पापी परिवार--9
अगली सुबह 5 बजे निक्की की नींद खुली ..वैसे वो अलार्म का यूज़ करती है लेकिन रोज़ इसी टाइम उठने की आदत होने से अलार्म शायद ही कभी बज पाया हो
बेड पर बैठ कर उसने 2 मीं. अपनी प्रेयर को दिया और फिर बाथरूम मे एंटर हो गयी ..फ्रेश होने के बाद उसे रन्निंग पर जाने के लिए चेंज करना था ..उसने बेड पर पड़ा लोवर और वॉर्डरोब से एक टॉप निकाला और वापस बाथरूम मे जाने लगी
" निम्मी कह रही थी ये मुझे टाइट होगा ..मिरर मे देख कर ट्राइ करती हूँ "
ये सोच कर उसने रूम गेट लॉक किया और मिरर के सामने खड़ी हो गयी
थोड़ी देर पहले किए गये फेस वॉश से उसका चेहरा काफ़ी निखार गया था ..आँखों मे हल्की - हल्की नींद की खुमारी ..ललामी ..कुल मिला कर निक्की एक चलता फिरता बॉम्ब थी लेकिन ऐसा बॉम्ब जो फॅट नही सकता
मिरर साइज़ उसकी हाइट से बड़ा होने से उसकी पूरी लेंग्थ उसमे शो हो रही थी ..उसने हाथ कमर पर ले जा कर अपने टॉप के दोनो निच्छले सिरो को पकड़ा और एक झटके मे टॉप उसके बदन से अलग हो गया ..ब्ल्यू ब्रा मे क़ैद उसकी चूचियाँ बेहद तनी थी
[ ये जवान होने की निशानी है जो अक्सर सुबह सो कर उठने पर लड़कों के लंड और लड़कियों के बूब्स उन्हे तने मिलते हैं ]
बूब्स पर नज़र जाते ही निक्की ने एक बार पलट कर गेट लॉक होना कन्फर्म किया और हाथ अपनी पीठ पर लेते हुए ब्रा का हुक खोल दिया ..ब्रा खुलते ही बूब्स बाउनसिंग के साथ बाहर आ गये ..जाने कितने दिनो बाद निक्की अपनी नंगी चूचियों को शीशे के सामने देख रही थी ..अभी 6 महीने पहले जब उसका एक पार्टी मे जाना हुआ तब उसने आख़िरी बार अपने बूब्स पर गौर किया था
" साइज़ बढ़ा हुआ सा लग रहा है "
उसके मूँह से सडन्ली निकला और फिर खुद ही अपनी बात पर शर्मा गयी
कल रात उसकी जो चूची निम्मी ने दबाई थी उस पर हाथ फेर कर निक्की को थोड़े मीठे दर्द का एहसाह हुआ
" उफफफफ्फ़ !!!!!!!! ये लड़की पूरी पागल है ..कितना स्ट्रेंज सा लगता है जब ये दब्ते हैं "
ये कह कर उसने बारी - बारी दोनो बूब्स को थोड़ा पंप किया और फिर निपल पर अपनी उंगली को राउंड मे घुमाती हुई मस्त होने लगी ..कुछ एहसास ऐसे होते हैं जिनका मज़ा लिए बैगेर ही इंसान बूढ़ा हो जाता है और इन्ही एहसासो से निक्की अब तक अंजान थी
अचानक उसकी नज़र अपनी नेवेल के नीचे से शुरू हुई हेर लाइन पर गयी उसने तुरंत निपल्स को छोड़ा और हाथ नीचे लाते हुए उन बालो को छुने लगी ..रात को पहने नाइट लोवर के फ्रंट स्ट्रॅप को थोड़ा और नीचे सरकाने पर उसकी घनी झटों की शुरूवात दिखाई देने लगी
" हेर - रिमूवर "
उसके मूँह से निकला और कमर से लोवर के दोनो हिस्सो को पकड़ कर उसने लोवर अपनी टाँगो से बाहर निकाल दिया ..अब उसके बदन पर एक मात्र ब्रा कलर मॅचिंग ब्लू पैंटी बची थी
" ओह माइ गॉड "
ये बोल कर निक्की ने हैरानी से अपने मूँह पर हाथ रख लिया ..वजह ही कुछ ऐसी थी ..पैंटी के ऊपरी स्ट्रॅप से तो बाल बाहर आते दिखाई दे ही रहे थे साथ ही पैंटी की निचली दोनो साइड'स भी उन्हे बाहर निकलने से रोकने मे असमर्थ थी
" शिट मॅन ..मैं तो पूरी जंगली हूँ "
निक्की ने अपना हाथ पैंटी के अंदर डाल कर कहा ..शायद अब वो बालो की क्वांटिटी और लंबाई चेक कर रही थी
" निक्की उठ गयी क्या ..लेट हो रहा है "
