Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

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शिवा देखा कि कैसे पापा का मस्त लौड़ा असकी बीवी की बुर में अंदर बाहर हो रहा था। अब राजीव उसके चूतरों पर चपत लगाने लगा और बोला: आऽऽऽऽह क्या चिकनी लौड़िया है मेरी जान। उफफफ कितना चोदूँ दिल नहीं भरता। आऽऽऽऽऽह साऽऽऽऽऽऽऽल्ली रँडीइइइइइइइइइइ। ले और ले।

मालिनी भी मस्ती में आकर अपनी गाँड़ को पीछे दबाकर: उइइइइइइ आऽऽऽऽऽह और जोओओओओओओओर से चोओओओओओदो अपनी रँडीइइइइइइइ बहूउउउउउउ को । फ़ाआऽऽऽऽऽऽड़ दो मेरी चूउउउउउउउउत पाआऽऽऽऽऽऽऽपा।

अब वो दोनों झड़ने लगे। राजीव ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और मालिनी के मुँह के पास अपना लौड़ा ले आया। अब मालिनी भी रँडी की तरह उसे चूसने लगी और वो झड़ने लगा। मालिनी उसका पूरा रस पिये जा रही थी। वो सुपाडे को जीभ से चाट कर शांत भी की।
शिवा बड़बड़ाने लगा: आऽऽऽह मालिनी तो मम्मी की तरह पूरी रँडी बनती जा रही है। आऽऽऽह्ह्ह्ब्ब।मम्मी भी ऐसा ही चुदवाती थी ।हाऽऽऽऽय्य ।
वो अपना लंड दबाए जा रहा था। आयशा उस पर तरस खाई और उसका लंड पैंट से बाहर निकाली और उसे चूसने लगी। जल्दी ही वोझड़ गया और आयशा भी उसका पानी पी गयी। असलम ने आयशा को नंगी किया और वहीं उसको चोदने लगा। जल्दी ही चुदाई की आवाज़ों से कमरा गूँज उठा और वो दोनों भी झड़ गए।

आयशा : शिवा आप किसकी मम्मी की बात कर रहे हो अपनी या मालिनी की?

शिवा: आऽऽऽहहह मैं अपनी मम्मी की बात कर रहा हूँ। वो भी ऐसे ही लंड का रस पीतीं थीं जैसे तुमने और मालिनी ने अभी पिया।

शिवा की निगाह अभी भी लैप्टॉप पर ही थी। दोनों ससुर बहू बाथरूम से फ़्रेश होकर आ गए थे और दीवान में साथ ही लेटे हुए थे। राजीव का हाथ अभी भी अपनी बहू के चिकने बदन पर घूम रहा था। मालिनी का हाथ भी ससुर की छाती पर था और वो उसके बालों से खेल रही थी।

शिवा: देखो ऐसा लगता है ना कि प्रेमी और प्रेमिका प्यार कर रहे हैं। कौन बोलेगा ससुर और बहू हैं ये दोनों।

आयशा: चलो ना जी भर के मज़े ले लेने दो। कल तो आप पहुँच ही जाओगे।

असलम नाश्ता करके ऑफ़िस चला गया। शिवा भी नहा के नाश्ता किया और लैप्टॉप भी देखता रहा। पापा और मालिनी ने नंगे ही नाश्ता किया। बाद ने टी वी देखे एक दूसरे से लिपट कर। मालिनी अब उसका लंड सहला रही थी।
असलम के जाने के बाद आयशा आकर शिवा के साथ बैठ कर लैपटॉप देख रही थी। राजीव और मालिनी अभी भी नंगे दीवान पर लेते हुए एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे।

मालिनी: उफफफ पापा आपने तो थका ही दिया। कितने आसनो में अपनी बहु को मज़ा दिया आपने।

राजीव: बेटा सच में बहुत मज़ा आ रहा है। कल से तुम मेरे साथ नहीं सोओगी ये सोच कर मैं उदास हुए जा रहा हूँ।

मालिनी हँसकर : मुझे भी तो अपने पति को समय देना है।

राजीव जानता था कि शिवा रिकॉर्डिंग देखेगा या क्या पता लाइव ही देख रहा हो। सो वह बोला: बेटा एक बात बताओ अब तो तुम दिन में मेरी बीवी और रात को शिवा की बीवी की तरह ही रहती हो। अगर मैं ये बात शिवा को बता दूँ और वो मान जाए तो हर समय तुम हम दोनों की बीवी की तरह साथ में रह सकती हो।

मालिनी: उफ़्फ़ पापा ये कैसे हो सकता है? ये बात शिवा क्यों मानेंगे?

