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दोस्तों यह बात तब की है जब में 18 साल का था। हम सभी घर वाले एक मकान में किराए से रहते थे और वो मकान एक विधवा औरत का था। दोस्तों मेरी उस आंटी के चार बच्चे थे, दो लड़के और दो लड़कियाँ थी, उनकी सबसे बड़ी लड़की 20 साल की थी और छोटी लड़की 18 साल की थी। दोस्तों मेरी आंटी की बड़ी लड़की का नाम अंशु था, वो दिखने में बहुत ही हॉट सेक्सी थी और वो अक्सर हमारे कमरे में बैठकर अपना सारा काम किया करती थी और उस काम में उसके कपड़े बदलना भी शामिल था। फिर अपने सामने अचानक से उसके चिकने गोरे बदन को देखकर मेरी ऑंखें चकित होकर फटी की फटी रह जाती थी और इसके अलावा में उसको कई बार कपड़े धोते और घर के कामों को करते हुए चोरीछिपे देखा करता था। में ना जाने कितनी बार उसकी गोरी छाती को देखकर उसके नाम की में मुठ मार चुका था। दोस्तों वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और इसलिए में अक्सर सही मौका देखकर उसको नहाते हुए बाथरूम की दरार से चोरी चोरी देखा करता था और उसके गोरे गदराए बदन को देखकर मेरा लंड तुरंत ही तनकर खड़ा हो जाता था।
दोस्तों पहले तो उसको मेरी इस हरकत और मेरी उसके ऊपर गंदी नजर के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था, लेकिन कुछ दिनों के बाद उसको भी पता चल गया, लेकिन वो अब मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी। फिर एक दिन हमारे घर पर एक छोटी सी पार्टी थी, जिसके दौरान उसने मुझे इशारा करके छत पर बुलाया और अब उसने मुझसे पूछा कि में उसको हमेशा घूरकर क्यों देखता रहता हूँ? उसी समय मैंने हिम्मत करके उसको कह दिया कि में तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ, क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे प्यार करने लगा हूँ। फिर वो मेरे मुहं से मेरे मन की पूरी बात को सुनकर अब मुझसे कुछ नहीं बोली, लेकिन उसने मुझे उसी समय एक प्यारी सी मुस्कान दी। फिर हमारे बीच कुछ देर इधर उधर की बातें होने के बाद हम दोनों नीचे आ गए, लेकिन अब एकदम साफ था कि मेरा उसकी तरफ आगे बढ़ने का वो रास्ता बिल्कुल साफ है, क्योंकि में उसको अपने मन की सच्ची बात बता चुका था, जिसको सुनकर उसको बिल्कुल भी ना तो बुरा लगा और ना उसने मुझे गुस्से में आकर कुछ कहा ना ही विरोध जताया। अब मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ चुकी थी और अब में पहले से भी ज्यादा आगे बढ़ने उसके साथ बहुत कुछ करने के विचार अपने मन में लेकर बड़ा खुश रहने लगा था और जब भी में उसको देखता वो मेरी तरफ हल्की सी मुस्कान देकर चली जाती।
दोस्तों हम दोनों के बीच अब पहले से ज्यादा वो हरकते होने लगी थी। में उसको घूरकर देखा करता, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं करती और कई बार में मौका पाकर उसके जिस्म को छू भी चुका था और समय गुजरने के साथ ही मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ती ही जा रही थी। फिर एक दिन जब घर पर कोई भी नहीं था उस समय वो मेरे पास आ गई और उसने मुझसे कहा कि हाँ अब तुम आज मुझे पूरी तरह खुलकर बताओ कि तुम्हे मेरे अंदर क्या पसंद है? जिसकी वजह से तुम मेरी तरफ आकर्षित हुए जा रहे हो, क्योंकि में आजकल देख रही हूँ कि तुम मुझे अब कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही छेड़ने लगे हो। अब में उसके मुहं से वो बात सुनकर चुप ही रह गया और उसने दोबारा ज़ोर देकर मुझसे पूछा कि बताओ ना क्यों चुप बैठे हो। अब मैंने हिम्मत करके तुरंत कह दिया कि में तुम्हारे साथ एक बार सेक्स करना चाहता हूँ, वो मेरे मुहं से उस जवाब को सुनकर हंस पड़ी और अब उसने मुझसे कहा कि हाँ में भी तो तुम्हारे साथ यही करना चाहती हूँ। दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और में खुशी से उसी के सामने नाचने लगा था और वो मेरी इस हरकत को देखकर अपने मुहं पर एक हाथ को रखकर हंसने लगी।
दोस्तों बस फिर क्या था? मैंने तुरंत ही उसी समय उसको अपनी बाहों में कसकर जकड़ लिया और अब में उसको चूमने प्यार करने लगा था और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। अब मैंने बिना देर किए उसके एक एक करके पूरे कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से वो मेरे सामने बड़ी ही कामुक अवस्था में बिना कपड़ो के थी और में अपनी चकित नजरो से उसको लगातार घूरकर देख रहा था। दोस्तों उसके वो बूब्स बहुत ही प्यारे आकर्षक लग रहे थे और मैंने तुरंत आगे बढ़कर अब उसके बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूसना शुरू कर दिया। वो सब कुछ इतना जल्दी जल्दी हो रहा था कि मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि में अब इसके आगे क्या करूं और क्या ना करूं? क्योंकि उस दिन पहली बार मुझे ऐसा मौका मिला था, जिसकी वजह से आज में पहली बार किसी कुंवारी चूत के मज़े ले सकता था। अब में बस मन ही मन जल्दी से जल्दी कुंवारी चूत की चुदाई करने के लिए बहुत बेचैन हुआ जा रहा था। फिर में जोश में आकर उसके बूब्स को दबाने लगा था, जिसकी वजह से उसके मुहं से सिसकियों की वो आवाज निकल रही थी और वो बार बार अपने मुहं से ह्म्म्म्ममम आहह्ह्ह ऑश आराम से करो प्लीज क्या में कहीं भागी जा रही हूँ।
दोस्तों में अब उसके कहने पर कहाँ रुकने वाला था? क्योंकि मेरे सर पर उसकी चुदाई का भूत जो सवार था में अब रुकने वाला नहीं था। फिर जब मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के सामने अब बिल्कुल नंगे थे और फिर उसने पहली बार मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड देखा और वो उसका आकार लम्बाई को देखकर एकदम चकित होकर सोच में पड़ गई। अब वो अपने मुहं पर एक हाथ को रहकर कहने लगी ऊई माँ आपका इतना बड़ा लंड है, में तो इसको लेकर मर ही जाउंगी, मुझे लगता है कि यह मुझे दिन में भी तारे दिखा देगा। में इसको अपने अंदर नहीं ले सकती, मुझे इसकी वजह से बड़ा तेज दर्द होने वाला है, जिसकी वजह से में मर ही जाउंगी। अब मैंने उसको बड़े ही प्यार से समझाते हुए कहा कि हाँ में समझ सकता हूँ कि पहली पहली बार सभी को इसको अपने अंदर लेने से दर्द होता है और वैसे ही तुम्हे भी होगा, लेकिन उसके बाद में तुम्हे मज़ा भी बहुत आने लगेगा और वैसे भी में तुम्हारे दर्द का ध्यान रखते हुए इस काम को पूरा करूंगा तुम्हे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है में हूँ ना तुम्हारे साथ।
