Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
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UPDATE 002

अबतक :

मै उसके घर गया तो बरामदे मे कोई नहीं था मै चंदू करके पुकारता उससे पहले ही मुझे किसी के झगड़ा करने की आवाज सुनाई देने लगती है और मै धीरे धीरे गलियारे से कमरे की तरफ जाता हू ।अन्दर देखने से पहले ही झगड़ा शांत हो जाता है और मुझे चंदू के मा की आवाज आती है ....


अब आगे :

कमरे मे से पहले चंदू की मा रजनी की आवाज आती है

रजनी - आखिर हर बार तुम इतना नाटक क्यू करते हो मेरी चुत चाटने मे

तभी मुझे एक और आवाज सुनाई देती है जो चंदू के पिता रामवीर की थी

रामवीर - देख रजनी मुझे ऐसा सेक्स पसंद नही है मुझे इसमे घिन आती है

रजनी - अच्छा और रोज सुबह शाम चोदते टाईम उसी चुत मे लंड डालते हो तब नही आती

थोड़ा सिस्कते हुए रजनी फिर बोली ..... देखो चंदू के पापा मै कुछ नही जानती मुझे आज अपनी चुत चुस्वानी है आपसे , अगर नही हो तैयार तो मै मायके चली जाउंगी और फिर देखते रहना मुझे चोदने के सपने ।


ये सब बाते सुन के मेरे कान खड़े हो गये , हालाकि मैने पहले भी चुदाई की साधरण बाते सुनी थी लेकिन किसी औरत के लिए उसका चुत चटवाने का इतना पागलपन मैने नही सुना ,

मै ज्यादा देर तक वहा रुक नही सकता था और मेरा शरीर भी साथ नही दे रहा था , मेरी सांसे तेज़ होने लगी थी
वहा रूकने की इच्छा भी थी की रामवीर कैसे अपनी पत्नी की चुत को चाटेगा , लेकिन मन मे एक अन्जाना सा डर आ गया और मै वहा से निकल गया बागो की तरफ


काफी समय मै अकेले बाग मे घूमते हुए उस घटना को याद कर रहा था साथ ही ये भी सोच रहा था कि कैसा होता होगा वो अनुभव जब मेरी जुबान किसी की चुत को छुएगी ।

फिर मुझे भी थोडी घृणा हुए लेकिन मेरे चडडी मे मेरा नुन्नु खड़ा हो रहा था और बार बार मुझे कल्पना मे रामवीर का सर रजनी दिदी के साडी मे घुसा हुआ दिखने लगा ।


काफी समय इसी उधेड़बुन मे शाम हो गयी और घर गया तो मेरी बड़ी बहन ने मुझे बताया कि आज मा बहुत गुस्सा है और हो भी क्यो ना मै पीछले 4 घन्टे से गायब था ।

फिर मा आई और थोड़ा बहुत डाँटा फिर चाय पीने को दिया
मेरी एक आदत थी भले ही मै कितना बड़ा हो गया था मै अपनी मा से लिपट जाया करता था वो भी खुश हो जाया करती थी

और फिर चाय पीकर मै मा की गोद मे उन्के पेट से लिपट कर लेट गया ।
थोडी देर बीता था समय की अनुज रोने लगा तो मा ने मुझे उठा कर उसे गोद मे लेकर सुलाने लगी

फिर मै भी अनुज के साथ खेलने लगा ।
लेकिन मेरे मन से वो घटना नही जा रही थी और मै सोचने लगा क्या मेरी मा भी पापा से अपनी चुत चटवाती होगी ।

फिर मैने सोचा की क्यो ना थोडी जासूसी की जाय घर पर

जैसा कि मैने बताया मुझे थोड़ा बहुत चुदाई का ज्ञान था जो मैने स्कूल मे बड़े बच्चो और मुहल्ले घुमक्कड़ आवारा लड़को को आपस मे बात करते हुए सुन कर जान गया था ।

मै रात का इंतजार किया फिर सब खाना खा कर सोने चले गये
अब मै आपको अपने घर के बारे मे बता दू

मेरा 2 मंजिला मकान है ज्यादा बड़ा नही है लेकिन छोटे परिवार के लिए गाव मे ठीक है ।
मेरे घर मे ही बर्तन का दुकान है और दुकान के बगल से छत पर सीढी जाती है जहा एक किचन और एक बेडरूम और एक छोटा स्टोर रुम है और नहाने के लिए बाथरूम और टॉयलेट रुम सबसे ऊपर की मंजिल पर है ।

अनुज और मेरी बहन एक साथ बेडरूम सोते थे और मैं स्टोररुम मे एक तख्ते पर सोता था
और मम्मी पापा नीचे दुकान मे सोते थे ।

अब आते है कहनी पर

गाव के लोग अकसर जल्दी सो जाते है
मेरे यहा दुकान की वजह से 9 बजे तक सब सोने के लिए जाता था ।
और दिन भर की थकान के वजह से मुझे भी नीद आ रही थी लेकिन मन मे एक जिज्ञासा थी कि आज अपने मा और पिता की चुदाई देखनी है
करीब 10 बजे एक बार पिता जी पानी लेने ऊपर आये जो कि वो रोज आते है और मुझे उस दिन पता चला कि वो ये देखने आते थे कि हम लोग सोये है या नही
उन्होने मेरे तरफ भी टॉर्च मारी मैं सोने का नाटक किया फिर वो चले गए
और फिर मै धीरे से उठा और नंगे पाव सीढ़ी से नीचे जाने लगा
और मुझे थोडी थोडी खुसफुसाहट मे बात चित की आवाज आ रही थी
फिर मै आखिरी सीढ़ी से पहले ही रुक गया और ध्यान से सुनने लगा

