Incest सपना या हकीकत

Active member
943
4,631
125
koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
Active member
943
4,631
125
Update 21

शाम को करीब 7.30 बजे मै घर आया । पापा आज जल्दी घर आ गये थे

पापा - कहा गया था राज
मै - पापा वो कल चाची भोपाल जा रही है तो उन्ही से मिलने गया था और चाची ने बोला कि खानेपीने का ध्यान रखने के लिए ।

बुआ - अरे उसकी चिन्ता मत कर मै कल चली जाऊंगी छोटे के यहा ,,, मैं देख लुंगी खाना पीना

मा बुआ से - क्या दीदी आप भी ,,,, हमारे रहते हुए आप वहा खाना बनाने जाओगी ,,, जैसे सबका खाना बनेगा देवर जी का भी बना देंगे

बुआ - हा लेकिन वो दुकान छोड के नही ना आयेगा
मा - अरे उसकी चिन्ता नही है कोई खाना लेके चला जायेगा ,,,खुश

पापा - हा जीजी ,, रागिनी ठीक कर रही है आपको परेसान होने की जरुरत नही है।

बुआ - अच्छा ठीक है बाबा
फिर सब हसने लगे और खाना खाया गया

अब ये हुआ की कौन कहा सोयेगा क्योकि बारिश का मौसम था तो छत पर सोने की दिक्कत थी ।
फिर प्लान हुआ कि बुआ और दीदी एक साथ सो जाये । मै अपने स्टोररुम मे और अनुज मा पापा के साथ

लेकिन ऐन मौके पर अनुज बोला नही मुझे ऊपर ही सोना है तो मा बोली - तो ऐसा कर राज तु चल हमारे साथ सो जाना

मै थोड़ा खुश होते हुए - वाह आज कूलर के पास सोने को मिलेगा हिहिही

पापा - बावरा हो गया है ये
अब पापा को क्या पता मेरे नीचे सोने की खुशी क्या है ।

फिर मै पहले के जैसे ही बोला - मा फिर मै जा रहा हू सोने ,,, कल सुबह चाची को छोडने बस स्टैंड जाना है

मा - हा बेटा तु आराम कर मै किचन का काम खतम करके आती हू ।
पापा - हा मै भी जीजी से थोड़ा बात चित करके आता हूँ

मै मन ही मन खुश हुआ और अपना मोबाईल किया फिर नीचे चला गया
मै निचे आया और पापा के कमरे मे गया फिर मैने कुलर के तरफ की साइड ली ।उसका एक कारण ये था कि कुलर के जस्ट बगल नाइट बल्ब लगा था , जिससे अगर मै करवट लेके सोता तो बडे आराम से मा और पापा का खेल देख सकता था ,ऊपर से नाइट बल्ब की रोशनी मेरे शरीर के पीछे से आती तो सामने वाले को मेरा चेहरा क्लियर नही दिखता ।

मै खुस हुआ और बेड पर लेट कर मोबाईल चलाने लगा ।
मैने चंदू की बतायी सेक्स स्टोरी साइट पर जाकर कुछ सेक्स स्टोरी पढी ,,,मेरा तो मूड बन गया और लोवर मे तनाव आ गया ।

मैने ऐसे ही एक पारिवारिक सेक्स स्टोरी खोली ,,, जिसमे भाई बहन के रिस्ते को लेकर बहुत ही रोमांचक अनुभव वाले सेक्स सीन लिखे गये । और उस स्टोरी मे जब रक्षाबधन का जिक्र आया तो मै अपनी कलपनाओ मे खो गया ।
मुझे मौसी-मामा , पापा-बुआ, निशा-मै जैसे couple के सेक्स अनुभव आने लगे और मै सोचने लगा क्या हो अगर पापा और चाचा दोनो मिल कर रक्षाबन्धन के दिन शीला बुआ जैसी अपनी गदरायी बहन को पेले । और इसी कल्पना मे मै खो गया

कि बुआ को पापा और चाचा मिल कर चोद रहे है । पापा बुआ के निचे उनकी चुत मे लंड डाले और चाचा बुआ की गदरायी गांड मे लण्ड डाल कर चोद रहे हैं,,,,, और बेड पर राखी से सजी थाली हिल रही है ।
आह्हह क्या कामुक सीन है बुआ की उभरी गांड में चाचा चौडे जा रहे हैं आह्हह अह्ह्ज बुआ आह्हह उफ्फ्फ उह्ह्ह उम्म्ंम आह्ह बुआ चुदवा लो मुझ्से भी आह्हह उह्ह्ह
तभी मुझे अह्सास हुआ की मेरी ज्न्घो पर कुछ रिस रहा है और जब मैने निचे देखा तो पता चला कि मैं अपनी कलपना मे इतना उत्तेजित हो गया था कि कब लण्ड को लोवर के ऊपर से हिला कर अंदर ही झड़ गया पता ही नहीं चला ।