अब में उसको यह सभी बातें समझाने के बाद उसको जोश में लाकर चुदाई के लिए तैयार करने के लिए उसकी चूत में सबसे पहले उंगली करने और चूत को अपने दूसरे हाथ से सहलाने लगा था जिसकी वजह से वो गरम हो जाए और हम दोनों को बिना कोई ज़ोर जबरदस्ती के मस्त मज़ा आए। अब में उसकी चूत के दाने को सहलाने के साथ ही अपने दूसरे हाथ से उसके बूब्स के उठे हुए निप्पल पूरे बूब्स की गोलाईयों पर हाथ घुमाने लगा था। फिर कुछ देर बाद मैंने अचानक ही उसकी चूत में अपनी उंगली को अंदर बाहर करने की रफ़्तार को थोड़ा सा बढ़ा दिया था। अब वो मज़े मस्ती की वजह से गरम होकर बिल्कुल बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी साथ ही वो अपने कूल्हों को भी ऊपर उठाने लगी थी। अब मैंने मन ही मन में सोच कि मेरा यह इतना बड़ा लंड इसकी कुंवारी चूत में अब जाएगा कैसे? तभी अचानक ही मेरी नज़र पास में रखे तेल पर पड़ी। अब मैंने उस बोतल से तेल अपने हाथ में ले लिया और सबसे पहले मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर बहुत सारा तेल लगाया और चूत को धीरे धीरे मसाज करके एकदम चिकनी कर दिया। फिर उसके बाद मैंने अपने लंड के टोपे पर भी तेल लगाकर उसको भी चिकना कर दिया और उसके बाद मैंने लंड का टोपा खुली चूत के होंठो पर रहकर सेंटर मिलाकर सबसे पहले तो मैंने हल्का सा झटका मारा।
दोस्तों पहले तो उसको मेरी इस हरकत और मेरी उसके ऊपर गंदी नजर के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था, लेकिन कुछ दिनों के बाद उसको भी पता चल गया, लेकिन वो अब मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी। फिर एक दिन हमारे घर पर एक छोटी सी पार्टी थी, जिसके दौरान उसने मुझे इशारा करके छत पर बुलाया और अब उसने मुझसे पूछा कि में उसको हमेशा घूरकर क्यों देखता रहता हूँ? उसी समय मैंने हिम्मत करके उसको कह दिया कि में तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ, क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे प्यार करने लगा हूँ। फिर वो मेरे मुहं से मेरे मन की पूरी बात को सुनकर अब मुझसे कुछ नहीं बोली, लेकिन उसने मुझे उसी समय एक प्यारी सी मुस्कान दी। फिर हमारे बीच कुछ देर इधर उधर की बातें होने के बाद हम दोनों नीचे आ गए, लेकिन अब एकदम साफ था कि मेरा उसकी तरफ आगे बढ़ने का वो रास्ता बिल्कुल साफ है, क्योंकि में उसको अपने मन की सच्ची बात बता चुका था, जिसको सुनकर उसको बिल्कुल भी ना तो बुरा लगा और ना उसने मुझे गुस्से में आकर कुछ कहा ना ही विरोध जताया। अब मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ चुकी थी और अब में पहले से भी ज्यादा आगे बढ़ने उसके साथ बहुत कुछ करने के विचार अपने मन में लेकर बड़ा खुश रहने लगा था और जब भी में उसको देखता वो मेरी तरफ हल्की सी मुस्कान देकर चली जाती।
दोस्तों हम दोनों के बीच अब पहले से ज्यादा वो हरकते होने लगी थी। में उसको घूरकर देखा करता, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं करती और कई बार में मौका पाकर उसके जिस्म को छू भी चुका था और समय गुजरने के साथ ही मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ती ही जा रही थी। फिर एक दिन जब घर पर कोई भी नहीं था उस समय वो मेरे पास आ गई और उसने मुझसे कहा कि हाँ अब तुम आज मुझे पूरी तरह खुलकर बताओ कि तुम्हे मेरे अंदर क्या पसंद है? जिसकी वजह से तुम मेरी तरफ आकर्षित हुए जा रहे हो, क्योंकि में