Incest सपना या हकीकत

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koi kisi se kam nahi kya shila kya rageeni.... haraaman waqt aane par lesbo bhi ban gayi kutiya kahi ki.....
dusri taraf raj, wo itna bada hawasi hai ki ab usko paas aane par uski khud ki didi darne lagi hai.....
btw in kamini kamino ko gaaliyaa deke koi faidaa nahi ..... already ye log maan samman sharam ijjat sab kuch bech chuke hai... :popcorn1:
I think jo ladka pasand kiya gaya hai sonal ke liye ushi se shaadi karke sonal ko jald se jald us ghar vidayi le leni chaahiye.... coz zyada din ghar pe rahi to raj ya uske baap ke hawas ka shikaar ban jaayegi sonal definitely......

Khair mujhe kya :popcorn1: jo marzi kare ye log ya ch aahe bhad mein jaaye :D


Shaandaar update, shaandaar lekni aur shaandaar shabdon ka chayan...
bahot nirale aur uttejak tarike se update ko pesh kiya gaya hai..

.. let's see what happens next...
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
Aabhaar apka :thank-you:
 
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अजब है इश्क यारा पल दो पल की खुशियाँ
गरम होके खजाने मिलते हैं , मिलती है मिठाईया 🤭
बुआ के कभी आंसूं , कभी आहें , कभी सीसकी, कभी नालें
फिर भी राज के चेहरे पर रहम नज़र ना आये
मौका मिलते ही राज ने बुआ की हर तरफ से सुजा दी
अब बस मचल-मचल के उसकी इतनी आह निकलती रही . 🤭
तडप तडप बुआ के जिस्म से आह निकलती रही
उसे प्यास थी प्यार की :D जो मिट गयीईईई हा मिट गयी

आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद :thank-you:
 
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बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है राजन और रज्जो और ममता और कमलनाथ मजे कर रहे हैं मजा आ गया
Ju future kaise dekh liye :lol1:
 
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itna utejak, update padhke bubhe ka bhi khada ho jae :D kamal hi kar diya bhai.
pehli bar baap se pehle raaj ne baji mar li. pehle sirf dekhke hilata rehta tha. par ragini ki pelem pelai abhi bhi pending hai.
Bahut bahut shukriya bhai ji
Jald hi ragini :sex2:
 
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Update 28

अब तक

मै थोड़ा मुस्कुरा कर - अच्छा सच मे ,,,तो क्या शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेड भी था
मा मुस्कुराते हुए - नही रे कोई नही था , हा लेकिन मेरे और दीदी के पास प्रोपोजल बहुत आये थे ,,, लेकिन हम लोग अचछे से जानते थे की वो सब हमारे जिस्म के लिए भाग रहे हैं ।
मै - अच्छा सच मे हहहहह ,,,, और मौसी का कोई था क्या शादी से पहले
मा - हम्म्म, लेकिन वो लोग पकडे गये फिर बाऊ जी ने दीदी की शादी करवा दी अपने ही दोस्त के बेटे से
मै - क्या मा पुरा पुरा बताओ ना कैसे हुआ था

अब आगे

दोस्तो कहानी अब राज के मामा के घर की तरफ घूमेगी इसिलिये कुछ नये परिचय देना चाहूँगा

नया परिचय

नाना - बनवारी सेठ , उम्र 68 साल , पेशे से किसान है लेकिन खेती ज्यादा होने से अब जमीदार का काम करने लगे है ,,, खेतों मे काम करने की वजह से आज भी उनका शरीर हृष्ठ पुष्ट है ।
नानी - अब नही है इस दुनिया में काफी समय बीत चूका है तो उनका कोई रोल नही है अब

मामा - राजेश , उम्र 44 साल , नाना के इकलौटे बेटे होने की वजह से हमेशा ऐयाशी की है ,,, यहा तक की घर मे और खेत मे काम करने वाली औरतो को भी नही छोड़ा
मामी - सुनीता , उम्र 42 साल ,,, रसभरी जवानी से भरपुर 38 34 38 का गजब का फिगर ,,, लगता नही की दो बच्चो की मा है

गीता और बबिता - मामा की जुड़वा बेटीया अभी 10वी मे है दोनो ,,, एक तरफ गीता जहा गदराई जिस्म वाली है वही बबिता थोडी सामान्य जिस्म वाली लेकिन बला की खुबसुरत एकदम अपने मा जैसी ।

ये वो पात्र है जिनको मै जानता हू ,, चुकि मेरा ज्यादा आना जाना होता नही है कही तो अभी फिलहाल मे मामा के यहा की यही जानकारी है ।

