Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
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UPDATE 004

अब तक :
मै - तु बता जैसे कि बड़ा देखा हो अपने मम्मी पापा की चुदाई ,,, जो ऐसे बोल रहा है

चंदू - हा देखी ना कल दोपहर मे ,,, जब तु कान लगा के सुन रहा था मेरी मा के रुम के बाहर

मै चौक गया कि इसे कैसे पता ये सब

अब आगे :

मै - कब देखा बे मै अया ही नही

चंदू - अबे जा मेरे से झुट ना बोल ,,, जब तू गलियारे मे दरवाजे के पास कान ल्गा के सुन रहा था तो कमरे के सामने वाली चारपाई पर सोया था मै रजाई मे घुस के
मै चुप हो गया जैसे मेरी चोरी पकड़ी गई हो लेकिन तभी चंदू ने ऐसा कुछ बोला कि मेरे पास खुद को बचाने का आइडिया मिल गया


चंदू - लेकिन तू रुका क्यो नही भाग क्यू गया ,,,, मै तो तुझे भी रजाई मे बुलाने वाला था


मैने तुरंत इसका जवाब देते हुए बोला - साले मै तेरी तरह थोडी हू जो मम्मी पापा की चुदाई देखू ,,, वो तो जल्दी छूटी होने से मै तुझे खोजने आया था और जब दीदी की बात सुनी तो भाग गया ।

चंदू मेरी बात पर मज़ा लेते हुए बोला - चल जाने दे अगली बार देख लेना

मै फिर से चौक गया और कहा - तू पागल हो गया है क्या अगर दीदी को प्ता ल्गा तो तेरे साथ मुझे भी मार मिलेगी ।

फिर ऐसे ही बात करते हुए हम घर आ गये ।
चंदू की बातो का मुझ पर ज्यादा जोर पड़ रहा था और मै सोचने लगा कि मै उसे गलत बोल रहा हू जबकि मै खुद ही अपने मा पापा की गुप्त बाते सुना हू ।



फिर मै नहया नास्ता किया और करीब 11बजे तक चल दिया चचा के यहा टीवी देखने
क्योकि हर रविवार 12 बजे से फिल्मोत्स्व आया करता था और फिर शाम को 4 बजे से नयी फिल्म



मै चचा के घर गया तो दुकान से ही अंडर जाने का रस्ता था तो मै अन्दर गया

अन्दर चाची स्ब्जी बना रही थी, राहुल और निशा दीदी टीवी देख रहे थे

मुझे देखते ही दिदी बोली - आ राज अच्छा हुआ जल्दी आ गया आज मोहरा फिल्म आने वाला है ।

मै खुश हो गया क्योकि मेरे फ़ेवरेट हीरो अक्षय कुमार की फिल्म आने वाली थी फिर हम लोग खाना खाये तो फिल्म देखने लगे ।

फिर कुछ टाईम बाद वो गाना आता है टिप टिप बरसा पानी
उसमे भिग्ती हुई रवीना टंडन को देख कर मै बार बार चाची को देखता था क्योकि वो काफी morden तरीके से साडी पहना करती थी

ब्लाऊज स्लिवलेस और साडी नाभि से 4 उंगल नीचे जो उनको और भी कामुक बना देता था ।


दोस्तो इसी तरह मेरे दिन गुजरने लगे । मै अब हर पति पत्नी के जोड़े को सेक्स का भूखा जोडा समझने ल्गा ।
समय के साथ मैने चंदू के घर नजर रखना शुरू कर दिया क्योकि मुझे उसका स्वभाव अलग लगने ल्गा

और साथ ही कभी कभी रात मे सीढ़ी पर उतर कर मम्मी पापा की बाते सुनने लगा मुझे एक बात समझ में आ गया मेरे पापा मेरी रज्जो मौसी को लेकर बहुत उत्तेजित हो जाते थे और मा भी बार बार उन्को उत्तेजित कर चुदवाति थी ।


ऐसे ही समय कटने लगा मै 8वी पास हुआ और फिर
मैने अपना ऐडमिशन पास के गाव में एक सरकारी कालेज मे हुआ

मेरे साथ मेरी बहन सोनल , चंदू और उसकी बहन चंपा और अमन ने भी उसी कालेज मे दाखिला लिया ।

हम साथ ही आते जाते थे
6 महीने तक मुझे सब सामान्य लगा लेकिन फिर अचानक चंदू की बहन को उसके पापा ने हॉस्टल भेज दिया ।

मुझे बहुत अजीब लगा तो मै इसके लिए बात करने चंदू के घर गया
good one
 
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UPDATE 005

जब मै उसके घर पहुचा तो बरामदे मे कोई नही था फिर मुझे कुछ अजीब लगा जैसा कि घर मे कोई नही है क्योकि अन्दर गलियारे मे सन्नाटा था और कमरे बंद थे ।

