Incest संस्कारी परिवार की बेशर्म कामुक रंडियां। अंदर छुपी हवस जब सामने आयी

Member
216
274
63
Note: I am not a Original Writer, It is C/p Story From Net.

Credit goes to original writer: Rachit Chaudhary

All credit's goes to him only.
I am just sharing it here.
 
Member
216
274
63
INTRODUCTION

1. धरमवीर - उमर 65 साल , परिवार के मुखिया । इनकी अपनी खुद की तीन कम्पनियां है। ये एक बलिष्ठ और ताकतवर इंसान हैं । 10 साल पहले ही पत्नी की accident की वजह से मौत हो गई थी इसलिए हर वक्त ये किसी ना किसी को चोदने की प्लानिंग करते रहते हैं। wild sex के शौकीन हैं।





2.आरती - उमर 40 साल, धरमवीर की छोटी बहन है (36x30x40) इनका अपने पति से तलाक हो गया है । दिखने में ये इतनी आकर्षक है कि कोई भी एकबार देखले तो कई साल तक ना सो पाए । 5.5 फीट इनकी हाइट है , काले और घने लंबे बाल है , सेब जैसे लाल गाल है ,होंठ थोड़े मोटे है और आंखे किसी मृगनयनी की तरह है बिल्कुल कातिल । नीचे छाती पर देखने से लगता है जैसे दो पहाड़ तनकर खड़े हो और कह रहे हों कि है कोई जो हम फतह कर सके । उसके नीचे इनकी कमर है जो चलते वक्त लचक जाती है । नाभि से नीचे फिर शुरू होती है इनकी चौड़ाई , मतलब कि इनका पिछ्वाड़ा बाहर की तरफ ऐसे निकला हुआ है कि सूट सलवार पहनने के बाद भी पिछवाड़े का उठान साफ नजर आता है , और फिर जांघो पर चूड़ीदार सलवार पहनकर जब चलती हैं तो देखने वाला out of control हो जाता है । ये बहुत ही संस्कारी और शर्मीली है लेकिन दिमाग की बहुत शातिर हैं ।




3. राकेश - उमर 35 साल, धरमवीर का शादीशुदा बेटा , ये अपनी खुद की कंपनी के मालिक है जो लेडीज गारमेंट्स बनाती है। ये ज्यादातर अपना समय अपने business को ही देते है । सारा काम इन्हीं को संभालना पड़ता है । कसरत करने के शौकीन है।





4. उपासना - उमर 31 साल , राकेश की पत्नी (34x28x38) । साईज से ही अंदाजा लग गया होगा कि ये अपने कूल्हों का भार लेकर किस तरह मुश्किल से चल पाती है ।ये अपनी जवानी के चरम पर हैं इसलिए ज्यादातर ये अपना समय अपने बैड पर बिताती हैं , सेक्स स्टोरीज पढ़ने की शौकीन है । ये अपनी छातियों और पिछवाड़े को जितना काम करने की सोचती हैं वो उतना ही बाहर को निकलते जा रहे हैं। ये फुल कपड़े पहनना पसंद करती है । ज्यादातर साड़ी या सूट सलवार ही पहनती है । जब तक रात को इनकी ताबड़तोड़ चुदाई ना हो जाए इन्हे नींद नहीं आती ।



5. शालिनी - उमर 31 साल भाभी की जितनी । इनकी अभी शादी नहीं हुई है क्युकी इनका सपना है जब ये air hostes बन जाएंगी उसके बाद ही शादी करेंगी । इसलिए अपनी जवानी को दूसरों से काबू में कराती हैं । दिमाग की शातिर पर परिवार की सबसे चुदक्क़ड । दूसरो की जासूसी करने के मामले में ये सबसे आगे है ।


IMG-20200408-122905

आगे comments करके हिम्मत दें मुझे ताकि ये कहानी पूरी लिख सकूं ।।
 
Last edited:
Member
216
274
63

update 2

धर्मवीर सिंह अपने शयन कक्ष में सोने की तैयारी कर रहे हैं , सोते समय उन्हें दूध पीने की आदत है लेकिन उनका नौकर (अनवर) चार दिन के लिए छुट्टी पर है ।
धर्मवीर सिंह अपना मोबाइल उठाते है और अपनी बहन का नंबर डायल करते हैं ।

उधर आरती जैसे ही अपने मोबाइल पर भैया का कॉल देखती है तो उसके माथे पर शिकन आजाती है कि रात को 11 बजे भैया को क्या काम हो सकता है । इसी सोच में डूबी आरती मोबाइल को कान पर लगाती है ।
आरती - hello भईया ।
धरमवीर सिह - hello आरती तुम सोई नहीं हो अभी तक ।
आरती - वो भईया वो मैं मूवी देख रही थी बस सोने ही जा रही थी कि आपका फोन आगया ।
धर्मवीर - अनवर छुट्टियों पर है और मुझे दूध पीकर ही नींद आती है ।