वापस कहानी पर

मै मा को जिद करते हुए बोला - मा बताओ ना कैसे क्या क्या हुआ

मा मुस्कुराकर अच्छा अच्छा ठीक है बताती हू ।

मा - तो सुन ,,, मेरे घर मे हम तब 5 जन रहते थे ,,, मै , तेरी मौसी , तेरे मामा और तेरे नाना नानी ।
बात तब की है जब हम लोग उस समय 10वी पास कर चुके थे और जवानी से थोड़ा थोड़ा वाकिफ होने लगे थे ,, चुकि रज्जो दीदी हम भाई बहनों मे सबसे बड़ी थी तो वो मुझसे ज्यादा समझदार थी और बहुत जानकारी भी थी उनको, लेकिन हम दोनो बहने एक सहेली जैसी थी कोई भी बात हो हम आपस मे कभी नही छिपाती थी ,,,यहा तक कौन लड़का हमे कैसे देख रहा है किसने प्रोपोज किया ,, रास्ते मे कौन क्या क्या गंदे कमेंट किया सब कुछ ,,, और तो और सेक्स की बाते फिर शादी को लेकर अपनी fantesy भी एक दुसरे से शेयर करते थे ।

मै - वाह्ह मा और फिर आगे बताओ ना
मा - हा सुन ,,, मै और दीदी एक ही कमरे मे सोते थे जबकि मा और पापा अपने रूम मे और राजेश का अपना रूम था ।

एक रात ऐसे ही मै और दीदी शादी को लेकर अपनी अपनी बाते रख रहे थे तो मैने उन्से पुछा

रागिनी - दीदी मुझे शादी करने का बहुत मन होता है खुब तैयार होने का भी मन करता है लेकिन उसके बाद के काम से मुझे बहुत डर लगता है

रज्जो - अरे उसमे डर कैसा छोटी शादी के बाद ही तो खुल कर चुद्ने को मिल्ता है और तू डर रही है ।

रागिनी - क्या दीदी ,, वही तो डर है ,,, मेरी सहेली कहती है कि पहली बार मे बहुत दर्द होता है

रज्जो - क्या छोटी चल उठ
रागिनी - अभी कहा
रज्जो - चल उठ मै बताती हू
फिर दीदी मुझे खिच कर बाऊजी के कमरे की तरफ ले गयी ,,, जहा मा और बाऊ जी के चुदाई की आवाजे उनके दरवाजे के बाहर सुनाई दे रही थी ।


मै - हीहीहि क्या मा सच मे आप लोग नाना नानी को वो सब करते देखते थे

मा - नही रे वो पहला दिन था ,,,तू बिच मे ना बोल मै बता रही हू न

मै - अच्छा सॉरी आप बताओ

मा - हा सुन ,, फिर दीदी मुझे खिडकी के पास ले गयी और कमरे के अंदर का नजारा दिखाया ,,, अंदर बाऊजी मा को घोड़ी बनाये धकाधक पेले जा रहे थे और मा मुस्कुराते हुए बाऊजी को और उकसा कर चुदवा रही थी
उस दिन बेटा मैने पहली बार किसी को चुदाई करते देखा था और फिर दिदी बोली

रज्जो- देखा कितना मजा है शादी के बाद और तू डर रही है
रागिनी - हा दीदी लेकिन अभी तो हमारी शादी नही होगी ना
रज्जो - मैने तो इसका इन्तेजाम कर लिया शादी के पहले ही
रागिनी - क्या दीदी आपका कोई बॉयफ्रेड भी है और आपने मुझे बताया नही

रज्जो - नही रे बॉयफ्रेंड थोडी है वो बस मजे लेने के लिए है ।
रागिनी - नही दीदी ये गलत होगा और बाऊजी को पता चला तो वो बहुत नाराज होगे

रज्जो - तु किसी को मत बोलना चल अब कमरे मे
फिर हम लोग कमरे मे चले गये,, उस दिन से दीदी हमेशा उस लडके के बारे मे बाते करने लगी और पहली बार उससे मिलने के लिए एक दिन भी चुन लिया

वो सोमवार का दिन था और उस दिन हम दोनो बहने स्कूल गयी दोपहर मे लंच के समय दीदी मेरे पास आई और बोली बैग लेले चल चलते है ।

रागिनी - कहा जाना है दीदी अभी तो क्लास बाकी है
रज्जो - अरे तू चल मैने छूटी लेली है
फिर हम दोनो स्कूल से बाहर चले गये और दीदी मुझे खेतों की तरफ लिवा के जाने लगी

