम प्यार से इनकार करती रहोगी और फिर से सेक्स करना शुरू कर दोगि , इस से
अच्छा है मैं ही उठ जाता हूँ
और मैं ने रेशमा की चूत से लंड निकाल लिया
रेशमा के दिल मे इस से दर्द हुआ
और इस दर्द के साथ वो जीना चाहती है तो मैं क्या कर सकता हूँ
मैं ने अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए
रेशमा अभी तक मुझे देके जा रही थी
शायद सोच रही होगी कि मैं ने उसके साथ सब कुछ कर ही लिया
या फिर सोच रही होगी कि उसने मुझे रोका क्यूँ नही
अवी-देखती मत रहो , उतो और कपड़े पहनो , हर कोई मेरे जैसा शरीफ नही होता , मेरी जगह कोई और
आ जाता तो क्या होता इतना तो सोचती
अचानक मेरी टोन बदल गयी
रेशमा ने अपने बदन को हाथो से छुपा दिया और अपने कपड़े ढूँढने लगी
रेशमा की साड़ी तो पेड़ से लटकी थी
ब्लाउस और ब्रा दूर जाकर गिरी हुई थी , पेटिकोट था उसी जगह पर
अवी- तुम कपड़े पहन लो , मैं दूसरी तरफ देखता हूँ
सब कुछ तो देख भी लिया है कर भी लिया है ,
पर ये सब क्या नया नाटक शुरू किया मैं इसी सोच मे दुबई थी रेशमा
रेशमा ने अपने कपड़े पहन लिए
पर कपड़े ऐसे हो गये थे कि कोई देके तो लगेगा रेशमा का रेप हुआ है
मैं रेशमा को लेकर मंदिर के कॉंपाउंड तक आ गया
मंदिर के गेट पर लॉक था ,
रेशमा भी सोच रही कि बाहर कैसे जाए
अवी- मैं तुम्हें उठाता हूँ तुम देवार से बाहर जंप मारना
रेशना ये कैसे करेगी इस से ज़्यादा वो मेरी बातों पर फोकस कर रही थी
अवी- दोस्ती मे क्या क्या करना पड़ रहा है , प्रेमी होता तो पत्थर से लॉक तोड़ कर बाहर ले जाता ,
दोस्त हूँ ना दोस्त इतना ही कर सकता है
रेशमा को मेरी बात पे ज़रूर हसी आई होगी
रेशमा को मैं ने उठाया तो रेशमा का बदन फिर मेरे हाथो से फिसल रहा था
पर इस बार कोई फीलिंग नही थी
मैं ने रेशमा को मंदिर के बाहर जाने मे मदद की और मैं भी बाहर आ गया
अवी-चलो वरना पोलीस पकड़ लेंगी ,
और रेशमा के साथ मैं कार के पास आ गया
अवी- की दो
रेशमा- की , वो तो पर्स मे है
अवी- और पर्स
रेशमा- वो शायद वही रह गया
अवी- तुम.भी ना , फिर से जाना होगा , डरो मत मैं अकेला जाता हूँ बस तुम अपना ध्यान रखना , रात
का टाइम है
और रेशमा ने हां मे गर्दन घुमाई और मैं मंदिर मे जाकर पर्स लेकर आया
पूरी कसरत हो रही थी
कार मैं खुद चलाने के मूड मे था
रेशमा चुप चाप मेरे बाजू मे जाकर बैठ गयी
पर मैं ने कार चालू ही नही की
रेशमा मेरे तरफ देख रही थी कि मैं कार क्यूँ स्टार्ट नही की
रेशमा- कार चालू करो
अवी-कुछ भूल रहा हूँ मैं
रेशमा- क्या ?
अवी-हॅपी बर्तडे है ,
रेशमा देखती रह गयी
अबी- आज तुम्हारा बर्तडे है , हॅपी बर्तडे दोस्त
रेशमा- थॅंक्स
अवी-सॉरी आज दूसरा दिन निकल गया
रेशमा- कोई बात नही , शायद नयी शुरुआत हो मेरे लिए
अवी-ऐसी नयी शुरुआत क्या क्या फ़ायदा जहाँ साथी ना हो साथ चलने को
रेशमा- तुम हो ना
अवी-मैं एक दोस्त हूँ भूलो मत
रेशमा- क्या मैं पूछ सकती हूँ कि तुम यहाँ कैसे आए
अवी-क्यूँ जानना है
रेशमा- इस जगह के बारे में मेरे हज़्बेंड भी नही जानते तो तुम्हें कैसे पता चला
अवी-प्यार करता हूँ , और प्रेमी अपनी प्रेमिका को कहीं से भी ढूँढ सकता है
रेशमा थोड़ी थोड़ी नॉर्मल हो रही थी
पर मैं बीच बीच मे झटके भी दे रहा था
अवी-इतना चौंको मत , सुबह से तुम्हें ढूँढ रहा था
रेशमा- क्यूँ ?
अवी-आज मुझे दूसरे जगह शिफ्ट होना था ,तो सोचा आख़िरी बार तुमसे मिल लूँ पर तुम तो सुबह से
गायब थी
रेशमा- वो मैं
अवी-रहने दो , कहोगी कि आज अकेली रहना चाहती थी , पर तुम्हारे अकेले रहने के चक्कर मे मैं
परेशान होकर पूरी मुंबई घूम रहा था
जैसे ही पता चला कि तुम्हारा बर्तडे है तो झटका लगा
एक तो तुम्हारी हालत कुछ दिन से देवदासी की तरह थी , उपर से मैं ऐसे दिन यहाँ से जा रहा था जिस दिन
तुम्हारा बर्तडे है
मुझे लगा कहीं तुम सुसाइड ना कर लो
इस डर ने मुझे कुछ सोचने नही दिया
मैं हर जगह तुम्हें ढूंढता रहा
तुम्हारे ऑफीस तुम्हारे मायके हर जगह फोन किया
कहाँ कहाँ नही ढूँढा ,
पार्क से लेकर शॉपिंग माल तक पर तुम नही मिली
सोचा कि पोलीस मे जाउ
पर पोलीस को क्या कहूँगा कि कौन हो तुम मेरी
पोलीस मे जाता तो पूरी सोसायटी बाते करती हमारी