( ये सुनकर आरती डर गई कि मै कैसे भूल गई कि आज दूध नहीं गया भईया के लिए अब पता नहीं क्या होगा । क्युकी धरमवीर बहुत ही गंभीर और गुस्से वाले आदमी थे । )
आरती - sorry भईया मै मूवी देखते देखते भूल गई , माफ कीजिएगा । अभी लाती हूं ।

ये सुनकर धर्मवीर सिंह ने फोन रख दिया और और लेट गया अपने बैड पर ।
उधर संगीत जल्दी से उठी और सोचने लगी क्या पहनकर जाऊं क्युकी उसने सोने के नाइटी डाली हुई थी । आरती जल्दी से उठी और उसने जल्दी जल्दी में बिना पैंटी के ही सूट और चूड़ीदार सलवार पहन ली । सूट गलती से साइज में छोटा खरीद लिया था पर अब क्या जल्दी जल्दी में उसने वहीं पहन लिया ।
अपने आपको आइने में देखा तो खुद से ही शर्मा गई क्युकी उसके बूब्स उसमे से बाहर निकालने के लिए आजादी मांग रहे थे । वहीं हाल सलवार का था , आरती की जांघो में सलवार ऐसे फंस गई थी जैसे मानो चलते में चरर से फट ना जाए । अचानक उसके दिमाग में क्या आया उसने अपने होंठो पर dark red लिपस्टिक लगा ली जिससे उसके होंठ और ज्यादा रसीले और कामुक नजर आने लगे । आरती दुपट्टा डालकर किचन से दूध लेकर चल दी Lift की ओर क्युकी धरमवीर तीसरे फ्लोर पर रहते थे ।



जैसे ही आरती ने गेट खटखटाया अंदर से आवाज आयी - गेट खुला है आजाओ ।
आरती जैसे ही कमरे में घुसी उसने महसूस किया कि कमरे में से बहुत ही लुभाने वाली खुसबू आरही है । उधर जैसे ही धर्मवीर की नजर आरती पर पड़ी तो आरती टाईट फसे हुए सूट सलवार में उनकी तरफ हथिनी जैसी मस्तानी चाल चलती हुई उनके नजदीक आरही थी।
आरती ने दूध धर्मवीर के हाथ में दिया - लीजिए भईया ।
धर्मवीर - रख दो , आरती लगता है तुम आजकल काफी खुश रहने लगी हो देखो मोटी भी हो गई हो ।
यह सुनकर आरती समझ गई भईया किस मोटापे की बात कर रहे हैं तुरंत हकलाते हुए बोली - भ_भईया मै मोटी तो नहीं हूं ये सूट गलती से छोटा आगया है ।
धर्मवीर - तो कोई बात नहीं आरती कल जाकर और खरीद लेना या मेरे साथ कंपनी चल देना वहां से choose कर लेना ।
आरती - जी भईया ।
धर्मवीर के मन में अचानक विचार कोंधा की उसकी विधवा बहन अब भी कितना बन संवर कर रहती है होठ कितने लाल रचाए हुए हैं ।
अचानक आरती के हाथ से उसका मोबाइल नीचे गिर गया जैसे ही आरती मोबाइल उठाने के लिए झुकी धर्मवीर का दिमाग सामने का नजारा देखकर भनभना गया ।
आरती नीचे जैसे ही झुकी उसकी कुर्ती उसके विशाल भारी चूतड़ों को छुपाने में नाकामयाब होने लगी । उसके तबले जैसे दोनों चूतड़ चौड़े हो गए झुकने की वजह से । जैसा कि सलवार पहले ही जैसे तैसे फसाकर पहनी थी झुकने की वजह से वो दोनो चूतड़ों को संभाल नहीं पाई और बीच में से चरररर की आवाज करती हुई फट गई । पैंटी पहनी नहीं थी जिस वजह से फटी हुई सलवार में से घने और काले बाल बाहर की तरफ दिखने लगे ।
जैसे ही आरती ने ये महसूस किया आरती के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई । आरती बिजली की फुर्ती से खड़ी हुई और sorry भईया बोलकर बाहर आगई । गेट से बाहर निकलते ही आरती थोड़ा ठहरी और अपने धड़कते दिल पर हाथ रखकर थोड़ा नॉर्मल होने की कोशिश करने लगी और फिर जाकर अपने कमरे में सो गई ।


