UPDATE 001

तो भैया बिगुल बज चूका है कहानी का भी और कानपुर मे अटलघाट के हाईवे साइड पर सुबह 10 बजे के करीब गुल्लु चाय मठरी वाले के ठेले पर टाँगे रेडिओ का भी ,,,, हेमंत कुमार का सुपरहिट गाना -
है अपना दिल तो आवारा
ना जाने किस पे आयेगा !!!
ठेले के जस्ट सामने मार्च महीने की शुरुवाती दिनो की सुनहरी सुबह की हल्की तीखी धूप मे एक हैंडसम सा 5 फुट 10 इन्च की लम्बाई लिये , हीरो मैटेरियल टाइप का लड़का अपनी एक्टिवा पर पिछवाड़े की टीकाए , कुल्हड़ वाली चाय की सिप लेते हुए एक तरफ बार बार भरी भीड़ मे गरदन उठा कर किसी की राह देख रहा है ।
हल्की हवा मे हिलते उसके स्पा हुए बाल उसके आंखे ढक देती है जिसे वो स्टाइल मे हाथ से फेर देता है ।
उपर और सामने से चमकती भीनी भीनी सी धूप मे उसके चेहरे पर एक मुस्कान सी आजाती है
क्योकि सामने उसे कोई दिख जाता है जिसका उसे इन्तजार था वहा
तभी सामने एक चमचमाती रॉयल इंफील्ड क्लासिक 350 अपनी धुन बजाते हुए रुकती है पावरब्रेक के साथ ।
लड़का - अबे यार 3D , कबसे इहा खडे तुम्हरा भेट कर रहे है और तुम साले फटफटी लेने चले गये ,,,तुम्हाये चक्कर मे तीन कुल्हड़ चाय गटक गये आधे घंटे मे
सामने जो लड़का रॉयल इंफील्ड क्लासिक 350 लेके आया वो कोई और नही उसी का दोस्त है , चड्डी बड्डी यार - 3D , पुरा नाम - दीन दयाल दुबे
3D बाबू थोड़ा सा अपना दोस्ती का रोब और अपनी झेलि हुई समस्या का जोड़ तोड़ बना कर झल्लाकर बोलते है - अबे यार आयुष तूम कैसे प्राणी हो बे ,, कानपुर के गंगा भैया के घाट पर आये हो और रोड साइड टपरी पर कुल्हड़ की चाय पी रहे हो , शांत होने के बजाय भडक रहे हो ,,,,अरे हमसे पुछो कानपुर की सवेरे की गंगा घाट की भीड़ और उपर से आज दिन कौन सा है , बताओ बताओ , बोलो बोलो
आयुष थोड़ा हड़बड़ा कर - आ आ आज ज्ज्ज्ज सोमवार है
3D बाबू को मानो आयुष को चित्त करने का मौका मिल गया हो - हाआआ , सोमवारररर ,, बाबू जानते हो कानपुर में सोमवार को गंगा घाट पर कितनी भीड़ लगती है ,,, ये देख रहे हो कहने को बुलेट है लेकिन पिछले 3km मे 10 के मायलेज मे चला कर लाये है इसको
आयुष उसकी बात सुन कर हसने लगता है ।
3D भडक जाता है और फिर कुछ सोच कर उसकी नजर आयुष के एक्टिवा पर जाती है जो उसके पिता जी की थी
3D एक बार पूरी स्कूटी की जांच कर सामने की नम्बर प्लेट देख कर सर पकड कर बैठ जाता है - अबे गंगा मईया की कसम ,कर दिया सत्यानाश ,,, तूम कतई कानपुर का नाम डुबो दोगे दिल्ली मे
आयुष हसते हुए - क्यू
3D - अबे तुमको हो क्या गया है , बाबू तुम आईआईटीयन हो , ये सब क्या
3D - अरे तुम दीन दयाल दुबे यानी 3D बाबू यानी हम ,,,तुम हमाये दोस्त होकर हमाया ही नाम डुबो दोगे बे
आयुष हस कर - अरे वो गाड़ी बाऊजी लेके गये है मामा के यहा तो हम यही लेके आये
3D - ठीक है बेटा इससे को काम चला लेंगे , लेकिन आज रात मे कौनौ बकचोदी ना पेल देना तुम अपनी शराफती का
आयुष थोड़ा परेशान होकर - यार 3D , इ करना जरुरी है ,,बाऊ जी को पता चला तो भले हमको सालाना पैकेज डेढ़ करोड़ का मिला है ,, लेकिन पूरे नवाबगंज मे 150 वाले जुते से पेलन्गे हमको
आयुष - और बात फैल गयी तो कौनौ लडकी भाव भी नही देगी
3D - अबे तुम सोचते ज्यादा हो, आओ बैठो ,,,,हो इन्जीनियर और बुद्धि तुम्हारा मिस्त्रीयो वाला है ।
3D - आओ बैठो , चलो
आयुष बुलेट पर बैठते हुए - और हमायी स्कूटी
