Incest पुरे परीवार मे चुदाइ का बुखार (Completed)

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मैं – हुम्म्म: सोच रहा हूँ क्या करूँ… क्या डेयर दूँ…



पिंकी – तुम भी पूरे नंगे हो और मैं भी पूरी नंगी हूँ… चाहो तो, अपना लण्ड मुझ से चूसवा लो… मुझे भी मज़ा आएगा…



मैं – हाँ, आ जाओ ना… चूस लो ना, मेरा लण्ड… ये कब से बेताब है… और पिंकी सोफे से उठी और मेरे सोफे के सामने, अपने घुटने पर बैठ कर मेरी कमर पकड़ कर मेरा लण्ड चूसने लगी।



थोड़ी देर चूसने के बाद, पिंकी ने लण्ड मुंह से निकाला.!



पिंकी – चलो ना, अब बेड पर चलते हैं… गेम बंद करो और मुझे बेड पर ले चलो… कब से मैं तुम्हारे लण्ड की भूखी हूँ… प्लीज़, मुझे अब बेड पे ले जा के चोद दो ना, आलोक…



मैं – मैं भी कब से, तुम को चोदना चाहता हूँ… चलो उठो… बेड पर चलते हैं…



मैंने पिंकी को उठाया और हम दोनों, बेड पर आ गए।



मैं पिंकी के बूब्स चूसने लगा और वो बेड पर मचलने लगी।



थोड़ी देर बाद, मैं उसकी चूत चाटने लगा।



पिंकी – उंहमहम: आअहह… आलोक, बहुत मज़ा आ रहा है… जीभ अंदर डाल के, लीक करो ना…



और मैं उसकी चूत के अंदर, जीभ फिराने लगा और वो और ज़ोर से बेड पर तड़पने लगी।



पिंकी – आअहह… मैं एक दम तैयार हूँ, अब और इंतेज़ार नहीं होता… प्लीज़, अब लण्ड डालो ना…



फिर, मैंने पिंकी को सीधा बेड पर लिटाया और उसके उपर चढ़ गया।



अपना लण्ड हाथ में पकड़ कर, एक ही झटके में पूरा अंदर घुसा दिया।



पिंकी के मुंह से सिसकारियाँ निकलने लगी और मैं उसे धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करते हुए, चोदने लगा।



धीरे धीरे, मैं अपनी स्पीड बड़ा रहा था और साथ ही पिंकी की सिसकारियाँ भी तेज़ होती जा रही थी.!



पिंकी – आ आ अहह… आ आ आह… ओह… ऐसे ही, ज़ोर से… चोदो… मेरी ले लो… मैं रंडी हूँ… मेरी मार लो… आ आ हह… मस्त लण्ड है तेरा… कुतिया की तरह, चोद मुझे… आ आहह… फाड़ डाल, मेरी चूत… मैं झड़ रही हूँ… करते रहो… ऐसे ही… आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह ह ह…



मैं – साली, रंडी… कुतिया… ले और ले… आह अहहा… और फिर हम दोनों ने एक साथ चरम आनंद का अनुभव किया और मैंने पिंकी की चूत के अंदर ही निकाल दिया।



चुदाई के बाद, पिंकी ने विस्की का थर्ड पेग बनाया और हम दोनों सोफे पर नंगे ही, आमने सामने बैठ कर, विस्की सीप करने लगे।



पिंकी – बहुत मज़ा आया, आज चुदाई में… मैं कब से, तुम्हारे लण्ड की भूखी थी… आज तुम्हारे लण्ड का मज़ा मिल ही गया… अब हम दोनों जब तक यहाँ हैं, रोज़ चुदाई करेंगें और खूब ऐश करेंगें… बड़ा मज़ा आएगा…



मैं – हाँ, सच में मज़ा आएगा… मैं भी कब से, तुम को चोदने के लिए तड़प रहा था… जब भी तुम को देखता था, लण्ड टाइट हो जाता था…



पिंकी – काश, मुझे कभी वरुण का लण्ड भी मिल जाए… मुझे उसका भी चाहिए और क्या मस्त बॉडी है, उसकी…



मैं – सुरभि भी, कोई कम नहीं है…



पिंकी – हाँ, सुरभि भी कोई कम रंडी नहीं है… उसकी आँखों में भी मैंने तुम्हारे और ब्रजेश के लण्ड के लिए, भूख देखी है… ब्रजेश और सुरभि, पिछले 2 हफ्ते घर पे अकेले थे… मुझे पूरा यकीन है की सुरभि ने ब्रजेश को सिड्यूस कर के, उसका लण्ड ले लिया होगा और अब मुस्कान भी वहाँ पहुँच चुकी है… ब्रजेश ने कई बार, मुझे चोदते हुए मुस्कान का नाम लिया है… ब्रजेश मुस्कान की भी चूत मारना चाहते हैं… हो सकता है, सुरभि उनकी मदद कर दे तो तीनों मिल के, खूब चुदाई कर रहे होंगे…



मैं – मुझे तुम तो मिल ही गई हो… मुस्कान, अगर पापा और वरुण से चुदती है तो मुझे कोई प्राब्लम नहीं… पर, मुझे सुरभि की भी चाहिए… उसकी स्कर्ट में मोटी मोटी मस्त जांघें और बड़े बड़े बूब्स देख कर, मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है…



पिंकी – ठीक है, आगे जब भी मौका लगेगा, मैं तुम को सुरभि की दिलवाने की कोशिश करूँगी… पर तुम भी कोशिश करना की मुझे कभी वरुण के साथ अकेले रहने का मौका मिले… सिड्यूस तो, मैं उसे खुद ही कर लूँगी…



मैं – ठीक है… वादा रहा…
 
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तो दोस्तो, जैसा की आप ने अब तक पढ़ा की कैसे सुरभि और पापा को घर पे अकेले रहने का मौका मिला और सुरभि ने पापा को सिड्यूस किया।



फिर, कैसे मैं ऊटी से अपना काम ख़तम कर के पिंकी के पास सिंगापुर पहुँचा और पिंकी ने कैसे मुझे सिड्यूस किया और हम ने बहुत चुदाई की.!



