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दूसरी सुबह में जल्दी उठा वैसे तो में 7 बजे के आस पास उठ जाता हूं लेकिन दूसरे दिन 6 बजे उठा । मम्मी भी 6 बजे उठा करती थी । वो दातों में ब्रूस ले कर कंधे पर टॉवल ले कर मेरे कमरे में आई और कहने लगी " मेरे बाथरूम की नल से पानी नहीं आ रहा है"
में बोला " तो कामोंन बाथरूम मे जाओ ना नीचे। और में प्लंबर को बुलाता हूं "
मम्मी मुझे हटा के बाथरूम में घुसती हुई बोली " तेरे बाथरूम में क्या मेरी नहाने से खराब हो जाएगा "
मम्मी दरवाजा बंद करती है मेने कहा " जल्दी करना मुझे भी नहाना है "
मम्मी अंदर से बोली " एक घंटे से पहले नही होगा मेरा "
में क्या करता । बैठ गया बिस्तर पर और खयाल आया की क्यू ना में ही नीचे की बाथरूम के नहा के आऊं। तो में तोलिया के कर निचे बाथरूम जा के नहाने लगा । 20 मिनिट मैने भी लगाई नहाने में लगा दिया । में बदन पोंछ के तोलिया लपेट के अपने कमरे में गया । मम्मी बाथरूम थी उन्ही की खयाल में मेरा मूड बन गया ।
तो में दरवाजा खटखटाने लगा " एक मिनिट के दरवाजा खोलो तो मम्मी "
मम्मी मेरी शरारत समझ गई " अच्छा ताकि तू मुझे बाथरूम में धर दबोच ले । में नहीं खुलने वाली "
मुझे हसी आई " सच्ची में मुझे बस एक मिनिट का काम हे "
मम्मी बोली " कभी नही। जा मेरा वीडियो देख ले गर्मी उतार जायेगी "
मुझे और हसी आया और समझा मम्मी ऐसे दरवाजा नही खोलेगी । मेरे पास कोक्रोस का एक खिलोना था जो मुझे एक कुरकुरे की पैकेट में मिला था । बाथरूम की दरवाजे के नीचे से वो काक्रोच मैने डाल दिया और मम्मी को बोला " मम्मी दरवाजे पे काक्रोच "
मम्मी अंदर से बोली " हा पता हे। मुझे दर नहीं लगता "
में तब क्या करता इंतजार करने लगा । आधा घंटा और इंतजार किया तब बाथरूम से पानी की आवाज आना बंद हुआ और बाल्टी की आवाज सुनाई दिया में समझ गया मम्मी निकलने वाली हे तो तुरंत जा के दरवाजे पर खड़ा हुआ । जैसे ही मम्मी ने दरवाजा खुला तो में मम्मी को बाथरूम की अंदर की और धक्का देते हुए खुद भी अंदर घुस के दरवाजा बंद कर लिया ।
मम्मी नाराजगी दिखा के बोली " तू इसी इंतजार में था ना । अभी कुछ भी नही तेरे पापा भी उठ जायेंगे कुछ देर बाद "
मम्मी अपनी गीली बदन पे तोलिया लपेट रखी थी बगल में उनकी कपड़ो की बाल्टी पड़ी थी । में भूखे नजर से मम्मी की गीली जिस्म देखने लगा। मेरा हाल बुरा था में मम्मी की कमर पकड़ के उनकी गर्दन चूमा। मम्मी जैसे एक चिंगारी थी मेरे चुने चूमने से ही मम्मी तड़प उठी " अह्ह्हह् बाबू नही ना "
मैने मम्मी को पकड़ के चूमने लगा । अपनी बेकाबू हाथो से मम्मी की नाजुक बदन मसलने लगा । मम्मी अपनी उंगलियों से मेरे बदन सहलाती हुई सिसकारियां मार रही थी । और में मम्मी की बदन को चूमने लगा उनकी गीली बदन की पानी जीव से चाट रहा था में ।
