Incest राज और उसकी विधवा भाभी(completed)

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Update 10

15-20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झाड़ गया तो आज मैने ऋतु की चूत
को चाटना शुरू कर दिया. लाली ने मुझे ऋतु की चूत को चाट ते हुए
देखा उसने अपना हाथ अपनी चूत पर रख लिया. मैं समझ गया कि अब
वो धीरे धीरे रास्ते पर आ रही है. ऋतु की चूत को चाटने के बाद
मैने अपना लंड ऋतु के मूह के पास कर दिया तो ऋतु ने भी मेरा लंड
चाट चाट कर सॉफ कर दिया. उसके बाद मैं लेट गया. तभी लाली ने
कहा, दीदी, आप दोनो को घिन नहीं आती एक दूसरे का चाट ते हुए.
ऋतु ने कहा, कैसी घिन, मुझे तो मज़ा आता है और तेरे जीजू को भी.
उसके बाद हम सो गये.

सुबह मैं नहाने गया तो मैने लाली को पुकारा और कहा, टवल ले आ.
वो बोली, अभी लाई, जीजू. वो टवल ले कर आ गयी. मैने अपने लंड की
तरफ इशारा करते हुए कहा, थोड़ा रुक जा, मैं इसे साफ कर लूँ.
मैने अपने लंड पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. आज लाली ने अपना सिर
नीचे नहीं किया और मेरे लंड को ध्यान से देखती रही. वो अब ज़्यादा
नहीं शर्मा रही थी. मैने अपने लंड को साफ किया और फिर उस से
टवल ले लिया. वो चली गयी. मैं बाथरूम से बाहर आया तो ऋतु ने
मेरे लंड पर तेल लगाया और फिर मेरे लंड को चूमा और किचन में
चली गयी. लाली इस दौरान मेरे लंड को ध्यान से देखती रही. मैने
नाश्ता किया और दुकान चला गया.

रात के 8 बजे मैं वापस आया तो मैं कुच्छ मिठाई ले आया था.
मैने लाली को पुकारा. लाली आ गयी तो मैने उसे मिठाई दे दी. उसने
मिठाई ले ली और कहा, आप के लिए भी ले आऊँ. मैने कहा, हां,
थोड़ा सा ले आ. वो मिठाई ले कर आई तो मैने मिठाई खाने लगा.
तभी ऋतु आई. उसने मुझे मिठाई खाते हुए देखा तो बोली, आज कल
साली की बहुत सेवा हो रही है. मैने कहा, क्या करूँ. मेरी तो कोई
साली ही नहीं थी. अब जब मुझे एक साली मिल गयी है तो उसकी सेवा तो
करूँगा ही. लेकिन मेरी साली मेरा ज़्यादा ख़याल ही नहीं रखती. लाली
बोली, जीजू, मेरी कोई बहन नहीं है इसलिए मेरा कोई जीजू तो आने
वाला नहीं है. आप ही मेरे जीजू हो, आप हुकुम तो करो. मैने कहा,
क्या तुम मेरा कहना मनोगी. वो बोली, क्यों नहीं मानूँगी. मैने कहा,
ठीक है, जब मुझे ज़रूरत होगी तो तुम्हें बता दूँगा.

अगले 2 दिनो में मैने लाली से मज़ाक करना शुरू कर दिया. धीरे
धीरे वो भी मुझसे मज़ाक करने लगी. अब वो मुझसे शरमाती नहीं
थी. अब लाली खुद ही टवल ले आती थी. उस दिन भी जब मैं नहा रहा
था तो वो टवल ले कर आई और खड़ी हो गयी और मेरे लंड को देखने
लगी. मैने कहा, साली जी, आज तुम ही मेरे लंड पर साबुन लगा दो. वो
बोली, क्या जीजू, मुझसे अपने लंड पर साबुन लगवाएँगे. मैने कहा, तो
क्या हुआ. वो बोली, दीदी क्या कहेंगी. मैने ऋतु को पुकारा तो वो आ गयी
और बोली, क्या है. मैने कहा, मैं लाली से अपने लंड पर साबुन लगाने
को कहा तो ये कह रही है कि दीदी क्या कहेंगी. अब तुम इसे बता दो की
तुम क्या कहोगी. ऋतु ने कहा, मैं तो कहूँगी कि लाली तुम्हारे लंड पर
साबुन लगा दे. आख़िर वो तुम्हारी साली है. मैं भला इसे कैसे मना
कर सकती हूँ. मैने लाली से कहा, देखा, ये तुम्हें कुच्छ भी नहीं
कहेगी. लाली ने कहा, फिर मैं साबुन लगा देती हूँ.
 
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Update 11

ऋतु चली गयी. लाली ने थोड़ा सा शरमाते हुए मेरे लंड पर साबुन
लगाना शुरू कर दिया. मुझे खूब मज़ा आने लगा. उसकी आँखे भी
गुलाबी सी होने लगी. थोड़ी देर बाद वो बोली, अब बस करूँ या और
लगाना है. मैने कहा, थोड़ा और लगा दे, तेरे हाथ से साबुन लगवाना
मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. वो सबुन लगाती रही. थोड़ी ही देर
में जब मुझे लगा कि अब मेरा जूस निकल जाएगा तो मैं कहा, अब
रहने दो. उसने अपना हाथ साफ किया और चली गयी.

