Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
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UPDATE 019

सब्बो का फोन आते ही मेरा मन गदगद हो गया
मैने अनुज को आवाज दी और उसे दुकान मे बिठा कर निकल गया रान्डटोले की तरफ

शाम 7 बजे का समय था मै टहलते हुए सब्बो के गली मे गया
वहा उसके घर के आस पास के घरो के बाहर कोई न कोई बच्चा बूढ़ा बैठा था ...
घर के बाहर सब्बो दरवाजे पर खडी थी , मै सोच रहा था कि इतने लोग बाहर है मै कैसे जाऊ इसके घर । क्योकि सारे लोग मुझे मेरे पापा की वजह से जानते थे और ऐसे मे मेरी हिम्म्त नही हो रही थी कि मै सीधा सब्बो के घर मे घुस जाऊ ।

मगर जैसे ही सब्बो की नजर मुझ पर गयी और मुझे लेफ्ट राइट करता देख समझ गयी कि मै डर रहा हू लोगो क बिच मे उसके घर जाने मे ।

सब्बो - अरे राज आ गया तू ,,, आ मा अंदर इंतजार कर रही है
मै थोड़ा हिचकिचाते हुए सब्बो के बगल वाले घर के बाहर बैठे हुए एक बुढऊ को देखा और सब्बो से कहा- हा वो पापा ने बोला जल्दी चला जा रात हो गई है हिसाब किताब कर ले बर्तन वाला


हम दोनो ने कोई प्री प्लानिंग नही की थी बस सब कुछ सयोग से हो रहा था
मै भी घर मे घुसा और अन्दर गया तो सच मे सब्बो की मा रुबीना अंदर बैठे सब्जी काट रही थी

वो ब्लाऊज पेतिकोट पहने हुए थी जिसमे उसका गदरायी जवानी साफ दिख रही थी
मै रुबीना को पहली बार ऐसे देख रहा था
उसका पेतिकोट जांघो तक उठा था ऊपर के दो बटन खुले थे

ये नजारा देख मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मेरा मन सब्बो से हट कर रुबीना की गदरायी जवानी मे खो गया
सब्बो ना जाने कब मेरे बगल मे खडी हो गई और मुझे उसके मा को हवस भरी नजरो से निहारते हुए देख रही थी और मुस्कुरा रही थी

सब्बो - अम्मी लगता है राज को मेरी नही अभी आपकी जरुरत है

रुबीना - क्यो सेठ जी कही मुड बदल तो नही दिया न

मै - हा काकी मूड तो बदल गया है लेकिन
रुबीना- लेकिन क्या सेठ जी
मै - मै तो आया तो सिर्फ सब्बो के लिए ही था लेकिन अब इसके साथ आपको नही छोड़ना है

रुबीना - सम्भाल लोगे एक साथ दो घोडीयो को

मै - क्यू आपको क्या लगता है
रुबीना- चलो देख लेते है कि तुम मे अपने बाप जितना दम है भी या नही

मै चौकते हुए - मतलब
रुबीना - आज आये थे दोपहर में बाऊ जी तेरे हम दोनो को .... और मुस्कुराने लगी रुबीना

मै सोचने लगा - अच्छा तो पापा को यहा आना था पैसे लेने ,,, साला मेरा बाप तो एक नम्बर का ....

फिर मैने सब्बो को अपनी ओर खींचते हुए उसकी होटों को चुस्ते हुए उसकी चुत को स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी मा के सामने रगड़ना शुरू कर दिया
करीब 2 मिनत के बाद को मै सब्बो को पकडे उसके मा तक गया और उनके सामने खड़ा हो गया

रुबीना नीचे बैठे बैठे मेरे लोवर को निचे किया और मेरा कडक लण्ड उछल कर बाहर आ कर हिलने लगा , जिसे रुबीना बडे प्यार से मुसकुराते हुए मेरी आँखो मे देखते हुए सहलाना शुरू किया
इधर मै वापस सबबो की मोटी गांड सहलाते हुए उसकी चुचियो को एक हाथ से मस्लना चालू कर दिया और फिर उसका टीशर्त निकाल दिया
और सब्बो की सावली रसभरी कोमल चुचियो को मुह मे लेके चुस्ते हुए एक कदम रुबीना की तरफ आगे हुआ