राजीव: अगर वो मान गया तो तुमको कोई ऐतराज़ होगा क्या?

मालिनी: आऽऽह पापा वो मानेंगे नहीं और मुझे तलाक़ दे देंगे।

राजीव: अगर वो तलाक़ दे देता है तो मैं तुमसे शादी कर लूँगा। तब तो ठीक है ना?

शिवा आयशा को बोला: देखो पापा क्या क्या बोल रहे हैं? उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या कमीना आदमी है मेरा बाप? वो अपना लौड़ा दबाकर बोला जो कि फिर से खड़ा हो चुका था।

आयशा: और तुम कम कमीने हो जो अपनी बीवी को अपने बाप से चुदता देख कर ख़ुश हो रहे हो ? ये अच्छा मौक़ा है तुम्हारे लिए। तुम और तुम्हारे पापा दोनों मालिनी को एक साथ चोदना चाहते हो अपनी बीवी की तरह। फिर मुश्किल क्या है? वो शिवा का लौड़ा लोअर के ऊपर से दबाते हुए बोली।

शिवा: मुश्किल है शुरुआत कैसे हो? कौन पहले बोले और कैसे मालिनी को मनायें ?

आयशा: ये काम तो मैं भी कर सकती हूँ। अब वो लम्बे लम्बे स्ट्रोक मारकर उसका लौड़ा सहला रही थी।

उधर मालिनी: पापा ,क्या शिवा ऐसी बात के लिए कभी भी राज़ी हो सकते हैं?

राजीव: अरे उसकी छोड़ो। अपनी बताओ कि तुमको इस तरह के इंतज़ाम में कोई ऐतराज़ है क्या?

मालिनी: इसका मतलब है कि आप दोनों मुझे एक साथ प्यार करेंगे? और मैं रात को किसके साथ सोऊँगी?

राजीव: अरे कोई प्लान बन ही जाएगा । अगर शिवा मान गया तो हम तीनों एक ही बिस्तर पर भी सो सकते है। उसमें क्या हर्ज है।

शिवा ने अपना लोअर नीचे किया और लौड़ा बाहर निकाला और आयशा को बोला: अपना गाउन उतारो और मेरे लंड पर बैठो। वह अब बहुत उत्तेजित हो गया था।
आयशा हँसते हुए नंगी हुई और उसकी ओर पीठ करके उसके गोद में बैठी और लौड़े को अपनी बुर के अंदर कर ली और धीरे धीरे गाँड़ उछालने लगी। इस पोज़ीशन में वह दोनों लैप्टॉप देख पा रहे थे।

शिवा: उफफफफ पापा वही कह रहे हैं जो मैं चाहता हूँ। आऽऽऽहाह । वो नीचे से अपनी कमर उछाल कर बोला।

मालिनी: उफफफ पापा आप दोनों के साथ रात भर और वो भी नंगे । आऽऽहहह मेरी बुर गीली होने लगी है पापा।

राजीव ने उसकी जाँघों को फैलाया और उसकी बुर में दो ऊँगली डालकर बाहर निकाला और बोला: आऽऽह सच बिलकुल गीली हो चुकी हो। अभी तो चुदीं थी फिर गरम हो गयी? वो अपनी उँगलियाँ चाटने लगा।

मालिनी: उफफफफ पापा आप ऐसी बातें करेंगे तो गरम नहीं होऊँगी क्या?

