Romance प्यार की चाहत: कॉलेज गर्ल के साथ हॉट सेक्स

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बात उस समय की है जब मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी. हांलाकि मैं अपनी कोचिंग में और अपने स्कूल में ऊपर-ऊपर से काफ़ी मज़े कर चुका हूँ, लेकिन मैंने कभी चुदाई नहीं की थी। मेरी बहुत इच्छा थी कि मैं चुदाई करूँ, लेकिन लगता था कि किस्मत अभी मेरे पर मेहरबान नहीं हुई थी, मैं अक्सर चुदाई के बारे में सोचता रहता था कि करने में कितना मज़ा आयेगा और मैं कैसे-कैसे करूँगा? और दिल में एक सोच लिए हुए था।

मेरे कॉलेज में बहुत सुंदर-सुंदर लड़कियाँ हैं लेकिन मैं थोड़ा शर्मीले स्वाभाव का हूँ इसलिए कभी किसी से जाकर बात नहीं कर पाता था, मैं हर आती-जाती लड़की की चूची को देखता रहता था और उन्हें घूरता था कि काश वो मुझे दबाने को मिल जाए।
जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो मैंने कुछ गर्लफ्रेंड बनायी थी लेकिन कुछ किया नहीं था.

लेकिन इधर 2 साल से कुछ भी हाथ नहीं लगा है. कहते हैं ना कि किस्मत से पहले और वक़्त से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिला है और मुझे लगता है कि ऐसा ही मेरे साथ भी है।
ऐसे ही दिन गुज़रते गये लेकिन कभी ना कभी तो किस्मत को खुलना ही था.

बात उन दिनों की हैं जब मैं 12 की परीक्षा देने जाया करता था. मैं सोच रहा था कि काश यहाँ कोई मिल जाये और मेरी वर्षों की मन्नत पूरी हो गयी. जहाँ पर मैं परीक्षा देने जाता था, मेरी क्लास में मेरा रोल नम्बर एक कोने पर था. मेरे बायीं तरफ़ एक लड़की का रोल नम्बर था मैंने सोचा उससे थोड़ा बात की जाये.
तो उससे मैंने बात की, वो भी बात करने लगी.

जब पेपर खत्म हुआ तो बाहर आकर मैं उससे बात करने लगा. उसने थोड़ी बात की, तब तक उसकी एक सहेली आ गई, हम सब बात करने लगे.

उनमें से एक मस्त गोरी थी तो दूसरी का फेस कट अच्छा था. अब मैं सोच रहा था कि किस पर लाइन मारी जाये.
मैंने उनमें से एक से कहा- मेरे पास इंग्लिश के कुछ नोटस नहीं हैं.
तो वो वोली- मेरे घर पर है.
मैंने पूछा- तुम्हारा घर कहाँ है?
बोली- चलो, दिखाते हैं.

फिर हम सब उसके घर चले गये. रास्ते में मैंने उनसे नाम पूछा तो एक ने अपना नाम प्रिया और एक ने नेहा बताया. फिर प्रिया के घर जा कर मैंने उससे पेपर्स लिए और अपने घर वापस आ गया, नेहा अपने घर चली गई.

अगले दिन मैं प्रिया के घर पढ़ने चला गया तो वो अकेली थी तो मैंने उससे पूछा- नेहा कहाँ है?
तो वो बोली- वो अपने घर पर होगी.
मैंने उसे फोन करने को बोला तो उसने उसे बुला लिया.

अब हम तीनों मिल कर पढ़ने लगे. मैंने नोट किया कि नेहा बार बार बहुत प्यार से मुझे देख रही थी.
पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया, थोड़ी देर बाद मैंने कहा- यूँ मुझे ना देखो, नहीं तो कुछ हो जायेगा.
उसने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुरा दी बस.

मैंने उन दोनों के नम्बर लिये और अपने घर आ गया.