जैसा की आप जानते हैं के जब मैं ऊटी से सिंगापुर के लिए निकला, उसके एक दिन पहले मुस्कान ऊटी से घर आ गई थी क्यों की उन दिनों सिर्फ़ पापा ऑफीस जा रहे थे.! इसलिए, सुरभि फ्री थी और सुरभि मुस्कान को लेने एयरपोर्ट आ गई थी.!



सुरभि ने एयरपोर्ट से मुस्कान को लिया और दोनों घर के लिए निकले, गाड़ी में।



सुरभि – तो कैसा रहा, तेरा हनिमून आलोक के साथ… 2 हफ्ते, बहुत मज़ा किया होगा, तुम दोनों ने ऊटी में…



मुस्कान – अरे नहीं, हनिमून कहाँ यार… शादी के बाद में, ये मेरा और आलोक का चौथा विकेशन था… अब वो पहले हनिमून जैसी बात अब कहाँ रही… पर, हाँ विकेशन में मज़ा बहुत आया…



सुरभि – तो क्या तू आलोक के लण्ड से संतुष्ट नहीं है… ज़यादा चोदता नहीं क्या, तुझे वो…



मुस्कान – अरे!! नहीं नहीं… ऐसी बात नहीं है… आलोक, बहुत पक्का और असली मर्द है और उसका लण्ड भी लंबा और मोटा है… फाड़ के रख देता है, मेरी… विकेशन पे एक दिन में, कई कई बार ले लेता है… मेरा मतलब था की फर्स्ट हनिमून में जो नयापन का मज़ा था, वो अब नहीं बचा क्यों की वही सब कुछ हम कई बार कर चुके हैं…



सुरभि – तो तू पटा ले ना, किसी को… आलोक के लण्ड के मज़े के साथ साथ, तुझे नयापन भी मिल जायगा…



मुस्कान – हाँ यार!! ऐसा ही कुछ सोच रही हूँ… देखती हूँ… कुछ ना कुछ तो करूँगी…



सुरभि – मेरे पास एक आइडिया है…



मुस्कान – बता…



सुरभि – मुझे भी आलोक पसंद है… तू मेरे लिए, मुझे तेरे पति आलोक को पाटने में मेरी मदद कर दियो और तू मेरे पति वरुण को पटा ले… मैं तेरी मदद कर दूँगी…



मुस्कान – वाउ!! एक्सचेंज ऑफर… हाहहाहा… तुम सीरीयस हो… कहीं तू मज़ाक तो नहीं कर रही…



सुरभि – अरे, नहीं यार… मेरा भी हाल, कुछ तेरी तरह ही है… कुछ नयापन हो लाइफ में, तो मज़ा आ जायगा…



मुस्कान – चल, बाद में सोचते हैं इस बारे में… अभी आज कल तो वरुण मॉरिशस में है और आलोक सिंगापुर में और यहाँ पर तो सिर्फ़ ससुर जी ही हैं।



दोनों घर पहुँचते हैं और अपने अपने रूम में, चले जाते हैं।



मुस्कान नहा के फ्रेश हो जाती है और सो जाती है।



सुरभि भी अपने रूम में, रेस्ट करने लगती है।



शाम को, पापा ऑफीस से घर आते हैं।



सुरभि, दरवाज़ा खोलती है।



पापा अंदर आते ही, सुरभि को पकड़ कर किस करने लगते हैं, तो सुरभि उनको दूर हटाते हुए बोलती है की अभी नहीं… मुस्कान घर पर है… 8 बजे, डिन्नर पर मिलते हैं… फिर रात में, मुस्कान के सोने के बाद… मैं आप के कमरे में आ जाउंगी…



रात 8 बजे, सुरभि पापा और मुस्कान तीनों डिन्नर टेबल पर थे।



सुरभि ने काली स्कर्ट और काला टॉप पहना था।



टॉप में से उसकी क्लीवेज मस्त लग रही थी, जो किसी को भी पागल बना दे।



मुस्कान ने अपने सिग्नेचर स्टाइल में, पर्पल कलर की सादी और पारदर्शी साड़ी, मिलते रंग के बिकनी ब्लाउज के साथ पहनी थी।