मैं नहाने के बाद बाहर आया और ड्रॉयिंग रूम में सोफे पर बैठ
गया. मैने ऋतु को पुकारा, ऋतु, ज़रा तेल तो लगा दो. लाली मेरे पास
आई और बोली, मैं ही लगा दूं क्या. मैने कहा, ये तो और अच्छि
बात है. तुम ही लगा दो. लाली मेरे लंड पर तेल लगा कर बड़े प्यार से
मालिश करने लगी तो मैं कुच्छ ज़्यादा ही जोश में आ गया. लाली ठीक
मेरे लंड के सामने ज़मीन पर बैठी थी. मेरे लंड से जूस की धार
निकल पड़ी और सीधे लाली के मूह पर जा कर गिरने लगी. लाली शर्मा
गयी और बोली, क्या जीजू, तुमने मेरा मूह गंदा कर दिया. मैने कहा,
तुम्हारे तेल लगाने से मैं कुच्छ ज़्यादा ही जोश में आ गया और मेरे
लंड का जूस निकल गया. लाओ मैं सॉफ कर देता हूँ. वो बोली, रहने
दो, मैं खुद ही साफ कर लूँगी. लाली बाथरूम में चली गयी. ऋतु
किचन से मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी. ऋतु ने कहा, अब
तुम्हारा काम बन ने ही वाला है.

नाश्ता करने के बाद मैं दुकान चला गया. रात को मैं लाली के लिए
एक झूमकि ले आया. मैने उसे झूमकि दी तो वो खुशी के उच्छल पड़ी और
ऋतु को दिखाते हुए बोली, देखो दीदी, जीजू मेरे लिए क्या लाए हैं.
ऋतु ने कहा, तू ही उनकी एकलौती साली है. वो तेरे लिए नहीं लाएँगे
तो और किस के लिए लाएँगे.

रात को खाना कहने के बाद हम सोने के लिए कमरे में आ गये. मैने
लाली से मज़ाक किया, क्यों लाली, मेरा लंड तुझे कैसा लगा. उसने
शरमाते हुए कहा, जीजू, ये भी कोई पूच्छने की बात है. मैने
कहा, तेरी दीदी को तो बहुत पसंद है, तुझे कैसा लगा. उसने
शरमाते हुए, मुझे भी बहुत अच्च्छा लगा. मैने पूचछा, तुझे क्यों
अच्च्छा लगा. वो बोली, इस लिए की आप का बहुत बड़ा है. मैने
पूचछा, जब मैं तुम्हारी दीदी के साथ करता हूँ तब कैसा लगता
है. वो बोली, तब तो और ज़्यादा अच्च्छा लगता है. लेकिन जीजू, एक बात
मेरी समझ में नहीं आती कि तुम्हारा इतना बड़ा है फिर भी दीदी के
अंदर पूरा का पूरा घुस जाता है. मैने कहा, तेरी दीदी को इसकी
आदत पड़ गयी है. वो बोली, लेकिन पहली बार जब आप ने घुसाया होगा
तो दीदी दर्द के मारे बहुत चिल्लाई होगी. मैने कहा, दर्द तो पहली
पहली बार सब औरतों को होता है. इसे भी हुआ था और ये खूब
चिल्लाई भी थी. लेकिन लाली बाद में मज़ा भी तो खूब आता है. तुम
चाहो तो अपनी दीदी से पूच्छ लो. लाली ने ऋतु से पुछा, क्यों दीदी,
क्या जीजू सही कह रहे हैं. ऋतु ने कहा, हां लाली, तभी तो मैं
इनसे रोज रोज करवाती हूँ. बिना करवाए मुझे नींद नहीं आती. तुम
भी एक बार इनका अंदर ले लो. कसम से इतना मज़ा आएगा की तुम भी रोज
रोज करने को कहोगी. लाली बोली, ना बाबा ना, मुझे बहुत दर्द होगा क्यों
की मेरा तो अभी बहुत छ्होटा है. ऋतु ने कहा, छ्होटा तो सभी का
होता है. लाली बोली, मुझे दर्द भी तो बहुत होगा. ऋतु ने कहा,
पगली, एक बार ही तो दर्द होगा उसके बाद इतना मज़ा आएगा कि तू सारा
दर्द भूल जाएगी. तूने देखा है ना कि कैसे इनका मेरी चूत में सटा
सॅट अंदर बाहर होता है. वो बोली, हां, देखा तो है. ऋतु बोली, फिर
एक बार तू भी अंदर ले कर देख ले. अगर तुझे मज़ा नहीं आएगा तो
फिर कभी मत करवाना. वो बोली, बाद में करवा लूँगी. ऋतु ने कहा,
आज क्यों नहीं. वो बोली, मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ. ऋतु
ने कहा, तो फिर आज तू इसे मूह में ले कर चूस ले. जब तेरा मन
कहेगा तभी इसे अंदर लेना. वो बोली, ठीक है, मैं मूह में लेकर चूस लेती हूँ.
 
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Update 12

ऋतु ने मुझसे कहा, तुम लाली के बगल में आ जाओ. मैं लाली के बगल
में आ गया. लाली ने मेरी लूँगी हटा दी और अपना हाथ मेरे लंड पर
रख दिया. उसके हाथ लगाने से मेरा लंड फंफनता हुआ खड़ा हो
गया. लाली उसे सहलाने लगी. मुझे मज़ा आने लगा. मैने कहा, अब इसे
मूह में ले लो. वो बोली, ज़रूर लूँगी, पहले थोड़ा सहलाने दो ना.
मैने कहा, ठीक है. थोड़ी देर तक सहलाने के बाद लाली उठ कर
बैठ गयी. उसने शरमाते हुए मेरे लंड का सूपड़ा अपने मूह में ले
लिया और चूसने लगी. ऋतु ने मुस्कुराते हुए पुचछा, क्यों लाली, कैसा
लग रहा है. वो बोली, दीदी, बहुत अच्च्छा लग रहा है. ऋतु ने कहा,
मेरी बात मान जा और इसे अपनी चूत के अंदर भी ले ले. फिर और ज़्यादा
अच्च्छा लगेगा. वो बोली, बहुत दर्द होगा. ऋतु ने कहा, तू इतना डरती
क्यों है. मैं हूँ ना तेरे पास. उसने कहा, अच्च्छा, मुझे पहले
थोड़ी देर चूस लेने दो, फिर मैं भी अंदर लेने की कोशिश करूँगी.

