Incest मम्मी मेरी जान

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WOW VERY SUPERB POST DEAR KEEP IT UP
मा बेटा दोनों मस्ती में सिसकारी लेते हुए चुदाई में एक दूसरे का साथ देणे लगा... फिर करीब २ मिनट के अंदर ही सानिया एक बार फिर से झड़ने लगी... ये उसकी ज़िन्दगी का सब से मस्त ओर्गास्म था...
सानिया : "ओहहहहः...गोड़!!!!!" सतीश अपनी मम्मी को मस्ती में झडते हुए देख कर और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा... उसका लंड अब राजधानी की स्पीड पार कर चुका था... उसका लंड मम्मी की बच्चेदानी में जा रहा था... और उसके गोटे उसकी मम्मी की गांड के छेद से टकरा रहे थे.... वो अब और ज़्यादा देर तक खुद को रोक नहीं पाया और अपनी सपनो की रानी की चुत में झड़ने लगा... उसके वीर्य की पिचकारी उसकी मम्मी की चुत में गिरने लगी... वो करीब २ मिनट तक अपनी मम्मी की चुत के अंदर बच्चेदाने में झडता रह... उसकी मम्मी मस्ती में आके उसके होठो को चूसने लगी.....
फिर कुछ देर बाद सतीश अपनी मम्मी की बगल में लेट गया.. सानिया ने फ़ौरन अपने चुत्तड़ के नीचे एक तकिया दाल लिया... ताकि उसके बेटे का वीर्य उसकी चुत से बाहर न निकले...
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WOW MAST HOT AND EROTIC UPDATE

सतीश ने सटा सट चुदाई शुरु कर दि.. वो तेज़ी से अपना लंड मम्मी की वीर्य छोड़ती चुत में अंदर बाहर करने लगा..
तभी अचानक सानिया ने उसे रोक दिया..
सानिया : रुक जाव.. अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकालो..
सतीश : क्यूँ मम्मी.? मैंने कुछ गलत किया क्य..?
सानिया : नही.
सतीश : तो फिर..?
सानिया : मुझे अपने पैर मोड़ के तुम्हारे कंधे पे रखने दो... इस से तुम्हारा लंड मेरी चुत के अंदर बच्चेदानी से टकरायेगा और बहुत मजा आयेगा.
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सतीश अपनी मम्मी की बात को अनसुनि कर के अपना लंड मम्मी की छोटी सी पेन्टी में घुसाने लगता है... इसका नतीजा ये होता है की पेन्टी फट जाती है...
अपनी फेव पेन्टी को फटते देख सानिया को गुस्सा आ जाता है...
सानिया : अबे कमीणे... मेरी चुत फाड़ के तुझे चैन नहीं मिला... जो तू ने मेरी फेव पेन्टी भी फाड़ दि...
सतीश : अरे मेरी जान नाराज़ क्यों होती हो... ये पेन्टी फट गई तो क्या हुआ... इसके बदले में तुम्हे ६ पेन्टी दिला दूँगा...
सानिया : सच्...
सतीश : हाँ बिलकुल सच्...
सानिया : तो फिर कब करा रहा है अपनी मम्मी को शोप्पिंग्...?
सतीश : जब तुम कहो... चाहो तो अभी चलते हैं शोप्पिंग...
सानिया : पहले तू नहा तो ले...
सतीश : मम्मी मुझे बहुत ज़ोर की पिशाब लगी है...
सानिया : तो जा के कर ले...
सतीश : नही...
सानिया : नहीं मतलब...
सतीश : मतलब ये मेरी जान... की मेरा दिल चाह रहा है की तुम मुझे पिशाब कराओ... जैसे बचपन में कराती थी...
सानिया : कैसी बात कर रहा है... तु कोई बच्चा थोड़ी है की में तुझे अपनी गोद में उठा के पिशाब कराउ...
सतीश : मैंने ये कब कहा की तुम मुझे अपनी गोद में उठा के पिशाब कराओ... मैं तो ये कह रहा हूँ की तुम मेरा लंड पकड़ के मुझे पिशाब कराओ...
सानिया : तुझे शर्म नहीं आएगी अपनी मम्मी के सामने नंगे हो के अपना लंड मम्मी को पकड़ा के पिशाब करने मे...
सतीश : जब मुझे अपनी मम्मी को नंगी करके उसे चोदने में शर्म नहीं आई तो फिर मम्मी को अपना लंड पकड़ा पिशाब करने में कैसी शरम... मम्मी अब देर न करो... इस से पहले की मेरे लंड से यहीं बेड पे पिशाब निकलने लगा... तुम मेरे साथ टॉयलेट में चल के मुझे पिशाब करा दो...