उधर जैसे ही आरती गई धरमवीर को झटका सा लगा जैसे किसी सपने से जागे हों । धरमवीर सिह ने आज पहली बार अपनी बहन की जवानी की तरफ ध्यान दिया था ।
धरमवीर सोचने लगा कि आरती कितनी गदराई हुई है। उसके चौड़े चौड़े चूतड़ जैसे निमंत्रण दे रहे हों की आओ और हमारी चौड़ाई की वजह बनो ।
और ये क्या आरती नीचे के बाल साफ़ नहीं करती । हां बेचारी करे भी किसके लिए विधवा जो ठहरी । लेकिन आरती का गदराया हुआ बदन नहीं कहता कि वो विधवा है ।
आरती की जांघो के देखकर लगता है कि मेरा पूरा मुंह उन जांघों में छुप जाएगा । अचानक धरमवीर का हाथ लेटे लेटे अपने हल्लबी लंड पर चला गया जो अपनी औकात में खड़ा हो गया था। धर्मवीर के लंड का साइज़ 12 इंच था पूरा और मोटाई 4 इंच । धर्मवीर सोचने लगा कि मेरा लन्ड सिर्फ आरती जैसी कोई प्यासी विधवा रांड ही झेल सकती है ।
और दोस्तो ये सच भी था कि धर्मवीर का लन्ड ही ऐसा था जो आरती के फैले हुए चूतड़ों को पार करके उसकी गांड पर फतह पा सकता था।
अचानक धर्मवीर के मुंह से निकला - मेरी रांड बहन तुझे अगर शर्मीली आरती से चुदक्क़ड रण्डी ना बना दिया , अगर मैंने तेरे चूतड़ों को फैलाकर उसमे मुंह ना फसाया , अगर तेरे काले घने बालों से ढके भोसड़े पर अपने लन्ड का परचम ना लहराया तो मै भी धरमवीर नहीं ।
इतना कहते ही धरमवीर के लन्ड से इतनी तेज पिचकारी निकली की सीधी दीवार से जा टकराई । लगातार 5 मिनट तक झड़ने के बाद धरमवीर ठंडा पड़ गया । इतना वीर्य निकला धर्मवीर के टट्टो से जैसे एक साथ एक जगह पर दस लोग झड़े हों ।
ठंडा होते ही धर्मवीर खुद से ही कहने लगा नहीं मै ऐसा नहीं सोच सकता आखिर वो मेरी बहन है ।


इन्हीं विचारों के साथ धरमवीर नींद के आगोश में चला गया ।
 
Member
216
274
63

update 3

सुबह होते ही राकेश उठकर किचन में चाय बना रहा था क्युकी जैसा पहले बताया की नौकर अनवर छुट्टियों पर था । राकेश ने अपनी पत्नी को उठाना उचित नहीं समझा क्युकी देर रात तक उसको टिका कर पेला था राकेश ने । तो उपासना वैसे ही कम्बल के अंदर नंगी पड़ी थी । राकेश चाय बना ही रहा था कि इतने में ही शालिनी की entry होती है किचन में । उसने एक टाईट शर्ट और जींस पहन रखी थी । शर्ट के दो बटन खुले हुए थे और जीन्स इतनी टाइट थी कि चूत का शेप बिल्कुल साफ नजर आ रहा था । यह देखकर राकेश ने मन ही मन में बोला (कितनी शरीफ बनती है मेरी बहन लेकिन देखकर लगता है साली के ऊपर एकसाथ दो अफ्रीकन को चढ़ा दूं )।


शालिनी - राकेश भईया आप चाय क्यों बना रहे हो मै बना देती ।
राकेश - अरे मैंने सोचा अपनी बहन को सोने दूं , इसलिए परेशान नहीं किया और चाय भी बन गई है ।
शालिनी - अच्छा भईया तो आप नाश्ता लगाइए तब तक म सबको जगाकर hall में आने के लिए बोलती हूं ।
Rakesh ne shalini ko rokna chaha lekin tab tak shalini Rakesh ke kamre ki taraf jaa chuki thi .