चंदू के घर मे अन्दर गलियारे से ही एक सीढ़ी ऊपर जाती थी मै धीरे धीरे ऊपर की तरफ गया तब मुझे कुछ आवाजे सुनाई दे रही थी जो चंदू और उस्के मा रजनी के बिच हो रही बातचीत की थी ।

मै चुपचाप सुनने लगा

रजनी - अच्छा हुआ उस दिन घर पर पहले मै आई , अगर तेरे पापा को पता चलता तो तेरी सामत थी उस दिन , इसिलिए मैने चंपा को हॉस्टल भेज दिया है वहा तुझसे दूर रहेगी तो ठीक रहेगी नही तो राम जाने क्या क्या गुल खिलाओ तुम भाई बहन अकेले घर मे


मुझे रजनी दीदी की कोई बात समझ नही आ रही थी बस इतना समझ आ रहा था कि चंदू की गलती से चंपा को हॉस्टल जाना पडा लेकिन क्यूँ ?


फिर रजनी बोली - आखिर तुने ये सब सिखा कहा से

चंदू चुप था

रजनी - बोल सही सही बता , कही राज के साथ घूम के ये सब नही सिख रहा

तब चंदू बोला - नही मा , राज तो इनसब की बात नही करता मुझसे

रजनी - फिर कहा से सीखी

चंदू - आपको और पापा को करते देखा था और .....

रजनी चौक गयी और चंदू को गुस्से मे एक थप्पड़ लगा दिया। चंदू रोने लगा

फिर रजनी का दिल पिघला और वो चंदू से बोली - अच्छा क्या क्या कर चुके हो दोनो

चंदू - मै बस वो चाटता था और दीदी को अच्छा लगता था बस और फिर रोने लगा

रजनी - क्या चाटता था तू सही सही बता
चंदू रोते हुए बोला - दीदी की चुत



एतना सुनते ही मेरे कान खड़े हो गए
मुझे समझ आ गया कि क्यो चंपा को उसकी मा ने हॉस्टल भिजवा दिया ।
मै सपने मे भी नहीं सोच सकता था वो चंदू हकीकत मे कर दिया था ।

फिर रजनी कुछ नही बोली और मै भी निकल गया घर पर


इस घटना को काफी दिन बित गये और मेरा नजरिया परिवार को लेके और बदल गया ।

फिर हमने 12वी पास कर ली । उसी कॉलेज से ग्रेजुएट के लिए दाखिला ले लिया ।
और मै 19 साल का हो चुका था

उसी साल संयोग से चंदू के एक चौराहे वाले मकान मे ट्यूशन खुली तो वहा पर मै , चंदू , मेरी बहन और अमन ने नाम लिखवा किया सरकारी नौकरी के तैयारी की टयूशन के लिए ।

समय के साथ हमारे शरीर मे बदलाव आने लगे मेरे नुन्नु अब लंड हो गया था
मेरी बहन का भी शरीर भरने लगा और ये बात मै नोटिस करने लगा

एक शाम मै कालेज से घर आया तो दुकान पर मम्मी पापा मे बात हो रही थी कि वो बर्तन की दुकान उठा कर मेन रोड पर ले जायेंगे और यहा एक कास्मेटिक का दुकान खुलेगा जिसे मा और मै चलायेंगे ।
और पापा ने बहुत समय पहले एक जमीन लिया था तो वही अगले साल नया घर भी बनेगा।
नया घर और नया दुकान का सुन कर मै बहुत खुश हो गया।

फिर कुछ ही दिनो मे मेरे यहा नयी दुकान खुली और पापा ने घर पर पूजा रखी । जिसमे मेरे दोनो बुआ और फूफा आये , मेरे मामा मामी , चाचा की फैमिली , चंदू की फैमिली और रज्जो मौसी भी आई ।

पुजा दिन मे थी और मेरा घर छोटा होने से सभी रिस्तेदार अपने घर चले गये । सिवाय मेरी रज्जो मौसी के

क्योकि मेरे दोनो बुआ की सादी एक ही घर मे हुई थी जो 5km दूर एक गाव मे हुई थी ।
और मेरे मामा मामी भी पास के थे ।
लेकिन मौसी की सादी पास के ही शहर जानीपुर मे हुई थी तो मा ने उनको जिद करके रोक लिया बोली कुछ दिन बाद जाना ।



अब आगे के अपडेट मे देखते है की रज्जो मौसी को देख कर मेरे पापा के क्या अरमान जागते है और क्या क्या होता है कहानी मे ।

