Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
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UPDATE 002

अबतक :

मै उसके घर गया तो बरामदे मे कोई नहीं था मै चंदू करके पुकारता उससे पहले ही मुझे किसी के झगड़ा करने की आवाज सुनाई देने लगती है और मै धीरे धीरे गलियारे से कमरे की तरफ जाता हू ।अन्दर देखने से पहले ही झगड़ा शांत हो जाता है और मुझे चंदू के मा की आवाज आती है ....


अब आगे :

कमरे मे से पहले चंदू की मा रजनी की आवाज आती है

रजनी - आखिर हर बार तुम इतना नाटक क्यू करते हो मेरी चुत चाटने मे

तभी मुझे एक और आवाज सुनाई देती है जो चंदू के पिता रामवीर की थी

रामवीर - देख रजनी मुझे ऐसा सेक्स पसंद नही है मुझे इसमे घिन आती है

रजनी - अच्छा और रोज सुबह शाम चोदते टाईम उसी चुत मे लंड डालते हो तब नही आती

थोड़ा सिस्कते हुए रजनी फिर बोली ..... देखो चंदू के पापा मै कुछ नही जानती मुझे आज अपनी चुत चुस्वानी है आपसे , अगर नही हो तैयार तो मै मायके चली जाउंगी और फिर देखते रहना मुझे चोदने के सपने ।


ये सब बाते सुन के मेरे कान खड़े हो गये , हालाकि मैने पहले भी चुदाई की साधरण बाते सुनी थी लेकिन किसी औरत के लिए उसका चुत चटवाने का इतना पागलपन मैने नही सुना ,

मै ज्यादा देर तक वहा रुक नही सकता था और मेरा शरीर भी साथ नही दे रहा था , मेरी सांसे तेज़ होने लगी थी
वहा रूकने की इच्छा भी थी की रामवीर कैसे अपनी पत्नी की चुत को चाटेगा , लेकिन मन मे एक अन्जाना सा डर आ गया और मै वहा से निकल गया बागो की तरफ


काफी समय मै अकेले बाग मे घूमते हुए उस घटना को याद कर रहा था साथ ही ये भी सोच रहा था कि कैसा होता होगा वो अनुभव जब मेरी जुबान किसी की चुत को छुएगी ।

फिर मुझे भी थोडी घृणा हुए लेकिन मेरे चडडी मे मेरा नुन्नु खड़ा हो रहा था और बार बार मुझे कल्पना मे रामवीर का सर रजनी दिदी के साडी मे घुसा हुआ दिखने लगा ।


काफी समय इसी उधेड़बुन मे शाम हो गयी और घर गया तो मेरी बड़ी बहन ने मुझे बताया कि आज मा बहुत गुस्सा है और हो भी क्यो ना मै पीछले 4 घन्टे से गायब था ।

फिर मा आई और थोड़ा बहुत डाँटा फिर चाय पीने को दिया
मेरी एक आदत थी भले ही मै कितना बड़ा हो गया था मै अपनी मा से लिपट जाया करता था वो भी खुश हो जाया करती थी

और फिर चाय पीकर मै मा की गोद मे उन्के पेट से लिपट कर लेट गया ।
थोडी देर बीता था समय की अनुज रोने लगा तो मा ने मुझे उठा कर उसे गोद मे लेकर सुलाने लगी

फिर मै भी अनुज के साथ खेलने लगा ।
लेकिन मेरे मन से वो घटना नही जा रही थी और मै सोचने लगा क्या मेरी मा भी पापा से अपनी चुत चटवाती होगी ।

फिर मैने सोचा की क्यो ना थोडी जासूसी की जाय घर पर

जैसा कि मैने बताया मुझे थोड़ा बहुत चुदाई का ज्ञान था जो मैने स्कूल मे बड़े बच्चो और मुहल्ले घुमक्कड़ आवारा लड़को को आपस मे बात करते हुए सुन कर जान गया था ।

मै रात का इंतजार किया फिर सब खाना खा कर सोने चले गये
अब मै आपको अपने घर के बारे मे बता दू

मेरा 2 मंजिला मकान है ज्यादा बड़ा नही है लेकिन छोटे परिवार के लिए गाव मे ठीक है ।
मेरे घर मे ही बर्तन का दुकान है और दुकान के बगल से छत पर सीढी जाती है जहा एक किचन और एक बेडरूम और एक छोटा स्टोर रुम है और नहाने के लिए बाथरूम और टॉयलेट रुम सबसे ऊपर की मंजिल पर है ।

अनुज और मेरी बहन एक साथ बेडरूम सोते थे और मैं स्टोररुम मे एक तख्ते पर सोता था
और मम्मी पापा नीचे दुकान मे सोते थे ।

अब आते है कहनी पर

गाव के लोग अकसर जल्दी सो जाते है
मेरे यहा दुकान की वजह से 9 बजे तक सब सोने के लिए जाता था ।
और दिन भर की थकान के वजह से मुझे भी नीद आ रही थी लेकिन मन मे एक जिज्ञासा थी कि आज अपने मा और पिता की चुदाई देखनी है
करीब 10 बजे एक बार पिता जी पानी लेने ऊपर आये जो कि वो रोज आते है और मुझे उस दिन पता चला कि वो ये देखने आते थे कि हम लोग सोये है या नही
उन्होने मेरे तरफ भी टॉर्च मारी मैं सोने का नाटक किया फिर वो चले गए
और फिर मै धीरे से उठा और नंगे पाव सीढ़ी से नीचे जाने लगा
और मुझे थोडी थोडी खुसफुसाहट मे बात चित की आवाज आ रही थी
फिर मै आखिरी सीढ़ी से पहले ही रुक गया और ध्यान से सुनने लगा

मुझे मेरी मा की चूडियों की खनखन सुनाई दे रही थी साथ मे पिता जी की सिसकी भी
तभी
पापा - ओह्ह्ह्ह रागिनी मेरी रान्ड कहा से सीख आई हो ये लंड चूसना आह्ह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही मेरी जान और गिला करो जीभ से उफ्फ़ हा ऊह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह हा राआआअग्ग्ग्ग्गीईई ओह्ह्ह

मा - सच बताऊ कहा से सिखा , लंड को मुह से निकल्ने की आवाज स्स्स्स्स्ररर्र्र्र्र्र्र्रृउप्प्प्प्प के साथ बोली
और उसकी चूडियो की खनखन से साफ पता चल रहा था कि अभी भी वो लंड हिला रही थी ।
पापा - आआह्ह्ह्ह मेरी रान्ड बता ना कहा से सीखी