इस लिए कल तक इंतज़ार करने का सोचा
लगा कि शाम तक तुम वापस आ जाओगी
इस लिए तुम्हारे अपार्टमेंट को सजाके रखा
जब तुम आओगी तो तुम अपने अपार्टमेंट मे मुझे केक के साथ देखोगी तो तुम नॉर्मल हो जाओगी
तुम्हें लगे कि कोई है तुम्हारा अपना जिसको याद है कि आज तुम्हारा बर्तडे है
पर तुम तो आई नही
फिर तुम्हारे बेडरूम मे तुम्हारी एक फोटो देखी
उस फोटो मे केक था और इस मंदिर की तस्वीर भी थी ( सॉरी बताना भूल गया कि मल्टिप्फॉटो फ्रेम
थी)
तब जाके मुझे तुम्हारा पता चला
किस्मत ने मुझे तुम्हारा पता बताया
मेरी किस्मत मुझे अपने प्यार के पास ले आई
मैं तुम्हारे पास आ गया
और भगवान ने खुद हमे मिला दिया
मुझे लगा कि तुम भी मुझे प्यार करने लगी हो इस लिए मैं तुम्हें वो ख़ुसीयन देने लगा जो तुम
चाहती हो
पर तुम मतलबी निकली
मुझसे अपने दिल का चैन तो ले लिया पर उसी दिल मे थोड़ी जगह देने को इतना सोच रही हो
रेशमा फिर मेरी बात सुनकर शॉक्ड हुई
उसका चेहरा देखने लायक था
जहाँ वो खुद को अकेली देखना चाहती रही वहाँ मैं आ गया
उसको वो प्यार दिया जो उसको कभी नही मिला
और मैं ने कार हमारे सोसायटी की तरफ घुमा दी
रेशमा को मेरी बातों ने सोचने पर मज़बूर कर दिया
अब वो होश मे थी तो मेरे प्यार को समझ जाएगी
अगर नही तो उसकी दोस्ती है मेरे पास
रेशमा बस मेरी बात सुनती रही और हम सोसायटी मे आ गये
वॉच मॅन कुछ देख पाता उस से पहले कार पार्किंग मे लग गयी
रेशमा अभी भी सोच ही रही थी
रेशमा- कार क्यूँ रोकी
अवी-हम अपनी सोसायटी मे है , अब नीचे उतरो
रेशमा और मैं फिर से लिफ्ट मे अकेले होंगे
रेशमा को इस बार मेरा साथ चाहिए था
हम लिफ्ट मे आते ही खुद को सेफ समझ रहे थे
हमे किसी ने नही देखा सोसायटी मे आते हुए
रेशमा लिफ्ट मे आने के बाद भी सोच मे डूबी हुई थी
अवी-क्या सोच रही हो
रेशमा- तुम मुझे कितना प्यार करते हो
अवी-मैं तुम्हें बस प्यार करता हूँ
ना मैं तुम्हारे लिए चाँद तारे तोड़ सकता हूँ
ना तुमसे शादी कर सकता हूँ
ना तुम्हारे लिए अपनो को छोड़ सकता हूँ
पर प्यार करता हूँ तुमसे , कितना ये मैं नही जानता
मैं तुम्हारे लिए जान नही दे सकता , क्यूँ कि मरने से मैं डरता हूँ
ना मैं तुम्हारे लिए किसी को मार सकता हूँ , तुम्हारे हज़्बेंड को भी नही मार सकता क्यूँ कि मैं जैल
भी जाना नही चाहता , क्यूँ कि मैं तुम्हारे साथ जीना चाहता हूँ ,
तुम्हारी रक्षा कर सकता हूँ पर तुम्हें बदनाम होने नही दे सकता
बस इतना ही प्यार करता हूँ
मेरे जवाब ऐसे थे कि रेशमा हॅंग हो जाती
इतनी पढ़ी लिखी लड़की होने के बाद भी मेरे जवाब पे वो कोई रिक्षन दे नही पाती
जब झूठ कहो तो लड़किया खुश होती है और सच कहूँ तो सोचती रह जाती है
अवी-क्या हुआ
रेशमा- तुम्हारे जवाब ऐसे क्यूँ होते है , झूठ बोलना सीख लो
अवी-सच कहूँ रेशमा , झूठ बोलता तो आज तुम मेरे बिस्तर पर होती
रेशमा को एक और झटका दिया
बाहों की जगह बिस्तर कहना ज़्यादा ज़रूरी था
अवी- तुम्हें मेरे बिस्तर पर लाना कोई मुश्किल नही था , तुम खुद आती मेरे पास , उस रात को
बाल्कनी मे मैं झूठ बोलता तो ये दिन देखना नही पड़ता
अवी- एक झूठ से तुम मेरी बिस्तर मे होती , बिस्तर
अवी- पर मैं सच बोल कर तुम्हें अपने बाहों मे रखना चाहता हूँ
अवी- लोगो को झूठ ज़्यादा पसंद होता है सच से , क्यूँ कि झूठ से उम्मीद जिंदा रहती है और सच से सारी
उम्मीद ख़तम हो जाती है
अवी- पर सच से ही ख़ुसीया मिलती है जो ज़िंदगी भर साथ रहती है और झूठ से जो हसी मिलती है वो
चार दिन की होती है
रेशमा- काश मेरी शादी ना हुई होती
अवी- काश काश की बाते मत करो , जो हुआ वो बदला नही जाता , जो किस्मत मे लिखा है वो भी बदल
नही सकते ,
अवी- ये मत सोचो कि तुम्हारे पास सिर्फ़ एक चान्स था ओलिंपिक मेडेल जीतने का ये सोचो कि 4 साल बाद
फिर से चान्स होगा ओलिंपिक मेडल जीतने का
रेशमा- कोई भी बात किसी और चीज़ पर लागू नही होती
अवी-ज़िंदगी एक मिलती है , उसमे सारे सपने सारी ख़ुसीया पाना पड़ता है
मुझे नही मालूम कि जन्नत और हेल है भी कि नही , मैं नही जानता कि नया जानम होता है कि नही ,
मुझे नही पता कि पाप करोगे तो अगले जनम मे बुरा होगा , मैं बस इतना जानता हूँ कि एक
ज़िंदगी है उसको जी भरके जियो , जो तुम्हें अच्छा लगता है वो करो
रेशमा- एक ज़िंदगी है तो इस का ये मतलब नही होता कि कुछ भी करो
अवी-पर ज़िंदगी खुद कह रही है कि तुम्हें एक और चान्स दे रही हूँ , जी लो , तो ज़्यादा सोचना नही
चाहिए
रेशमा- मेरी ज़िंदगी मे यही लिखी है
अवी- ज़िंदगी हम खुद बनाते है
रेशमा- तुम दूसरो जैसे क्यूँ नही हो
अवी-मैं दूसरो जैसा होता तो तुम्हें इतना प्यार नही करता , तुम्हारे लिए हवस होती मेरे दिल मे प्यार की
जगह
रेशमा- तुम पास होते हो तो लगता है तुम दूर रहो और दूर रहते हो तो लगता है पास रहो
अवी-इसे प्यार कहते है
रेशमा- इसे कन्फ्यूषन कहते है
अवी-तो फिर इस कन्फ्यूषन से बाहर निकलो , अपने दिल को बता दो कि मैं तुम्हारा दोस्त हूँ या प्रेमी
अवी- अपने दिल को बता दो कि मैं क्या हूँ , वरना तुम सो नही पाओगी जी नही पाओगि
रेशमा- ये इतना आसान नही है
अवी-आसान बनाना पड़ता है , मैं ने तुम्हें प्रपोज़ किया तो तुमने जवाब नही दिया , तो देखो मैं
दोस्त बन गया , वैसे तुम फाइनल करो कि मैं दोस्त हूँ या प्रेमी
रेशमा- मुझे टाइम चाहिए
अवी-मुझे क्यूँ बता रही हो , तुम्हें अपने दिल को बताना है कि मैं तुम्हारा कौन लगता हूँ , उसको बताओ
मुझे नही , और एक बात
रेशमा- क्या ?
अवी-हम लिफ्ट से बाहर कब जाएँगे , 2 बार उपर नीचे हो चुके है ,
रेशमा की बातों की वजह से हम लिफ्ट मे फसे हुए है
रेशमा- सॉरी मेरा ध्यान नही रहा
अवी-इसी लिए कहता हूँ कि फाइनल कर ही डालो मेरे बारे में
रेशमा- देखती हूँ
अवी- ज़्यादा सोचो ही मत , तुम प्रेमी बनाओगी तो मैं यही रहूँगा और दोस्त बनाओगी तो भी मैं
तुम्हारे साथ रहूँगा ,
अवी- दोस्त बनाओगी तो भी तुम्हें हसी दूँगा और प्रेमी बनाओगी तो भी तुम्हें ख़ुसीया दूँगा
अवी- सिर्फ़ थोडा फरक होगा दोनो मे ,
रेशमा- क्या ?
अवी- दोस्त दिन मे हसी देगा और प्रेमी दिन रात खुशी देगा,
रेशमा- तुम मुझे बहुत कन्फ्यूज़ करते हो
अवी-तुम खुद कन्फ्यूज़ रहना चाहती हो
रेशमा- मुझे सोचने दो
अवी-इतना मत सोचो , 3 बार हुआ हम उपर जाकर नीचे आए है , क्या ज़िंदगी भर लिफ्ट मे रखना
चाहती हो
रेशमा- सॉरी
अवी-अब बात मत करो , वरना इसी लिफ्ट मे खड़े खड़े मर जाउन्गा मैं
और इस बार फाइनली हम उपर जाने लगे
 