इस से पहले उसके हाथ पैंटी को भी उतारते ..रूम के बाहर खड़े उसके भाई निकुंज ने उस से पूछा ..नुकूँज की आवाज़ सुन निक्की ऐसी उच्छली जैसे उसका भाई उसके सामने खड़ा हो कर उसकी हरकतें देख रहा हो और तुरंत ही निक्की ने टेबल पर रखे टॉप को उठा कर अपनी छातियों को कवर किया ..जब उसकी नज़रें रूम के लॉक्ड गेट की तरफ घूमी तब उसे समझ आया कि ये सब सिर्फ़ उसकी इमॅजिनेशन है
" हां भाई बस 5 मीं. "
निक्की ने खुद की सांसो को कंट्रोल किया जो इस डर से बेहद तेज़ हो गयी थी कि निकुंज उसके कमरे मे खड़ा उसे नंगा देख रहा है
" मैं हॉल मे न्यूज़ पेपर पढ़ रहा हूँ ..बी क्विक "
निकुंज ने उसका जवाब सुन कर कहा ..अब जा कर निक्की थोड़ा रिलॅक्स हुई
" मैं भी क्या - क्या सोचती रहती हूँ "
शरम से उसके गाल बिल्कुल टमाटर हो गये ..फिर उसने देर ना करते हुए फ्रेश टॉप पहना और निम्मी का दिया लोवर पहेन ने लगी ..जैसा उसकी बहेन ने बताया था ये लोवर तो उस से भी ज़्यादा टाइट निकला
" क्या कर रही है ..हम लेट हो रहे हैं "
निकुंज का एक और बार टोकना हुआ और निक्की ने ज़मीन पर लेट कर जैसे तैसे उसे अपनी कमर तक चढ़ा ही लिया ..वारड्रोब के सहारे वो वापस खड़ी हुई ..उसके चूतडो पर लोवर की ऐसी पकड़ बंन गयी थी जैसे लोवर उसकी ही स्किन हो
" बड़ा अनकंफर्टबल है ये तो ..दौड़ूँगी कैसे ? "
शीशे मे अपनी बाहर निकली गान्ड पर हाथ फेर कर उसने कहा और दौड़ती हुई रूम के गेट पर पहुच गयी ..गेट के पीछे टँगे ट्रॅक अपर को पहेन कर फुर्ती मे उसकी चैन लगाई और कमरे से बाहर हॉल मे आ गयी ..जल्दबाज़ी मे ब्रा ना पहेन पाने की वजह से उसने उपर डाल लिया था
" हे हे हे हे ..इतनी गर्मी मे ये ट्रेकअपर ..देख मैने तो अपने शॉर्ट्स निकाल लिए हैं "
हॉल के सोफे से उठ कर निकुंज ने उससे कहा
" भाई मैने ऐसे ही डाल लिया "
निक्की भी समझ रही थी कि अभी अगर उसे उपर मे इतनी गर्मी लग रही है तो रन्निंग करते वक़्त उसका क्या हाल होगा
" इसे उतार दे खामो - खा दिमाग़ पर भी गर्मी चढ़ जाएगी "
निकुंज ने उसके सर पर हल्की सी चपत लगा कर कहा
" ओके भाई मैं अभी रूम मे रख कर आती हूँ "
ब्रा पहेन ने की गर्ज से निक्की ने उसे जवाब दिया ..वो चाहती थी इसी बहाने कम से कम वो टॉप के नीचे ब्रा तो पहेन लेगी
" यहीं सोफे पर रख दे ..हम ऑलरेडी 30 मिनट. लेट हैं ..धूप निकलने पर कोई मतलब नही एक्सर्साइज़ का "
मजबूरन निक्की को अपना ट्रेक अपर उतार कर सोफे पर रखना पड़ा ..निकुंज के मेन गेट को अनलॉक करने के बाद निक्की भी उसके साथ ही घर से बाहर निकल गयी ..आज वो पहली बार इतनी बुरी कंडीशन मे घर से बाहर आई थी ..बिना ब्रा के बूब्स और चूतडो पर इतना कसा लोवर
कार स्टार्ट कर निकुंज ने उसे पार्क की तरफ मोड़ दिया ..रोज़ दोनो सुबह इसी पार्क मे रन्निंग करते ..फिर जब तक निकुंज रिलॅक्स करता तब तक निक्की योगा और वहीं से दोनो निकुंज के मल्टी जिम चले जाते ..हालाकी निक्की जिम मे बोर ही होती थी लेकिन अकेले घर लौटने का कोई साधन भी तो नही था
