Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

Well-known member
2,150
5,197
143
राजीव सोचा कि तभी तो सरला को शिवा से चुदवाने का मौक़ा मिला, वरना कहाँ मिलता। दोनों बड़ी देर तक बातें करे। फिर राजीव ने उसका कुर्ता उतारा और ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाया और उनको चूमा। फिर वह उसकी बाँह उठाया और उसकी बग़ल सूँघा और मस्त होकर चाटने लगा। मालिनी भी अपने गाँड़ के नीचे उसके लौड़े को कड़ा होते महसूस करने लगी।

अब वह उसकी चूचि चूमते हुए बोला: बेटा चूसोगी क्या अभी?

मालिनी: जी पापा , लूँगी निकाल दीजिए। और वह उसकी गोद से उठ गयी।

राजीव अब लूँगी निकाला और मालिनी नीचे ज़मीन पर बैठी और उसके लौड़े को बड़े प्यार से सहलाई और फिर चूमने लगी। लौड़े को ऊपर से नीचे चाटकर वो अब उसको चूसने लगी। राजीव इसकी छातियों को ब्रा के ऊपर से दबाए जा रहा था। जल्दी ही वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और हाथ से उसके बॉल्ज़ को भी सहलाने लगी। अब राजीव आऽऽह ह्म्म्म्म्म्म करके उसके मुँह में अपना रस छोड़ने लगा। वह उसको पी गयी और उसके सुपाडे को चाट कर साफ़ कर दी। आख़री बूँद जो कि उसके लौड़े के छेद में लगी थी उसे भी जीभ से चाट ली। अब वो मुँह पोंछकर खड़ी हुई तो राजीव उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर दबाकर बोला: बेटा इसे चूस दूँ?

मालिनी: नहीं पापा अभी पूरा बंद नहीं हुआ है। कल चूस लेना। फिर वह अपनी कुर्ता पहनी और किचन में जाकर चाय बना कर लाई और दोनों चाय पीने लगे।

मालिनी: पापा आप बोले थे ना कि मैं गायनोकोलोजिस्ट से अपना चेक अप करवा लूँ। आप डॉक्टर से बात किए?

राजीव : हाँ बेटा अच्छा याद दिलाया । फिर वो मोबाइल से डॉक्टर को फ़ोन किया और बोला: हाँ डॉक्टर नमस्ते। मेरी बहु आपसे अपना चेक अप करवाना चाहती है। शादी को ६ महीने हो गए हैं और वो अभी तक प्रेगनेंट नहीं हुई है ।

डॉक्टर: -----

राजीव: हाँ हाँ आप सही कह रही हो अभी समय है पर एक बार चेक अप कर लो ना । इसमें कोई हर्ज है क्या ?

डॉक्टर: ------

राजीव: ठीक है मैं उसे कल १२ बजे लेकर आता हूँ। नमस्ते।
फिर उसने फ़ोन बंद किया और बोला: चलो कल १२ बजे तुमको दिखा ही देते हैं।

मालिनी उठकर उसके गोद में आकर बैठी और बोली: पापा मान लो मेरा सब ठीक हुआ तो? क्या शिवा का भी चेक अप करवाएँगे?

राजीव: तब की तब देखेंगे। अभी से क्यों सोच रही हो? वैसे डॉक्टर भी यही बोल रही थी कि आपको इतनी जल्दी क्या है? अभी एक साल भी नहीं हुआ है शादी को।

मालिनी: हाँ ये भी सच है। पर एक बार चेक अप करवा ही लेती हूँ। ठीक है ना पापा?

राजीव उसको चूमते हुए उसकी पीठ सहलाया और बोला: ज़रूर बेटा, चेक अप कराने में क्या हर्ज है।
फिर दोनों एक दूसरे से चिपके हुए प्यार से बातें करते रहे।
उधर सरला शिवा और मालिनी के जाने से थोड़ी उदास थी। सबने नाश्ता किया और अपने अपने स्कूल , कॉलेज और काम पर चले गए।अब वो ड्रॉइंग रूम में बैठी और पसीना पोंछने लगी। तभी पता नहीं कहाँ से राकेश आ गया।

सरला: तू कॉलेज से वापस भी आ गया ? अभी तो गया था?

राकेश: मम्मी मैं आज गया ही नहीं। थोड़ी देर बाहर घूम कर वापस आ गया।

सरला ग़ुस्सा दिखा कर: ये सही नहीं है बेटा, तुम्हारा आख़री साल है।

राकेश आकर उसके पास बैठा और बोला: मम्मी आप जानते हो की मैं पढ़ने में कितना तेज़ हूँ। एक दिन से कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ेगा और मैं आगे से कभी भी क्लास मिस नहीं करूँगा। पर आज तो वो दे दो आप जिसे पाने को मैं सालों से पागल हूँ।

सरला मुस्करायी: अच्छा ऐसा क्या चाहिए मुझसे?

राकेश उसको पकड़कर अपने से सटा कर बोला: आप चाहिए मम्मी जी।

सरला: तो मैं बैठी तो हूँ। ले ले मुझे।

राकेश अब उत्तेजित होकर: मम्मी क्यों तड़पा रही हो। सच मुझे आप चाहिए। वो उसकी बाँह सहलाकर बोला: मम्मी जीजा जी को तो बहुत प्यार किया थोड़ा सा मुझे भी कर दो ना।

सरला: तुझे शर्म नहीं आयी अपनी मॉ के बेडरूम में झाँकता है?

राकेश: मम्मी आपको जबसे देख रहा हूँ जब मैं छोटा था। आप ताऊजी के साथ क्या क्या करती हो मुझे सब पता है। प्लीज़ सबको मज़ा दे रही हो तो मुझे क्यों तड़पा रही हैं आप।

सरला: पर तू मेरा सगा बेटा है मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती।

राकेश अपना लंड अपने लोअर के ऊपर से दिखाया और बोला: मम्मी देखो कैसे पगला रहा है ये आपके लिए। वो यह कहकर उसका हाथ पकड़कर अपने लण्ड के ऊपर रख दिया। सरला उसके कड़े लंड के अहसास से सिहर उठी। फिर बोली: देख बेटा मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती। ज़्यादा से ज़्यादा मैं तेरी मूठ्ठ मार सकती हूँ। वो इसके लंड को अब दबाने लगी थी।

राकेश: क्या मम्मी उसमें पूरा मज़ा थोड़ी ना आएगा। मुझे तो आपको चोदना ही है।

सरला: ओह कैसी बात कर रहा है अपनी मम्मी के साथ। ये नहीं हो सकता। बस अब मैं नहाने जा रही हूँ। छोड़ मुझे।

राकेश अब अपने आप को उसकी गोद में गिरा दिया और बोला: मैं तो नहीं उठूँगा जब तक आप हाँ ना कर दो चुदाई के लिए।

अब सरला ने अपनी आवाज़ को कठोर किया और बोली: उठो अभी और जाओ कॉलेज । कह दिया ना कि माँ बेटे में ये नहीं हो सकता। उठो।

राकेश आवेशित मम्मी के इस रूप से डर गया और बोला: ठीक है मम्मी अगर आपका यही जवाब है तो आप भी सुन लो कि मैं आज से भूक़ हड़ताल कर रहा हूँ। जब तक आप चुदाई के लिए हाँ नहीं करोगी मैं खाना नहीं खाऊँगा।

सरला: वाह तू दुनिया का इकलौता बेटा हो जो कि माँ को चोदने के लिए भूक़ हड़ताल करेगा। जा मर मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।

अब राकेश चुपचाप उठा और अपना बैग लेकर बाहर चला गया और बोला: मम्मी मैं कॉलेज जा रहा हूँ।

सरला ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। वह नहाने को बाथरूम में घुस गयी और कपड़े उतारते हुए सोचने लगी। शाम तक उसकी अक़्ल ठिकाने आ ही जाएगी। फिर वह अपने बदन में पानी डालते हुए सोची कि उसके बेटे का लंड तो काफ़ी बड़ा लग रहा था। वह गरम हो गयी और अपनी बुर में साबुन से सनी ऊँगली डाल कर अपनी बुर रगड़ने लगी। अब वह अपनी छाती भी मसल रही थी और बुर भी और जल्दी ही वो उइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी।

उधर राजीव ने सरला को खाने के पहले फ़ोन किया और बोला: फिर शिवा से भरपूर चुदीं या नहीं?

सरला हँसकर: आपका बेटा आप पर ही गया है। मस्त मज़ा दिया है।

राजीव: अब कुछ दिनों में यहाँ आओ और मालिनी को अपनी और शिवा की चुदाई दिखा दो।

सरला: ये बड़ा मुश्किल होगा । मेरी बेटी का दिल टूट जाएग। प्लीज़ और कोई रास्ता ढूँढिए ना। ये बहुत दुखदाई होगा , हम तीनों के लिए।

राजीव : मुझे लगता है कि इससे मालिनी की सेक्स के प्रति भ्रांतियाँ मिट जाएँगी। वो इसे रिश्तों से ऊपर उठकर आदमी और औरत की ज़रूरत की निगाह से देखेगी।

सरला: फिर भी प्लीज़ कुछ वक़्त दीजिए ना।

राजीव : ठीक है ।चलो रखता हूँ। कोई आ रहा है?

सरला अब खाना खाकर लेट गयी।

उधर रात को शिवा आया और मालिनी से बोला: जान आज बिज़नेस बहुत अच्छा हुआ । देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूँ।

वो एक सुंदर सी लिंगरी लाया था । वो बोला : आज यही पहनना । बहुत सेक्सी लगोगी।

मालिनी: आह बहुत रोमांटिक मूड में लग रहे हो। लगता है रात भर परेशान करने वाले हैं आप।

शिवा: अब तुम्हारी लाल झंडी हरी हुई है तो गाड़ी तो दौड़ाएँगे ही जानू। फिर दोनों हंसने लगे। अब शिवा बाथरूम में जाकर नहाने लगा। मालिनी को पता नहीं क्या सूझा कि वो सीधे वो लिंगरी लेकर राजीव के कमरे में गयी और बोली: पापा देखो ये मेरे लिए क्या लाए हैं ?

राजीव कमरे में बैठकर टीवी देख रहा था। वो लिंगरी देखा और बोला: उफफफ क्या मस्त माल लगोगी इसमे ? कब पहनोगी इसको?

मालिनी: सोने से पहले।

राजीव: एक बार मुझे भी दिखाना कि कैसी लगती हो इसमें?

मालिनी: कोशिश करूँगी कि आपको दिखा सकूँ। वरना कल आपको दिन में दिखा दूँगी पहन कर।

राजीव उसको गोद में खींचकर उसके होंठ चूमते हुए बोला: बेटा कोशिश करो कि आज रात को ही दिखा दो।

मालिनी: पापा आज दिखाऊँगी तो आप उत्तेजित हो जाओगे। फिर शांत कैसे होगे?

राजीव: बेटा तुम दिखाओ तो मैं रास्ता निकालूँगा। प्लीज़ ।


मालिनी: ओके पापा मैं कोशिश करती हूँ। आप अभी खाना खाने आ जाओ। वो उसकी गोद से उठते हुए बोली। राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसकी गाँड़ दबायी और बोला: ठीक है बेटा अभी आता हूँ।
MAST HOT EROTIC UPDATE
 
Well-known member
2,150
5,197
143
अब मालिनी खाना लगाई और तब तक शिवा और राजीव दोनों आकर टेबल पर बैठ गए थे और बिज़नेस की बातें कर रहे थे। मालिनी खाना लाई तो दोनों उसको देखने लगे। वो मुस्कुराई और बोली: क्या हुआ आप दोनों मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?

राजीव: बेटा इस सलवार कुर्ता में तुम बहुत स्वीट लग रही हो। है ना शिवा?

शिवा हँसकर: पापा इस पर तो सभी कपड़े जँचते हैं।

राजीव: बिलकुल सच कहा बेटा। हमारी बहु है ही बहुत प्यारी।

मालिनी: चलिए अब मेरे पीछे मत पड़िए और खाना खाइए।
अब सब खाना खाए। फिर थोड़ी देर बाद अपने कमरे में चले गए।

अब शिवा कमरे में मालिनी से बोला: चलो ना अब लिंगरी पहनो ना।

मालिनी मुस्कुराकर बोली: अच्छा बाबा पहनती हूँ अभी।

अब वो लिंगरी लेकर बाथरूम में घुस गयी और अपने पूरे कपड़े उतारे और फिर पूरा बदन साफ़ किया और फिर बिना ब्रा के लिंगरी पहनी। पैंटी तो वो पहनती ही नहीं थी। फिर वो अपने आप पर ही मुग्ध हो गए। उसकी चूचियाँ मस्त लग रही थीं । नेट वाली लिंगरी से उसके निपप्पल साफ़ दिखाई दे रहे थे। उसकी बुर भी साफ़ दिखाई दे रही थी। बुर के फूलें हुए लिप्स भी दिखाई दे रहे थे। बुर के बीच की लकीर जैसे ग़ज़ब ही ढा रही थी। अब वह बाहर आयी और शिवा की आँखें तो जैसे बाहर ही आ गयीं उत्तेजना से । वो अपना लण्ड सहला कर बोला: उफ़्फ़्फ़क क्या दिख रही हो जान। हम्म। वो अपने होंठ पर जीभ फेरकर बोला। वो सोचा कि मालिनी का ग़दराया बदन जैसे बिजली ही गिरा रहा है। और कल मम्मी का बदन भी लिंगरी में मस्त लग रहा था। दोनों माँ बेटी साली बहुत ज़बरदस्त फाड़ू माल हैं।

शिवा: आओ जान अब पास में आओ । बहुत मस्ती आ रही है तुमको देखकर।

मालिनी: आऽऽह ग़लती हो गयी । पापा को रात का दूध देना तो भूल ही गयी। अब क्या करूँ? इन कपड़ों में तो जा नहीं सकती।

शिवा: ओह तो कपड़े बदल लो और दे आओ। अब और क्या हो सकता है।

मालिनी: एक काम करती हूँ मैं ये शाल ले लेती हूँ बहुत बड़ी है । फिर वो पूरा ढाक ली और बोली: देखो अब कुछ दिख रहा है क्या?

शिवा: नहीं अब कुछ दिख नहीं रहा है। पापा पूछेंगे कि ये क्यों पहना है। तो क्या बोलोगी?

मालिनी मुस्करायी: मैं कह दूँगी कि थोड़ी ठंड लग रही है तो पहन लिया है।

शिवा: ठीक है जाओ दूध देकर जल्दी आओ। बहुत तंग कर रहा है ये? वह अपना लंड दबाकर बोला।

मालिनी बाहर आयी और किचन में जाकर दूध लायी और राजीव के कमरे में गयी और दूध साइड टेबल पर रख कर बोली: पापा दूध पी लेना।

राजीव आँख मारकर: वो तो पी ही लूँगा बेटा। ये शाल उतारकर दिखा कि इसके पीछे क्या छिपाया है?

मालिनी अपनी शाल उतार कर बोली: लो देखो । आपको दिखाने के लिए ही तो आयी हूँ।

राजीव के होश ही उड़ गए उसकी अर्धनग्न जवानी देखकर। वो बोला: उफफफफ क्या माल हो बेटा तुम। आऽऽऽऽह मेरा पूरा खड़ा हो गया। वो अपने लण्ड को मसलते हुए बोला।

वो उसकी चूचियाँ देख रहा था जिसके बड़े निपल्ज़ पूरे खड़े हुए थे। शायद वो भी उत्तेजित ही थी। नीचे उसकी बुर का शेप और उसकी फाँक देखकर वो मस्ती से भर गया। वो उठा और उसके निपल को एक ऊँगली और अंगूठे में लेकर मसला और मस्ती से भर गया। फिर नीचे जाकर उसकी बुर के दर्शन किया और वहाँ भी ऊँगली से सहलाया। अब मालिनी बोली: पापा चलती हूँ। वो चोदने के लिए पागल हो रहे हैं।

राजीव: अच्छा बेटा जाओ। पर आज तुमको चुदवाते हुए देखने की इच्छा हो रही है। देख लूँ क्या?