फिर मैने मोबाइल मे देखा तो 9 बजने को है लेकिन मा और पापा आये नही सोने
इस बात मै तब्ज्जो ना देते हुए अपनी कल्पना के बारे मे सोचने लगा क्या ऐसा हो सकता है ,, अगर ऐसा हो जाये तो कितना मज़ा आयेगा और बुआ उफ्फ्फ क्या गांड है उनकी ,,,लेगी मे उनकी गांड देख कर आज तो मन कर रहा था पेल दू सालि को ....
मेरा तो एक ही दिन मे ये हाल है पता नहीं बुआ के घर वालो का क्या हाल होता होगा ऐसा गदराया माल रोज रोज देख कर,,ह्य्य्य्य अह्ह्ह्ह बुआ

मुझे छत से निचे आये करीब एक घन्टे हो चुके थे इसी बीच मा के पायलो की आवाज सुनाई दी

मै समझ गया कि पापा और मा निचे आ रहे है । मै तुरंत डाटा बंद किया और फोन किनारे रख कर सोने का नाटक करने लगा।

थोडी देर मे मा और पापा के बिच की बातचित हल्की हल्की मेरे कानो तक आने लगी फिर दरवाजा खुला और कदमो की आहट मे थोड़ा सतर्क होकर सोने की ऐक्टिंग करने लगा ,,,,
पापा - लगता है राज सो गया
मा - हा आज बहुत दिन बाद बेचारा अच्छे से सोने को पा रहा है ,,, कितना मेहनती है मेरा बेटा और कोई शिकायत तक नही करता कभी

पापा- हा रागिनी हम बहुत किस्मत वाले हैं
मा - मै क्या कहती हू जी आप वो चौराहे वाला घर जल्दी बनवाओ ,,,कब तक मेरा बेटा ऐसे स्टोर रूम मे सोयेगा

पापा- हा वो मैने एक ठेकेदार से बात कर की है बरिश का मौसम खतम हो तब काम शुरू करवाने को बोला है ,,,क्योकि बारिश मे नीव मजबूत बनाने मे बहुत दिक्कत आती है

मा - अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात है ,,,,, मै तो बहुत खुश हूँ नये घर को लेके

पापा - क्यू जान इस घर को भूल जाओगी ,,,हमारी सुहागरात तो यही मनी थी ,हहह्हहाह

मा - क्या आप भी ,,,,चुप रहिये बेटा यही सो रहा है और आप

पापा - अच्छा वो दिन भूल गयी जब रज्जो दीदी के साथ खुली छत पर दोनो बहने मिल कर चुदवा रही थी

मै मन ही मन मा और पापा की मीठी नोक्झोक से खुश हो रहा था क्योंकि यहा मुझे एक घमासान चुदाई का माहौल बनता दिख रहा था जिसमे कुछ खट्टी मीठी बातचित का चटकारा भी मिलना था

मा - क्या आप भी चुप रहिये न ,,, राज सो रहा है हिहिहिहिह
पापा- अरे मेरी जान जब कर चुकी हो तो शर्माना कैसा ,,, और राज सो गया है देखो
फिर पापा ने मुझे हिलाया
मेरी थोडी फटी लेकिन मैने भी थूक गतकते हुए खुद को सम्भाला ,,, जब पापा ने छोडा तब राहत मिली

मा - फिर भी ,,,, वो
पापा - कोई दिक्कत नही होगी जान ,,, उस दिन की तरह

मा - उस दिन तो रज्जो दीदी थी तो दिक्कत नही हुई न
पापा- आह्ह मेरी जान रज्जो दिदी की बात न करो
मा - ओहो अभी भी आहे भर रहे हो दीदी के
पापा - अरे मेरी जान तुम्हारी रज्जो दीदी माल ही ऐसी है ,, रन्डी भी फेल है उनके भरे गदराये जिस्म के आगे

मा - वैसे आपकी शिला जीजी भी कम नही है ,,, लगता है नंदोई जी जम कर लेते है उनकी भी

पापा- हा जान जीजी का भी जवाब नही
मा - अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं क्या कर रहे हो छोडो ना

मै अचानक से सोचने लगा ये बातो के बीच मे सिसिकिया कब से सुरु हो गई और मैं ये देखने के लिए थोडी गरदन ऊपर की और आंखे खोली

ठीक मेरे सर के एक फिट बगल मे पापा जोकि बनियान और कच्छे मे थे वो मा को जो पेतिकोट और ब्लाऊज पहने थी ,,, उनके पेट को सहलाते हुये कंधे को चूम रहे थे ।

मुझे स्पष्ट रूप से दिख नही रहा था लेकिन मा की आहे बता रही थी कि पापा का मा की जिस्मो पर मर्दन किया रोमांचक था ।