लाली मेरा लंड चूस्ति रही. मैने अपना हाथ बढ़ा कर उसकी चूत पर
रख दिया लेकिन वो कुच्छ नहीं बोली. मैने पॅंटी के उपर से ही उसकी
चूत को सहलाना शुरू कर दिया तो वो सिसकारियाँ भरने लगी. थोड़ी देर
में ही उसकी छुट गीली हो गयी तो मैने पुचछा, कैसा लगा. वो बोली,
बहुत अच्छा. लाली अब तक पूरे जोश में आ चुकी थी. मैने कहा,
जब तू मेरा लंड अपनी चूत के अंदर लेगी तो तुझे और ज़्यादा अच्च्छा
लगेगा. वो बोली, ठीक है जीजू, घुसा दो, लेकिन बहुत धीरे धीरे
घुसाना. मैने कहा, थोड़ा दर्द होगा, ज़्यादा चिल्लाना मत. वो बोली,
मैं अपना मूह बंद रखने की कोशिश करूँगी. मैने कहा, ठीक है,
तू पहले अपने कपड़े उतार दे. वो बोली, मैने कपड़े ही कहाँ पहन रखे
हैं. मैने उसकी ब्रा और पॅंटी की तरफ इशारा करते हुए कहा, फिर
ये क्या है. वो बोली, क्या इसे भी उतारना पड़ेगा. मैने कहा, हां,
तभी तो मज़ा आएगा. उसने कहा, ठीक है, उतार देती हूँ.

इतना कह कर लाली खड़ी हो गयी और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए.
ऋतु मुझे देख कर मुस्कुराने लगी तो मैं भी मुस्कुरा दिया. लाली बेड
पर लेट गयी तो मैं लाली के पैरों के बीच आ गया. मैने उसके
पैरों को एक दम दूर दूर फैला दिया. उसके बाद मैने अपने लंड के
सूपदे को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो जोश के मारे पागल
सी होने लगी और ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ भरते हुए बोली, जीजू, बहुत
मज़ा आ रहा है, और ज़ोर से रागडो. मैने और ज़्यादा तेज़ी के साथ
रगड़ना शुरू कर दिया तो 2-3 मिनट में ही लाली ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ
भरने लगी और झाड़ गयी.

लाली की चूत अब एक दम गीली हो चुकी थी इस लिए मैने अब ज़्यादा देर
करना ठीक नहीं समझा. मैने उसकी चूत की लिप्स को फैला कर अपने
लंड का सूपड़ा बीच में रख दिया. उसके बाद जैसे ही मैने थोड़ा सा
ज़ोर लगाया तो वो चीख उठी और बोली, जीजू, बहुत दर्द हो रहा है,
बाहर निकाल लो. मैने कहा, बस थोड़ा सा बर्दास्त करो. मेरे लंड का
सूपड़ा उसकी चूत में घुस चुका था. मैने फिर से थोड़ा सा ज़ोर
लगाया तो इस बार वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. उसने रोना शुरू कर
दिया तो ऋतु ने उसे चुप करते हुए कहा, दर्द को बर्दास्त कर तभी
तो तू मज़ा ले पाएगी. वो बोली, बहुत तेज दर्द हो रहा है, दीदी. ऋतु
उसका सिर सहलाने लगी तो थोड़ी ही देर में वो शांत हो गयी.

मेरा लंड इस उसकी चूत में 2" तक घुस चुका था. जब लाली चुप हो
गयी तो मैने फिर से ज़ोर लगाया तो मेरा लंड थोडा सा और घुस गया
और उसकी सील मेरे लंड के रास्ते में आ गयी. वो फिर से चीखने
लगी और बोली, जीजू, बाहर निकाल लो, मैं मर जाउन्गि, बहुत दर्द हो
रहा है, मेरी चूत फॅट जाएगी. मैने उसकी चुचियों को मसलते हुए
कहा, बस थोडा सा ही और है. थोड़ी देर तक मैं उसकी चुचियों को
मसलता रहा और उसे चूमता रहा तो वो शांत हो गयी. मुझे अब उसकी सील को फाड़ना था.
 
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Update 13

मैने लाली की कमर को ज़ोर से पकड़ लिया पूरी ताक़त के साथ बहुत ही
ज़ोर का धक्का मारा. उसकी चूत से खून निकलने लगा. मेरा लंड उसकी
सील को फाड़ते हुए 4" से थोडा ज़्यादा अंदर घुस गया. लाली इस बार
कुच्छ ज़्यादा ही ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी तो ऋतु ने उसे चुप करते
हुए कहा, बस हो गया, अब रो मत. अब दर्द नहीं होगा, केवल मज़ा
आएगा. वो बोली, क्या पूरा अंदर घुस गया. ऋतु ने कहा, अभी कहाँ,
अभी तो आधा ही घुसा है. वो बोली, जब जीजू बाकी का घुसाएँगे तो
मुझे फिर से दर्द होगा. ऋतु ने कहा, नहीं, अब दर्द नहीं होगा, अब
तुझे मज़ा आएगा.