मा - अपने दीदी से हिहिह्हिहिही
मा ने खिलखिलाते हुए जवाब दिया और फिर गुगुगुगू के साथ चूडियों की खनखन की आवाजे आने लगी

पापा - सच मे रज्जो दीदी ने तुमको सिखाया है क्या ,,,, ओह्ह्ह आह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह्ह्ह
मा - हम्म्म्म्म्ं और फिर गुगुगुगगू के साथ चूडियो की खनखन

पापा - ओह्ह्ह जान फिर तो तुम्हारी दीदी भी अच्छा लंड चुस्ती होगी आह्ह्ह अह्ह्ह और अंडर लो मेरी रागु आह्ह्ह्ज
मा स्स्सरररउप्प्प करते हुए बोली - क्या बात जी मेरी दीदी की बात करते ही आपका लंड और कड़ा हो रहा है ,,,, हिहिहिहिही
पापा - क्या बताऊं जान रज्जो दीदी की बात छेड़ कर तूने आज उनकी चूचियो की याद दी

मा - ओहो क्या बात है , अपने कब देखी मेरी दीदी की चुचिया

पापा - अरे वो हमारी शादी में बिदायि वाले दिन जब सुबह सुबह मुझे दही भात खिलाया जा रहा था तभी,,,ओह्ह्ह्ह हम्म्म्म्म्ं बस ऐसी ही चुसो जान
पापा - मै नीचे बैठा था और तुम्हारी रज्जो दीदी हरी चमकीली सारी मे खडी थी थाली मे दही भात लिये फिर वो मेरे तरफ झुकी और मैने नजर ऊपर की तो देखा तेरी दीदी की बड़ी गोल गोल चुचिया आधी से ज्यादा बाहर की तरफ आ रही है और वो मुझे अपने हाथो से दही भात खिलाने लगी , मै भी उनकी चुचियो पर नजर डालें हुए दही भात खाने ल्गा जिससे कभी कभी मेरे चेहरे पर भी दही लगने लगा फिर जब उन्होने मुझे बोला कि कहा ध्यान है आपका जमाई जी हिहिही
तब मेरी तंद्रा टूटी फिर मै मुस्कुराने ल्गा
मा - आहहाहा , शादी मुझसे और नज़र मेरी दीदी पर
मा पापा को छेद्ते हुए बोली
पापा - अरे जान वो तो बस नज़र गयी थी दिल तो तुम्हारे पास ही था

मा - अब रहने दो मक्खन ना लगाओ , मेरे हाथ थक गये है अब तुम करो
पापा - आजा मेरी रसीली जान तेरी चूचि चुस के तेरा दर्द कम कर दू
मा - उससे काम नही चलेगा मुझे जल्दी से ये लण्ड मेरी गरम चुत मे चाहिये

मेरे पापा और मम्मी के बिच हुए ऐसे बातचित से मै बहुत शौक हो गया मेरे मन में बहुत सारे विचार आने लगे और मै उनकी बाते सुनने लगा

अब आगे क्या होने वाला और कौन कौन सी बाते राज को पता चलने वाली है अगले अपडेट मे दिया जायेगा

आज का अपडेट कैसा लगा कमेंट मे अपनी जवाब जरुर दे ।
धन्यवाद
Behad hi shandar or jabardast update bhai.
Bahut khoob superb.
 
I

Ishani

Update 27

अब तक
मै उनके मुह मे झड़ते हुए मारने लगा ,,, फिर मैने अपने लण्ड बाहर निकाल कर बेधाल होकर बैठ कर हाफने लगा ,,,मुझे बुआ की स्थिति का कोई ध्यान नही था कुछ पलो मे सास बराबर होने पर मैने बैठे बैठे बुआ पर एक नजर मारी ,, वो अपने चेहरे पर लगे मेरे सोमरस को उंगली से साफ कर चाट रही थी और फिर लेटे लेटे ही मेरे तरफ मुस्कुरा कर देखा

अब आगे

हम दोनो की सासें जब सामान्य हुई तो मै बुआ का मन टटोलने के लिए बोला

मै - थैंक्स बुआ , आपने मेरी मदद की ,,, चलो अब सोने चलते है
एकपल को बुआ का चेहरा मुरझा गया ,,, क्योकि मेरे द्वारा उनके चुचीयो के रसपान और दमदार मुहपेलाई से उनकी चुत बुरी तरह से पनिया चुकी थी और वो मैक्सि के ऊपर से चुत सहलाते हुए - आह्हह लल्ला

मै चौकने का नाटक करते हुए - क्या हुआ बुआ
बुआ - पता नही बेटा निचे मेरे कुछ काटा है देख जरा ,, और बुआ तेज़ी से मैक्सि के ऊपर से चुत को मले जा रही थी ,,,
मैने तुरन्त जेब से मोबाइल निकाला और टॉर्च ऑन किया और फोक्स बुआ की चुत पर किया तो देखा की बुआ का बाया हाथ उनकी फुली हुई चुत को मैक्सि के ऊपर से खुजाये जा रहा है ,,,,
फिर मैने टॉर्च को अच्छे से करीब जाकर उनकी कमर से जांघो तक अच्छे से घुमाया ,,, उनकी गोरी चमड़ी वाली गुदाज गदरायी जांघ देख कर मेरा लण्ड फिर से टनाटनाने ल्गा और मैने अपना दाहिना हाथ बुआ की दाई जांघ पर रखते हुए उसे सहलाते हुए और उस्की मुलायम मांस को मह्सूस करते हुए बोला - बुआ यहा तो कुछ नही दिख रहा है

बुआ - आह्ह बेटा मैक्सि ऊपर कर दे फिर देख
फिर मैने अपने हाथ को बुआ की जांघो पर कमर की तरफ सरकाते हुए उनकी मैक्सि को कमर तक चढा दिया और टॉर्च का फोक्स सीधा बुआ की पनियाती चुत पर कर दिया