मा : मैं अपने प्यारे बेटे की बात कैसे ताल सकती हु... चल तू कहता है तो आज में तेरा 9 इंच का कड़क लंड अपने हाथ में पकड़ के तुझे पिशाब ज़रूर कराउंगी. सानिया जैसे ही अपने बेटे का लंड पकड़ने के लिए आगे झुकी... सतीश ने उसका टॉवल निकाल दिया... सानिया नंगी हो गयी...
सानिया ने शरमाते हुए अपने बेटे का 9 इंच का कड़क लंड पक़ड... और अपने सेक्सी चुत्तड़ मटकाते हुए उसे पिशाब करने टॉयलेट में ले जाने लगी...
सतीश अपनी मम्मी के सेक्सी मटकते चुत्तड़ को मसलते हुए टॉयलेट में जाने लगा... टॉयलेट में पहुँच के सानिया ने अपने बेटे को कमोड़ के पास खड़ा किया और खुद उसका लंड पकड़ के उसके बगल में खड़ी हो के उसे पिशाब करने को कहा.
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सतीश ने अपनी मम्मी के होठो को चूमा और हाथ पीछे ले जा के मम्मी के चुत्तड़ को मसलते हुए पिशाब की तेज़ धार छोड दि...
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सानिया बड़े गौर से अपने बेटे के लंड से निकलते हुए पिशाब तेज़ धार को देखने लगी और अपने हाथ में अपने बेटे के लंड को मेहसुस करने लगी...
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अचानक उसे शरारत सुझी और वो मस्ती में अपने बेटे के लंड को इधर उधर घुमा के पिशाब की धार से टॉयलेट में डिज़ाइन बनाने लगी.
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सतीश अपनी मम्मी की हरकत को देख के मुस्कुराने लगा...सतीश : मम्मी तुम तो एक छोटे बच्चे की तरहा लंड से खेल रही हो.
सानिया : है... मुझे नहीं पता था की अपने बेटे को पिशाब कराने में इतना मज़ा आता है. अब से जब भी तुझे पिशाब करना हो तू मुझे कहना.. मैं शौक से तेरा लंड पकड़ के तुझे इसी तरहा पिशाब कराउंगी..
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पिशाब की धार धीरे धीरे कम होने लगी.. अब सतीश के लंड से रुक रुक के पिशाब निकलने लगा.. फिर कुछ ही पल में पिशाब निकलना बंद हो गया. फिर जैसे ही सानिया अपने बेटे का लंड छोडने को हुई... सतीश ने उसे रोक दिया...
सतीश : मम्मी मेरा लंड हिला के बचा हुआ पिशाब तो बाहर निकालो...
सानिया सतीश की बात सुन के उसके लंड को आगे पीछे करने लगी...
सतीश : मम्मी मैंने तुम्हे मेरा लंड हिलाने को कहा है... तुम तो मेरे लंड की मुठ मार रही हो...
सानिया को जब अपनी ग़लती का एहसास हुआ तो उसने शर्मा के अपने बेटे का लंड छोड दिया...
सानिया : अब तू जल्दी से बाहर जा...
सतीश : क्यूं..? सतीश : क्यूं...? मैं बाहर क्यों जाऊं...?
सानिया ने शर्माते हुए कहा.
सानिया : वो क्या है की... मुझे... न... पिशाब करना है...
सतीश : सच्...
सानिया : हा... सच्... लेकिन इसमें इतना खुश होने वाली क्या बात है...?
सतीश : मैंने आज तक किसी लड़की को पिशाब करते हुए नहीं देखा है... आज देखुंगा... वो भी अपनी सेक्सी मम्मी को... आज मेरी मन की मुराद पूरी होगी...
सानिया : जी नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा...
सतीश : क्यों नहीं होगा...?
सानिया : वो इस लिए क्यों की में अपने बेटे के सामने पिशाब नहीं करुँगी... मुझे अपने बेटे के सामने पिशाब करने में शर्म नहीं आएगी क्या...
सतीश : अपने बेटे से चुदवाने में तुम्हे शर्म नहीं आयी... तो बेटे के सामने पिशाब करने में कैसी शरम...
सानिया : नहीं सतीश में ऐसा नहीं कर सकती... मुझे सच में बड़ी शर्म आ रही है...