मालिनी हँसकर: पापा आप और ज़्यादा उत्तेजित ही होंगे ।क्या फ़ायदा होगा । देख लो आप क्या चाहते हो।

राजीव उसकी बुर को सहलाते हुए: मेरी इच्छा है तुमको नंगी चुदवाते देखने की। बोलो देख लूँ?

मालिनी हँसकर: ठीक है देख लीजिए। मैं खिड़की थोड़ी सी खोल दूँगी। आप परदे के पीछे से देख लेना। ओके ?

राजीव उसके होंठ चूसते हुए: ठीक है बेटा मैं देखूँगा। वो उसकी चूचियाँ दबाकर उसे जाने का इशारा किया।

मालिनी ने शाल लपेटी और अपने कमरे में जाकर दरवाज़ा बंद किया ।

शिवा: दे दिया पापा को दूध?

मालिनी: हाँ दे दिया। फिर हँसकर अपनी शाल उतारी और बोली: आपको क्या दूँ?

शिवा मुस्कुराया : आओ बताता हूँ क्या लेना है।

मालिनी: आप बाथरूम हो आओ । फिर मैं भी जाऊँगी।

शिवा मुस्कुराया: लंड बिलकुल साफ़ चाहिए चूसने के लिए । यही ना?

मालिनी: हाँ बिलकुल। मैं अपनी भी भी साफ़ रखती हूँ। ताकि आपको भी कोई इन्फ़ेक्शन ना हो।

शिवा बाथरूम में गया और मालिनी ने खिड़की थोड़ी सी खोल दी और पर्दा खींच दिया।

तभी शिवा बाथरूम से बाहर आया और अब वो बाथरूम चली गयी। जब वो बाहर आयी तो उसने देखा कि शिवा पूरा नंगा बिस्तर में पड़ा था और अपने आधे खड़े लंड को सहला रहा था।

मालिनी मुस्कुरा कर: वाह पूरे तय्यार हो चढ़ाई के लिए ।

मालिनी आकर उसके ऊपर चढ़ गयी और दोनों एक प्रगाढ़ चुम्बन में लीन हो गए। शिवा के हाथ उसकी गरदन , पीठ और चूतरों पर घूम रहे थे। अब मालिनी शिवा की जीभ चूस रही थी। उसके कनख़ियों से खिड़की की तरफ़ देखा तो उसे एक परछाईं सी नज़र आयी और वो समझ गयी कि पापा आ गए है । वो ये सोचकर उत्तेजित होने लगी कि पापा उनकी चुदाई देखेंगे।

अब शिवा उसके गाउन को नीचे से पकड़कर ऊपर उठाया और मालिनी की गाँड़ सहलाने लगा। उसके हाथ उसके भरे हुए जाँघों पर भी थे।

उधर राजीव को शिवा पर सवार मालिनी की गाँड़ साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। उसके बड़े बड़े गोरे चूतरों पर शिवा के हाथ मस्ती कर रहे थे मानो आटा गूँद रहे हों। उसकी गाँड़ की दरार में उसकी उँगलियाँ घुसकर मालिनी को उत्तेजित कर रही थीं। राजीव ने अपना लंड बाहर निकाला और उसको सहलाने लगा।

अब मालिनी अपने आप को ऊपर उठायी ताकि शिवा उसकी चूचियाँ भी सहला सके । शिवा उसकी चूचियाँ दबाकर उसकी निपल को वैसे ही ऐठने लगा जैसे कुछ देर पहले पापा ने किया था । मालिनी आऽऽऽहहह कर उठी।

शिवा: जान लिंगरी उतारो ना। अब रहा नहीं जा रहा।

मालिकी उठी और बिस्तर से नीचे आकर खड़ी हो गयी।

शिवा को सरला का डान्स याद आया ! उसे याद करके वो बोला: जान, आज मेरी एक इच्छा पूरी करोगी?

मालिनी: क्या ?

शिवा मोबाइल से वही गाना बजाया - बिड़ी जला ले -- और बोला: जान ज़रा एक सेक्सी डान्स करो ना। और नाचते हुए ही नंगी हो जाना।

राजीव के लंड ने अपने बेटे की ये बात सुनकर झटका मारा। आऽऽऽहहह क्या गरम लौंडा है, बिलकुल मुझपे ही गया है- वो सोचा।

मालिनी मुस्करायी कि बाप बेटा दोनों ही शो देखेंगे। पर बाहर से दिखावे के लिए बोली: छि मुझे शर्म आती है ।

शिवा: अरे जान मुझसे कैसी शर्म? प्लीज़ करो ना।

मालिनी : अच्छा करती हूँ। गाना शुरू से बजाओ।

शिवा ने गाना बजाया। अब मालिनी मस्ती से नाचने लगी । शिवा की तो आँखें ही फैल गयीं थीं। उफफफ क्या नाचती है दोनों माँ बेटी। तभी मालिनी ने अपनी चूचियाँ और गाँड़ किसी रँडी की तरह हिलाने शुरू किए । अब तो शिवा के लण्ड ने प्रीकम छोड़ना शुरू किया।

मालिनी नाचते हुए खिड़की तक गयी और एकदम से उससे सटकर नाचने लगी और छातियाँ हिलाने लगीं। राजीव परदे के ऊपर से ही उसकी छातियाँदबा दिया। वो फिर मुड़ी और अपनी गाँड़ मटका कर नाचने लगी । राजीव तो जैसे पागल सा हो गया।

अब वो खिड़की से आगे आकर बिस्तर के पास आयी ताकि शिवा भी उसे दबा ले । उसने भी उसके बदन को सहलाया।

अब वो नाचते हुए किसी मस्त रँडी की तरह अपनी लिंगरी उतारने लगी! अब उसने लिंगरी की सामने की रस्सी खोली और उसको ऊपर की ओर उठायी और धीरे धीरे नंगी होने लगी। पूरी नंगी होकर अब वह अपनी छातियाँ हिलाकर और गाँड़ हिलाकर नाच रही थी। शिवा अब तुलना करने लगा माँ और बेटी में। जहाँ मालिनी की चूचियाँ एक दम ठोस थीं और बड़े अनार की तरह उसकी छाती से सटी हुई थी और पूरी तरह से अपने दम पर खड़ी थी। सासु माँ की चूचियाँ बड़े आम सी थीं और अपने वज़न से थोड़ी नीचे को झूँकि हुई थी। और वो थोड़ी नरम भी थीं। मालिनी का पेट एकदम चिपका सा था जबकि सासु माँ का थोड़ा बाहर को निकला हुआ था । और चूतर तो सच में सासु माँ के ही क़यामत थे पूरे उभार लिए हुए जबकि मालिनी के थोड़े छोटे थे पर गोल गोल गोरे चूतर किसी को भी पागल कर सकते थे। अब वो नाचती हुई खिड़की के पास गयी और पहली बार अपने ससुर को अपनी छातियाँ पूरी नंगी दिखा कर मस्ती से हिलाने लगी।

उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ राजीव का बहुत ही बुरा हाल था । आज पहली बार अपनी बहु की नंगी चूचियाँ उसके सामने नंगी थी और वी और वो उनको उछालकर नाच रही थी। वो परदे से सटी और राजीव ने हाथ निकाल कर उसकी नंगी चूचियाँ सहलायी। अब वो खिड़की के ओर अपनी गाँड़ करके अपनी गाँड़ हिलाने लगी। राजीव उसकी रंडीपने से मस्त हो गया।

अब वो आयी और बिस्तर पर लेटे शिवा के लण्ड को सहलायी और चूमने लगी। उसने अपनी गाँड़ को उठाकर खिड़की की तरफ़ किया और टाँगे फैलायीं ताकि पापा को उसकी पूरी छवि साफ़ साफ़ दिखाई दे। अब वो उसके लण्ड को पूरे ज़ोर से चूसने लगी। अब शिवा आऽऽऽहहहहह जान क्या चूस रही हो। अब वो उसको 69 के लिए बोला। मालिनी उसके ऊपर घूम गयी और अब वो उसकी बुर चूसने लगा और वो अब उसके बॉल्ज़ और लण्ड दोनों चूस रही थी।

राजीव अब अपने लौड़े को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा।

शिवा अब मस्त होकर मालिनी को बोला: चलो अब नीचे आओ। वह घूम कर नीचे आ गयी और अपनी टाँगें उठा दी। वह खिड़की की तरफ़ देखा और वहाँ अब भी राजीव का अहसास हुआ उसको । वो मुस्कुराई और अब अपनी टांगों को पूरा फैलायीं और अपने बुर में ऊँगली डालकर शिवा को दी और वो उसे चूसने लगा। अब राजीव के सामने उसकी खुली हुई बुर थी जो उसे पूरी गीली दिखाई दे रही थी ।
अब शिवा उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखा और अपना लण्ड धीरे से अंदर किया। अब मालिनी उइइइइइइइ माँआऽऽऽ कर उठी। फिर शिवा ने उसके दूध मसलते हुए उसकी चुदाई शुरू की। राजीव ने देखा कि सच में उसकी चुदाई में कोई बात थी। वो बहुत ही ज़ोरदार धक्के मार रहा था। सरला भी यही बोली थी की बहुत ज़बरदस्त चोदता है।

शिवा की कमर एक मशीन की तरह चुदाई में लगी हुई थी। अब मालिनी की आऽऽऽऽहहह। हाऽऽऽऽऽय्य जीiiii और चोओओओओओओओदो। आऽऽऽऽऽहहह फ़ाआऽऽऽऽऽऽऽड़ दो ।

फिर वह नीचे से अपनी गाँड़ उछालकर बोली: उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ मैं तोओओओओओओओओ गयीइइइइइइइइइ।

अब शिवा भी अपनी कमर दबाकर आऽऽऽऽहहह ह्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा।

उधर राजीव भी अपने लंड का माल अपनी लूँगी में गिराने लगा।

तीनों अब शांत थे।

अब राजीव अपने कमरे में आ गया। उसकी बहु का नंगा जवान बदन उसे अब भी मस्ती से भर रहा था। उफफफफ क्या मस्त जवानी है और आज तो उसने नंगी होकर नाच कर भी दिखा दिया। सच में उसे अब चोदना ही होगा जल्द से जल्द।


उधर शिवा और मालिनी थोड़ी देर आराम करने के बाद फिर से एक दूसरे को चूमने लगे। जल्दी ही वो गरम हो गए और अगले राउंड की चुदाई में लग गए। आधा घंटा गुज़र गया उनकी चुदाई में। फिर दोनों थक कर सो गए।
MAST HOT EROTIC UPDATE
 
Well-known member
2,150
5,197
143
अगले दिन सुबह मालिनी चाय बनाकर राजीव को आवाज़ दी।राजीव बाहर आया । अब वो लूँगी बनियान में था। वो आकर टेबल पर रखी चाय पीने लगा। तभी मालिनी भी अपनी चाय लाकर साथ में बैठी और बोली: तो पापा आज पार्क में कितनी आँटियों को लाइन मारी?

राजीव: आज मैं और मेरे साथ कई आदमी एक औरत को ताड़ रहे थे वो एक तंग पजामी में थी । उसकी मोटी गाँड़ सबको बहुत आकर्षित कर रही थी। अगर तुम्हारी मम्मी को वो पजामी पहना दूँ तो उसकी गाँड़ भी ऐसी ही दिखेगी।

मालिनी हँसकर: आप भी ना मेरी मम्मी के पीछे ही पड़े रहते हो।

राजीव : वो चीज़ ही ऐसी है। वैसे बेटा कल के तुम्हारे शो ने मुझे पागल ही कर दिया। उफफफ तुम्हारी चूचियाँ कितनी सख़्त हैं अनार कि तरह।

मालिनी: आप कल उनको नंगी देख ही लिए।

राजीव: बेटा अब जब एक बार देख और दबा लिया हूँ तो आओ ना अभी अच्छे से दिखा दो और दबवा लो। वह अपना लंड लूँगी के ऊपर से दबाकर बोला।

मालिनी: अच्छा पापा आप एक बात बताओ । कल आपने देखा ना की शिवा मुझे कितना प्यार करते हैं और कितना मज़ा देते हैं । फिर आप ही बोलो किमैं कैसे और क्यों उनको धोका दूँ। आपको पता है परसों जब हम मेरे मायके जा रहे थे तो रास्ते में एक ढाबे में रुके थे। वहाँ एक लड़की शीला मिली थी जो अपने ससुर के साथ आयी थी। उसे मैंने अपने ससुर से चुदवाते हुए देखा।

राजीव की आँखें बड़ी बड़ी हो गयी। वो बोला: सच वाह क्या बात है।

मालिनी हँसकर : पर उसका केस अलग है। उसका पति उसे मज़ा नहीं दे पाता और बाहर भी रहता है। उसका हथियार भी कमज़ोर है। इसलिए वो अपनी ज़रूरत ससुर से पूरी करती है। पर मेरे साथ तो ये सब नहीं है ना। आपने कल देख ही लिया।

राजीव मुँह लटकानेवाली ऐक्टिंग करके: हाँ वो तो है। मेरा बेटा चुदाई में भी मुझपर ही गया है। तो फिर कोई स्कोप नहीं है मेरा।

मालिनी हँसकर उसके पास आकर खड़ी हुई और उसको चूमकर: पापा कोई ना कोई रास्ता निकलेगा। अब तो आप मुझे अच्छे लगने लगे हो।

राजीव ने भी उसके चूतरों को सहलाकर कहा: सच बेटा तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो। फिर उसकी चूचियों को दबाकर बोला: बेटा आज गैनकोलोजिस्ट के पास भी जाना है ना? १२ बजे का टाइम लिया है।

मालिनी अब भी खड़ी हुई अपनी चूचियों को दबवाती हुई बोली: आऽऽऽह पापा अब छोड़ो ना। शिवा को उठाती हूँ।

राजीव : बेटा एक बार बुर को चूम लेने दो ना प्लीज़।

मालिनी: पापा आप एक बार तो कभी चूमते ही नहीं हो। बीसियों बार चूम लेते हो। शिवा के जाने के बाद चूम लेना।

राजीव: अभी एक बार चूम लेने दो प्लीज़ । बाद में अच्छे से चूसूँगा।

मालिनी : आप कहाँ मानोगे। यह कहकर वह अपनी नायटी उठायी और राजीव के सामने उसकी बुर थी। राजीव सोफ़े पर बैठा था और वो उसके सामने खड़ी थी। गोल गोल जाँघों के बीच में उसकी फूली हुई बुर बहुत मस्त दिख रही थी। वो हाथ से जाँघों को सहलाया और फिर बुर के ऊपर भी हाथ फेरा। फिर मस्त होकर आगे को झुका और उसकी बुर को सूँघा। उफफफफ क्या मस्त गंध थी। साबुन और सेक्स की मिली जुली गंध थी। वो उसे कई बार चूमा और फिर जीभ से भी रगड़ा। उधर उसके हाथ उसके गोल गोल नंगे चूतरों को भी दबा रहे थे। मालिनी उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पापा अब छोड़ो ना। आपने कई बार चूम ही लिया। आऽऽऽऽहहह । बस करो।

अब राजीव ने उसे घुमाया और उसके चूतरों को चूमने और काटने लगा। फिर उसने चूतरों को फैलाया और गाँड़ के छेद को भी चाटा और बोला: सुबह सुबह कितना साफ़ रखती हो?