मा - आह्हह उम्म्ंम्ं इह्ह बस करिये राज के पापा ,,, मुझसे रहा नहीं जायेगा

पापा - मत रोक मेरी जान,, आ तेरे प्यास मै बुझा दू
मा - आह्हह लेकिन अपने बेटे के सामने कैसे खुद को आपके लिए पेश करु ,,,, अह्ह्ह्ह हम्म्म्म

पापा- मत सोच देख वो सो रहा और पापा ने मा को मेरी तरफ घुमाया
मैने झट से आंखे बंद कर ली
फिर उनदोनो की आहे सुरु हो गयी ।
मै मन मे - यार ऐसे तो मै देख भी नही सकता क्या करु
तभी मेरे मन में एक विचार आया और मैने दाया हाथ उठा कर अपने ललाट पर रख दिया
और कोहनी के बिच थोड़े से गैप से आंखे खोल कर नजारा देखने लगा


अहहह क्या कयामत थी
पापा ने मा को पीछे से पकड़ा हुआ था और मा का ब्लाऊज पुरा खुला था ,,,मा की दोनो चुचिया पापा के हाथ मे थी
और पापा मा के गरदन और कंधो को चूमते हुए मा की चुचियो को ऐसे मिज रहे थे मानो रसभरे मौसमी को हाथो मे भर गार रहे हो ।

ये नजारा देख मेरे पैंट मे तनाव आने लगा ,,, और उसे मा और पापा से छिपाने के लिए मैने पैर फ़ोल्ड कर लिया जिससे मेरे लोवर मे जगह हुई और लण्ड का उभार छिप गया । और मै सोते हुए मा पापा की रासलीला देखने लगा

फिर पापा ने मा तख्ते पर हाथो के बल झुका दिया और खुद निचे बैठ गये

मेरी मा मेरे से महज एक फुट की दूरी पर अपने कोहनियों के बल झुकी थी और उसके 40 साइज़ के पपीते जैसे नरम चुचे बिस्तर से महज कुछ इन्च उपर हवा मे झूल रहे थे ।

इसी बीच मा उछल कर पुरा बेड पर पेट के बल गिर पडी और तेजी से सासे लेने लगी ।
और जब मेरी नजर पापा पर गयी तो देखा पापा ने अपना मुह मा की नंगी गुदाज गांड मे फसा रखा है

मा - आह्हह उफ्फ़फ्फ ह्य्य्य्य मै मर जाऊंगी राज के पापा ,,,अझ्ह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ

पापा- आज मुझे पहले तुम्हारी गांड चोदनी है जान
मा - क्या बात है मेरे राजा आज डायरेक्ट वही, आपको तो मेरी रसिली चुत ही पसंद होती है हमसा ,,,, कही शिला दीदी की उभरी गांड देख कर मन तो नही न कर रहा है

पापा मा के चुतडो को सहलाते हुए - अह्ह्ह्ह हा जान,, आज जबसे शिला दीदी की उभरी गांड को चुस्त लेगी मे देखा तबसे लण्ड अंगड़ाई ले रहा है ।

मा - अरे इतना ही मन तो कहो बुला दू ,,,आज उन्ही को चोद लो हिहिही

पापा - तु कितनी अच्छी है रागिनी मेरे दिल के जज्बातो को समझती है ,,,काश मै शिला दीदी की जबरदस्त गदरायी गांड मे अपना लण्ड डाल पाता ,,,,और फिर पापा क्छ्छे के ऊपर से ही अपना खड़ा लण्ड मा की पहाड़ जैसी उठी गांड की दरार मे रगड़ने लगे ।

मा पागल हो गई- आह्ह अब क्यू तरसा रहे हो दिदी की वजह से ,,चोद दो न मुझे मेरे राजा

पापा - ऐसे सुखे सुखे डाल दू क्या मेरी जान ,, आ इसको गिला तो कर
फिर मा बिस्तर से उठ गयी और निचे बैठ कर पापा का लण्ड 2 मिंट तक चुस कर गिला किया

पापा - आहहह मेरी जान आजा घोड़ी बन जा
फिर मा बेड पर वापस अपने कोहनियों के बल झुक गई और पापा ने थोड़ा थूक मा की गांड के छेद पर अपना हाथ लगाया और लण्ड को मा की गांड पर सेट करके आगे झुक कर लण्ड को मा की गांड मे दबा दिया और थोड़ा सा लण्ड मा की गांड मे गया

मा - सीईई उउउउऊ उम्म्ंम्ं माहहह ,,,आज इतना टाइट क्यू है जी आपका

पापा- वो जिजी का असर लग रहा है,,, मै तो आज तुम्को जीजी समझ के ही चोदने वाला हू ,,,
फिर पापा ने एक धक्का मारा और लण्ड मा की गांड मे रगडता हुआ अन्दर समा गया

मा -अह्ह्ह्ह्ह उईई माहह ,,, सच मे आज बहुत मोटा लग रहा है जी ,,,, अब रुको मत चोदो कस कर मुझे
पापा - ह्ह्य्य्य हा जान ये ले ,,और पापा तेज़ी से मा की गुदाज गांड को पकड कर चुदाई करने लगे हैं ।