राजीव: इसका मतलब है कि तुम भी यही चाहती हो। वो फिर से उसकी बुर में उँगलियाँ डाल के अंदर बाहर करते हुए बोला।

शिवा भी मालिनी की एक तरह से हाँ सुनकर जोश में आकर नीचे से अपनी गाँड़ उछालकर आयशा को चोदने लगा।

अब राजीव ने मालिनी को सीधे लिटाया और उसकी टाँगें मोड़कर ऊपर उठाकर फैलायी और उनके बीच में अपना मुँह घुसाकर उसकी बुर चाटने लगा।

मालिनी भी अपनी कमर उछालकर उसके मुँह पर अपनी बुर दबाकर मस्ती से बोली: आऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽऽपा । मस्त लग रहाआऽऽऽऽऽऽऽ है। उफफफफ पाआऽऽऽपा कैसा लगेगा जब आप दोनों मुझे आऽऽऽऽहहह चोओओओओओओदेंगे !!!!

राजीव भी अब जल्दी जल्दी अपनी जीभ और होंठों के मदद से उसे मस्ती से भरने लगा था।

शिवा मालिनी की बात सुनकर जोश में आकर चुदाई करने लगा।
इधर आयशा भी अपनी गाँड़ उछालकर चुदवा रही थी और शिवा उसकी चूचियाँ दोनों पंजों में दबोचकर मसल रहा था। आयशा भी अब आऽऽऽऽऽह उइइइइइइइज माँआऽऽऽऽऽऽऽ चिल्ला रही थी।

जल्दी ही राजीव ने अपना हमला तेज़ किया और एक ऊँगली को थूक से गीला करके उसकी गाँड़ में भी डाल दिया। अब उसकी जीभ मालिनी की क्लिट को छेड़ रही थी और अब मालिनी डबल हमले से घायल होकर आऽऽऽऽऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽऽऽऽपा मैं गयीइइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी। उसने अपनी जाँघें भींच लीं और राजीव का मुँह वहाँ जैसे दो मुलायम खम्बों के बीच फँस सा गया। वह उसकी बुर से निकालता रस पिए जा रहा था।

उधर मालिनी का स्खलन आयशा और शिवा को भी उत्तेजित कर गया और वो भी उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ह्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगे।
बाद में शिवा आयशा जब फ़्रेश होकर बैठे तो शिवा बोला: अब जब मालिनी भी हम दोनों से एक साथ चुदाई के लिए तय्यार है, तो आगे कैसे बढ़ा जाए ?

आयशा: मैं उसको बताऊँ कि आप भी यही चाहते हो?

शिवा: हाँ ये एक सम्भावना हो सकती है। पर पापा को कैसे बताएँगे?

आयशा: मुझे अपने पापा से चुदवा दो । मैं उनको भी बता दूँगी।

शिवा: आऽह तुम्हारे पास तो हर चीज़ का जवाब रहता है।

वो दोनों लैप्टॉप में देखे। अब मालिनी थक के सो गयी थी। राजीव अपने कमरे में बाथरूम में था। करवट में सोयी हुई मालिनी की बड़ी ठोस गाँड़ मस्त दिखाई दे रही थी।

तभी असलम का फ़ोन आया। आयशा: हाँ बोलो?

असलम: क्या हो रहा है?

आयशा: बस अभी एक राउंड चुदाई हुई है। लैप्टॉप पर बहु की बुर ससुर को चाटते देखकर हम दोनों भी जोश में आकर चुदाई कर लिए।

असलम: बढ़िया। अब क्या हो रहा है वहाँ?

आयशा: आज मालिनी ने मान लिया कि वो शिवा और उसके पापा से एक साथ चुदवाने को तय्यार है।

असलम: वाह ये बढ़िया हो गया। अब तो शिवा के मन की हो जाएगी।

आयशा: और मेरे भी मन की हो जाएगी। मैं भी शिवा के पापा से चुदवा लूँगी।

असलम हँसकर: वो बाद में चुदवाना। अब्बा का फ़ोन आया है कि वो और अम्मी अगले हफ़्ते हमारे यहाँ आएँगे।
आयशा ख़ुशी से : आऽऽह सच तब तो मज़ा आ जाएगा। कितने दिन हो गए दोनों से मज़ा लिए हुए।

शिवा चुपचाप उसकी बातें सुन रहा था। वो सोचा कि ये भी अपने ससुर से चुदवाने को मरे जा रही है जैसे मालिनी की प्यास अपने ससुर से बुझ रही है।