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Update 43

रेशमा के साथ लिफ्ट से बाहर ही नही जा पा रहा था
रेशमा के साथ बाते ऐसी हो रही थी जैसे उसके हाँ ना पर मेरी ज़िंदगी टिकी हो
रेशमा भी कुछ फ़ैसला कर ही नही पा रही थी
इस बार आख़िरी बार था जब मैं लिफ्ट मे 7 नंबर प्रेस कर रहा था
अवी-अब कुछ मत कहना , मुझे भूक लगी है मुझे सोना है
रेशमा गुस्से से देख रही थी
बड़ा अजीब था मैं ,रेशमा के लिए
रेशमा मेरी तरफ पीठ करके खड़ी थी
अवी- रेशमा
रेशमा- तुमने बात करने से मना किया था
अवी-तुम्हारे पैरो पर कॉकरोच है , वैसी ही रहना
रेशमा कॉकरोच के नाम से डर गयी
पर उसके उछलने से पहले मैं ने कोक्करॉच को हाथ मे लिया
और कॉकरोच को रेशमा को दिखाने लगा
रेशमा- दूर करो मुझसे
अवी-तुम्हारे कपड़ो के साथ आया होगा यहाँ तक
रेशमा- मारो उसको
अवी-जाने दो बिचारे को वैसे तुम इसको भी पसंद आई हो , कब से तुम्हारे साथ चिपका हुआ था
रेशमा- तो अभी क्यूँ बताया
अवी-सोचा कि ये तुम्हारे कपड़ो के अंदर जाएगा तो तुम उछलने लगोगी फिर मुझे निकालने को
कहोगी
रेशमा- ये सोच रहे थे तुम
अवी-ये सोचता तो बताता नही कि कॉकरोच है ,
रेशमा- तो क्यूँ बताया
अवी-प्रेमी होता तो नही बताता , कॉकरोच की वजह से प्यार करने मिलता पर दोस्त हूँ तो बता दिया
रेशमा- प्लीज़ दोस्त और प्रेमी का टॉपिक फिर शुरू मत करो , और जैसे दूसरे लड़के रहते है वैसे
रहो , दूसरे लड़के जैसे सोचते है वैसा करो
फिर क्या था मैं ने कोकरोच को रेशमा के उपर फेक दिया
कॉकरोच को फेक्ते रेशमा उछल कर मेरी बाहों मे आ गयी
रेशमा- मेरे उपर क्यूँ फेका
अवी-दूसरे लड़के यही करते है ,तुम कोकरोच से डरो और मेरी बाहों मे आ जाओ
रेशमा- तुम ऐसे क्यूँ हो
अवी-मैं तो बना ही तुम्हारे लिए हूँ , लो आ गया हमारा फ्लोर
इस बार हम लिफ्ट से बाहर आ गये और कॉकरोच को वापस लिफ्ट मे छोड़ दिया क्या पता किसी और के
काम आ जाए
रेशमा तो अपने अपार्टमेंट के पास चली गयी मैं भी उसके पास गया
रेशमा- अपने यहाँ जाओ
अवी-सुबह से भूखा हूँ , तुम्हारी वजह से खाना भी नही खाया , और तुम्हारे लिए केक रखा है जल्दी
काट लो मेरे पेट मे कव्वे काव काव कर रहे है
रेशमा ने अपने सर पर हाथ रखा और हम रेशमा के अप्रटमेंट मे आ गये
जैसे लाइट जलाई तो रेशमा हॉल को देख कर खुश हुई
पूरा हॉल बलून से भरा हुआ था
दीवारों को भी सजाया था
बड़े बड़े अक्षरो मे हॅपी बर्तडे लिखा था
डाइनिंग टेबल पर शॅंपियन और खाना पॅक करके रखा हुआ था
सोफे के पास बर्तदे के लिए गिफ्ट रखा था
अवी- हॅपी बर्तडे फ्रेंड
रेशमा- ये तुमने किया
अवी- किया तो एक प्रेमी की तरह , पर सेलेब्रेट कर रहा हूँ दोस्त की तरह
रेशमा- प्रेमी
अवी-तुम्हारे साथ शॅंपियन , कॅंडल लाइट डिन्नर का इंतज़ाम किया था , गिफ्ट रखा था ,
रेशमा- तुम बैठो मे फ्रेश होती हूँ
अवी-रात का 1 बज रहा है और कितने देर लगाओगी , केक काट कर मुझे आज़ाद करो
रेशमा- ये क्या कह रहे हो
अवी-भूक लगी है
रेशमा- खाना भी तो पॅक है , शुरू हो जाओ
अवी-वो मेरे लिए नही तुम्हारे प्रेमी के लिए था
और मैं फ़्रीज़ से केक लेकर आ गया
रेशमा मेरी बात को सोचती रह गयी
मैं ने केक पर कॅंडल लगा लिया
अवी- चलो जल्दी कोई विश माँगो और केक कट करो
रेशमा- और शॅंपियन
अवी- वो तुम्हारे प्रेमी के लिए थी , मेरे लिए नही
और रेशमा ने कॅंडल बुझा दी
पर आज बर्तडे सेलेब्रेट करते हुए भी वो खुश नही थी
और मेरी वजह से सोच मे डूबी हुई थी
केक कट करते ही मैं ने रेशमा को केक खिला दिया
अवी- तुम जियो हज़ारो साल , हॅपी बर्तडे रेशमा
भूक लगी थी तो कुछ बोल भी नही पाया
रेशमा- थॅंक्स
अवी- मुझे केक नही खिलाओगी
रेशमा के हाथो से केक खाने से केक और टेस्टी हो गया था
फिर कुछ पीस तो मैं ने खुद खा लिए
आधे से ज़्यादा केक मैं ने जल्दी जल्दी खा लिया
रेशमा देखती रह गयी
अवी- ऐसे क्या देख रही हो , बहुत भूक लगी है
और मैं ने जितना हो सके उतना केक खा लिया
अवी- ये गिफ्ट तुम्हारे लिए ,
रेशमा- क्या है
अवी- तुम खुद देख लेना , ये भी प्रेमी की तरफ से था , मैं तुम्हें दूसरा गिफ्ट कल दूँगा दोस्त की तरफ
से
इतना बोल कर मैं अपने अपार्टमेंट मे आ गया
मेरी हर बात पर रेशमा हॅंग हो जाती
रेशमा मेरे जाने के बाद सोचती रह गयी होगी
शेम्पियन कॅंडल लाइट डिन्नर सब कुछ वैसा ही पड़ा रहा
उसपर मेरा हक नही था
उसपर रेशमा के प्रेमी का हक था
केक खाने से पेट भर गया
अब जाके मुझे नींद आएगी
पता नही रेशमा को नींद आएगी कि नही
आज से मैं रेशमा का दोस्त बन कर रहूँगा
.कभी अपने प्यार की बात दुबारा नही कहूँगा
कभी प्यार की बात करके रेशमा को तंग नही करूँगा
रेशमा पे है कि वो मुझे दोस्त मान कर जीना चाहती है या मेरे साथ प्रेमी बन कर जीना चाहती है
 
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Update 44

रेशमा को पूरी तरह से कन्फ्यूज़ कर दिया था
अब वो जो सोचेगी मेरे बारे में सोचेगी
उसको थोड़ा टाइम चाहिए था
उसकी ज़िंदगी का सवाल था
रेशमा को पटाने मे इतना टाइम कभी नही लगता पर मुझे उससे प्यार हो गया था
पता नही रेशमा ऐसे क्यूँ नही सोचती है
मैं शादी करने को नही कह रहा हूँ
हमारे बीच की सारी दीवारे आज टूट भी गयी है
रेशमा की जगह कोई और होती तो हाँ कर देती लेकिन रेशमा अलग थी तभी तो उस से प्यार हो गया मुझे
रेशमा के प्यार ने मेरी सोच बदल दी
मैं तो अपने अपार्टमेंट मे आकर फ्रेश हो गया और बिना कपड़ो के बेड पर लेट गया
मुझे नींद आएगी ही नही
मैं तो रेशमा के साथ बिताए पल को याद कर रहा था
रेशमा मेरी बाहों मे थी
रेशमा का नाम सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया
बच्चू अब तेरे खड़े होने से कुछ नही होगा , रेशमा मेरी दोस्त है
मैं ने मेरे लंड को.समझाया पर वो कुछ समझने को तैयार ही नही था , ऐसे मे मैं ने लंड
को ब्लंक्केट के अंदर कर दिया
और रेशमा की यादो मे खो गया
रेशमा ही दिख रही थी हर जगह मुझे
काश रेशमा ने हाँ कहा होता तो वो मेरी बाहों मे सो रही होती
उसको इतनी ख़ुसीया देता कि वो मेरे सिवा किसी के बारे में सोचती भी नही मेरी बनके रहती
मैं रेशमा वो सारे सुख देता जिसके सिर्फ़ सपने देखे होंगे उसने
मैं बस रेशमा के बारे में सोच रहा था
मुझे हर तरफ रेशमा ही दिख रही थी
अभी भी देखो मुझे डोर के पास रेशमा खड़ी दिखाई दे रही है
रेशमा मेरी दी हुई साड़ी मे खड़ी है ऐसा लग रहा था
रेशमा सिर्फ़ साड़ी मे थी ना ब्लाउस बा ब्रा ना पेटिकोट ना पैंटी थी
रेशमा को इस रूप मे भी मैं इमॅजिन कर रहा था
रेशमा के लिए मैं पागल हो गया था
अवी- रेशमा मुझे हर जगह क्यूँ दिख रही है मैं तो.उसको दोस्त मान रहा हूँ
रेशमा मेरी बात सुनकर हँसने लगी
मैं तो समझ ही नही पाया
रेशमा मेरी दी हुई साड़ी पहन कर बेड के पास आ गयी
कहीं ये रियल तो नही है
रेशमा कैसे इस तरह मेरे पास आ सकती है
फिर भी मैने रेशमा को छुने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो रेशमा पीछे हो गयी
ये सपना नही रियल लग रहा था
मैं खुद के हाथो पर चुटकी काटने वाला था कि रेशमा मेरे ब्लंकेट मे आकर लेट गयी
रेशमा मेरी बाहों मे आकर सोने लगी
ये सच मे रेशमा थी
रेशमा के मेरी बाहों आते ही मेरे ख़ुसी का कोई ठिकाना नही था
मैं तो पागल ही हो जाउन्गा
रेशमा ने मुझे सर्प्राइज़्ड कर डाला
इसके बारे में मैं ने सोचा ही नही था
रेशमा ने मेरे हाथ को अपनी गर्दन के नीचे ले कर मेरे बाहों मे आ गयी
वो सिर्फ़ साड़ी मे थी
रेशमा के बाहों मे आते ही मेरा लंड ब्लंक्केट का तंबू बनाने लगा
अवी-रेशमा एक बार चुटकी काटो मुझे
रेशमा ने ज़ोर से चुटकी ली
इूोऊउक्ककचह
अवी-ये रियल है
रेशमा ने हाँ मे गर्दन घुमाई
अवी-तुम.मेरे पास , इस का मतलब तुम मुझे प्यार करती हो
रेशमा ने हाँ मे गर्दन घुमाई
इससे तो मैं खड़ा हो गया
और बेड पर नाचने लगा
रेशमा मुझे देखती रह गयी
एक तो मैं नंगा था और दूसरा मैं नाच रहा था
मैं फिर से रेशमा के उपर झुक गया
अवी- तुम मुझे प्यार करती हो
रेशमा ने फिर से हाँ मे गर्दन घुमाई
रेशमा के हाँ करते उसको चूमने के लिए आगे बढ़ा
फिर रुक गया
अवी- ऐसे नही , आइ लव यू कहो तभी यकीन आएगा
रेशमा- मुझे छोड़ कर कभी मत जाना
अवी-नही जाउन्गा
रेशमा- मुझसे रूठना भी मत
अवी-नही रुठुन्गा
रेशमा- मुझ पर गुस्सा भी मत होना
अवी-नही करूँगा गुस्सा
रेशमा- मुझे कभी अकेले मत होने देना
अवी-तुम्हारे साथ ही रहूँगा
रेशमा- मुझे कभी रोने मत देना
अवी-तुमसे पहले मैं रोउंगा
रेशमा- मुझे हँसाते रहना
अवी-हम मिलके हंस हस्ते ज़िंदगी काटेंगे
रेशमा- मुझे सारी ख़ुसीयो देना
अवी-ख़ुसीयो से तुम्हारी झोली भर दूँगा
रेशमा- मुझे प्यार करना , मेरे सपने पूरे करना
अवी-तुम्हारे सपने मेरे होंगे
रेशमा- तुम्हारी शादी के बाद भी प्यार कम होने मत देना
अवी-मेरा प्यार तुम्हारे लिए कभी कम नही होगा
रेशमा- मैं आज से तुम्हारे प्यार के लिए ज़िंदा रहूंगी जिस दिन तुमने प्यार करना बंद किया मैं
जीना छोड़ दूँगी
अवी-फिर मैं जन्नत मे भी तुम्हारे पीछे आउन्गा
रेशमा- मुझे धोका मत देना
अवी-नही दूँगा
रेशमा- तुम पर विश्वास नही प्यार करने लगी हूँ , प्यार को बदनाम होने मत देना
अवी-हमारे प्यार को नाम.भी दूँगा
रेशमा- आइ लव यू
रेशमा के हाँ करते मैं उछल पड़ा
अवी-फिर से कहो
रेशमा- आइ लव यू अवी
अवी-आइ लव यू टू रेशमा
और मैं रेशना के गले लग गया
रेशमा ने जैसे मंदिर मे मुझे गले लगाया था वैसे ही मैं ने रेशमा को गले लगाया
अब रेशमा को खुद से दूर होने नही दूँगा
रेशमा को गले लगाते ही हम एक दूसरे के उपर आने को मचलने लगे
बेड पर इधर उधर लूड़कने लगे
ब्लंक्केट तो बेड से नीचे गिर गया
और हम दोनो एक होने लगे
मैं ने रेशमा को किस करने लगा
रेशमा भी मुझे प्यार करने लगी
ये कैसे हुआ इस से ज़्यादा ज़रूरी था कि किस करके इस प्यार को मज़बूत किया जाए
इस बार हमारे किस से प्यार की बरसात होने लगी
रेशमा तो मेरे प्यार की बरसात मे भीगने लगी
रेशमा के रेशमी बदन को अब जाके ठीक से देख पा रहा हूँ
रेशमा की खूबसूरती की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम.थी
ये खूबसूरती मेरी है
शायद रेशमा ने बहुत सोचा होगा मेरे बारे में
और उसको मेरे प्यार की सच्चाई पता चल गयी होगी
उसको हर तरफ मैं ही दिख रहा हुंगा
और आज से अच्छा दिन उसके पास नही था
ये बर्तडे उसके लिए नयी ज़िंदगी लेकर आ गया
आज से नयी रेशमा का जनम हुआ है
मेरी रेशमा का जनम हुआ है
और मैं रेशमा को प्यार करने मे खो गया
 