रुबीना ने लपक कर मेरा लण्ड मुह मे किया और चूसना शुरू कर दिया

अब नजारा कुछ यू था मेरा दाहिना हाथ सब्बो की नंगी कमर पर था जो उसको पकड के उसके रसिले चुचो को चुस रहा था और एक हाथ को रुबीना के सर पर रखा था जो मेरे लण्ड को गपागप चूसे जा रही थी ।

रुबीना के लण्ड चूसने से मेरी उत्तेजना और बढ गयी और मैने सब्बो को छोड रुबीना के बालो को पकड तेज़ी से उसके मुह मे पेलना शुरू कर दिया

थोडी ही देर में रुबीना ने खासना शुरू कर दिया और मैने एक हाथ से अपना गिला लौडा उसके मुह से निकाल के उसके बालो को खीचते हुए उसके चेहरे पर लण्ड को पटकने और रगड़ने लगा

फिर वापस रुबीना के मुह मे डाल के चोदने लगा और करीब 3 से 4 मिंट की सास फुला देने वाली जबरदस्त मुह पेलाई के बाद मै पुरा लण्ड रुबीना के मुह भर कर अन्दर ही झडने लगा और मेरा माल उसके मुह से होकर बाहर उसकी पसीने से भीगी थन जैसी चुचियो पर गिरने लगा ।

जब मैने पूरी तरह से अपना लण्ड खाली कर लिया तो मुह से बाहर निकाला

रुबीना- खो खो खो ह्य्य्य्य अल्लाह क्या कर रहा था मादर्चोद ,,,
मै - सालि रन्डी तू ही तो मेरा दम देखना चाहती थी ना अब क्या हुआ
रुबीना - अरे सेठ वो तो मै ,,,,खैर इस मामले मे तुम अपने पापा से आगे ही हो ,,,तो अब बाकी का काम भी करना है की नही

मै - हा करना है ना लेकिन सब्बो रानी के साथ तू आराम कर अभी रान्ड
इतना कह कर वापस से सब्बो की चुचियो को मस्ल्ते हुए चूसने लगा और उसे बिस्तर पर ले गया

बिस्तर पर ले जाकर सब्बो को चुचियो को मिजते हुए चूसना शुरू किया साथ मे अपना लण्ड स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी चुत पर रगडने लगा

थोडी देर बाद मैने उसको घोड़ी बनाया और स्कर्ट को कमर तक चढा दिया
उफ्फ्फ क्या गद्देदार गांड थी सब्बो की ,,, हल्की गोरी गुदाज चुतड के दो पाटो के बीच एक चाकलेटी दर्रार और निचे गोल गोल भूरे रंग की सिकुडी हुए चमडी मे उसके गांड का छेद
ये देख मेरे मुह मे पानी आ गया और मेरा लण्ड फिर से फन्फ्ना गया ।
फिर मैने उसके चुतडो को फैलाया और एक अंगूठे को उस छेद पर थोड़ा सा रब किया फिर मैने झुक कर अपनी जीभ को नुकीला करते हुए उसके भूरे गांड की छेद को टच करने लगा और अपनी लार से गिला करने लगा

सब्बो तडप उठी क्योकि ये उसके लिये पहला अनुभव था
मै लगातार उसके चुतडो को फैलाये उसकी गांड की छेद को चाटे जा रहा था और एक हाथ निचे से उसकी चुत को भी सहलाना सुरु किया

मेरे दोहरे attack से सब्बो सीस्कियो मे बह गयी और उसकी तडप मे वह बिस्तर पर गिर गयी और हाफने लगी ,, सब्बो का कामरस उसकी जांघो पर रिस रहा था, करीब एक मिनट बाद सब्बो सीधा लेट कर तेज़ी से अपना चुत सहलाने लगी
सब्बो - आह्हह राज आजा डाल दे ,,उम्म्ंम उफ्फ्फ और तेज़ी से अपना गांड पटक कर चुत रगड़े जा रही थी ,,