मालिनी: जिस लड़की के घर में दो दो हॉर्नी आदमी हो वो अपने ससुर और पति के स्वास्थ्य का ध्यान तो रखेगी ही ना। मैं थोड़े चाहूँगी कि आप दोनों बीमार पड़ो। इसलिए मैं दोनों छेद साफ़ रखती हूँ। पता नहीं कौन क्या चूमने या चाटने लग जाए। हा हा ।

राजीव भी हँसकर उसकी नायटी नीचे करके बोला: जाओ शिवा को चाय दे दो।

मालिनी चाय लेकर शिवा को उठाई और फिर वह भी थोड़ी सी मस्ती किया और फिर तय्यार होकर दुकान चला गया।

मालिनी भी बाई से काम करवाने लगी। राजीव नहाने जाते हुए बोला: बेटा तय्यार हो जाना, डॉक्टर के पास जाना है।

मालिनी नहाकर तय्यार हुई और कमरे से बाहर आयी। उसने साड़ी और लो कट का स्लीव्लेस ब्लाउस पहना था। साड़ी भी नाभि दर्शना थी जो कि उसके चिकने सपाट पेट और गहरी नाभि का दर्शन करा रही थी। आज उसने पैंटी भी पहनी थी वरना चेक अप के दौरान डॉक्टर को पता चल जाता कि वो पैंटी पहनती ही नहीं है।

राजीव भी बाहर आया और उसे देखकर बोला: वाह क्या दिख रही हो बेटा। बहुत प्यारी लग रही हो। पर अभी तो चालीस मिनट है निकलने में।

मालिनी: पापा मुझे कुछ राशन लेना है। पहले समान ले लेंगे फिर डॉक्टर के पास चलेंगे। राजीव अब उसके साथ बाहर निकाला और कार निकालते हुए बोला: बेटा अब तुम्हारा पिछवाड़ा बहुत सेक्सी हो गया है। साड़ी में भी क़यामत नज़र आ रही हो।

मालिनी मुस्करायी और बोली: पापा आप बस मुझे छेड़ने के बहाने ढूँढते हो।

रास्ते भर वो उसकी जाँघ सहलाते हुए कार चला रहा था। दुकान पर आकर दोनों अंदर गए। राजीव : मैं यहीं खड़ा हूँ तुम ले आओ सामान ।

मालिनी जब ट्रॉली में सामान लेकर आयी तो उसने देखा कि राजीव एक आदमी से हँसकर बातें कर रहा था। राजीव ने उसका परिचय कराया : बेटा ये मुकेश जैन अंकल हैं । मेरे दोस्त हैं। और मुकेश ये मेरी बहु मालिनी है।

मुकेश उसको खा जाने वाली निगाहों से देखते हुए बोला: भाई आपकी बहू बहुत प्यारी है। मालिनी ने साफ़ साफ़ देखा कि वो उसकी छातियों को घूर रहा था और उसकी आँखों में वासना भरी हुई थी। तभी एक मालिनी की उम्र की एक लड़की वहाँ आइ और मुकेश से बोली: पापा ये सामान हो गया अब आप कार्ड दो पेमेंट करना है। वह सलवार कुर्ते में बहुत हसीन लग रही थी। और उसका सब कुछ बड़ा बड़ा सा था। राजीव ने देखा कि वो एक थोड़ी सी मोटी लड़की थी।

मुकेश: ये रुचि है मेरी बहु। और रुचि ये मेरे दोस्त राजीव और ये मालिनी उनकी बहु है।

मालिनी और रुचि ने हाथ मिलाया। फिर मुकेश बोला: चलो साथ में एक कोफ़्फ़ी शाप है कोफ़्फ़ी पीते है।

राजीव: यार फिर कभी । आज कुछ काम है। तबतक रुचि और मालिनी ने सेल नम्बर ले लिए थे एक दूसरे के।

फिर वो बाहर आकर कार में बैठे। मालिनी: पापा ये आपके दोस्त अच्छा आदमी नहीं है।

राजीव: अरे क्या हुआ बेटा?

मालिनी: पापा उनकी आँखें वासना से भरी हुई थीं।

राजीव: ओह ऐसा क्या। चलो छोड़ो । हो सकता है कि तुमको ग़लत फ़हमी हो गयी होगी।

मालिनी: पापा हम लड़कियों को सब समझ में आ जाता है कि आदमी कैसा है।

तभी हॉस्पिटल आ गया और दोनों अंदर पहुँचे। राजीव उसे लेकर डॉक्टर के चेंबर में ले गया। वह बाहर बैठे आदमी से बोला: डॉक्टर मैडम हैं ?

आदमी: वो तो आज नहीं आयीं हैं । उनकी तबियत रात को ख़राब हो गयी है।

राजीव: ओह तो कोई दूसरा डॉक्टर नहीं है?

आदमी : हाँ है ना वो सामने वाले चेम्बर में बैठे हैं।

राजीव अंदर गया और थोड़ी देर में बाहर आकर बोला: बहु दूसरा डॉक्टर तो है मगर वह बुज़ुर्ग आदमी है। उसे दिखाओगी क्या?

मालिनी: पापा आदमी को दिखाने में शर्म आएगी ना। प्लीज़ वापस चलो आज।

राजीव : बेटा डॉक्टर तो डॉक्टर होता है क्या आदमी और क्या औरत । मेरा ख़याल है इनको दिखा दो। उस मैडम से भी बड़े डॉक्टर है ।फिर मैं तो यही बाहर रहूँगा ही ना।

मालिनी: ठीक है पापा आप बोलते हो तो चली जाती हूँ।

वो अंदर गयी और अंदर डॉक्टर बैठा था जो कि क़रीब ६० साल का था। वो मालिनी को देखकर बोला: आओ बेटी। यहाँ बैठो। बताओ क्या नाम है? उम्र। वो उससे पूछ कर लिखता जा रहा था। फिर बोला: हाँ बोलो क्या तकलीफ़ है?

मालिनी: जी जी तकलीफ़ कोई नहीं है।

डॉक्टर: अरे तो फिर यहाँ क्यों आइ हो बेटी?

मालिनी: जी मेरा मतलब है कि मेरी शादी को ६ महीने हो गए हैं और मैं अभी तक प्रेगनेंट नहीं हुई हूँ।

डॉक्टर हंस कर: सिर्फ़ ६ महीने और प्रेगनेन्सी की बात। बेटी अभी तुमको मौज मस्ती करनी चाहिए। इतनी जल्दी क्या है माँ बनने की।

मालिनी: पर डॉक्टर हम दोनों रोज़ कई बार सेक्स करते है फिर भी मैं अभी तक क्यों प्रेगनेंट नहीं हुई? हम लोग कोई प्रटेक्शन भी नहीं उपयोग नहीं करते।

डॉक्टर: ओह तो क्या हुआ ।तुम लोग प्रयास करते रहो। सब कुछ ठीक हो जाएगा। वैसे अगर तुम चाहो तो मैं चेक अप कर लेता हूँ। चलो वहाँ लेट जाओ।फिर उसने फ़ोन पर एक नर्स बुलाया। क़रीब ४० साल की नर्स आकर मालिनी को बिस्तर पर लिटायी और तभी डॉक्टर आया। अब वो उसके पेट को चेक किया और फिर वहाँ दबाकर बोला: बेटी कहीं दर्द तो नहीं हो रहा है ?

मालिनी: जी नहीं ।

डॉक्टर: चलो नर्स साड़ी उठाओ। वह साड़ी और पेटिकोट उठायी। अब उसकी पैंटी साफ़ दिख रही थी। नर्स उसे कमर ऊपर करने को बोली। मालिनी ने शर्म से आँख बंद की और अपनी कमर उठाई। नर्स ने पैंटी उतारी और अब वो मालिनी की टांगों को घुटनों से मोड़ी और उनको फैला दी। अब डॉक्टर उसकी जाँघों के बीच आ गया और उसने अपने हाथ में ग्लव्ज़ लगाया। और टॉर्च से मालिनी की खुली बुर का निरीक्षण किया। फिर उसने अपनी दो उँगलियों का उपयोग करके उसकी बुर को खोला। अब वो उसके अंदर झाँका और जाँच किया। उसकी गुलाबी बुर की छबी देखकर डॉक्टर भी मस्त हो गया। अब उसने उसके अंदर दो उँगलियाँ डाल दी और अच्छी तरह से चेक अप किया। फिर वो मानो उसकी उँगलियों से चुदाई करने लगा। वो उँगलियाँ अंदर बाहर कर रहा था। नर्स उसे हैरानी से देखी तो वो शांत होकर उँगलियाँ बाहर निकाला। तभी नर्स की निगाह डॉक्टर के पैंट में बने तंबू पर पड़ी। वो हैरान हो गयी कि ये इस उम्र में भी इतना गरम इंसान है? वो नर्स अभी कुछ दिन पहले ही आयी थी इस नौकरी पर और डॉक्टर उसे पता चुका था। तभी मालिनी को नर्स ने उठने का इशारा किया। वो अपनी पैंटी पहनी और कपड़े ठीक की। तभी उसे भी डॉक्टर का उठा हुआ पैंट का हिस्सा दिखाई दिया। वो भी हैरान हो गयी।


डॉक्टर: बेटी तुम्हारी अंदर की जाँच से तो सब ठीक ही लगता है।वो जाकर अपनी कुर्सी में बैठ गया। नर्स उसके पास आकर फुसफुसाई: सर ये क्या हो गया आपको आज? ऐसा ये कभी भी खड़ा नहीं होता ? वो उसकी पैंट की ओर इशारा करके बोली। उधर पार्टिशन की दूसरी तरफ़ कपड़े ठीक करती हुई मालिनी को कुछ बातों की आवाज़ें आयी तो वो कान लगाकर ध्यान से सुनने लगी। उसने नर्स की बात सुन ली थी।

डॉक्टर: अरे ऐसी पुसी कई दिनों के बाद देखा है। उफफफ बहुत ही मस्त टाइट और गुलाबी सी है। बहुत प्यारी सी है। इसलिए मेरा खड़ा हो गया।

नर्स: अरे आपका कितना चूसती हूँ तभी खड़ा होता है। आज तो मस्त खड़ा है आपका।

डॉक्टर: बस ये जाए तो इसके बाद तुमको चोदूँगा। आऽऽह्ह्ह्ह्ह वह अपना लंड दबाने लगा।

तभी मालिनी चुप चाप बाहर आयी और बोली: तो डॉक्टर मैं जाऊँ?

डॉक्टर: हाँ हाँ जाओ। बस कोशिश करती रहो, तुममें कोई कमी नहीं है। वैसे मेरी सलाह है कि इतनी जल्दी क्या है माँ बनने की। जवान हो ख़ूबसूरत हो अभी ज़िन्दगी के मज़े लो। बच्चे पैदा करने के लिए टाइम ही टाइम है।

मालिनी उसकी बातों को अनसुना करके बोली; तो क्या मेरे पति में कोई कमी होगी?

डॉक्टर: बेटी बिना चेक अप के तो नहीं बता सकता। पर अगर वो स्वस्थ है तो जेनरली कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। मेरा सुझाव है कि अभी और कोशिशें करो, भगवान फल देगा।

मालिनी: ठीक है डॉक्टर ।कहकर बाहर आ गयी।

बाहर राजीव इंतज़ार कर रहा था । वो बोला: बेटा क्या रहा? सब ठीक है ना?

मालिनी: जी पापा सब ठीक है। आप पेमेंट करिए। मैं कार में बताऊँगी।

जब वो कार में जा रहे थे तो मालिनी ने डॉक्टर के साथ हुई बातें उसको बतायीं। राजीव ने उसकी जाँघों को सहलाया और बोला: बेटा मैं बोला था ना कि तुममें कोई कमी नहीं है।

मालिनी: अपना मतलब क्या है कि कमी शिवा में है?

राजीव: हाँ हो सकता है और हो नहीं भी सकता है। जब तक वो चेक अप नहीं कराएगा , कैसे कह सकते हैं।


मालिनी दृढ़ता से बोली: मैं उनका चेक अप नहीं करवाऊँगी। मुझे पता है कि उनमें कोई कमी नहीं है।
MAST HOT EROTIC UPDATE
 
Well-known member
2,150
5,197
143
राजीव ने सोचा कि इस पर अब कोई फ़ायदा नहीं बहस करने से । फिर मालिनी ने राजीव को डॉक्टर और नर्स के बीच में हुई बातों को भी बताया। तो राजीव हँसकर बोला: देखो वो डॉक्टर रोज़ दस बीस बुर देखता होगा। और उसने तुम्हारी बुर की इतनी तारीफ़ की है तो कोई तो बात है ना इसमे। वह साड़ी के ऊपर से ही उसकी बुर को दबाकर बोला।

दोनों घर पहुँचे तो मालिनी का फ़ोन बजा। उधर शीला थी : हाय मालिनी, कैसी हो?

मालिनी: ठीक हूँ तुम कहाँ हो?

शिला: अरे मैं तुम्हारे घर के पास ही आयी हूँ। तभी तुम्हारी याद आइ। अगर तुमको कोई परेशानी ना हो तो चाय पीने आ जाऊँ?

मालिनी: हाँ हाँ आओ ना। मैं अपना पता sms करती हूँ। बाई।

राजीव : ये कौन है? मैं तो तुमसे मज़े लेना चाहता था।

मालिनी: पापा ये वोहि रिज़ॉर्ट वाली लड़की है जो अपने ससुर से मज़ा ले रही थी।

राजीव: ओह हाँ हाँ तुमने बताया था। चलो ठीक है हम भी मिल लेंगे। वो आँख मारते हुए बोला।

मालिनी हँसकर : पापा आप भी ना छैला हो। यह कहकर वो उसके लंड को दबा दी और बोली: चेक कर रही हूँ कि खड़ा हो गया है क्या शीला का नाम सुनकर। फिर वो हँसने लगी।

तभी घंटी बजी और मालिनी शीला को अंदर लायी। राजीव अभी अपने कमरे में ही था। सोफ़े पर बैठ दोनों बातें करने लगी। एक दूसरे के परिवार को जानने के बाद बातें शीला के पति पर आ गयीं।

शीला रुआंसी होकर: मेरी तो कई बार इच्छा होती है कि आत्म हत्या कर लूँ। मेरे पति को मुझसे कोई मतलब नहीं है। महीनो बाहर ही रहते हैं। घर आते हैं तो भी मुझसे कोई सम्बन्ध नहीं रखते। कई बार तो मुझे लगता है कि वो गे है। अगर सास ससुर का ख़याल नहीं होता तो सच में मर चुकी होती अब तक।

मालिनी: अरे ऐसा क्यों कहती हो? परेशानी तो जीवन में आती रहती है ।हमको उसका मुक़ाबला करना होता है। कम से कम तुमको सास ससुर तो अच्छे मिले हैं ।

शीला: हाँ वो दोनों बहुत अच्छे हैं । मालिनी सोची कि ससुर कितने अच्छें है वो तो मैं देख चुकी हूँ। मज़े से चोद रहे थे इसे। वो बोली: तुम बैठो मैं चाय लाती हूँ।
शीला : चलो मैं भी किचन में ही चलती हूँ।

मालिनी और शीला किचन में थीं तभी राजीव बाहर आया और उसको किचन से बात करने की आवाज़ें आने लगी। वह जाकर चुपचाप किचन के साइड में खड़ा हो गया और उनकी बातें सुनने लगा।

मालिनी: तुम बोली ना कि तुम्हारा पति से कोई ख़ास शॉरीरिक सबँध नहीं बन पता। तो अपनी प्यास कैसे बुझाती हो?

राजीव के कान मालिनी का प्रश्न सुनकर खड़े हो गए।

शीला: वो वो अब क्या बताऊँ। बोलने में भी शर्म आती है। छोड़ो इन बातों को।

मालिनी: अरे बताओ ना। मन की बात कहने से मन हल्का हो जाता है।

शीला: ये मैं नहीं बता सकती।

मालिनी: चलो मैं ही बता देती हूँ। मैंने तुमको उस दिन कोट्टेज में अपने ससुर से करवाते देखा था।

शीला का चेहरा सफ़ेद पड़ गया। वो हकला कर बोली: आप आप मतलब याने कि ओह हे भगवान।

मालिनी: हाँ और तभी से मैं सोच रही हूँ कि ये सही है या ग़लत?

शीला रोने लगी। अब मालिनी ने उसको अपनी बाँहों में लेकर चुप कराया और बोली: अरे मैं तो बस वही बता रही हूँ जो मैंने देखा। अच्छा ये बताओ कि ससुर ज़बरदस्ती किए हैं क्या?

राजीव ने साँस रोकी कि देखो क्या जवाब देती है वो।

शीला आँसू पोंछकर : नहीं बिलकुल नहीं। जो भी हुआ मेरी रज़ामंदी से ही हुआ। ससुर जी बड़े भले आदमी हैं।

चाय बन चुकी थी सो मालिनी बोली: चलो बाहर बैठ कर पीते हैं। अब राजीव वहाँ से हटकर अपने कमरे में जाकर सुनने लगा।

मालिनी: तो ये सब कैसे शुरू हुआ?