उधर असलम ने फ़ोन काट दिया था।

उस दिन जब असलम खाना खाने आया तो आयशा को एक राउंड चोदा। शिवा अपने लैप्टॉप पर ही था और उस समय पापा और मालिनी खाना खा रहे थे और अब भी वो दोनों पूरे नंगे ही थे। पापा ने मज़ाक़ में बहू की चूचियों पर दहीं मला और फिर उसे चाट कर साफ़ किया । शिवा का लौड़ा फिर खड़ा होने लगा। अब पापा ने अपने लौड़े और बॉल्ज़ पर भी दहीं लगाया और अब मालिनी ने उसे चाटकर साफ़ किया और खा गयी। शिवा सोच रहा था कि पापा को खाना खाते हुए भी सेक्स दिखाई दे रहा है । क्या सेक्सी आदमी है पापा भी?
इसी तरह अलग अलग तरीक़े से सेक्स का मज़ा लेते रहे ससुर और बहू । शिवा अब अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसको मसलने लगा।

असलम के जाने के बाद आयशा भी सो गयी। शिवा अभी भी लैप्टॉप से चिपका हुआ था। अब पापा ने मालिनी को अपने साथ लिटाया और दोनों सो गए। शिवा ने अपना कुछ काम निपटाया और जब वो दोनों सोकर उठे तो पापा ने मालिनी को कहा: बेटा आओ ६९ करते हैं। फिर ६९ के बाद मालिनी को ऊपर चढ़ाकर वो मस्त चुदाई का मज़ा लिए। आज मालिनी ऊपर सवारी करके पहले ख़ुद झड़ी और फिर अपने ससुर को भी झड़ने पर मजबूर कर दी।

उस रात भी पापा ने मालिनी के साथ ६९ किया और बाद में उसे अपने मुँह पर अपनी बुर रखकर बिठाया। और फिर आख़िर में उसकी ज़बरदस्त चुदाई किए।

रात में शिवा और असलम ने भी आयशा को एक साथ चोदा।

अगले दिन सुबह सुबह शिवा अपने घर पहुँचा। मालिनी ने उसका स्वागत उससे लिपट कर किया। उसकी हरकत से कोई कह नहीं सकता था कि ये लड़की अभी अभी पापा के कमरे से नंगी निकली है और कपड़े पहनकर आयी है पति से मिलने। उधर राजीव भी बाहर आया और शिवा ने उसको भी नमस्ते किया। राजीव ने बड़े प्यार से उसको गले लगाया। शिवा सोच रहा था कि कौन सोच सकता है कि ये मेरे पापा मेरी बीवी को चोद रहे हैं। इनका व्यवहार कितना सामान्य है।

अब वो अपने कमरे में गया तो मालिनी उसके पीछे आयी और कमरे में आते हुए उससे चिपक गयी और उसको चूमने लगी मानो बरसों की प्यासी हो। शिवा उसकी हरकत से हैरान रह गया। वह भी उसको चूमने लगा। जल्दी ही दोनों गरम हो गए और शिवा ने उसके कपड़े खोल दिया और ख़ुद भी नंगा होके उसको लिटाया और ऊपर आकर उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो सोचा कि दो दिन से पापा कितना चूसें हैं इनको। अब वो पूरे जोश से उसको चोदने लगा। मालिनी भी अपनी गाँड़ उछालकर नीचे से उसका साथ देने लगी। बीस मिनट की चुदाई के बाद वो दोनों झड़ गए। उनको पता नहीं था कि राजीव चुपचाप खिड़की से उनकी चुदाई देख रहा था। वो सोचा कि सच में मेरा बेटा चुदाई के मामले में मुझ पर ही गया है।
अब वो अपने कमरे में चला गया। वो सोचा कि इसका मतलब है कि शिवा को ससुर बहू की चुदाई से कोई समस्या नहीं है। वरना वह अपनी बीवी से नाराज़ होता और ऐसे मज़े से उसको नहीं चोदता। वह सोचा कि उसका ख़याल सही है कि शिवा भी यही चाहता है कि मालिनी मुझसे भी चुदे ।
पर क्या सच में वो चाहता है कि हम तीनो साथ में चुदाई करें ? फिर अचानक उसको एक आइडिया आया और वह मुस्कुराया। वह जानता था कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। उसने अपना लंड दबाया।
तभी मालिनी अंदर राजीव के कमरे में आयी और बोली: पापा नाश्ता लगाऊँ क्या?