3D सामने चाय की दुकान वाले से - अरे सुनो गुल्लू , जरा आईआईटियन बाबू के बाप की दहेज वाली सवारी देखना , हम अब ही आते है
गुल्लू - जी भैया
फिर वो दोनो निकल जाते है नवाबगंज बाजार की ओर
3D गाड़ी चलाते हुए - अबे तुमको कानपुर छोड़ना ही नही चाहिये था
आयुष 3D के कान के बगल मे मुह लगा कर बोला - काहे बे
3D - अबे लूल्ल हो गये यहा से जा कर ,, इतनी भी सम्वेदनशीलता अच्छी नही है
आयुष सफाई देते हुए - अबे नही ऐसा कुछ नहीं
3D झल्लाकर - अबे छोडो तुम
दो भैया ये है दो जिगरी मित्र
आयुष और 3D
अब कहानी शुरु हो ही गयी है तो इनका राशन कार्ड भी पढ़ लेते है
1. दीन दयाल दुबे उर्फ 3D बाबू
एक समय था जब इनके पिता हरिशंकर दुबे नवाबगंज के चेयरमैन थे ।
लेकिन पिछ्ली बार हार का मुह देखे तबसे राजनीति से थोडा किनारा कर लिया । लेकिन दौलत की कमी नही है इनको इसिलिए 3D बाबू खुद थोडा बहुत राजनीती मे सक्रिय है और अलबेला ड्रामा कम्पनी के प्रोडुसर है ।
कहानी मे 3D बाबू का किरदार जबरजस्त है लेकिन इनकी फैमली का अगले कुछ अपडेट तक नही है ।
तो खोलते है राशन कार्ड नं 02
2. आयुष शुक्ला
अच्छी खासी स्टाइलिश लाइफ है इनकी और स्मार्ट वाला लूक भी है । मासूम सा चेहरा और लहल्हाते बाल
ये है महानुभाव आयुष शुक्ला जी और हमारी कहानी के नायक
उम्र 24 साल , लेकिन अभी तक स्टील वरजिन , कुवारे , मतलब लडकी के नाम पर किसी ने सुँघा तक नही है इनको
इसका एक कारण है कि महाशय है नवाबगंज मे सुपर स्मार्ट , पढाई मे अव्वल और तो और आईआईटीएन
अब जो कोई लड़की इन्हे देखती है उसे यही लगता है कि ये सिंगल हो तो हो कैसे ।
ऐसा नही है कि महानुभाव से कभी किसी कन्या से अपना संपर्क साधने की चेस्टा नही की ,, की है बहुतो ने की है
लेकिन ये मासूम दिल वाले आयुष बाबू को मुहल्ले की लड़कियो मे तनिक भी रुचि नही है ।
वो फिल्म आई थी ना गरम मसाला
उसमे अक्षय जी का संवाद है - जो लड़की हमे चाहिये, उसे हम नही चाहिये और जिसे हम चाहिये वो किसको चाहिये 
खैर कहानी पर वापस आते हैं
करियर के बारे मे तो अन्दाजा लग ही गया होगा आपको
चलिये थोडा विस्तार मे बता देते है
हमारे नायक साहब है दिल्ली से आईआईटीयन और हालही मे दिल्ली के एक ब्ड़ी मल्टीनेशनल कंपनी मे जॉब मिली है और सालाना पैकेज जानते ही है आप
हा जोइनींग से पहले कुछ फुरसत भरे पल बिताने अपने घर नवाबगंज , कानपुर आये हुए है ।
पिता - मनोहर शुक्ला
पेशे से मुन्शी रह चुके है । अभी दो बेटो के बाप है
बहुत ही खुले विचारों वाले इन्सान हैं , फिलहाल घर रहते है ।
माता - शान्ति शुक्ला
कहने को तो मकान माल्किन है लेकिन चाबियो का गुच्छा बडकी पतोह के कमर मे दिखेगा । बढती उम्र के साथ बीपी भी बढ़ गया है । लेकिन मजाल है अन्ग्रेजी दवा करवा ले । मायके का कोई चुरण की गोली है जो पास रखे होती है और थोडी भागा दौडी पर टपप से गटक लेती है ।
काफी धार्मिक है और बड़ी बहू के आने के बाद बचे समय को भी सत्संग मे आने जाने लगा दिया ।
अशीष शुक्ला
आयुष शुकला के बडे भाई , दोस्त यार जिगरी सब , नवाबगंज मे मिठाई की दुकान चलाते है , काफी चर्चित भी है ।
मीरा शुक्ला
भाभी जी , खुशमिजाज , संस्कारी और कहने को तो साफदिल वाली भी है । हा कभी कभी तुनक जरुर जाती है । बाकी कहानी मे अहम रोल है इनका
खैर तो ये हुआ पारिवारिक पृष्ठभूमि
अब देखते है हमारे आयुष शुक्ला और 3D बाबू जा कहा रहे है ।