शीला: असल में मैं बहुत उदास रहती थी।हमारी शादी को २ साल हो चुके थे। पति का ना ही साथ था और ना ही शारीरिक संतुष्टि। तब एक दिन पापा मेरी उदासी का कारण पूछे। मैं उनको बता दी कि उनका बेटा नकारा है। वो हतप्रभ रह गए। फिर धीरे धीरे वो मुझसे बातें करने लगे और मैं भी उनसे खुलने लगी। जल्दी ही हम अच्छे दोस्त बन गए। सास को भी मैंने इशारे में सब बता दिया क्योंकि वो मुझे बच्चे के लिए कहती रहती थी। एक दिन सास कीर्तन में गयी थी तब मेरे पति का फ़ोन आया। वो बोले कि मुझे तीन महीने और लगेंगे बाहर में। उनका फ़ोन रख कर मैं रोने लगी। तब पापा ने मुझे चुप कराया और तभी मैं उनके सीने में सर रखकर रोए जा रही थी।फिर सब कुछ अपने आप जैसे होता चला गया। और मैं उनके साथ बिस्तर पर थी और सब कुछ हो गया। बात ये थी किमैं तो प्यासी थी ही। ससुर भी प्यासे थे क्योंकि सासु माँ आजकल धर्म कर्म में बहुत विश्वास करती है। और कई कई दिन उनको छूने नहीं देती है। बस तब से हम छुप छुप कर मिलते रहते हैं।

मालिनी: ओह कभी सास को पता चल गया तो?

शीला: पापा बोलते हैं देखा जाएगा। वैसे पापा को शक है कि माँ को पता है या शक है हमारे रिश्ते का।

अचानक पता नहीं मालिनी को क्या सूझा कि उसके मुँह से निकल गया: एक बात बताओ कि अपने ससुर के अलावा भी किसी से मज़ा ली हो?

शीला: हाँ जब मायके जाती हूँ तो अपने रिश्ते के मामा से करवा लेती हूँ। क्या करूँ ऐसा निकम्मा पति मिला है।

मालिनी: ओह । मेरे घर में भी एक प्यासा मर्द है, उसको दोगी?

शीला चौक कर बोली: क्या? कौन है?

मालिनी: मेरे ससुर जी। वो भी बहुत प्यासे हैं। करवाओगी उनसे ? सासु माँ के जाने के बाद वो बहुत बेचैन रहते हैं।

राजीव चुपचाप उनकी बातें सुन रहा था। उसका लंड ठुमकने लगा। और उसे अपनी बहु पर बहुत प्यार आया।

शीला: मगर ये कैसे सम्भव है? मतलब तुम्हारे सामने?

मालिनी: मैं पापा को बोलती हूँ । अगर वो चाहेंगे तो सब हो जाएगा। तुम अपना बोलो की तुम करवाओगी क्या?

शीला हिचकते हुए : मैंने उनको आज तक देखा नहीं है। और आप बोलती हो कि मैं उनसे करवा लूँ। ये कैसे सम्भव है।

मालिनी: अरे तो मिल लो ना अभी। मैं उनको बुलाती हूँ।

वो राजीव के कमरे में जाकर आवाज़ दी: पापा बाहर आयिए ज़रा।

राजीव अपना लंड दबाकर बाहर आया और बोला: हाँ बहू बोलो क्या बात है?

मालिनी: पापा आओ ना इनसे मिलो ये शीला हैं । और शीला ये मेर ससुर जी हैं ।

शीला ने उसे नमस्ते की। राजीव उससे बातें करने लगा। एक दूसरे के परिवार के बारे में बातें किए।

अब मालिनी ने शीला को इशारे से पूछा कि पापा पसंद हैं ?

शीला शर्मा कर हाँ में इशारा की। राजीव ने सब देखा पर ना देखने का अभिनय किया।

अब मालिनी राजीव को बोली: पापा आपसे अकेले में बात करनी है। आओ ज़रा।

वो दोनो उसके कमरे में गए। वहाँ मालिनी बोली: आपको शीला कैसी लगी?

राजीव मन ही मन ख़ुश होकर: ठीक है, क्यों क्या हुआ?

मालिनी : पापा मैं उसे आपसे चुदवाने के लिए तय्यार की हूँ। बोलो क्या कहते हो?

राजीव ने ख़ुशी से उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठ चूमकर बोला: बेटी दिल ख़ुश कर दिया तुमने । सच में तुम बहुत प्यारी और समझदार लड़की हो। चलो उसको बता दो किमैं उसे अभी चोदना चाहता हूँ।

मालिनी हँसकर बाहर आयी और शीला को बोली: पापा बुला रहे हैं।

शीला शर्मा कर : बड़ा अजीब लग रहा है । पहली बार मिली हूँ और इतनी जल्दी ये सब। मैं कभी सोच भी नहीं सकती कि कोई बहु अपने ससुर के लिए लड़की जुगाड़ेगी। तुम बहुत स्पेशल हो।

मालिनी हँसकर: जाओ और मज़े लो।

शीला राजीव के कमरे में गयी तो वह वहाँ टहल रहा था । शीला ने देख किउसकी पैंट में एक बड़ा सा उभार था। वो शीला को देखकर बोला: आओ शीला बैठो।

शीला बिस्तर पर बैठ गयी और बोली: मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा है।

राजीव उसके साथ सट कर बैठा और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर बोला: मुझे मालिनी ने बताया कि तुम अपने ससुर से चुदवाती हो। तुम उनको क्या बुलाती हो?

शीला: उनको पापा बुलाती हूँ।

राजीव: और वो तुमको?

शीला: बेटी बुलाते है।

राजीव: चुदाई के दौरान भी ?

शीला: जी उस समय भी।

राजीव अब उसको अपनी गोद में खींच कर बिठाया और बोला: तो मैं भी तुमको बेटी ही बुलाऊँगा। ठीक है बेटी?

शीला उसके सीने में मुँह छिपाकर: जी पापा ।


अब राजीव के होंठ उसकी होंठ की ओर और उसके हाथ उसके ब्लाउस की ओर बढ़े।
MAST HOT EROTIC UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
थोड़ी देर दोनों चुप बैठे थे और सरला सोच रही थी कि शिवा को सिडयूस करना कोई मुश्किल नहीं होगा ऐसा लगता है। रंजू की बातें उसकी कान में गूँज रहे थे कि उसका हथियार बहुत मस्त है। अब सरला अपनी बुर खुजा बैठी।
कार में स्टेरीओ म्यूज़िक बज रहा था। तभी उसमें फ़ोन की घंटी बजी। रंजू ने अपना फ़ोन ब्लूटुथ मोड में रखा था। वो अपना फ़ोन में कॉल रिसीव की और बोली: हाय मेरी जान। क्या हाल है। वह सरला को आँख मारी और धीरे से बोली: मेरा वाला है।
लड़का: हाय मेरी आंटी जी आप कैसी है और कहाँ हैं ?
रंजू: बस आधे घंटे में घर पहुँच जाऊँगी। तुम कहा हो?
लड़का: मैं कोल्लेज में हूँ और थोड़ी देर में घर आऊँगा आंटी एक मदद चाहिए।
रंजू: हाँ हाँ बोल ना।
लड़का: आंटी जी, मुझे दो हज़ार चाहिए। थोड़ा ज़रूरी काम है।
रंजू: ठीक है ले लेना। वैसे कब मिल सकता है? आज बहुत याद आ रही है? वो अपनी बुर खुजा दी।
लड़का: आंटी एक घंटे में आऊँ क्या? अंकल टूर से वापस आ गए क्या?
रंजू: अरे अभी दो दिन बाद आएँगे। तू आजा ख़ूब मज़े करेंगे। ठीक है ना?
लड़का: जी आंटी आता हूँ। मेरा तो आपकी आवाज़ सुनकर ही खड़ा हो गया है। आज तीन बार करेंगे। ठीक है ना? अलग अलग पोज में। आऽऽहहह।
रंजू: जान लेगा क्या ? तीन बार? मेरी तो दो बार ही में फट जाती है। बस दो बार बहुत है समझा बदमाश लड़के?
लड़का: ठीक है आंटी जैसा आप कहें। पर आंटी जी पैसे मिल जाएँगे ना?
रंजू: अरे मेरा बुढहू कमाता ही किसके लिए है? मज़े कर तू भी उसके पैसे पर और उसकी बीवी से भी । वह ये बोलकर फिर से अपनी बुर खुजाने लगी।
लड़का: अच्छा आंटी फिर आता हूँ एक घंटे में। बाई।
रंजू: बाई मेरी जान। फिर फ़ोन कट गया।
सरला: तो ये है तेरा काल बॉय ? आवाज़ तो काफ़ी भारी है। बिलकुल मर्द जैसे।
रंजू: अरे बदन भी साले का मस्त कड़ा है और हथियार भी मस्त है। चोदता भी बहुत बढ़िया है। तू चाहे तो तेरी भी एक चुदाई करवा दूँ?
सरला: ना बाबा मुझे नहीं करना ये सब ।
तभी वो घर पहुँच गए और वो सरला को उतार कर चली गयी।
सरला घर पहुँचकर बिस्तर पर लेटी और सोचने लगी कि क्या अजीब दिन था आज का। रंजू तो बहुत ही घटिया औरत साबित हुई। और ये शिवा भी देखो ना मज़े से अपना लौड़ा भी चुसवा लिया। मैं उसे सीधा समझती थी। वो कल्पना करने लगी और सोची कि टोयलेट जैसी छोटी सी जगह में वो दोनों क्या कुछ कर पाए होंगे। वह अपनी बुर खुजा बैठी।
तभी शिवा का फ़ोन आया। उसे याद आया कि वो बोला था मम्मी घर पहुँच कर फ़ोन कर देना। वो भूल गयी थी।
सरला: हेलो।
शिवा: मम्मी घर पहुँच गयीं ?
सरला: हाँ पहुँच गयी। सॉरी फ़ोन करना भूल गयी।
शिवा: कोई बात नहीं मम्मी। वैसे एक बात और थी।
सरला: हाँ बोलो ना।
शिवा : मम्मी मुझे माफ़ कर दीजिए । वो आपकी सहेली ज़्यादा ही गरम औरत है। वो मेरे यहाँ वहाँ हाथ डाल रही थी।
सरला: वो जैसी भी थी पर तुमने भी तो उसका साथ दिया?
शिवा: मम्मी क्या बताऊँ आपको? पहली बार मेरे साथ ऐसा हुआ है। सच में किसी को बताइएगा नहीं। प्लीज़ । मालिनी को तो बिलकुल नहीं।
सरला: ठीक है नहीं बताऊँगी उसे।
शिवा: मैं आपको पूरी बात बताऊँगा जब कल मिलूँगा । आंटी बहुत शरारती हैं । सच में मम्मी जी।
सरला: ठीक है बताना जब कल आओगे तो।
शिवा: मम्मी जी आप बहुत अच्छी हैं । थैंक्स। बाई।
सरला: बाई बेटा।
सरला अब कल के बारे में सोचने लगी।
मालिनी मम्मी के फ़ोन के बाद सो गयी। राजीव दोपहर को आया और मालिनी के कमरे में आया और सोती हुई मालिनी को बहुत देर तक प्यार से देखा और फिर बाहर आ गया। किचन में जाकर वो खाना गरम किया और खाना लगाया। फिर वो मालिनी के कमरे में आकर उसके पास बैठ गया। वह उसके सिर और गाल में हाथ फेरने लगा। मालिनी उठी और राजीव को पास देखकर मुस्करायी और उठी। उसने सलवार क़ुर्ती पहनी थी। चुन्नी पता नहीं कहाँ थी। उसकी बड़ी मस्त चूचियाँ राजीव के सामने थी । वह झुक कर उसके गाल चूमा और बोला: बेटा, चलो खाना खा लो। अब तबियत कैसी है । वो उसके चूतरों को सहलाया जहाँ उसको पैंटी और सैनिटेरी पैड का अहसास हुआ। वह बोला: बेटी ये ठीक है ना?
मालिनी: हाँ पापा आज तो पहला दिन ही है। आपको और शिवा को अभी सबर करना पड़ेगा। वो शरारत से मुस्करायी।
राजीव झुककर उसको चूमा और हल्के से उसकी चूचियाँ दबाया और बोला: कोई बात नहीं बेटी। चलो अब खाना खा लो।
मालिनी उठी और फ़्रेश होकर बाहर आयी तो टेबल पर खाना लगा हुआ था। वो बोली: पापा आपने क्यों तकलीफ़ की? मैं लगा देती ना?
राजीव उसे खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया और बोला: बेटा, आज तुम थोड़ी ढीली हो तो एक दिन मैं लगा दिया तो क्या हुआ? चलो आज मैं ही खिलाऊँगा तुमको अपने हाथ से।
मालिनी मुस्कुराकर: पापा आज बहुत रोमांटिक हो रहे हो? सब ठीक है ना?
राजीव उसके गाल चूमकर : बेटी हम तो हमेशा रोमैन्स के मूड में रहते हैं पर तुमको दिखाई नहीं देता। अब वो उसे अपने हाथ से खिलाने लगा। वो उसके गोद में बैठकर उसकी छाती से चिपकी हुई थी। फिर मालिनी ने अपनी गाँड़ हिलाई और कोशिश की कि पापा के लौड़े का कड़ापन महसूस कर सके। पर उसे कुछ महसूस नहीं हुआ।
राजीव मुस्कुराकर : बेटी लौड़ा टटोल रही हो ? वो आराम से मेरे जाँघों के बीच सो रहा है। आज उसे पता है ना कि तुम ढीली हो और वो इस बात को मान चुका है।
मालिनी: पापा आप सच में बहुत अच्छे हैं। आप मम्मी को भी पिरीयड्ज़ के दिनों में तंग नहीं करते थे?
राजीव: बेटी उसको पहले दो दिन तकलीफ़ होती थी। बाद में बस थोड़ा सा ही होता था। तो दो दिन बाद वो लौड़ा चूस देती थी। और गाँड़ भी मरवा लेती थी।
मालिनी: आप मम्मी की गाँड़ भी मारते थे?
राजीव: हाँ मारता था और उसे भी बहुत मज़ा आता था। वो कई बार कहती थी कि जी आपकी साली खुजा रही है। वो बुर को बीवी और गाँड़ को साली कहती थी।
मालिनी: ओह ऐसा?
राजीव: मैंने तुम्हारी मम्मी की भी गाँड़ मारी है। वो भी मज़े से मरवाती है।
मालिनी: ओह , पर शिवा या आप तो जब मेरे पीछे ऊँगली डालते हैं तो मुझे जलन होती है।
राजीव: बेटी, गाँड़ को खोलने की एक कला होती है। जब तुम चाहोगी मैं तुम्हारी गाँड़ खोल दूँगा, पर कम से कम दर्द होगा ये मेरी गारण्टी है।
मालिनी हँसकर: इसका मतलब है कि मेरे एक छेद का उद्घाटन शिवा ने किया और दूसरे का उद्घाटन आप करोगे?
राजीव: बेटा तुम हाँ तो करो। मैं काम में लग जाऊँगा। वो उसे चूमने लगा।
मालिनी मुस्कुराकर: जब देनी होगी तो बता दूँगी। फिर वो बोली: पापा मेरा हो गया। उठ जाऊँ?
राजीव उसे छोड़कर बोला: ठीक है बेटा उठो, मेरा भी हो गया।
मालिनी जब उठी तो राजीव ने उसके चूतरों को सहलाया और बोला: तुम्हारी कुँवारी गाँड़ मारने में मज़ा आएगा।
मालिनी हँसकर सामान उठाकर किचन में जाते हुए बोली: पापा आपके मज़े होंगे और मेरी सज़ा होगी। हा हा ।
फिर वह किचन में चली गयी।
उधर शिवा रात को घर पहुँचा तो वह बहुत गरम था। आज सरला और रंजू की हरकतों ने उसे बहुत उत्तेजित कर दिया था। वह घर आया और मालिनी को कमरे में आते ही पकड़ लिया और बोला: बड़ी हॉट लग रही हो आज।
मालिनी: हॉट? आज तो मेरा मीटर ही डाउन है। जनाब मेरा पिरीयड आ गया है। वैसे आज मैं आपको हॉट क्यों लग रही हूँ?
शिवा हताश होकर बोला: अरे बस लग रही हो तो लग रही हो। चलो कोई बात नहीं।
फिर वह कपड़े उतारा और चड्डी में उसका आधा खड़ा लौड़ा देखकर मालिनी: क्या हुआ बताओ ना? आज बहुत गरम लग रहे हो।
शिवा: अरे कुछ नहीं बस कार में आते हुए तुम्हारे बारे में सोचा और यह खड़ा हो गया। अब इस ग़रीब को क्या पता था कि तुम्हारी रेड लाइट जल रही है। हा हा ।
वह उसे थोड़ी ना कह सकता था की तुम्हारी माँ और उसकी सहेली ने उसका यह हाल किया है। वह फ़्रेश होने बाथरूम में गया और जब बाहर आया तो मालिनी वहाँ बिस्तर पर बैठी थी। वह चड्डी के ऊपर से उसके लौड़े को दबाते हुए बोली: पहले खाना खाएँगे कि यह चूसवाएँगे ?
शिवा हतप्रभ उसे देखा और बोला: आऽऽह जान सच में झड़ने की बहुत इच्छा हो रही है। पहले चूस दो ना। फिर खाना खा लेंगे।
मालिनी मुस्करायी : ठीक है चलिए लेट जाइए।
शिवा लेटा और मालिनी ने उसकी चड्डी उतार दी। अब वो उसके खड़े लौड़े को ऊपर से लेकर नीचे तक सहलाई। फिर उसके बॉल्ज़ को भी अपनी हथेली में लेकर सहलाई। फिर वह झुकी और उसके जाँघ को चुमी और चाटने लगी। फिर वह उसकी जाँघों के जोड़ को चाटी और फिर वो उसकी नाभि को चाटने लगी। अब वो उसके लौड़े के आसपास के हिस्से को चुमी और जीभ से चाटी । शिवा उसको चूसते देखा और मस्ती से उसके गाल सहलाते हुए बोला: उफफफ रानी क्या मज़ा आ रहा है। हाय्यय ।
अब मालिनी उसके लौड़े के सुपाडे को चाटने लगी और उस पर आए हुए प्रीकम को चाट कर मस्ती से सुपाड़ा चूसने लगी। फिर वो बॉल्ज़ भी चूसी और जल्दी ही उसका मुँह लौड़े के ऊपर नीचे होने लगा और उसका हाथ उसके बॉल्ज़ पर घूमने लगा। अब शिवा भी नीचे से आऽऽहहह करके अपनी कमर उठाके उसके मुँह को मानो चोदने लगा। क़रीब दस मिनट चूसते हुए मालिनी अब अपने गालों को अंदर की ओर चिपका कर उसके लौड़े जो ज़बरदस्त घर्षण का आनंद देने लगी। अब शिवा भी ह्म्म्म्म्म्म करके मुँह की चुदाई में लग गया। तभी मालिनी ने अपनी उँगलियाँ नीचे को खिसकाया और उसने शिवा की गाँड़ के छेद में अपनी ऊँगली चलाई और फिर उसे अंदर करने लगी। अभी आधी ऊँगली ही अंदर गयी थी कि शिवा आऽऽऽह करके झड़ने लगा। मालिनी ने उसकी वीर्य की एक एक बूँद गटक ली। वह कमर उछालकर आऽऽऽऽहहह कहकर मालिनी के मुँह में अपना रस गिराए जा रहा था ।
जब मालिनी ने अपना सिर उसकी जाँघ से हटाया तो शिवा उसके मुँह में लगे हुए सफ़ेद गाढ़े रस देखकर मस्ती से भर गया । मालिनी अपना मुँह पोंछकर बोली: अब ठीक है? अच्छा लगा?
शिवा उसको अपनी ओर खींचा और बोला: सच जान तुम लाखों में एक हो। क्या चूसती हो जान? उफफफफ मस्ती छा गयी पूरे बदन में। थैंक यू जान।
मालिनी हँसकर: चलिए अब खाना लगाती हूँ। पापा भी रास्ता देख रहे होंगे।
फिर वो तीनों खाना खाए और सोने चले गए। सोने के पहले शिवा मालिनी को याद दिलाया कि कल वो उसकी मम्मी के घर जाएँगे।
मालिनी बोली : हाँ याद है ।
फिर वो सो गए।