पापा की जांघ मा की चुतडो पर फट फट की आवाज के साथ टकरा रही थी जो पापा के मजबूत धक्के को बया कर रही थी ।

हर धक्के के साथ मा की चुचिया उछल जाती थी,,,,,ये नजारा देख कर मेरा लण्ड पूरी तरह से अकड गया मै चाह कर भी उसको ऐडजस्ट नही कर सकता था

इधर पापा तेज़ धक्को से मा की गांड की खुदाई कर रहे थे,,और मा की सिसकिया तेज हो गई थी
आखिरकार 10 मिंट तक जम कर मा की गांड चोदने के बाद पापा मा के अन्दर ही झड़ गये और उनके पीठ पर लेट कर हाफ्ने लगे ।

पापा - ह्ह्हुय्य्य ,,, मज़ा आ गया मेरी जान आज तो
मा - हा आज तो आप अलग ही मूड मे थे और आपका वो भी मोटा लग रहा था,हिहिहिही पापा मा की पीठ को चूमते हुए - तू चीज़ ही मेरी जान
मा - अच्छा मेरी वजह से या शिला दीदी की ,,,, हिहिहिही

पापा - आह्हह रागिनी मेरी जान तू सब समझ जाती है ,,, लेकिन ऐसी किस्मत कहा

मा - अरे तो ट्राई कर लो मेरी जान और वैसे भी 2 दिन के लिए मै राज के साथ मायके जाऊंगी तो मौका देख कर दीदी को ,,,हिहिहिही

पापा - अरे वो तो सिर्फ राज ही जायेगा न तुम्हारे साथ
मा - अरे तो सब मै ही करू,,,तुम्हारी दीदी है तुम समझो कैसे पटाना है

पापा- चलो ठीक है देखता हू कुछ
मा - कहो तो डिरेक्ट पूछ लू की आप उनको चोद्ना चाहते हैं,,,हिहिही
पापा मा को घुमा के हग करते हुए- अच्छा और तेरे पूछने पर हा कर देंगी क्या
मा - हा तो नही करेंगी लेकिन कुछ रेपोन्स जरुर करेगी

चलो मै तुम्हारे लिये इस 3 दिन मे कोई न कोई जुगाड कर के जाती हू
पापा मा की चुचियो की मस्ल्ते हुए - आहहह सच मेरी जान तू कितनी अच्छी है

मा - आह्हह ज्यादा मक्खन न लगाओ और मुझे चोदो मेरी चुत को भी लण्ड चाहिये आप तो अपना काम कर लिये न

पापा - आह्ह हा मेरी जान क्यो नही आजाओ मेरे ऊपर फिर ना जाने कितनी जोरदार धक्को के साथ पापा ने मा को चोदा

और मै बेबस होकर अपने लण्ड को इस करवट से उस करवट ऐडजस्ट करता रहा

आखिरकार जब वो दोनो थक कर सो गये तब मैने उनलोगो की तरफ पीठ करके हल्का सा लण्ड को सहलाया ही था कि भल्भ्ला कर मेरा सारा सोमरस बहने लगा और मेरी जांघो से रिस के मेरे आन्डो तक चला गया और मै भी ऐसे ही किसी तरह सो गया

अब देखते है क्या होता है आगे
 
Active member
943
4,631
125

Bas yahin baaki reh gaya tha :roflol: ....ab wo haram ka jana raj randiyo ke paas bhi jaane laga........ :lol1: ...... Aur uska najaayaz baap bhi tha jaata hai :D
matlab ab se in dono baap beto ka ek aur naamkaran hua.... randibaaz rangilaal aur randibaaz raj :laugh1:

Well....Shaandaar update, shaandaar lekhni, shaandaar shabdon ka chayan. ..sath hi dilchasp kirdaaron ki bhumika bhi dekhne ko mili hai...

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:

Babu bhaiya ka pta nahi lekin raaj ko ek ka double mil gaya . rubina aur sabbo , Raaj ko khush kar diya apne andajj me. aise maje roj mil jaye kya hi kahna .


Mast garma garam update tha bhai.
Ruvina aur shabbo kiska bhi khade khade pani nikal. :shag: raj lucky hai jo dono raji ho gayi chudne ke liye. :sex:

Hum bas ye kahenge ki ye unka parivarik mamla hai
Aap sabhi ki PRATIKRIYA ke liye DHANYWAAD
New update is posted
Read and review
 
ᴋɪɴᴋʏ ᴀꜱ ꜰᴜᴄᴋ
995
1,082
143
Update 21

शाम को करीब 7.30 बजे मै घर आया । पापा आज जल्दी घर आ गये थे

पापा - कहा गया था राज
मै - पापा वो कल चाची भोपाल जा रही है तो उन्ही से मिलने गया था और चाची ने बोला कि खानेपीने का ध्यान रखने के लिए ।