मैने भी देखा की लोहा गरम हो चूका है ब्स हथौड़ा मारने की देर है
और मैने भी देर ना करते हुए ऊपर आकर उसकी चुत पर अपना लण्ड पटकने लगा और उसकी चुचिया नोचने ल्गा ,,,,, फिर मैने अपने लण्ड का सुपारा निकाला और गीली चुत के फलको पर रगड़ने लगा
सब्बो तडप उठी ,,,
हालाकि सब्बो को मेरे से मोटे बडे लण्ड ने चौदा था मगर चरम सुख का आनन्द आज तक नहीं मिला ,,, वो कमर उठा कर चुत को मेरे लण्ड पर रगड़ती रही और उसके चुत का वो छोटे छोटे बालो से घिरा दाना मेरे लाल सुपारे के पेसाब वाले छेद मे चुब्ने से मेरा लण्ड फौलादी हो गया
और मै भी सबर को ताख पर रख उसकी चुत मे लंड डाला और चोद्ना शुरू कर दिया ।

सब्बो - आह्हह राज कितना मस्त चोदू है रे तू कहा था उफ्फ़फ्फ अह्ह्ह्ह ह्ह्य्य्य्य
सब्बो - और तेज़ चोद मेरे राजा अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आह्हह उफ्फ्फ उम्म्ंम हा ऐसे ही और तेज़ ..... अह्ह्ह्ह
मै - हहहह क्या हुआ सब्बो जान,,,, अभी तो मैने डाला ही है ,,,,, तुने तो इससे भी बडे लण्ड खाये है
सब्बो - आह्हह उफ्फ़फ्फ बात लण्ड की नही तेरा चोदने का तरीका सबसे अलग है मेरे राजा ,,,उह्ह्ह्ह्ज औरतेज़ चोद , उह्ह्ह्ह हाआ हा और तेज़ और अह्ह्ज ऐसे ही
मै लगातार धक्के मारते हुए उसकी चुत में चोदे जा रहा था
करीब 20 मिनत तक भरपूर आनंद से सब्बो को चोदने के बाद मैने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसके सामने खड़े होकर उसके बदन और चेहरे पर सारा माल गिरा दिया ।

सब्बो वही थक कर पडी रही
मै उठा और अपने कपडे सही किये और बाहर आया तो रुबीना खाना बना रही थी

मै उसको फिर आने का बोल के घर की तरफ निकल गया
 
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UPDATE 020

मै वापिस घर आया तो 8 बज गए थे और पापा भी घर आ गये थे फिर हम खाना खाये और सो गए

ऐसे ही दिन गुजरे और रक्षा बंधन को अब 4 दिन बाकी थे ।

और एक सुबह मै जल्दी उठा समय देखा तो 6 बज रहे थे तो तुरंत दीदी का ख्याल आया
मै जल्दी से उठा बेडरूम चेक किया फिर जल्दी से छत पर गया तो बाथरूम से पानी की आवाज आ रही थी मै बाहर ही इंतज़ार करने लगा ।

5 मिंट बाद दरवाजा खुला और दीदी ने सर पर तौलिया लपेटे हुए थी और एक काटन दुप्पते से बॉडी को लपेट कर ढका हुआ था

इस बार मुझे देख कर दीदी चौकी नही बल्कि थोड़ा मुस्कराई और कपड़े लेकर अरगन की तरफ गई

मैने पीछे से उनके भिगे बदन पर लिपटा काटन का दुपट्टा देखा जो उनकी गदरायी गांड से चिपका था और चलते हुए 8 का शेप बना रहा था ।

वो कपड़े डालते हुए बोली - भाई मैने उस दिन मना किया था न सवेरे न आना
मै उसके भिगे चुतडो मे खोया था
जब मैने उनकी बात का जवाब नही दिया तो वो मुंडी घुमा के मेरी तरफ देखी कि मै उनकी गांड को देख कर लोवर के ऊपर से अपने खड़े लण्ड को सहला रहा हू