उफ्फ्फ क्या नजारा था बुआ की नाभि से कुछ इन्च निचे तक हल्के बालो वाली नरम पाव जैसी फुली चुत का उपरी भाग ,, और फिर गोरी गोरी जांघो के बिच वी आकार की घाटी बनाये चुत के किनारे के मख्खन से मुलायम दिखते भागो के बीचो-बीच एक सोमरस से लिप्त चमडीयो से बनी दरार जिसकी निचली शिराओ से बुआ का सोमरस टपक रहा था और उनके भारी चुतडो के बीच रीस रहा था ।

मै थोड़ा आगे झुका और अपने मुह मे आ रहे पानी की गटकते हुए करिब से बुआ की चुत पर टॉर्च जला कर देखने लगा ,,, उनकी पानीयाई चुत की महक मेरे नाक में आ चुकी और धीरे धीरे मेरे अंदर हवस हावी होने लगा और सब कुछ भूल कर मैने एक बार फिर से अपने हाथ की उंगलीयो को उल्टा कर अपने नाखूनों को बुआ के टखने से उनकी नाजुक मुलायम जांघो पर घुमाते हुए उनकी चुत की घाटी तक लेकर आने लगा ,,, जैसे जैसे मेरी ऊँगलिया बुआ के चुत की तरफ बढ़ रही थी उनके चुत की चमडी अब सिकुना सुरु कर दी जिससे उनका सोमरस एक पतली धार लेकर निचे से बहने लगा ,,, बुआ एकदम चुप थी और मै भी , हम दोनो के बिच कोई बात चित नही हो रही थी
लेकिन हम दोनो की सांसे तेज़ी से ऊपर निचे होने लगी थी और मै धीरे धीरे बुआ की चुत के और करीब झुकने लगा जिससे मेरे सांसो की गर्मी बुआ की चुत से टकराने लगी और बुआ भी समझ गयी मै क्या करना चाहता हू ,, फिर बुआ ने हल्का सा अपना गांड ऊपर किया और मेरा चेहरा अब बुआ की जांघ और चुत के बिच के जॉइंट वाले नरम हिस्से को छू गया ,,,फिर मैने भी अपने बाये गाल को बुआ की दाई जांघ पर अच्छे से घुमाया फिर जीभ निकाल कर चुत और जांघ के बिच गांड की तरफ नरम चमडी पर फिराते हुये चाटने लगा ,,, धीरे धीरे मै जीभ को चुत के सबसे निचले भाग तक ले आया और जैसे पिघलती कुल्फी की मलाई को नीचे से ऊपर तक चाटते है ठीक उसी तरह मै भी उनकी बहती चुत को जीभ से निचे से ऊपर तक चुत मे घुसाते हुए चाट लिया

बुआ तडप उठी और गांड पटकने लगी
बुआ - अह्ह्ह्ह्ह लल्ल्ला ,,उफ्फ्फ्फ
मैने वापस से उनकी जांघो को थामा और एक फिर जीभ को नुकीला करके चुत मे डुबोते हुए निचे से ऊपर ले आया
बुआ जल बिन मच्छी की तरह फड़फड़ा रही थी और मै लगातार नीचे से ऊपर एक क्रम मे उनकी चुत को चाटने लगा ,, ऐसे ही करीब 8 से 10 बार चाटने के बाद मैने जीभ को अंदर किया और मुह खोलते हुए एक साथ चुत की चमडी को मुह मे भर कर चुबलाने लगा

जिससे बुआ की तडप और बढ़ गयी उन्होने अपनी जन्घे और चौडी की साथ ही मेरा सर पकड कर अपनी चुत मे दबाने लगी - आह्हह उम्म्ंम्ं हा बेटा खा जा ,,,उह्ह्ह्ज मम्मंंंं हा लल्ला और चुस और चुऊऊसससस्स्स अहममंम्ं उफ्फ़फ्फ्फ ऐसे ही अपने गांड को पटकते हुए आहे भरने लगी

मेरा लण्ड अब फिर तैयार हो गया था फिर मैने अपना सर पिछे किया और घुटनो के बल बुआ की जांघो के बीच आ गया फिर एक हाथ मे लण्ड को थामा और दुसरे हाथ से उनकी जांघ को सहलाते झुका और अंगूठे से उनकी चुत के दाने से ऊपर की तरफ उथाने लगा ,,,
बुआ की आग और तेज़ हो गयी थी वो आहे भरे क्या बोले जा रही थी मुझे नही पता ,,,लेकिन मै पूरी तरह से चोदने के मूड मे था ,,, फिर मैने अपना लण्ड बुआ की चुत के उपर रख दिया और कमर को आगे पीछे करते हुए उनकी चुत पर रगडने लगा
मगर बुआ को चैन कहा उहोने मेरा लण्ड पकड़ा और गांड उठा कर खुद आगे हो गयी जिससे मेरा लण्ड सरसरा कर उस तपती गीली चुत मे आधा समा गया,,,,,

बुआ - अह्ह्ह्ह बेटा कितना तप रहा है तेरा लण्ड,,,अब चोद दे मुझे लल्ला रहम कर मै पागल हो जाऊंगी अझ्ह्ह उम्म्ंम और खुद ही गांड पटकर मेरे आधे लण्ड से चुद्ने लगी

मैने फिर बुआ की जांघो को थामा और एक करारा धक्का लगाते हुए बुआ के ऊपर आ गया
बुआ - अह्ह्ह्ह लल्ल्ला मै उम्म्ंम्ं कितना गर्म लण्ड है बेटा अब तो चोद दे
मै बुआ के उपर आकर उनकी चुचियो को नोचते हुए बोला - सच मे बुआ आप अपने भतीजे से चुद्ना चाहती हो क्या ,,, इसके साथ ही मैने एक और तेज़ धक्का बुआ की चुत मे मारा

बुआ - अह्ह्ह्ह हा बेटा मै अब जान गयी हू तुझे सब पता है कैसे करना है ,,, लेकिन अच्छी नौटंकी की तुने बेटा उम्म्ंम्म्ं उफ्फ्फ अह्ह्ह्ह

मैने धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और बोला- नाटक नही करता तो ऐसा ही मेरे सामने अपना चुत परोस देती आप बुआ ,, उनकी चुची को चुस्ते हुए बोला

बुआ - मुझे पता होता मेरा लल्ला का नुन्नु अब लण्ड हो चूका है तो पहले ही परोस देती बेटा अह्ह्ह्ह थोड़ा तेज़ कर ना उम्म्ंम्ं ऐसे ही अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्मह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह हा हा हाह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंमममं लल्लाआआआआ और तेज़ मार
मैने धक्को की गति बढ़ा दी और बौला - आह्हह क्यू बुआ लण्ड पापा और चाचा का भी है ये तो पता था ,,, उनलोगो से ही चुदवा लेती हहहह