आपके राय की प्रतीक्षा है ।
धन्यवाद
good one
 
D

deepak69

First of all:congrats: for thread. Aapki writing skill kaafi acchi hai ek lambe arse ke baad devnagri mai koe acchi kahani mili hai. Ek hi din mai saatho update padhe liye mene. Kaafi accha laaga.
Raaj jo ki 19 saal ka ho chuka hain... aur aise mahaul mein rah raha hain jahan pe agal bagal mein sab ghapa ghap kar rahe hai aur woh bhi tapa tapa tap :sex: .
Aur toh aur khul ke incest ka maja le rahe hai aur paiwaar waale ghar mai hi :D.
par yaha swale ye hai ki kya raaj ne kabhi khude kisi ke saath :sex: karne ke kosis nahi kee... jab uske bhenchod dost chandu ke kisse isne sune (Ha bhai ek request hai aage chal ke isse chandu ka klpd kara dena aur sabko bus raaj se hi chudwana :pray: )
:think2: par swale ye hai ki kya raaj ne khudne kabhi apni behen ke baare mein uss tarah ke khayal ya kahu toh bhenchod banene ka khayal nahin aaya. (Agar raaj ne jhutte bola na toh dekh lena baba lundkatwa ke sharap se uska lund :D samjhe gae :evillaugh: )
Kya kabhi raaj ne kisi ke saath sex karne ka na socha wo bhi tab jab uske charo taraf sab bus ghapa ghap mai lage hai.
Mujhe yakin hai jo jitna sharif hita hai unme uttni jayada tharak bhari hoti hai... :D


Ab aage kya hoga ye toh aage pata chalega lekine yah baat 100 taka sachi hai ki aap ek shandaar writer ho aur aapki wriying skill kamal hai...
 
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UPDATE 005

जब मै उसके घर पहुचा तो बरामदे मे कोई नही था फिर मुझे कुछ अजीब लगा जैसा कि घर मे कोई नही है क्योकि अन्दर गलियारे मे सन्नाटा था और कमरे बंद थे ।

चंदू के घर मे अन्दर गलियारे से ही एक सीढ़ी ऊपर जाती थी मै धीरे धीरे ऊपर की तरफ गया तब मुझे कुछ आवाजे सुनाई दे रही थी जो चंदू और उस्के मा रजनी के बिच हो रही बातचीत की थी ।

मै चुपचाप सुनने लगा

रजनी - अच्छा हुआ उस दिन घर पर पहले मै आई , अगर तेरे पापा को पता चलता तो तेरी सामत थी उस दिन , इसिलिए मैने चंपा को हॉस्टल भेज दिया है वहा तुझसे दूर रहेगी तो ठीक रहेगी नही तो राम जाने क्या क्या गुल खिलाओ तुम भाई बहन अकेले घर मे


मुझे रजनी दीदी की कोई बात समझ नही आ रही थी बस इतना समझ आ रहा था कि चंदू की गलती से चंपा को हॉस्टल जाना पडा लेकिन क्यूँ ?


फिर रजनी बोली - आखिर तुने ये सब सिखा कहा से

चंदू चुप था

रजनी - बोल सही सही बता , कही राज के साथ घूम के ये सब नही सिख रहा

तब चंदू बोला - नही मा , राज तो इनसब की बात नही करता मुझसे

रजनी - फिर कहा से सीखी

चंदू - आपको और पापा को करते देखा था और .....

रजनी चौक गयी और चंदू को गुस्से मे एक थप्पड़ लगा दिया। चंदू रोने लगा

फिर रजनी का दिल पिघला और वो चंदू से बोली - अच्छा क्या क्या कर चुके हो दोनो

चंदू - मै बस वो चाटता था और दीदी को अच्छा लगता था बस और फिर रोने लगा

रजनी - क्या चाटता था तू सही सही बता
चंदू रोते हुए बोला - दीदी की चुत



एतना सुनते ही मेरे कान खड़े हो गए
मुझे समझ आ गया कि क्यो चंपा को उसकी मा ने हॉस्टल भिजवा दिया ।
मै सपने मे भी नहीं सोच सकता था वो चंदू हकीकत मे कर दिया था ।

फिर रजनी कुछ नही बोली और मै भी निकल गया घर पर


इस घटना को काफी दिन बित गये और मेरा नजरिया परिवार को लेके और बदल गया ।

फिर हमने 12वी पास कर ली । उसी कॉलेज से ग्रेजुएट के लिए दाखिला ले लिया ।
और मै 19 साल का हो चुका था

उसी साल संयोग से चंदू के एक चौराहे वाले मकान मे ट्यूशन खुली तो वहा पर मै , चंदू , मेरी बहन और अमन ने नाम लिखवा किया सरकारी नौकरी के तैयारी की टयूशन के लिए ।

समय के साथ हमारे शरीर मे बदलाव आने लगे मेरे नुन्नु अब लंड हो गया था
मेरी बहन का भी शरीर भरने लगा और ये बात मै नोटिस करने लगा

एक शाम मै कालेज से घर आया तो दुकान पर मम्मी पापा मे बात हो रही थी कि वो बर्तन की दुकान उठा कर मेन रोड पर ले जायेंगे और यहा एक कास्मेटिक का दुकान खुलेगा जिसे मा और मै चलायेंगे ।
और पापा ने बहुत समय पहले एक जमीन लिया था तो वही अगले साल नया घर भी बनेगा।
नया घर और नया दुकान का सुन कर मै बहुत खुश हो गया।