राकेश मन ही मन सोचने लगा है भगवान ये साला अनवर को भी अभी जाना था छुट्टियों पर अब शालिनी ने अगर जाकर उपासना का कंबल उठा दिया तो उपासना तो नंगी सो रही होगी । हे भगवान ।

और दोस्तों हुआ भी ऐसा ही शालिनी ने जाकर उपासना से कहा भाभी जी उठिए आपकी ननद ready भी हो चुकी है जाने को चलिए सब नाश्ता कर लेते है सुबह हो गई ।
ऐसा कहकर शालिनी ने उपासना का कम्बल खींचकर बैड से अलग कर दिया , जैसे ही कम्बल खींचा शालिनी के आंखे फटी की फटी रह गई उसके मुंह से बस इतना ही निकाल पाया - भ_भाभी ये क्या है ?
उपासना बैड पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी उसका पिछ्वाड़ा गद्दों में धंसा हुआ था। आंखो का काजल चेहरे पर फैला हुआ था , बूब्स से लेकर नीचे जांघो तक सूखा हुआ सफेद सफेद वीर्य का लेप जैसा हो रखा था उपासना के बदन पर और चूत बिल्कुल छत की तरफ मुंह खोले पड़ी थी । उसकी ये हालत बयान कर रही थी कि रात को बैड पर सोने से पहले कैसा चुदाई समारोह किया गया है ।

ये देखकर आरती ने मुंह फेर लिया और उपासना भी शर्मिंदगी महसूस करते हुए खड़ी होकर बॉडी पर तौलिया लपेट लिया । उपासना बस इतना ही कह पाई नन्द जी आप चलिए मै नहाकर आती हूं । इतना सुनकर शालिनी सीधा अपने पापा के फ्लोर पर जाने के लिए लिफ्ट की तरफ चल दी । चलते चलते शालिनी मन ही मन सोच रही थी कि ऐसा तो नहीं हो सकता कि कोई एक इंसान एक औरत की ऐसी हालत कर सके , तो फिर कहीं ऐसा तो नहीं रात में कोई और भी आया हो भाभी के पास । लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है भाभी के पास तो भईया सोए हुए थे । और अगर कोई नहीं आया तो इसका मतलब भाभी की ये हालत भईया ने की है । नहीं भईया ऐसे नहीं है वो इतना ज्यादा कामुक नहीं है उन्हें तो अपने बिजनेस से ही फुर्सत नहीं रहती है ।
इतना सोचते सोचते ही पापा के कमरे में entry कर चुकी थी शालिनी और वो दोबारा किसी का कम्बल खींचने की गलती नहीं करना चाहती थी । इसलिए उसने धर्मवीर के माथे पर हाथ फेरा और बोली -
शालिनी - पापाजी पापाजी उठिये सुबह हो गई है ।
इतना सुनकर धर्मवीर जी अंगड़ाई लेते हुए उठे जैसे ही उनकी नजर शालिनी के टाईट जीन्स में से दिखते चूत के उभार पर पड़ी उनके मुंह से आह निकल गई ।
लेकिन शालिनी इसे नोट नहीं कर पाई क्युकी धर्मवीर अंगड़ाई भी ले रहे थे उठते समय ।
धर्मवीर मन ही मन में - आजकल दिन और रात दोनों की शुरआत बड़े ग़ज़ब तरीके से हो रही है , दोनों समय ये गदराई रंडियां ऐसे सामने आती है जैसे कह रही हो कि हमें सिर्फ लौड़े चाहिए ।


धर्मवीर - शालिनी बेटा कहां के लिए ready हो रही है आज ।
शालिनी - जी पापाजी वो आज मुझे एक इंटरव्यू के लिए जाना है तो सुबह ही निकालना पड़ेगा ।
धरमवीर अपनी बैड की रैक में से पर्स निकालकर अपना ATM कार्ड शालिनी को देते हुए - लो बेटा अगर पैसों की और जरूरत हो तो इसमें से निकाल लेना ।
शालिनी - नहीं डैडी मेरे पास already मेरा ATM कार्ड रख लिया है और sunday को ही तो अपने उसमे एक लाख बीस हजार रूपए ट्रांसफर किए थे मुझे । अभी है और जब जरूरत होगी तब ले लूंगी ।
शालिनी - वो हां पापा आज के लिए आप please मैनेज कीजिए क्युकी मुझे आज आपकी गाड़ी चाहिए क्युकी मेरी गाड़ी सर्विसिंग के लिए दी है मैंने शोरूम में।
धर्मवीर ने अपनी Audi की चाबी शालिनी को देते हुए कहा लो बेटा मै आज उपासना या आरती की गाड़ी ले जाऊंगा office ।