बुआ - आआआ उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम जंगी तो मुझे देखता ही नही बेटा

मैने तेज़ रफ़्तार से चोदते हुए कहा - अरे पापा तो है वो तो आपको देखते ही लण्ड सहलाने लगते है , उनसे चुदवा लेती

बुआ - अह्ह्ह्ह हा बेटा देख रही हू इस बार जबसे आई हूँ तेरे पापा की नियत ठीक नही लग रही है अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

मै - तो बुझवा लो बुआ अपनी प्यास उनसे ही ,,, फिर राखी के दिन मा और मै जायेंगे ना नाना के यहा ,,,, उस दिन मौका रहेगा हिहिहिहो

बुआ - अह्ह्ह्ह उम्म्ंम लल्ल्ला बहुत शरारती हो गया है उम्म्ंम आह्हह मम्मं तेज़ी से चोद दे ना बेटा ,,, निकाल दे मेरी गरमी बाद मे तेरे पापा का देखूंगी ,,अभी बस तूउउउउऊ अह्ह्ह्ह्ह्ब हाआ अह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम हा ऐसे ही और तेज़ बेटा और तेज़ ,,,, चटनी बना दे मेरे चुत की बाबू अह्ह्ह्ज्ज उम्म्ंम्म्ं अह्युउउऊ। आअह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह उनम्मंम्म्ं हाआआआआआ मै आने वाली हू अह्ह्ह्ह रुकना मत प्लीज पलीज्ज्ज्ज्ज अझ्ह्ह्ह्ह

मैने भी धक्को की स्पीड तेज़ कर दी और थप थप थप थप थप थप थप थप थपप्च प्चप्च थप की तेज़ आवाज आने लगी अब मै भी चरम सिमा तक आ चूका था मेरा लावा कभी भी फुट सकता था - इह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मेरा भी होने वाला है बुआ

बुआ - अंदर ही डाल दे बेटा ,,,फिर बुआ मेरे लण्ड को अपनी चुत से निचोडने लगी

एक बार फिर बुआ की चुत मेरे लण्ड पर कसाव लेने लगी और मेरे लण्ड की नसो पर घर्षण तेजी से मह्सूस होने लगा मेरे लण्ड मे खून भरने लगा अचानक से मेरे लण्ड के चमडी पर गरमी बढने लगी ,,,, क्योकि बुआ की चुत पिघल चुकी थी उनका गरम माल मेरे लण्ड को और तपाने लगा , नतिजन कुछ ही धक्को मे मेरा सबर का लावा टुट गया और भलभला कर मै भी बुआ चुत मे आखिरी धक्को के साथ झडने लगा

कुछ ही पलो मे मै वापस बुआ के ऊपर निढ़ाल हो गया,,, हम दोनो की धड़कने तेज़ थी और सांस फुल रहे थे फिर भी हमारे चेहरे उस चरम सुख के मुस्कान से खुश थे जिसे हम दोनो ने एक साथ मिलकर हालिस किया था ,,,,

कुछ देर ऊपर पडे रहने के बाद मै भी उनके बगल मे सीधा लेट गया और ऊपर आस्माँ मे देखते हुए सांसे बराबर करने ल्गा
हम दोनो चटाई पर लेटे लेटे ऊपर खुले आसमान मे देख रहे थे और फिर हमने कपड़े ठीक किये

थोडी देर बाद बुआ ने मेरी तरफ करवट ली
बुआ - लल्ला क्या ये तेरा पहली बार था हा
मै झुट बोलते हुए - जी बुआ
बुआ - चल झुठा जैसे मुझे पता नही चलेगा कि कौन पहली बार कर रहा है कौन नही
मै हस्ते हुए - नही बुआ मेरा पहला ही था ,,वो मैने बहुत बार मम्मी पापा को देखा था ना करते हुए तो

बुआ - अरे वाह तब तो मुझे एक और कुवारे लण्ड से चुदने को मिला
मै - एक और मतलब ,,,, और किसके लण्ड से चुदी हो बुआ
बुआ - क्या पागल तु भी ,,, अरे मेरी सुहागरात पे तेरे फूफा जी भी कुवारे ही थे ना ,,,हिहिहिहिही

मै - अच्छा लेकिन मुझे तो नही लगता कि सिर्फ फूफा जी की मेहनत से ही आपकी गान्द इतनी बड़ी हुई है ,जरुर इसमे 3 4 लण्ड जा चुके है

बुआ - धत्त बदमाश ,,, तुझे क्या तेरी बुआ सड़क छाप लगती है क्या ,,

मै - अरे अरे नही बुआ मै तो बस पूछ रहा हू ,,,क्योकि आपके यहा आये अभी दो दिन हुए इतने मे मेरे और पापा के लण्ड का बुरा हाल हो गया
सोचो आपके यहा रोज लोग आपको देख कर क्या आहे नही भरते होगे जैसे क्या हिहिहिही

बुआ मेरे गाल खीचते हुए - बहुत शरारती हो गया है तू अब हा
मै - बताओ ना बुआ कितने लोगो के लण्ड लिये है अब तक

बुआ - धत्त बदमाश ऐसे कोई बात करता है अपनी बुआ से
फिर मुझे ल्गा ऐसे बात नही बनेगी

मै - अच्छा बुआ वो सब छोडो की कितनो से चुदी हो या नही,,, लेकिन ये बताओ घर मे तो सारे मर्द आपकी जवानी को आँखो से तो जरुर भोग्ते होगे

बुआ - घर मे कौन घुरेगा पागल ,,, हा बाहर के लोग तो ऐसे ताकते है मानो खड़े खड़े आँखो से चोद दे हिहिहिही

मै - अच्छा क्यू घर मे छोटे फूफा भी तो है ना
बुआ - धत्त पागल चल बहुत बाते हो गई अब निचे चल सोना नही ह क्या
मैने करवट ली और बाये हाथ से बुआ की चुचियो को मिजते हुए - आप कहो तो एक बार और हो जाये बुआ

