Adultery Porn Creator मम्मी और में

Member
223
265
63
दूसरे दिन सुबह में कॉलेज गया और दोपरेह 3 बजे कॉलेज से लौटा। देखा मम्मी सोफे पे आराम से बैठ कर टीवी देख रही थी कोई नेटफ्लिक्स का शो देख रही थी। और गोद में एक पतीले में मटर छिल रही थी । मुझे देख कर बोली " आ गया तू "


में बस हा बोल के अपने कमरे में जा कर अपनी यूनीफ्रॉम चेंज कर के बनियान और हॉफपेंट पहन कर मुंह हाथ धो के डाइनिंग टेबल पर बैठ गया। मम्मी मुझे खाना पोरोचते हुए बोली " तुझसे एक बात करनी थी "


में रोटी तोड़ते हुए बोला " क्या बात मम्मी "


मम्मी सोचती हुई बोली " बेटा में सोच रही हूं एक इससे बड़ा घर ले लूं। तुम क्या कहते हो "


में रुका और सोचने लगा क्या ये सही है " घर । पर आपने तो पार्लर खुलने की बात की थी ...."


मम्मी बोली " हा वो भी हो जायेगा। मैंने एक मल के सामने एक किराए की दुकान देख कर आया है। और पैसों की भी बात कर ली हे । पर मेरे दिमाग में एक और खयाल है की ऐसी जगह एक घर ले लूं ताकि घर के सामने ही अपनी पार्लर भी खोल चकु
और तेरे पापा को भी एक दुकान खोल दूं शायद सुधार जाय कुछ जमीदारी ले। "


में बोला " ये सब तो ठीक है लेकिन इतने पैसा कहा से आयेंगे । मेरे अकाउंट में तो सिर्फ चार लाख रूपए है।"


मम्मी पहले तो मुस्कुराई लेकिन फिर थोड़ा झिझक के बोली " बेटा माफ करना वो मैंने सोचा की लेन देन मुझे ही करना हे तो सोचा की । वो मतलब मैने अपनी अकाउंट लिंक कर दिया । प्लीज बेटा बुरा मत मानना तुम्हे जब भी पैसा चाहिए मेरा atm ले जाना "



कुछ देर के लिए मुझे बुरा लगा लेकिन फिर समझने की कशिश की बात भी सही हे । तो मैंने बोला " अच्छा ही हुआ ना मम्मी इससे आपको जब भी कोई लेन देन करनी हो आपको मुझ से कहना नही पड़ेगा और हो सकता है आपको कभी लेन देन करने जरूरत पड़े और ने तब बाहर राहु "


मम्मी मुस्कुरा के बोली " मुझे अच्छा लगा बेटा तुम समझदार हो ।"



ऐसे ही कुछ इधर उधर की बाते करते हुए मैने खाना खतम किया । मम्मी बर्तन उठा कर सींक पर धोने लगी । में अभी भी कुर्सी पर बैठा था मैने पीछे मुड़ के देखा तो मैंने देखा मम्मी बर्तन माज रही थी और उसकी चूचियां हिल रही थी और थोड़ा नीचे लटकी हुई भी तो मुझे पता चला की मम्मी ब्रा नही पहनी थी । वो सफेद टी शर्ट और टाइट लैगिंग्स पहनी हुई थी जिससे उसकी मोटी उभरी हुई गोल मोटोल गांड का नजारा बोहोत कामुक दिखाई दे रही थी ।


मेरा मन मचल उठा पर मैंने सोचा की थोड़ा बोहोत हग कर के मजा लेने में क्या बुरा हे । आखिर लालच भी बुरी भला है। में उठा और धीरे धीरे चलते हुए मम्मी के पीछे खड़ा हो गया उसे आभास हुई पर उसने कुछ नही कहा ।
 
Last edited:
Member
223
265
63
मम्मी की बदन महक रही थी मुझे मम्मी की घ्राण बोहोत कामुक लगा मेरा लन्ड में भी तनाव महसूस हुआ । में मम्मी की कमर में हाथ डाल के उनकी उभरी हुई पेट हाथो से लपेट के बाहों में भर लिया लेकिन जान बुझ के मैने कमर थोड़ा पीछे रखा ताकि मेरा खड़ा लंद मम्मी की गांड में चुभ के मम्मी को पता ना चले।



मम्मी मुस्कुरा के बोली " क्या बात हे आज मम्मी पर इतना लाड"


एक प्यार उमंग आया मम्मी के लिए और मैने दात पीच के कहा " मम्मी कभी कभी आप बोहोत प्यारी लगती हो मन करता है आपकी मुलायम गाल खा जाऊं " ये कहते हुए मेरे मन में मम्मी की आम खाने की खयाल थी । और मैने हल्के से उनकी गाल कट भी लिया ।


मम्मी हास पड़ी " बदमाश "


में मम्मी की कंधे पर ठंडी रख के बोला " आप बाई क्यू नेही रख लेती कितना काम करती हो । जिंदगी भर काम करती आई हो "


मम्मी बोली " क्यू की इसलिए काम करती हूं में मेरा बदन ठीक रहे सुस्त रहे । बैठे बैठे खाऊंगी तो बीमार जल्दी पडूंगी और मोटी हो जाऊंगी सो अलग ।"


