UPDATE 014
मेरे बगल मे मेरी गदरयी गांड वाली मौसी करवट लेके मेरे मा पापा का रासलिला देख रही थी
मै हाथ आया मौका जाने नही देना चाहता था तो धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और पीछे से मौसी से चिपक गया और धीरे से उन्के कान मे बोला
मै - मौसी हम लोग भी सुरु करे
मौसी तुरंत समझ गयी कि मै जग रहा हू और धीरे से बोली कि - तू सोया नही क्या
मै - नही
मौसी - तो अब क्या
मै - मुझे भी आपको चोद्ना है
मौसी - अरे तेरे मम्मा-पापा यही है देखता नही
मै धीरे से मौसी के कान मे - अरे किसी को पता नही चलेगा आप बस थोड़ा पीछे हो जाओ और मैक्सि उठा लो
मौसी ने वैसा ही किया और मैने भी मौसी के बदन से 60° का कोण बनाते हुए खुद को सही जगह पर खिसका कर सेट किया और अपना लंड पे थूक लगाते हुए, मौसी के चुत मे घुसा दिया जिससे मौसी की सिसकी निकल गई।
चुत पहले ही चुद कर गीली और ढीली हुई थी तो आसानी से अन्दर चली गयी ।
पापा - क्या हुआ रज्जो रानी ,,, चुत मै रागिनी की चुस रहा हू और आहे आप भर रही है
मौसी - हा मेरा भी मन कर रहा है
पापा - आ जाओ फिर निकाल के मैक्सि
मौसी - नही नही जमाई जी पहले छोटी को खुश करिये
पापा - हहहहह ठीक है
मै एकदम से रुक गया था जब दोनो की बात खतम हुए तो मैने मौसी के कुल्हे को मैकसी के अन्दर से पकड़ा और हल्का हल्का चोदने लगा
ये मेरा पहला अनुभव था चुदाई का जो कि मेरी गदरायि मौसी को चोद रहा था
उधर पापा मा जी जोरदार चुत चूसने के बाद मा के ऊपर चढ़ के चोद रहे और मै भी धीरे धीरे पापा के साथ लय बनाते हुए मौसी की चुत मे चोद रहा था
चुकि पहले से मै इतना उत्तेजित था पापा और मौसी की चुदाई देख कर बाद मै उनको बोला - मेरा होने वाला है
उधर पापा मा को ताबड़तोड़ चौदे जा रहे थे
मौसी - अंदर मत निकालना
मै धीमे से - मैक्सि मे निकाल दू क्या
मौसी धीमी आवाज मे - पागल इसिलिए बोल रही थी ना तुझे रहने दे ,अब कपडे भी खराब करेगा
मगर मुझे वक्त कहा था कि मै मौसी के बातो पर धयान देता ,,,मैने धीमे से लण्ड निकाल कर मौसी के मैक्सि मे लण्ड को फसा कर झटके मारने लगा और झडने के बाद वापस हम लोग अपनी जगह पर हो गये।
देखा तो पापा अभी भी मा को चोद रहे है
इतने मौसी उठी और मैक्सि निकाल के पापा के पास गयी
और उनके चेहरे के सामने अपनी चुत कर दी और पापा भी उनकी भारी भरकम गांड को पकड के चुत चातते हुए मा को चोदने लगे
फिर जब मौसी के पैर कापने लगे तो मौसी मा के बगल मे लेट के अपनी चुचीयो को मसल्ने लगी और चुत को रगड़ने लगी
ये सिन देख कर मेरा लनड फिर खड़ा हो गया
और पापा ने मौसी की मदहोसी देख कर उनकी चुत मे उंगलिया से पेलने लगे
फिर मा - उह्ह्ह ओझ्हउम्म्ं थोड़ा तेज़ करो मेरे राजा होने वाला है मेरा
फिर पापा मौसी को छोड मा को तेज़ी से चोद के झड़वा देते और तुरंत लंड निकाल कर मौसी के चुत मे घुसा कर उन्के ऊपर चढ़ के उनकी बड़ी नरम चुचीयो को चुस्ते हुए चोदने लगते है
मौसी को तीसरी बार चुदते देख मै सोचने ल्गा कित्नी बड़ी चुद्क्क्ड है मौसी