बुआ - अच्छा इतना दम है क्या
मै - और क्या ,,, बोलो तो अभी फिर से ,....
बुआ - ना बाबा ना ,,, बेटा 3 बार झडी हू मै फिर बाद मे ना अब,,,और चल टाईम आने दे देखूंगी कितना दम है तेरे मे लेकिन अभी निचे चल सोना है मुझे बहुत थक गई हू

फिर मैने बुआ के होटो को चुमा - हा चलो बुआ
फिर हम नीचे आये और बुआ दीदी के कमरे मे चली गई लेकिन मुझे तो सबसे निचे जाना था सोने

साला बुआ के चक्कर मे तो मा को मै भूल ही गया ,,, लेकिन इतनी रसिली चुत भी तो मिली ना ,,,सोच के फिर से लण्ड टनटना गया
मैने लण्ड को ऐडजस्ट किया और चल दिया पापा के रूम की तरफ ,,,,
मै निचे पहुचा तो देखा पापा और मा दोनों सो रहे थे ,, फिर मैने मोबाईल चेक किया तो 11 बज रहे थे ,,, फिर मै भी आराम से कमरे मे घुसा तो देखा पापा मा के एक तरफ जघिये मे सोये है और मा भी पेतिकोट ब्लाऊज मे पापा के सीने पर हाथ रख करवट लिये सोयी है ।

मै धीरे से बिस्तर पर चढा और लेट गया ,,मेरी खुड़वड़ाहत मे मा की आंखे खुल गयी या वो मेरा ही इन्तेजार कर रही थी

जैसे ही मैं लेता मा मेरी तरफ घूम गई और मै मा को देख कर स्माइल किया

मा ने आहिस्ता से बोला - कहा रह गया था तू मै इन्तेजार कर रही थी ना

मै - अरे मा वो बुआ के साथ था तो बातो बातो मे टाईम निकल गया
मा मुस्कुराते हुए - अच्छा इतना देर तक क्या बात कर रहा था , तू तो बुआ का दूध पी रहा था

मै - हा मा और पता नही कब सो भी गया वही ,,, वो तो बुआ ने उथाया तब आया हू

मा - अचछा चल ठीक है तब सो जा अब
मै मायुस सा मुह बनाते हुए - और वो जो आप सिखाने वाली थी वो

मा - अब तु था नही तो हम लोगो ने कर ना ,,, मुस्कुरा कर बोली

मै - क्या कर लिया मा
मा मुस्कुराते हुए - सब जानता है फिर भी मेरे मुह से सुनना है तुझे,,,सब समझती हू मै

मै - क्या मा ,,अच्छा सुनो ना मा एक बात पुछ्नी थी बुरा ना मानो तो
मा - अरे पूछ ले ना बेटा ,,,वैसे भी तेरे पापा सो गये है
मै - पक्का ना गुस्सा नही होगी न आप
मा - नही मेरा राजा बेटा ,फिर मा ने अपना हाथ मेरे गाल पर फेरा
मै हिम्मत की और मा से बोला - अच्छा मा क्या आप भी पापा के अलावा किसी और से

मा - धत्त पागल ,, क्या मै तुझे ऐसी लगती हू ,,, सच कहू बेटा तो मुझे कभी तेरे पापा के प्यार मे कभी कोई कमी मह्सूस ही नही हुई ,,, भले ही वो मेरी दीदी को भोगे हो या अपनी बहन को भोगना चाहते हो ,, लेकिन मेरे लिए उनका प्यार आज भी वैसा ही है ।

मै खुश होकर उनकी बाते सुनने लगा
मा - हा लेकिन मेरे मायके मेरे बहुत आशिक रहे है हिहिहिही

मै थोड़ा मुस्कुरा कर - अच्छा सच मे ,,,तो क्या शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेड भी था
मा मुस्कुराते हुए - नही रे कोई नही था , हा लेकिन मेरे और दीदी के पास प्रोपोजल बहुत आये थे ,,, लेकिन हम लोग अचछे से जानते थे की वो सब हमारे जिस्म के लिए भाग रहे हैं ।

मै - अच्छा सच मे हहहहह ,,,, और मौसी का कोई था क्या शादी से पहले
मा - हम्म्म लेकिन वो लोग पकडे गये फिर बाऊ जी ने दीदी की शादी करवा दी अपने ही दोस्त के बेटे से

मै - क्या मा पुरा पुरा बताओ ना कैसे हुआ था

दोस्तो अब देखते है आगे के अपडेट मे रागिनी अपने मायके के कौन कौन राज खोलती है और खुद हमारा राज कैसे अपनी मा से सब उगलवायेगा
अजब है इश्क यारा पल दो पल की खुशियाँ
गरम होके खजाने मिलते हैं , मिलती है मिठाईया 🤭
बुआ के कभी आंसूं , कभी आहें , कभी सीसकी, कभी नालें
फिर भी राज के चेहरे पर रहम नज़र ना आये
मौका मिलते ही राज ने बुआ की हर तरफ से सुजा दी
अब बस मचल-मचल के उसकी इतनी आह निकलती रही . 🤭
 
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बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है राजन और रज्जो और ममता और कमलनाथ मजे कर रहे हैं मजा आ गया
 
ᴋɪɴᴋʏ ᴀꜱ ꜰᴜᴄᴋ
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Update 27

अब तक
मै उनके मुह मे झड़ते हुए मारने लगा ,,, फिर मैने अपने लण्ड बाहर निकाल कर बेधाल होकर बैठ कर हाफने लगा ,,,मुझे बुआ की स्थिति का कोई ध्यान नही था कुछ पलो मे सास बराबर होने पर मैने बैठे बैठे बुआ पर एक नजर मारी ,, वो अपने चेहरे पर लगे मेरे सोमरस को उंगली से साफ कर चाट रही थी और फिर लेटे लेटे ही मेरे तरफ मुस्कुरा कर देखा

अब आगे

हम दोनो की सासें जब सामान्य हुई तो मै बुआ का मन टटोलने के लिए बोला

मै - थैंक्स बुआ , आपने मेरी मदद की ,,, चलो अब सोने चलते है
एकपल को बुआ का चेहरा मुरझा गया ,,, क्योकि मेरे द्वारा उनके चुचीयो के रसपान और दमदार मुहपेलाई से उनकी चुत बुरी तरह से पनिया चुकी थी और वो मैक्सि के ऊपर से चुत सहलाते हुए - आह्हह लल्ला