राजीव मालिनी को अपने गोद में खींचकर बोला: क्यों चुदवा लिया शिवा से ?

मालिनी हँसी और बोली: जैसा बाप वैसा बेटा। दो दिन बाद मिले हैं छोड़ने वाले थोड़े ही थे। पूरी घिसाई कर डाले हैं। वो नायटी के ऊपर से अपनी बुर खुजा के बोली।

राजीव भी हँसा और बोला: चलो सुबह सुबह तुम्हारी मस्ती हो गयी। फिर उसको चूमकर बोला : मज़ा तो तभी आएगा जब तुम हम दोनों से साथ में चुदवाओ। वो उसकी गाँड़ दबाकर बोला।

मालिनी: उफफफ पापा ये कैसे हो सकता है। अच्छा अब जाती हूँ वो नहाकर आ रहे होंगे ।
राजीव उसकी बुर को नायटी के ऊपर से दबाकर बोला: चलो इसको मज़ा तो मिला ना सुबह सुबह ।
दोनों हँसने लगे।

मालिनी किचन जाकर काम में लग गयी। जब सब नाश्ता कर रहे थे तब राजीव पूछा: अब बताओ तुम्हारी मुंबई की कॉन्फ़्रेन्स कैसे रही?

शिवा चौंक कर : ठीक ही रही पापा। वैसे कुछ ख़ास फ़ायदा नहीं हुआ जाने का। चलो घूम आए।

राजीव: तुम्हारा ध्यान कॉन्फ़्रेन्स में नहीं होगा, इसीलिए तुमको लगता है कि कोई फ़ायदा नहीं हुआ।

शिवा फिर से चौंका: क्या मतलब ?

राजीव: अगर तुम काम में पूरा ध्यान दोगे तभी ना तुमको कुछ फ़ायदा होगा।

मालिनी उठकर किचन में गयी और फ्रिज से पानी निकलाने लगी और गिलास में भरने लगी।

राजीव ने उसकी अनुपस्थिति का फ़ायदा उठाया और धीरे से बोला: तुम्हारा ध्यान तो अपने लैप्टॉप पर था जिसमें तुम ये देख रहे थे कि मैं और बहू क्या कर रहे हैं? सही कहा ना मैंने? इन घड़ियों में तुमने कैम इसीलिए लगाया था ना, कि देख सको कि मैं और बहू कैसे मज़ा करते हैं?

शिवा के चेहरे से हवाइयाँ उड़ने लगीं । वो हैरानी और शर्म से अपनी नज़रें झुका लिया।

राजीव मन ही मन मुस्कुराया और सोचा कि मुझे अपनी बीवी के साथ मस्ती करते देखकर इसने कोई आपत्ति नहीं की बल्कि शर्मा रहा है। सब वैसे ही हो रहा है जैसे मैंने सोचा था। वो मज़े से अपने बेटे की प्रतिक्रिया का इंतज़ार करने लगा।
 
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शिवा शर्मिंदा होकर बैठा था जब मालिनी पानी लेकर वापस आइ। राजीव ने देख लिया था कि शिवा विरोध के मूड में नहीं था। वो मन ही मन ख़ुश हुआ और बोला: बेटी तुमको पता है कि इस शिवा ने क्या किया है?

मालिनी ने सवालिया नज़रों से राजीव को देखा।

शिवा: पापा प्लीज़ रहने दीजिए ना।

राजीव: क्या रहने दूँ? तुमने काम ही ऐसा किया है? बहु इसने यहाँ घर में कैम लगायें हैं ताकि वह हम दोनों की चुदाई देख सके। राजीव ने जान बूझकर चुदाई शब्द का उपयोग किया था।

मालिनी का चेहरा सफ़ेद हो गया। वो हैरानी से शिवा और राजीव को देखने लगी। फिर उसे समझ में आया कि हे भगवान कितना अनर्थ हो गया है। वो भाग कर अपने कमरे में घुस गयी और बिस्तर पर औँधी गिर कर रोने लगी। उसे लगा कि सब कुछ ख़त्म हो गया। अब शिवा उसे तलाक़ दे ही देगा। वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी।

उधर शिवा: पापा आपको मालिनी को बताने की क्या ज़रूरत थी?