सरला भी करवट बदल रही थी। अभी अभी वो बिस्तर पर आयी थी सोने के लिए। दिन भर की घटनाए उसकी आँखों के सामने किसी फ़िल्म की भाँति घूम रही थीं। वो सोची कि आज जो उसने शिवा का रूप देखा है वो काफ़ी हैरान करने वाला है, वो रंजू के चक्कर में इतनी आसानी से फँस गया। उसे याद आया कि रंजू बोली थी कि वो उसका लौड़ा चूसी थी। और उसने ख़ुद देखा था कि वो कैसे मज़े से रंजू से अपना लौड़ा दबवा रहा था । उफ़्फ़ वह क्या करे? क्या वो अपनी बेटी के पति को फुसला कर ख़ुश हो पाएगी? पर वो सोची कि कोई और चारा भी तो नहीं है उसके पास। उसका कमीना ससुर दूसरी शादी की धमकी दे रहा है। तभी उसे रंजू की बात याद आइ। वो बोली थी कि उफफफ क्या मस्त हथियार है शिवा का ! और भी बहुत कुछ बोली थी वो । शिवा भी तो उन दोनों की चूचियों को देखे जा रहा था। काफ़ी हॉट लड़का है। अचानक उसका हाथ अपनी बुर में चला गया। अब वो एक हाथ से अपनी चूचि दबा रही थी और अपनी नायटी उठाकर अपनी बुर में ऊँगली करने लगी। उसकी आँखें बंद थी और वो सोच रही थी कि शिवा उसे चोद रहा है । वो आऽऽऽहहह करके अपनी उँगलियाँ ज़ोर ज़ोर से चलाने लगी। फिर वो अपनी कमर हिलाकर झड़ने लगी और फिर वो शांत होकर सो गयी। सोने के पहले वो सोची कि पता नहीं कल क्या होने वाला है।
WOW VERY EROTIC AND HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
अगले दिन राजीव वॉक से आकर किचन में गया और चाय बनाया। चाय लेकर वह बाहर हॉल में आया। तभी नायटी में मालिनी भी वहाँ आयी और बोली: पापा आप क्यों चाय बनाए?

राजीव मुस्कुराके: बेटी, आज भी तुम ढीली रहोगी ना तो मैंने सोचा कि चाय ही बना दूँ।

मालिनी:पापा आप मेरा कितना ख़याल रखते हो!

राजीव: अरे मेरा इस दुनिया में और कौन अपना है तुम्हारे ,शिवा और महक के अलावा। इन सबमे भी तुम मेरा सबसे ज़्यादा ध्यान रखती हो। तो मेरा भी फ़र्ज़ बनता है ना बेटा।
मालिनी मुस्कुराकर बोली: थैंक यू मेरे प्यारे प्यारे पापा।

मालिनी ने देखा वह जॉगिंग सूट में बहुत फ़िट लग रहे थे। वो बोली: पापा आप इस सूट में मस्त दिखते हो।

राजीव उसको अपनी बाहों में भर कर बोला: और बेटी तुम इस गुलाबी नायटी में गुलाब का फूल लगती हो। अब वह उसके गाल चूमा और फिर अपने होंठ उसके होंठ से चिपका कर बोला: गुड मॉर्निंग बेटा।

मालिनी भी उसकी छाती से अपनी छातियाँ चिपका कर बोली: गुड मोर्निंग पापा। अब वो थोड़ी देर एक दूसरे के बदन का अहसास करते रहे, राजीव सोच रहा था कि ये सेक्स नहीं है शायद रोमैन्स है। वो सोचा कि आजकल मालिनी थोड़ा ज़्यादा ही उसकी ओर आकर्षित हो रही है।

मालिनी बोली: पापा चाय ठंडी हो रही है। दोनों अलग हुए और राजीव उसकी बग़ल में बैठा और चाय पीते हुए उसकी बाँह सहलाने लगा और बोला: तो आज हमको छोड़ कर अपनी मम्मी के पास जाओगी?

मालिनी: वहाँ तो तभी जाऊँगी ना जब ये उठेंगे।

राजीव: क्या मतलब ? क्या शिवा आज देर से उठने वाला है?

मालिनी: हाँ बोले हैं मैं जबतक ख़ुद ना उठूँ मुझे मत उठाना।

राजीव: मतलब तुम लोग १० बजे के पहले नहीं निकल सकते?

मालिनी: जी लगता तो ऐसा ही है।

राजीव: आज तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है वरना हम शिवा के देर से उठने का फ़ायदा उठा सकते थे।

मालिनी शरारत से आँखें मटका कर बोली: कैसे फ़ायदा उठाते?

राजीव: अरे ओरल सेक्स कर लेते और क्या? पर तुम तो रेड सिग्नल चालू करके रखी हो।

मालिनी आँख मारते हुए बोली: आपका भी रेड सिग्नल है क्या वहाँ? वह उसके लौड़े की ओर इशारा करके बोली।

राजीव अपने लौड़े को पैंट के ऊपर से उसको दबाया और बोला: बिचारा सबर कर रहा है। और क्या करे?

मालिनी: अगर बहुत बेचैन है तो मैं इलाज कर देती हूँ। वैसे भी शिवा ने भी रात को चूसवाया था । वो भी बहुत उत्तेजित हो रहा था। आप बोलो तो आपको भी आराम दे देती हूँ।

राजीव की आँखें वासना से लाल हो उठीं। वो सोचा कि बहु अब रँडी बनने की दिशा में क़दम रख चुकी है। वो भी अब लौड़ा चूसने में आनंद लेने लगी है। ये तो बहुत हो बढ़िया मोड़ है हमारे रिश्ते का। वो मुस्कुराया और बोला: बेटा, सच अगर तुमको कोई तकलीफ़ ना हो तो चूस दो ना। बहुत मन कर रहा है। वैसे भी अब तुम पता नहीं रात को वापस आओगी या कल ही आओगी?

मालिनी: पापा आप अपने कमरे में चलो। मैं एक बार शिवा को देख कर आती हूँ।

वह चाय के ख़ाली कप लेकर खड़ी हुई तो राजीव ने उसकी कमर में हाथ डालकर उसके पेट में अपना मुँह घुसाया और उसके चूतरों को दबाने लगा।वहाँ पैंटी को छूकर उसने पैड का अहसास किया और बोला: बेटा पिरीयड्ज़ में ज़्यादा तकलीफ़ तो नहीं है ना?

मालिनी उसके गाल चूमकर बोली: नहीं पापा ठीक ही है।

फिर वह उसकी चूचियों को हल्के से दबाया और बोला: ठीक है बेटा मैं कपड़े उतार कर तुम्हारा इंतज़ार करता हूँ। जल्दी आओ।

मालिनी मुस्कुराती हुई हाँ करके चली गयी।

थोड़ी देर बाद वो पूरा नंगा होकर बाथरूम में गया और फ़्रेश होकर आकर बिस्तर पर नंगा ही लेट गया। वह अपने खड़े लौड़े को सहला रहा था जब मालिनी अंदर आइ और बोली: वो तो घोड़े बेचकर सो रहे हैं। आप आराम से मज़ा ले लो।

राजीव: बेटा नायटी उतार दो ना। तब मज़ा दुगुना हो जाएगा।

मालिनी: पापा आप मुझे ज़्यादा उत्तेजित मत करो। पिरीयड्ज़ में बहुत अच्छा नहीं लगता ।

राजीव: ओके बेटा, तुम ही चूसो और मैं बस आराम से मज़े लेता हूँ।

अब मालिनी ने जैसे रात को शिवा को मज़ा दिया था वैसे ही राजीव को भी देना शुरू किया। जल्दी ही राजीव भी मस्त होकर अपने लौड़े को उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा। मालिनी आज भी अपने गालों को पिचकाकर अपनी जीभ हिलाकर उसको चुसाई का मस्त मज़ा दे रही थी। फिर वो जैसे शिवा के साथ की थी वैसे ही राजीव के साथ भी की और उसके बॉल्ज़ को सहलाकर अपने हाथ को नीचे ले गयी। अब उसने राजीव की जाँघों को पकड़कर उठाने का इशारा किया । राजीव ने अपनी दोनों टाँगें उठा ली जैसे औरत चुदवाने के लिए उठा लेती है । पता नहीं मालिनी को क्या सूझा कि वो उसकी गाँड़ को देखकर मस्त हो उठी और वहाँ जीभ से उसके गाँड़ के छेद के आसपास के एरिया को चाटने लगी। फिर वो छेद को भी चाटी और वहाँ ढेर सारा थूक लगा दी। ये करते हुए वह उसके लौड़े को मूठिया भी रही थी। फिर उसने २ उँगलियो को उसकी गाँड़ में डाला और अंदर बाहर करने लगी। साथ ही अब फिर से लौड़ा भी चूसने लगी। उफ़्क्फ़्फ़्फ़ राजीव चिल्लाया और आऽऽहहह करके उसने अपना वीर्य मालिनी के मुँह में छोड़ना शुरू किया।वो उसे पीती और गटकती चली गयी। मालिनी उठके बाथरूम में गयी और साफ़ करके बाहर आयी। राजीव उसको अपने पास बुलाया और उसको अपने ऊपर गिराकर चूमने लगा। मालिनी भी उसे चूमने लगी। अब राजीव उसकी पीठ सहलाते हुए बोला: बेटा, आज तो तुमने चूसने में अपनी मम्मी को भी मात दे दी। ये मेरी गाँड़ में ऊँगली डालने का विचार कैसे आया?

मालिनी हँसकर बोली: पापा कल मैंने शिवा के साथ भी यही ट्राई किया था और उनको बहुत मज़ा आया था। इसलिए आज आपके साथ भी कर लिया । वैसे सीखीं तो मैं आपसे ही हूँ। आप मेरी गाँड़ में ऊँगली डालते है तो मैंने सोचा कि मैं भी आपकी गाँड़ में डालूँ।

राजीव हँसकर: वाह हमारा हथियार हम पर ही आज़मा लिया। शाबाश बेटा। फिर उसकी पीठ पर हाथ फेरकर बोला: बेटा अब इतने आगे बढ़ गयी हो तो चुदवा भी लो ना? इसमे क्या जाएगा?

मालिनी: पापा आपको लगता है कि मैं अब आपसे चुदें बिना रह पाऊँगी? मैं बस अपने आप को तय्यार कर रही हूँ कि मैं शिवा से बेवफ़ाई कर सकूँ। वैसे पापा मुझे आपसे एक और बात करनी थी ।

राजीव : हाँ हाँ करो ना, पर अपनी नायटी उठा दो ताकि मैं तुम्हारे मस्त चूतरों को सहला सकूँ।

मालिनी हँसती हुई उठी और अपनी नायटी उठा दी और फिर से उसके नंगे बदन पर लेट गयी और बोली: पापा इस बार मुझे बहुत उम्मीद थी कि मेरा पिरीयड नहीं आएगा और मैं प्रेगनेंट हो जाऊँगी पर ऐसा नहीं हुआ। मैं थोड़ा सा दुखी हूँ। क्या मुझे अपना चेक अप करना चाहिए ?