मै चौकने का नाटक करते हुए - क्या हुआ बुआ
बुआ - पता नही बेटा निचे मेरे कुछ काटा है देख जरा ,, और बुआ तेज़ी से मैक्सि के ऊपर से चुत को मले जा रही थी ,,,
मैने तुरन्त जेब से मोबाइल निकाला और टॉर्च ऑन किया और फोक्स बुआ की चुत पर किया तो देखा की बुआ का बाया हाथ उनकी फुली हुई चुत को मैक्सि के ऊपर से खुजाये जा रहा है ,,,,
फिर मैने टॉर्च को अच्छे से करीब जाकर उनकी कमर से जांघो तक अच्छे से घुमाया ,,, उनकी गोरी चमड़ी वाली गुदाज गदरायी जांघ देख कर मेरा लण्ड फिर से टनाटनाने ल्गा और मैने अपना दाहिना हाथ बुआ की दाई जांघ पर रखते हुए उसे सहलाते हुए और उस्की मुलायम मांस को मह्सूस करते हुए बोला - बुआ यहा तो कुछ नही दिख रहा है

बुआ - आह्ह बेटा मैक्सि ऊपर कर दे फिर देख
फिर मैने अपने हाथ को बुआ की जांघो पर कमर की तरफ सरकाते हुए उनकी मैक्सि को कमर तक चढा दिया और टॉर्च का फोक्स सीधा बुआ की पनियाती चुत पर कर दिया

उफ्फ्फ क्या नजारा था बुआ की नाभि से कुछ इन्च निचे तक हल्के बालो वाली नरम पाव जैसी फुली चुत का उपरी भाग ,, और फिर गोरी गोरी जांघो के बिच वी आकार की घाटी बनाये चुत के किनारे के मख्खन से मुलायम दिखते भागो के बीचो-बीच एक सोमरस से लिप्त चमडीयो से बनी दरार जिसकी निचली शिराओ से बुआ का सोमरस टपक रहा था और उनके भारी चुतडो के बीच रीस रहा था ।

मै थोड़ा आगे झुका और अपने मुह मे आ रहे पानी की गटकते हुए करिब से बुआ की चुत पर टॉर्च जला कर देखने लगा ,,, उनकी पानीयाई चुत की महक मेरे नाक में आ चुकी और धीरे धीरे मेरे अंदर हवस हावी होने लगा और सब कुछ भूल कर मैने एक बार फिर से अपने हाथ की उंगलीयो को उल्टा कर अपने नाखूनों को बुआ के टखने से उनकी नाजुक मुलायम जांघो पर घुमाते हुए उनकी चुत की घाटी तक लेकर आने लगा ,,, जैसे जैसे मेरी ऊँगलिया बुआ के चुत की तरफ बढ़ रही थी उनके चुत की चमडी अब सिकुना सुरु कर दी जिससे उनका सोमरस एक पतली धार लेकर निचे से बहने लगा ,,, बुआ एकदम चुप थी और मै भी , हम दोनो के बिच कोई बात चित नही हो रही थी
लेकिन हम दोनो की सांसे तेज़ी से ऊपर निचे होने लगी थी और मै धीरे धीरे बुआ की चुत के और करीब झुकने लगा जिससे मेरे सांसो की गर्मी बुआ की चुत से टकराने लगी और बुआ भी समझ गयी मै क्या करना चाहता हू ,, फिर बुआ ने हल्का सा अपना गांड ऊपर किया और मेरा चेहरा अब बुआ की जांघ और चुत के बिच के जॉइंट वाले नरम हिस्से को छू गया ,,,फिर मैने भी अपने बाये गाल को बुआ की दाई जांघ पर अच्छे से घुमाया फिर जीभ निकाल कर चुत और जांघ के बिच गांड की तरफ नरम चमडी पर फिराते हुये चाटने लगा ,,, धीरे धीरे मै जीभ को चुत के सबसे निचले भाग तक ले आया और जैसे पिघलती कुल्फी की मलाई को नीचे से ऊपर तक चाटते है ठीक उसी तरह मै भी उनकी बहती चुत को जीभ से निचे से ऊपर तक चुत मे घुसाते हुए चाट लिया

बुआ तडप उठी और गांड पटकने लगी
बुआ - अह्ह्ह्ह्ह लल्ल्ला ,,उफ्फ्फ्फ
मैने वापस से उनकी जांघो को थामा और एक फिर जीभ को नुकीला करके चुत मे डुबोते हुए निचे से ऊपर ले आया
बुआ जल बिन मच्छी की तरह फड़फड़ा रही थी और मै लगातार नीचे से ऊपर एक क्रम मे उनकी चुत को चाटने लगा ,, ऐसे ही करीब 8 से 10 बार चाटने के बाद मैने जीभ को अंदर किया और मुह खोलते हुए एक साथ चुत की चमडी को मुह मे भर कर चुबलाने लगा

जिससे बुआ की तडप और बढ़ गयी उन्होने अपनी जन्घे और चौडी की साथ ही मेरा सर पकड कर अपनी चुत मे दबाने लगी - आह्हह उम्म्ंम्ं हा बेटा खा जा ,,,उह्ह्ह्ज मम्मंंंं हा लल्ला और चुस और चुऊऊसससस्स्स अहममंम्ं उफ्फ़फ्फ्फ ऐसे ही अपने गांड को पटकते हुए आहे भरने लगी

मेरा लण्ड अब फिर तैयार हो गया था फिर मैने अपना सर पिछे किया और घुटनो के बल बुआ की जांघो के बीच आ गया फिर एक हाथ मे लण्ड को थामा और दुसरे हाथ से उनकी जांघ को सहलाते झुका और अंगूठे से उनकी चुत के दाने से ऊपर की तरफ उथाने लगा ,,,
बुआ की आग और तेज़ हो गयी थी वो आहे भरे क्या बोले जा रही थी मुझे नही पता ,,,लेकिन मै पूरी तरह से चोदने के मूड मे था ,,, फिर मैने अपना लण्ड बुआ की चुत के उपर रख दिया और कमर को आगे पीछे करते हुए उनकी चुत पर रगडने लगा
मगर बुआ को चैन कहा उहोने मेरा लण्ड पकड़ा और गांड उठा कर खुद आगे हो गयी जिससे मेरा लण्ड सरसरा कर उस तपती गीली चुत मे आधा समा गया,,,,,