रात मैं मैंने प्रिया से बात की, मेरा उससे झगड़ा हो गया तो मैंने सोचा कि अब नहीं जाना उसके यहाँ!

अगले दिन मैं अपने छत पर बैठा पढ़ रहा था, मौसम बहुत ठंडा था, मेरे फोन पर किसी का फोन आया, मैंने अटेंड किया तो नेहा बोल रही थी- आज क्यों नहीं आये पढ़ने?
मैं- मन नहीं था.
नेहा- मुझे पता है कि तुम क्यों नहीं आये, प्रिया से झगड़ा हुआ है ना?
मैं- हाँ, और अब कभी उसके यहाँ नहीं आऊँगा.
नेहा- ऐसा क्यों बोल रहे हो, मैंने उससे बहुत बोला, तुम आ जाओ, तुम्हें मेरी कसम!
मैं- ठीक है, आ रहा हूँ.

फिर मैं उसके घर चला गया, वहाँ पर हमने बहुत सारी बातें की, वो फिर से मुझे प्यार से देखने लगी तो मैंने फिर बोला- ऐसे मत देखो!
तो बोली- तुम पागल हो!
मैंने कहा- क्यों?
तो बोली- कुछ नहीं समझते हो!
मैंने बोला- क्या?
तो बोली- कुछ नहीं.

मैंने अपना हाथ उसके सामने किया और बोला- जो बोलना हो, लिख दो.
उसने हाथ पर लिख दिया ‘I love u’
फिर बोली- तुम्हारा जवाब क्या है?
तो मैंने कहा- थोड़ा सोचने दो!

फिर मैंने भी उसे ‘I love u too’ बोल दिया.
वो बहुत खुश थी.
फिर हम अपने घर आ गये.

अब हम दोनों रोज रात मैं घण्टों बात करने लगे, मैं उससे बहुत प्यार करने लगा बहुत ज्यादा.

एक दिन हम दोनों रात में 3 बजे बात कर रहे थे, तभी वो बोली- विक्रम क्या तुम अभी मेरे घर आ सकते हो?
मैंने कहा- इतनी रात में?
क्योंकि उसका घर मेरे घर से दूर था और जिस कोलोनी में वो रहती थी उसमें उसका घर लास्ट था तो मैंने बोला- इतनी रात को?
तो बोली- आ जाओ ना… तुम्हें देखने का बहुत मन कर रहा है.
मैं बोला- तुम्हारे घर के सब लोग कहाँ गये?
तो बोली- भैया की तबियत खराब हुई रात में, तो मम्मी अस्पताल गयी हैं, भाभी है बस, वो तो दूसरे रूम में सो रही हैं.

मैं इससे पहले कहीं गया नहीं था इतनी रात को तो थोड़ा फट भी रही थी लेकिन फिर सोचा कि अगर आज नहीं गया तो पता नहीं कब मौका मिलेगा.

हिम्मत कर उठा, ब्रश किया और बाहर निकल गया. तब तक 4 बज चुके थे तो डर भी कम हो गया था.

फिर जैसे ही आगे गया, कुछ कुत्ते आते दिखायी दिये, बहुत भोंक रहे थे, मैंने मन में सोचा- बेटा विक्रम आज तो तू गया.
मैं तुरंत खड़ा हो गया, एक कुत्ता आया सीधा मेरे कंधे पर पैर रख के खड़ा हो गया. मेरी तो कसम से फट के हाथ में आ गयी. फिर धीरे से उसको पुचकारा तब दूर हुआ.
फिर मैं चला आगे…

उसके घर के जैसे ही पास पहुँचा, 4 कुत्ते भागते हुए चले आ रहे थे मेरे पास, मैं फिर खड़ा हो गया, वो चारों मेरे चारों तरफ़ खड़े हो गये, मेरी फट तो रही थी और वो अपने घर के बाहर खड़ी देख रही थी.
मैं धीरे धीरे आगे बढ़ा, फिर तुरंत उसके घर में घुस गया.

