अपडेट 13
शाम होते होते मै दीदी के साथ वापस घर आ गया तो मा दुकान मे लगी थी फिर मै भी उनका हाथ बटाया फिर थोडी देर बाद मा ऊपर चली गयी ।
करीब 10 मिनत बाद मेरी चाची दुकान पर आई और कुछ सृंगार का सामान लिया
बातो ही बातो मे पता च्ला कि चाची, निशा दीदी और राहुल के साथ अगले हफ्ते भोपाल जा रहे हैं चाची के भाई की लडकी की शादी है ।
फिर वो सामान लेकर चली गयी और थोडी देर बाद मै दुकान बंद किया और छत पर चला गया
ऊपर मा और दीदी कीचेन मे खाना बनाने की तैयारी मे लगी थी और अनुज पढाई कर रहा था ,,,,लेकिन मौसी नही दिख रही थी कही
मै मा से पुछा - मम्मी, मौसी कहा गयी
मा - अरे बेटा उन्का फोन आया है वो छत पर बात कर रही है
ये सुनकर मै भी ऊपर चला गया और देखा मौसी ने आज ली हुई मेक्सि पहनी है
इतनी ढीली मैक्सि मे भी उन्के पहाड़ जैसे निकले चुतड साफ दिख रहे थे
मुझे देखते ही मौसी ने फोन पर बोला - ठीक है फिर मै बाद में बात करूंगी आपसे और कॉल काट दिया
मुझे ऐसा ल्गा की मौसी कुछ छिपा रही थी फिर मैने इग्नोर किया और मौसी के पास चला गया
मै - अरे मौसी किस्से बात हो रही थी
मौसी - लल्ला वो रमन ने फोन किया था , पुछ रहा था कब आओगी
मै मौसी को छेड़ते हुए - हा बेचारे 3 दिन से दूध के लिए तरस रहे होन्गे भईया
मौसी शर्माते हुए बोली - तू भी पागल है लल्ला
मै मौसी को पिघलता देख पूछा- अरे मौसी सुबह मैने जो पुछा वो आपने बताया ही नही
मौसी - क्या ल्ल्ला ,, मै समझी नही
मै मौसी के गोल भारी भरकम चुतड़ को सहलाते हुए बोला - यही कि आपका ये इतना बड़ा कैसे हो गया
मौसी ने मुसकुराते हुए कहा - लल्ला वो तो किसी के मेहनत का नतिजा है कि वो इतना बड़ा हो गया है ,,,, हिहिहिह
मै - वैसे कितने लोगो ने मेहनत की है मौसी ,,,,,, ये बोल के उनकी गद्देदार गांड को दबा दिया
मौसी - बहुत बदमाश हो गये हो लल्ला ,,,
मै - बताओ ना मौसी
ये बोल कर मै उन्के पीछे हो गया
शाम के 7 बज रहे थे और सब तरफ अंधेरा ही था लगभग
और मेरा लंड चढ़ढे मे खड़ा था तो ऐसे ही उनको पीछे से पकड़ कर बताने की जिद करने ल्गा
मौसी - अरे ल्ल्ला छोड मुझे
मै - नही बताओ ना पहले
मौसी हस्ते हुए अच्छा ठीक है बताती हू लेकिन ये किसी को बताना मत
मै उनको और चिपक गया और मेरा लन्द उनकी गाड़ की दरारो मे अन्दर गया
मै - हा प्रोमिस मौसी
मौसी मुस्कुराते हुए - ल्ल्ला मेरे इसको बड़ा करने मे दो लोगो का खास हाथ है ,,,हिहिहिही
मै जानबूझ कर-- दो लोगो का खास हाथ मतलब और भी लोगो ने इसका मज़ा लिया है
मौसी शर्माते हुए -- हम्म्म
मै - कौन कौन है वो खुशनसीब लोग
मौसी - धत्त पागल मै नही बताने वाली अब कुछ भी
मै मौसी की गांड मे लन्द को और अन्दर की तरफ धसा कर एक हाथ से उनकी चुत को मैक्सि के ऊपर से छुते हुए बडे प्यार से बोला - बताओ ना मौसी मै किसी को नही कहुन्गा
मौसी मदहोश होने लगी - बेटा मान जा क्यू जिद कर रहा
मै - प्लीज मौसी बताओ ना
मौसी - वो तेरे मौसा और ...