फिर कुछ ही दिनो मे मेरे यहा नयी दुकान खुली और पापा ने घर पर पूजा रखी । जिसमे मेरे दोनो बुआ और फूफा आये , मेरे मामा मामी , चाचा की फैमिली , चंदू की फैमिली और रज्जो मौसी भी आई ।

पुजा दिन मे थी और मेरा घर छोटा होने से सभी रिस्तेदार अपने घर चले गये । सिवाय मेरी रज्जो मौसी के

क्योकि मेरे दोनो बुआ की सादी एक ही घर मे हुई थी जो 5km दूर एक गाव मे हुई थी ।
और मेरे मामा मामी भी पास के थे ।
लेकिन मौसी की सादी पास के ही शहर जानीपुर मे हुई थी तो मा ने उनको जिद करके रोक लिया बोली कुछ दिन बाद जाना ।



अब आगे के अपडेट मे देखते है की रज्जो मौसी को देख कर मेरे पापा के क्या अरमान जागते है और क्या क्या होता है कहानी मे ।

आपके राय की प्रतीक्षा है ।
धन्यवाद
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UPDATE 006

अब तक :
पुजा दिन मे थी और मेरा घर छोटा होने से सभी रिस्तेदार अपने घर चले गये । सिवाय मेरी रज्जो मौसी के

क्योकि मेरे दोनो बुआ की सादी एक ही घर मे हुई थी जो 5km दूर एक गाव मे हुई थी ।
और मेरे मामा मामी भी पास के थे ।
लेकिन मौसी की सादी शहर मे हुई थी तो मा ने उनको जिद करके रोक लिया बोली कुछ दिन बाद जाना ।



अब आगे :

घर मे सब हसी खुशी बीत गया ।
नया परिचय

मौसी - रज्जो , मेरी का एक्लौती बहन है । उम्र 48 साल, रंग गोरा और बदन हर तरफ से भरा हुआ , उनकी बड़ी बड़ी चूचि और गहरी नाभि और बड़े बड़े पहाड़ जैसे चुतड़,,,,, 42 36 44 का साइज़ ,,,उफ्फ़

मौसा - कमलनाथ , उम्र 52 साल , सरकारी नौकरी करते है पंजाब मे तो घर आना जाना कम है ।

रमन - मौसा मौसी का एकलौता बेटा , थोडा दुबला पतला है लेकिन बहुत मेहनती
उम्र 24 साल घर पर ही बेकरी का दुकान है ।

( पाठक ध्यान दे ये कहानी अभी flash back मे चल रही है लेकिन नये पात्र का विवरण वर्तमान समय का ही है । )



वापस कहानी पर

मै मौसी के आने से बहुत उत्साही था लेकिन मेरे साथ कोई और भी था जिसे रज्जो मौसी का रुकना बहुत पसंद था ।

उस दिन खुब सारी बाते हुई फिर रात मे सब खाना खा कर सोने चले गये ।

गर्मी का मौसम था तो मा और मौसी छत पर सोने वाले थे तो मै भी उन्के साथ चला गया सोने

मा आज मौसी से बहुत दिन बाद मिली थी फोन पर हाल चाल होता था लेकिन पिछ्ले 10 साल बाद मौसी हमारे घर आई थी क्योकि कुछ दिन वो मौसा के साथ पंजाब थी फिर कुछ साल पहले ही शहर मे वापस आई थी और रमन ने एक बेकरी की शॉप खोली थी ।

मैने चटाई बिछाई फिर लेट गये ।
मै मौसी के एक तरफ मे सोया और मौसी के दुसरी तरफ मा


मौसी मेरे मा से कहती है - छोटी आज गर्मी बहुत है तेरे पास कोई मैक्सि है क्या

मा हस्ते हुए बोली - क्या दीदी मेरा साइज़ आपको होगा ही नही ।

क्यौंकि मा और मौसी मे बहुत मेलजोल था और एक दुसरे से खुल के रह्ती थी । तो हसी मज़ाक होना बनता था ।

थोड़ा समय बीत गया और मुझे उन दोनो के हसी मज़ाक मे बहुत मज़ा आ रहा था तो मै सोने का नाटक करने ल्गा


मा - अरे दीदी सारी उतार दो ना अगर गर्मी ज्यादा है तो आप तो शहर मे एसी मे सोती हो यहा कहा वो सुविधा

मौसी - सारी तो निकाल दू छोटी लेकिन डर है कही राज के पापा ना आजाये और उनको मेरा माल खुले मे मिल जाये ,,,,हहह्हाहहह

मा - क्या दीदी आप भी उनको छेड़ने का मौका नहीं छोड़ती

मौसी - अरे कैसे छोड़ दू मेरे चुचो के दिवाने को ,,,,,,हहहहह्हाहह्हहा

मा - श्श्श्श्श्श्ह्श .. क्या दीदी राज सो रहा है कुछ तो सोच के बोलो

मौसी - अरे वो कबका सो गया दिनभर काम किया बेचारा
वैसे तु आज जमाई जी के साथ सोने नही गयी

