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आपकी बात में समझ सकता हूँ , पर ज्यादातर तो हिंदी में ही पढना चाहते होंगे .मेने कई लेखकों की कहानियां पढ़ी हें जेसे रोहणी जी और भी कई हें . जिनकी कहानियां बहुत लम्बी चली हें , पर अब गूगल ट्रांसलेट से कहानी जल्दी ही किसी भी भाषा के फोंट्स से , किसी भी भाषा के फॉण्ट में कन्वर्ट हो जाती हे , थोड़ी सी प्रोब्लम हे पर इसे दूर किया जा सकता हे बाकि आपकी कहानी मस्त हे और सच में हिंदी फॉण्ट में पढकर जो मजा आता हे वो रोमन में नही आता आप लिखते रहिये , आपका लेखन काफी अच्छा हे धन्यवादHa samaz sakte he. Sab ka apna apna tarika hota he. Isme kuchh galat nahi he. Aap ko jese bhi pasand aae. Mere kuchh redars he jo hindi padhna nahi jante. Is lie roman me likhna meri bhi majburi he.