मम्मी की बर्तन धोना भी हो गया था । वो कपरे पर हाथ पोछ के मेरी तरफ घूमी । मम्मी और मेरा चेहरा एकदम करीब था हमारी सांसें महसूस हो रही थी । मम्मी मुस्कुराते हुए देखने लगी " क्या । ऐसे क्या देख रहे हो "


में बोला मुस्कुरा के " आपकी आईब्रो बोहोत अच्छी लग रही हे । और चेहरा भी खिली खिली निखरी हुई गोरा लाल लग रही है क्या लगाती हो आप "


मम्मी मुस्कुराई " राज हे में नही बता सकती ।"


में हासा फिर एकदम से गंभीर भाव से अपना होंठ मम्मी के होंठो पर लगा दिया और दो पल के लिए मम्मी भी कुछ ना बोली और मैने धीरे से मम्मी की लबों को पीने लगा बस 10 या 12 सेकंड में ही मम्मी अपनी गर्दन पीछे कर के मेरे होठों पर उंगली रख के ना में सर हिलाते हुए मुस्कुरा के लेकिन एक समझदार लहेजे में बोली " ना बेटा । ऐसे किस नही होते "


और टपक से मेरे होठों पर अपनी बंद होठों पर चूम के बोली " बस इतना और ऐसे मां बेटे का प्यार होता है "


मम्मी मुस्कुराती हुई मेरे छीने पर ठप ठपा के बोली " अब तुम्हे गर्लफ्रेंड बना लेनी चाहिए "


मम्मी ऐसा बोल कर अपनी कमरे में चली गई । तभी पापा भी आ गए लड़खड़ते हुए आ गए और सीधा अपने कमरे में चले गए। मुझे पापा की हालत देख के गुस्सा आया और अपने रूम में चला गया । लेकिन थोड़ी देर पहले जो हुआ उसको सोच के में बेचैन था ऐसा लगा जैसे ठंडा पानी डाल के मुझे ठंडा कर दिया हो। शर्म आने लगी खुद पर की क्यू में मम्मी को किस किया आखिर मां है मेरी ।
 
Member
223
265
63
आखिर ये दिन भी तल गया पर मैंने खुद को बोहोत रोका पर नही रोक पाया बेलगाम घोड़े की तरह मम्मी की नंगी वीडीयो देख के मूठ भी मारने लगा । मम्मी हम जैसे आम इंसान की हिसाब से वीडियो अपलोड और लाइव और टोकन बेच के पर्सनल वीडियो चैट कर के बोहोत पैसा कमाने लगी । 20वे जन्मदिन पर मम्मी ने मुझे एक नई बाइक भी गिफ्ट में दी। किसी तरह की कमी ना पा कर में भी खुश था । पापा को थोड़ा थोड़ा सक होने लगा की हमे इतना पैसा इतना अच्छा रहन सहन कैसे मिल रहा हे । पापा ने मम्मी से पूछा भी लेकिन मम्मी हर बार बात घुमा देती थी ।



एक दिन मम्मी बोली " बेटा चलो हमे एक घर मिला है देख कर आते है"



में और मम्मी तैयार हो के बाइक पर चले गए । कुछ 30 km की दूरी थी हम पोहॉच गए । मम्मी मुझे चारों ओर दिखाने लगी " देखो चारों तरफ दुकान ही दुकान हे और लोगो की भीड़ भी हे। वो रहा हमारी होने वाली घर की रास्ता "


मम्मी और में दुकानों के बीच से निकली हुई रास्ते से चले गए और कुछ 500 मीटर दूरी पे एक सुंदर घर दिखा । घर दो मंजिला था इतना बड़ा भी नही था । हम उस घर के अंदर चले गए ब्रोकार हमे घर दिखाने लगा । हम घर पसंद आया ऊपर चार कमरे नीचे की फ्लोर पर एक किचन एक हल और एक रूम भी था । जो की स्टोर रूम के तौर पे था लेकिन हम उसे एक बेडरूम भी बना सकते थे ।



मम्मी और में काफी देर तक घर देख फैसला लिया। ब्रोकार ने 30 लाख की डील रखी पर मैंने आई मम्मी ने मस्का मार मार के 23 लाख में डील कर लिया । मम्मी कहा की आपसे दो दुकान भी तो खरीदना है । सामने मिल जाए तो अच्छा हे। दलाल भी खुश हो कर बोला की एक हफ्ते में आपको बढ़िया डील देंगे । मम्मी ने 5 लाख एडवांस दी।



फिर हम चले आए मम्मी और में बाते करते हुए धीरे धीरे आ रहे थे हम । सिटी से मैने हाइवे लिया लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद ही हमने देखा की रोड पर एक ट्रेलर पलटी खा के रोड पूरा ब्लॉक कर रखा । काफी भीड़ और पुलिस वाले मजूद थे । और पूरे रास्ते पर कोई तेल गिरी हुई थी जो चाह कर भी कोई गाड़ी भी किनारे से पार नहीं कर सकते थे ।



तो मुझे याद आया की पुराने फॉरेस्ट की और से एक रास्ता है लेकिन टेड़ी मेड़ी मोड़ के कारण लंबा पड़ता है और शाम भी होने लगी थी फिर भी मम्मी से मैने पूछा तो उसने बताया की पता नही यहां कितना समय लगेगा रास्ता खुलने में और क्या कर सकते है चलते है।