मै - और कौन
मौसी - तेरे पापा
मै चौक गया कि पापा ने रात में मौसी की गांड भी चोद दी साला
मै -क्या पापा भी ,,, लेकिन कब
और उन्के चुचो को मैक्सि के ऊपर से मस्लने ल्गा
मौसी - लल्ला वो कल रात मे .... उम्म्ं ओह्ह्ह
मै - अच्चा और बाकी दो खास लोग कौन है जिन्होने सबसे ज्यादा मेहनत की आपकी गांड मे
मौसी - आह्ह बेटा मान जा क्यो जिद कर रहा है
मै - प्लीज बताओ ना मौसी
मै लगातार लंड को गांड मे रागड़ते हुए चुचियो को मसल रहा था और मौसी आहे भर रही थी फिर वो बोली तो मेरे कान खड़े हो गए क्योकि मुझे इसकी उम्मीद नही थी
मौसी - वो राजेश और रमन ने आह्हह उह्ह्ह्ह
मै सोचने रमन भईया के साथ राजेश मामा से भी मौसी चुद गयी है ।
मेरे मन मे कई सारे बाते आने लगी की मामा से कबसे चुदवा रही है फिर रमन भैया ,,, कही मा भी तो नही राजेश मामा से
फिर मैने सोचा ये सब बाद मे अभी इस चुद्क्क्ड को चोदने का सोच
फिर मै बोला - मौसी क्या मै भी थोड़ा मज़ा ले स्कता हू इनका
मौसी मदहोसी मे - आह्हह लेले लल्ला मे रोक थोडी रही हू
फिर मुझे ल्गा की अभी सही समय नही रात मे कोशिस करता हू लेकिन सुबह से लंड खड़ा था तो इसको शांत करना पडेगा
फिर मैने अपना कच्छा निचे किया और लंड बाहर आ गया और मौसी का हाथ पकड़ के लंड पर ले गया
मौसी - अभी नही लल्ला सब निचे है रात मे देखते है
मै - हा लेकिन अभी इसको चुस के शांत कर दो सुबह से खड़ा है
मौसी थोडी मुसकुराते हुए बिना कुछ बोले निचे बैठ गयी और गपगप लंड को मुह मे लेके चूसने लगी
आज पहली बार किसी ने मेरे लंड को चूसा था मै हवा मे उड़ने ल्गा और आहे भरने लगा
थोडी ही देर मे मेरा लंड कडक हो गया और मुझे लगा अब निकल जायेग तो मै मौसी का सर पकड़ के तेज़ी से मुह मे चोदने ल्गा और फिर उन्के मुह मे ही झड़ गया
फिर मौसी ने अच्छे से मेरा लन्द को साफ किया और बोली - तुने तो थका दिया आज तक किसी ने मेरे मुह ऐसानही चोदा
मुझे खुद पे नाज हुआ और फिर हम निचे चले गये
फिर पापा आये तो हम लोग खाना खा रहे थे इसी बिच लाईट कट गयी
मा - आज लगता है छत पर ही सोना पडेगा ,,,वो इमरजेंसी लाईट ऑन की
फिर हम लोग खाना खा कर छत पर आ गये
मा ने बड़ी वाली चटाई बिछाई
फिर हम लोग बैठ के बाते करने लगे और मै मौका देख कर एक साइड लेट गया
थोडी देर बाद दीदी अनुज को लिवा के निचे चली गयी क्योकि उनके कमरे मे बाहर से खिडकी की व्यव्स्था थी
मै भी खुश था
ऐसे ही बात चित हो रही थी और मै सोने का नाटक किया
करीब 5 मिंट बाद किसी ने मेरे चेहरे पर टॉर्च मारी
पापा - लगता है राज सो गया
मौसी - हा ये बहुत जल्दी सो जाता है देख रही हू
मै मन ही मन खुश था कि आज जो होगा मेरे सामने होगा