साड़ी उसने नेवेल से, बहुत नीचे बँधी थी।



पापा उसकी नेवेल, क्लीवेज और पीठ ललचाई नज़रों से बस घूरे जा रहे थे।



पापा सिर्फ़ अपने गाउन में थे और उन्होने, अंदर कुछ नहीं पहना था।



सुरभि – हमारा डिन्नर टाइम तो हो गया पर आज कुछ ज़यादा भूख नहीं है…



मुस्कान – हाँ, मैंने भी लेट खाया था फ्लाइट में…



ससुरजी – मेरा तो एक दो ड्रिंक्स लेने का मन है, अभी…



सुरभि – तो चलिए, फिर हम तीनों लिविंग रूम में बार के पास चलते हैं और कुछ देर वहीं बैठ के 2 या 3 ड्रिंक्स लेते हैं… पहले, मुस्कान तुम पिओगी ना…



मुस्कान – ओह!! हाँ हाँ क्यूँ नहीं… चलो…



सुरभि और मुस्कान, लिविंग रूम में जा के एक 3 सीटर सोफे पे जा के आस पास बैठ गई और पापा बार के सामने खड़े हो कर ड्रिंक्स बनाने लगे।



ससुरजी – मुस्कान, तुम क्या लोगी…



मुस्कान – पापा, मैं वाइट वाइन…



ससुरजी – और सुरभि, तुम…



सुरभि – मुझे तो कुछ भी चलेगा… आप जो अपने लिए बना रहे हो, वही मुझे भी डाल डो… (पापा को देख कर, हंसते हुए)



ससुरजी – मैं विस्की ले रहा हूँ… विस्की चलेगी…



सुरभि – हाँ हाँ… क्यूँ नहीं…



पापा ने सुरभि और मुस्कान को उनका ड्रिंक दिया और अपना ड्रिंक ले के, उनके सामने वाले सोफे पे बैठ गई।



तीनों, अपना अपना ड्रिंक सीप कर रहे थे।



अपना ड्रिंक सीप करते हुए पापा, फिर मुस्कान के अधनंगे जिस्म को निहारने लगे।
 
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सुरभि ने पापा को मुस्कान की तरफ घूरते हुए देखा तो उसने चुपके से मुस्कान का आँचल पकड़ कर, उसकी साड़ी का पल्ला धीरे धीरे खींच कर ढलका दिया।



जब मुस्कान का पल्ला ढलका तो उसने सुरभि की ये हरकत नोटीस की और मुस्कान ने सुरभि की तरफ देखा तो सुरभि ने मुस्कान को चुपके से आँख मार कर, इशारा किया और पापा की तरफ देखा।



मुस्कान ने भी सुरभि की नज़रों का पीछा करते हुए, पापा की तरफ देखा तो सारी बात समझ गई।



पापा को उसने, अपनी तरफ घूरता पाया और उनके गाउन में लण्ड का काफ़ी उँचा टेंट भी बन रहा था।



मुस्कान ने वापस, सुरभि की तरफ देखा।



दोनों की नज़रें मिली और दोनों के होठों पर स्माइल थी।



मुस्कान, समझ गई थी की पापा की सिड्यूस करना है।
 
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अब मुस्कान के सिने से, साड़ी का आँचल ढलाक चुका था।



वो, थोड़ा सीधा हो कर बैठ गईं।



पापा अपना ड्रिंक सीप करते हुए, मुस्कान को देख रहे थे।



मुस्कान को देखते हुए और ड्रिंक सीप करते हुए अंजाने में, पापा का दूसरा हाथ उनके लण्ड की तरफ चला गया और वो अपना खड़ा लण्ड गाउन के ऊपर से सहलाने लगे।



इस हालात पे, सुरभि चुटकी लेते हुए बोली।



सुरभि – क्या पापा, जब से मुस्कान आई है… आप तो मेरी तरफ देख भी नहीं रहे…



ससुरजी (सकपका कर लण्ड से, हाथ हटाते हुए) – अरे नहीं, सुरभि ऐसी कोई बात नहीं है…



सुरभि – अच्छा, आप को मेरे और मुस्कान में से कौन ज़यादा पसंद है…



ससुरजी – तुम दोनों ही, मुझे अज़ीज़ हो…



पहली ड्रिंक ख़तम हो गई थी, पापा सोफे से उठ कर खड़े हुए।



ससुरजी – लाओ, अपना अपना ग्लास दो… मैं अगला ड्रिंक बनाता हूँ…



ये कहते हुए, पापा पहले सुरभि की तरफ बड़े और उसका ग्लास ले कर मुस्कान की तरफ मुड़े।



मुस्कान के सामने झुक कर, पापा ने उसके बिकनी ब्लाउज की डीप क्लीवेज में अंदर तक झाँकते हुए, उसे से ग्लास लिया।



मुस्कान ने अभी भी, अपना ढलका हुआ आँचल नहीं उठाया था और उसका उठाने का कोई इरादा भी नहीं था.!



