Incest मम्मी मेरी जान

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NICE INCEST

MAST MUMMY'S


MAST SON MOM RELATIONS UPDATE


सानिया : "हा, मेरे बेटे, मेरे जाणु, कम, निकाल दो अपना सारा माल अपनी मम्मी के लिये. आज मेरे नाम पे अपने लंड को झड जाने दो.

सतीश : "मा, ओह... मम्मी आह... ओह... मम्मी में झड रहा हु.
सानिया : मैं भी.....
दोनो मम्मी बेटा साथ में झड ने लगते है.
NICE EROTIC UPDATE

सानिया : "मजे करो....." लेकिन ज़्यादा मुठ मत मारना, कहीं ऐसा न हो की घर में तुम्हारे कम की बाढ़ आ जाये.

फिर सानिया अपने बेटे के हैरत और ख़ुशी से खुले मुह को चूम के नंगी अपने बैडरूम में चलि गयी.
उसका पति बेड पे गहरी नींदः में सो रहा है. वो उसी तरहा नंगी अपने पति की बगल में लेट गयी. उसका पूरा हाथ बेटे के वीर्य से भरा हुआ था उसने उसको सुंघा और फिर जुबान से थोड़ा सा वीर्य चाट के टेस्ट किया. सानिया ने आज से पहले कभी वीर्य नहीं चखा था आज उसे अपने बेटे का वीर्य इतना पसंद आया की उसका दिल किया की वो अपने बेटे का लंड चूस के उसका टेस्टी वीर्य मज़े ले के पीए.
NICE UPDATE
THANX DEAR FOR YOUR SUPPORT PLEASE LIKE AND COMMENTS
 
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UPDATE-50

सानिया शरमाते हुए अपने बेटे की तरफ मुह कर के खड़ी हो गयी... फिर उसने अपने पैर फ़ैलाये और अपनी चुत खोल के अपने बेटे से कहा.