लाली जब शांत हो गयी तो मैने धीरे धीरे उसकी चुदाई शुरू कर
दी. उसे अभी भी दर्द हो रहा था और वो आहें भर रही थी. उसकी
चूत बहुत ही ज़्यादा टाइट थी इस लिए मेरा लंड आसानी से उसकी चूत
में अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था. मैं उसे चोद्ता रहा तो वो
कुच्छ देर बाद वो धीरे धीरे शांत हो गयी. अब उसे भी कुच्छ कुच्छ
मज़ा आने लगा था. उसने सिसकिया भरनी शुरू कर दी. ऋतु ने
पुछा, अब कैसा लग रहा है. वो बोली, अब तो मज़ा आ रहा है. ऋतु
ने कहा, पूरा अंदर घुस जाने दे तब तुझे और मज़ा आएगा, ये तो
अभी शुरुआत है. मैने उसे चोदना जारी रखा तो थोड़ी ही देर बाद
उसने अपने चूतड़ भी उठाने शुरू कर दिए.
 
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Update 14

थोड़ी देर की चुदाई के बाद लाली झाड़ गयी. उसकी चूत और मेरा लंड
अब एक दम गीला हो चुका था. मैने अपनी स्पीड धीरे धीरे बढ़ानी
शुरू कर दी. लाली पूरे जोश में आ चुकी थी. वो ज़ोर ज़ोर से
सिसकारियाँ भर रही थी. मैने हर 4-6 धक्के के बाद एक धक्का थोड़ा
ज़ोर से लगाना शुरू कर दिया. इस से मेरा लंड थोड़ा थोड़ा कर के उसकी
चूत में और ज़्यादा गहराई तक घुसने लगा. जब मैं तेज धक्का लगा
देता था तो लाली केवल एक आह सी भरती थी. वो इतने जोश में आ
चुकी थी कि उसे अब ज़्यादा दर्द महसूस नहीं हो रहा था. मैं इसी
तरह से उसे चोद्ता रहा.

थोड़ी देर की चुदाई के बाद ही लाली फिर से झाड़ गयी. अब तक मेरा
लंड उसकी चूत में 7" अंदर घुस चुका था. मैने अपनी स्पीड बढ़ाते
हुए उसकी चुदाई जारी रखी. थोड़ी ही देर में मेरा पूरा का पूरा
लंड उसकी चूत में समा गया. ऋतु ने जब देखा की मेरा पूरा लंड
उसकी चूत में घुस चुका है तो उसने लाली से कहा, इनका पूरा का
पूरा लंड तेरी चूत के अंदर घुस गया है. अब तुझे केवल मज़ा
आएगा. वो बोली, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है. ऋतु ने कहा, अगर
तुझे विश्वास नहीं हो रहा है तो हाथ लगा कर देख ले. लाली ने
हाथ लगा कर देखा तो बोली, दीदी, ये पूरा अंदर कैसे घुस गया,
मुझे तो कुच्छ पता ही नहीं चला. ऋतु ने कहा, जब तू थोड़ी देर की
चुदाई के बाद पूरे जोश में आ गयी थी तब ये बीच बीच में
ज़ोर का धक्का लगा देते थे. जिस से इनका लंड थोड़ा थोड़ा कर के तेरी
चूत के अंदर घुसा जाता था. तू जोश में थी इस लिए तुझे कुच्छ
पता ही नहीं चला.

मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी क्यों कि अब मैं झड़ने वाला था. 2 मिनट
के अंदर ही मैं झाड़ गया तो लाली भी मेरे साथ ही साथ फिर से
झाड़ गयी. मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल कर लाली से
पूछा, चतोगी. उसने मेरा लंड देखा तो उस पर जूस के साथ थोडा
खून भी लगा हुआ था. वो बोली, जीजू, इस पर तो खून भी लगा हुआ
है. मैं अगली बार चाट लूँगी. ऋतु ने कहा, तेरी चूत का ही तो
खून है और ये पहली पहली बार निकला है, चाट ले इसे. वो बोली, तुम
कहती हो तो मैं चाट लेती हूँ. उसने मेरा लंड चाट चाट कर साफ कर
दिया. ऋतु ने पूछा, चुदवाने में मज़ा आया. वो बोली, हां, मज़ा तो
आया लेकिन ज़्यादा नहीं. ऋतु ने पुछा, क्यों. वो बोली, जब मुझे ज़्यादा
मज़ा आना शुरू हुआ तो जीजू झाड़ गये. ऋतु ने कहा, अगली बार ज़्यादा
मज़ा आएगा. इस बार तो इनका सारा वक़्त तेरी चूत में रास्ता बनाने
में ही लग गया.

मैं लाली के बगल में लेट गया. वो मेरी पीठ को सहलाते हुए मुझे
चूमती रही. 10 मिनट में ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैने
लाली को डॉगी स्टाइल में कर दिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी. उसे
इस बार चुदवाने में ज़्यादा मज़ा आया और मुझे भी. उसने इस बार
पूरी मस्ती के साथ खूब जम कर चुदवाया. मैने भी उसे पूरे जोश
के साथ बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए खूब जम कर चोदा.
इस बार मैने लगभग 35 मिनट तक उसकी चुदाई की. लाली इस दौरान 4
बार झाड़ गयी थी.