उसने अपनी भाभी के रूम को बंद कर दिया.

अब मैं उसे देख रहा था और वो मुझे… मैंने तुरंत उसे गले लगा लिया और हम वैसे ही खड़े रहे. मुझे एक शांति मिली… कितने दिनों से इसी का इंतजार था.
मैंने उसके हाथ पर किस किया और वो भी बहुत खुश हुई. मैंने फिर उसके सर को पकड़कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और हम स्मूच करने लगे. वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. हम ऐसे ही 10 मिनट तक किस करते रहे.

फिर मैं उसके बूब्स को दबाने लगा और वो बहुत ही खुशी से अहह अह्ह्ह करने लगी. मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाला और उसकी ब्रा मेरे हाथ में आई. फिर मैंने अपना हाथ उसकी ब्रा में डाल दिया और उसके निप्पल को दबाने लगा.
वो भी अब तक बहुत हॉट हो चुकी थी और सिसकारियाँ ले रही थी.

मैंने उसका टॉप निकाल दिया, वो मेरा सामने ब्रा में थी. मैं तो उसे ऐसी हालत में देखकर पागल ही हो गया. उसने हल्के गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी, वो एक परी से कम नहीं लग रही थी.
तो मैंने उसे दोबारा अपनी बाहों में लिया और किस करने लगा.

फिर मैं अपने हाथ उसकी ब्रा के हुक पर ले गया और उसकी ब्रा को निकाल दिया. उसके दो बड़े बड़े सुंदर बूब मेरे सामने थे… वो तो मानो काम की देवी लग रही थी और मैं उसके बूब्स को मसलने लगा.
फिर मैंने उसके एक बूब को मुँह में डाल लिया और वो मदहोश हुए जा रही थी…

फिर उसने अपना हाथ पैन्ट के ऊपर मेरे लंड पर रख दिया और लंड को सहलाने लगी, उसने मुझसे कहा- मुझे आपका देखना है.
मैंने कहा- तुम खुद ही मेरी पैन्ट उतार दो…
तो उसने मेरी बेल्ट खोली और फिर पैन्ट खोल दी और मेरे घुटनों तक आ गई और अब तक मेरा लंड दर्द से फटा जा रहा था और अंडरवियर में टेंट बन चुका था.

उसने मेरा अंडरवियर भी उतार दिया, अब मेरा 6 इंच का लंड उसके सामने था, वो उसे हाथ से सहलाने लगी और हाथ से आगे पीछे करने लगी… मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर वो घुटनों के बल बैठ गई, मेरे लंड महाराज को किस करने लगी और मेरे लंड को धीरे धीरे मुँह में लेकर चूसने लगी.
2 मिनट तक उसने चूसा, फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैं उसके सर को पकड़कर अपने लंड को धीरे धीरे उसके मुँह में धकेलने लगा और कुछ देर के बाद मेरा माल उसके मुँह के अंदर निकलने लगा और उसने भी बड़े मज़े से सारा माल पी लिया.

अब मेरी बारी थी, मैंने उसे ज़मीन से अपनी बाहों में उठाया और बड़े प्यार से बेड पर लेटा दिया, उसे किस करने लगा और बूब्स को मसलने लगा.
मैंने उसकी जीन्स उतार दी, उसने काली पैन्टी पहनी हुई थी. मैं उसकी जांघों पर किस करने लगा.

अब हमारे बीच सिर्फ़ एक छोटा सा कपड़ा था उसकी पैन्टी… मैंने उसकी पैन्टी को भी उतार दिया और उसकी चूत के मुँह पर अपनी उंगली घुमाने लगा. वो तो मानो आनन्द से सिहर उठी. मैंने देर ना करते हुए अपने होंठों को उसके चूत के होंठों पर लगा दिया और बड़े प्यार से उसकी चूत चाटने लगा.