बुआ - अह्ह्ह्ह बेटा कितना तप रहा है तेरा लण्ड,,,अब चोद दे मुझे लल्ला रहम कर मै पागल हो जाऊंगी अझ्ह्ह उम्म्ंम और खुद ही गांड पटकर मेरे आधे लण्ड से चुद्ने लगी

मैने फिर बुआ की जांघो को थामा और एक करारा धक्का लगाते हुए बुआ के ऊपर आ गया
बुआ - अह्ह्ह्ह लल्ल्ला मै उम्म्ंम्ं कितना गर्म लण्ड है बेटा अब तो चोद दे
मै बुआ के उपर आकर उनकी चुचियो को नोचते हुए बोला - सच मे बुआ आप अपने भतीजे से चुद्ना चाहती हो क्या ,,, इसके साथ ही मैने एक और तेज़ धक्का बुआ की चुत मे मारा

बुआ - अह्ह्ह्ह हा बेटा मै अब जान गयी हू तुझे सब पता है कैसे करना है ,,, लेकिन अच्छी नौटंकी की तुने बेटा उम्म्ंम्म्ं उफ्फ्फ अह्ह्ह्ह

मैने धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और बोला- नाटक नही करता तो ऐसा ही मेरे सामने अपना चुत परोस देती आप बुआ ,, उनकी चुची को चुस्ते हुए बोला

बुआ - मुझे पता होता मेरा लल्ला का नुन्नु अब लण्ड हो चूका है तो पहले ही परोस देती बेटा अह्ह्ह्ह थोड़ा तेज़ कर ना उम्म्ंम्ं ऐसे ही अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्मह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह हा हा हाह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंमममं लल्लाआआआआ और तेज़ मार
मैने धक्को की गति बढ़ा दी और बौला - आह्हह क्यू बुआ लण्ड पापा और चाचा का भी है ये तो पता था ,,, उनलोगो से ही चुदवा लेती हहहह

बुआ - आआआ उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम जंगी तो मुझे देखता ही नही बेटा

मैने तेज़ रफ़्तार से चोदते हुए कहा - अरे पापा तो है वो तो आपको देखते ही लण्ड सहलाने लगते है , उनसे चुदवा लेती

बुआ - अह्ह्ह्ह हा बेटा देख रही हू इस बार जबसे आई हूँ तेरे पापा की नियत ठीक नही लग रही है अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

मै - तो बुझवा लो बुआ अपनी प्यास उनसे ही ,,, फिर राखी के दिन मा और मै जायेंगे ना नाना के यहा ,,,, उस दिन मौका रहेगा हिहिहिहो

बुआ - अह्ह्ह्ह उम्म्ंम लल्ल्ला बहुत शरारती हो गया है उम्म्ंम आह्हह मम्मं तेज़ी से चोद दे ना बेटा ,,, निकाल दे मेरी गरमी बाद मे तेरे पापा का देखूंगी ,,अभी बस तूउउउउऊ अह्ह्ह्ह्ह्ब हाआ अह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम हा ऐसे ही और तेज़ बेटा और तेज़ ,,,, चटनी बना दे मेरे चुत की बाबू अह्ह्ह्ज्ज उम्म्ंम्म्ं अह्युउउऊ। आअह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह उनम्मंम्म्ं हाआआआआआ मै आने वाली हू अह्ह्ह्ह रुकना मत प्लीज पलीज्ज्ज्ज्ज अझ्ह्ह्ह्ह

मैने भी धक्को की स्पीड तेज़ कर दी और थप थप थप थप थप थप थप थप थपप्च प्चप्च थप की तेज़ आवाज आने लगी अब मै भी चरम सिमा तक आ चूका था मेरा लावा कभी भी फुट सकता था - इह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मेरा भी होने वाला है बुआ

बुआ - अंदर ही डाल दे बेटा ,,,फिर बुआ मेरे लण्ड को अपनी चुत से निचोडने लगी

एक बार फिर बुआ की चुत मेरे लण्ड पर कसाव लेने लगी और मेरे लण्ड की नसो पर घर्षण तेजी से मह्सूस होने लगा मेरे लण्ड मे खून भरने लगा अचानक से मेरे लण्ड के चमडी पर गरमी बढने लगी ,,,, क्योकि बुआ की चुत पिघल चुकी थी उनका गरम माल मेरे लण्ड को और तपाने लगा , नतिजन कुछ ही धक्को मे मेरा सबर का लावा टुट गया और भलभला कर मै भी बुआ चुत मे आखिरी धक्को के साथ झडने लगा

कुछ ही पलो मे मै वापस बुआ के ऊपर निढ़ाल हो गया,,, हम दोनो की धड़कने तेज़ थी और सांस फुल रहे थे फिर भी हमारे चेहरे उस चरम सुख के मुस्कान से खुश थे जिसे हम दोनो ने एक साथ मिलकर हालिस किया था ,,,,

कुछ देर ऊपर पडे रहने के बाद मै भी उनके बगल मे सीधा लेट गया और ऊपर आस्माँ मे देखते हुए सांसे बराबर करने ल्गा
हम दोनो चटाई पर लेटे लेटे ऊपर खुले आसमान मे देख रहे थे और फिर हमने कपड़े ठीक किये

थोडी देर बाद बुआ ने मेरी तरफ करवट ली
बुआ - लल्ला क्या ये तेरा पहली बार था हा
मै झुट बोलते हुए - जी बुआ
बुआ - चल झुठा जैसे मुझे पता नही चलेगा कि कौन पहली बार कर रहा है कौन नही
मै हस्ते हुए - नही बुआ मेरा पहला ही था ,,वो मैने बहुत बार मम्मी पापा को देखा था ना करते हुए तो

बुआ - अरे वाह तब तो मुझे एक और कुवारे लण्ड से चुदने को मिला
मै - एक और मतलब ,,,, और किसके लण्ड से चुदी हो बुआ
बुआ - क्या पागल तु भी ,,, अरे मेरी सुहागरात पे तेरे फूफा जी भी कुवारे ही थे ना ,,,हिहिहिहिही

मै - अच्छा लेकिन मुझे तो नही लगता कि सिर्फ फूफा जी की मेहनत से ही आपकी गान्द इतनी बड़ी हुई है ,जरुर इसमे 3 4 लण्ड जा चुके है