मैं लाली के बगल में लेट गया. हम सब आपस में बातें करते
रहे. लगभग 1 घंटे के बाद ऋतु ने मुझसे कहा, क्यों जी, तुम मुझे
आज नहीं चोदोगे क्या. साली की कुँवारी चूत का मज़ा पा कर मुझे भूल
गये क्या. मैने कहा, भला मैं तुम्हें कैसे भूल सकता हूँ, तुम
तो मेरी बीवी हो. मैं रोज रोज घर का ही तो खाना ख़ाता हूँ. कभी
कभी होटेल के खाने का मज़ा भी ले लेना चाहिए. तुम तो मेरे लिए
घर का खाना हो और लाली होटेल का. आज मैने कुँवारी चूत का मज़ा
लिया है इस लिए मैं तुम्हारी चूत को आज हाथ भी नहीं लगाउन्गा.
आज तो मैं तुम्हारी गांड़ मारूँगा. ऋतु बोली, फिर मारो ना. लाली बोली,
जीजू क्या कह रहे हो. मैने कहा, ठीक ही कह रहा हूँ. ये कभी
कभी मुझसे गांड़ भी मरवाती है. गांड़ मरवाने में भी खूब मज़ा
आता है. तुम भी मर्वओगि. वो बोली, पहले आप दीदी की गांड़ मार लो.
ज़रा मैं भी तो देखूं की दीदी आप का इतना लंबा और मोटा लंड अपनी
गांड़ के अंदर कैसे लेती है.
 
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Update 15

ऋतु डॉगी स्टाइल में हो गयी तो मैने ऋतु की गांड़ मारनी शुरू कर
दी. लाली आँखें फाडे मेरे लंड को ऋतु की गांड़ में अंदर बाहर
होते हुए देखती रही. मैं 2 बार लाली की चुदाई कर चुका था इस
लिए मैं जल्दी झाड़ नहीं पा रहा था. ऋतु सिसकारियाँ भरते हुए
मुझसे गांड़ मरवा रही थी. लाली ऋतु को गांड़ मरवाते हुए देख रही
थी. उसकी आँखों में भी जोश की झलक साफ दिख रही थी. मैने
लाली से पुछा, कैसा लग रहा है. वो बोली, बहुत ही अच्च्छा लग रहा
है, जीजू. मैने पुछा, गांड़ मर्वओगि. वो बोली, फिर से दर्द होगा.
मैने कहा, गांड़ मरवाने में तो बहुत ही ज़्यादा दर्द होता है. वो
बोली, ना बाबा ना, मैं गांड़ नहीं मरवाउंगी. ऋतु ने कहा, लाली,
पहले तू खूब जम कर इनसे चुदवाने का मज़ा ले ले. उसके बाद एक बार
गांड़ भी मरवाने का मज़ा ले लेना. मैने लगभग 45 मिनट तक ऋतु की
गांड़ मारी और झाड़ गया.

मैने कयि दीनो तक लाली को खूब जम कर चोदा. उसे अब चुदवाने में
बहुत मज़ा आने लगा था. मुझे भी कुँवारी चूत को चोदने का मज़ा मिल
चुका था और मैं अब उसकी एक दम टाइट चूत को चोद रहा था. मैं
लाली की गांड़ भी मारना चाहता था लेकिन उसे मैं खूब तडपा तडपा
कर उसकी गांड़ मारना चाहता था. मैने काई बार लाली के सामने ऋतु की
गांड़ मारी तो एक दिन वो अपने आप को रोक नहीं पाई. वो मुझसे कहने
लगी, जीजू, एक बार मेरी भी गांड़ मार लो, मैं भी गांड़ मरवाने का
मज़ा लेना चाहती हूँ. मैने कहा, तुझे बहुत ज़्यादा तकलीफ़ होगी. वो
बोली, होने दो. मैने उस से कहा, तू नहीं जानती है कि मैने ऋतु की
गांड़ पहली पहली बार कैसे मारी थी. वो बोली, बताओगे तभी तो
जानूँगी. मैने कहा, तो सुन, तूने वो पिलर देखा है ना जो आँगन
में है. वो बोली, हां, देखा है. मैने कहा, मैने ऋतु को खड़ा
कर के उसी पिलर में कस कर बाँध दिया था. उसके बाद मैने इसके
मूह में कपड़ा थूस कर इसका मूह भी बाँध दिया था जिस से ये ज़्यादा
चिल्ला ना सके. उसके बाद ही मैं रातू की गांड़ मार पाया था. गांड़
में लंड आसानी से नहीं घुसता है, बहुत मेहनत करनी पड़ती है और
दर्द भी बहुत होता है. गांड़ से बहुत ज़्यादा खून भी निकलता है.
वो बोली, चाहे जो भी हो आप मेरी गांड़ मार दो, मैं कुच्छ नहीं
जानती. मैने कहा, तू कयि दिनो तक बिस्तेर पर से उठ भी नहीं
पाएगी. वो बोली, जब दीदी ने आप से गांड़ मरवा लिया तो मैं क्यों
नहीं मरवा सकती. मैने कहा, सोच ले, बहुत दर्द होगा. तेरी गांड़
भी फॅट सकती है. वो ज़िद करने लगी, मैं कुच्छ नहीं जानती, तुम
मेरी गांड़ मार दो बस. मैने कहा, अच्छा, कल मैं तेरी गांड़ मार
दूँगा. वो बोली, नहीं आज ही और अभी मेरी गांड़ मार दो.