मा - अरे दीदी मन तो मेरा भी है लेकिन आपको छोड़ के कैसे जाऊ

मौसी - अगर तेरा मन ना हो तो मै चली जाऊ , वैसे भी दीवाना है मेरे वो ,,,,,, हहहहहहा

मा - अच्छा ठीक है बाबा मै जा रही हू .... आपका भी मन है तो आजाओ बहुत जोरदार चोदते है राज के पापा ,,,,,हिहिहिहिही

मौसी - अच्छा ऐसा क्या , चल मै भी देखू कितना जोर है तेरे उन्के मे ,,लेकिन मै बस छिप के सुनुगी बस

मा - हिहिहिही ,,,ठीक है दीदी फिर वो दोनो नीचे जाने लगी ।


मैने अपनी आँखे खोली और सोचने लगा अबे क्या हो रहा है मेरे घर मे कही सपना तो नही देख रहा हूँ
nice update
 
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UPDATE 007

मा और मौसी दोनो नीचे जाने लगे , मुझे भी नीचे जाने का मन करने लगा क्योकि मुझे बचपन का वो वाक्य याद आने ल्गा था जब पहली बार पापा ने मम्मी से खुल कर मौसी की चुचियो की बात की थी । ये सब सोचकर मेरा लंड खड़ा हो गया था और आगे क्या होने वाला है इसके लिए उत्तेजना होने लगी थी

करीब 5 मिनट बाद मै उठा और नंगे पैर नीचे जाने ल्गा जब सबसे निचली मंजिल की सीढ़ी की तरफ नीचे देखा तो भाग्य से सीढ़ी खाली मिली
मुझे डर था कि कहीं मौसी सीढ़ी पर ना बैठी हो और मुझे मम्मी पापा की चुदाई वाली बात ना सुनने को मिले ।

जब मै दुकान के आखिरी सीढ़ी तक गया तो मैने देखा मम्मी और पापा पिछ्ले कमरे मे है और मौसी कमरे के खिड़की के पास खडी है

जब मैने देखा तो मौसी सिर्फ ब्लाऊज पेतिकोट मे थी और उन्होने अपने चूड़ी कंगन पायल सब निकाले हुए थे ।

ब्लाऊज मे कैद उनकी बड़ी बड़ी रसीली चूचियो और भारी भरकम पेतिकोट मे कसाव लिये 44 साइज़ के चुतड़ देख कर मेरा लंड और कसने लगा ,,,, मै सोचने लगा मौसी काश मैं भी आपको भोग पाता

मौसी बड़े ध्यान से बंद कमरे मे खिड़की से देख रही थी और अन्दर मम्मी पापा मे बात चित हो रही थी साथ मे मा की सिसकी भी आ रही थी ।

पापा - सुनो जान अब तो लंड चुस लो मेरा , कबसे चुत चटवा रही हो
मा - कहो तो दीदी को बुला दू आकर चुस ले आपका लंड ,,, आज तो वो यही है ना ,,,,,हिहिहिहिह
पापा - वाह्ह मेरी रान्ड क्या बात कही है तुने ,,,, काश रज्जो दीदी मेरा लण्ड चुस्ती और मैं उनके भारी चुचो मे लंड मसल पाता

ये सुन कर मौसी शर्मा रही थी और मुस्कुरा के अन्दर देख रही थी

मा - ह्य्य्य देखो कितना तडप रहे हो मेरी दीदी के लिए
लाओ मेरे राजा मै लंड चुस्ती हू
फिर गुगुगुगगहू की आवाज आने लगती है

पापा - ओह्ह्ह मेरी रान्ड ,,, कितनी अच्छी तरह से चुस्ती है लंड ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम ऐसे ही चुस

पापा - रागिनी एक बात बता
मा - स्स्स्स्र्रृऊउऊप्प्प करके ,,हो बोलिये जान
पापा - ये कमल भाई ( मौसा) इतने दिन तक इतनी गदाराई माल (मौसी) से दूर कैसे रहते है
मा - पता नही जी गुगुगुगगगग
पापा - अगर तुम इतनी बड़ी रान्ड हो गयी है कि बिना एक दिन लंड किये सोती नही है तो तेरी दीदी कैसे रह लेती है

ये बात कह कर मानो पापा ने मौसी की दुख्ती रग पर हाथ रख दिया हो , उनका जोश बढने लगा और अपना जीभ होटों पर फिराते हुए ब्लाऊज के ऊपर से ही चुचिया म्स्ल्ने लगी ,,,

मौसी का ये रूप देख कर मेरा लौंडा फटने को आ गया , मन तो कर रहा था कि मै जाऊ और मौसी को भी उनके हक का प्यार दू
लेकिन मेरा लंड अब लोवर मे पुरा टनटना गया तो मैने उसे लोवर से बाहर निकला तो कुछ राहत हुई