बुआ - अरे उसकी चिन्ता मत कर मै कल चली जाऊंगी छोटे के यहा ,,, मैं देख लुंगी खाना पीना

मा बुआ से - क्या दीदी आप भी ,,,, हमारे रहते हुए आप वहा खाना बनाने जाओगी ,,, जैसे सबका खाना बनेगा देवर जी का भी बना देंगे

बुआ - हा लेकिन वो दुकान छोड के नही ना आयेगा
मा - अरे उसकी चिन्ता नही है कोई खाना लेके चला जायेगा ,,,खुश

पापा - हा जीजी ,, रागिनी ठीक कर रही है आपको परेसान होने की जरुरत नही है।

बुआ - अच्छा ठीक है बाबा
फिर सब हसने लगे और खाना खाया गया

अब ये हुआ की कौन कहा सोयेगा क्योकि बारिश का मौसम था तो छत पर सोने की दिक्कत थी ।
फिर प्लान हुआ कि बुआ और दीदी एक साथ सो जाये । मै अपने स्टोररुम मे और अनुज मा पापा के साथ

लेकिन ऐन मौके पर अनुज बोला नही मुझे ऊपर ही सोना है तो मा बोली - तो ऐसा कर राज तु चल हमारे साथ सो जाना

मै थोड़ा खुश होते हुए - वाह आज कूलर के पास सोने को मिलेगा हिहिही

पापा - बावरा हो गया है ये
अब पापा को क्या पता मेरे नीचे सोने की खुशी क्या है ।

फिर मै पहले के जैसे ही बोला - मा फिर मै जा रहा हू सोने ,,, कल सुबह चाची को छोडने बस स्टैंड जाना है

मा - हा बेटा तु आराम कर मै किचन का काम खतम करके आती हू ।
पापा - हा मै भी जीजी से थोड़ा बात चित करके आता हूँ

मै मन ही मन खुश हुआ और अपना मोबाईल किया फिर नीचे चला गया
मै निचे आया और पापा के कमरे मे गया फिर मैने कुलर के तरफ की साइड ली ।उसका एक कारण ये था कि कुलर के जस्ट बगल नाइट बल्ब लगा था , जिससे अगर मै करवट लेके सोता तो बडे आराम से मा और पापा का खेल देख सकता था ,ऊपर से नाइट बल्ब की रोशनी मेरे शरीर के पीछे से आती तो सामने वाले को मेरा चेहरा क्लियर नही दिखता ।

मै खुस हुआ और बेड पर लेट कर मोबाईल चलाने लगा ।
मैने चंदू की बतायी सेक्स स्टोरी साइट पर जाकर कुछ सेक्स स्टोरी पढी ,,,मेरा तो मूड बन गया और लोवर मे तनाव आ गया ।

मैने ऐसे ही एक पारिवारिक सेक्स स्टोरी खोली ,,, जिसमे भाई बहन के रिस्ते को लेकर बहुत ही रोमांचक अनुभव वाले सेक्स सीन लिखे गये । और उस स्टोरी मे जब रक्षाबधन का जिक्र आया तो मै अपनी कलपनाओ मे खो गया ।
मुझे मौसी-मामा , पापा-बुआ, निशा-मै जैसे couple के सेक्स अनुभव आने लगे और मै सोचने लगा क्या हो अगर पापा और चाचा दोनो मिल कर रक्षाबन्धन के दिन शीला बुआ जैसी अपनी गदरायी बहन को पेले । और इसी कल्पना मे मै खो गया

कि बुआ को पापा और चाचा मिल कर चोद रहे है । पापा बुआ के निचे उनकी चुत मे लंड डाले और चाचा बुआ की गदरायी गांड मे लण्ड डाल कर चोद रहे हैं,,,,, और बेड पर राखी से सजी थाली हिल रही है ।
आह्हह क्या कामुक सीन है बुआ की उभरी गांड में चाचा चौडे जा रहे हैं आह्हह अह्ह्ज बुआ आह्हह उफ्फ्फ उह्ह्ह उम्म्ंम आह्ह बुआ चुदवा लो मुझ्से भी आह्हह उह्ह्ह
तभी मुझे अह्सास हुआ की मेरी ज्न्घो पर कुछ रिस रहा है और जब मैने निचे देखा तो पता चला कि मैं अपनी कलपना मे इतना उत्तेजित हो गया था कि कब लण्ड को लोवर के ऊपर से हिला कर अंदर ही झड़ गया पता ही नहीं चला ।

फिर मैने मोबाइल मे देखा तो 9 बजने को है लेकिन मा और पापा आये नही सोने
इस बात मै तब्ज्जो ना देते हुए अपनी कल्पना के बारे मे सोचने लगा क्या ऐसा हो सकता है ,, अगर ऐसा हो जाये तो कितना मज़ा आयेगा और बुआ उफ्फ्फ क्या गांड है उनकी ,,,लेगी मे उनकी गांड देख कर आज तो मन कर रहा था पेल दू सालि को ....
मेरा तो एक ही दिन मे ये हाल है पता नहीं बुआ के घर वालो का क्या हाल होता होगा ऐसा गदराया माल रोज रोज देख कर,,ह्य्य्य्य अह्ह्ह्ह बुआ