पापा ने दोनों को एक एक ड्रिंक और बनाया और पहले, सुरभि का ड्रिंक उसकी तरफ बड़ाया।



फिर, पापा मुस्कान के पास जा कर थोड़ा झुक कर फिर से मुस्कान के बिकनी ब्लाउज की डीप क्लीवेज में, अंदर तक झाँकते हुए उसे ड्रिंक देने लगे।



मुस्कान – अरे!! कहाँ देख रहे हो, पापा… यहाँ देखो, नहीं तो ड्रिंक गिर जाएगी…



ससुरजी – ओह सॉरी… ये लो तुम्हारे ड्रिंक…



मुस्कान (ड्रिंक लेते हुए) – धन्यवाद पापा…



पापा, वापस अपने सोफे पे जा कर बैठ गये।



तीनों, अपना दूसरा ड्रिंक सीप करने लगे।



पापा अभी भी, मुस्कान की निहार रहे थे।



मुस्कान – पापा, आज क्या बात है… आज तो आप, मुझे कुछ ज़यादा ही प्यार से देख रहे हो…



सुरभि – हाँ, मुझे भी जलन हो रही है…



ससुरजी – ऐसा कुछ नहीं है, बेटा…



मुस्कान – पापा, आप उतनी दूर वहाँ क्यों बैठे हो… आप भी इसी सोफे पे आ जाओ ना… जो देखना है, पास से देख लेना… अच्छा लगेगा…



ससुरजी – मुस्कान, तुम को कुछ बुरा तो नहीं लगा…



मुस्कान – नहीं नहीं… बिल्कुल भी नहीं… आप आ जाओ ना, यहाँ…



ससुरजी – ठीक है… फिर, मैं वहीं आता हूँ…



और पापा उसी थ्री सीटर सोफे पर सुरभि और मुस्कान के बीच में बैठ गये और पापा फिर चोरी चोरी, मुस्कान का जिस्म देखने लगे।



सुरभि – पापा, मैं भी तो सेक्सी हूँ और मैंने भी कम कपड़े पहने है… लेकिन, आप तो बस, मुस्कान को ही देखे जा रहे हो…



मुस्कान – हा हा हा…



ससुरजी – तुम दोनों ही बहुत सेक्सी हो… पर मुस्कान, आज इतने दिनों बाद आई है तो…



सुरभि – तो क्या आप, आज मुस्कान को पूरी नंगी देखना चाहते हो…



मुस्कान – पापा, आप मुझे नंगी देखना चाहते हो तो बता दो… मुझे कोई प्राब्लम नहीं है… मैं अभी आप के सामने नंगी हो जाउंगी.!



सुरभि – चलो, एक काम करते हैं… हम सभी नंगे हो जाते हैं… मज़ा आएगा…



मुस्कान – चलो, तो फिर ठीक है…



सुरभि ने फिर पापा के जवाब का इंतेज़ार नहीं किया और उनका गाउन खोल कर, कंधों पर से खिसका कर उतार कर एक तरफ फेंक दिया।



पापा, अब पूरे नंगे हो गये थे और अपना लण्ड पकड़ कर बैठे थे और हिलाते हुए अभी भी मुस्कान के बूब्स देख रहे थे।



पापा का गाउन उतारने के बाद, सुरभि ने अपना टॉप स्कर्ट और पैंटी भी उतार दी और पलक झपकते ही, पूरी नंगी हो गई और पापा के सामने सेंटर टेबल पर खड़ी हो कर, पोज़ कर कर के पापा को दिखाने लगी।



पापा, थोड़ी देर देखते रहे और अपना लण्ड पकड़ कर हिलाते रहे।



थोड़ी देर, देखने के बाद.!



ससुरजी – सुरभि, हम दोनों तो नंगे हो गये हैं… अब, मुस्कान को भी नंगी करो ना…



सुरभि – मुस्कान तू आ जा ना, टेबल के ऊपर… मैं तुझे पापा के सामने नंगी करती हूँ… पापा बेताब हो रहे हैं, तुझे नंगा देखने के लिए…



मुस्कान – बिल्कुल…



मुस्कान उठ कर, पापा के सामने सेंटर टेबल पर खड़ी हो गई।



सुरभि ने उसकी लटकती हुई साड़ी, मुस्कान के चारों तरफ से घुमा कर पूरी निकाल दी और एक तरफ फेंक दी।



अब मुस्कान के बदन पर, तीन कपड़े थे – बिकनी ब्लाउज, पेटीकोट और पैंटी.!



सुरभि मुस्कान के पीछे, टेबल पर खड़ी हो गई और मुस्कान का फ्रंट पापा के सामने था और पापा सोफे पर नंगे बैठ कर, लण्ड के साथ खेल रहे थे।



सुरभि – पापा, ये आप की रंडी है… बताओ, पहले इसका क्या उतारूँ, ब्लाउज या पेटीकोट… पहले क्या देखोगे, इसकी टाँगें या बूब्स…



ससुरजी – पेटीकोट उतार दे, रांड़ का पहले…



सुरभि ने मुस्कान का पेटीकोट उतार दिया।



अब मुस्कान पैंटी और बिकनी ब्लाउज में थी।



सुरभि – पापा, अब क्या उतारूँ छिनाल का…



ससुरजी – ब्लाउज और पैंटी भी निकाल दे… कर दे, इसको नंगी…



सुरभि ने मुस्कान को फिर पूरा नंगा कर दिया।
 
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मुस्कान – पापा, लो मैं नंगी खड़ी हूँ, आप के सामने… देख लो, मुझे जी भर के… मुझे अपने इस्तेमाल की चीज़ बना लो… मैं प्यासी हूँ, आप के तगड़े लण्ड की… कर लो मेरे साथ, जो जी चाहे… चूत, ले लो मेरी… चोद डालो, मुझे…



पापा ने मुस्कान का हाथ पकड़ कर, उसे टेबल पर से नीचे उतरा और उसे ज़ोर से हग कर के किस करने लगे।