उधर पाप मौसी को चोदते हुए बोले - हऊहह , क्यो मेरी चुद्क्क्ड रान्ड रहा नही गया क्या बिना चुदे
मौसी - आह्हह इह्ह्ह्ब ओफ्फ्फ्फ ,,, हा जमाई जी लंड देखते ही मै पागल हो जाती हू
पापा - ओहो मतलब घर पर भी कोई जुगाड है क्या ,,,, क्योकि मुझे नही लगता तेरे जैसी रन्डी बिना लंड के एक दिन भी रह ले
मौसी नशे में - ह्म्म्ं उह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ हा जमाई जी जुगाड नही घर का माल समझिये
पापा - घर का माल मतलब
मा बिच मे बोलती हुई - कही आप रमन की बात तो
मौसी --आह्हह उफ्फ्फ्फ हा छोटी वही है
पापा धक्के और तेज़ करते हुए - तु तो सालि एक नंबर की रन्डी निकली मेरी रज्जो रानि
मौसी - इह्ह्ह उफ्फ्फ्फ इफ्फ्फ्फोफ्फ्फ ,,,, घर के लोगो से चुदने मे जो मज़ा है वो बाहर कहा जामाई जी
पापा - सही कहा मेरी रान्ड ओह्ह्ह्ह मेरा होने वाला है और फिर लंड निकाल कर मौसी की चूची पर माल गिरा दिया फिर मुह मे डाल दिया जिसे चुस के मौसी ने साफ किया
फिर तीनो लेट गये
मै भी आँखे बंद कर उनकी बात सुनने लगा
मा - दीदी आपने बताया नही कि आप रमन के साथ भी
मौसी - अब क्या बताऊ तु तो मेरी कमजोरी जानती है छोटी ,,, बिना चुदे मुझे रातों मे निद नही आती और लंड देख कर मुझे रहा नही जाता
मा - लेकिन दीदी फिर भी वो आपका बेटा है और ये सब कब से चल रहा है
मौसी - वो 3 साल हो गये जब मै पंजाब से आई थी तो अकेले कमरे मे ऊँगलियों के सहारे कितना राते काटती ,,, फिर देखा की रमन मुझे कोई ना कोई बहाने मेरे बदन को देखता है और कई बार मैने उसे मेरा नाम लेके मूठ करते हुए देखा
मा - हे राम ये आज के लडके भी ना
पापा - दोष रमन का नही है वो तो रज्जो दीदी की गदरायि जवानी देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये ,,हहहहह
मौसी - हा जमाई जी ठीक कह रहे हैं आप
मै अक्सर घर मे ब्लाऊज पेतिकोट मे होती थी तो हमेसा उसकी नजर मेरे चुचो पर होती थी
पहले मुझे बुरा लगा फिर मेरी बेलगाम जवानी और मेरी कम्जोरि दिख गयी जब मैने उसको बाथरूम मे मूठ मारते हुए देखा और उसका 7" का लंड पर मै सब कुछ भूल कर उसके साथ हो गयी तबसे हम रोज चुदाई करते है
पापा- मेरे हिसाब से इन्सान को खुश रहना चाहिए और जब खुशी घर मे ही है तो बाहर क्यू जाना
मा - क्या जी आप भी ,,, दीदी की तो मजबुरी थी लेकिन आपको तो रोज मिल रहा है ना फिर आप क्यू लार टपका रहे ,हिहिही
पापा - कमजोरी तो मेरे पास भी है रागिनी ,, ये बड़ी बड़ी गोल गोल चुचिया ,,,, ये बोल के वो मा के निप्प्ल को चुस लिये
मा -क्या आप भी चलो सो जाओ
मौसी - हा छोटी
पापा - अरे कपडे तो पहन लो कही ऐसा ना हो की रात मे राज उठ और देख ले
मा - तो क्या हुआ वो भी तो देखे आखिर उसके पापा क्या क्या गुल खिला रहे ,,,हिहिही
पापा - तो तुम भी चूदवा लो ना मेरी जान , मै भी तो देखू कि मेरी रन्डी बीवी कैसे अपने बेटे का लंड लेती है ,,हहहहहह
मा - बस हो गया ,,सो जाईये अब
मै भी उनलोगो की नोकझोक सुन के मुस्कुरा रहा था और कब सो गया पता नही चला
अब देखते हैं कि आगे क्या होता है