रागिनी - क्या दीदी कहा लेके जा रही है आप मुझे बताओ तो
रज्जो - वो आज हरीश आयेगा टयूबवेल पर ,,,वो शर्माते हुए बोली

रागिनी - क्या दीदी आप मरवाओगी आप ऐसे खुले मे मिल्ने जा रही हो ,,, मेरी मानो वापस घर चलते है किसी ने देख लिया तो दिक्कत हो जायेगी

रज्जो - कोई दिक्कत नही होगी छोटी ,, इसिलिए तो तुझे यहा बुलाया है और तू साथ रहेगी तो कोई शक भी नही करेगा ,,वैसे भी ये अपना टयूबवल है
फिर हम दोनो लोग धीरे धीरे पहुचे टयूबवेल पर
और वही एक छोटा सा कमरा था स्टोर रूम जैसा जिसमे खेती के लिए फावड़ा पाइप , इंजन और बाकी सामान थे चुकि बाऊजी एक जमीदार थे तो हमारी खेती बहुत ज्यादा थी कमरे एक तरफ एक चौकी और बिस्तर थे जहा सोने बैठने का इंतजार भी था

फिर हम लोग जैसे ही ट्यूबवेल पर पहुचे वहा एक हमारी की क्लास का लड़का पहले से ही मौजुद था उसका नाम हरीश था ।
हम दोनो को देख कर वो मुस्कुराया और फिर वो कमरे मे चला गया फिर दीदी भी इधर उधर देखी और वो भी कमरे मे चली गयी ,, लेकिन मै बाहर ही थी , फिर मैने बोला - दीदी आप दरवाजा बंद कर लो कोई आयेगा तो मै आवाज दूँगी

रज्जो - नही छोटी दरवाजा खुला रहने दे किसी को ज्यादा शक नही होगा समझी
मैने सर हिलाया और मुस्कराकर टयूबवेल की तरफ चली गई और मन मे डर था लेकिन एक अजीब सा रोमांच शरीर में दौड़ने लगा कि अंदर दीदी क्या करवा रही होगी ।

5 मिंट बाद ही हरीश बाहर आया और मुझे देख कर मुस्कुराते हुए निकल गया दुसरी तरफ ,,, मै तुरंत कमरे मे गई तो देखा की दीदी अपना शर्त के बटन बंद कर रही थी ,,,
रागिनी - अरे दीदी हो गया क्या
रज्जो - हा और क्या ,,,वो मुस्कराते हुए बोली
रागिनी - लेकिन इतना जल्दी कैसे
रज्जो - क्यू तुने देखा नही क्या, वो क्या किया इतना जल्दी
रगिनी - धत्त दीदी ,,, मै थोडी न देखूंगी ,,,वैसे उसने किया क्या
रज्जो - कुछ नही हम लोगो ने किस्स किया और उसने ,,,वो शर्माने लगी

रागिनी - क्या दीदी बताओ ना
रज्जो - मेरे दूधो को मसला
रागिनी - बस इतना ही ,,,
रज्जो - हा इतना ही क्यू तू क्या सोच रही थी कि मै चुदने आई हू ,हिहिहिही
रागिनी - हा मुझे तो ऐसा ही लगा ,,और वैसे भी इतना ही करवाना था तो मुझसे बोल देती मै ही ,,,, हीहीहि

रज्जो - चल बदमाश कही की ,, एक लडके का स्पर्श अलग होता है छोटी ,,, तू नही सम्झेगी

उस दिन के बाद भी दिदी हरीश से कई बार मिली लेकिन बस चुम्मा चाटी और अपने दूध मिज्वा लेती ,,, कुछ ही महीने मे दीदी के दूध बडे होने लगे ,,, और दिदी पहले से ज्यादा आकर्षक दिखने लगी थी ।
फिर कुछ समय बाद हरीश गाव मे किसी और लडकी को चोदते हुए पकड़ा गया ,, और फिर हम लोग बहुत डर गये की हमारी बाते ना खुल जाये ।


मै - लेकिन मा आपने तो बोला था कि मौसी का बॉयफ्रेंड था और वो लोग पकडे गये थे

मा - अरे नही रे वो पहले हरिश पकड़ा गया ,, फिर तो काफी समय बाद दीदी पकड़ी गई ना ,,, तू चुपचप सुन बस बीच मे बोलेगा तो नही बताने वाली मै