वो गुस्से मे घूमी इससे पहले मै कुछ बोलता वो मेरे उसी हाथ के ऊपर एक चपत लगा देती है जिससे मै अपना लण्ड सहला रहा था और कहती है - राज ये क्या कर रहा है, मै तेरी बड़ी बहन हू

मै सकपका गया - अब्ब्ब मै मै मै ,,,,
दीदी गुस्से मे - तू निचे जा अभी नही तो मै मम्मी को बुला दूँगी

मेरी फट गयी और मै जल्दी से भाग गया और मै दीदी से नजरे चुराने लगा साथ मे डर भी था कही सच मे मम्मी ने ना कह दे ।

फिर मैने नहा धोकर नास्ता किया तब पापा ने बताया की आज शिला बुआ आ रही है ।
मै खुश हो गया कि चलो इसी बहाने दीदी से बच सकूँगा और घर पर कोई बवाल नही होगा ।

फिर मै दुकान खोलने चला गया फिर शाम को समय से कोचिंग गया और जब घर वापस आया तो शिला वुआ आ गयी थी ।

नया परिचय

शीला- राज की बड़ी बुआ , उम्र 50 , गदरायी चुतडो की माल्किन, 40 38 44 का फिगर ,,,थोडी मॉर्डन ड्रेस भी पहनती है ।

कम्मो - मेरी छोटी बुआ , उम्र - 42 साल , जैसा नाम वैसे ही कामुक और गठिले बदन की है, 36 34 38 का सेक्सी फिगर है ।

( बाकी के परिवार का परिचय समय आने पर दिया जायेगा )

वापस कहानी पर
मै घर पहुचा देखा शिला बुआ एक लाल रंग की लेगी के साथ हरे रंग की कुर्ती पहने हुए कीचेन मे मा के साथ थी ।
मैने एक नजर उनकी गदरायी जांघो पर डाला
आह्ह क्या चुस्त लेगी पहनी थी बुआ ने ,, उनके 44 साइज़ की भारी भरकम चुतड ने उनकी कुर्ती को कमर से उठा रखा था ।
बुआ को देखते ही मेरा लण्ड फन्फ्ना उठा और मैने भी लण्ड को राहत देने के लिए जाकर बुआ को पीछे से पकड कर हग कर लिया और लण्ड को उनके नरम गुदाज गदरायी गांड मे धसाते हुए

मै - नमस्ते बुआआआ... आप कब आई
मेरे अचानक हग करने और मेरी आवाज सुन कर खुश हो गयी
शिला - अरे राज बेटा ,,, मै तो अभी एक घन्टा हुआ
मा - राज छोड बुआ को क्यू तंग कर रहा है
शिला - अरे काहे का तंग भाभी जी बेटा है मेरा , क्यू राज

मै भी मौके का फायदे लेते हुए - हा बुआ मै तो आपका ही बेटा हू

मा मेरी बात सुन कर बुआ को छेडते हुए बोली - हा हा तू दीदी का ही बेटा है , मैने कहा तुझे पैदा किया है

बुआ मा की बात समझ गयी और मै भी
बुआ - क्या भाभी आप भी

फिर ऐसे ही हसी मज़ाक हुआ और मै निकल चाचा के घर क्योकि अगले दिन चाची , निशा और राहुल भोपाल जाने वाले थे

मै चचा के यहा पहुचा और अन्दर चला गया
देखा चाची खाना बना रही है जबकि राहुल और निशा पैकिंग कर रहे हैं ।

मै - चाची सारी तैयारियाँ लग रहा है कि हो गयी है
चाची - हा बेटा ,, बस निशा और राहुल अंदर पैकिंग कर रहे हैं
चाची - देख बेटा हम लोग जा रहे हैं तो तेरे चाचा अकेले रहने वाले है ,,, वैसे तेरी शीला बुआ तो आ गयी है लेकिन तु भी कभी कभी आ कर घर देख लिया करना

मै - जी चाची ,, फिर मै कमरे मे चला गया
अन्दर निशा को देखा तो वो बेड पर झुकी टीशर्त लोवर मे पैकिंग कर रही हैं और राहुल बैठा गेम खेल रहा है