मैंने बाइक घुमाई मम्मी को बिठा के उस फॉरेस्ट की रास्ते से चलने लगा । रास्ता एक तो सुनसान था और ऊपर से रास्ता बोहोत खराब था । उबर खाबर उसी वजह से मम्मी ने मेरे कमर में कस के पकड़ रखी थी और उनकी एक चूची बार बार मेरी पीठ पर धस रही थी और मुझे सुखद एहसास मिल रहा था ।
 
Member
223
265
63
मम्मी सड़क के किनारे टूटे फूटे घर को देख के बोल रही थी " एक जमाने में ये सब क्वार्टर देख के कितना अच्छा लगता था । इन क्वार्टर में बड़े बड़े ऑफचर रहते थे फैमिली के साथ । लेकिन अब देखो तो कैसे वीरान पड़ गया हे । मील भी खंडार बन गया है"



तभी बदल गरजने लगी और ठंडी हवा भी चलने लगी । तब इतना शाम हो गया था की मुझे बाइक की हैडलाइट की रोशनी का सहारा लेना पड़ रहा था खराब रास्तों की गड्ढे देखने के लिए ।


मम्मी बोली " बेटा जल्दी चलो लगता है बारिश होने वाली है"


में बोला " मम्मी ऐसे रास्ते में जल्दी जायेंगे तो दोनो ऊपर पोहौच जायेंगे "

मम्मी मेरे पीठ पर मार के बोली ", शुभ शुभ बोल बदमाश "


में हास के बाइक चलाने लगा । लेकिन कुची देर में बारिश होने लगी । मम्मी कहने लगी " कहा फांस गया "


में बाइक चाह कर भी अब तेज़ नही चला सकता । बारिश भी अचानक तेज हो गई और मम्मी मेरे कान मे चिल्लाई " बेटा कही रुको बाइक । भीग गए तो बीमार पड़ जायेंगे "


में बाइक साइड में रोका और बाई तरफ एक टूटी फूटी क्वार्टर देख के बोला " मम्मी उधर चलो "



मम्मी और में लगभग दौड़ते हुए उस क्वार्टर की चट्ट के नीचे शर बचाने को चले गए । बरामदे में रह कर अपनी कपरे जाड़ने लगे लेकिन हम दोनो आधा आधी भीग चुके थे । मैंने मम्मी को देखा वो अपनी बालों को जाड़ रही थी। वो एक घुटनो के नीचे तक आने वाली स्लीवलेस कुर्ता पहनी हुई थी और नीचे जींस। गीले जुल्फों में बोहोत खूबसूरत लग रही थी ।



मम्मी मुझे ऐसे घूरते देख के बोली " अब क्या देख रहा है"


शाम भी हो गई थी थोरी थोरी दिखाई दे रहा था । में हास के बोला " आपकी मेकअप उतार गई हे भूतनी लग रही हो "


मम्मी मजाक में मेरी बाजू मे मार के बोली " मार खायेगा तेरी वजह से "

तो में बोला " अब मैंने क्या किया । मैंने बारिश बुलाया क्या "


मम्मी मुझे टेढ़ी नजर से देखती हुई चेहरे की पानी पोंछने लगी । में मुस्कुराने लगा और अपने जैप से रुमाल निकाल कर मम्मी की तरफ बढ़ाया हाथ " लाओ इधर "


मम्मी भी ठूंडी उठा कर चेहरा आगे कर दी । मैंने नजाकत से धीरे धीरे वक्त लेते हुए मम्मी की चेहरे को पॉचने लगा । अंधेरा हो रहा था फिर भी मम्मी का कम रोशनी में भी देख के मेरा ईमान डोल गया और मम्मी से मिन्नते की स्वर से बोला " मम्मी मुझे आपको हग करना है "


मम्मी इधर उधर इशारा कर के बोली " यहां कोई देखेगा तो गलत सोचेगा "


" कौन आने वाला है इस सुनसान रास्ते से इतनी बारिश में" मैने मम्मी की गले में बाहें डाल के उन्हे बाहों में भर लिया ।



मम्मी भी मेरे कमर में हाथ डाल के मेरी पीठ पर अपनी नाजुक हाथ रख के मेरे बाएं छीने पर अपनी गाल राख दी। बारिश की तेज़ आवाज़ में हमे अपनी सांसों की आवाज सुनाई और महसूस होने लगी । एक दूसरे की बदन की गरमाहट मम्मी की जिस्म की औरतों वाली नजुकता महसूस होने लगा मुझे और में मम्मी को बाहों में भर के आनंद में उड़ने लगा ।
 
Member
223
265
63
कुछ एक मिनट बाद मेरी बाहों से निकलने के लिए कसमसाई तो में अपनी बाहुपेश जकड़ के बोला " जब तक बारिश नही रुकता तब तक में आपको नही छोडूंगा "


मम्मी को हसी आई उन्हे बचपना लगा मेरा । वो हास के बोली " ठीक हे मेरा बाबू । "

करीब 10 मिनिट तक हमने एक दूसरे की बाहों में समाए रहे और उन पोलो में हमारी कोई बात नही हुई बस हमारी सासें महसूस हुई बाहुबंधन का मीठा आनंद महसूस हुई ।


