Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
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UPDATE 003


अब तक :
मा - उससे काम नही चलेगा मुझे जल्दी से ये लण्ड मेरी गरम चुत मे चाहिये


मेरे पापा और मम्मी के बिच हुए ऐसे बातचित से मै बहुत शौक हो गया मेरे मन में बहुत सारे विचार आने लगे और मै उनकी बाते सुनने लगा


अब आगे :

मुझे अपने मा और पापा के बिच हुए इस सेक्सुअल बात चित से बहुत गरम मह्सूस हो रहा था
मै कल्पना करने लगा पापा की सिस्कियो मे कि लंड चुस्वाने का आभास कैसा होगा

फिर मुझे थपथप की आवाजे आने लगी
मा - ओह हा राजा ऐसे ही चोदो मुझे आह अह हम्म्म्म्ं अह्ह्ह्ह हम्म्म्म अऊओह्ह्ह
पुरा दिन चुत कुलबुलाने से तडप जाती हू राज के पापा

पापा - हाफ्ते हुए , हाअय्य्य्य्य हा मेरी रान्ड मै जानता हू तु बहुत गरम माल है
कहो तो कल दोपहर मे भी चोद दू


मा - नही नही कल रविवार है और बच्चे भी घर पर रहेंगे
मै रात का इन्तेजार कर लुंगी अह्ह्ह हाआआ ओह्ह्ह्ह हम्म्म्म और तेज़ राजा और तेज़जजज़्ज़ उह्ह्ह्ह हा ऐसे ही
ओह्ह्फ्फ्फ्फ हुउउउय उम्म्ंम अह्ह्ह

फिर मुझे लगा ये सब देर तक चलेगा और मुझे नीद भी आ रही थी

तो मै वापस चुपचाप ऊपर आया और थोड़ा देर मम्मी पापा की बात को सोचते हुए सो गया

अगले दिन रविवार था
मै इस दिन के हमेशा तैयार होता था

क्योकि इस दिन मै अपने चाचा के घर जाता था हर रविवार को
मेरे चचा और पापा के बीच अच्छी मेल जोड़ थी
मेरे मुहल्ले मे ही मेरे चचा रहते थे उनकी कपड़े की दुकान थी

नया परिच्य
चाचा - जंगीलाल , उम्र 46 , सादा जीवन उच्च विचार का स्वभाव लेकिन हमसे आमिर थे तब उन्के घर मै हर रविवार टीवी देखने जाया करता था और खाना पीना सब वही होता था ।

चाची - शलिनी , उम्र 42 , सुन्दर और कामुक महिला थी
उनका साइज़ 36 34 36 है लेकिन और चाचा चाची मे प्रेम बहुत था ।
मेरी मा बताती थी की पहले जब चचा और चाची की सादी तय हुए तो उसी समय मेरी दादी की मौत हो गयी जिससे मेरे दादा जी वो रिस्ता तोड़ने वाले थे लेकिन मेरे चाचा ने जिद की अगर उससे सादी नही हुई तो वो अपनी जान दे देने और फिर बाद मे उन दोनो की सादी हुई

निसा - चचा की बेटी , वर्तमान मे 22 साल की है थोडी हलकी भारी बदन वाली है 34 32 36 का साइज़ है और इसी साल सादी हुई है । मेरा इन्से बहुत लगाव था और वो भी मुझे बहुत मानती थी

राहुल - उनका बेटा , अभी वर्त्मान मे इसकी उम्र 19 साल है और 12वी कर रहा है हमेशा घर पर ही रहता था और इसिलिए सब इसे मन्द बुद्धि कह्ते थे लेकिन चाची का दुलारा था ।


मै हर रविवार की तरह उठा और डब्बा मे पानी लेकर चंदू को आवाज देने उसके घर पहुच गया
क्योकि मै रोज सुबह उसी के साथ शौच के लिए खेतो मे जाता था , भले ही मेरे यहा टॉयलेट की वयवस्था थी लेकिन जैसा गाव मे बड़े बुजुर्ग कह्ते ही सुबह का हवा पानी लेना चाहिए
फिर मैने चंदू को आवाज दी तो उसकी मा ने दरवाजा खोला

उनको देख्ते ही मुझे कल दोपहर की घटना याद आने लगी और मै थोड़ा हिचकते हुए रजनी से पुछा

मै - दीदी चंदू कहा है उठा नही क्या अभी
रजनी - रुक बाबू मै अभी जगा के भेजती हू
रजनी उस समय एक ढीली मैक्सि मे थी फिर भी उसकी चुचिया पुरा उबार लिये हुए थी
ज्यो ही वाह घूमी अंडर जाने को उसकी गांड हिलोरे खाते हुए जा रही थी

फिर थोडी देर बाद चंदू आँख मल्ते हुए डब्बे मे पानी लेके आया

फिर हम दोनो खेत की तरफ चले गये ।
मै और चंदू काफी गहरे दोस्त थे वो अक्सर अपने घर की बात बताया करता था और मै भी ।

मै रास्ते भर रजनी की चुचियो का उभार को अपनी कल्पना मे सोचते हुए चल रहा था
मुझे चुप देख चंदू बोला

चंदू - अबे का हुआ काहे चुप हो नानी ने गाड़ पर रख तो नही न दिये सुबह सुबह
( क्योकि मै चंदू की मा को दीदी कहता था इसिलिए वो मेरी मा को नानी और पापा को नाना बोलता था लेकिन मुझे नाम से और मेरी बहन को दीदी कहता था )

मै - रजनी के ख्यालो से बाहर आते हुए ,,,,,नही बे रात मे देर से सोया था तो नीद आ रही है