मम्मी की आंखे नशीली बन गई उनकी नजरे इतनी कामुक थी की में बोहोत उत्तेजित हो गया था । मम्मी ना मुंह में थी बार बार लेकिन वो जो मेरे बदन में साप की तरह लिपट रही थी उससे पता चलता था की वो कितनी गर्म हुई थी सुबह सुबह।
में बोला " तो कामोंन बाथरूम मे जाओ ना नीचे। और में प्लंबर को बुलाता हूं "
मम्मी मुझे हटा के बाथरूम में घुसती हुई बोली " तेरे बाथरूम में क्या मेरी नहाने से खराब हो जाएगा "
मम्मी दरवाजा बंद करती है मेने कहा " जल्दी करना मुझे भी नहाना है "
मम्मी अंदर से बोली " एक घंटे से पहले नही होगा मेरा "
में क्या करता । बैठ गया बिस्तर पर और खयाल आया की क्यू ना में ही नीचे की बाथरूम के नहा के आऊं। तो में तोलिया के कर निचे बाथरूम जा के नहाने लगा । 20 मिनिट मैने भी लगाई नहाने में लगा दिया । में बदन पोंछ के तोलिया लपेट के अपने कमरे में गया । मम्मी बाथरूम थी उन्ही की खयाल में मेरा मूड बन गया ।
तो में दरवाजा खटखटाने लगा " एक मिनिट के दरवाजा खोलो तो मम्मी "
मम्मी मेरी शरारत समझ गई " अच्छा ताकि तू मुझे बाथरूम में धर दबोच ले । में नहीं खुलने वाली "
मुझे हसी आई " सच्ची में मुझे बस एक मिनिट का काम हे "
मम्मी बोली " कभी नही। जा मेरा वीडियो देख ले गर्मी उतार जायेगी "
मुझे और हसी आया और समझा मम्मी ऐसे दरवाजा नही खोलेगी । मेरे पास कोक्रोस का एक खिलोना था जो मुझे एक कुरकुरे की पैकेट में मिला था । बाथरूम की दरवाजे के नीचे से वो काक्रोच मैने डाल दिया और मम्मी को बोला " मम्मी दरवाजे पे काक्रोच "
मम्मी अंदर से बोली " हा पता हे। मुझे दर नहीं लगता "
में तब क्या करता इंतजार करने लगा । आधा घंटा और इंतजार किया तब बाथरूम से पानी की आवाज आना बंद हुआ और बाल्टी की आवाज सुनाई दिया में समझ गया मम्मी निकलने वाली हे तो तुरंत जा के दरवाजे पर खड़ा हुआ । जैसे ही मम्मी ने दरवाजा खुला तो में मम्मी को बाथरूम की अंदर की और धक्का देते हुए खुद भी अंदर घुस के दरवाजा बंद कर लिया ।
मम्मी नाराजगी दिखा के बोली " तू इसी इंतजार में था ना । अभी कुछ भी नही तेरे पापा भी उठ जायेंगे कुछ देर बाद "
मम्मी अपनी गीली बदन पे तोलिया लपेट रखी थी बगल में उनकी कपड़ो की बाल्टी पड़ी थी । में भूखे नजर से मम्मी की गीली जिस्म देखने लगा। मेरा हाल बुरा था में मम्मी की कमर पकड़ के उनकी गर्दन चूमा। मम्मी जैसे एक चिंगारी थी मेरे चुने चूमने से ही मम्मी तड़प उठी " अह्ह्हह् बाबू नही ना "
मैने मम्मी को पकड़ के चूमने लगा । अपनी बेकाबू हाथो से मम्मी की नाजुक बदन मसलने लगा । मम्मी अपनी उंगलियों से मेरे बदन सहलाती हुई सिसकारियां मार रही थी । और में मम्मी की बदन को चूमने लगा उनकी गीली बदन की पानी जीव से चाट रहा था में ।
मम्मी की आंखे नशीली बन गई उनकी नजरे इतनी कामुक थी की में बोहोत उत्तेजित हो गया था । मम्मी ना मुंह में थी बार बार लेकिन वो जो मेरे बदन में साप की तरह लिपट रही थी उससे पता चलता था की वो कितनी गर्म हुई थी सुबह सुबह।