मैंने हिम्मत किया और दिल की प्यास मिटाने को मजबूर हो कर मैने प्यार से मम्मी की चेहरे को उठा कर अपने चेहरे के करीब रख के धीरे धीरे उनकी चेहरे को फुक मारने लगा मम्मी आंखे बंद कर के मुस्कुराई । और में उनकी चेहरे को चूम चूम के उनकी तरसती हुई निचले होंठ अपनी होठों में दबा लिया तो मम्मी तुरंत ना की हरकत करने लगी ।



पर मैने उनके चेहरे को थोड़ा जोर दे कर पकड़ा और उनकी होठ चूसने लगा । मम्मी चाहती तो मुझे धक्का दे कर थप्पड़ मार कर विरोध कर सकती थी लेकिन उसने ज्यादा विरोध नहीं दिखाई । में उसकी होठों को चूसने लगा मम्मी भी धीरे धीरे विरोध करना बंद कर देती है और फिर मम्मी मेरे कमर में हाथ रख देती है । तो मैंने उनके चेहरे से हाथ हटा कर उनकी कमर पर हाथ रख कर अपनी और कस के लपेट लिया मम्मी की मुंह से आह निकल आई । उनकी आंखे बंद थी मैंने उनकी होठों पर हल्का सा किस कर के बोला " मम्मी आई लव यू"


मम्मी जवाब नहीं देती है बस अपनी खोल के रखती हुई गहरी सांस लेती रहती है। में दुबारा उनको किस कर के बोला " मम्मी आई लव यू"


मम्मी इस बार भी कुछ ना बोली तो में उनकी होठ धीरेसे काट के फिर बोला " आई लव यू मम्मी "


मम्मी आंखे खोल के मेरे चेहरे को पकड़ के मेरी आखों में पैनी नजर से जागते हुए बोली " बेटा गलत है"


में बोला " कुछ गलत नहीं। प्यार जताना तरीका ऐसा ही होता है "


और में उनकी होठों को चूसने लगा । इस बार मम्मी मेरा बाल पकड़ के मेरे होठों से होठ अलग कर के बोली " आई लव यू। देर सारा आई लव यू मुन्ना। बोहोत प्यार करती हूं मुन्नू मेरा बाबू उन्ह्ह्ह "


और मम्मी खुद अपनी होठ से मेरा होठ चूसने लगी । मम्मी ने थोड़ी गर्दन टेढ़ी कर दी और मेंने भी विपरित दिशा में टेढ़ी कर लिया और किस करने में बोहोत सुविधा मिली । एक बार में मम्मी की होठ चूसता हूं और एक बार वो मेरी होठ चूसती है। जीव भी टकराते हुए खेलने लगे। मम्मी मेरे बदन में समा जाने की कशिश कर रही थी और में उनको जकड़ रहा था । क्या आनंद था क्या एहसास था मेरी पहली औरत थी और वो भी अपनी मम्मी ।



बारिश रुक गया में तो होश में ही नही रहा । मम्मी चुम्बन तोड़ के बोली " रात हो गई हे बारिश रुक गई है।अब चलो"


मन तो नहीं था पर जाना तो था हम दोनों बाइक जे पास गए लेकिन मैने ख्वाइश जताई " मम्मी दोनो तरफ पेड़ रख के बैठो ना "


मम्मी ने भी दोनो पेरो को ईर्द गिर्द टांगे रख के बाइक पे बैठ गई । मैंने मम्मी की दोनो हाथ पकड़ कर अपनी कमर पर रख के बाइक स्टार्ट कर के बाइक चलाने लगा । एक दो किलोमीटर आराम से ही चलने लगा लेकिन अचानक एक गड्ढा के कारण तेज ब्रेक मारा तो मम्मी धक्का खा के मुझसे लिपट गई । अच्छा लगा मम्मी की नाजुक बदन का एहसाह ।



लेकिन ये क्या मम्मी ने मुझे मेरे छाती पर हाथ रखती हुई मुझसे और चिपक कर मेरे कंधे पर सर रख दी । मैंने प्यार से पूछा " मम्मी क्या हुआ "


मम्मी लाड से बोली " तुम बोहोत बिगड़ गए हो मुन्ना घर पोहोच्ते ही तेरी पिटाई करनी पड़ेगी "


में मुस्कुरा के बोला " मुन्ना बिगड़ेगा नही तो दादू बिगड़ेगा "


मुझे नही पता था मम्मी के मन में क्या चल रहा है उसने मेरे कंधे पर प्यार से मेरे कपड़ो के ऊपर ही काटा और बोली " तू घर पोहोच फिर बताती हूं "


में भी हस के चुप चाप बाइक चलाने लगा।
 
Member
223
265
63
घर पोहोच कर हमने कपरे चेंज किए । मम्मी खाना बनाने लगी में अपने रूम में बैठ गया और सोचने लगा की मम्मी ने मेरा साथ दिया इसका मतलब उनको भी अच्छा लगा था लेकिन रिश्ते में बंधी हे मम्मी । पर हा ये तो गलत हे में अपने आपको कितना रोकने की कशिश करता हूं लेकिन मम्मी के सामने में बहक जाता हूं। कुछी देर में मम्मी मुझे खाना खाने को आवाज दी उसने पापा को भी उठने की कशिश की पर पापा नही उठा ।