सुरभि भी टेबल पर से नीचे आ गई और उसने पापा को पीछे से हग कर लिया।



मुस्कान (लिप्स अलग करते हुए) – चलो, हम पापा के बेडरूम में चलते हैं…



पापा ने मुस्कान को गोदी में उठा लिया और तीनों बेड रूम की तरफ चल पड़े।



बेड रूम में पहुँच कर, पापा ने मुस्कान को बेड पर फेंक दिया।



फिर उन्होंने सुरभि को पकड़ा और उसको भी उछाल कर, बेड पर फेंक दिया।



पापा खुद भी, बेड पर आ गये।



अब पापा ने मुस्कान की टाँगें फैलाई और अपना मुंह बीच में घुसा कर, मुस्कान की चूत चाटने लगे और मुस्कान मस्ती के मारे, बेड पर मचलने लगी।



सुरभि भी मुस्कान के बूब्स और निपल्स सक करने लगी।



मुस्कान का एक हाथ, पापा के सिर पर था.! जिस से, वो उनका मुंह अपनी चूत पे दबा रही थी और दूसरा हाथ सुरभि की चूत में उंगलियाँ कर रहा था.!



थोड़ी देर चाटने के बाद, पापा उठे और अपना लण्ड के कर आगे बड़े और मुस्कान के बूब्स पर रगड़ने लगे।



थोड़ी देर रगड़ने के बाद, पापा ने मुस्कान के बाल पकड़े और अपना लण्ड उसके मुंह की तरफ बड़ाया।



मुस्कान ने मुंह खोल कर, पापा का लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी, तभी पापा ने सुरभि को भी लण्ड के नीचे खींच लिया और बॉल्स चाटने को कहा।



अब मुस्कान पापा का लण्ड चूस रही थी और सुरभि उनके बॉल्स चाट रही थी।



थोड़ी देर बाद, पापा ने अपना लण्ड मुस्कान के मुंह में से निकला और मुस्कान को सीधा लिटा दिया।



फिर, पापा ने मुस्कान की टाँगें फैलाईं और अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगे और धीरे धीरे, अंदर डाल दिया।



अब पापा का लण्ड, मिशनरी स्टाइल में मुस्कान के चूत के अंदर था और वो धीरे धीरे, अंदर बाहर चोट करने लगे।



उधर सुरभि, साइड में लेटी चुदाई देखते हुए खुद को ही फिंगरिंग कर के मज़ा ले रही थी।



ससुरजी – आअहह… मुस्कान, कब से तमन्ना थी तुम को चोदने की… आज पूरी हो ही गई…



मुस्कान – चोद लो, मुझे जी भर के पापा… में तो खुली चूत हूँ… कभी भी, चोद लेते मुझे… मैं कभी निराश नहीं करती, आप को…



ससुरजी – आहहाम्ह… मुझे नहीं पता था, तू भी पिंकी जैसी रंडी है… पिंकी ने तो आज तेरे पति से चुदवा ही लिया होगा, सिंगापुर में…



मुस्कान – मुझे कोई दिक्कत नहीं है, आलोक किसी को भी चोदे… असल में पापा, मैंने और सुरभि ने स्वपिंग का प्लान बनाया है… वो मुझे वरुण को सिड्यूस कर के, वरुण से चुदवाने में हेल्प करेगी और मैं उसे आलोक को सिड्यूस कर के, चुदवाने में हेल्प करूँगी… मैं चाहती हूँ, मुझे वरुण का भी लण्ड मिले और आलोक, सुरभि को भी खूब चोदे… मुझे अंदाज़ा है, आप ने पिछले पूरे हफ्ते सुरभि को खूब चोदा होगा, इसीलिए आज आप मुझ में ज़यादा इंटेरेस्ट ले रहे हो



ये सब सुन कर, पापा की वासना बड गई और वो और ज़ोर ज़ोर से मुस्कान को चोदने लगे – आ आ अहह आ आहह… पापा ले लो, मेरी… ऊओह हा आंन्न्… लो, ज़ोर से… आ मम ग गग ग गग ग म उउउ क्कक क क आअ आ आ आ अहह…



फिर पापा ने लण्ड मुस्कान की चूत में से निकाला और मुस्कान की नाभि पर रगड़ ने लगे। तभी, मुस्कान ने बोला – पापा, मेरे चेहरे पर निकालो…



पापा ने अपना लण्ड मुस्कान के फेस पर रगड़ना शुरू कर दिया।



थोड़ी देर रगड़ने के बाद, उनका मुस्कान के चेहरे पर निकल गया…



चुदाई के बाद, खाना खाते हुए.!



ससुरजी – सुरभि मुझे तुम लोग अपने स्वापिंग के प्लान में शामिल कर लो… सुरभि, मैं एक काम करता हूँ… कुछ काम निकाल के, तुम को आलोक के पास सिंगापुर भेज देता हूँ और पिंकी को वरुण के पास मॉरिशस भेज देता हूँ… पिंकी तो रंडी है ही, वो मौके का फ़ायदा उठा कर वरुण से चुदे बिना नहीं रहेगी और मुझे यकीन है, अकेले होटल में तुम आलोक को सिड्यूस ज़रूर कर लोगी…