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Update 45

मैं ने रेशमा की आँखो पे किस किया और ऐसे किस करते हुए नीचे आने लगा.
गर्दन से होते हुए मैं ने रेशमा के बूब्स पर एक किस किया और नीचे चला गया.
रेशमा के बूब्स को मैं ने प्यार किया था अब डाइरेक्ट चूत पर जंप मारता हूँ
नाभि पे किस करके रेशमा के बदन मे गुदगुदी पैदा की ताकि चूत पर जाते ही उसका मूड खिल जाय
चूत पर किस करते ही रेशमा के बदन मे हलचल होनी शुरू हो गयी.
रेशमा की चूत तो अभी से डर के काप रही है.
मैं अपना झंडा रेशमा की चूत मे डालूँगा तो चूत मेरा साथ नही देगी.
मुझे रेशमा की चूत का डर ख़तम करना होगा.
रेशमा की चूत को पहले प्यार करना होगा.
रेशमा की चूत को खुश करता हूँ. अपना दीवाना बनाता हूँ ,फिर वो खुद मेरी गोद को अपनी
सवारी करने को बोलेगी.
रेशमा की चूत देखते मुँह ने पानी आ गया.
सच मे रेशमा की चूत पिंक कलर की दिख रही थी. दुल्हन से ज़्यादा सुंदर चूत थी.
इस रेशमा की चूत पे हज़ारो कुवारि चूत कुर्बान कर दूं.
रेशमा की पहली चुदाई को ज़्यादा टाइम नही हुआ था .पर दिखने से टाइट लग रही थी
मैं ने रेशमा की चूत के होंठो को खोल कर देखा. उसके होंठ आराम से खुल गये और मुझे
जन्नत दिख गयी.
जन्नत कहीं है तो यही है.
रेशमा की चूत को और गीली करवाने का टाइम आ गया.
मैं ने शुरुआत किस करने से की. किस एक 2 करके रुकने वाला नही था.
मैं ने किस की बारिश कर दी.अपनी चूत पर मेरे होंठ महसूस करते ही रेशमा के मुँह आहह निकल
गयी.
रेशमा ने अपनी आँखे खोल कर मुझे देखा.और मुझे अपनी चूत पर किस करते हुए देख कर
शरमाने की जगह मज़ा लेने लगी.
चूत चूसवाना किसी को भी पसंद होता है. ऐसे मे मेरी जीभ उस पे तलवार चलाने का काम
करती
रेशमा की चूत ढीली हो गयी थी मेरी एक चुदाई से जिस से उसका दाना मेरी जीभ के कॉंटॅक्ट मे अच्छे
से आने लगा.
दाने पर मेरी जीभ से रेशमा हवा मे उड़ कर पूरी दुनिया घूमने लगी.
मैं ने अपनी जीभ को रेशमा की गहराई मे डालना शुरू किया.
रेशमा की चूत इतने दिनो बाद किसी के प्यार को पा कर खुश थी.
खुशी के मारे रेशमा की चूत धीरे धीरे रोने लगी.
उसके ऐसे रोने से मैं भी मस्ती मे आकर उसका सारा पानी निकालना चाहता था
रेशमा की ऐसी चूत मे मज़ा आ रहा है तो कुवारि होती तो मे कितना आता
और मैं मज़ा कैसे लेता हूँ ये मुझसे ज़्यादा मेरी जीभ जानती है. क्यूँ कि वो मज़ा लेती थी.
मैं अब तक अपने कंट्रोल मे था और रेशमा मज़ा ले रही थी. फिर मैं मज़ा लेने लगा और रेशमा
ने अपना कंट्रोल खो दिया.
मेरे मज़े करने से रेशमा की पिंकी ने पानी छोड़ना शुरू किया.
रेशमा की चूत से जो पानी निकला वो टेस्ट मे अलग था.
और नयी चीज़ मुझे हमेशा अच्छी लगती है.
मैं रेशमा का पानी पीकर खुश हो गया.
रेशमा की चूत का पानी सफाचट कर दिया.
पानी पीने के बाद मैं ने रेशमा की तरफ देखा
रेशमा इस प्यार से खुश थी
खिल गयी थी रेशमा
मैं ने लंड को रेशमा की चूत पर सेट किया
लंड के चूत से टच होते ही रेशमा के बदन मे बिजली दौड़ गयी.
मैं ने रेशमा के पैरो को और खोल दिया जिस से लंड ठीक तरह से रेशमा की चूत पर अड्जस्ट हो
गया.
पहला झटका मारकर लंड को चूत मे 3 इंच तक अंदर डाल दिया.
रेशमा की चूत ने मेरे जितना मोटा लंड अभी अभी लिया था.
जिस की वजह से मेरा लंड चूत को रगड़ते हुए अंदर चला गया
चूत की मसपेशियो ने लंड के हिसाब से अड्जस्ट करना शुरू कर दिया.
रेशमा के चेहरे पे दर्द की हल्की सी लकीर आई थी.
इतना दर्द तो होता ही है.
मैं ने लंड को 1 इंच तक बाहर निकाल कर जोरदार झटका मार कर आधे से ज़्यादा लंड चूत मे डाल
दी
इस बार चूत को लंड के हिसाब से थोड़ा ज़्यादा अड्जस्ट करना पड़ा.जिस की वजह से रेशमा को ज़्यादा दर्द
हुआ.
रेशमा ने अपने होंठो को दबा कर रखा.
3र्ड और आख़िरी झटके के साथ जहाँ अभी तक वहाँ रेशमा का हज़्बेंड पहुँच नही सका वहाँ पर
मैं ने अपना झंडा गाढ दिया.
लंड चूत की गहराई मे जाकर वहाँ से पानी निकाल ने के लिए तैयार हो गया.
लंड ने चूत की नसों को फैला दिया, जिस से रेशमा के मुँह से दर्द भरी चीख निकल गयी.
आआहह ....मरररर....गाइिईई...तुम ने तूऊ.......आआहह
मेरे लंड पे चूत अपना दबाव बना रही थी.
लंड नयी चूत मे जाकर उछल रहा था.
मैं ने रेशमा के उपर आकर उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया.
रेशमा बस मेरा साथ दे रही थी उनको अपना पानी जल्दी निकालना था ताकि वो मेरे लंड का मज़ा
दर्द से नही बल्कि एंजाय करते हुए ले
इतना कह कर रेशमा ने अपनी टाँगे उपर उठा कर मेरी कमर पर लपेट ली और मुझे लंड को ऐसे ही
चूत मे हमेशा के लिए रखने के लिए बोल रही थी.
आज तक जितनी चूत मुझे मिली सब को मेरा लंड हमेशा के लिए चाहिए था.
रेशमा दर्द से छटपटा रही थी और मुझे कस के पकड़ कर रखा था. और लंड को हिलने नही दे
रही थी.
रेशमा ने अपनी टॅंगो से मुझे पकड़ रखा था .मैं ने अपने आप को रेशमा के उपर गिरा दिया. अब
मैं पूरी तरह से रेशमा से चिपक गया था
रेशमा से चिपक ने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि रेशमा की चूत ने मेरे लंड को कस के
पकड़ लिया हो. और लंड वही रहने की तैयारी कर रहा है.
फिर मैने भी तब तक वैसे ही रेशमा से चिपका रखा जब तक रेशमा ने खुद अपनी गंद हिलाना शुरू
नही किया.
रेशमा की गंद हिलाना मेरे लिए इशारा था कि मैं अब उनकी चूत को फाड़ दूं.
रेशमा ने अपने पैरो को मेरे कमर से अलग किया .मुझे धक्के मारने के लिए आसानी हो गयी.
मैं ने धीरे धीरे रेशमा की चूत मे धक्के मारना शुरू किया.मुझे रेशमा के साथ चुदाई का
पूरा मज़ा लेना था.
हर धक्का मारते हुए रेशमा की आहह निकलते हुए देख रहा था
पहले तो धक्का इतने प्यार से मारने लगा जितना कभी वर्जिन चूत के साथ भी ना मारा हो.
लंड को रेशमा की चूत मे जाते हुए देखने मे मज़ा आ रहा था.
जैसे ही लंड पर चूत की पकड़ कम हुई वैसे मैं रेशमा के उपर आ कर धक्के मारने लगा.
मैं धक्के मारने से साथ रेशमा के होंठो को चूसने लगा. रेशमा की गीली चूत मे आराम से
लंड जा रहा था.
मेरा लंड जब चूत की गहराई मे जाता तो रेशमा की चूत मे कसाव आ जाता और चूत की दीवार
मेरे लंड से रगड़ने लगती जिस से मुझे मज़ा आ रहा था.
रेशमा की गरम गरम चूत मे लंड डालने मे और रगड़ने मे मज़ा आ रहा था.
मैं धीरे धीरे धक्के मार रहा था ,रेशमा शीष्कारिया लेते हुए मुझे ज़ोर दार धक्के मारने को
कह रही थी.
रेशमा की बात सुन कर मैं ने अपने धक्को की गति तेज़ कर दी. गति बढ़ते ही रेशमा ने मुझे कस
के पकड़ लिया. जिस से मेरा लंड रेशमा की चूत के दाने से रगड़ ने लगा.
मेरे साथ चुदाई करके रेशमा को बहुत मज़ा आ रहा था. रेशमा ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और
अपनी गंद उछाल उछाल कर लंड चूत मे ले रही है.
मज़ा लेने के साथ रेशमा ने पानी की बारिश की और इस बारिश के साथ मैं ने लंड बाहर निकाल कर
पोज़िशन चेंज की
रेशमा को उल्टा लेटने को कहा था ,और पीछे से रेशमा की चूत मे धीरे धीरे लंड डालने लगा
इस पोज़िशन मे रेशमा की चूत और टाइट हो गयी थी जिस की वजह से मुझे चूत मे धक्के मारने मे
मज़ा आ रहा था.
मुझे मज़ा आ रहा था पर रेशमा को परेशानी हो रही थी.
मैं ने रेशमा को एक तरफ हो कर लेटने को कहा और रेशमा के पीछे लेट कर रेशमा के एक पैर को
उपर करके चूत मे लंड डाल दिया.
इस बार रेशमा को मेरे साथ मज़ा आने लगा. और मैं भी रेशमा की चूत का बॅंड बाजा बजाने
लगा.
रेशमा को मज़ा लेते हुए देख कर मैं भी अब पूरी ताक़त लगा कर रेशमा को दना दन पेल रहा
था.
रेशमा की चूत पानी पे पानी छोड़ कर बहुत गीली हो चुकी थी .रेशमा का पानी चूत से बाहर आ
रहा था.
चूत गीली होने से मेरा लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था .
हम दोनो पूरी जी जान लगा कर चुदाई कर रहे थे जिससे मेरी और रेशमा की साँसे तेज़ चल रही थी.
अब फिर से पोज़िशन चेंज करके पहली पोज़िशन पे आ गये और चुदाई का मज़ा लेने लगे.
चुदाई करते हुए बहुत समय हो गया था पर ना रेशमा अपना जोश कम कर रही थी और ना
मैं अपनी गति कम कर रहा था.
वापस चूत और लंड के खेल पर फोकस करने लगा.
लंड को धीरे धीरे बाहर निकालने लगा. लंड बाहर निकालने से चूत की मासपेसिया अपनी नॉर्मल
पोज़िशन मे आने लगी.
लंड को टोपे तक बाहर निकाल के बाद एक झटके मे पूरा लंड चूत मे डाल दिया.
अभी चूत की मासपेशिया नॉर्मल हो रही थी कि फिर से फैल गयी और रेशमा की फिर से चीख निकल गयी.
मैं ने फिर से लंड को वैसे ही बाहर निकाल कर 10 12 बार एक झटके मे अंदर डालता रहा.
हर बार जोरदार झटका पड़ने से चूत की नसें लंड के लिए फैल कर मज़ा लेने के लिए जगह बना
दी.
रेशमा मेरे झटके के साथ चीखने लग जाती. पर रेशमा की चीखो की आवाज़ धीरे धीरे कम होने
लगी.
रेशमा को मेरा इस तरह करना अच्छा लग रहा था इसी लिए मुझे रुकने को नही कहा.
फिर मैं ने धीरे धीरे रेशमा की चूत मे धक्के मारना शुरू किया.
रेशमा को मेरे लंड से धक्के खाने मे मज़ा आ रहा था.
रेशमा शीष्कारिया लेते हुए मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने को कह रही थी.
मैं ने रेशमा की बात मानते हुए अपनी गति बढ़ा दी.
जोरदार तरीके से रेशमा की चूत को मारने लगा.
रेशमा मेरे लंड के वार को ज़्यादा देर बर्दास्त नही कर पाई और मेरे लंड को अपनी चूत के पानी
से नहला दिया.
 