मम्मी और में खाना खाने लगे मम्मी खाने में ध्यान थी वो मेरी तरफ ध्यान नही दे रहे थी और मेरे लिए ये बुरा संकेत जैसा लगने लगा । मुझे लगा अगली बार शायेद मम्मी पूरा विरोध करेगी और हो सकता हे बोहोत गुस्सा करेगी लेकिन उनके पास होने की एहसास से ही मेरा कुछ कुछ होने लगता था पता नही क्या चुम्बकीय आकर्षण था ।


रात को मुझे नींद नहीं आई । बस खुली आखों से पंखे को निहारता हुआ मम्मी के बारे भी सोच रहा था । बस अजीब अजीब खयाल आ रहे थे । रात के 12 बज गए मुझे नींद नहीं आया तो मैंने चैक किया की क्या मम्मी ने नया वीडियो डाला है पर नही मम्मी ने तीन दिन से वीडियो नही डाला है और लाइव भी नही आई है हा अगर किसी से पर्सनल चैट कर रही है तो वो मुझे पता नहीं था ।



अपने दिल की पंखों को बांध के रख नही पा रहा था । एक दर एक झिझक ले कर में मम्मी की कमरे की दरवाजा खटखटाया । कुछ देर में मम्मी ने दरवाजा खोला और नींद की आगोश में पूछा " क्या हुआ बेटा "




में मुंह नीचे कर के बोला " मुझे आपके साथ रहना हे"


मम्मी कुछ नही बोली और दरवाजा पूरा खोल के मुझे अंदर जाने की रास्ता दिया । और में घुस गया मम्मी सिल्की आरामदायक नाइत ड्रेस पहनी रखी एक ढीली टॉप और एक ढीली पैंट।


मम्मी ने बिस्तर पर लेट के मेरे लिए जगह दी ।पहले तो में मम्मी की तरफ पीठ कर के लेट गया और मम्मी मेरे कमर में हाथ रख के मुझसे पूछने लगा प्यार से " नींद नही आ रही हे क्या "


में कुछ नही बोला और मम्मी ने भी दुबारा कुछ नही पूछा । बस मेरा सर सहलाती रही मुझे अच्छा लग रहा था । और में धीरे से घूम के मम्मी की होठों पे किस करने लगा तो मम्मी फट से मेरे गाल पर थप्पड़ मार कर थोड़े गुस्से में बोली " पागल हो गए हो क्या । समझ नही आता तुझे में तेरी मां हूं "

मम्मी की थप्पड़ और उनकी दात चुभा मुझे नजरे झुकने लगा मेरा । और में धीरे धीरे उठ कर कमरे से निकल आया । और अपने कमरे में आ गया अब नींद कभी नही आने वाला था ।
 
Member
223
265
63
सुबह उठा में नींद पूरी ना होने के कारण मेरी तबियत ठीक नही लग रहा था आंखे जल रही थी और थोड़ा दर्द भी लेकिन मुझे घर पर रहने दिल नही था । क्यू की में मम्मी का सामना नही करना चाहता था । में सुबह उठ कर नहा धो के छुप के से निकल गया अपना बैग ले कर में बाइक निकाल कर चला गया । वैसे तो दोस्त बोहोत थे लेकिन दो दोस्त मेरे करीब थे उनके पास चला गया दोनो ही पीजी में रहता था तो में उनके रूम में गया और कुछ चार घंटे में उनके रूम में सो गया था। जागा तो देखा मोबाइल पे मम्मी का 7 मिस्कल और मैसेज था की " हमे घर लेने जाना हे और पेपरवर्क भी करना हे । कहा हो जल्दी आ जाओ "


में दोस्तो से विदा ले कर निकला और रास्ते पर मैंने मम्मी को फोन किया । फ़ोन रिसीव करते ही मम्मी की दांत कहा हो क्यू कॉल नही उठाया कितना फिक्र हो रही थी यही बाते। मैंने कहा आ रहा हूं तो उसने बोला की वो हमारे नए घर पर हे वोही चला जाऊ ।



मैंने बाइक दौड़ाई और अपने नए घर पर पोहोचा । काफी लेट पोहोछा था तब तक मम्मी घर पुराने मालिक और दलाल के साथ सभी काम कर चुकी थी । वो लोग चले गए जब में घुस रहा था ।



मम्मी बाहें फैला के हल में घूमती हुई मुस्कुराती हुई खुशी जाहिर करने लगी । में बोला " अब ये घर हमारा हो गया क्या "


मम्मी बोली " हा पूरी तरह से । बस कोई लॉयर की एक दो फॉर्मेलिटी बाकी है एक हफ्ते में वो भी हो जायेगा। अगले हफ्ते की मैने मुहरत देख रखी है ।"


मैंने पूछा " मम्मी पापा को क्या कहोगे। पापा पूछा की इतने पैसे कहा से आए तो आप क्या बहाना देगी "


मम्मी की बोलती बंद हो गई और थोड़ा रुक कर नजरे झुका कर कहने लगी " जब तू कॉलेज जाता है तो तेरे पापा आ जाते हे । मुझसे पैसा मांगते हे और में माना करती हूं वो मुझपे इल्जाम लगाता है की में धंधे वाली हूं । अमीरों की बिस्तर गर्म कर के लाखों कमाती हूं बोलते है।"


पापा से तो कोई उम्मीद ही नही थी पर इतना बड़ा इल्जाम लगाएगा इतना मैनें सोचा नही था पापा के बारे में । में मम्मी के पास गया और मम्मी को गले लगा के बोला " दुखी मत हो मम्मी । उनका जाने दो कोई बात दिल पे मत लो उनकी । अब कुछ बचा नही उनमें। में हूं ना "