मुस्कान – गुड आइडिया… तब तक मैं और पापा, यहाँ मज़े करते हैं…
 
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तो दोस्तो, जैसा की आप जानते हैं सुरभि, मुस्कान और पापा ने डिसाइड किया था, अगले दिन पापा ने मुझे सिंगापुर कॉल किया और बोला की वरुण मॉरिशस में अकेला है और उसकी विज़िट एक हफ्ते और एक्सटेंड हो गई है… मैंने उसको युरोप में कुछ नई पार्ट्नर्स से मिलने के लिए बोला है, वो वहाँ मॉरिशस से यूके और फिर जर्मनी भी जाएगा… तुम एक काम करो, तुम पिंकी को वरुण की हेल्प के लिए, कल सिंगापुर से मॉरिशस भेज दो और मैं कल सुरभि को वहाँ तुम्हारे पास, सिंगापुर तुम को असिस्ट करने के लिए भेज रहा हूँ…



मैंने कहा – जैसा आप ठीक समझें, पापा…
 
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फिर पापा ने बताया की सुरभि मुझे कॉल कर के फ्लाइट डीटेल्स वगेरह दे देगी और तुम उसे एयरपोर्ट से ले आना और पिंकी को कल रवाना कर देना और बोल देना की वरुण से कॉल पर बात कर ले।



मैंने कॉल पे, बात ख़तम की।



मैं सिंगापुर में अपने होटल के रूम में था और पिंकी बाथरूम में शावर ले रही थी।



मैंने कॉल रखा और अपने पूरे कपड़े उतार के, नंगा हो गया।



फिर, मैं नंगा ही बाथरूम के तरफ बड़ा।



बाथरूम का दरवाज़ा, लॉक नहीं था।



मैं दरवाज़ा खोल कर, बाथरूम के अंदर गया।



अंदर, पिंकी शावर के नीचे नंगी खड़ी हो कर शावर ले रही थी।



उसने एक बार नज़र उठा के मेरी तरफ देखा, एक हल्की सी स्माइल दी और फिर से आँखें बंद कर के शावर का मज़ा लेने लगी।



मैं जा कर शावर में, पिंकी के पीछे खड़ा हो गया और उसके दोनों बूब्स पीछे से हाथ फैला कर, दोनों को हाथों में भर लिया और निपल्स हल्के हल्के पिंच करने लगा।



मेरा लण्ड भी पूरा तन के खड़ा था और मैं अपने लण्ड को पिंकी की नरम नरम गाण्ड पर रगड़ रहा था।



पिंकी – क्या मेरी यहाँ शावर में, गाण्ड मारने का इरादा है, आलोक… कल रात भर की चुदाई से, दिल नहीं भरा क्या अभी…



मैं – हाँ, पिंकी मारनी तो मुझे तुम्हारी है… पर गाण्ड नहीं, चूत मारनी है… यहाँ शावर में नहीं… चलो, बेड पर चलते हैं…



पिंकी – अभी तो वहीं थी… फिर, अब तुम इतना बेसब्र क्यों हो रहे हो की मुझे वापस लेने बाथरूम में ही आ गये…



मैं – वो इसलिए की आज शाम को, तुम जा रही हो और तुम्हारे जाने से पहले मैं तुम्हारे बदन का पूरा मज़ा लेना चाहता हूँ…



पिंकी – क्या… मैं कहाँ जा रही हूँ…



मैं – अभी पापा का कॉल आया था… उन्होंने वरुण का युरोप ट्रिप एक्सटेंड कर दिया है और तुम को मॉरिशस भेज रहे हैं, वरुण से चुदने के लिए… मेरा मतलब, उसकी हेल्प करने के लिए और मुझे यकीन है की तुम वरुण को सिड्यूस कर के चुदवा ही लोगी… तुम को आज शाम को ही निकलना है और सुरभि कल यहाँ आ रही है मुझे असिस्ट करने… मेरा बड़ा मन है, सुरभि को चोदने का पर पता नहीं क्या होगा… पता नहीं, वो मुझ से चुदेगी या नहीं… तुम कल कह रही थी ना, सिंगापुर की सुपर चुड़क्कड़ रंडियों के बारे में… लगता है, आज रात को किसी रंडी को ही बुलाना पड़ेगा, क्यों की आज शाम तुम जा रही हो और सुरभि कल आईगी… आज रात, अकेला रहूँगा तो किसी रंडी को बुला के लण्ड चूसवा लूँगा… मैं आराम से, सोफे पे बैठ कर दारू पीता रहूँगा और रंडी नीचे मेरी टाँगों के बीच बैठ कर लण्ड चूसती रहेगी…



पिंकी – हुंह… ठीक है… मज़ा आएगा… मैं तो अभी से मचल रही हूँ, वरुण से चुदने के लिए… मुझे नहीं पता था, हम दोनों को मौका इतनी जल्दी मिलेगा… मुझे वरुण से चुदने का और तुम को सुरभि को चोदने का…



मैं – यार, पता नहीं सुरभि मुझे चूत देगी या नहीं…
 
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पिंकी – अरे डोंट वरी… वो सुरभि, रंडी है एक नंबर की… मुझे पूरा यकीन है की वो पापा से चुद रही होगी और मुस्कान के वहाँ पहुँचने के बाद, उसने मुस्कान को भी अब तक पापा से चुदवा दिया होगा… एक ही बेड पर, थ्रीसम किया होगा – पापा, सुरभि और मुस्कान ने… शायद ये तीनों का ही प्लान है… पापा और मुस्कान, वहाँ मज़ा करेंगें और वो रंडी सुरभि यहाँ आ कर, अब तुम से चूड़ना चाहती होगी… मुझे वरुण के पास भेज रहे हैं… ब्रजेश ने सोचा होगा की अभी तक में तुम से चुद चुकी होंगी और फिर मॉरिशस जा कर वरुण को सिड्यूस कर ही लूँगी…