राजीव के हाथ अब उसके नंगे चूतरों को सहला रहे थे और पैंटी उसके हाथ में छू रही थी। वो मस्त होकर बोला: बेटा, मुझे नहीं लगता कि तुम दोनों में कोई कमी है। मगर चाहो तो चेक अप करा लो। मैं एक डॉक्टर को जानता हूँ यहीं पास में ही रहती है। कल या परसों जब चाहो करवा लेना।


मालिनी: शिवा को बताऊँ या नहीं? पता नहीं वो क्या सोचेंगे?
WOW VERY EROTIC AND HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
राजीव अब उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया और उसके गाँड़ के छेद को सहला कर मज़े से बोला: उफफफ बेटी क्या मस्त गाँड़ है । अब इस कुँवारी गाँड़ का उद्घाटन करना ही पड़ेगा। वह उसमें एक ऊँगली डालते हुए बोला।

मालिनी: उफफफ पापा जलन हो रही है ना। निकालिए बाहर, सूखे ही डाल रहे हो आप तो।

राजीव हँसकर अपनी एक ऊँगली में थूक लगाया और फिर उसने उसकी गाँड़ में डाला और वो उफफफ कर उठी।

राजीव ऊँगली अंदर बाहर करते हुए बोला: अभी मत बताओ शिवा को। रिपोर्ट आ जाएगी तब देखेंगे।

मालिनी: आऽऽऽऽऽह पापा ठीक है अभी नहीं बताऊँगी। परसों का प्लान कर लो आप डॉक्टर का। आऽऽऽहव अब बस करो अब फिर से जलन हो रही है। निकाऽऽऽऽऽऽऽलो प्लीज़।

राजीव ने अपनी ऊँगली निकाली और फिर उसको दिखाकर सूँघने लगा और बोला: आऽऽह बेटा क्या मस्त गंध है।

मालिनी हँसती हुई उसकी छाती में एक मुक्का मारकर बोली: छी गंदे पापा। फिर वह उठकर अपनी नायटी नीचे की और बोली: चलिए अब नाश्ता बनाती हूँ। देखती हूँ कि शिवा का क्या प्रोग्राम है। फिर वह झुक कर उनसे होंठ चुमी और बाहर चली गयी।
वह जब अपने कमरे में जा रही थी तो उसकी गाँड़ में थोड़ी सी जलन हुई। वो सोची कि पापा की ऊँगली से जलन हो रही है तो जब उनका मोटा मूसल अंदर जाएगा तो मेरा क्या हाल होगा। फिर कमरे में पहुँची तो देखा कि शिवा बाथरूम में था और पानी गिरने की आवाज़ आ रही थी। तभी शिवा पूरा नंगा बाहर आया और तौलिए से मुँह पोंछ रहा था। मालिनी को देखकर वह बोला: वाह जान कहाँ थी?

मालिनी थोड़ी सी हड़बड़ा कर बोली: वो वो किचन में थी। आपके लिए चाय लाती हूँ। तभी शिवा ने उसको जकड़ लिया और बोला: अरे चाय के पहले शहद तो पिला दो । वो अब उसके होंठ चूसने लगा। मालिनी भी उससे लिपट कर होंठ चूसने लगी । मालिनी ने महसूस किया कि उसका लौड़ा खड़ा होने लगा है। अब वह हाथ बढ़ा के उसके लौड़े को सहला दी। शिवा उसकी क़मर सहला कर बोला: उफफफ क्या माल हो जान। क्या रेड सिग्नल करके बैठी हो बहुत मन कर रहा है चोदने को।

मालिनी: बस करिए ना । अब चाय पीजिए फिर तय्यार होकर मम्मी के घर भी जाना है ना।

शिवा: हाँ वो तो जाना है पर थोड़ा इसको शांत कर दो ना।

मालिनी: रात को चूसा था ना। अब फिर रात को चुसवा लेना।
मालिनी सोची कि अभी तो पापा का चूसीं हूँ। अब इनका भी चूसूँ क्या। उसके हाथ में अभी भी उसका लौड़ा था जो कि तना हुआ था।

शिवा: जान एक बार और चूस दो ना, जैसे रात को चूसा था।

मालिनी: आप ज़िद करोगे तो चूस लूँगी। पर ज़्यादा मज़ा आएगा जब रात को आराम से चूसूँगी।

शिवा: ऐसा? चलो ठीक है रात को ही चूस लेना। जाओ अब चाय लाओ। तब तक मैं लूँगी पहनकर बाहर आता हूँ।

मालिनी झुकी और उसके लौड़े का एक चुम्बन ली। फिर वह बाहर चली गयी।

चाय और नाश्ता करके शिवा और मालिनी एक छोटा सा बैग लेकर बाहर जाने को तय्यार हुए।

शिवा: मैं पापा को बोल देता हूँ कि हम निकल रहे हैं। यह कहकर वो आवाज़ लगाया: पापा हम जा रहे हैं।

राजीव बाहर आया और बोला: अच्छा बेटा ध्यान से जाना। फिर मालिनी से बोला: वाह बेटा आज साड़ी में बहुत प्यारी लग रही हो। शिवा इसका ख़याल रखना ।

शिवा: ज़रूर पापा जी। अब चलो देर हो रही है।

दोनों बाहर आए और कार में बैग रखा और अचानक मालिनी बोली: मैं अभी आइ। मैं अपना धूप का चश्मा लेकर आती हूँ। आपको भी चाहिए क्या?

शिवा: हाँ मेरा भी लेते आना। तब तक मैं कार पोंछ लेता हूँ।

मालिनी अंदर आइ और अपने कमरे में जाकर अपना और शिवा का चश्मा ले लिया और जब बाहर आइ तो पापा खड़े थे और उसको बड़े प्यार से देख रहे थे। वो बोला: बेटा मुझसे प्यार करने और बाई करने आइ हो ना? चश्मा तो एक बहाना था ना?

मालिनी आइ और उससे लिपट गई और बोली: हाँ पापा सच में आपको बाई करने ही आयी हूँ। फिर दोनों के होंठ चिपक गए। राजीव के हाथ उसकी नंगी कमर पर चलने लगे थे। फिर वह उसके चूतरों को दबाकर मस्त होकर बोला: बेटी सच में तुमसे दिन भर अलग रहने की कल्पना से ही ख़राब लग रहा है।

मालिनी: पापा मैं भी आपसे अलग नहीं होना चाहती । कोशिश करूँगी कि शाम तक वापस आ जाऊँ।

राजीव: ठीक है बेटा , जाओ पर पहुँच कर फ़ोन करना फिर वह उसको छोड़ा और वो जब दरवाज़े तक पहुँची तो राजीव बोला: बेटी एक बार दिखा दो ना?

मालिनी दरवाज़े तक पहुँच चुकी थी। वो मुड़ी और बोली: पापा क्या दिखाऊँ?

राजीव: बेटा अपनी साड़ी उठा कर एक बार दिखा दो ना? प्लीज़। तुम्हारी छवि मेरी आँखों में बस जाएगी।

मालिनी हँसकर: पापा आपने कई बार तो देखी है। और वैसे भी आज पैंटी और उसमें पैड भी लगा है। क्या दिखेगा?

राजीव: अरे बेटा, तुमको पैंटी में भी देखकर बड़ा सुख मिलेगा।

मालिनी हँसी और बोली: ठीक है पापा जैसी आपकी मर्ज़ी। यह कहकर वो झुकी और अपनी साड़ी को पेटिकोट के साथ ऊपर उठा दी। राजीव की आँखें उसकी मस्त जाँघें और बीच में सुंदर सी गुलाबी पैंटी देख कर मस्त हो गया।

वह बोला: आऽऽऽऽऽह बेटा बहुत मादक है तुम्हारा बदन। अब घूम जाओ और पिछवाड़ा भी दिखा दो।

मालिनी पीछे को घूम गयी और अब उसके मस्त गोल गोल चूतर उसकी आँखों को मदमस्त कर रहे थे। पैंटी उसकी गाँड़ की दरार में फँसी हुई थी। फिर वो बोली: पापा बस अब जाऊँ?

राजीव: आऽऽह क्या माल हो बेटा तुम? कब चुदवाओगी ? ठीक है जाओ। बाई।

उसने साड़ी नीचे की और उसे ठीक किया और मुड़कर बोली: पापा बाई। और हँसते हुए भाग गयी। वो बाहर आकर कार में बैठी और दोनों शिवा की ससुराल के लिए निकल पड़े ।

उधर सरला को भी रात भर ठीक से नींद नहीं आइ। वो अच्छे और बुरे के संशय में परेशान थी। क्या वो शिवा के साथ ये सब करके अन्याय नहीं कर रही थी। वो सुबह के काम से निपट कर नहाने गयी। उसने अपने कपड़े उतारे और ख़ुद को पूरी नंगी शीशे में देखकर सोची कि अभी भी मुझसे दम है किसी भी मर्द को अपने बस में करने का। उसने नीचे देखा और वहाँ अपनी बुर के आसपास की झाटों को देखकर सोची कि पता नहीं शिवा को ये बाल पसंद आएँगे या नहीं। उसने वीट लगाया और अपनी बुर के आसपास के बालों को रुई से साफ़ किया। सफ़ाई करते हुए उसे याद आया कि कैसे उसके पति कभी उसको ये काम ख़ुद नहीं करने देते थे । वह ख़ुद ही उसे बिस्तर पर लिटाकर उसकी झाँटें साफ़ करते थे । सच वो बहुत मिस कर रही थी आज अपने पति को। तभी उसका फ़ोन बजा। वो बाहर आयी नंगी ही और फ़ोन सुनी: हेलो।

राजीव: हेलो जान। शिवा और मालिनी निकल गए हैं यहाँ से। देखो अच्छा मौक़ा है। कुछ काम को आगे बढ़ा लेना।

सरला: हाँ पूरी कोशिश करूँगी। मेरी कोशिश होगी कि मालिनी अपने भाई और श्याम के बच्चों में उलझी रहे और मैं शिवा के साथ कुछ कर पाऊँ।

राजीव: ऐसे कपड़े पहनना कि तुम्हारे दूध उसे दिखें। वो उस दिन भी तुम्हारे दूध ही देखे जा रहा था। क्या पहनोगी आज?

सरला: अभी तय नहीं किया है। साड़ी का ही सोच रही हूँ और साथ में स्लीवलेस ब्लाउस पहनूँगी। ठीक है ना?

राजीव: ठीक रहेगा जान। पैंटी नहीं पहनना। तुम्हारे मादक चूतरों को देखकर ही वो पागल हो जाएगा।

सरला: ठीक है। अब तैयार होती हूँ।

राजीव: अभी क्या नायटी में हो?

सरला हँसकर: अभी तो नंगी हूँ, नहाने जा रही थी कि फ़ोन बज गया और मैंने बाहर आके उठा लिया।

राजीव: वाह नंगी हो तो जान एक बार दिखा दो ना। मैं विडीओ कॉल करूँ?

सरला: कर लो ,वैसे भी मैंने आपके बेटे के लिए अभी अपने नीचे के बाल की सफ़ाई की है। हा हा।

अब राजीव ने फ़ोन काटा और विडीओ काल किया। अब राजीव ने सरला का चेहरा देखा और कहा: आह आज कितने दिनों के बाद तुमको देखा है। बहुत सेक्सी लग रही हो। अब कैम नीचे करो और अपनी मस्तानी चूचियाँ दिखाओ।

सरला ने फ़ोन नीचे किया और राजीव उसकी चूचियाँ देखकर बोला: आऽऽऽह ये तो और भी मदमस्त करने वाली हो गयीं हैं। क्या ४० से भी बड़ीं हो गयीं हैं मेरी जान।

सरला हँसकर: आप बहुत मज़ाक़िया हो। अभी भी ४० की है मेरी ब्रा। वह अपनी चूचियाँ दबाकर बोली।


राजीव: उफफफफ क्या कर रही हो जाऽऽऽऽऽऽंन। वह अपना लौड़ा मसलकर बोला: अब अपनी बुर दिखाओ ना।
WOW VERY EROTIC AND HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
सरला अपने फ़ोन को नीचे अपनी बुर के सामने लायी । राजीव उसे देखकर बोला: आऽऽऽऽह जाऽऽऽऽऽन क्या चिकनी दिख रही है? लगता है अभी झाँटें साफ़ की है?

सरला: अभी अभी साफ़ की है आपके बेटे के लिए। अगर मौक़ा मिला तो वो देखकर मस्त हो जाए। अब देखते हैं मौक़ा भी मिलता है या नहीं।

राजीव: अरे जान मौक़ा भी मिलेगा और मस्ती भी। आज ही शिवा से चुदवा लेना बस फिर सब ठीक हो जाएगा।

सरला: देखती हूँ क्या होता है? आप क्या अपना हिला रहे हो? आपका हाथ हिलते दिख रहा है।

राजीव ने फ़ोन लौड़े के सामने रखा और अपने लौड़े को सरला को दिखाया। सरला की बुर खुजा उठी उसके मस्त लौड़े को देख कर। वह बोली: अगर आप आसपास होते तो इसको तो मैं खा ही जाती । उफफफफ क्या मस्त दिख रहा है शैतान।

अचानक कोई आवाज़ दिया तो सरला बोली: अच्छा अब रखती हूँ। श्याम आवाज़ दे रहे हैं। बाई।

राजीव ने भी फ़ोन काटा और सोचा कि आज बस एक बार शिवा इसके हाथ चढ़ा तो बस उसे इस कामुक स्त्री से कोई नहीं बचा सकता वो मन ही मन मुस्कुरा उठा।

उधर सरला भी गरम हो गयी थी । वो शॉवर के नीचे खड़े हो कर पानी से अपना बदन ठंडा करने लगी। फिर वह तय्यार होने लगी।वो सोची कि शिवा और मालिनी शायद एक घंटे में आ जाएँगे।

शिवा को कार चलाते हुए क़रीब एक घंटे हो गए थे। वो दोनों रोमांटिक गाने सुन रहे थे और थोड़ी बहुत छेड़ छाड भी कर रहे थे।सुनसान जगह देख कर शिवा कभी उसके गाल सहला देता था तो कभी उसकी चूचि। उसकी जाँघ को तो वो सहलाए ही जा रहा था। मालिनी भी मज़े में आकर उसकी जाँघ को दबा देती थी और कभी उसके लौड़े को भी पैंट के ऊपर से सहला देती थी।

शिवा: तुमने इस बिचारे को चूसा नहीं सुबह? देखो कैसे मुँह उठाकर तुम्हारी तरफ़ लाचार सा होकर देख रहा है।

मालिनी हँसकर लौड़े को दबा कर: ये और बिचारा? ये तो मेरा प्यारा राजा है। जो मेरे ऊपर राज करता है।

दोनों हँसने लगे। तभी एक नया सा रिज़ॉर्ट की तरह का एक सुंदर सा ढाबा दिखा नाम था" लवर्ज़ ढाबा एंड रिज़ॉर्ट"।

मालिनी: बहुत ही सुंदर दिख रहा है। लगता नया नया बना है। कितनी हरियाली है, बहुत रोमांटिक जगह लगती है।

शिवा ने कार धीमी की और बोला: यार मैं थक गया हूँ। चलो ना थोड़ी देर रुकते हैं। कुछ खाते पीते हैं।

मालिनी: चलिए सच में अच्छी जगह लग रही है।

दोनों कार से उतर कर अंदर रेस्तराँ में गए। सिर्फ़ दो जोड़े बैठे थे। एक अधेड़ उम्र का जोड़ा था जो चाय पी रहे थे। दूसरी जोड़ी थोड़ी बेमेंल थी, आदमी थोड़ा मोटा सा ५०/५२ का था और लड़की थी क़रीब २०/२२ की। लड़की ज़्यादा सुन्दर नहीं थी पर जवानी तो छलक रही थी उसके टॉप और स्कर्ट से ।

शिवा: चलो यहाँ बैठते हैं। वो एक अलग सी टेबल की ओर इशारा किया। दोनों बैठ गए।

मालिनी ने देखा की वो लड़की उस बुजुर्ग से बहुत हंस हंस के बात कर रही थी।

शिवा: क्या देख रही हो? देखो बूढ़ा क्या मज़े ले रहा है छोकरी से।

मालिनी: छि ऐसा क्यों बोलते हो? हो सकता है दोनों रिश्तेदार हों?