मम्मी की आखों से आसू आई और बोली " हा मैरी सारी खुशी अब तो तुझमें है उम्मीद भी तुम हो । बस तू खुश तो में खुश"


मैंने मम्मी की आसू पॉच के बोला " अब रो मत "


मम्मी बोली " कैसे ना रोऊं। तु भी कल बात पे नाराज हे"


में बोला " रात गई बात गई खतम । अब आगे की सोचों नया घर ले रहे हे पूजा पाठ कैसा करनी है ये सोचो "

मम्मी अब भी सुबक रही थी तो मैने बोला " अब बस करो मम्मी । ऐसे आप बोहोत प्यारी लग रही हो और जब आप प्यारी लगती हो तो में कंट्रोल खो देता हूं "


मम्मी एकदम गंभीर हुई बोली " बेटा तुम्हे समझना पड़ेगा । ये सब नही चलेगा ठीक नही हे ये "



में जवाब दिए बिना मुड़ के ऊपर की फ्लोर पर जाने लगा । मम्मी भी मेरे पिछे पिछे आई । में एक खाली कमरे में गया और कमरे की पेंटिंग देख कर बोला " ये कमरा में लूंगा "


मम्मी मुस्कुरा के शरारत से बोली " नही ये मेरा कमरा होगा "


में बोला " नही में लूंगा । खिड़की बड़ा हे बाहर का नजारा और रोशनी भी अच्छी आएगी । आप बगल लेना उसकी चट्ट तो और भी डिजाइन है"



मम्मी फिर बोली " नही मैने कहा ना में लुंगी "
 
Member
223
265
63
गर्मी लग रहि थी मैंने पंखा ऑन किया । मम्मी मेरे पास आई और मेरे पीठ पर चिपक गई । मैने उनका हाथ पकड़ के आगे लाना चाहा तो वो मना कर के बोली ", नही कुछ बात करनी हे और सामने से नही कर पाऊंगी"


में समझ गया " हम्मम बोलिए "


मम्मी धीमी आवाज में कहने लगी " एक दिन जब मैं वीडियो बना रही थी तो अचानक तेरे पापा आ गए थे । वो नशे में थे कैमरे को देखा नही उसने । वो मूड में थे और हम दोनो उसमे रिकार्ड हो गए । क्या में वो वीडियो डाल दूं व्यूज बोहोत आयेंगे ना "



में थोड़ा जोर दे के मम्मी को अपनी और घुमाया उन्हे सामने से बाहों में भर लिया मम्मी मेरे छीने में मुंह छुपा ली ।" आप पर निर्भर करता है । व्यूज तो आयेंगे ही बोहोत पर हा फेस नही देखना चाहिए आप दोनो की "


मम्मी शरमाती हुई बोली " वो मैने एडिट कर ली हे । बस तुम्हे पूछना चाहती थी ।"



मम्मी बोहोत प्यारी लग रही थी मुझसे रहा नही गया मैंने मम्मी की कमर इतनी जोर से कस के अपनी बाहों में लिया की मम्मी कराहती हुई मेरे नंगे पाओ के ऊपर अपनी नंगी पाओ रख के चढ़ गई और मैने थोड़ा रौबदार अंदाज में कहा " आप बोहोत प्यारी लगती हो " बोल कर मैने उनकी होठ पर हल्का सा किस कर दिया ।


उन्होंने कोई प्रत्किया नही दिया तो में फिर किस किया इस बार मम्मी नजरे उठा के मुंह फुला के बोली ", तू बाज नही आयेगा "



में शैतानी मुस्कान से बोला " आपने ही तो ऐसा सिखाया था । बस ऊटना ही किया है । "



मम्मी की भी मुस्कान निकल गई और उसने नजरे झुका के बोली " प्लीज छोड़ दे ना बेटा । कैसे पकड़ रखा है तूने मुझे "


में बोला " कैसे पकड़ रखा है आपको "

मम्मी मेरी दारी हल्की सी खींच के बोली " जैसे गर्लफ्रेंड को पकड़ते हे। में मम्मी हूं तेरी "


में बोला " मुझे कुछ नही पता बस में इतना जानता हूं कि आप मेरा पहला प्यार हो और में " फिर मैने कर के बताया ।


में मम्मी की होठ चूसने लगा । कुछ सेकंड तो मम्मी ने साथ नही दी लेकिन फिर एक हाथ मेरे कंधे पर रख कर और दूसरे हाथ मेरे गाल पर रख कर मुझे चूमने लगी । वो सारी पहनी हुई थी तो में उनकी नंगी कमर को में कस के पकड़ रखा था । वो भी काफी भारी थी वैसे इतने देर उठा के पकड़ रखना मुस्किल था कही गिर ना जाऊं इसलिए मैने उनको सोफे पे ले जाना लेकिन उन्हें नही पता था की में उसे सोफे पे ले जा रहा हूं और वो मेरा साथ नही दी रही थी और वो सारी पहनी हुई थी ऊपर से वो गिरने लगी ।

मैंने उनको सोफे पर किसी तरह गिरा दिया क्यू की उन्हे खड़ा नही रख पाया और वो मेरे गले में बाहें डाल के रखने के कारण मुझे भी अपने ऊपर गिरा ली।