मा - हा जी मुझे भी दीदी का ये दर्द देखा नही जाता क्या करू आप ही बताओ
पापा - अगर तुम कहो तो मै उन्की चुत की आग बुझा दू
मा - ओहो बड़े उतावले हो रहे हो दीदी को चोदने के लिए ,,, चलो पहले मेरी चुत मे लंड डालो
थोडी देर बाद थपथप की आवाज आने लगी और मौसी भी पेतिकोट के ऊपर से चुत रगड़ने लगी ये देख मै भी अपना लंड मस्ल्ने लगा ।

फिर पापा की आवाज आई - मेरी जान कोसिस करो ना तुम रज्जो दीदी को मनाओ मेरे लिये
आज सुबह जब से उसको देखा है नजर उसके थन जैसी लटकती चुचियो पर है ना जाने कितना कामरस भरा होगा उन रसीले चुचो मे

मा - ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह ह्म्मोह्ह्ह उफ्फ्फ लेकिन दीदी मनेगी इसके लिए मुझे तो नही लगता

पापा - ह्ह्य्य्ह्ह्ह वो तुम्हारी बात मानती है और तुम्हे नही लगता रज्जो दिदी को भी सुख भोगने का हक है

मा - ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म ठीक है मेरे राजा मै आपके लिए दीदी को मनाऊंगी
लेकिन अभी के लिए मुझे ही रज्जो दिदी समझ के चोद लो मेरी जान

ओह्ह्ह्हू य्ह्ह्ह्ह्ब उफ्फ्फ्फ आह्ह्ह्ह्बब। थपथप थप थप थप थप थप थप थप उफ्फ्फ उअह्ह्ज उह्ह्फ्फ्फ

उधर मौसी अंदर देखते हुए अपने चुत को पेतिकोट के ऊपर से रगड़ते हुए झड़ गयी
उनका पेतिकोट आगे से भीग गया और वो दीवाल से लग कर हाफ रही थी

हाफते वक़्त उनकी तेज़ सांसो से चुचिया ऊपर नीचेहो रही थी,,,
और मै अपनी गदाराई मौसी का ये काम से भरा रूप देखकर जल्दी से ऊपर आ गया और जल्दी से बाथरूम मे घुस कर तेज़ी से मौसी की हवस भरी हरकतो को सोचते हुए झड़ने लगा

आज पहली बार मेरे लंड से माल निकला था लेकिन मन में अभी भी मौसी को चोदने का ख्याल भरा था
मै जल्दी से बाथरूम से निकल कर चटाई पर आ गया
क्योकि मुझे पता था कि मौसी अब ज्यादा देर रुकेगि नही और हुआ भी ऐसा ही मेरे छत पर पहुचने के 5 मिनत बाद मौसी आई ,,,,और बाथरूम चली गयी
फिर मै आँखे बंद करके मौसी को अपनी कल्पनाओ मे भोगते हुए कब सो गया पता नही च्ला ।

दोस्तो आगे के अपडेट मे देख्ते है की क्या राज के पापा को मौसी मिलेगी या नही
धन्यवाद
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अब तक :
पुजा दिन मे थी और मेरा घर छोटा होने से सभी रिस्तेदार अपने घर चले गये । सिवाय मेरी रज्जो मौसी के

क्योकि मेरे दोनो बुआ की सादी एक ही घर मे हुई थी जो 5km दूर एक गाव मे हुई थी ।
और मेरे मामा मामी भी पास के थे ।
लेकिन मौसी की सादी शहर मे हुई थी तो मा ने उनको जिद करके रोक लिया बोली कुछ दिन बाद जाना ।



अब आगे :

घर मे सब हसी खुशी बीत गया ।
नया परिचय

मौसी - रज्जो , मेरी का एक्लौती बहन है । उम्र 48 साल, रंग गोरा और बदन हर तरफ से भरा हुआ , उनकी बड़ी बड़ी चूचि और गहरी नाभि और बड़े बड़े पहाड़ जैसे चुतड़,,,,, 42 36 44 का साइज़ ,,,उफ्फ़

मौसा - कमलनाथ , उम्र 52 साल , सरकारी नौकरी करते है पंजाब मे तो घर आना जाना कम है ।

रमन - मौसा मौसी का एकलौता बेटा , थोडा दुबला पतला है लेकिन बहुत मेहनती
उम्र 24 साल घर पर ही बेकरी का दुकान है ।

( पाठक ध्यान दे ये कहानी अभी flash back मे चल रही है लेकिन नये पात्र का विवरण वर्तमान समय का ही है । )



वापस कहानी पर

मै मौसी के आने से बहुत उत्साही था लेकिन मेरे साथ कोई और भी था जिसे रज्जो मौसी का रुकना बहुत पसंद था ।

उस दिन खुब सारी बाते हुई फिर रात मे सब खाना खा कर सोने चले गये ।

गर्मी का मौसम था तो मा और मौसी छत पर सोने वाले थे तो मै भी उन्के साथ चला गया सोने

मा आज मौसी से बहुत दिन बाद मिली थी फोन पर हाल चाल होता था लेकिन पिछ्ले 10 साल बाद मौसी हमारे घर आई थी क्योकि कुछ दिन वो मौसा के साथ पंजाब थी फिर कुछ साल पहले ही शहर मे वापस आई थी और रमन ने एक बेकरी की शॉप खोली थी ।