मुझे छत से निचे आये करीब एक घन्टे हो चुके थे इसी बीच मा के पायलो की आवाज सुनाई दी

मै समझ गया कि पापा और मा निचे आ रहे है । मै तुरंत डाटा बंद किया और फोन किनारे रख कर सोने का नाटक करने लगा।

थोडी देर मे मा और पापा के बिच की बातचित हल्की हल्की मेरे कानो तक आने लगी फिर दरवाजा खुला और कदमो की आहट मे थोड़ा सतर्क होकर सोने की ऐक्टिंग करने लगा ,,,,
पापा - लगता है राज सो गया
मा - हा आज बहुत दिन बाद बेचारा अच्छे से सोने को पा रहा है ,,, कितना मेहनती है मेरा बेटा और कोई शिकायत तक नही करता कभी

पापा- हा रागिनी हम बहुत किस्मत वाले हैं
मा - मै क्या कहती हू जी आप वो चौराहे वाला घर जल्दी बनवाओ ,,,कब तक मेरा बेटा ऐसे स्टोर रूम मे सोयेगा

पापा- हा वो मैने एक ठेकेदार से बात कर की है बरिश का मौसम खतम हो तब काम शुरू करवाने को बोला है ,,,क्योकि बारिश मे नीव मजबूत बनाने मे बहुत दिक्कत आती है

मा - अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात है ,,,,, मै तो बहुत खुश हूँ नये घर को लेके

पापा - क्यू जान इस घर को भूल जाओगी ,,,हमारी सुहागरात तो यही मनी थी ,हहह्हहाह

मा - क्या आप भी ,,,,चुप रहिये बेटा यही सो रहा है और आप

पापा - अच्छा वो दिन भूल गयी जब रज्जो दीदी के साथ खुली छत पर दोनो बहने मिल कर चुदवा रही थी

मै मन ही मन मा और पापा की मीठी नोक्झोक से खुश हो रहा था क्योंकि यहा मुझे एक घमासान चुदाई का माहौल बनता दिख रहा था जिसमे कुछ खट्टी मीठी बातचित का चटकारा भी मिलना था

मा - क्या आप भी चुप रहिये न ,,, राज सो रहा है हिहिहिहिह
पापा- अरे मेरी जान जब कर चुकी हो तो शर्माना कैसा ,,, और राज सो गया है देखो
फिर पापा ने मुझे हिलाया
मेरी थोडी फटी लेकिन मैने भी थूक गतकते हुए खुद को सम्भाला ,,, जब पापा ने छोडा तब राहत मिली

मा - फिर भी ,,,, वो
पापा - कोई दिक्कत नही होगी जान ,,, उस दिन की तरह

मा - उस दिन तो रज्जो दीदी थी तो दिक्कत नही हुई न
पापा- आह्ह मेरी जान रज्जो दिदी की बात न करो
मा - ओहो अभी भी आहे भर रहे हो दीदी के
पापा - अरे मेरी जान तुम्हारी रज्जो दीदी माल ही ऐसी है ,, रन्डी भी फेल है उनके भरे गदराये जिस्म के आगे

मा - वैसे आपकी शिला जीजी भी कम नही है ,,, लगता है नंदोई जी जम कर लेते है उनकी भी

पापा- हा जान जीजी का भी जवाब नही
मा - अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं क्या कर रहे हो छोडो ना

मै अचानक से सोचने लगा ये बातो के बीच मे सिसिकिया कब से सुरु हो गई और मैं ये देखने के लिए थोडी गरदन ऊपर की और आंखे खोली

ठीक मेरे सर के एक फिट बगल मे पापा जोकि बनियान और कच्छे मे थे वो मा को जो पेतिकोट और ब्लाऊज पहने थी ,,, उनके पेट को सहलाते हुये कंधे को चूम रहे थे ।

मुझे स्पष्ट रूप से दिख नही रहा था लेकिन मा की आहे बता रही थी कि पापा का मा की जिस्मो पर मर्दन किया रोमांचक था ।

मा - आह्हह उम्म्ंम्ं इह्ह बस करिये राज के पापा ,,, मुझसे रहा नहीं जायेगा

पापा - मत रोक मेरी जान,, आ तेरे प्यास मै बुझा दू
मा - आह्हह लेकिन अपने बेटे के सामने कैसे खुद को आपके लिए पेश करु ,,,, अह्ह्ह्ह हम्म्म्म