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Update 46

मैं उसी पोज़िशन मे रेशमा की चूत मारता रहा .
पानी निकलने से रेशमा ठंडी पड़ गयी थी और फिर से धक्के खाने से फिर जोश मे आ गयी.
रेशमा के जोश मे आते ही मैं ने लंड बाहर निकाल लिया और बेड पर लेट गया.

रेशमा-क्या हुआ
अवी-मेरे उपर आ जाओ
रेशमा मेरे लंड पर अपनी चूत रख कर बैठ गयी.

इस तरह प्यार करना रेशमा के लिए नया था
वो मेरे साथ प्यार खुल कर करना चाहती थी
और मस्ती करते हुए लंड पर उछलने लगी.
मैं भी नीचे से धक्के मार रहा था .जिस से रेशमा को ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
मज़ा जितना ज़्यादा आएगा चूत से पानी भी ज़्यादा निकलेगा.
रेशमा मेरे लंड पर उछलते उछलते झड गयी .और मेरे लंड पर बैठ गयी
पर रेशमा आज रुकने वाली नही थी
रेशमा मेरे उपर से उठ गयी और घोड़ी बन गयी.

मैं रेशमा के पीछे आ गया. और एक झटके मे लंड अंदर डाल दिया.

एक झटके मे दूसरी पोज़िशन मे ,रेशमा की एक चीख निकल गयी.
मैं अपने काम मे लगा हुआ था.
घोड़ी बनाकर चुदाई करने मे ,धक्के मारने मे ज़्यादा मज़ा आता था.
घोड़ी बनाकर हर धक्का जोरदार लगने लगता था.

हर धक्के के साथ चुतड़ों से छपक की आवाज़ ,चूत मारने का मज़ा और बढ़ा देता.
मैं और रेशमा इस लंबी चुदाई को पूरी तरह से एंजाय कर रहे थे.
मैं ने कुछ धक्के इतने जोरदार मारे कि रेशमा को लगा होगा कि मेरा पानी निकल रहा होगा.

मेरे धक्के इतने जोरदार थे कि ,और रेशमा भी झड गयी.और बेड पर गिर गयी. मैं भी रेशमा के
साथ उनके उपर गिर गया.
रेशमा को हर पोज़िशन मे प्यार करना चाहता था
उसको घर के हर एक कौने मे ले जाके प्यार करना चाहता था
मैं ने लंड बाहर निकाला. रेशमा पलट गयी. और मैं ने लंड को वापस चूत मे डाला.
रेशमा ने अपना पानी मेरे लंड को पिला दिया
इस के बाद तो जैसे हमारे प्यार का सिलसिला चलता गया

अभी तो चूत को प्यार किया है
गंद को भी मेरा लंड प्यार करने के मूड मे था
रेशमा तो बाथरूम मे जाकर फ्रेश हो गयी
पर जब आई तो सीधे मेरे लंड पर हमला बोल दिया
क्यूँ कि अब उसकी बारी थी मुझे प्यार करने की
अवी-अब तुम्हारी बारी है
रेशमा-तुम्हारा जवाब नही, मैं तुम्हें निराश नही करूँगी.
मैं खड़ा हो गया और रेशमा ने मेरे सामने घुटनो के बल बैठ कर मेरे लंड को हाथ मे ले
लिया.
मेरे लंड को देख कर रेशमा की आँखो मे हल्की चमक आ गयी.
वैसे उसके हज़्बेंड के और मेरे लंड मे बहुत फरक था

लेकिन देखने मे मेरा लंड सबको पसंद आ जाए ऐसा था
रेशमा मुझे ना नही कहेगी ये उसने कहा था इस लिए वो मेरा लंड चूसने को तैयार हुई.
वरना उसने अपने हज़्बेंड का लंड चूसा नही होगा
और रेशमा को देख कर मेरा लंड अपने विकराल रूप मे आ गया था.
सब रेशमा के हाथ मे था जिस से उसने लंड फुदकने लगा
मेरा लंड रेशमा के मुँह के सामने आ गया. ऐसा आया कि जैसे रेशमा के सामने कोई स्नेक
आया हो.
रेशमा ने मेरे लंड को एक बार देखा और मेरी तरफ देख कर स्माइल की.
उसकी स्माइल बता रही थी कि उसे इसी की तलाश थी.
और मेरे लंड को पसंद करने के एक्सपेस्षन दिए .अपने हज़्बेंड के काले लंड के सामने मेरा
लंड रेशमा को पसंद आया.
रेशमा कुछ देर लंड को देखती रही .क्यूँ कि ये आज से उसका होगा
रेशमा ने लंड की एक फोटो अपने दिल मे छुपा कर रख दी.
और रेशमा ने लंड के टोपे पे किस किया और मेरे तरफ देख कर अपनी आँखो की चमक दिखाने
लगी.