शालिनी - ok डैडी नाश्ता तैयार है नीचे अजाओ hall में । भईया नाश्ते के लिए आर्डर कर चुके है बस आने वाला होगा क्युकी आज खाना बनानेवाली ज्योति भाभी भी छुट्टियों पर गई है । घर के दोनों नौकर बहुत छुट्टी करते है देखो ना डैडी अनवर भी छुट्टियों पर है ।
धर्मवीर - कोई बात नहीं बेटा नौकरों की भी अपनी जिंदगी होती है उन्हें भी जिंदगी जीने का मौका देना चाहिए ।
शालिनी - लेकिन आप ज्यादा ढील देते है डैडी देखिए इतने छुट्टियां करने के बाद भी आप उन्हें सैलरी हमेशा पूरी ही देते है और उनके लिए हर महीने कपड़े देते है वो अलग ।
धर्मवीर - बेटा शालिनी जब भगवान का दिया हुआ समंदर है हमारे पास तो उसमे से एक बूंद किसी गरीब प्यासे को देदो तो आपका कुछ नहीं घटता बल्कि उस बेचारे का मन खुश हो जाता है और वो आपको दिल से दुआए देता है ।
शालिनी - हम्म डैडी ये बात तो है चलिए मैं नीचे wait कर रही हूं आपका । ये कहकर शालिनी कमरे से बाहर चली गई ।
धरमवीर शालिनी को जाते देखकर अपनी पलक झपकना भूल गया क्युकी जैसे ही शालिनी मुड़ी जाने के लिए उसकी गान्ड का फैलाव और चौड़ाई जानलेवा थी । और चलते हुए जीन्स में फसे उसकी चूतड़ों का ऊपर नीचे होना धर्मवीर के दिल पर असर कर गया ।

धरमवीर सोचने लगा कि मै कितना गिरा हुआ इंसान हूं आजकल सबको देखकर मै गंदा सोचने लगा हूं ऐसा सोचते ही धरमवीर के अंदर का शैतान बोला कि धर्मवीर आजकल सबको देखकर ऐसा इसलिए हो रहा है क्युकी तेरे घर के नौकर छुट्टियों पर है इसलिए तेरे घर की बहन और बेटी तेरे सामने आजाती हैं और उनकी गदराई हुई गान्ड और उभरी हुई छातियां इस बात का सबूत है कि उन्हें कोई कसकर चोदने वाला चाहिए जो उन्हें दौड़ा दौड़ा कर चोदे । अब शालिनी की ही गान्ड देखले अभी तो तेरी बेटी की शादी भी नहीं हुई है और इसका बदन ऐसा हो रहा है जैसे अगर जमकर चोद दी जाए तो एक साथ दो बच्चे पैदा कर देगी । धर्मवीर सोचने लगा इसमें गलती शालिनी की भी नहीं है क्युकी उसकी उमर भी 31 साल हो गई है और शादी हुई नहीं है अभी तो उसकी जवानी भी लौड़े खाने लायक है आखिर उसको भी होती है जरूरत महसूस ।
इतना सोचते सोचते धर्मवीर कपड़े पहन चुका था और कमरे से निकल गया ।
 
Member
216
274
63

update 4

सभी hall में नाश्ता करते हुए गपशप कर रहे थे ।
उपासना और आरती दोनों नहा चुकी थीं । उपासना ने नहाकर आज साड़ी पहनी हुई थी जो उसने नाभि से बिल्कुल 3 इंच नीचे बांध रखी थी और जो साफ दिख रहा था कि ये साड़ी उसकी जवानी को छुपाने के हिसाब से छोटी है । आरती भी एक सूट सलवार पहनकर आयी थी , उसकी सलवार चुस्त नहीं थी बिल्कुल पटियाला सलवार की तरह बहुत ही ज्यादा खुली हुई थी जिससे की उसके भारी भारी कूल्हे उसमे पूरे ढके हुए थे क्युकी दिन में ये सीता से कम नहीं थी । राकेश भी office जाने के लिए ready हो चुका था ।