मैं – हुंह, मज़ा आएगा… मेरा बहुत मन है, सुरभि को चोदने का…



इतना कह कर, मैंने पिंकी को बाहों में उठा लिया और बाथरूम से बाहर की तरफ लाने लगा।



पिंकी – अरर्रा आआ ययय ययय यायययी… क्या कर रहे हो, मैं गिर जाउंगी…



मैं – डोंट वरी, कुछ नहीं होगा… तुम को बिस्तर पे ले जा रहा हूँ, चोदने के लिए…



फिर, मैं पिंकी को बाहों में उठाए चलता हुआ, बाथरूम से बाहर आ गया और उसको गीला ही बिस्तर पर फेंक दिया।
 
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वो बेड के स्प्रिंग मट्रेस्स पर दो बार उछली और फिर सीधी हो कर, सीधा लेट गई।



सीधा लेट के, उसने अपनी टाँगें फोल्ड कर के फैला दी।



मैंने आगे बड कर, अपने आप को पिंकी की टाँगों के बीच में पोज़िशन किया और अपने लण्ड की टिप को पिंकी की चूत पर रखा और अपने दोनों हाथों को उसके एक एक बूब पर रख कर, उनको मसलते हुए और अपनी बॉडी का पूरा वज़न पिंकी की बॉडी पर डालते हुए, उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठ और चेहरा चूसने लगा।



मैंने पिंकी को अपने हाथों और बदन से बेदर्दी से रोन्दते हुए, अपना लण्ड धीरे धीरे पिंकी की चूत में घुसना शुरू किया और मेरा लण्ड प्रेशर और फोर्स से पिंकी की चूत में पूरा घुस गया।



फिर, मैंने पिंकी को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुए ठोकना शुरू किया।



इस बार में, कुछ ज़यादा उतेज्ज़ित और बेदर्द हो गया था।



अपने दोनों हाथों को, मैंने पिंकी के सिने पर रखा था और बॉडी वेट और हाथों के प्रेशर से उसके बूब्स रगड़ और मसल रहा था।



उसकी चेहरे और लिप्स को ज़ोर से चूस रहा था और बहुत ताक़त से उसे चोद रहा था।



ऐसी हालत में, पिंकी को भी बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ा सा दर्द भी हो रहा था।



वो दर्द और मज़े की मिली जुली सिसकारियाँ, अपने मुंह से निकाल रही थी।



थोड़ी देर इस तरह ठोकने के बाद में, पिंकी के ऊपर से उठा और पिंकी को भी उठाया.! फिर, उसे डॉगी स्टाइल में पोज़िशन किया और उसकी कमर को पकड़ कर ताक़त से पीछे खींचते हुए.! बहुत ज़ोर से अपना पूरा लण्ड पिंकी की चूत में घुसा दिया.!



अब बेड पर मैं अपने घुटनों पर स्थिर खड़ा था और पिंकी मेरे आगे, कुतिया बनी हुई थी।



मेरा लण्ड उसकी चूत में था और मैं उसको कमर से पकड़ कर, अपनी बॉडी और लण्ड को स्थिर रख कर उसकी बॉडी आगे पीछे घसीटते हुए चोद रहा था।


थोड़ी देर, ऐसे चोदने के बाद मैंने फिर पोज़िशन चेंज की और मैं सीधा लेट गया।



मैंने पिंकी को अपने ऊपर लण्ड पर बिठाया और लण्ड उसकी चूत में पूरा घुसा दिया।



अब पिंकी मेरे ऊपर कूद रही थी और मैं उसके बूब्स मसल रहा था।



फिर से मिशनरी पोज़िशन में आ के, मैंने पिंकी को ज़ोर ज़ोर से ठोकना शुरू किया।



इस बीच, ये सब करते हुए पिंकी कई बार झड़ गई और चेहरे पर संतुष्ती की खुशी थी।



अब मैंने लण्ड को पिंकी की चूत में से निकाला और थोड़ा ऊपर की तरफ जा कर, उसके फेस पर रगड़ना शुरू किया,



पिंकी मेरी बॉल्स चाट रही थी और मैं लण्ड को पकड़ कर रगड़ रही थी।



थोड़ी देर में, मेरे लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी और मेरा मूठ पिंकी के पूरे फेस पर गिर गया।



फिर, हम दोनों ने फिर से एक बार शावर लिया और कपड़े पहन कर लंच ऑर्डर किया।



इसी बीच, पिंकी ने वरुण को कॉल किया।



पिंकी – हैलो वरुण…



वरुण – हैलो पिंकी… आप ने आज मुझे कैसे याद किया…



पिंकी – पापा ने तुम को बताया होगा की तुम को अपना ट्रिप एक्सटेंड करना है… हैं ना…



वरुण – हाँ यार… पर, मैं अकेला बहुत बोर हो गया हूँ…



पिंकी – मैं आ रही हूँ, कल वहाँ पर… तुम्हारी हेल्प करने… अभी सिंगापुर में हूँ… शाम की फ्लाइट ले रही हूँ और कल पहुँच जाउंगी… पर तुम इतने बोर क्यों हो रहे हो… मॉरिशस बहुत मस्त जगह है… कोई लड़की नहीं मिली, क्या अभी तक तुम को… ये मत बोलना, तुम ने इतने दिन कुछ नहीं किया…