पार्क के बाहर कार पार्क कर निकुंज दौड़ता हुआ उसके अंदर चला गया ..निक्की ने जैसे ही अपना पहला कदम आगे बढ़ाया ..उसे एहसास हो गया कि लोवर मे उसका रन्निंग करना बहुत मुश्किल है ..तभी वो पैदल चलती हुई पार्क के अंदर आ गयी ..पार्क का पहला राउंड लगाने पर निकुंज ने उसे भी दौड़ने का इशारा किया तो बेचारी मना नही कर पाई ..धीरे - धीरे ही सही लेकिन वो दौड़ने लगी ..अचानक पीछे पलट कर निकुंज ने उसे देखा वो वो बड़ी धीमी गति से उसके पास चली आ रही थी ..निक्की को ये भी पता था कि अगर उसने तेज़ी दिखाई तो बिना ब्रा के बूब्स बेहद ज़्यादा बाउन्स करेंगे और उसके भाई को भी पता चल जाएगा कि उसने आज कोई ब्रा नही पहनी है ..इसी शरम और लाज के चलते उसकी दोहरी हालत हो गयी
निकुंज :- " क्या हुआ रन्निंग क्यों नही कर रही ? "
निक्की :- " थोड़ा पैर मे दर्द है "
निकुंज :- " डोंट वरी ..आज स्ट्रेचिंग मे मैं तेरी हेल्प कर दूँगा "
निकुंज ने प्यार से उसके गालो पर हाथ फेर कर कहा ..यही तो दोनो का प्यार था कि आज इतना टाइट लोवर पहने होने पर भी निकुंज की नज़र एक बार भी निक्की के निचले धड़ पर नही गयी थी
निकुंज ने उसकी बहेन के पेन के चलते अपनी रन्निंग स्पीड को स्लो किया ताकि निक्की भी उसके साथ ही दौड़ सके ..अब निक्की भी थोड़ा नॉर्मल हो गयी थी शायद निकुंज का अपनी बहनो के प्रति बिहेवियर ही उसे अपने भाई के इतने नज़दीक किए हुए था ..धीरे - धीर दौड़ कर दोनो ने पार्क के 5 राउंड लगाए और थक हार कर सेंटर मे बने लॉन की नरम घास पर बैठ गये
" थोड़ा रिलॅक्स कर ले फिर योगा कर लेना ..आज मैं भी यहीं डिप्स लगाउन्गा और जिम मे खाली मशीन "
इतना कह कर निकुंज अपनी डिप्स का पहला सेट पूरा करने लगा ..वहीं ज़मीन पर बैठी निक्की को ऐसा फील होने लगा जैसे लोवर ने उसकी चूत और गांद को बुरी तारह भीच से रखा हो ..गर्मी के मारे पूरी पैंटी पसीने से लथ पथ थी यहाँ तक की झान्टो मे हल्की - हल्की खुजाल भी शुरू हो गयी थी ..उसने सर नीचे झुका कर अपनी टाँगो के बीच देखा तो उसकी फूली चूत का उभार एक दम क्लियर दिखाई दे रहा था
" चल अब लेट जा ..मैं स्ट्रेच करवाता हूँ "
अपनी डिप्स का सेट पूरा कर निकुंज खड़ा हो गया ..नीचे बैठी निक्की का सर झुका होने से आज पहली बार निकुंज की नज़र उसके बूब्स क्लीवेज पर पड़ी ..दोनो उभारो के बीच जो गहराई और स्पेस दिखाई दे रहा था उससे निकुंज कन्फर्म हो गया कि अभी निक्की ने ब्रा नही पहनी है ..तभी निक्की और नीचे झुकी तो निकुंज की आँखों के सामने उसके हाफ बूब्स आ गये ..निक्की का सर नीचे को झुका था ..उस फुलाव पर नज़र पड़ने के बाद तो जैसे निकुंज के होश ही उड़ गये ..उसने खुद का गीला गला अपनी थूक से तर किया और ग़लती को स्वीकारते हुए चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया
" मेरी तो डिप्स लग गयी "
निकुंज ने जान कर उँची आवाज़ मे अपनी बात कही ताकि निक्की को अपनी हालत का अंदाज़ा हो सके ..हुआ भी यही भाई की आवाज़ कान मे पड़ते ही निक्की होश मे आ गयी ..तुरंत ही उसने सर ऊपर उठा कर निकुंज की तरफ देखा तो उसे दूसरी तरफ देखता पाया ..निक्की ने उसी तेज़ी से हाथ पीछे ले जा कर टॉप को भी ठीक कर लिया
" कितनी डिप्स लगाई भाई ? "
अपनी हालत पर कंट्रोल कर निक्की ने उसके भाई का ध्यान अपनी तरफ खीचा
" 50 के 3 सेट मारूँगा ..देख मेरे डोले शोले "
निकुंज ये कहता हुया हँसने लगा ..शायद ये हँसी बनावटी थी जिससे वो थोड़ी देर पहले हुई ग़लती को भूलना चाह रहा था
" हे हे हे हे ..मस्त हैं "
निक्की भी सेम इसी हालत मे मुस्कुराइ
" चल लेट हो रहा है ..तू लेट जा मैं पैर मोड़ता हूँ "