धरमवीर - राकेश हम जो एक और new company स्टार्ट करने वाले है सोच रहा हूं उसका उद्घाटन करने से पहले ये तय होना जरूरी है कि उसका नाम क्या रखे ।
राकेश - पापाजी आपके नाम पर already दो कंपनीज है और एक मैं संभालता हूं but नाम तो तीनों का एक ही है जो मम्मी जी के नाम पर है DISHA Industries ।
धरमवीर - हां मै सोच रहा हूं एक जो नई कंपनी खोल रहे है उसका नाम हम अपनी बहू उपासना के नाम से रखे ।
उपासना - पा_पापा वो आप ऐसा मत कीजिए मम्मी जी के नाम से ही स्टार्ट कीजिए क्युकी मै चाहती हूं हम मम्मी जी के नाम को ही और बड़ा करना चाहिए ।
धर्मवीर बहू की इस बात पर हंसते हुए कहने लगा - बहू तुम जितनी खूबसूरत हो उतनी ही समझदार भी हो ।
शालिनी - डैडी समझदार तो मै भी हूं ।
धरमवीर - मेरी बहू और बेटी दोनों ही समझदार है अब खुश । वैसे आज तुम्हे तो जाना है शालिनी पर उपासना आज तुम भी जल्दी ही नहा ली तुम्हे भी कहीं जाना है ।
उपासना - हकलाते हुए - ज_जी पापा जी वो मै रोज ही जल्दी नहा लेती हूं ।
तभी उसकी बात काटते हुए तपाक से बोल पड़ी ।
शालिनी - हां जी बिल्कुल पापा भाभी को वैसे भी नहाना ही पड़ता ।
शालिनी के इस जवाब से राकेश का मुंह खुला का खुला रह गया राकेश समझ गया कि शालिनी ने उसे किस हालत में देखा है ।
और ये बात शालिनी ने नोट करली जिससे वो शरमा गई उसे अहसास हुआ कि ऐसा नहीं बोलना चाहिए था उस पर वो तो निकाल गया मुंह से ।
उपासना को काटो तो खून नहीं की वो अब क्या बोले उसके गाल सुर्ख लाल हो गए शरम से ।
धर्मवीर - नहाना ही पड़ता बेटा मै समझा नहीं ।
उपासना - ज_जी पापा वो सुबह सुबह मुझे पानी पीना अच्छा लगता है और आज सुबह राकेश ने मुझे पानी दिया और वो गलती से ऊपर गिर गया जिस वजह से नहाना ही पड़ता ।
धर्मवीर - hahaha अच्छा बेटा खयाल रखा करो थोड़ा ।

उधर शालिनी मन ही मन सोच रही थी - की भाभी ने कितनी आसानी से छुपा लिया और बात को घुमा दिया । वैसे ठीक ही किया भाभी ये तो नहीं बता सकती थी कि इसलिए नहाना पड़ता क्युकी रात भर में नंगी नाची हूं अपने पति के लंड पर मेरी ऐसी हालत हो रही थी जैसे कोठे की कोई सस्ती रण्डी रात भर टांगे चौड़ाकर लंड खाकर सोई हो ।
शालिनी अपने दिए हुए जवाब पर शर्मा रही थी इस वजह से उसने उठना ही बेहतर समझा । और सबको gud bye बोलकर चलदी अपने बंगले के पार्किंग की तरफ ।
जाते जाते राकेश की आंखो से इसकी झोल खाती हुई गान्ड बच ना सकी ।


राकेश - ok अपना भी हो गया मै चलता हूं , ये कहकर राकेश भी अपना लैपटॉप बैग उठाकर चल दिया ।
अब hall में सिर्फ आरती , धरमवीर और उपासना थी ।
आरती मन ही मन रात सलवार फटने वाली घटना को याद करके धरमवीर से आंखे नहीं मिला पा रही थी ।
धरमवीर - उपासना मै दोपहर को कुछ शॉपिंग करने जाऊंगा और मेरी गाड़ी शालिनी ले गई है ।
उपासना - जी पापा घर में मेरी और आरती दीदी की गाड़ियां भी है आप जिसे चाहो ले जाना ।

कुछ देर बाद जैसे ही अपने बंगले की पार्किंग में गया उसने उपासना की गाड़ी का गेट खोला ही था कि अचानक उसकी नजर आरती की गाड़ी पर पड़ी जहां आगे नंबर प्लेट पर एक कागज जैसी चीज घुसी हुई थी । धरमवीर ने जैसे ही वो कागज़ निकाल तो वो एक letter था जिसमें लिखा हुआ था -
hi Aarti .
मै जानता हूं कि तुम भी मुझे चाहने लगी हो जब भी तुम्हे जिम करते हुए देखता हूं दिल को मुश्किल से संभाल पता हूं । अगर आप मेरी दोस्ती कबूल करती है तो प्लीज रिप्लाइ कीजिएगा xxxxxx5689 इस नंबर पर ।
आपका दीवाना - सलमान सिद्दीकी।

ये पढ़कर धरमवीर को समझते देर ना लगी कि जहां आरती जिम जाती है वहां पर उसे कोई पसंद करने लगा है और वो direct नहीं कह पाया है इसलिए उसने ऐसा किया है । धरमवीर ने वो कागज़ अपनी जेब में रख लिया ।