मेरी नजर निशा की गदरयी जांघो और उसके 36 का उभार लिये चुतडो पर गयी
मै कमरे के दरवाजे पर खड़ा था किसी को पता नही था मै कमरे से राहुल को भगाने के लिए कुछ सोचा और बाहर चाची को आवाज दी

मै - चाची आपने तो कहा था कि अन्दर दोनो पैकिंग कर रहे हैं,, लेकिन यहा राहुल गेम खेल रहा है

मेरी आवाज से दोनो चौके की मै कब आया और राहुल उठ कर निशा के पास गया तो निशा ने बोला - रहन दे मै कर लुंगी जा अपना काम कर

मै हस रहा था और राहुल मुझे देख कर जल कर रह गया मै उससे बड़ा था तो वो मुझे कुछ कह भी नही सकता था

राहुल मुह बना कर कमरे से बाहर आ गया
मै भी मौका देख कर दरवाजे को ओटन दे कर निशा के पास गया और हल्के से उसके चुतडो पर चपट लगा दिया और उसके सामने बिस्तर पर लेट गया

वो चौक कर पहले रुम मे फिर दरवाजे पर देखती हैं फिर थोड़ा गुस्सा मे मेरी ओर देखती है

निशा - राज क्या कर रहा है कही राहुल देख लेता तो
राज - अच्छा उसकी बड़ी फ़िकर है और मुझे बिना ब्ताये जा रही थी भोपाल ,, इक बार भी नही सोचा इस नये नवेले आशिक के बारे मे

निशा मुस्कुराती हुई- भाई मामा की लडकी की सादी है तो वहा जाना जरुरी है न
और हमेशा के लिए थोडी जा रही हू 15 दिन मे आ जाऊंगी

मै खड़ा हुआ और उसको पीछे से हग करते हुए - फिर 15 दिन का ऐडवांस मे प्यार भी देके जाओ
और वो मुझे धकेल कर अलग हुई - बुलाऊ मम्मी को ,,,,हिहिही ,, ऐडवांस मे प्यार चाहिये

मै वापस लपक कर उनको पीछे से पकड लिया और अपना हाथ उनके टीशर्त के अंदर ले जा कर पेट पर घुमाने लगा
निशा थोडी सहम गयी और डर से थोड़ा काप उठी
मैने अपनी उगली उसके लोवर के लास्टीक में फसा के पेट से थोड़ा दूरी बनाते हुए उसे निशा की नाभि के निचे किया , जिससे निशा की हल्की सी सिसकी सुनाई दी- उम्म्ंम क्या कर रहा है राज ,,छोड दें मा बाहर ही है ।

मैने धीरे से उसके कान को काटते हुए साथ ही उसके नाभि को अपने हथेली मे भर कर मस्ल्ते हुए कहा- कोई नहीं। आयेगा दीदी करने दो न

निशा - आह्हह , नही अभी नही
निशा भले ही मुझे ना कर रही थी लेकिन मदहोसी मे वो मेरा साथ देने को मजबुर भी थी
और इसी का फायदा लेकर मैने उसके गर्दन को चूमना शुरू कर दिया और नरम पेट को सहलाने ल्गा
निशा भी मेरा सर पकड कर और ज्यादा आहे भरते हुए कहा- राज बस कर ,,,
मै कहा मानने वाला था मैने एक कदम और बढा ,,और एक हाथ उसके नरम दुधिया 36 साइज़ की चुचियो पर ले गया और टीशर्त के ऊपर से ही मस्ल्ने ल्गा

निशा - ओह्ह्ह राज बस कर मै पागल हो जाऊंगी ,,,मै वापस आकर जो तू कहेगा दूँगी तुझे ,,अह्ह्ह्ह प्लीज छोड दे मुझे अभी

मै - एक शर्त पर
निशा - बोल भाई क्या चाहिये तुझे ,,अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं
मैने तुरंत निशा का एक हाथ पकड कर अपने खड़े लण्डपर लोवर के ऊपर से रख दिया और बोला - बस इसे चुस कर शांत कर दो दीदी