सतीश : नही... मम्मी तुम्हे ये करना होगा... क्या तुम मेरी ये छोटी सी इचछा भी पूरी नहीं करोगी... मैं चाहता हूँ की... जिस तरहा तुमने मुझे पिशाब कराया है... मैं भी तुम्हे पिशाब कराऊंगा...
सानिया : ठीक है... चल मान ली मैंने अपने प्यारे बेटे की बात... आज तू जी भर के देख ले की तेरी मम्मी कैसे पिशाब करती है...
ये कह के सानिया कमोड़ पे बैठने लगी...
सतीश ने उसे रोकते हुए कहा.
सतीश : मम्मी.. खड़े हो कर ही पिशाब करो ना...
सानिया शरमाते हुए अपने बेटे की तरफ मुह कर के खड़ी हो गयी... फिर उसने अपने पैर फ़ैलाये और अपनी चुत खोल के अपने बेटे से कहा.
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सानिया : ले देख ले अपनी मम्मी की चुत से निकलते हुए पिशाब को...
सतीश मम्मी की चुत के सामने बैठ गया...
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और मम्मी की खुली हुई चुत को गौर से देखने लगा...
 
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सानिया : "सतीश, माय गोड़, तुम ये क्या कर रहे हो? हम ये क्या कर रहे है? ये गलत है. इसे अभी रोक दो. तुम मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो. जिस चुत से 19 साल पहले तुम निकले थे आज तुम उसी चुत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहे हो. तुम अपनी मम्मी को चोदने जा रहे थे. तुम अपना लंड अपनी मम्मी की चुत और गांड में कैसे दाल सकते हो? प्लीज ऐसा मत करो.
सतीश ने पहले कभी भी अपनी मम्मी के मुह से लंड चुत या चुदाई जैसे शब्द नहीं सुने थे. वो एक दम सरप्राइज था.
सतीश : लेकिन मम्मी, में तुम्हे दिल से चाहता हु तुम्हे... चोदना चाहता हु. तुम्हारे होठो को चूसना चाहता हु, तुम्हारी वीर्यभरी चुत का वीर्य चाट चाट के चूस चूस के पीना चाहता हु. आई लव यु मम्मी आई लव यु. और तुम भी तो मेरे किस का जवाब मस्ती में दे रही थी.
तूम भी तो अपनी चुत मेरे लंड पे रगड रही थी. मम्मी मुझे पता है की तुम भी ये चाहती हो की में अपना नौ इंच का लंड तुम्हारी वीर्य चुदती चुत में दाल के तुम्हे चोदू.
सानिया : सतीश, मेरे बेटे, मेरे लाल, "आई लव यु टू. लेकिन में तुम्हारी मम्मी हु. हम को एक दूसरे से ज़रूर प्यार करना चाहिए लेकिन मम्मी बेटे वाला प्यर. ना की गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड या हस्बैंड वाइफ वाला प्यार. हाँ ये सच है की में तुम्हारे किस का जवाब दे रही थी. मैं अपनी चुत को तुम्हारे लंड पे रगड रही थी. कभी कभी हमारे साथ ऐसा हो जाता है की मस्ती में आकर हम बहक जाते है. ये सच है की जब तुम मेरी गांड में अपना लंड घूसा रहे थे और फिर मुझे किस करते हुए अपना लंड मेरी चुत में रगड रहे थे तब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
तुम्हारा लंड है ही इतना दमदार की में न चाहते हुए भी मस्ती में आके तुम्हारा साथ देणे लगी.
मैं ये दावे के साथ कह सकती हूँ की तुम्हारा लंड मुझे तो क्या दुनिया की किसी भी लड़की या औरत को जन्नत की सैर करा के पूरी तरहा से संतुष्ट कर सकता है. एक बार जो तुम से अपनी चुदाई करवा लेगी वो तुम्हारी दीवानी बन जाएगी. जिस तरहा में तुम्हारे किस में मदहोश हो गई थी. लेकिन जैसे ही मुझे होश आया मुझे ये याद आ गया की में तुम्हारी मम्मी हूँ और हमारे बीच में ये सब ठीक नहीं है.
ओर जैसा की तुम मुझे यानी अपनी मम्मी को...चोदना चाहते हो, वेल बेटा तुम्हारी उम्र में लड़के कीसी की भी चुत में अपना लंड डालने को बेचैन रेह्ते है. वो ये नहीं सोचते की क्या गलत है और क्या सहि. ऐसा ही तुम्हारे साथ भी हो रहा है.