वरुण – नहीं यार, यहाँ की लड़कियाँ मुझे नहीं जमती… मुझे तो देसी औरतें ही पसंद हैं… अब तुम कल आ रही हो तो मेरी बोरियत दूर हो जाएगी… आ जाओ, मज़ा आएगा… बहुत मज़ा करेंगें, हम… मैं बहुत खुश हूँ की तुम आ रही हो…



पिंकी – चलो, ठीक है… कल शराफ़त से एयरपोर्ट आ जाना मुझे लेने… मैं फ्लाइट नंबर और पहुँचने का टाइम भेज रही हूँ, तुम को…



पिंकी ने शाम की फ्लाइट ली और मॉरिशस के लिए निकल गई…
 
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पिंकी ने शाम की फ्लाइट ली और मॉरिशस के लिए निकल गई…



अगले दिन, वरुण उसे एयरपोर्ट लेने आ गया।



पिंकी बहुत संतुष्ट थी, आलोक से चुद के और सफ़र से थकि हुई थी.! इसलिए, उसने पहले दिन कुछ भी नहीं किया, वरुण और पिंकी डिन्नर कर के सो गये.!



अगले दिन, सुबह उठ कर पिंकी के दिल और दिमाग़ पर सेक्स हावी हो गया और वो वरुण को सिड्यूस कर के चुदने का प्लान करने लगी, पिंकी और वरुण की आज कोई बिज़्नेस मीटिंग नहीं थी।



पिंकी ने वरुण के साथ, बहुत बोल्ड और ओपन होने का फ़ैसला किया।



सुबह फ्रेश हो कर, ब्रेकफास्ट टेबल पर.! .!



पिंकी – तो वरुण, क्या प्लान है हमारा आज का…



वरुण – काम तो कुछ है नहीं आज… कहीं बाहर चलना है तो बताओ… आप जहाँ बोलोगी, चलेंगे…



पिंकी – किसी ऐसी जगह पर चलते हैं, जहाँ कोई ना हो…



वरुण – क्या इरादा है आप का… सुनसान बीच पर क्या करोगी… हा हा हा…



पिंकी – नंगी घूमूंगी, नंगी… हा हा हा… यही सोच रहे हो ना, तुम… हा हा हा…



वरुण – हा हा हा… यहाँ पास में एक बीच है… वहाँ चलते हैं…



बीच पर पहुँच कर, वरुण और पिंकी ने एक सुनसान जगह पर चटाई बिछाई और सारा सामान रख दिया।



पिंकी ने शॉर्ट और टी शर्ट पहनी थी और वरुण ने लोवर और टी शर्ट।



दोनों ऐसे ही चटाई पर बैठ गये और आइस बॉक्स में से, एक बियर निकाल कर सीप करने लगे।



बियर, ख़तम होने के बाद।



पिंकी – चलो ना, कपड़े उतारो… पानी में चलते हैं…



वरुण – ठीक है, चलो… ये कह कर, वरुण ने टी शर्ट और लोवर उतारा और अब वो सिर्फ़ चड्डी में था…



पिंकी – वरुण, यार तुम तो रेडी हो गये पर मैंने शॉर्ट और टी शर्ट के नीचे ब्रा और पैंटी नहीं पहनी है,.! मुझे पहले पूरी नंगी होना पड़ेगा और फिर उसके बाद बिकनी पहनूँगी…



वरुण – ठीक है… मैं इधर उधर चला जाता हूँ…



पिंकी – अरे, नहीं नहीं… मुझे तुम्हारे सामने नंगी हो के चेंज कर में कोई दिक्कत नहीं हैं… तुम्हें तो कोई परेशानी नहीं है ना…



वरुण – अरे, नहीं नहीं… तुम जैसी लड़की को नंगी देखने में मैं क्यों माइंड करूँगा… तुम बिंदास चेंज करो और तब तक मैं तुम्हारा नंगा बदन देखना एंजाय करता हूँ… हा हा हा… ये कह कर, वरुण अपने लण्ड पर हाथ फेरने लगा.!



पिंकी – ऐसे लण्ड पर हाथ मत फेरो… शर्म आ जाएगी, मुझे… ये कह कर पिंकी ने अपनी टी शर्ट निकली और टॉप लेस हो गई.!



फिर उसने अपना शॉर्ट भी निकाला और पूरी नंगी हो गई।



नंगी हो कर, वो अपने समान की तरफ बड़ी और उसमें बिकनी ढूँढने लगी।



थोड़ी देर ढूँढने पर बिकनी नहीं मिली। (पिंकी ने जानमुझ कर बिकनी रखी ही नही थी।)



पिंकी – वरुण बिकनी नहीं मिल रही… शायद, मैं रखना भूल गई…



वरुण – ओह!! कोई बात नहीं… ठीक है… चलो, पानी में यहाँ कौन देखेगा… और अगर यहाँ के लोग देख भी लेंगे तो भी कोई कुछ नहीं करेगा…



पिंकी – हाँ यार… ये तो ठीक है… पर, अगर में पूरी नंगी हूँ तो तुम भी पूरे नंगे हो… नहीं तो मुझे शर्म आएगी…
 

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