बुआ - धत्त बदमाश ,,, तुझे क्या तेरी बुआ सड़क छाप लगती है क्या ,,

मै - अरे अरे नही बुआ मै तो बस पूछ रहा हू ,,,क्योकि आपके यहा आये अभी दो दिन हुए इतने मे मेरे और पापा के लण्ड का बुरा हाल हो गया
सोचो आपके यहा रोज लोग आपको देख कर क्या आहे नही भरते होगे जैसे क्या हिहिहिही

बुआ मेरे गाल खीचते हुए - बहुत शरारती हो गया है तू अब हा
मै - बताओ ना बुआ कितने लोगो के लण्ड लिये है अब तक

बुआ - धत्त बदमाश ऐसे कोई बात करता है अपनी बुआ से
फिर मुझे ल्गा ऐसे बात नही बनेगी

मै - अच्छा बुआ वो सब छोडो की कितनो से चुदी हो या नही,,, लेकिन ये बताओ घर मे तो सारे मर्द आपकी जवानी को आँखो से तो जरुर भोग्ते होगे

बुआ - घर मे कौन घुरेगा पागल ,,, हा बाहर के लोग तो ऐसे ताकते है मानो खड़े खड़े आँखो से चोद दे हिहिहिही

मै - अच्छा क्यू घर मे छोटे फूफा भी तो है ना
बुआ - धत्त पागल चल बहुत बाते हो गई अब निचे चल सोना नही ह क्या
मैने करवट ली और बाये हाथ से बुआ की चुचियो को मिजते हुए - आप कहो तो एक बार और हो जाये बुआ

बुआ - अच्छा इतना दम है क्या
मै - और क्या ,,, बोलो तो अभी फिर से ,....
बुआ - ना बाबा ना ,,, बेटा 3 बार झडी हू मै फिर बाद मे ना अब,,,और चल टाईम आने दे देखूंगी कितना दम है तेरे मे लेकिन अभी निचे चल सोना है मुझे बहुत थक गई हू

फिर मैने बुआ के होटो को चुमा - हा चलो बुआ
फिर हम नीचे आये और बुआ दीदी के कमरे मे चली गई लेकिन मुझे तो सबसे निचे जाना था सोने

साला बुआ के चक्कर मे तो मा को मै भूल ही गया ,,, लेकिन इतनी रसिली चुत भी तो मिली ना ,,,सोच के फिर से लण्ड टनटना गया
मैने लण्ड को ऐडजस्ट किया और चल दिया पापा के रूम की तरफ ,,,,
मै निचे पहुचा तो देखा पापा और मा दोनों सो रहे थे ,, फिर मैने मोबाईल चेक किया तो 11 बज रहे थे ,,, फिर मै भी आराम से कमरे मे घुसा तो देखा पापा मा के एक तरफ जघिये मे सोये है और मा भी पेतिकोट ब्लाऊज मे पापा के सीने पर हाथ रख करवट लिये सोयी है ।

मै धीरे से बिस्तर पर चढा और लेट गया ,,मेरी खुड़वड़ाहत मे मा की आंखे खुल गयी या वो मेरा ही इन्तेजार कर रही थी

जैसे ही मैं लेता मा मेरी तरफ घूम गई और मै मा को देख कर स्माइल किया

मा ने आहिस्ता से बोला - कहा रह गया था तू मै इन्तेजार कर रही थी ना

मै - अरे मा वो बुआ के साथ था तो बातो बातो मे टाईम निकल गया
मा मुस्कुराते हुए - अच्छा इतना देर तक क्या बात कर रहा था , तू तो बुआ का दूध पी रहा था

मै - हा मा और पता नही कब सो भी गया वही ,,, वो तो बुआ ने उथाया तब आया हू

मा - अचछा चल ठीक है तब सो जा अब
मै मायुस सा मुह बनाते हुए - और वो जो आप सिखाने वाली थी वो

मा - अब तु था नही तो हम लोगो ने कर ना ,,, मुस्कुरा कर बोली

मै - क्या कर लिया मा
मा मुस्कुराते हुए - सब जानता है फिर भी मेरे मुह से सुनना है तुझे,,,सब समझती हू मै

मै - क्या मा ,,अच्छा सुनो ना मा एक बात पुछ्नी थी बुरा ना मानो तो
मा - अरे पूछ ले ना बेटा ,,,वैसे भी तेरे पापा सो गये है
मै - पक्का ना गुस्सा नही होगी न आप
मा - नही मेरा राजा बेटा ,फिर मा ने अपना हाथ मेरे गाल पर फेरा
मै हिम्मत की और मा से बोला - अच्छा मा क्या आप भी पापा के अलावा किसी और से

मा - धत्त पागल ,, क्या मै तुझे ऐसी लगती हू ,,, सच कहू बेटा तो मुझे कभी तेरे पापा के प्यार मे कभी कोई कमी मह्सूस ही नही हुई ,,, भले ही वो मेरी दीदी को भोगे हो या अपनी बहन को भोगना चाहते हो ,, लेकिन मेरे लिए उनका प्यार आज भी वैसा ही है ।

मै खुश होकर उनकी बाते सुनने लगा
मा - हा लेकिन मेरे मायके मेरे बहुत आशिक रहे है हिहिहिही

मै थोड़ा मुस्कुरा कर - अच्छा सच मे ,,,तो क्या शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेड भी था
मा मुस्कुराते हुए - नही रे कोई नही था , हा लेकिन मेरे और दीदी के पास प्रोपोजल बहुत आये थे ,,, लेकिन हम लोग अचछे से जानते थे की वो सब हमारे जिस्म के लिए भाग रहे हैं ।

मै - अच्छा सच मे हहहहह ,,,, और मौसी का कोई था क्या शादी से पहले
मा - हम्म्म लेकिन वो लोग पकडे गये फिर बाऊ जी ने दीदी की शादी करवा दी अपने ही दोस्त के बेटे से

मै - क्या मा पुरा पुरा बताओ ना कैसे हुआ था

दोस्तो अब देखते है आगे के अपडेट मे रागिनी अपने मायके के कौन कौन राज खोलती है और खुद हमारा राज कैसे अपनी मा से सब उगलवायेगा
itna utejak, update padhke bubhe ka bhi khada ho jae :D kamal hi kar diya bhai.
pehli bar baap se pehle raaj ne baji mar li. pehle sirf dekhke hilata rehta tha. par ragini ki pelem pelai abhi bhi pending hai.
 

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