मैं ने रेशमा को आगे बढ़ने को कहा.
रेशमा ने लंड पे जीभ से टच किया,रेशमा की जीभ के टच से मेरे मुँह से आह निकल गयी
रेशमा मेरे मुँह की आवाज़ सुनकर खुश होकर लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी.
उसकी जीभ की ठंडक से मेरे लंड को आराम मिलने लगा.
मेरा लंड देखते ही उनको उनका सपना पूरा होता हुआ नज़र आ गया.
मेरे लंड को देखते ही उनके मुँह मे पानी आ जाता .और वो मेरे लंड पे ऐसे टूट पड़ी की वो सालोसे
भूकी हो.
बाकियो की तरह रेशमा भी मेरे लंड को प्यार कर रही थी.

फिर रेशमा ने लंड के टोपे को मुँह मे भर लिया
मेरे लंड का टोपा रेशमा के मुँह मे देख कर ऐसा लगा जैसे मेरा लंड रेशमा के लिए बना हो
ऐसा प्यार करने लगी कि मेरे लंड ने उसको हमेशा मिलने का प्रॉमिस कर दिया.
रेशमा के साथ क्या होगा वो प्यार करने के बाद पता चलेगा
रेशमा बड़े प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी.
लंड को एक 2 बार मुँह मे लेकर बाहर निकाल कर गीला करने लगी.
लंड गीला करने के बाद रेशमा लंड चूसने लगी
रेशमा के लंड चूसने से मेरे मुँह से आवाज़े निकलने लगी.
अया आआआः आआआः की आवाज़े करने लगा
रेशमा ने लंड चूसना शुरू किया और जितना हो सकता था उतना लंड मुँह मे भर लिया और उसे
लॉलीपोप की तरह चूसने लगी
रेशमा के ऐसा करने से मैं रेशमा के रेशमी बालो पे हाथ घुमाने लगा.
हाथ घूमते हुए रेशमा के सिर को पकड़ कर लंड पर आगे पीछे करने लगे जैसे रेशमा के
मुँह को ही छोड़ रहा हूँ
मेरे ऐसा करने से रेशमा ने कोई विरोध नही किया और मेरी गंद को पकड़ कर सहारा लिया और
खुद अपने मुँह को तेज़ी से आगे पीछे करने लगी.
रेशमा तो मुझे पूरा खुश कर रही थी.
रेशमा के मुँह से गू गून गून की आवाज़े आ रही थी और फिर लंड चूसवाने का मज़ा लेने के
बाद मैं ने रेशमा के सिर को छोड़ा
रेशमा ने लंड को अपने मुँह से बाहर निकाला .मेरा लंड रेशमा के थूक से चमक रहा था
रेशमा ने लंड बाहर निकलते ही उस पे किस करना शुरू किया.
रेशमा लंड को प्यार कर रही थी ,यहाँ तक कि आंडो को चूस रही थी.
इतना हम दोनो के लिए काफ़ी था.
रेशमा ने मेरे लंड को चूस कर अपने प्यार से लंड को खुश कर दिया.
अब लंड और गंद का खेल शुरू होने वाला था.
मैं ने रेशमा को बेड पर लिटा दिया .और उसको एक किस किया.
अवी-तुम तैयार हो
रेशमा-हाँ,
रेशमा की मंज़ूरी मिलते मैं ने अपना लंड रेशमा की गंद से मिलना करवा ने को तैयार करने
लगा
 
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Update 47

रेशमा की गंद मे लंड डालने से पहले उसको तैयार भी करना था
मैं ने हाथ पर तेल डालकर लंड पर तेल लगाने को कहा.

रेशमा अपनी गंद मे उंगली डाल कर गंद का छेद खोल रही थी.
मैं ने भी अपने लंड पर तेल लगाने लगा.
उसको भी सब कुछ पता था सेक्स के खेल के बारे में
पर उसका हज़्बेंड ने उसको कुछ पूछा ही नही
मेरे कहते ही देखो कैसे तैयार हो रही है
लोग आग लगाने के लिए तेल डालते है. और मैं हमारी अंदर की आग को शांत करने को तेल लगा रहा
हूँ
दोनो आग मे कितना फरक होता है. एक जलने से दर्द होता है और दूसरी बदन की आग बुझने से
सुकून मिलता है
बदन की आग मे हर कोई जलना चाहता .आज रेशमा मेरे साथ जलने को तैयार हुई थी.
रेशमा को ज़्यादा दर्द देने के मूड मे नही था. जिस से मैं ने अपने लंड को अच्छे से चिकना किया.
हम दोनो अपने काम मे लगे हुए थे. रेशमा ने अपनी गंद चिकनी कर ली और मैं ने अपने लंड
को तेल से नहला दिया.
मेरा लंड तेल लगते ही चमकने लगा .जिस देख कर रेशमा खुद को रोक नही पाई और मेरे लंड को
अपने हाथो मे पकड़ के सहलाने लगी.
रेशना के नरम हाथो मे मेरा सख़्त लंड आते ही रेशमा के बदन मे 440 का झटका लगा.
ये तो शुरुआत है

मेरे झटके पड़ेंगे तब ये 440 के झटके को रेशमा भूल जाएगी.

रेशमा ने मेरे लंड को अपने हाथो से सहलाने के बाद घोड़ी बन गयी. और अपना मुँह
बेड पर रखे हुए पिल्लो मे रख दिया.

मैं रेशमा के पीछे आ गया .और रेशमा की गंद को देखने लगा.
रेशमा के गोरे गोरे चूतड़ पर एक थप्पड़ मारा. जिस से रेशमा के बदन मे हलचल होने
लगी.
मैं ने लंड को उसके चूतड़ पर मारना शुरू किया.जिस से रेशमा को अच्छा लगने लगा.
दोनो चूतड़ पर कभी थप्पड़ तो कभी लंड मारने लगा .जिस से रेशमा को मज़ा आने लगा.
रेशमा की गंद फूली हुई नही थी क्यूँ कि इस पे अभी तक मेहनत नही की थी.
पहली बार मैं मेहनत करने वाला हूँ.
मैं लंड को दोनो चूतड़ के दरार मे फँसा कर रगड़ने लगा.इस से रेशमा गरम होने लगी.
रेशमा को इस से मज़ा आने लगा ,क्यूँ कि लंड चूत और गंद दोनो से रगड़ रहा था.
रेशमा को मज़ा देने के बाद मैं रेशमा को दर्द देने के लिए तैयार हो गया.
लंड को रेशमा के गंद के छेद पर रख दिया ,लंड को अपनी गंद पर फील करते रेशमा का बदन
कापने लगा.
मेरे लंड की गर्मी अपनी गंद के छेद पे महसूस करते रेशमा को गुदगुदी हो ने लगी.
लंड की मोटाई और लंबाई का अहसास गंद को कराने का समय आ गया था.
लंड का टोपा गंद के छेद मे जाने को तैयार था.
पर इतनी भी जल्दी क्या है. पहले ग्रीन सिंगल तो मिल जाए.
लंड को अंदर ना डालने से रेशमा पलट गयी. और मेरी तरफ देख कर अंदर डालने को कहा.
ट्रेन को सिंगल मिलते ही पहला झटका मारने का समय आ गया था .

रेशमा की पतली कमर को एक हाथ से पकड़ कर लंड ज़्यादा तेल से फिसल ना जाए इस लिए एक हाथ से लंड
को पकड़ कर रखा.
रेशमा ने अपनी गंद को दिला छोड़ दिया ,और मैं ने पहला झटका मार कर लंड का टोपा रेशमा
की गंद मे फिट कर दिया.
लंड के टोपे को गंद ने कस के पकड़ लिया .ऐसा लग रहा था की टोपा कहीं गायब हो गया हो.