मुझे चूत का टेस्ट बहुत अच्छा लगा. मैं तो उसे अब अपनी जीभ से चोदने लगा और वो मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी. उसको बहुत मज़ा आ रहा था लेकिन मेरा लंड भी अब फिर से खड़ा होने लगा था, मैं भी चाहता था कि वो मेरा लंड चूसे. हम 69 की पोज़िशन में आ गये, वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत.
कुछ ही देर में उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया… मैंने उसका सारा पानी पीकर साफ कर दिया.

अब उससे रहा नहीं जा रहा था, वो सेक्स के लिए बहुत हॉट हो रही थी तो उसने मुझसे कहा- प्लीज विक्रम, चोदो मुझे… मैं और नहीं रुक सकती.
तो देर ना करते हुए मैंने तकिया उसकी कमर के नीचे रख दिया जिससे उसको सहारा मिल गया और मैं अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखकर रगड़ने लगा. वो पागल हुई जा रही थी.
तभी उसने मुझसे कहा- प्लीज मुझे और मत तड़पाओ.

मैंने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगा लिया, वो कुछ तो नेहा के थूक से पहले ही गीला था, फिर मैंने अपने लंड को चूत पर सेट करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया.
उसकी तो मानो जान ही निकल गई… वो ज़ोर से चिल्लाई- अह्ह्ह मैं मर गई… अह्ह बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज बाहर निकालो.

मैं बहुत डर गया और उसके मुँह पर हाथ रख दिया, अब तक मेरा टोपा उसकी चूत के अंदर गया था.
मैं उसे किस करने लगा और उसके बूब्स सहलाने लगा जिससे उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा और उसका थोड़ा दर्द कम हुआ.
फिर मैंने एक और ज़ोर का धक्का दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में समा गया. वो तो अपनी गांड उठा उठाकर चिल्लाने लगी… लेकिन चिल्ला नहीं पाई क्योंकि मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबाया हुआ था.

वो रोने लगी, अपने होंठ मुझसे छुड़वा कर बोली- प्लीज विक्रम, मुझे छोड़ मुझे नहीं करना यह सब… मैं मर जाऊँगी.
लेकिन मैंने उसकी परवाह ना करते हुए एक और ज़ोर का धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. वो तो मर ही गई थी… वो पसीने से लथपथ हो चुकी थी… उसके चेहरे का रंग बदल गया था.
मैं कुछ देर रुक गया और उसे किस करने लगा और कुछ मिनट तक कुछ नहीं किया, बस लंड उसकी चूत में ऐसे ही पड़ा रहा. उसे मैं किस करने लगा. फिर जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद उसको भी अच्छा लगने लगा और वो मुझसे क़हने लगी- फाड़ दो मेरी चूत को… चोदो मुझे, और ज़ोर से चोदो मुझे!

मैं तो उसकी यह बात सुनकर पागल ही हो गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और वो भी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ देने लगी.
फिर कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया.

मैंने उसे किस किया, उससे पूछा- कैसा लगा?
तो बोली- बहुत मजा आया आज!
मैं उसे किस करने लगा.

थोड़ी देर में मैं अपने घर आ गया.

उसके कुछ दिन बाद उसने मेरे कालेज में एड्मिशन ले लिया फिर उसके बाद 2 साल तक मैंने उसे खूब चोदा.
फिर वो किसी और से पट गयी.
 
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Hello Everyone :hi: ,
We are Happy to present to you The Exclusive story contest of Lustyweb "The Exclusive Story Contest" (ESC)..

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne ESC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat aka discussion thread toh pehle se he Hindi section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 2000 words and maximum 8000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Lustyweb dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki ESC Ki stories ko pure Lustyweb k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.


Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Lustyweb k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.


Entry thread aaj yaani 5th February ko open hogaya hai matlab aap aaj se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 25 February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shaktey hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.


Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..

Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.

Regards :Lweb Staff.
 

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