पापा- मत सोच देख वो सो रहा और पापा ने मा को मेरी तरफ घुमाया
मैने झट से आंखे बंद कर ली
फिर उनदोनो की आहे सुरु हो गयी ।
मै मन मे - यार ऐसे तो मै देख भी नही सकता क्या करु
तभी मेरे मन में एक विचार आया और मैने दाया हाथ उठा कर अपने ललाट पर रख दिया
और कोहनी के बिच थोड़े से गैप से आंखे खोल कर नजारा देखने लगा


अहहह क्या कयामत थी
पापा ने मा को पीछे से पकड़ा हुआ था और मा का ब्लाऊज पुरा खुला था ,,,मा की दोनो चुचिया पापा के हाथ मे थी
और पापा मा के गरदन और कंधो को चूमते हुए मा की चुचियो को ऐसे मिज रहे थे मानो रसभरे मौसमी को हाथो मे भर गार रहे हो ।

ये नजारा देख मेरे पैंट मे तनाव आने लगा ,,, और उसे मा और पापा से छिपाने के लिए मैने पैर फ़ोल्ड कर लिया जिससे मेरे लोवर मे जगह हुई और लण्ड का उभार छिप गया । और मै सोते हुए मा पापा की रासलीला देखने लगा

फिर पापा ने मा तख्ते पर हाथो के बल झुका दिया और खुद निचे बैठ गये

मेरी मा मेरे से महज एक फुट की दूरी पर अपने कोहनियों के बल झुकी थी और उसके 40 साइज़ के पपीते जैसे नरम चुचे बिस्तर से महज कुछ इन्च उपर हवा मे झूल रहे थे ।

इसी बीच मा उछल कर पुरा बेड पर पेट के बल गिर पडी और तेजी से सासे लेने लगी ।
और जब मेरी नजर पापा पर गयी तो देखा पापा ने अपना मुह मा की नंगी गुदाज गांड मे फसा रखा है

मा - आह्हह उफ्फ़फ्फ ह्य्य्य्य मै मर जाऊंगी राज के पापा ,,,अझ्ह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ

पापा- आज मुझे पहले तुम्हारी गांड चोदनी है जान
मा - क्या बात है मेरे राजा आज डायरेक्ट वही, आपको तो मेरी रसिली चुत ही पसंद होती है हमसा ,,,, कही शिला दीदी की उभरी गांड देख कर मन तो नही न कर रहा है

पापा मा के चुतडो को सहलाते हुए - अह्ह्ह्ह हा जान,, आज जबसे शिला दीदी की उभरी गांड को चुस्त लेगी मे देखा तबसे लण्ड अंगड़ाई ले रहा है ।

मा - अरे इतना ही मन तो कहो बुला दू ,,,आज उन्ही को चोद लो हिहिही

पापा - तु कितनी अच्छी है रागिनी मेरे दिल के जज्बातो को समझती है ,,,काश मै शिला दीदी की जबरदस्त गदरायी गांड मे अपना लण्ड डाल पाता ,,,,और फिर पापा क्छ्छे के ऊपर से ही अपना खड़ा लण्ड मा की पहाड़ जैसी उठी गांड की दरार मे रगड़ने लगे ।

मा पागल हो गई- आह्ह अब क्यू तरसा रहे हो दिदी की वजह से ,,चोद दो न मुझे मेरे राजा

पापा - ऐसे सुखे सुखे डाल दू क्या मेरी जान ,, आ इसको गिला तो कर
फिर मा बिस्तर से उठ गयी और निचे बैठ कर पापा का लण्ड 2 मिंट तक चुस कर गिला किया

पापा - आहहह मेरी जान आजा घोड़ी बन जा
फिर मा बेड पर वापस अपने कोहनियों के बल झुक गई और पापा ने थोड़ा थूक मा की गांड के छेद पर अपना हाथ लगाया और लण्ड को मा की गांड पर सेट करके आगे झुक कर लण्ड को मा की गांड मे दबा दिया और थोड़ा सा लण्ड मा की गांड मे गया

मा - सीईई उउउउऊ उम्म्ंम्ं माहहह ,,,आज इतना टाइट क्यू है जी आपका

पापा- वो जिजी का असर लग रहा है,,, मै तो आज तुम्को जीजी समझ के ही चोदने वाला हू ,,,
फिर पापा ने एक धक्का मारा और लण्ड मा की गांड मे रगडता हुआ अन्दर समा गया

मा -अह्ह्ह्ह्ह उईई माहह ,,, सच मे आज बहुत मोटा लग रहा है जी ,,,, अब रुको मत चोदो कस कर मुझे
पापा - ह्ह्य्य्य हा जान ये ले ,,और पापा तेज़ी से मा की गुदाज गांड को पकड कर चुदाई करने लगे हैं ।

पापा की जांघ मा की चुतडो पर फट फट की आवाज के साथ टकरा रही थी जो पापा के मजबूत धक्के को बया कर रही थी ।