टोपा अंदर जाते ही रेशमा ने गंद टाइट कर ली. जिस से टोपा गंद मे फस गया.
रेशमा को अपनी गंद पे जलन होने लगी.
ऐसा मीठा दर्द रेशमा खाने को तैयार थी.
मैं ने दूसरा झटका मारने की जगह ज़ोर लगा कर टोपा बाहर निकाल लिया.
पट्च की आवाज़ करके लंड रेशमा की गंद से बाहर आ गया.जैसे की बॉटल का ढक्कन निकलता है
वैसे ही लंड निकल गया.
लंड बाहर निकलते ही गंद का छेद बंद होने लगा था कि तेल की बॉटल का मुँह गंद मे डाल दिया .
और तेल को रेशमा की गंद मे अंदर तक पिचकारी मारने लगा.
ऐसा करते ही रेशमा ने अपनी गंद ढीली कर दी. तेल गंद के अंदर तक जाने लगा. क्यूँ कि बॉटल पर मैं
प्रेशर दे रहा था
फिर बॉटल की जगह वापस लंड रेशमा की गंद पर लगा दिया. और फिर से शुरुआत करने लगा
मेरे ऐसा करने से रेशमा को ज़्यादा दर्द नही होगा .और उसकी चीखे नही निकलेंगी.
रेशमा का जो मैं ख़याल रख रहा था वो रेशमा को पसंद आया.
पार्टनर की खुशी का ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है.
पहला झटका धीरे से मारने के साथ ही टोपा गंद मे फिसल कर अंदर चला गया.
मे बी इस बार रेशमा को ज़्यादा दर्द नही हुआ होगा.
रेशमा ने अपने मुँह पर कपड़ा बाँध रखा था और पूरा चेहरा पिल्लो मे दबा रखा था.

ना रेशमा का चेहरा देख सकता था और ना रेशमा की चीखे सुन पा रहा था.
टोपा अंदर जाते ही मैं ने दोनो हाथ से कमर पकड़ कर दूसरा झटका मारा.
इस बार लंड ऐसी जगह गया था वहाँ अब तक कोई नही गया था.
आधा लंड रेशमा की कुवारि गंद मे चला गया.
लंड अंदर जाते ही रेशमा ने गंद टाइट कर के ढीली कर दी. टाइट इस लिए कि ताकि मैं और अंदर ना जा
सकूँ .और ढीली इस लिए कि ताकि वो अपना दर्द कम कर सके.
रेशमा को आज पूरा सुख मिलने वाला था.
गंद मे लंड पर्फेक्ट फिट हो चुका था. लंड पर गंद ने अपना दबाव बनाए रखा था.
रेशमा अपना एक हाथ नीचे से अपनी चूत पर ले जाके सहलने लगी.
रेशमा की चीख मुझे सुनाई नही दी. पर उसके बदन मे हो रही हलचल हुई वो मुझे बता रही
थी उसको दर्द हो रहा है.
मैं अपने हाथ को उसके पेट पर घुमाने लगा ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो सके.
अभी तो आधा लंड अंदर गया था जिस से उसको ज़्यादा दर्द नही हो रहा था.
वहाँ तक मैं ने तेल डाल रखा था
रेशमा अपनी चूत को लगातार सहला रही थी.
उसके ऐसे सहलाने से लग रहा था कि उसका पानी निकल जाएगा.
पहले तो रेशमा दर्द कम करने के लिए चूत सहला रही थी. पर अब वो अच्छा लगने से पानी
निकालना चाहती थी.
ये बात मेरे दिमाग़ मे आते ही मैं ने ये मोका सही समझा.
रेशमा लगातार अपनी चूत सहला रही थी जैसे कि उसका पानी निकलने वाला हो.
वो ऐसे मोड़ पे थी जहाँ पर चूत सहलाना रोक नही सकती थी
इसी का फ़ायदा उठा कर मैं ने एक झटके मे पूरा लंड अंदर डालने वाला स्ट्रोक लगाया.
लंड गंद को चीरता हुआ अंदर चला गया.
गंद की चिरने से रेशमा के बदन मे दर्द होने लगा.
रेशमा के मुँह से दबी हुई चीख सुनाई दी.
मे बी रेशमा की आँखो से पानी निकल रहा हो
मेरे लंड मे भी दर्द होने लगा. गंद बहुत टाइट थी.
मेरा ऐसा हाल था तो रेशमा का क्या हाल हो रहा होगा.
रेशमा ने दर्द की वजह से अपनी चूत को सहलाना बंद करके अपने हाथ से दबा दिया था.
ऐसे तो रेशमा को बहुत दर्द होगा.
मुझे कुछ तो करना होगा. मैं ने रेशमा का हाथ उसकी चूत से हटा दिया और अपनी 2 उंगली उसकी
चूत मे डाल कर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा.
रेशमा ने बेड को कस के पकड़ रखा था. पर वो ज़्यादा चीख नही रही थी.
रेशमा ऐसी हालत मे थी जहाँ पर उसे दर्द हो रहा था और चूत का पानी ना निकलने से बेचैनी
हो रही थी.
जितनी जल्दी पानी निकल जाएगा उतनी जल्दी उसका दर्द कम होगा.
रेशमा का पानी निकलने का नाम नही ले रहा था.
ऐसे मे मैं ने अपनी उंगली अंदर बाहर करने की गति बढ़ा दी. और रेशमा का पानी निकालने लगा.
पानी निकलते ही रेशमा का बदन हल्का हो गया और लंड को रेशमा की गंद मे हिलाने को मदद हुई.
गंद मे लंड हिलने से रेशमा की गंद मे सुकून के साथ दर्द होने लगा.
मैं थोड़ा उपर हो गया जिस से अंदर थोड़ा बाहर निकालते तेल डाल कर फिर अंदर कर लिया.
रेशमा को मेरे ऐसा करने से थोड़ा दर्द हुआ पर ये तो होना ही था.
मैं ने धीरे धीरे अपना आधा लंड बाहर निकाला और तेल लंड पर डाल कर फिर अंदर पुश किया.
फिर से लंड को थोड़ा ज़्यादा बाहर निकाल कर तेल के साथ अंदर पेल दिया.
लंड बाहर निकालते समय रेशमा गंद ढीली कर देती जिस से लंड बाहर निकल जाता और उसके टाइट करने
से पहले लंड अंदर डाल देता
रेशमा की गंद मे थोड़ी देर दर्द होगा पर फिर मज़ा आएगा

रेशमा की मदमस्त गंद को मारने मे मुझे मज़ा आएगा इस मे कोई डाउट नही था.
रेशमा की गंद मे लंड पूरा बाहर निकाल कर अंदर डालने लगा जिस से गंद मे लंड के लिए अच्छी
ख़ासी जगह बन गयी.
रेशमा का दर्द भी कम हो गया था. रेशमा ने अपने हाथ ढीले छोड़ दिए.
मेरे बार बार लंड बाहर निकाल कर अंदर डालने से रेशमा का बदन कभी ढीला तो कभी टाइट हो जाता.
रेशमा को मेरा ऐसे धीरे धीरे गंद मे जगह बनाना अच्छा लगने लगा
रेशमा को अपनी गंद चुदाई मे मज़ा मिले इसी की पूरी कोशिस कर रहा था
रेशमा का दर्द कम हुआ ऐसा मुझे फील होते ही मैं मे गंद मारना शुरू किया.
गंद मारना शुरू होते ही रेशमा ने गंद ढीली छोड़ दी और मेरा साथ देने लगी.
मैं थोड़ी देर धीरे धीरे गंद मे लंड पेलने लगा
गंद मे मेरे हल्के हल्के धक्के से रेशमा को ज़्यादा मज़ा मिलने लगा.
ऐसा मज़ा वो भी मुझसे पा कर रेशमा खुश थी.
 
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Update 48( Last update)

रेशमा की गंद मेरे लंड का हर धक्के के साथ वेलकम कर रही थी.
हस्ते हुए गंद मेरे लंड के धक्के लेने लगी.
धक्के धीरे धीरे मार रहा था पर मज़ा कही ज़्यादा था
मज़ा दोनो तरफ से मज़ा मिल रहा था.रेशमा अपनी गंद हिला कर मज़ा लेने लगी और मैं धक्के
मार कर मज़ा लेने लगा.
रेशमा मस्ती मे झूम रही थी और मैं खड़े खड़े आगे पीछे होकर डॅन्स करने लगा.
रेशमा की गंद पीछे करके धक्का खाने से मैं ने अपनी गति बढ़ा दी.
मेरी धक्को की गति बढ़ने से रेशमा अपनी गंद और पीछे करके धक्के खाने का मज़ा लेने लगी.
रेशमा के पीछे होने से मेरा धक्का जोरदार लग कर उसके चूतड़ हिलने लग जाते
मेरे धक्को से रेशमा के चूतड़ लाल हो गये थे.
अभी तो मेरा वीर्य निकलने मे टाइम था.
मैं रेशमा की कमर को पकड़ के धक्के मारने लगा.
इस तरह मेरे धक्के गंद की धज्जियाँ उड़ाने लगे.
मैं हर धक्के के साथ लंड को और अंदर तक डालने की कोशिस करता गया.
मेरे धक्को से कमरे मे एक नया म्यूज़िक गूँज ने लगा.
हमारी चुदाई का म्यूज़िक सुन कर हम दोनोंको सुकून मिलने लगा
मैं लगातार म्यूज़िक का वॉल्यूम बढ़ा रहा था.और रेशमा मेरे म्यूज़िक पे अपने तबले जैसे चूतड़
मुझसे बजवा रही थी.
रेशमा की गंद मे कब से एक पोज़िशन मे धक्के मार रहा था
मुझे लग रहा था कि हमे पोज़िशन चेंज करनी चाहिए
अवी-रेशमा पोज़िशन चेंज करे ,या यही ठीक है.
रेशमा ने अंगूठा दिखा कर लगे रहने को कहा
फिर क्या था कि मैं रेशमा की गंद पे अपने लंड का स्टंप लगाने लगा.
मैं वापस रेशमा की गंद मारने पे ध्यान देने लगा.
रेशमा की कातिलाना गंद मारने मे मज़ा आ गया.
क्या गंद है,
पर रेशमा मुझे हर बार कहेगी कि गंद मारो
आज ही इस गंद का पूरा मज़ा ले रहा था.
रेशमा की गंद मे मेरा लंड पूरी ताक़त लगा कर अंदर बाहर हो रहा था.
रेशमा ने भी अपनी गंद को मेरे लंड की मेहमान नवाज़ी करने को कहा था.
ऐसे मे रेशमा की गंद मारने मे डबल मज़ा आ रहा था.
रेशमा की गंद ने जो मेरे लंड का ख़याल रखा उसके सामने मेरा लंड अपना कंट्रोल खो बैठा
लंड ने रेशमा की गंद की मेहमान नवाज़ी का तोहफा अपना अनमोल वीर्य पिला कर दिया.
मैं ने अपना वीर्य रेशमा की गंद मे डाल दिया.
वीर्य की गर्माहट को फील करते ही रेशमा ठंडी हो गयी.
रेशमा ने पूरी चुदाई मे जो कंट्रोल कर के रखा था .अपनी शीष्कारियो पे कंट्रोल रखा था.
जिस से मैं ने अपना वीर्य गंद मे डालते ही लंड बाहर निकाल लिया.
लंड बाहर निकलते रेशमा ने बदन को बिखरने दिया.
रेशमा वैसे ही वहाँ पर लेट गयी.
मैं भी बेड पर बैठ गया.
रेशमा रिलॅक्स हो ने लगी.