शिवा: अरे ऐसी जगहों में लोग माल लाते हैं चोदने के लिए। ये लड़की या तो इसके ऑफ़िस में काम करती होगी जिसे वो यहाँ चोदने के लिए लाया है। और या फिर वो कोई रँडी होगी जो कि पैसों के लिए आयी होगी।

मालिनी: वाह आपको बड़ा अनुभव है? कहीं आप भी तो यहाँ किसी को नहीं लाते।

शिवा उसकी जाँघ दबाकर बोला: अरे जिसके पास ऐसा माल हो वो थूका हुआ क्यों चाटेगा?

मालिनी हँसने लगी और फिर बोली: अरे देखो उसके गले में मंगल सूत्र है। कहीं यह उसकी बीवी तो नहीं?

शिवा: वाह क्या क़िस्मत है साले की। हो सकता है जानू।

तभी उस लड़की का फ़ोन बजा और जैसे ही वो उसे उठाई वह बंद हो गया। वो बोली: ओह मेरा फ़ोन डिसचार्ज हो गया है। फिर वो अपना पर्स खोली और बोली: ओह मैं तो चार्जर लाना ही भूल गयी। अब क्या होगा?

उसका साथी बुज़ुर्ग बोला: ओह देखो रेस्तराँ वाले के पास है क्या?

वो उठी और जैसे ही शिवा के टेबल के पास से गुज़री वो रुकी और बोली: आपका और मेरा फ़ोन एक ही मेक का है। आपके पास चार्जर होगा क्या?

शिवा: है तो पर हम सिर्फ़ आधा घंटा ही रुकेंगे।

वो: ठीक है इतनी देर में मेरा थोड़ा बहुत तो चार्ज हो ही जाएगा।

शिवा: ठीक है ले जाइए ।

वो: मैं चार्जर ले जाती हूँ और थोड़ी देर में इसे वापस पहुँचा दूँगी। मैं यहीं पीछे कॉटिज नम्बर ३ में हूँ।

शिवा : ठीक है । वो चार्जर लेकर चली गयी। वो आदमी भी उसके साथ चला गया।

मालिनी उसको चिढ़ाई: वाह बस लड़की देखी और फिसल गए।

शिवा: अरे तो क्या मना कर देता। तभी वेटर उनका ऑर्डर ले आया। दोनों खाने लगे और फिर चाय पिए।

शिवा: मैं वाशरूम जा रहा हूँ। तुमको जाना है?

मालिनी: हाँ मुझे भी जाना है।

शिवा ने वेटर से पूछा : भाई वाश रूम किधर है।

वेटर: सर आपका वाश रूम वो है। मगर लेडीज़ टोयलेट को ठीक किया जा रहा है। इसलिए मैडम आप पीछे कोट्टेज नम्बर ४ में चली जाइए। वो खुला है आप उसका टोयलेट उपयोग कर लीजिए। ये कहकर उसने कोट्टेज का रास्ता भी दिखा गया।

शिवा तो चला गया male वाशरूम में। और मालिनी पीछे के रास्ते से कोट्टेज की ओर चली गयी। कोटेज नम्बर ४ में जाते हुए अचानक वो ठिठक गयी। उसे जिस कोट्टेज के पास से गुज़र रही थी, वहाँ से अजीब सी आवाज़ें सुनाई पड़ीं। वो ठिठकी और सामने खिड़की के पास खड़ी हुई और सुनने की कोशिश की । अंदर की आवाज़ से उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी। आवाज़ें साफ़ साफ़ चुदाई की थीं । वो मन ही मन मुस्कुराकर आगे बढ़ कर कोटेज नम्बर ४ पर पहुँची और बाथरूम में जाकर फ़्रेश हुई और फिर वापस जाने लगी। तभी उसकी निगाह उस साथ वाले कोटेज के नम्बर पर पड़ी ३ नम्बर था। वही जहाँ वो लड़की और बुज़ुर्ग ठहरे थे जिसने उसका चार्जर लिया था। इसका मतलब है कि वो लड़की उस बुज़ुर्ग से चुदवा रही थी। ओह तो शिवा सही था कि वो उसको चोदने ही लाया है ।अब वो वापस कोटेज नम्बर ४ में वापस गयी क्योंकि दोनों जुड़े हुए थे। फिर वो उसके एक कमरे में गयी जो नम्बर ३ से जुड़ा था। वहाँ एक खिड़की थी जो की बरामदे में खुलती थी। वो उसके पास आयी और खुली खिड़की से पर्दा हटाकर झाँकी और उसका मुँह खुला ही रह गया।

अंदर वो लड़की का स्कर्ट ऊपर चढ़ा हुआ था और उसका टॉप भी ऊपर था और वो पलंग के किनारे में अपनी गाँड़ हवा में लटका कर चौपाया बनी हुई थी। उसके बड़े दूध जो कि नीचे की ओर लटक रहे थे उसके दोनों पंजों में दबे थे। और वो बुज़ुर्ग जिसकी पैंट नीचे गिरी हुई थी उसे पीछे से चोद रहा था ।


उसका लौड़ा जो शिवा से थोड़ा सा ही बड़ा था उसकी बुर में अंदर बाहर हो रहा था। वो लड़की उइइइइइइइ कहकर मज़े लेकर अपनी गाँड़ पीछे करके उसका लौड़ा पूरा अंदर तक ले रही थी। फ़च फ़च की आवाज़ें गूँज रही थीं। मालिनी वहाँ से हटने ही वाली थी कि उसके पैर रुक गए जब उसके कान में ये आवाज़ पड़ी: ओह्ह्ह्ह्ह्ह पाआऽऽऽऽऽऽपा और ज़ोर से चोओओओओओदो।
WOW VERY EROTIC AND HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
मालिनी पापा शब्द से चौंकी। वो वापस आकर झाँकने लगी। वो लड़की फिर चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽह पापा फ़ाआऽऽऽऽऽड़ दो नाआऽऽऽऽ। आऽऽऽह क्या मज़ाआऽऽऽ देते हो आऽऽऽऽऽऽऽप।हाऽऽऽऽय्य काऽऽऽऽऽश आऽऽऽऽऽपके बेटे का भी इतना आऽऽऽऽह मस्त होओओओओओओता तो क्याआऽऽऽऽऽऽ मज़ाआऽऽऽऽ आऽऽऽऽ जाता।

आदमी: आऽऽहहह अगर उसका भी मस्त लौड़ा होता तो मुझे कैसे मजाऽऽऽऽऽऽमिलताआऽऽऽऽ। मेरी बच्चीइइइइइइइ। । ह्म्म्म्म्म्म्म्म।

लड़की: आऽऽऽह पाऽऽऽऽऽपा फाऽऽऽऽड़ दो मेरी बुर। कितना मज़ाआऽऽऽऽऽ दे रहे हो हाऽऽययय।

आदमी: आऽऽऽऽऽहहह मेरीइइइइइ रँडी और चिल्ला साऽऽऽऽऽऽऽऽली कुतियाआऽऽऽऽऽऽ। तू मेरी रँडीइइइइइइइइ है। है ना?

लड़की: हाऽऽऽऽऽऽऽऽय हाँ मैं आऽऽऽऽऽऽऽऽऽपकी रँडीइइइइइइइ हूँ। फिर वो उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी और नीचे बिस्तर पर गिर गयी। वो आदमी अभी भी उसपर चढ़ कर चोदे जा रहा था और चिल्लाया: आऽऽऽह मेरी रँडी बेटी मैं भी गया। अब वो भी उसपर गिर सा गया।

लड़की पलट कर बोली: पापा अपनी रँडी बहु को पेमेंट नहीं करेंगे?

आदमी मुस्कुराया और पर्स से पैसे निकाला और उसे दिया और बोला: लो मेरी रँडी बहु अपनी पेमेंट।

लड़की उठी और अपने कपड़े ठीक किए और पैसे किसी रँडी के माफ़िक़ अपनी ब्रा में डाल लिया। वह आदमी उसको फिर से अपनी बाँहों में खींच कर बोला: आऽऽऽँहह मेरी रँडी बहु तुम तो अब पक्की रँडी बन गयी हो। क्या चुदवाइ हो आज । मज़ा आ गया।

अब वो उठा और बाथरूम में गया। वो लड़की भी बाथरूम में घुसी। पहले वो आदमी वापस आया और तौलिए से अपना बदन पोंछा। तभी वो लड़की भी बाहर आयी। अब उसका टॉप और स्कर्ट सही था। वो आदमी अभी भी नंगा था। तभी फ़ोन बजा। उस आदमी ने अपना फ़ोन उठाया और बोला: राज का फ़ोन है।

लड़की: आप बात करो।

आदमी: हेलो बेटा क्या हाल है?

उधर: -----

आदमी: हम ठीक हैं बेटा। हाँ अपने घर पर ही हैं। और कहाँ होंगे बेटा? वो आँख मारते हुए बोला।
उधर: ----

आदमी: हाँ हाँ यही है , बुलाता हूँ किचन में होगी।

तब तक वो लड़की उसके पास आकर खड़ी हो गयी थी और उसे चूम रही थी। और फिर वो अपना हाथ उसके बॉल्ज़ और लौड़े पर ले गयी और उसको सहला रही थी। अब आदमी ने दिखाने के लिए आवाज़ लगाई: शीला बहू , राज का फ़ोन है।

लड़की आँख मारकर उसके लौड़े को सहलाते हुए फ़ोन ली: हाय जी। कैसे हैं? कब वापस आएँगे?

उधर:-----

लड़की: जल्दी वापस आइएगा । आपकी बहुत याद आती है। ये कहकर वो इस आदमी के निपल चाटने लगी। वो भी उसकी चूचि दबाने लगा ।
उधर:------

लड़की: हाँ हाँ पापा जी का पूरा ख़याल रखती हूँ। वो बिलकुल मज़े में हैं। आप उनकी बिलकुल चिंता ना करें ।मैं हूँ ना उनके लिए यहाँ। वो मुस्कुरा कर उसका लौड़ा सहलाने लगी।

उधर/ -----

लड़की: ठीक है आप अपना ख़याल रखिए और अपना पूरा काम निपटा के ही आइए। यहाँ की चिंता मत करिए। अच्छा बाई।

लड़की हँसकर : पापा मुझे कहना था कि आप वहीं रहो क्योंकि मुझे तो मेरा प्यार मिल गया है । वो उसकी छाती को चूमी और और फिर नीचे बैठी और उसके सोए हुए लौंडे को चूम ली।

उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या गरम लड़की है, मालिनी सोची। अपने ससुर से क्या मज़े मार रही है।

तभी आदमी बोला: शीला तुमको चार्जर भी वापस करना है ना?

शीला: ओह सच में पापा । चलो मैं अभी देकर आती हूँ। आप तय्यार होकर आओ।

अब वहाँ से जल्दी से हटकर मालिनी कांपते हुए क़दमों से वापस आयी और उसका लाल चेहरा देखकर शिवा बोला: क्या हुआ ? बड़ी देर लगा दी?

मालिनी: बाद में कार में बैठकर बताऊँगी।

शिवा: ओह ठीक है। देखो वो लड़की भी आ गयी मेरा चार्जर ले कर। चलो अब चलते हैं। वो दोनों खड़े हुए और तभी वो लड़की आके उसको चार्जर दे कर बोली: थैंक्स।मेरा नाम शीला है। आपका?

शिवा: मैं शिवा हूँ और ये मालिनी है मेरी पत्नी। वो जो आपके साथ हैं वो कौन है?

शीला: वो मेरे ससुर जी हैं। हम पास के शहर में रहते हैं। मेरे पति विदेश में हैं और पापा मुझे यहाँ मेरा मन बदलने के लिए लाए हैं।

मालिनी सोची कि कमिनी कितना झूठ बोल रही है। अभी गाँड़ दबाकर अपने ससुर से चुदवा रही थी और अपने पति से फ़ोन पर बात करते हुए अपने ससुर का लौड़ा सहला रही थी।

मालिनी: बहुत अच्छी बात है कि आपके ससुर आपका इतना ख़याल रख रहे हैं।

शीला: हाँ जी इस मामले में मैं बहुत ख़ुश नसीब हूँ। मुझे सास और ससुर दोनों प्यार करते हैं।

मालिनी: ओह तो आपकी सास नहीं आयी?

शीला: वो एक शादी में बाहर गयीं हैं ।

मालिनी सोची कि सास नहीं है तो क्या मज़े से चुदवा रही है ससुर से । वह बोली: अच्छा लगा आपसे मिलकर।

शीला: आप चाहो तो हम फ़ोन नम्बर शेयर कर लेते हैं।

मालिनी: ठीक है मेरा नम्बर ------ है तुम मुझे अभी काल करो मैं सेव कर लेती हूँ।

शीला और मालिनी ने एक दूसरे का नमबर सेव कर लिया। तभी वहाँ शीला का ससुर भी आ गया। शीला ने उसको भी दोनों से मिलवाया। शिवा ने नोटिस किया कि वो मालिनी को चाहत भरी निगाह से देख रहा था। क्योंकि वो एक ही शहर के थे तो एक दूसरे को अपने घर आने का निमंत्रण दिए।

अब वो एक दूसरे से हाथ मिलाए और फिर शिवा और मालिनी अपनी कार में चल पड़े।

रास्ते में शिवा बोला: हाँ बताओ क्या हुआ था?

मालिनी: ये शीला अपने ससुर से चुदवा रही थी पीछे अपने कोटेज में!

शिवा हैरानी से : क्या? सच में?

मालिनी: हाँ मैंने अपनी आँखों से देखा है। और एक बात बताऊँ ? वो किसी रँडी की तरह ही चुदवा रही थी। और उसका ससुर उसे रँडी ही बोल रहा था। और जानते हो उसने उसे रँडी की तरह पाँच हज़ार रुपए भी दिए।

शिवा: हे भगवान। सुनकर भी अजीब लगता है। वो लड़की अपनी ससुर की रँडी है ? हमारा समाज कहाँ जा रहा है?

अब मालिनी को भी थोड़ा सा डर सा लगा। वो भी तो अपने ससुर के साथ फँसी हुई थी। कहीं शिवा को इसका पता लगा तो पता नहीं वो कैसे रीऐक्ट करेगा? वो बोली: हाँ बड़ा अजीब तो है। पर वो लड़की बोल रही थी कि उसका पति अक्सर बाहर रहता है और शायद उसका हथियार भी कमज़ोर है।

शिवा: ओह तब तो लड़की का बहुत ज़्यादा दोष नहीं है। बुर तो सबकी खुजाती है। और अगर पति उसकी प्यास नहीं बुझा पाए तो वो किसी से तो चुदेगी ही। और एक तरह से ठीक ही है कि वो अपने ससुर से ही चुदवा रही है। वरना बाहर किसी से चुदवाती तो बदनामी का भी डर रहता है।

मालिनी सोची कि अगर मजबूरी में चुदवा रही है तो शिवा को कोई ऐतराज़ नहीं है। ये एक बड़ी बात है पर उसके ख़ुद के साथ तो इस तरह की कोई मजबूरी नहीं है। शिवा उसे पूरे मज़े देता है और उसका हथियार भी तगड़ा है। ये बहाने तो उसके लिए नहीं चलेंगे अगर वो ससुर के साथ पकड़ी गयी। वो सोची कि उग्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ वो क्या करे? पापा को कैसे कंट्रोल करे। उनकी प्यास तो बढ़ती ही जा रही है। और सच तो ये है कि अब उसे ख़ुद को भी पापा के साथ मज़ा आता है। हे भगवान क्या करूँ। वो बोली: आपका मतलब है कि मजबूरी में अपने ससुर से चुदवाना ग़लत नहीं है।

शिवा: हाँ मेरे हिसाब से तो ठीक ही है। फिर हँसकर बोला: अरे मैं तो तुमको पूरा मज़ा और पूरी संतुष्टि देता हूँ ना? तुमको तो ज़रूरत नहीं है ना किसी से चुदावने की?