मैने चटाई बिछाई फिर लेट गये ।
मै मौसी के एक तरफ मे सोया और मौसी के दुसरी तरफ मा


मौसी मेरे मा से कहती है - छोटी आज गर्मी बहुत है तेरे पास कोई मैक्सि है क्या

मा हस्ते हुए बोली - क्या दीदी मेरा साइज़ आपको होगा ही नही ।

क्यौंकि मा और मौसी मे बहुत मेलजोल था और एक दुसरे से खुल के रह्ती थी । तो हसी मज़ाक होना बनता था ।

थोड़ा समय बीत गया और मुझे उन दोनो के हसी मज़ाक मे बहुत मज़ा आ रहा था तो मै सोने का नाटक करने ल्गा


मा - अरे दीदी सारी उतार दो ना अगर गर्मी ज्यादा है तो आप तो शहर मे एसी मे सोती हो यहा कहा वो सुविधा

मौसी - सारी तो निकाल दू छोटी लेकिन डर है कही राज के पापा ना आजाये और उनको मेरा माल खुले मे मिल जाये ,,,,हहह्हाहहह

मा - क्या दीदी आप भी उनको छेड़ने का मौका नहीं छोड़ती

मौसी - अरे कैसे छोड़ दू मेरे चुचो के दिवाने को ,,,,,,हहहहह्हाहह्हहा

मा - श्श्श्श्श्श्ह्श .. क्या दीदी राज सो रहा है कुछ तो सोच के बोलो

मौसी - अरे वो कबका सो गया दिनभर काम किया बेचारा
वैसे तु आज जमाई जी के साथ सोने नही गयी

मा - अरे दीदी मन तो मेरा भी है लेकिन आपको छोड़ के कैसे जाऊ

मौसी - अगर तेरा मन ना हो तो मै चली जाऊ , वैसे भी दीवाना है मेरे वो ,,,,,, हहहहहहा

मा - अच्छा ठीक है बाबा मै जा रही हू .... आपका भी मन है तो आजाओ बहुत जोरदार चोदते है राज के पापा ,,,,,हिहिहिहिही

मौसी - अच्छा ऐसा क्या , चल मै भी देखू कितना जोर है तेरे उन्के मे ,,लेकिन मै बस छिप के सुनुगी बस

मा - हिहिहिही ,,,ठीक है दीदी फिर वो दोनो नीचे जाने लगी ।


मैने अपनी आँखे खोली और सोचने लगा अबे क्या हो रहा है मेरे घर मे कही सपना तो नही देख रहा हूँ
rajjo mousi ne aake kahani me jaa dal di hai. aur rangin ho gaye hai sare shabd. :sex: ragini aur rajjo ki bate :drool:
 
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UPDATE 007

मा और मौसी दोनो नीचे जाने लगे , मुझे भी नीचे जाने का मन करने लगा क्योकि मुझे बचपन का वो वाक्य याद आने ल्गा था जब पहली बार पापा ने मम्मी से खुल कर मौसी की चुचियो की बात की थी । ये सब सोचकर मेरा लंड खड़ा हो गया था और आगे क्या होने वाला है इसके लिए उत्तेजना होने लगी थी

करीब 5 मिनट बाद मै उठा और नंगे पैर नीचे जाने ल्गा जब सबसे निचली मंजिल की सीढ़ी की तरफ नीचे देखा तो भाग्य से सीढ़ी खाली मिली
मुझे डर था कि कहीं मौसी सीढ़ी पर ना बैठी हो और मुझे मम्मी पापा की चुदाई वाली बात ना सुनने को मिले ।

जब मै दुकान के आखिरी सीढ़ी तक गया तो मैने देखा मम्मी और पापा पिछ्ले कमरे मे है और मौसी कमरे के खिड़की के पास खडी है

जब मैने देखा तो मौसी सिर्फ ब्लाऊज पेतिकोट मे थी और उन्होने अपने चूड़ी कंगन पायल सब निकाले हुए थे ।

ब्लाऊज मे कैद उनकी बड़ी बड़ी रसीली चूचियो और भारी भरकम पेतिकोट मे कसाव लिये 44 साइज़ के चुतड़ देख कर मेरा लंड और कसने लगा ,,,, मै सोचने लगा मौसी काश मैं भी आपको भोग पाता

मौसी बड़े ध्यान से बंद कमरे मे खिड़की से देख रही थी और अन्दर मम्मी पापा मे बात चित हो रही थी साथ मे मा की सिसकी भी आ रही थी ।

पापा - सुनो जान अब तो लंड चुस लो मेरा , कबसे चुत चटवा रही हो
मा - कहो तो दीदी को बुला दू आकर चुस ले आपका लंड ,,, आज तो वो यही है ना ,,,,,हिहिहिहिह
पापा - वाह्ह मेरी रान्ड क्या बात कही है तुने ,,,, काश रज्जो दीदी मेरा लण्ड चुस्ती और मैं उनके भारी चुचो मे लंड मसल पाता