गाड़ी रुकती है नवाबगंज के एक कालेज के बाहर पार्किग एरिया मे और दोनो उतर कर सामने मेन गेट के बोर्ड पर कालेज का नाम पढते है
आयुष अपनी भौहे चढा कर सर पर चढ़ती धूप में आंखो का फोकस बढ़ाते हुए कालेज का नाम बड़बडाटा है - मिस मनोरमा इंटरमिडिएट कालेज , नवाबगंज, कानपुर , उत्तर प्रदेश
आयुष थोड़ा उलझन भरे भाव मे - अबे इ मिस मनोरमा कैसे ,,हम जब इमे पढ रहे थे तो श्रीमती मनोरमा देवी इंटरमिडिएट था और अब
3D हस कर आयुष के कन्धे पर हाथ रखकर बोर्ड की ओर देखतें हुए बोला - अरे मनोरमा मैडिम का उन्के पति से डाईवारस हो गया ना तो आजकल सिंगल है तो श्रीमती से मिस कर दिया हाह्हहह
आयुष अचरज भरे भाव से हसता हुआ 3D के साथ कालेज मे घुसा - हिहिही अजीब है बे सब
फिर वो दोनो सेमिनार हाल मे गये जहा एक ड्रामा टीम उनका इन्तजार कर रही थी ।
आयुष थोड़ा झिझक कर - यार 3D हमसे ना हो पायेगा ,,,कही बाऊ जी जान गये तो ,,,रहने दो यार चलते है
3D - अबे यार अब तुम फिर से लुल्ल हो रहे हो ,, समझो यार अपने कालेज की इज्जत का सवाल है और मेकअप कर लोगे तो कोई जान ही नही पायेगा तो मुन्शी जी का बेटा खड़ा है स्टेज पर
आयुष - साले मार लो हमायी मौका मिला है
3D हस्कर आयुष को ड्रामा टीम की ओर भेजता है और बोल्ता है - अरे बब्बन सुनो ,,, हा तुमको ही बोल रहे है बे ,,,ये भैया को लिवा जाऊ और थोड़ा ड्रेस व्रेस ट्राई करवा लेयो
बगल से सलमान जो कि एक नाटककार था - 3D भैया माल तो जोरदार है , डायलाग याद कर लेगा ना
3D सलमान की चुटिया पकड कर रवा कर उसके हाथ से पान का बीडा लेके मुह मे भर लेता है - साले जितना पैसा पाये हो उन्ने ही बोलो ,,
पान चबाते हुए 3D ने सलमान की कालर पकड कर - खबरदार जो रात मे स्टेज पर कौनौ भड्वागिरी की तो ,,, दोस्त है हमारा इज्जत से पेश आना ,, नही तो यही सूता के पेल देंगे भोस्डीके
3D सलमान पर मुक्का तानते हुए बोला
थोडी देर बाद आयुष बाहर आया
3D पान की पीच पास पडे डस्टबिन मे मारते हुए अपनी सफेद शर्त के बाजू से मुह पोछते हुए - हो गया बाबू , ड्रेस तो ठीक है ना
आयुष थोडा उलझन मे था फिर भडक कर - हा वो सब ठीक है लेकिन साले तुम क्या गुह भर लेते हो मुह मे
चलो बाऊजी का फोन आया है घर बुला रहे है ।
फिर वो दोनो कालेज से घर की ओर निकल जाते है ।
देखते है आगे क्या होने वाला है , आज की रात क्या खास है जिसके लिए आयुष परेशान है ।
जारी रहेगी
आप सभी से अनुरोध है की पढने के बाद
आज के अपडेट का मूल्यांकन जरुर करे
कोई कमी , त्रुटी या समसया नजर आये तो जरुर बताये ।
आपकी प्रतिक्रिया के इन्तजार मे
wonderful update. Ek kayar apne ke bajaye ek sahasi insaan se dosti karna jyada behtar hai. wo hame apne dar se ,apne dard se jujhne ke liye madad karega. anischitao par vijay prapt karne ke liye sahas dega .
lekin agar hamara koi apna bhi kayar ho, hamare nirasha aur dukh ke samay dur chala jayega. 3D din dayal dube un sahisi dosto me se hai .wese uski bol chal bhi funny hai .par uske opposite uska friend aayus sharmila hai, 3D k tarah jo muh me aye bol nahi deta.
Per year 1.5 crore package. wow !! par fir bhi jamin se juda hai. koi ahankar nahi. Koi aur hota to natak me part lene se mana kar deta. fir chahe request karne wala besti hi kyu na ho.