मालिनी ने झूठा ग़ुस्सा दिखाते हुए उसकी जाँघ पर एक मुक्का मारकर बोली: आप भी कुछ भी बोले जा रहे हो।
पर वो मन ही मन चिंता करने लगी कि क्या अपने ससुर के साथ वो जो भी मजबूरी में कर रही है वो सही है क्या? वो कैसे शिवा को समझाए कि पापा को दूसरी शादी से रोकना ही उसकी मजबूरी है। फिर वो सोची कि ये सच है कि ये मजबूरी तो है पर ये भी सच है कि आजकल उसको ख़ुद को भी पापा के साथ मस्ती करने में मज़ा आने लगा है। वो फ़ैसला करी कि अब वो उनसे दूर होने की कोशिश करेगी। पर पता नहीं वो उनकी दूसरी शादी को कैसे टालेगी उसे नहीं पता।

मालिनी को चिंता में डूबा देखकर शिवा बोला: क्या बात है किस चिंता में हो?

मालिनी: कुछ नहीं। तभी मालिनी का फ़ोन बजा। सरला की काल थी। वो बोली: हाय मम्मी बस आधे घंटे में पहुँचेंगे।

सरला: बहुत देर हो गयी है इसलिए फ़िक्र कर रही थी । चलो ठीक है आओ। वो फ़ोन काट दी।

जब वो घर पहुँचे तो दरवाज़ा सरला ने ही खोला।शिवा उसको देखता ही रह गया। वो बहुत सेक्सी लग रही थी । उसने मस्त गुलाबी साड़ी पहनी थी जो करीब पारदर्शी थी। और साथ ही सलीवलेस ब्लाउस से उसकी गोल गोल गोरी बाहं भी मस्त दिख रही थीं । उसने खुले गले का ब्लाउस पहना था। उसकी आधी चूचियाँ ब्लाउस और पारदर्शी साड़ी से बाहर झाँक रही थी। मालिनी उसके गले लगी और बोली: मम्मी बहुत सुंदर लग रही ही। फिर वो उससे अलग हुई और शिवा झुककर उसके पैर छुआ। सरला उसे बाँह पकड़कर उठाने लगी और शिवा के नाक में मस्त सेण्ट की ख़ुशबू आयी। अब वो उठा और उसकी निगाह चिकने पेट और गहरी नाभि पर पड़ी। सरला की बाहँ अब ऊपर हुई और उसकी मस्त गोरी चिकनी बग़ल देखकर वो मस्त होने लगा । सरला ने उसका सिर झुकाया और उसका माथा चुमी। अब शिवा की आँखें उसकी खुली अर्धनग्न छातियों पर थीं और वहाँ से आ रही मस्त और मादक करने वाली गंध उसके लौडे में हलचल मचा दी। उसे अपने आप पर शर्म आयी कि वो अपनी माँ की उम्र की सास को ऐसी निगाहों से देख रहा है। वो सरला से अलग हुआ और बोला: मम्मी जी कैसी हैं ?

सरला: बेटा मैं बिलकुल ठीक हूँ। चलो अब अंदर आओ।

वो दोनों अंदर आए। अंदर ताई जी भी बैठी थीं और बीमार सी दिख रहीं थीं । उन्होंने उनके भी पैर छुए।


फिर सब बातें करने लगे । तभी ताऊ जी भी आए और उन्होंने उनके पैर भी छुए ।शिवा ने देखा कि ताऊजी की आँखें बार बार सरला पर जा रही थी। उनकी आँखों में वासना स्पष्ट नज़र आ रही थी।
WOW VERY EROTIC AND HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
तभी मालिनी का भाई कोलेज से आया और मालिनी से लिपट कर प्यार किया। तभी ताऊ की दोनों बेटियाँ भी आयीं। स्कर्ट ब्लाउस में दोनों बहुत प्यारी लग रहीं थीं। वो सब शिवा से भी हाथ मिलाए।

राकेश जो कि मालिनी का भाई था बोला: दीदी चलो ना हमारे कमरे में बातें करेंगे।

चारु जो बड़ी थी बोली: हाँ दीदी चलो ना।

मुन्नी जो छोटी थी , मालिनी का हाथ पकड़कर उसे खिंचने लगी। मालिनी हँसकर बोली: अच्छा बाबा चलती हूँ। फिर शिवा को बोली: आप भी आइए ना ।

शिवा हँसकर : तुम जाओ मैं आता हूँ। मेरे सामने ये शर्माएँगी।

जब बच्चे चले गए तो मालिनी बोली: क्या लोगे बेटा? ठंडा या गरम?

शिवा: मम्मी जी पानी दे दीजिए।

सरला उठी और अपनी मोटी गाँड़ मटकाते हुए किचन में गयी और पानी लाकर गिलास को देती हुई अपनी साड़ी का पल्लू ठीक करने के बहाने अपनी क्लिवेज़ शिवा को अच्छे से दिखा दी। शिवा के नाक में उसके मस्त सेण्ट की गंध आइ और वो उत्तेजित होने लगा। फिर वो थोड़ी देर बातें किए और ताई जी लेटने चली गयीं। ताऊ जी भी एक फ़ोन आने से बाहर चले गए। अब सरला और शिवा ही आसपास बैठे थे। बातें करते करते वो उसकी जाँघ दबा देती थी। फिर वो बोली: बेटा, खाना लगा दूँ?

शिवा : जी मम्मी लगा दीजिए।

सरला उठी और मटकती हुई किचन में चली गयी। थोड़ी देर वह टी वी देखता रहा फिर उसे बाथरूम जाने की ज़रूरत महसूस हुई। वो ड्रॉइंग रूम से बाहर आकर इधर उधर देखा तो उसे बाथरूम दिखाई दिया। वो जब पेशाब करके बाहर आया तो वह एक कमरे के सामने से गुज़रा। उसमें से उसे कुछ अजीब सी आवाज़ें आ रही थीं । वो रुका और एक खुली खिड़की के परदे को हटा कर अंदर झाँका। अब वो चौका क्योंकि उसने देखा कि ताऊ जी मम्मी को अपने से चिपका कर खड़े थे और उनकी खुली चूचियों को चूमे जा रहे थे। मम्मी भी मज़े से उनका सिर दबा रही थी। ताऊजी मम्मी की मस्त मोटी गाँड़ भी मसल रहे थे। ताऊजी: मेरी जान आज क्या माल दिख रही हो? उफफफ बहुत ही सुंदर सजी हुई हो। क्या बात है? आख़िर क्यों इतना सेक्सी रूप धरी हो। क्या दामाद को पटाना है?

शिवा एकदम से चौंक गया। ये क्या बोल रहे हैं ताऊजी।

सरला: आप भी कुछ भी बोलते हो। क्या मैं अच्छे कपड़े नहीं पहन सकती?

श्याम उसको चूमते हुए बोला: अरे क्यों नहीं पहन सकती। क्या माल दिख रही हो?

सरला: आऽऽऽह अब छोड़ो । मुझे खाना लगाना है।

वह आख़िर बार उसकी चूचियाँ दबाया उसे छोड़ा और बोला: चलो अब खाना लगाओ।

शिवा जल्दी से वहाँ से हट गया।

सरला अब खाना लगाने लगी।

शिवा आकर सोफ़े पर बैठकर अपना खड़ा लौड़ा ऐडजस्ट किया और सोचने लगा कि ये क्या देखा मैंने? मम्मी ताऊजी से लगी हुईं हैं। क्या मालिनी को पता है? पर उसने कभी ज़िक्र नहीं किया। इसका मतलब है कि मालिनी भी मुझसे बातें छिपा लेती है? वह सोचा कि वो ख़ुद भी तो अपनी सास को ख़राब नज़र से देख रहा है। उसके लौड़े का बार बार खड़ा होना इसका सबूत था। वो अपने लौड़े पर हाथ फेरा मानो उसे तसल्ली दे रहा हो, और सोचने लगा कि उस दिन मम्मी की सहेली भी तो ऐसी ही औरत थी जो कि उसका लौड़ा ही चूस गयी थी। तो क्या सच में मम्मी चरित्रहीन है ?

तभी मालिनी और उसके कज़िन हँसते हुए कमरे में आए और चारु बोली: जीजा जी आज हम दीदी और आपके साथ मूवी देखेंगे।

शिवा: हाँ हाँ क्यों नहीं साली साहिबा। आप जो चाहेंगी वैसा ही होगा।

मालिनी: आह तेरे जीजा जी का मूड अच्छा है और कुछ भी माँग ले।

मुन्नी: जीजा जी मुझे मोबाइल दिलवाइए ना।

शिवा: बिलकुल दिलाएँगे अगर तुम एक मीठी सी पप्पी दोगी।

लाड़ प्यार में पली मुन्नी फट से आगे आयी और उसकी गोद में बैठ गयी और अपने गाल आगे करके बोली: लीजिए पप्पी।

शिवा की हालत ख़राब हो गयी। वो उसके पैंट में फँसे खड़े लौड़े पर बैठ गयी थी। अब उसे दुखने लगा था, वो जल्दी से उसकी पप्पी लिया और उसको अपनी गोद से उठाया और बोला: मालिनी इसे मोबाइल दिलवा देना। अब शिवा अपनी पैंट के ऊपर हाथ रखकर अपना इरेक्शन मालिनी से छुपाने की कोशिश किया। पर उसकी कोशिश नाकामयाब रही क्योंकि मालिनी को आभास हो गया था कि शिवा का लौड़ा शायद खड़ा है। पर क्यों? वो सोची।

मालिनी दिखाने के लिए ख़ुश होकर: जी दिलवा दूँगी। अब मुन्नी ख़ुश होकर मालिनी की गोद में बैठ कर उसको भी पप्पी दे दी।

तभी सरला आयी और बोली: चलो सब लोग खाना लग गया है।

मुन्नी: चाची, आपको पता है, जीजा जी मुझे मोबाइल दिलाएँगे। और आज हम सब मूवी भी देखने जाएँगे । हैं ना जीजा जी? वो शिवा की बाँह पकड़कर बोली।

शिवा मुस्कुराया: ज़रूर छोटी साली जी।

सब हँसने लगे। पर सरला सोच में डूब गयी। वो सोची कि ये अच्छा अवसर है अगर शिवा ना जाए तो बात आगे बढ़ सकती है। उसने एक योजना बनाई और बोली: देखो मैं तो नहीं जाऊँगी। तुम सब जाओ।

मालिनी: क्यों मम्मी आप भी चलो ना।

सरला: नहीं बेटी मैं नहीं जा सकती हूँ। तेरी ताई का भी ध्यान रखना पड़ता है। पिछले कुछ दिनों से उसकी तबियत ज़्यादा ही ख़राब है।

अब सब खाना खाने बैठे तब सरला धीरे से किचन में जाकर शिवा के फ़ोन में sms की। उसने लिखा: मुझे तुमसे बहुत ज़रूरी बातें करनी है,वो भी अकेले में। अगर तुम कुछ बहाना बना कर मूवी ना जाओ तो हम अकेले में बातें कर सकेंगे। बात इतनी सेन्सिटिव है कि अभी मैं मालिनी को भी नहीं बता सकती।

सब खाना खा रहे थे। सरला ने शिवा के फ़ोन में sms आने की आवाज़ सुनी। पर वह मस्ती में बातें कर रहा था। उसने sms की तरफ़ ध्यान नहीं दिया। सरला चाहती थी कि वो एक बार फ़ोन चेक करे। पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो ये काम कैसे करे? ख़ैर सबने खाना खाया और शिवा ने खाने की बहुत तारीफ़ भी की। फिर सब खाना खा कर बैठे और मस्ती करने लगे। मूवी जाने में अभी एक घण्टे थे। इसी समय में सरला चाहती थी कि किसी तरह से शिवा अपना sms पढ़ ले।

जब बहुत देर हो जाने के बाद भी वो फ़ोन चेक नहीं किया तो सरला बोली: शिवा तुम्हारा फ़ोन मैंने आज लगाया था जब तुम यहाँ आ रहे थे। पर वो लगा नहीं। तुमने अपना नम्बर बदला है क्या?

शिवा: नहीं तो, मेरा नम्बर वही है।

सरला: अच्छा मैं तुमको एक मिस्ड कॉल देती हूँ तुम देखो बजता है कि नहीं। अब वो उसे फ़ोन करी और शिवा की घंटी बजी । अब वो अपना फ़ोन उठाया और बोला: मम्मी देखो आपका नम्बर आ रहा है।

सरला: ओह फिर ठीक है। तभी वो देखी कि शिवा ने sms को नोटिस किया। उसे पढ़कर वो सवालिया नज़रों से उसे देखा। सरला ने हाँ में सिर हिलाया और बोली: बेटा थोड़ा आराम करना हो तो मेरे कमरे में आराम कर लो।

शिवा उसका इशारा समझ गया और बोला: मालिनी तुम बातें करो मैं थोड़ी देर लेट लेता हूँ।

सरला उसे लेकर अपने बेडरूम में आयी और बोली: बेटा तुमको कोई बहाना बनाना है क्योंकि मुझे तुमसे अकेले में बात करनी है। श्याम भी शाम के पहले नहीं आएँगे।

शिवा: वो तो मैंने sms में पढ़ा पर ऐसी क्या बात है जो आप मालिनी को भी नहीं बताना चाहती?

सरला: बेटा बात तुम्हारे पापा के बारे में है। प्लीज़ कोई बहाना बना लो।

शिवा हैरानी से : मेरे पापा के बारे में ? ओह, ठीक है मैं लेट जाता हूँ। बाद में मैं सिर दर्द का बहाना बना दूँगा।

सरला ख़ुश होकर: ठीक है बेटा आराम करो। वह झुक कर उसको चादर उढाई और झुकने के कारण उसके उभारों के दर्शन कर वह एक बार फिर से गरम हो गया। फिर वह बाहर चली गयी।

फिर वही हुआ जो सरला चाहती थी। ठीक समय पर शिवा ने सर दर्द का बहाना बनाया और मालिनी आख़िर में हराकर अपने कजिंस के साथ मूवी देखने चली गयी।

उनके जाने के बाद शिवा उठकर ड्रॉइंग रूम में आया और सरला से बोला: हाँ मम्मी जी अब बताइए क्या बात है वो भी पापा के बारे में?

सरला मुँह उतराके बोली: बेटा एक बहुत बड़ी समस्या आ गयी है।

शिवा: क्या समस्या आप बताइए तो सही।

सरला: बेटा तुम्हारे पापा दूसरी शादी का सोच रहे है।

शिवा: क्या ? आपसे किसने कहा?

सरला: ख़ुद तुम्हारे पापा ने।

शिवा: ओह ये तो बड़ी गड़बड़ हो जाएगी।

सरला: और भी सुनो, वो तो लड़की भी मालिनी से छोटी लाएँगे ऐसा बोले हैं !

शिवा: हे भगवान। ये पापा को क्या हो गया है?

सरला: बेटा, मुझे तो तुम दोनों की बहुत चिंता है। एक तो मालिनी की सास उससे छोटी उम्र की और दूसरी ओर उसके भी बच्चे हुए तो तुम्हारे लिए एक और सर दर्द हो जाएगा। जायदाद में वो भी बराबर का हिस्से दार हो जाएगा। घर की शांति भंग होगी वो अलग। मेरा तो सोच सोच कर सिर फटा जा रहा है। बेचारी मेरी बच्ची का क्या होगा? ये कहते हुए वो रोने लगी।

शिवा उसके रोने से हड़बड़ा गया और उठ कर उसके पास आकर बैठा और उसको दिलासा देते हुए बोला: मम्मी आप क्यों रो रही हो? हम कुछ करेंगे ना। पापा को समझाएँगे।

सरला ज़ोर से रोती हुई बोली: वो सब मैं कर चुकी हूँ वो नहीं मान रहे हैं। अब शिवा उसके हाथ को सहलाया और बोला: मम्मी रोने से कोई समस्या हल नहीं होगी। वह उसकी बाँह को सहलाया और उसकी उँगलियाँ उसके बड़े स्तन से छू गयीं। उसे जैसे बिजली का झटका लगा। उधर सरला ने रोते हुए अपना सिर उसके कंधे पर रख दिया था और उसकी साड़ी का पल्लू भी गिर गया था । अब शिवा को उसके आधे दूध जो कि ब्लाउस से बाहर थे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे और उसके लौड़े ने फिर से अपनी अकड़ दिखानी शुरू कर दी।


सरला भी अब रोते हुए बोली: क्या करूँ रोने केअलावा और क्या कर सकती हूँ?
WOW VERY EROTIC AND HOT UPDATE
 

Top