मार्केट में जाकर धरमवीर के मन में अचानक क्या सूझा कि उसने एक shop से एक micro voice recorder खरीदा जो उसके मोबाइल से कनेक्ट होता था। उसने मोबाइल शॉप से जाकर एक iphone 11 खरीदा और दो नई सिम खरीदी ।
और फिर उसने अपनी खरीदारी की जो उसे करनी थी ।
फिर धरमवीर गाड़ी में आकर बैठा और उसने वो कागज़ अपनी जेब से निकाला । और वैसा ही एक letter उसने लिखा और उसमे उस नंबर की जगह अपनी एक नई खरीदी हुई सिम का नंबर लिख दिया ।

घर आकर उपासना की गाड़ी पार्क करके वो letter जो उसने लिखा था चुपके से आरती की गाड़ी के नंबर प्लेट पर वही लगा दिया ।

अपने फ्लोर पर जाने की बजाय second फ्लोर पर किचन में गया और रखा हुआ दूध उसने जमीन पर गिरा दिया।
फिर उसने दूधवाले को फोन लगाया कि उसके घर में दूध गिर गया है तो दूध लेकर दे दीजिए ।
दूधवाला - जी साहब अभी आया 10 मिनट में ।
जैसे ही दूधवाला आया धरमवीर ने आरती को कॉल किया क्युकी घर ज्यादा बड़ा था और कमरे hall के बाद से शुरू होते थे तो वह तक आवाज नहीं पहुंच पाती थी ।
धर्मवीर - आरती , जरा किचन में आइए ।
आरती - जी भईया अभी आयी ।
आरती मन ही मन सोचते हुए आने लगी कि पता नहीं क्या बात ह जो भैया किचन में बुला रहे है । और आरती अपना मोबाइल हाथ में लेकर ही किचन की तरफ आने लगी ।

आरती ने किचन में आकर देखा कि दूध नीचे जमीन पर फैला पड़ा है और दूधवाला भी वही खड़ा है ।
आरती - जी भईया आप कब आए , और ये कैसे गिर गया भईया ।
धरमवीर - आरती वो मै अभी आया था और आकर दूध पीने का मन किया तो किचन में मुझसे दूध ही गिर गया सो तभी मैंने दूधवाले को फोन करके बुला लिया दूध लेने के लिए ।
आरती ये सुनकर बोली - कोई बात नहीं भईया मै इसे साफ कर देती हूं । आरती वहीं पर किचन से बाहर की तरफ अपना मोबाइल रखकर दूध को साफ करने लगी । धरमवीर सिंह ने दूधवाले से दूध का डब्बा ले लिया और दूधवाला चला गया ।
धरमवीर सिंह ने दूधवाले को जाते ही बाहर रखा हुआ आरती का मोबाइल जल्दी से switch off किया और अपनी जेब में डाल लिया ।

फिर धर्मवीर ने जैसे ही आरती की तरफ नजर घुमाई तो आरती ने वैसे तो लूज पटियाला सलवार पहनी हुई थी पर जैसे ही वो नीचे बैठकर पोछा लगाने वाली स्टाइल में बैठकर दूध साफ करने लगी इसकी गान्ड ने अपना पूरा फैलाव ले लिया। आरती का पिछ्वाड़ा इस तरह बैठने से हल्का हल्का नीचे फर्श को टच कर रहा था । धरमवीर मन ही मन - एक दिन मेरी चुदक्कड़ रांड को इसी तरह अपने मुंह पर बिठाकर उसके पिछवाड़े की चौड़ाई में चार चांद लगा दूंगा ।