सतीश : मम्मी ये सच नहीं है. हमारे स्कूल की बहुत सारी लडकियां मुझ पे मरती है. कुछ तो मुझसे चुदवाने को भी तैयार है. लेकिन मुझे उन सब में से कोई भी पसंद नहीं है. मुझे जो पसंद है वो तुम हो. तुम मेरी जान हो. मैं तुमसे बेतहाशा प्यार करता हु. तुम ही हो जिसे देख के मेरे दिन की शुरुवात होति है और तुम्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है और मुझे मजबूर करता है की में तुम्हे चोदुं. मैं जल्द से जल्द तुम्हे अपना बनाना चाहता हु. मैं शौक से तुम्हे बिना कपड़ों के देखना चाहता हु. "तुम्हेँ नंगी देखने महसुस करने और चोदने के लिए में कुछ भी कर सकता हु."
सानिया : "सतीश. यही वो गलत चीज़ है जिसे हम को रोकना है. तुम ऐसे अपनी मम्मी को ना देख सकते हो और ना ही चोद सकते हो."
सतीश : तो फिर तुम ही मुझे बताओ की में अपनी मम्मी को कैसे चोद सकता हूं.
सानिया : सतीश. तुम अपनी मम्मी को ऐसे वैसे या फिर कैसे भी नहीं चोद सकते. ये मुमकीन नहीं है. तुम एक बात समझ लो की ये नहीं हो सकता. तुम अपनी मम्मी के साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकते.
सतीश : तो फिर मम्मी अब आप ही बताओ की में क्या करूँ?
सानिया : अभी तुम अपने कमरे में जाओ और मुठ मार लो. मुठ मारने से तुम्हे थोड़ा सुकून मिलेगा.
जब तक तुम वापिस आओगे में तुम्हारे लिए नाश्ता बनाती हु.
सतीश : लेकिन मम्मी मुझे नहीं लगता की मुठ मारने से मुझे कुछ फायदा होगा. क्यूँ की में मुठ मार के खुद को थोड़ा शांत तो कर लुँगा लेकिन फिर वापिस आ के जैसे ही में तुम्हे देखूँगा मेरा लंड फिर से खड़ा हो के मुझे मजबूर करेगा की में तुम्हे चोदुं.
सानिया : सतीश. ये बात तो मेरे साथ भी है लेकिन मुझे देखो मेंने खुद पे किस तरहा क़ाबू किया हुआ है. उसी तरहा तुम भी कोशिश करो.
सतीश उदास हो के अपने रूम में चला जाता है और बेड पे लेट जाता है और किचन में हुए वाक्ये को याद करने लगता है.
उसकी मम्मी ने कैसे मस्ती में आके उसे किस में साथ दिया और कैसे अपनी चुत उसके लंड पे रगडी. और फिर बाद में उसके साथ कुछ करने से इन्कार कर दिया.
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ओ ये जानता है की उसकी मम्मी ने अभी कुछ देर पहले उसे जो भी कुछ कहा वो सिर्फ अपने दिमाग से कहा दिल से नहीं क्यों की दिल से तो मम्मी भी ये चाहती है की उसका बेटा अपना लंड उसकी चुत में दाल के उसे जम के चोदे और उसकी बरसो की प्यासी चुत की प्यास बुझाए.
सतीश को अपनी मम्मी को मजबूर कर ना पड़ेगा की वो अपने दिमाग से नहीं दिल से या फिर वीर्यभरी चुत से सोचै.
सतीश के किचन से बाहर जाते ही सानिया चेयर पे बैठ गयी. उसके निप्पल कड़क हो के नाइटी में साफ़ नज़र आ रहे है. उसकी चुत बेतहासा वीर्य छोड रही है.
हाय काश कितना अच्छा होता की में अपने बेटे से चुदवा के अपनी बरसो की प्यासी चुत की प्यास बुझा लेती. हाय कितना कडक, लम्बा मोटा और तगड़ा लंड है मेरे बेटे का. हाय कितना मज़ा दे रहा था वो मुझे.
हाय.....
ये तू क्या सोच रही है सानिया? वो तेरा बेटा है, उसके बारे में ऐसा सोचना गलत है. तुम एक मम्मी हो के अपने बेटे से नहीं चुदवा सकती. वो तो बच्चा है नादान है. लेकिन तू तो बड़ी है, समझदार है, तू ऐसा कैसे होने दे सकती है?