निशा मुझसे अलग हुई - नही राज तु पागल है क्या ,,बाहर राहुल और मा है कैसे होगा सब

मैने निशा को पकड़ा और कमरे की खिडकी के पास ले आया और दरवाजा भिड्का दिया अच्छे से और तुरंत अपना लोवर क्छ्छे के साथ नीचे उतर दिया जिससे मेरा लण्ड टनटना गया और दीदी को सलामी देने लगा
फिर मैने अपना खड़ा लण्ड सहलाते हुए दीदी को बोला जो एक टक मेरे खड़े लण्ड को देखे जा रही थी
मै - दीदी मै खिडकी से बाहर देख रहा हू आप निचे बैठ कर ... प्लीज

दीदी मुस्कुराइ और मुझे लिप किस्स किया, फिर निचे बैठ गयी ।
और मुझे देखते हुए अपनी जुबान बाहर निकाली और धीरे से मेरे लण्ड के सुपाडे को चाटा

आह्हह दीदी ,,,, फिर निशा ने मुह खोल कर पुरा लण्ड भर कर चूसना सुरु कर दिया
मैने निशा के सर पर हाथ रखकर उसके मुह में हल्के धक्के लगाने लगा
और पर्दे के पीछे से ही कीचेन मे देख रहा था जहा चाची खाना बना रही थी
मैने निचे देखा निशा लगातर तेज़ी से मेरा लण्ड चूसे जा रही थी और मेरी आहे निकल रही थी
मेरी नजर किचन मे खडी चाची पर गयी वो अपनी साडी को कमर को खोसे हुए खडी होकर खाना बना रही थी

मै चाची के गदराये बदन को देख कर और उत्तेजित हो गया। उनकी गांड का उभार मेरे लण्ड मे उत्तेजना ला रहा था और मै कब उनकी मदमस्त ज्वानी को अपनी कलपनाओ मे नंगा करते हुये तेज़ी से अपना हाथ निशा के सर को पकड कर आगे पीछे करने लगा मुझे पता ही नही चला
मेरा ध्यान तब टूटा जब निशा मेरे जांघो पर मुक्का मारने लगी
मैने निचे देखा तो मै उसके मुह मे झड़ चूका था मेरा सारा माल उसके चेहरे पर फैल रहा है ,, निशा की आँखे लाल हो गयी है और आंसू निकल रहे है और फिर भी मेरा लण्ड तेजी से उसके मुह मे अन्दर बाहर हो रहा है

मै उसकी स्थिति देखी तो तुरंत लण्ड बाहर निकाल लिया
निशा लगातार खासे जा रही थी और फिर बिना कुछ बोले बाथरुम चली गई ।

मुझे मह्सूस हुआ कि निशा को ये पसन्द नही आया तो मै बाथरूम के पास गया और बोला - सॉरी दीदी पता नहीं मुझे क्या हो गया था,,,प्लीज माफ करना

निशा मेरी आवाज सुनते ही गुस्से मे बाहर आई बोली - क्या सॉरी राज ,, तुम तो जानवरो की तरह कर रहे थे मेरे साथ मुझे कुछ हो जाता तो

मै - उसके मुह पर हाथ रखकर बोला - सोचना भी मत,,, प्लीज माफ कर दो
और मेरे आँखो मे आंसू आ गए

पता नहीं मुझे क्या हुआ लेकिन उस चिज के लिए मुझे बुरा मह्सूस हो रहा था ।
मेरी हालत देख कर निशा ने मुझे गले ल्गा लिया

निशा - ये आखिरी बार था आगे से ऐसा कुछ मत करना ,,,,, और तु बाहर क्या देख रहा था तबसे की तेरी नजर ही नही हट रही थी

मैने झूठ बोला - वो तो मै नजर रख रहा था कि कहीं कोई आ न जाये ,,सॉरी दीदी

निशा - चल ठीक है तू जा मै थोड़ा काम कर लू कल सुबह ही निकलना है

मैने निशा को गाल पर एक किस्स किया और चाची से मिला और कल सुबह आने को बोल कर घर आ गया

अब देखते है आगे क्या होने वाला है
 

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