हर धक्के के साथ मा की चुचिया उछल जाती थी,,,,,ये नजारा देख कर मेरा लण्ड पूरी तरह से अकड गया मै चाह कर भी उसको ऐडजस्ट नही कर सकता था

इधर पापा तेज़ धक्को से मा की गांड की खुदाई कर रहे थे,,और मा की सिसकिया तेज हो गई थी
आखिरकार 10 मिंट तक जम कर मा की गांड चोदने के बाद पापा मा के अन्दर ही झड़ गये और उनके पीठ पर लेट कर हाफ्ने लगे ।

पापा - ह्ह्हुय्य्य ,,, मज़ा आ गया मेरी जान आज तो
मा - हा आज तो आप अलग ही मूड मे थे और आपका वो भी मोटा लग रहा था,हिहिहिही पापा मा की पीठ को चूमते हुए - तू चीज़ ही मेरी जान
मा - अच्छा मेरी वजह से या शिला दीदी की ,,,, हिहिहिही

पापा - आह्हह रागिनी मेरी जान तू सब समझ जाती है ,,, लेकिन ऐसी किस्मत कहा

मा - अरे तो ट्राई कर लो मेरी जान और वैसे भी 2 दिन के लिए मै राज के साथ मायके जाऊंगी तो मौका देख कर दीदी को ,,,हिहिहिही

पापा - अरे वो तो सिर्फ राज ही जायेगा न तुम्हारे साथ
मा - अरे तो सब मै ही करू,,,तुम्हारी दीदी है तुम समझो कैसे पटाना है

पापा- चलो ठीक है देखता हू कुछ
मा - कहो तो डिरेक्ट पूछ लू की आप उनको चोद्ना चाहते हैं,,,हिहिही
पापा मा को घुमा के हग करते हुए- अच्छा और तेरे पूछने पर हा कर देंगी क्या
मा - हा तो नही करेंगी लेकिन कुछ रेपोन्स जरुर करेगी

चलो मै तुम्हारे लिये इस 3 दिन मे कोई न कोई जुगाड कर के जाती हू
पापा मा की चुचियो की मस्ल्ते हुए - आहहह सच मेरी जान तू कितनी अच्छी है

मा - आह्हह ज्यादा मक्खन न लगाओ और मुझे चोदो मेरी चुत को भी लण्ड चाहिये आप तो अपना काम कर लिये न

पापा - आह्ह हा मेरी जान क्यो नही आजाओ मेरे ऊपर फिर ना जाने कितनी जोरदार धक्को के साथ पापा ने मा को चोदा

और मै बेबस होकर अपने लण्ड को इस करवट से उस करवट ऐडजस्ट करता रहा

आखिरकार जब वो दोनो थक कर सो गये तब मैने उनलोगो की तरफ पीठ करके हल्का सा लण्ड को सहलाया ही था कि भल्भ्ला कर मेरा सारा सोमरस बहने लगा और मेरी जांघो से रिस के मेरे आन्डो तक चला गया और मै भी ऐसे ही किसी तरह सो गया

अब देखते है क्या होता है आगे
bole to gajab..to ragini raaj ko leke mayke jane wali hai aur ghar me raaj ka bapu is maukey ka pura faida uthane wala hai shila ke sath. kya shila aur raaj ke chacha ke bis bhi kuch hai? aj fir se ma baap ke rasleela dekh raaj jhad gaya :D pta nahi ragini ko kab chod payega.
 
Active member
943
4,631
125
bole to gajab..to ragini raaj ko leke mayke jane wali hai aur ghar me raaj ka bapu is maukey ka pura faida uthane wala hai shila ke sath. kya shila aur raaj ke chacha ke bis bhi kuch hai? aj fir se ma baap ke rasleela dekh raaj jhad gaya :D pta nahi ragini ko kab chod payega.
Milege apke sawalo k jwab k sath agle update me .... apki PRATIKRIYA ke liye DHANYWAAD
 
Eaten Alive
4,118
4,183
143
Ek cheej hai jo ye kahani padhne ke liye mujhe majboor karti hai.... aur wo hai simplicity..... dusri baat ahmiyat..... log jaaha aaj kal khud ka bhi khayal nahi rakh paate hai busy hone ke chalte.... wohi is kahani mein kirdaar apno ke saath saath rishtedaari achhe se nibhate hai... Dukan, ghar ka kaam itni busy hone ke baad bhi rageeni jaa rahi hai mayka....
ye jo kirdaar aatmiyata se mil jhul ke rehte hai... ye cheej mujhe bahot pasand aayi...
Hawar ka mamla ek taraf par ek fikar hai ek dusre ke liye.... utna hi ahmiyat bhi dete hai ek dusre ko....

Btw ek baat hai dono ragilaal aur rageeni..dono miya biwi ke bich pyar had se zyada hai :D
Well....Shaandaar kahani, shaandaar lekhni, shaandaar shabdon ka chayan aur sath hi dilchasp kirdaaron ki bhumika bhi ...

Let's see what happens next..
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:
 

Top