इतना कह कर निकुंज ज़मीन पर अपने घुटने के बल बैठ गया ..निक्की ने एक गहरी साँस ली और लॉन की नरम घास पर अपनी पीठ के बल लेट गयी ..वो बड़ी मुश्किल से घुटनो को पेट के ऊपर ला पाई थी ..रह - रह कर लगता कि लोवर फॅट जाएगा ..शरमाहट और घबराहट का मिला जुला संगम महसूस कर उसने अपनी आँखों को बुरी तरह भीच लिया
वहीं निकुंज को जब तक उसे कुछ समझाने का मौका मिल पाता निक्की अपनी पोज़िशन मे आ चुकी थी ..हालाकी ये पोज़िशन अगर किसी लड़के की होती तो निकुंज को स्ट्रेच हेल्प देने मे कोई दिक्कत नही थी पर यहाँ वो चाहता था निक्की अपनी पीठ के बल लेट ती तो अच्छा रहता ..निकुंज की नज़र वापस निक्की के जिस्म पर गयी ..मोटी जांघे ..बड़े - बड़े गोल चूतड़ और उसकी टाँगो की जड़ पर फूली चूत का उभार देख पहली बार निकुंज के लंड मे हरकत हुई ..ये चुदाई करने वाली उसकी सबसे फावोरिट पोज़ीशन थी ..लड़की अपने घुटने पेट पर जमाए नंगी लेटी हो और उसे चोदने वाला अपना लंड चूत के मूँह पर टिका कर लड़की के ऊपर लेट जाए ..निकुंज ने इसी पोज़िशन मे 50सो बार चुदाई की थी ..निक्की ने जिस बुरी तरह से अपनी आँखों को बंद किया हुआ था उसे देख कर निकुंज को लगा जैसे उसकी बहेन दर्द से वाकई तड़प रही हो ..उसने अपने पापी दिमाग़ को उसी पल झंझोर दिया ..कुछ भी हो निक्की उसकी बहेन थी और वो ऐसी नीच पने की हरकत उसके लिए कैसे सोच सकता है
" मैं प्रेशर देता हूँ जहाँ तुझसे सहेन ना हो बता देना "
पार्क मे बढ़ती हलचल देख कर निकुंज तुरंत हरकत मे आया जिससे ये सब जल्दी ख़त्म हो सके ..उसने अपने कप - कपाते हाथो से निक्की की सुडोल जाँघो को पकड़ा और इसके लिए उसे अपनी बहेन पर झुकना पड़ा ..साथ ही वो बड़ा केर्फुल था कि हाथो के अलावा उसकी बॉडी का कोई भी पार्ट निक्की के जिस्म को टच ना करे ..खास कर उसका लंड तो कतयि नही जो अब सेमी एरॉटिक कंडीशन पा चुका था
यहाँ निकुंज हाथो के ज़ोर से उसकी जाँघ को प्रेस करता और वहाँ निक्की के मूँह से दर्द की सिसकी निकल जाती ..निकुंज लगातार बोलता भी जा रहा था क्यों कि बोलने के ज़रिए उसने अपने लंड को खड़ा से रोक भी रखा था
अपनी भाई की बदलती आवाज़ जब निक्की के कानो मे जाती तो उसे खुद पर बड़ी शरम आती ..लगता है भाई ने भी वही देखा लिया होगा जो अभी थोड़ी देर पहले वो खुद देख रही थी ..चूत का फुलाव लोवर पर सॉफ दिखाई भी तो दे रहा था ..क्या हो जाता अगर वो आज रन्निंग के लिए घर से नही निकलती ..कम से कम इस ज़िल्लत से तो बचती ..लेकिन अब अफ़सोस क्या करना बस कैसे भी कर के इस हालात से बाहर निकलना था
इमॅजिनेशन से कोई कितना भी बचना चाहे नही बच सकता ..निकुंज भले ही अपने दिमाग़ को कितना भी समझा लेता लेकिन उसका लंड ये सोच कर खड़ा ही होता जा रहा था कि उसके सामने उसकी फावोरिट इंटरकोर्स पोज़िशन लिए एक कम्सीन लड़की लेती है और लड़की की चूत के क्या कहने ..एक दम ताज़ी फूली - फूली
आख़िर कार वो वक़्त आ गया जब लोवर ने अपनी सहन - शक्ति खो दी
" चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर "
एक आवाज़ के साथ दोनो होश मे आ गये ..लेकिन तब तक लोवर की पूरी बॅक थ्रेड उधड चुकी थी ..यानी कि निम्मी का सोचा प्लान पूरी तरह से सक्सेस हो गया ....
क्रमशः...................................................