दोनो की नजर टकराई एक दूसरे को देखने लगे । मैंने उनकी माथे पर चूम के बोला " आज आप कुछ ज्यादा ही मीठी लग रही हो "

मम्मी भी मुस्कुरा के बोली ", तुम भी ।लेकिन आज कुछ अलग लग रहे हो तुम ।"
 
Member
223
265
63
में मम्मी की निचली होठ को दातों में दबा के बोला " में क्या लग रहा हूं मम्मी "

मम्मी ने बुरी तरह शरमाई और बोली " आज तुम जवान लड़के नही जवान मर्द लग रहे हो। और दारी भी बढ़ के एकदम मुस्टंडे लग रहे हो "



में मुस्कुराता हुआ उनकी गाल चूमने लगा और मम्मी ने आंखे बंद कर के ठुंडी ऊपर कर दी तो में उनकी गर्दन चाटने लगा । मम्मी तुरंत आंखे खोल के मेरी होठ पे हाथ रख के बोली " बेटा तुझ से रिक्वेस्ट करती हुं। आज के बाद तुम्हे में होठों पे किस करने से नही रोकूंगी । और यही हमारा सीमा रेखा रहेगा । मेरे चेहरे के अलावा तुम मेरी किसी और अंग में नही चूमोगे प्लीज "



मम्मी ने मिन्नते की तो में भी कैसे ना मानूं । में बापछ उनकी आखों को चूम के बोला " ठीक हे मेरी रानी "


रानी सुनते ही मम्मी ने आंखे खोल के जूठा गुस्सा दिखा के बोली " ओए कुछ ज्यादा नही हो रहा हे तेरा । "


तो में दात दिखा के बोला " एक मर्द एक औरत को रानी पुकार रहा हे तो उस औरत को खुश होना चाहिए ना "


मम्मी अपनी मुस्कान दबा कर मेरा कान खींच के बोली " मार खायेगा सॉरी बोल । वरना किस क्या हग भी नही मिलेगी "





में जूठ मूठ का भाव दिखा के बोला " कोई बात नही मेरे लिए हजारों लाइन में खड़ी हे । "

मम्मी चिढ़ गई और मुझे खींच के " तू तो आज गया " और मेरे होठों को कस कस के चूसने लगी दातों से भी दबाने लगी अपनी दोनो हाथो से मेरी बालों की भी खींचने लगी थोरी आक्रामक तरीके से ।


में जोश में आ के उनका साथ देते हुए उनकी पीठ के नीचे दोनो हाथ घुसाने लगा वो भी समझ गई और अपनी पीठ हल्की सी उठा दी तो मैने उन्हे कस के बाहों में जकड़ा । गर्म गर्म सांसों के साथ एक दूसरे की होठ बुरी तरह से निचोड़ने लगे हम ।



और जब वो तूफान थमा दोनो हाफने लगे । मम्मी एक नजर टिकाए मेरी आखों में देख रही थी और में मम्मी की आखों में ।


मेने पूछा " आप कौनसे साबुन से नहाती हो "


मम्मी बोली " बाथरूम में जो साबुन है उसी से जो तू भी नहाता हे"



में बोला " लेकिन आपकी खुशबू उस साबुन से कोई ज्यादा अच्छी हे । बार बार आपकी प्यार में पड़ने को मन करता है "



मम्मी मुस्कुराई और बोली " साफ साफ क्यू नही कहता की तुझे मेरी बदन की खुशबू अच्छी लगती है "


अब ने शरमा गया " लेकिन फिर भी आपकी खुशबू अमेजिंग है। पसीना भी आई हुई है आपकी आपकी आर्मपिट भी पसीने से गीली हे । फिर भी क्या महक हे आपकी "


मम्मी मेरे नाक हिला के बोली " इसे कहते है गुरुत्वाकर्षण तुम मर्दों को हम औरतों की गंध पसंद है । हम औरतों को तुम मर्दों की"



में बत्तीसी दिखा के पूछा " अच्छा मेरी गंध कैसी लगती है आपको "



मम्मी अपनी मुस्कान से मुझे चिढ़ाने लगी और मूंह बना के बोलने लगी " बोहोत बुरा "



में बोला " कोई बात नही आपको पसंद नही है तो क्या हुआ । मेरी बीवी को जरूर पसंद आयेगी "


मम्मी मुस्कुराई " तू भी ना । क्या क्या बाते ले के बैठ गया । बच्चा हे तु मेरा पसंद कैसे नही होगा । चलो शाम होने वाली हे । बोहोत देर हो गई । तुझे सिर्फ किस किस किस की पड़ी रहती है । कितने देर से बस किस किए जा रहा हे। हट अब "


में रिक्वेस्ट कर के बोला " एक बार लास्ट मम्मी "


मम्मी का मन नही था अब " अरे बाबा कही भागी थोरी जा रही हूं । पर्समीशन तो से दी अब घर जा के जीतना मन कर लेने उठो अब आअह्ह्हह्ह्ह "



में उठ गया और मम्मी भी उठ के कपड़े ठीक करने लगी । लेकिन में कहा रुकने वाला था इस बार मम्मी को पीछे से पकड़ और उसकी मुंह पकड़ के अपनी और घुमाती हुई किस करने लगा । वो भी कम नही थी मेरी तरफ घूम गई और मेरा होठ फिर से निचोड़ने लगी । और इसी तरह हम घर रात तक पोहोचे और पापा भड़क गए जो हमारी जगरा चला देर रात तक ।
 