चंदू - कही नाना नानी की चुदाई तो नही ना देख रहा था ,,, ठहाका लगाते हुए बोला

मै - अबे साले नही बे ,,, मेरे साथ ऐसा कभी कुछ नही हुआ मैने झूठ बोला ताकि उससे कुछ बात निकलवा सकू

मै - तु बता जैसे कि बड़ा देखा हो अपने मम्मी पापा की चुदाई ,,, जो ऐसे बोल रहा है


चंदू - हा देखी ना कल दोपहर मे ,,, जब तु कान लगा के सुन रहा था मेरी मा के रुम के बाहर

मै चौक गया की इसको कैसे पता ये सब



आगे के अपडेट मे हम देखते है कि दोपहर की बात खुलने चंदू और राज मे क्या बाते होगी ।

आपके प्यार और स्नेह भरी प्रतिक्रया की प्रतीक्षा रहेगी ।
धन्यवाद
mast update.
chandu raaj se jyada chalak hai. par use ye pata nahi, kahani ka hero raaj hai wo nahi.
Raaj ke chacha ke gharwale alag se kyu rehte hai ?
 
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UPDATE 004

अब तक :
मै - तु बता जैसे कि बड़ा देखा हो अपने मम्मी पापा की चुदाई ,,, जो ऐसे बोल रहा है

चंदू - हा देखी ना कल दोपहर मे ,,, जब तु कान लगा के सुन रहा था मेरी मा के रुम के बाहर

मै चौक गया कि इसे कैसे पता ये सब

अब आगे :

मै - कब देखा बे मै अया ही नही

चंदू - अबे जा मेरे से झुट ना बोल ,,, जब तू गलियारे मे दरवाजे के पास कान ल्गा के सुन रहा था तो कमरे के सामने वाली चारपाई पर सोया था मै रजाई मे घुस के
मै चुप हो गया जैसे मेरी चोरी पकड़ी गई हो लेकिन तभी चंदू ने ऐसा कुछ बोला कि मेरे पास खुद को बचाने का आइडिया मिल गया


चंदू - लेकिन तू रुका क्यो नही भाग क्यू गया ,,,, मै तो तुझे भी रजाई मे बुलाने वाला था


मैने तुरंत इसका जवाब देते हुए बोला - साले मै तेरी तरह थोडी हू जो मम्मी पापा की चुदाई देखू ,,, वो तो जल्दी छूटी होने से मै तुझे खोजने आया था और जब दीदी की बात सुनी तो भाग गया ।

चंदू मेरी बात पर मज़ा लेते हुए बोला - चल जाने दे अगली बार देख लेना

मै फिर से चौक गया और कहा - तू पागल हो गया है क्या अगर दीदी को प्ता ल्गा तो तेरे साथ मुझे भी मार मिलेगी ।

फिर ऐसे ही बात करते हुए हम घर आ गये ।
चंदू की बातो का मुझ पर ज्यादा जोर पड़ रहा था और मै सोचने लगा कि मै उसे गलत बोल रहा हू जबकि मै खुद ही अपने मा पापा की गुप्त बाते सुना हू ।



फिर मै नहया नास्ता किया और करीब 11बजे तक चल दिया चचा के यहा टीवी देखने
क्योकि हर रविवार 12 बजे से फिल्मोत्स्व आया करता था और फिर शाम को 4 बजे से नयी फिल्म



मै चचा के घर गया तो दुकान से ही अंडर जाने का रस्ता था तो मै अन्दर गया

अन्दर चाची स्ब्जी बना रही थी, राहुल और निशा दीदी टीवी देख रहे थे

मुझे देखते ही दिदी बोली - आ राज अच्छा हुआ जल्दी आ गया आज मोहरा फिल्म आने वाला है ।

मै खुश हो गया क्योकि मेरे फ़ेवरेट हीरो अक्षय कुमार की फिल्म आने वाली थी फिर हम लोग खाना खाये तो फिल्म देखने लगे ।

फिर कुछ टाईम बाद वो गाना आता है टिप टिप बरसा पानी
उसमे भिग्ती हुई रवीना टंडन को देख कर मै बार बार चाची को देखता था क्योकि वो काफी morden तरीके से साडी पहना करती थी

ब्लाऊज स्लिवलेस और साडी नाभि से 4 उंगल नीचे जो उनको और भी कामुक बना देता था ।


दोस्तो इसी तरह मेरे दिन गुजरने लगे । मै अब हर पति पत्नी के जोड़े को सेक्स का भूखा जोडा समझने ल्गा ।
समय के साथ मैने चंदू के घर नजर रखना शुरू कर दिया क्योकि मुझे उसका स्वभाव अलग लगने ल्गा

और साथ ही कभी कभी रात मे सीढ़ी पर उतर कर मम्मी पापा की बाते सुनने लगा मुझे एक बात समझ में आ गया मेरे पापा मेरी रज्जो मौसी को लेकर बहुत उत्तेजित हो जाते थे और मा भी बार बार उन्को उत्तेजित कर चुदवाति थी ।


ऐसे ही समय कटने लगा मै 8वी पास हुआ और फिर
मैने अपना ऐडमिशन पास के गाव में एक सरकारी कालेज मे हुआ

मेरे साथ मेरी बहन सोनल , चंदू और उसकी बहन चंपा और अमन ने भी उसी कालेज मे दाखिला लिया ।

हम साथ ही आते जाते थे
6 महीने तक मुझे सब सामान्य लगा लेकिन फिर अचानक चंदू की बहन को उसके पापा ने हॉस्टल भेज दिया ।

मुझे बहुत अजीब लगा तो मै इसके लिए बात करने चंदू के घर गया
 

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