ये सुन कर मौसी शर्मा रही थी और मुस्कुरा के अन्दर देख रही थी

मा - ह्य्य्य देखो कितना तडप रहे हो मेरी दीदी के लिए
लाओ मेरे राजा मै लंड चुस्ती हू
फिर गुगुगुगगहू की आवाज आने लगती है

पापा - ओह्ह्ह मेरी रान्ड ,,, कितनी अच्छी तरह से चुस्ती है लंड ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम ऐसे ही चुस

पापा - रागिनी एक बात बता
मा - स्स्स्स्र्रृऊउऊप्प्प करके ,,हो बोलिये जान
पापा - ये कमल भाई ( मौसा) इतने दिन तक इतनी गदाराई माल (मौसी) से दूर कैसे रहते है
मा - पता नही जी गुगुगुगगगग
पापा - अगर तुम इतनी बड़ी रान्ड हो गयी है कि बिना एक दिन लंड किये सोती नही है तो तेरी दीदी कैसे रह लेती है

ये बात कह कर मानो पापा ने मौसी की दुख्ती रग पर हाथ रख दिया हो , उनका जोश बढने लगा और अपना जीभ होटों पर फिराते हुए ब्लाऊज के ऊपर से ही चुचिया म्स्ल्ने लगी ,,,

मौसी का ये रूप देख कर मेरा लौंडा फटने को आ गया , मन तो कर रहा था कि मै जाऊ और मौसी को भी उनके हक का प्यार दू
लेकिन मेरा लंड अब लोवर मे पुरा टनटना गया तो मैने उसे लोवर से बाहर निकला तो कुछ राहत हुई

मा - हा जी मुझे भी दीदी का ये दर्द देखा नही जाता क्या करू आप ही बताओ
पापा - अगर तुम कहो तो मै उन्की चुत की आग बुझा दू
मा - ओहो बड़े उतावले हो रहे हो दीदी को चोदने के लिए ,,, चलो पहले मेरी चुत मे लंड डालो
थोडी देर बाद थपथप की आवाज आने लगी और मौसी भी पेतिकोट के ऊपर से चुत रगड़ने लगी ये देख मै भी अपना लंड मस्ल्ने लगा ।

फिर पापा की आवाज आई - मेरी जान कोसिस करो ना तुम रज्जो दीदी को मनाओ मेरे लिये
आज सुबह जब से उसको देखा है नजर उसके थन जैसी लटकती चुचियो पर है ना जाने कितना कामरस भरा होगा उन रसीले चुचो मे

मा - ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह ह्म्मोह्ह्ह उफ्फ्फ लेकिन दीदी मनेगी इसके लिए मुझे तो नही लगता

पापा - ह्ह्य्य्ह्ह्ह वो तुम्हारी बात मानती है और तुम्हे नही लगता रज्जो दिदी को भी सुख भोगने का हक है

मा - ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह हम्म्म ठीक है मेरे राजा मै आपके लिए दीदी को मनाऊंगी
लेकिन अभी के लिए मुझे ही रज्जो दिदी समझ के चोद लो मेरी जान

ओह्ह्ह्हू य्ह्ह्ह्ह्ब उफ्फ्फ्फ आह्ह्ह्ह्बब। थपथप थप थप थप थप थप थप थप उफ्फ्फ उअह्ह्ज उह्ह्फ्फ्फ

उधर मौसी अंदर देखते हुए अपने चुत को पेतिकोट के ऊपर से रगड़ते हुए झड़ गयी
उनका पेतिकोट आगे से भीग गया और वो दीवाल से लग कर हाफ रही थी

हाफते वक़्त उनकी तेज़ सांसो से चुचिया ऊपर नीचेहो रही थी,,,
और मै अपनी गदाराई मौसी का ये काम से भरा रूप देखकर जल्दी से ऊपर आ गया और जल्दी से बाथरूम मे घुस कर तेज़ी से मौसी की हवस भरी हरकतो को सोचते हुए झड़ने लगा

आज पहली बार मेरे लंड से माल निकला था लेकिन मन में अभी भी मौसी को चोदने का ख्याल भरा था
मै जल्दी से बाथरूम से निकल कर चटाई पर आ गया
क्योकि मुझे पता था कि मौसी अब ज्यादा देर रुकेगि नही और हुआ भी ऐसा ही मेरे छत पर पहुचने के 5 मिनत बाद मौसी आई ,,,,और बाथरूम चली गयी
फिर मै आँखे बंद करके मौसी को अपनी कल्पनाओ मे भोगते हुए कब सो गया पता नही च्ला ।

दोस्तो आगे के अपडेट मे देख्ते है की क्या राज के पापा को मौसी मिलेगी या नही
धन्यवाद
belagam ho jaye jajbat itna hot update tha . raaj ka kuch nahi ho sakta. vo bas dekhkar hi hilata rahega. khidki ke pas jake daboj kyu nahi liya rajo ko .
 

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