जीस चुत से वो बाहर निकला है उसी चुत में तू उसे अपना लंड घुसाने नहीं दे सकती. भले ही तेरे बेटे का लंड नौ इंच का है, दमदार है, तेरे पति के लंड से दूगना बड़ा और मोटा है. लेकिन फिर भी ये गलत है. मम्मी बेटे के बीच में चुदाई नहीं हो सकती.
भले ही में अपने बेटे को अपनी चुत नहीं चोदने दे सकती लेकिन थोड़ी फिंगरिंग और ड्राई फकिंग में क्या ख़राबी है. इस से किसी का क्या बिगडेगा.
वह ये जानती है की वो अपने बेटे के साथ सेक्स के लिए बहुत बेचैन है. इस लिए वो ये सोच रही है की अगर वो अपने बेटे के साथ चुदाई नहीं कर सकती तो कुछ मज़ा तो कर ही सकती है. थोड़े मज़े से कुछ नहीं बिगड़ेंगा. और दोनों को मज़ा भी आयेगा.
फिर अचानक उसकी समझ में आ गया की उसे क्या करना है. वो अपना छोटा सा खेल खेलेगी अपने बेटे के साथ. और वो ये कोशिश भी करेगी की उसका बेटा एक हद में ही रहे और पूरी तरहा से उसका साथ दे. इस काम की शुरुवात के लिए आज रात का वक़्त बिलकुल ठीक रहेगा.
देखते हैं मेरा बेटा मेरे इस खेल को कितना संभाल पाता है.
अपने खेल के बारे में सोचते सोचते सानिया मस्ती में झड गयी.
उसकी चुत से बेतहाशा वीर्य बहने लगा और उसकी पेन्टी को भिगोने लगा.
कुछ देर बाद सतीश अपने रूम से बाहर निकला. मम्मी में रात में लेट आऊंगा
ये कह के वो घर से बाहर चला गया.
सतीश के जाते ही सानिया फ़ौरन अपने प्लान को एक्शन में लाने में लग गयी.
लेकिन तभी उसके घर की बेल्ल बजी...
सानिया : अब ये कौन आ गया...?
सानिया गेट खोलते ही चोंक गयी... बाहर और कोई नहीं बल्कि उसका पति है...
पति : हैलो माय लव कैसी हो...?
सानिया : अरे आप अचानक...
पति : हाँ वो मेरा वहां का काम जल्दी ख़तम हो गया तो में आ गया... क्या तुम मेरे आने से खुश नहीं हो...?
सानिया : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है... मैं बहुत खुश हु...
पति : लेकिन...
सानिया : लेकिन क्या...?
पति : लेकिन ये की मुझे कल सुबह ही ऑस्ट्रेलिया जाना है...
सानिया : आप भी ना... आप भी ना आते ही जाने की बात कर रहे है....
पति : बिज़नेस मीटिंग है जान वरना में नहीं जाता...
सानिया : चलो ठीक है आप फ्रेश हो जाओ तब तक में आपके लिए खाना निकालती हु...
पति : नहीं में खाना खा के आया हु...
सानिया : ठीक है आप फ्रेश हो के सो जाइये...
पति : नहीं में थोड़ी देर टीवी देखुंगा...
ये कह के वो फ्रेश होने चला गया...
सानिया ये जानती है की सैटरडे को देर रात तक उसका पति अपना फेव चैनल देखता है. सानिया ने जान बूज के डीश का वायर लूस कर दिया जिस से की टीवी के सारे चैनल ऑफ हो गये. और अपने पति के आने पर झूठ कह दिया की डिश खराब है.
सानिया का पति मुह बनाते हुए अपने कमरे में जाने लगा की तभी सानिया ने उसे कहा.

सानिया : कल आप को ऑस्ट्रेलिया जाना है, तो मेरे ख़याल से आज आपको नींद की गोली ले के सोना चाहिए ताकि आप अच्छे से सो सको और कल सुबह जब आप सो के उठो तो फ्रेश फील करो और सफर में या काम में आपको कोई परेशानी न हो.
पति : तुम बिलकुल ठीक कह रही हो, लेकिन तुम तो जानती हो की में गोली नहीं खा पाता.
सानिया : उसकी चिंता आप मत करो मैंने इस दूध के गिलास में नींद की गोली मिला दी है. बस आप इसे पी के सो जाइये.
सानिया ने गिलास में नींद की गोली का डोस इतना ड़ाला है की जिसे पीने के बाद अगर आज उसके पति के कान के पास कोई बम भी फट जाए तो उस की नींद न खुले. पति दूध पी के सोने चले गया.
MAST NICE UPDATE
 

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