Newbie
14
16
5
में मम्मी की निचली होठ को दातों में दबा के बोला " में क्या लग रहा हूं मम्मी "

मम्मी ने बुरी तरह शरमाई और बोली " आज तुम जवान लड़के नही जवान मर्द लग रहे हो। और दारी भी बढ़ के एकदम मुस्टंडे लग रहे हो "



में मुस्कुराता हुआ उनकी गाल चूमने लगा और मम्मी ने आंखे बंद कर के ठुंडी ऊपर कर दी तो में उनकी गर्दन चाटने लगा । मम्मी तुरंत आंखे खोल के मेरी होठ पे हाथ रख के बोली " बेटा तुझ से रिक्वेस्ट करती हुं। आज के बाद तुम्हे में होठों पे किस करने से नही रोकूंगी । और यही हमारा सीमा रेखा रहेगा । मेरे चेहरे के अलावा तुम मेरी किसी और अंग में नही चूमोगे प्लीज "



मम्मी ने मिन्नते की तो में भी कैसे ना मानूं । में बापछ उनकी आखों को चूम के बोला " ठीक हे मेरी रानी "


रानी सुनते ही मम्मी ने आंखे खोल के जूठा गुस्सा दिखा के बोली " ओए कुछ ज्यादा नही हो रहा हे तेरा । "


तो में दात दिखा के बोला " एक मर्द एक औरत को रानी पुकार रहा हे तो उस औरत को खुश होना चाहिए ना "


मम्मी अपनी मुस्कान दबा कर मेरा कान खींच के बोली " मार खायेगा सॉरी बोल । वरना किस क्या हग भी नही मिलेगी "





में जूठ मूठ का भाव दिखा के बोला " कोई बात नही मेरे लिए हजारों लाइन में खड़ी हे । "

मम्मी चिढ़ गई और मुझे खींच के " तू तो आज गया " और मेरे होठों को कस कस के चूसने लगी दातों से भी दबाने लगी अपनी दोनो हाथो से मेरी बालों की भी खींचने लगी थोरी आक्रामक तरीके से ।


में जोश में आ के उनका साथ देते हुए उनकी पीठ के नीचे दोनो हाथ घुसाने लगा वो भी समझ गई और अपनी पीठ हल्की सी उठा दी तो मैने उन्हे कस के बाहों में जकड़ा । गर्म गर्म सांसों के साथ एक दूसरे की होठ बुरी तरह से निचोड़ने लगे हम ।



और जब वो तूफान थमा दोनो हाफने लगे । मम्मी एक नजर टिकाए मेरी आखों में देख रही थी और में मम्मी की आखों में ।


मेने पूछा " आप कौनसे साबुन से नहाती हो "


मम्मी बोली " बाथरूम में जो साबुन है उसी से जो तू भी नहाता हे"



में बोला " लेकिन आपकी खुशबू उस साबुन से कोई ज्यादा अच्छी हे । बार बार आपकी प्यार में पड़ने को मन करता है "



मम्मी मुस्कुराई और बोली " साफ साफ क्यू नही कहता की तुझे मेरी बदन की खुशबू अच्छी लगती है "


अब ने शरमा गया " लेकिन फिर भी आपकी खुशबू अमेजिंग है। पसीना भी आई हुई है आपकी आपकी आर्मपिट भी पसीने से गीली हे । फिर भी क्या महक हे आपकी "


मम्मी मेरे नाक हिला के बोली " इसे कहते है गुरुत्वाकर्षण तुम मर्दों को हम औरतों की गंध पसंद है । हम औरतों को तुम मर्दों की"



में बत्तीसी दिखा के पूछा " अच्छा मेरी गंध कैसी लगती है आपको "



मम्मी अपनी मुस्कान से मुझे चिढ़ाने लगी और मूंह बना के बोलने लगी " बोहोत बुरा "



में बोला " कोई बात नही आपको पसंद नही है तो क्या हुआ । मेरी बीवी को जरूर पसंद आयेगी "


मम्मी मुस्कुराई " तू भी ना । क्या क्या बाते ले के बैठ गया । बच्चा हे तु मेरा पसंद कैसे नही होगा । चलो शाम होने वाली हे । बोहोत देर हो गई । तुझे सिर्फ किस किस किस की पड़ी रहती है । कितने देर से बस किस किए जा रहा हे। हट अब "


में रिक्वेस्ट कर के बोला " एक बार लास्ट मम्मी "


मम्मी का मन नही था अब " अरे बाबा कही भागी थोरी जा रही हूं । पर्समीशन तो से दी अब घर जा के जीतना मन कर लेने उठो अब आअह्ह्हह्ह्ह "



में उठ गया और मम्मी भी उठ के कपड़े ठीक करने लगी । लेकिन में कहा रुकने वाला था इस बार मम्मी को पीछे से पकड़ और उसकी मुंह पकड़ के अपनी और घुमाती हुई किस करने लगा । वो भी कम नही थी मेरी तरफ घूम गई और मेरा होठ फिर से निचोड़ने लगी । और इसी तरह हम घर रात तक पोहोचे और पापा भड़क गए जो हमारी जगरा चला देर रात तक ।
Awesome story bro✌
Keep It Up
 

Top