रेशमा की दो धुआँ धार चुदाई को
रेशमा को.गंद ठुकाई से चल भी नही पा रही थी
मैं उसको गोद मे उठा कर बाथरूम ले गया
और उसके गंद की सिकाई भी की
रेशमा मेरा प्यार देख कर खुश हुई
उसको ऐसा ही प्यार करने वाला चाहिए था जो उसका ख़याल भी रखे
इस दो चुदाई के बाद वो और प्यार नही कर पाएगी
इस लिए मैं ने उसको अपने बाहों मे ले लिया
सुबह के 4 बज रहे थे
रेशमा- टाइम बहुत हो गया
अवी- प्यार करते हुए टाइम का पता नही चलता
रेशमा- अब मुझे नींद आ रही है
अवी- मुझे भी पर तुम्हें प्यार करूँ यही लग रहा है
रेशमा- अब तो मैं तुम्हारी हूँ
अवी- फिर भी डर लग रहा है सोने से
रेशमा- क्यूँ ?
अवी- क्या पता आँख खुले और तुम ना हो मेरी बाहों मे
रेशमा- ऐसा कुछ नही होगा , और अब मैं चाह कर भी तुमसे दूर नही जाउन्गी मुझे इसी प्यार की
तलाश थी
अवी- फिर ठीक है
रेशमा- अब हम साथ रहेगे ना
अवी- हाँ , मिया बीवी की तरह ,मेरी शादी तक
रेशमा- तुम्हारी शादी के बाद
अवी- उसके बाद थोड़ा सम्भल कर रहेंगे , पर तब भी तुम्हें प्यार करता रहूँगा बस तुम जलना मत
रेशमा- नही जलुन्गि
अवी- अब मैं इस अपार्टमेंट को खरीद लूँगा ताकि हम साथ रहे
रेशमा- मैं मदद करूँगी
अवी- मैं देख लूँगा
रेशमा- अब सो जाते है
अवी- आज तो जॉगिंग को नही जाएँगे पर कल से ज़रूर जाएँगे
रेशमा- रात मे प्यार करके तुम उठ पाओगे
अवी- तुम.फिट रहो मैं फिट रहूँगा तभी तो प्यार कर पाएँगे
रेशमा- आइ लव यू
अवी- आइ लव यू टू
इस के बाद तो हमारी हर रात हसीन होने वाली थी
हम रोज प्यार करने वाले थे
अब रेशमा मेरी बाहों मे रहेगी हमेशा
मैं रेशमा को बीवी बना कर रखूँगा
हम सुबह नही दोपहर मे नींद से जाग गये
.रेशमा अभी तक सो रही थी
मैं ने उसके उपर ब्लंकेट डाल दिया और फ्रेश होने चला गया
फ्रेश होते ही डोर पर नॉक हुआ
मैं ने देखा कि मिसेज़ गुप्ता थी
मिसेज़ गुप्ता- बेटा आज बहुत देर तक सोते रहे
अवी- रेशमा को खुशी दे रहा था जिस से नींद नही खुली
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा यहीं है
अवी- हाँ
मिसेज़ गुप्ता- उसने मर्ज़ी से किया या तुमने जबर्जस्ती की
अवी- अब हम साथ साथ ही रहेंगे
मिसेज़ गुप्ता-ये अच्छी बात है
अवी- आप खुद देख लो उसके चेहरे की खुशी
और मिसेज़ गुप्ता ने देखा कि रेशमा का चेहरा खिल गया था
मिसेज़ गुप्ता- सोने दो बिचारी को
अवी- आप उसके लिए बेफिकर रहिए मैं उसके साथ हमेशा रहूँगा
मिसेज़ गुप्ता- मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ रहेगा
अवी- आप ये बात अपने तक ही रहना
मिसेज़ गुप्ता- तुम.भी ख़याल रखना कि ये बात किसी को पता ना चले ,
अवी- जी , अब आपको जाना चाहिए वो उठेगी और आपको देखेगी तो शर्मा जाएगी
और मिसेज़ गुप्ता मुझे रेशमा को .आशूर्वाद दे कर चली गयी
और मैं ने रेशमा के माथे पर किस करके जगाया
रेशमा की आँख खुलते ही मैं उसको टी दी
मेरी तरफ से इतना प्यार पाकर उसकी आँख मे आँसू आ गये
मैं उसके आँसू पोन्छने लगा था कि रेशमा ने मुझे ब्लंकेट मे ले लिया
और हमारा प्यार करना फिर से शुरू हो गया
अब ये सिलसिला कभी बंद नही होगा
रेशमा तो आज दिन भर मेरे यहाँ रही वो भी सिर्फ़ साड़ी मे
हमने शेम्पियन का मज़ा लेते हुए रात मे प्यार किया
रेशमा तो मुझे मना नही कर रही थी
रात मे शेम्पियन पीते हुए बाल्कनी मे चुदाई की
रेशमा को मुझ पर पूरा भरोसा था
फिर नेक्स्ट दिन से हमारा हनीमून ख़तम.हुआ
सुबह होते ही हम जॉगिंग के लिए गये
इतने दिनो बाद हमे देख कर जॉगिंग वाले अंकल आंटी खुश हुए
हम दुनिया के सामने दूरिया बनाए हुए थे
पर रूम मे हमारे बीच की दूरिया ख़तम हो जाती है
मिसेज़ गुप्ता मिस्टर गुप्ता हमे देख कर खुश हुए
हम उनके साथ डिन्नर पर भी गये
उनको हम बेटा बेटी जैसे थे
रेशमा तो अपने हज़्बेंड को भूल ही गयी थी
रेशमा का हॅज़्बेंड तो अपने कामो मे बिज़ी रहने लगा
मुझे यहाँ आके सिक्स महीने हुए पर अब तक उसको देखा नही

रेशमा ने कहा कि वो और सिक्स महीने नही आएँगे
ये हमारे लिए अच्छा ही हुआ
इस खुशी को हमने एक हफ़्ता गोआ जाकर सेलेब्रेट किया
ये हमारे लिए हनिमून था
गोआ मे तो हमारा प्यार खिलने लगा
रेशमा और मैं हर दिन और करीब आते गये
सटर्डे सनडे तो हम घूमने जाने लगे
कभी लनवला तो कभी खंडाला तो कभी पूना सूरत
रेशमा मेरे साथ इतनी खुश रहती कि डर लगता कि माला के आने के बाद क्या होगा
जब मैं अपने गाओं गया तो रेशमा के कितने कॉल आए बता नही सकता
माला मेरा ही इंतज़ार कर रही थी
वो शादी की बात करने लगी
मैं ने माला को और 2 साल रुकने को कहा
माला मान गयी रेशमा तो खुश हुई कि 2 साल हम दोनो साथ रहेंगे
फिर तो हम प्लान करने लगे
माला और रेशमा को एक जैसा प्यार देने लगा
जब रेशमा को उसके हज़्बेंड के साथ देखा तो गुस्सा आ रहा था
पर रेशमा ने उसको जल्दी भेज दिया वापस
फिर क्या था माला के शादी के समय रेशमा को माँ बना दिया
रेशमा ने अपने हज़्बेंड को उल्लू बना लिया और मेरे बच्चे को इस दुनिया मे लाने लगी
रेशमा से उस समय दूर रुकना पड़ा पर माला के पास आ गया
माला के साथ हनीमून माना रहा था तो रेशमा ने एक बेटी को जनम दिया
फिर तो जब रेशमा वापस अपने मायके से अपार्टमेंट मे आई तो उसकी और माला की अच्छी फ्रेंडशिप हो
गयी
दोनो की अच्छी बनने लगी
मैं दोनो को बराबर टाइम देता
दोनो को आल्टरनेट माँ बना कर प्यार करने लगा
कभी किसी को हनीमून पे ले जाता टूर के नाम पर दूसरी पेट पकड़ कर मेरा इंतज़ार करती
इसी तरह मैं अपनी बीवी और पड़ोसन को बीवी बना कर जी रहा था
रेशमा को एक बेटी और बेटा हुआ
माला को 2 बेटे हुए
और मैं अपनी पड़ोसन के साथ मस्तियाँ करता गया

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दा एंड
 

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