ऋतु मेरी बात सुनकर मुस्कुरा रही थी. वो जानती थी कि मैं झूठ
बोल रहा हूं. वो ये भी संज़ह गयी थी मैं उसकी गांड़ को बहुत ही
बुरी तरह से मारना चाहता हूँ. ऋतु ने लाली से कहा, चल आँगन
में. मैं ऋतु और लाली के साथ आँगन में आ गया. ऋतु कुच्छ
कपड़े और रस्सी ले आई. उसके बाद मैने लाली से कहा, तू पिलर को
ज़ोर से पकड़ कर खड़ी हो जा. वो पिलर को पकड़ कर खड़ी हो गयी.
उसके बाद मैने रस्सी से उसकी कमर को पिलर से बाँध दिया. उसके बाद
मैने दूसरी रस्सी ली और उसके पैर को भी फैला कर पिलर से बाँध
दिया. फिर मैने लाली के दोनो हाथ भी पिलर से बाँध दिए. वो बोली,
जीजू, आप ने तो मुझे ऐसे बाँध दिया है कि मैं ज़रा सा भी इधर
उधर नहीं हो सकती. मैने कहा, गांद मारने के लिए ऐसे ही बांधना
पड़ता है. उसके बाद मैने लाली के मूह में कपड़ा थूस दिया और उसके
मूह को बाँध दिया.
 
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Update 16

मैने ऋतु से कहा, अब तुम मेरे लंड को तोड़ा सा चूस लो जिस से ये
पूरी तरह से टाइट हो जाए. ऋतु ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर
दिया तो थोड़ी ही देर में मेरा लंड पूरी तरह से टाइट हो गया.
मैने ऋतु के मूह से अपना लंड बाहर निकाला और लाली के पिछे आ
गया. मैने लाली की गांद के छेद पर अपने लंड का सूपड़ा रखा और
पूरे ताक़त के साथ ज़ोर का धक्का मारा. लाली दर्द के मारे तड़पने
लगी. वो अपना सिर इधर उधर कने लगी. उसका मूह बँधा हुआ था इस
लिए उसके मूह से केवल गूओ गूओ की आवाज़ ही निकल रही थी. एक धक्के
में ही मेरा लंड उसकी गांद को चीरता हुआ 2" तक घुस गया. उसकी
गांद से खून निकल आया. मैने दूसरा धक्का लगाया तो लाली के मूह
से बहुत ज़ोर ज़ोर से गूऊ गूऊ की आवाज़ निकलने लगी. मेरा लंड 4"
अंदर घुस गया. लाली की गांद से और ज़्यादा तेज़ी के साथ खून
निकलने लगा. मैने फिर से एक धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी गांद
में 5" तक घुस गया. उसके बाद मैने एक ही झटके से अपना लंड उसकी
गांद से बाहर खीच लिया. पक की आवाज़ के साथ मेरा लंड लाली की
गांद से बाहर आ गया. लाली के मूह से अभी भी ज़ोर ज़ोर से गूओ गूओ
की आवाज़ निकल रही थी.

मैने ऋतु को अपना लंड दिखाते हुए कहा, इसकी गांद तो बहुत ही
टाइट है. देखो कितना खून निकल आया है. ऋतु बोली, क्यों तड़पाते
हो बेचारी को. घुसा दो ना अपना पूरा लंड इसकी गांद में. मैने
कहा, ठीक है बाबा, घुस देता हूँ. मैने लाली की गांद के छेद पर
फिर से अपने लंड का सूपड़ा रख दिया. उसकी गांद खून से भीगी हुई
थी. मैने बहुत ही ज़ोर का एक धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी गांद
में 5" तक घुस गया. उसके बाद मैने 2 धक्के और लगाए तो मेरा
लंड उसकी गांद में 7" तक अंदर घुस गया. लाली का सारा बदन
पसीने से भीग गया था. वो अपना सिर पिलर पर पटक रही थी. उसकी
आँखो से आँसू बह रहे थे. मुझे खूब मज़ा आ रहा था. मैं
लाली की गांद इसी तरह से मारना चाहता था. मेरी तमन्ना पूरी हो
रही थी. ऋतु आँखें फाडे मुझे देख रही थी. उसने कहा, रहम
करो इस बेचारी पर. क्यों तडपा रहे हो इसे. मैने 2 बहुत ही जोरदार
धक्के और लगाए तो मेरा पूरा का पूरा लंड लाली की गांद में समा
गया.

पूरा लंड घुसा देने के बाद भी मैं रुका नहीं, मैने तेज़ी के साथ
लाली की गांद मारनी शुरू कर दी. लाली के मूह से गूओ गूओ की आवाज़
निकल रही थी. उसकी गांद बहुत ही ज़्यादा टाइट थी इस लिए मेरा लंड
उसकी गांद में आसानी से पूरा अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था.
मैं पूरी ताक़त के साथ धक्के लगा रहा था. 10 मिनट के बाद मेरा
लंड थोड़ा आसानी से अंदर बाहर होने लगा. लाली के मूह से भी ज़्यादा
आवाज़ नहीं निकल रही थी. मैने लाली से पुछा, मूह खोल दूँ. उसने
अपना सिर हां में हिला दिया. मैने पुछा, चिल्लाओगी तो नहीं. उसने
अपना सिर ना में हिला दिया.
 
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Update 17

मैने लाली का मूह खोल दिया और उसके मूह से कपड़ा बाहर निकाल लिया. वो
रोते हुए बोली, जीजू, आप ने तो मुझे मार ही डाला. क्या इसी तरह से
गांद मार जाती है. मैने कहा, हां, गांद इसी तरह से मारी जाती
है. अगर मैने तुम्हारा मूह बँधा नहीं होता तो तुम कितनी ज़ोर ज़ोर से
चिल्लाति, ये तुम अब समझ गयी होगी. वो बोली, आप सही कह रहे हो,
तब तो मैं बहुत चिल्लाति. मैने कहा, अगर मैने तुम्हें पिलर से
ना बाँधा होता तो अब तक कयि बार अपने चूतड़ इधर उधर करती और
मैं तुम्हारी गांद में अपना लंड नहीं घुसा पाता. वो बोली, जीजू, आप
एक दम सही कह रहे हो. मैने तो आप को धकेल ही दिया होता. मैने
कहा, अब तुम ही बताओ मैने सही किया या नहीं. वो बोली, आप ने बिल्कुल
ठीक किया. ऐसे ही करना चाहिए था. अब तो मुझे पिलर से खोल दो.
मैने कहा, पहले मैं तुम्हारी गांद तो मार लूँ फिर खोल दूँगा. वो
बोली, तो मारो ना. मैने पुछा, कुच्छ मज़ा आ रहा है. वो बोली, अभी
तो बहुत ही कम मज़ा आ रहा है.
 