पापा - चलो अच्छा है अब हम लोग भी आराम से कुछ कर सकते है
मा - क्या बोल रहे हैं आप ,, राज यही सोया है और आपको वो सब सूझ रहा है
पापा - अरे वो सो गया है और पहली नीद है तो जल्दी नही उठेगा
मा - फिर भी मै मेरे बेटे के सामने कैसे
पापा- ठीक है तू राज के बगल मे लेट जा ,, इधर हम और रज्जो दीदी अपना काम कर लेंगे
मा - ठीक है लेकिन ध्यान से ,,,और दीदी तुम हस रही हो
मौसी - अरे छोटी अपने आसिक़ की तडप देख रही हू
पापा - हा अब देर ना करो मेरी रज्जो रानी और जल्दी से मेरा लौडा चुस के गिला करो मुझे आपकी गांड मे घुसाना है
मौसी - सीधा वही ,,हिहिही
पापा - क्या करू मेरी चुद्क्क्ड रज्जो रानी ,,,कल रात मे जब से तुम्हारी गद्देदार गान्द मे चोदा है और कुछ सूझ नहीं रहा ,,,, अब और चुसो इसे
बहुत हल्की चांदनी रात थी मैने देखा
पापा खड़े हैं और मौसी उनका लंड चूसे जा रही है और मा करवट लेके उन्ही को देख रही है
फिर पापा ने मौसी को घोड़ी बनाया और मौसी की मैक्सि को कमर तक उठाया और उनके चुतडो पर किस्स किया और फिर गिला लंड मौसीकी गांड मे डाल दिया
मौसी - अह्ह्ह्ह जमाई जी
पापा - मज़े लो रज्जो रानी
फिर थप थप थप थप थप थप थप की आवाज आने लगी
मै सिधा लेट गया क्छ्छे मे खड़े लौडे को सहलाने ल्गा
मेरे बगल मे मेरी मा मैक्सि मे पापा की तरफ करवट लेके लेती हुई पापा को मौसी को चोदते हुए देख रही थी और गरम हो रही थी
मौसी - अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्च जमाई जी ऐसे ही और तेज़ अह्ह्ह्ह इह्ह्ह्ह
पापा- हा लो मेरी रज्जो जान,,,और पापा तेज़ी से लण्ड मौसी की गांड मे अंदर बाहर करने लगे और उनकी जान्घे मौसी की गद्देदार चुतडो पर टकरा कर थप थप थप थप थप थप थप की आवाजे निकाल रही थी
करीब 5 मिनट की तबत्तोड़ चुदाई के बाद
पापा - अह्ह्झ रज्जो मेरी जान मेरा निकलने वाला
इतने मे मा झट से उठ के पापा गयी और बोली - मेरे मुह मे दिजिए मैने परसो से आपका माल नही चखा
पापा ने लंड को मौसी के गांड से निकाला और मा के मुह डाल दिया और सर पकड के मा का झटका मारने लगे
मा ने सारा माल पी लीया
फिर बोली - अब मुझे भी चोद कल से तडप रही हू
पापा - रज्जो दीदी आप थोड़ा राज के तरफ आराम करिये मै जरा
मौसी - ठीक है जमाई जी लेकिन अभी मेरी चुत को भी आपकी सेवा चाहिये ,,, हो जायेगा ना आपसे
पापा- आप कहो तो पूरी रात खिदमत करू ,,,हहहहह
मा - पहले मुझे शांत तो करो
फिर सब हसने लगे
फिर पापा मम्मी को नगा कर लिटा दिया और उनकी चुचियो पर टुट पडे
अब मौसी उसी तरह से करवट लेकर मा और पापा की रासलीला देखने लगी
और मुझे जिस मौके का इंतज़ार था वो आ गया
आगे देख्ते है क्या होता है