मुझे मेरी मा की चूडियों की खनखन सुनाई दे रही थी साथ मे पिता जी की सिसकी भी
तभी
पापा - ओह्ह्ह्ह रागिनी मेरी रान्ड कहा से सीख आई हो ये लंड चूसना आह्ह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही मेरी जान और गिला करो जीभ से उफ्फ़ हा ऊह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह हा राआआअग्ग्ग्ग्गीईई ओह्ह्ह

मा - सच बताऊ कहा से सिखा , लंड को मुह से निकल्ने की आवाज स्स्स्स्स्ररर्र्र्र्र्र्र्रृउप्प्प्प्प के साथ बोली
और उसकी चूडियो की खनखन से साफ पता चल रहा था कि अभी भी वो लंड हिला रही थी ।
पापा - आआह्ह्ह्ह मेरी रान्ड बता ना कहा से सीखी

मा - अपने दीदी से हिहिह्हिहिही
मा ने खिलखिलाते हुए जवाब दिया और फिर गुगुगुगू के साथ चूडियों की खनखन की आवाजे आने लगी

पापा - सच मे रज्जो दीदी ने तुमको सिखाया है क्या ,,,, ओह्ह्ह आह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह्ह्ह
मा - हम्म्म्म्म्ं और फिर गुगुगुगगू के साथ चूडियो की खनखन

पापा - ओह्ह्ह जान फिर तो तुम्हारी दीदी भी अच्छा लंड चुस्ती होगी आह्ह्ह अह्ह्ह और अंडर लो मेरी रागु आह्ह्ह्ज
मा स्स्सरररउप्प्प करते हुए बोली - क्या बात जी मेरी दीदी की बात करते ही आपका लंड और कड़ा हो रहा है ,,,, हिहिहिहिही
पापा - क्या बताऊं जान रज्जो दीदी की बात छेड़ कर तूने आज उनकी चूचियो की याद दी

मा - ओहो क्या बात है , अपने कब देखी मेरी दीदी की चुचिया

पापा - अरे वो हमारी शादी में बिदायि वाले दिन जब सुबह सुबह मुझे दही भात खिलाया जा रहा था तभी,,,ओह्ह्ह्ह हम्म्म्म्म्ं बस ऐसी ही चुसो जान
पापा - मै नीचे बैठा था और तुम्हारी रज्जो दीदी हरी चमकीली सारी मे खडी थी थाली मे दही भात लिये फिर वो मेरे तरफ झुकी और मैने नजर ऊपर की तो देखा तेरी दीदी की बड़ी गोल गोल चुचिया आधी से ज्यादा बाहर की तरफ आ रही है और वो मुझे अपने हाथो से दही भात खिलाने लगी , मै भी उनकी चुचियो पर नजर डालें हुए दही भात खाने ल्गा जिससे कभी कभी मेरे चेहरे पर भी दही लगने लगा फिर जब उन्होने मुझे बोला कि कहा ध्यान है आपका जमाई जी हिहिही
तब मेरी तंद्रा टूटी फिर मै मुस्कुराने ल्गा
मा - आहहाहा , शादी मुझसे और नज़र मेरी दीदी पर
मा पापा को छेद्ते हुए बोली
पापा - अरे जान वो तो बस नज़र गयी थी दिल तो तुम्हारे पास ही था

मा - अब रहने दो मक्खन ना लगाओ , मेरे हाथ थक गये है अब तुम करो
पापा - आजा मेरी रसीली जान तेरी चूचि चुस के तेरा दर्द कम कर दू
मा - उससे काम नही चलेगा मुझे जल्दी से ये लण्ड मेरी गरम चुत मे चाहिये

मेरे पापा और मम्मी के बिच हुए ऐसे बातचित से मै बहुत शौक हो गया मेरे मन में बहुत सारे विचार आने लगे और मै उनकी बाते सुनने लगा

अब आगे क्या होने वाला और कौन कौन सी बाते राज को पता चलने वाली है अगले अपडेट मे दिया जायेगा

आज का अपडेट कैसा लगा कमेंट मे अपनी जवाब जरुर दे ।
धन्यवाद
 
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अनुनय विनय एवम लवड़ा लहसुन

ये कहानी पूरी तरह incest नही है , क्योकि incest और adultery को लेके सबके अपने अपने मायने और अपना अपना नजरिया है ,,,तो बंधु कोई भी ये ज्ञान ना दे कि हीरो सबको पेल रहा है तो कहानी सही है ,,, हीरो के घर वालो को कोई पेल गया तो कहानी ऐडल्टरी हो गयी ।

इसमे ज्यादा से ज्यादा incest जोडा गया है ,,,मगर पुर्ण रूप से नही ,,, तो बस इतना जान लो लेखक ने आपकी लेने की लिये और कहानी पर भीड़ जुटाने के लिए incest का prefix लिया है । 😁😝

ये एक डेली अपडेट स्टोरी होगी , तो बेल्ट ढिला करके बैठना ,,, रोजाना 8 बजे रात मे


धन्यवाद 🖕
Kya is story mai hero ka alawa kisi or ka v sex scene dhikhaya jayega. Ya sirf dusre ka sex relation bataya jayega....
 

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