फिर आरती खड़ी हो गई जैसे ही खड़ी हुई उसकी पिछवाड़े में उसकी कुर्ती फस गई एकबार तो धरमवीर का मन किया कि उस कुर्ती को उसकी गान्ड में से आने मुंह से निकले । पर उसने तुरंत ही नजर घुमा ली ताकि आरती उसे देख ना ले ।
आरती - भईया ये तो साफ हो चुका है , अपने आकर मुझे बोल दिया होता दूध के लिए ।
धर्मवीर - कोई बात नहीं मेरी छोटी बहन को बिना वजह परेशान नहीं करना चाहता था ।
फिर उसने धीरे से बोला रात दिया तो था तुमने दूध अपनी सलवार ही फाड़ ली थी ।
ये बात उसने बोली तो धीरे से थी पर आरती पास खड़ी यह बिल्कुल साफ सुं चुकी थी । और ऐसा सुनते ही आरती ने मुंह फेर लिया उसके गाल बिल्कुल लाल पद गए शर्म से वो बिल्कुल मौन हो गई ।
धरमवीर ने बात ज्यादा सीरियस ना करते हुए बोला - कोई बात नहीं मेरी बहन अब एक काम कर दो मै मार्केट से एक facewash लाना भूल गया अगर तुम फ्री हो तो ले आओ बाहर से ही 10 मिनट लगेंगे ।
आरती - जी भईया मै अभी ले आती हूं और ऐसा कहकर जैसे ही आरती किचन के बाहर आती तो मोबाइल गायब था उसका ।
धरमवीर - क्या हुआ आरती क्या ढूंढ रही हो ।
आरती - भईया मै आपसे बात करते हुए मोबाइल हाथ में लाई थी और अब यहां नहीं है , यही तो रखा था ।
धर्मवीर - ध्यान से देखो बहन कहीं और तो नहीं रख दिया ।
आरती - बिल्कुल नहीं भईया अभी तो इस जगह पर रखा था मैंने , oh my god मेरा मोबाईल अपने गिफ्ट किया था मुझे ।
धर्मवीर - मुझे लगता है आरती की फिर तो तुम्हारा मोबाइल दूधवाला ले गया ।
आरती - मुझे भी ऐसा ही लग रहा है । ( आरती को धरमवीर के खुरापाती दिमाग का बिल्कुल अंदाजा नहीं था )
फिर तो भईया मै उसे बिल्कुल भी नहीं छोडूंगी उसको तो मै जेल में भिजवा दूंगी ।
धर्मवीर पासा पलटते देख बात संभालता हुआ बोला - कोई बात नहीं आरती वो बेचारा गरीब है शायद उसके पास तो पैसे भी नहीं होंगे की वो इतना महंगा मोबाइल खरीद सके ।चलो कोई बात नहीं मुझे आज शाम को अपने दोस्त के बेटे के जन्मदिन में जाना था जिसके लिए मै gift में मोबाइल ही लाया था , चलो मैं दूसरा खरीद लूंगा तुम उसे रख लो ।
आरती ये सुनकर थोड़ी नॉर्मल हो गई - भईया कितना बड़ा दिल है आपका एक चोर के लिए भी । पर भईया मेरे सारे कॉन्टैक्ट नंबर उस सिम में हो save थे बस।
धर्मवीर - कोई बात नहीं बेटा मै मोबाइल और सिम दोनों लाया था उपासना वाली गाड़ी में रखा है ये लो चाभी जाओ जाकर ले आओ ।
आरती चाभी लेकर पार्किंग की तरफ चली गई ।
उधर धरमवीर उसे गान्ड हिलाती हुई जाती देखकर मन ही मन बोला हो गई मेरी तैयारी मेरी घोड़ी तेरी सवारी करने की क्युकी तुझे तेरी गाड़ी तक भेजना ही मेरा मकसद था ।

आरती जैसे ही उपासना की गाड़ी से मोबाइल निकालकर गाड़ी लॉक करके चली अचानक उसकी नजर अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट पर पड़ी । उसने जाकर वो कागज़ निकाला और वही पर पढ़ने लगी ।
आरती उसे पढ़कर सोचने लगी कि ये सलमान siddiqi वही है शायद जो रोज मुझे देखता रहता था और उस जमीन ने ये contact नंबर भी दे दिया । मै ऐसे किसी को मुंह नहीं लगा सकती । लेकिन अचानक उसके मन में पता नहीं की आया उसने वो कागज़ अपनी ब्रा में छुपा लिया । आरती अंदर गई ।
आरती - wow भईया अपने iphone 11 खरीदा है , I love it .
धरमवीर - हां उसमे एक सिम भी है वो ही लेलो तुम ।
आरती - ok भईया , भगवान ऐसा भईया सबको दे ।
धरमवीर - अच्छा आरती आज जब मै मार्केट से आ रहा था तो तुम्हारे जिम के पास भीड़ इकट्ठा हो रही थी ।
आरती जिम का नाम सुनते ही उसका दिल धड़कने लगा - क्या हुआ था भईया वहां पर ।
धरमवीर - वहां पर GYM owner खड़े थे वो कह रहे थे कि उन्होंने आज से ये GYM बंद कर दिया है । क्युकी वो अपना बिजनेस अब कोलकाता में setup कर रहे है ।
आरती - मन ही मन आज तो किसी ने नम्बर ही दिया है और आज ही GYM wala अपने सामान को लेकर चला गया ये सोचकर आरती को हंसी आगई ।
धरमवीर - क्या हुआ आरती ।
आरती - कुछ नहीं भईया मै अब इस रोड पर जाऊंगी ही नहीं क्युकी उधर वहीं एक जिम था । अब मै कोई दूसरा जिम join कर लूंगी ।
धरमवीर मन ही मन चैन कि सांस लेते हुए चलो जो सोचा था वहीं हुआ अब ये जाएगी ही नहीं उधर तो कोई परेशानी ही नहीं ।
 

Top