मै - सॉरी मा अब नही बोलूंगा अब आगे बताओ जब हरीश पकड़ा गया तब

मा - फिर सुन ,, उस दिन से हम लोग काफी डर कर रहने लगे कि कही हरिश किसी से कोई बात ना खोल दे ,,लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ और मामला शांत हो गया ,, मगर दीदी को धीरे धीरे उनके जिस्म को एक लगातर मिलने वाले हवसी प्यार की आदत हो चुकी थी ,,, वो एक रात मुझसे बोली

रज्जो - यार छोटी हरीश के वजह से मुझे एक जिस्म की लत सी लग गई है मेरे छातियो मे रोज खुजली होती है कि कोई इनको मले और मसले कोई मेरे निप्प्ल को लेके चूसे

रागिनी - आपने देखा ना दीदी हरीश के साथ क्या हुआ अब भी आप चाहती हो हम लोग भी पकडे जाये ,,,,

रज्जो - मै जानती हू छोटी लेकिन तू ही बता मै अपनी इस तडप का क्या करू
मुझे दीदी की बात सुन के थोड़ा उनपर रहम आया तो

रागिनी - आप कहो तो मै कुछ मदद करू
रज्जो - तु भी तो एक लडकी है ना
रागिनी - हा दीदी लेकिन मेरी एक सहेली बता रही थी चुचिया चुसवाने मे ही मज़ा आता है ,, लडके के कडक हाथ में चाहे लडकी की नाजुक स्पर्श मे ही

रज्जो - धत्त पागल तू मेरी बहन है
रागिनी - क्या दीदी उससे बढ़कर हम लोग एक दोस्त भी है ,,, और सबसे बड़ी बात है कि हम लोग यहा बंद कमरे मे क्या कर रहे हैं वो किसी को पता नही चलेगा और आपको तडपना नही पडेगा ।

रज्जो - बात तो तेरी सही है लेकिन क्या ये सही होगा
रागिनी - क्या दीदी मान जाओ न और मै भी मह्सूस करना चाहती हू वो स्पर्श,,,


मा कि बाते सुन कर मै उत्तेजित हो रहा था और उनकी तरफ सरक कर पास भी चला गया फिर लोवर मे अपना लण्ड ऐडजस्ट करने लगा । मा ने भी मुझे लण्ड को एद्जेस्त करते हुए देखा तो मुस्करा दी और आगे बताने लगी ।

मा - फिर मैने दीदी के सूत के ऊपर से ही उनकी छातियो को सह्लाया वो सीधे लेटे लेटे सीसकने लगी और बहुत दिनो की तडप से वो मेरे हाथ को पकड कर अपने चुचियो पर दबाने लगी ,,, ये मेरा पहला स्पर्श था मुझे काफी मुलायम लगा ,,, मैने नहाते समय या बाऊजी और मा की चुदाई के समय कई बार अपनी चुचियो को मसला था लेकिन दीदी की चुचियो की बात ही अलग थी वो एकदम मुलायम और मेरे दुगने के बराबर थे उस समय ।

फिर उस दिन मैने दीदी को वो खुश किया ,,हम दोनो ने किस्स किया और मैने उनके चुचे पूरी रात चूसे ।
ऐसे ही हमारे दिन कटने लगे और धीरे धीरे मै भी दीदी के खेल मे शामिल हो गई,,कभी हम अपने कमरे मे ये चूचियो को चूसने का खेल खेलते तो कभी मा बाऊजी की चुदाई देखते हुए ।

लेकिन एक रात हम दोनो पकडे गये उस रात मै बाऊजी के कमरे के बाहर दीदी को खड़ी करके अन्दर की चुदाई देखते हूए उनकी चुचिया चुस रही थी और उस रात राजेश उठा था पेसाब करने के लिए,, और उसकी नजर हम दोनो पर पड गयी फिर वो उसी समय हम दोनो के पास आया और बोल

राजेश - क्या कर रहे हो आप दोनो ये
उस समय राजेश बड़ा हो चुका 9वी मे पढ्ता भी था। उसे भी सेक्स के बारे मे सब पता था ,,, उसके आने से हम लोग बहुत डर गये थे लेकिन जब मैने देखा कि राजेश एक टक दिदी की नंगी चुचिया देखे जा रहा है तो मै समझ गई इसको भी अपने खेल मे मिलाना पडेगा नही तो ये कल को कुछ कह ना दे ।

फिर मैने थोडी सोचा फिर दीदी और राजेश को लेकर कमरे मे चली गई


अब देखते है आगे के अपडेट मे क्या होगा ।
 

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