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Update 18

मैने लाली की गांद मारनी शुरू कर दी. मैं पूरे ताक़त के साथ ज़ोर
ज़ोर के धक्के लगा रहा था. लाली को भी अब मज़ा आ रहा था. उसके मूह
से सिसकारियाँ निकल रही थी. 10 मिनाट तक उसकी गांद मारने के बाद मैं
झाड़ गया. मैने अपना लंड लाली की गांद से बाहर निकाला और लाली को
दिखाते हुए कहा, देखो कितना खून निकला है तुम्हारी गांद से. वो
आँखें फाडे मेरे लंड को देखने लगी. वो बोली, जीजू, अब तो खोल दो
मुझे. मैने कहा, एक बार तुम्हारी गांद और मार लूँ फिर खोल दूँगा.
वो बोली, कमरे में मार लेना. मैने कहा, तुम फिर से चिल्लाओगी. वो
बोली, मैं अपना मूह बंद रखने की कोशिश करूँगी. मैने ऋतु से
कहा, खोल दो लाली को.

ऋतु ने लाली के हाथ पैर खोल दिए. लाली बाथरूम जाना चाहती थी
लेकिन वो बिल्कुल भी चल फिर नहीं पा रही थी. ऋतु ने उसे सहारा
देकर बाथरूम में ले गयी. लाली ने अपनी गांद और चूत को साबुन से
सॉफ किया. फिर ऋतु उसे कमरे में ले आई. मैं कमरे में आया तो
लाली बेड पर लेटी थी. मैं उसके बगल में लेट गया. 1 घंटे के बाद
मैने फिर से लाली की गांद मारनी शुरू की. वो थोड़ी देर तक चिल्लाई
फिर शांत हो गयी. उसके बाद उसे खूब मज़ा आया और मुझे भी. उसने
मुझसे खूब जम कर गांद मरवाई.

धीरे धीरे 6 महीने गुजर गये. लाली मुझसे खूब जम कर चुदवाती
रही और गांद मरवाती रही. मुझे भी लाली की चुदाई करने में और
उसकी गांद मारने में खूब मज़ा आता था. एक दिन मैने दुकान के
नौकर रामू को कुच्छ फाइल लाने के लिए घर भेजा. उसने घर पर लाली
को देखा तो लाली उसे बहुत पसंद आ गयी. रामू की उमर भी 20 साल की
थी और वो अभी कुँवारा था. उसने मुझसे लाली के बारे में पुछा तो
मैने उसे बता दिया कि वो ऋतु के गाओं की रहने वाली है. उसने मुझसे
कहा कि वो लाली से शादी करना चाहता है. मैने कहा, ठीक है, मैं
लाली से पूच्छ लूँ फिर बता दूँगा. रात में जब मैं घर आया तो
मैने लाली से बात की तो वो तय्यार हो गयी. उसे भी रामू पसंद आ
गया था. उसने मुझसे कहा, जीजू, एक दिक्कत है. मैने पूछा, वो क्या.
वो बोली, आप मुझे बहुत ही अच्छि तरह से चोद्ते हैं और मेरी
गांद भी मारते हैं. अगर मैं शादी कर लूँगी तब मैं आप से मज़ा
कैसे ले पाउन्गि. मैने कहा, पगली, तू अपनी दीदी से मिलने के बहाने आ
जाया करना. मैं तेरी चुदाई कर दूँगा और तेरी गांद भी मार
दूँगा. सारी ज़िंदगी तू कुँवारी तो नहीं रह सकती. वो बोली, फिर
ठीक है.
 
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Update 19

मैने लाली के माता पिता से बात की तो वो भी तय्यार हो गये. कुच्छ
दिनो के बाद लाली की शादी रामू से हो गयी. सनडे को दुकान की छुट्टी
रहती है. लाली हर सनडे के दिन ऋतु से मिलने आती है और मैं
सारा दिन खूब जम कर उसकी चुदाई करता हूँ और उसकी गांद भी
मारता हूँ.

एक दिन जब मैं रात को दुकान से घर आया तो लाली घर पर आई हुई
थी. उसके साथ एक औरत और थी. वो भी बहुत ही खूबसूरत थी लेकिन
थी थोड़ी मोटी. उसकी उमर भी 20 साल के लगभग रही होगी. मैने लाली
से कहा, आज तो सनडे नहीं है, फिर आज कैसे और ये तेरे साथ
कौन है. वो बोली, ये मीना है, मेरी भाभी. आप से चुदवाने आई
है. मैने कहा, तू क्या कह रही है. वो बोली, जीजू, भोले मत बनो.