आजकल देख रही हूँ कि तुम मुझे अब कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही छेड़ने लगे हो। अब में उसके मुहं से वो बात सुनकर चुप ही रह गया और उसने दोबारा ज़ोर देकर मुझसे पूछा कि बताओ ना क्यों चुप बैठे हो। अब मैंने हिम्मत करके तुरंत कह दिया कि में तुम्हारे साथ एक बार सेक्स करना चाहता हूँ, वो मेरे मुहं से उस जवाब को सुनकर हंस पड़ी और अब उसने मुझसे कहा कि हाँ में भी तो तुम्हारे साथ यही करना चाहती हूँ। दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और में खुशी से उसी के सामने नाचने लगा था और वो मेरी इस हरकत को देखकर अपने मुहं पर एक हाथ को रखकर हंसने लगी।
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दोस्तों में अब उसके कहने पर कहाँ रुकने वाला था? क्योंकि मेरे सर पर उसकी चुदाई का भूत जो सवार था में अब रुकने वाला नहीं था। फिर जब मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के सामने अब बिल्कुल नंगे थे और फिर उसने पहली बार मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड देखा और वो उसका आकार लम्बाई को देखकर एकदम चकित होकर सोच में पड़ गई। अब वो अपने मुहं पर एक हाथ को रहकर कहने लगी ऊई माँ आपका इतना बड़ा लंड है, में तो इसको लेकर मर ही जाउंगी, मुझे लगता है कि यह मुझे दिन में भी तारे दिखा देगा। में इसको अपने अंदर नहीं ले सकती, मुझे इसकी वजह से बड़ा तेज दर्द होने वाला है, जिसकी वजह से में मर ही जाउंगी। अब मैंने उसको बड़े ही प्यार से समझाते हुए कहा कि हाँ में समझ सकता हूँ कि पहली पहली बार सभी को इसको अपने अंदर लेने से दर्द होता है और वैसे ही तुम्हे भी होगा, लेकिन उसके बाद में तुम्हे मज़ा भी बहुत आने लगेगा और वैसे भी में तुम्हारे दर्द का ध्यान रखते हुए इस काम को पूरा करूंगा तुम्हे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है में हूँ ना तुम्हारे साथ।
अब में उसको यह सभी बातें समझाने के बाद उसको जोश में लाकर चुदाई के लिए तैयार करने के लिए उसकी चूत में सबसे पहले उंगली करने और चूत को अपने दूसरे हाथ से सहलाने लगा था जिसकी वजह से वो गरम हो जाए और हम दोनों को बिना कोई ज़ोर जबरदस्ती के मस्त मज़ा आए। अब में उसकी चूत के दाने को सहलाने के साथ ही अपने दूसरे हाथ से उसके बूब्स के उठे हुए निप्पल पूरे बूब्स की गोलाईयों पर हाथ घुमाने लगा था। फिर कुछ देर बाद मैंने अचानक ही उसकी चूत में अपनी उंगली को अंदर बाहर करने की रफ़्तार को थोड़ा सा बढ़ा दिया था। अब वो मज़े मस्ती की वजह से गरम होकर बिल्कुल बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी साथ ही वो अपने कूल्हों को भी ऊपर उठाने लगी थी। अब मैंने मन ही मन में सोच कि मेरा यह इतना बड़ा लंड इसकी कुंवारी चूत में अब जाएगा कैसे? तभी अचानक ही मेरी नज़र पास में रखे तेल पर पड़ी। अब मैंने उस बोतल से तेल अपने हाथ में ले लिया और सबसे पहले मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर बहुत सारा तेल लगाया और चूत को धीरे धीरे मसाज करके एकदम चिकनी कर दिया। फिर उसके बाद मैंने अपने लंड के टोपे पर भी तेल लगाकर उसको भी चिकना कर दिया और उसके बाद मैंने लंड का टोपा खुली चूत के होंठो पर रहकर सेंटर मिलाकर सबसे पहले तो मैंने हल्का सा झटका मारा।