सानिया : ले देख ले अपनी मम्मी की चुत से निकलते हुए पिशाब को...
सतीश मम्मी की चुत के सामने बैठ गया... और मम्मी की खुली हुई चुत को गौर से देखने लगा...
फिर जैसे ही सानिया की चुत की दोनों पंखड़ियों के बिच से पिशाब बाहर आया... सतीश से रहा नहीं गया और वो झट से मम्मी की चुत पे अपना मुह लगा कर मज़े से मम्मी की चुत से निकल रहे नमकीन पिशाब को पीने लगा...
अपणे बेटे की इस हरकत पे सानिया चोंक गयी.
सानिया : छि.. सतीश ये क्या गन्दी हरकत कर रहा है.. ये मेरा पिशाब है कोई अमृत नहीं जिसे तो मज़े से पी रहा है. चल हट वहां से और मुझे पिशाब करने दे.
ओ सतीश को ऐसा करने से मन तो कर रही थी.. पर अपने हाथ से अपने बेटे का सर अपनी पिशाब करती चुत से हटाने के बजाए.. मस्ती में अपने बेटे का सर अपने दोनों हाथों से कस के अपनी चुत पे दबा के.. अपने बेटे को अपना पिशाब पीला रही है.
सतीश मज़े से अपनी मम्मी की चुत से निकल रहे पिशाब को पीने लगा.
सानिया मस्ती में सिसकते हुए अपने बेटे के मुह में मूतति रहि.. कुछ देर बाद सानिया की चुत से पिशाब निकलना बंद हो गया.
सतीश ने अपनी मम्मी की चुत से निकले हुए पिशाब के वो आखरी बूँद भी चाट कर पी लिया..
फिर वो अपनी मम्मी की चुत को चाट्ने लगा. मम्मी की चुत चाट ते हुए अब सतीश की जुबान मम्मी के गांड के होल तक जाने लगी..
अपने बेटे की ज़ुबान को अपनी गांड के छेद पे मेहसुस कर के सानिया मस्ती में उछाल पड़ी और छटपटाने लगी...
ओ ज़ोर ज़ोर से सिसकारी लेने लगी...
सानिया : आआआगघः.... मममममम... ऊऊऊऊह्ह्... है... मेरे राआजाए... ये क्याआ... कर रहाआ... है... ये कैसा मज़ाआ... तु मुझे दे रहा है.... आआआह्ह्... हाआ... और ज़ोर से चाट.... मेरी चूत.... और गांड़... को खाआ.... जा चबा जाआआ... है.... बड़ा मज़ा आ रहाआ... है... मुझे....
करीब १५ मिनट तक सतीश मज़े लेके अपनी मम्मी की वीर्य छोडती चुत और गांड के छेद को चाट ता रहा..
सानिया : है.... में झड़ने... वाली हु... है में गइएएएएऐ...
फिर सानिया का जिस्म काम्पने लगा और वो अपने बेटे के मुह में झड़ने लगी...
सतीश बडे चाव से अपनी मम्मी की चुत से निकल रहे वीर्य को पीता रहा..
फिर अपनी मम्मी की चुत को चाटने के बाद उसने अपने अपनी मम्मी की चुत को किस किया और मम्मी को आँख मार के कहा.
सतीश : वाओ मम्मी.. तुम्हारी चुत से निकले नमकीन और टेस्टी पिशाब को पी के मज़ा आ गया... तुम्हारी चुत और गांड बहुत टेस्टी है.. सानिया अपने बेटे की बात सुन के शरमाने लगी...
सानिया : धत... ऐसी बात भी कोई बेटा अपनी मम्मी से करता है क्या... तु न बहुत बिगड गया है...
सतीश : है... मम्मी तेरी इस अदा ने तो मार ही डाला..
सानिया : चल... अब ज़्यादा नौटंकी मत कर
सतीश : मम्मी.. चलो न साथ में नहाते है... मुझे बड़ा मन है तुम्हारे साथ नहाने का...
सानिया : जी नही... अभी तुम अकेले ही नहाओ... हम बाद में साथ में नहायेंगे...
ये कह के सानिया उठि और अपने सेक्सी चुत्तड़ मटकाते हुए बाथरूम में नहाने चलि गयी...
सानिया कुछ ही देर में नहा के अपने जिस्म पे टॉवल लपेटे बाथ रूम से बाहर निकली...
सतीश : वाओ मम्मी तुम तो जन्नत की परी लग रही हो...
सानिया : सतीश तुम यहाँ क्या कर रहे हो...?
सतीश : अपनी परी का इन्तेजार... आज तुम्हे में अपने हाथों से तैयार करुँगा... आज में अपनी सेक्सी मम्मी के सेक्सी जिस्म को अपने हाथों से सजाऊंगा....
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया शरमाने लगी...
सानिया : ठीक है... लेकिन कोई शरारत नही...
सतीश उठा और अपनी मम्मी के पास गया... उसने अपनी मम्मी के सेक्सी जिस्म पे से टॉवल हटा के उसे बेपरदा कर दिया...
सतीश : मम्मी पहले मुझे तुम्हारे ऊपर के होठो पे तो लिपस्टिक लगाने दो...
ये कह के सतीश बिना अपनी मम्मी का जवाब सुने अपनी मम्मी के होठो पे लिपस्टिक लगने लगता है... फिर लिपस्टिक लगाने के बाद अपने होंठ मम्मी के लिपस्टिक लगे होठो पे रख के उन्हें चूसने लगता है...
सानिया भी मस्ती में अपने बेटे का साथ देणे लगती है. दोनों माँ बेटा मस्ती में एक दूसरे के होठो को चूसने लगते है... क़रीब १० मिनट की किसिंग के बाद सानिया अपने बेटे से अलग होती है...
तभी अचानक घर की डोर बेल बजती है और दोनों चौंक जाते है...
सतीश : नहीं यार.... ये कौन साला कबाब में हड्डी बन्ने चला आया...
सानिया मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोलने चलि जाती है...
घर का दरवाज़ा खोलते ही वो चोंक जाती है.. घर का दरवाज़ा ख़ुलते ही सानिया चौंक जाती है... बाहर और कोई नहीं उसका पति विशाल खड़ा है...
विशाल : वाओ मेरी जान आज तो तुम एक दम क़यामत लग रही हो...
विशाल की बात सुन के सानिया शरमाने लगती है...
फिर इस से पहले की सानिया कुछ कहती सतीश वहां आ जाता है...
सतीश : कौन है मम्मी..?
सानिया : तुम्हारे डैड...
सतीश : अरे डैड आप बाहर क्यों खड़े हैं अंदर आइये ना... ये आप ही का घर है...
अपणे बेटे की बात सुन के सानिया मुस्कुराते हुए कहती है...
सानिया : वैरी फन्नी...
विशाल : मुझे पता है की ये मेरा घर है...
और विशाल घर मे आ जाता है
ओ शनिवार की रात थी. सतीश फिर से पायजामा टी-शर्ट पहने बड़े सोफ़े के कोने पर बैठा हुआ था और उस सोफ़े के दूसरे कोने पर सानिया बैठि हुयी थी. विशाल एक दूसरे साइट सोफ़े पर पीछे को धस लगाकर बैठे हुए थे. विशाल का सोफा उनके सोफ़े से ९०° के कोने पर था. वो अपने चेहरे के आगे 'द एकनॉमिस्' किये पढ़ रहे थे और बिच बिच में आंख उठाकर टीवी देख लेते थे.
 

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