आप इतनी अच्छि तरह से मेरी चुदाई करते हैं और मेरी गांद मारते
हैं, मैं क्या कभी भूल सकती हूँ. भाभी मेरे बारे में सब
जानती हैं क्यों कि ये मेरी सहेली की तरह हैं और मैने इन्हें सब
कुच्छ बता दिया है. मैं इन से कुच्छ भी नहीं छुपाती हूँ. इनकी
शादी हुए 3 साल गुजर गये हैं और ये अभी तक मा नहीं बन पाई
है. मैने इन से कह दिया था कि मैं तुझे अपने जीजू से चुदवा
दूँगी. तुझे चुदाई का पूरा मज़ा भी मिल जाएगा और तू मा भी बन
जाएगी. ये तय्यार हो गयी. उसके बाद मैने भैया से कहा कि भाभी को
मेरे पास 1 महीने के लिए भेज दो. मैं इसका इलाज़ बहुत ही अच्छे
डॉक्टर से करा दूँगी. भैया ने इसे मेरे पास भेज दिया और मैं इसे
आप के पास ले आई हूँ. अब आप इसका इलाज़ बहुत ही अच्छि तरह से
कर दो. आप को फिर से एक कुँवारी चूत को चोदने का मौका मिल जाएगा.
मैने कहा, ये कुँवारी थोड़े ही है. लाली बोली, इसने मुझे बताया था
की भैया का लंड केवल 4" का ही है और आप का लंड तो बहुत लंबा
और मोटा है. आप के लंड के लिए इसकी चूत कुँवारी जैसी ही है.

मैने कहा, ठीक है मैं इसका इलाज़ कर दूँगा. लेकिन जैसे मैने
तेरी गांद मारी थी ठीक उसी तरह मैं पहले इसकी गांद मारूँगा.
उसके बाद ही मैं इसकी चूत को हाथ लगाउन्गा. तभी मीना बोल पड़ी,
जीजू, मुझे तो केवल मा बन ना है और आप से चुदवाने का खूब मज़ा
लेना है. आप जो भी चाहो मेरे साथ करो, बस मुझे मा बना दो और
मुझे चुदाई का पूरा मज़ा दे दो. मैने लाली से कहा, जब मैं इसे
चोद दूँगा तो इसकी चूत एक दम चौड़ी हो जाएगी. उसके बाद जब ये
तेरे भैया से छुड़वाएगी तो उन्हें इसकी चूत एक दम ढीली लगेगी तो
वो क्या कहेंगे. लाली बोली, वो कुच्छ भी नहीं कह पाएँगे. मैं वही
बहाना बना दूँगी जो मैने रामू से से बनाया था. मैने पुछा, तूने
रामू से क्या कहा था. लाली बोली, जीजू, रामू को जब मेरी चूत चौड़ी
लगी थी तो मैने रामू से कहा था कि मेरी चूत में कुच्छ दिक्कत थी.
डॉक्टर ने मेरी चूत में एक औज़ार डाला था जिस से मेरी चूत का मूह एक
दम चौड़ा हो गया. मैने कहा, तू तो बड़ी चालाक निकली. लाली
मुस्कुराने लगी.

मैने लाली और ऋतु से कहा, तुम दोनो इसे भी आँगन में ले जाओ और
पिलर से बाँध दो. लाली और ऋतु उसे लेकर आँगन में चले गये.
थोड़ी देर बाद लाली मेरे पास आई और बोली, जीजू, आप का खाना तय्यार
है, चल कर खा लो. मैं समझ गया कि लाली क्या कह रही है. मैने
कहा, चलो. मैं लाली के साथ आँगन में आ गया. मैने जैसे लाली
की गांद मारी थी ठीक उसी तरह उसकी भाभी की गांद भी मारी. मुझे
मीना की गांद मारने में ज़्यादा मज़ा आया क्यों की मोटी होने की वजह
से उसकी गांद गद्देदार की तरह थी. उसे भी बहुत दर्द हुआ और उसकी
गांद से भी ढेर सारा खून निकला. उसके बाद लाली और ऋतु उसे कमरे
में ले आए. मैने सारी रात कमरे में ही खूब जम कर उसकी गांद
मारी. 2 बार जब मैं उसकी गांद मार चुका तो उसके बाद उसे भी गांद
मरवाने में खूब मज़ा आने लगा.

दूसरे दिन से मैने उसकी चुदाई शुरू की. उसकी चूत भी गद्देदार थी.
पहली पहली बार वो बहुत चीखी और चिल्लाई लेकिन बाद में उसे
खूब मज़ा आने लगा. मुझे उसकी चूत की चुदाई करने में कुच्छ
ज़्यादा ही मज़ा आया. उसे भी मेरा लंड बहुत पसंद आ गया. उसकी चूत
मेरे लंड के लिए किसी कुँवारी चूत से कम नहीं थी. 1 महीने तक
मैने उसकी तरह तरह के स्टाइल में खूब जम कर चुदाई की और उसकी
गांद मारी. वो मुझसे अभी चुदवाना चाहती थी. उसने लाली से अपने मन
की बात बता दी. लाली के भैया आए तो लाली ने उनसे कहा कि अभी इलाज़
पूरा नहीं हुआ है. डॉक्टर ने 2 महीने और रुकने को कहा है. वो
खुशी खुशी वापस गाओं चले गये.

15 दीनो के बाद जब मीना को महीना नहीं हुआ तो लाली और ऋतु उसे
डॉक्टर के पास ले गये. डॉक्टर ने बताया कि वो मा बन ने वाली है.
मीना बहुत खुश हो गयी. उसने मुझे और ज़्यादा जम कर चुदवाना शुरू
कर दिया. मुझे मीना की गद्देदार चूत ज़्यादा पसंद आ गयी थी इसलिए
मैने ज़्यादातर उसके चूत की ही चुदाई की. मैने अगले 1 1/2 महीने तक
मीना को खूब जम कर चोदा और उसकी गांद भी मारता रहा. उसके बाद
वो गाओं चली गयी. अब मैं केवल ऋतु और लाली को ही चोद्ता हूँ.
ऋतु भी अब मा बन ने वाली है.

समाप्त.......
 

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