राजीव: वाह कैसे नहीं बताता। तुमको ये सब करते हुए शर्म नहीं आयी?

शिवा धीरे से बोला: पापा आपको भी अपनी बहु के साथ ये सब करना चाहिए था? ये ग़लत नहीं है?

राजीव: नहीं ये ग़लत नहीं है क्योंकि मैंने बहु पर कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं की है। वह एक सुंदर औरत है और मैं भी एक ज़रूरत मंद मर्द हूँ। तुम्हारी मम्मी को गए इतने दिन हो गए हैं। मैंने कौन सी दूसरी शादी कर ली।

शिवा: पापा शायद मालिनी रो रही है, चलिए उसे चुप कराते हैं।

राजीव और शिवा उठकर मालिनी के कमरे में पहुँचे तो वो हिचकियाँ मार के रो रही थी। वो पेट के बल उलटा लेटी थी और नायटी ऊपर उठ जाने के कारण उसकी टाँगे घुटनो तक नंगी थीं । रोने के कारण उसका बदन हिले जा रहा था। शिवा और राजीव उसके मोटे नितम्बों को देखकर मस्त हो गए। अब उसकी एक तरफ़ शिवा और एक तरफ़ राजीव बैठे और राजीव बोला: बेटी क्यों रो रही हो? चलो चुप हो जाओ। वह उसकी पीठ सहला कर बोला। शिवा भी उसके कंधे सहलाया और बोला: जानू चुप हो जाओ।

अचानक मालिनी ने अपना सिर उठाया और उसका आँसुओं से भीगा चेहरा शिवा के सामने था। वह शिवा को बोली: आप मुझे माफ़ कर दो । मैं बहक गयी थी। मैं अब पापा के साथ ये सब कभी नहीं करूँगी। आप मुझे एक अलग से किराए का घर ले दो। मैं आपके साथ वहाँ भी रह लूँगी। प्लीज़ मुझे तलाक़ मत दीजिए।

शिवा उसकी बातें सुनकर बोला: अरे पगली ये सब क्या बोल रही हो? मैं तुमको कोई तलाक़ नहीं दूँगा। और वैसे भी पापा ने तुमको बहकाया है। वो दूसरी शादी का बोल कर तुमको तनाव देते थे। पर तुम ये सब छोड़ो । मैं हूँ ना।

मालिनी शिवा की गोद में सिर रखकर सिसकियाँ भर रही थी। शिवा उसके आँसू पोंछकर बोला: चलो मुँह धो लो।

मालिनी: वैसे मुझे ऐसा बनाने में आपका भी हाथ है?

शिवा: मेरा? वो कैसे?

मालिनी: आपने मेरी मम्मी से सम्बंध बनाए तो मेरे मन में भी एक बदला लेने की इच्छा जागी और मैंने आपके पापा से सम्बंध बना लिए।

राजीव हँसा और बोला: तो चलो हो गया ना हिसाब बराबर। चलो शिवा ने तुम्हारी माँ चोद दी और तुमने उसके बाप से चुदवा लिया। हिसाब बराबर हो गया ना? अब रोना धोना बंद करो और मुँह धो कर आओ।

मालिनी ने राजीव की बात अनसुनि कर दी और शिवा को बोली: अब क्या होगा? क्या हम अलग रहेंगे?

शिवा: नहीं हम सब साथ ही रहेंगे और वैसे भी ये तो घर की ही बात है ना। तुम किसी बाहर वाले से तो चुदवाई नहीं हो ना? पापा तो अपने है ना?

राजीव हँसकर: हाँ बिलकुल जैसे तुम्हारी मम्मी भी शिवा की अपनी सास ही थी ना। है ना शिवा?

शिवा: पापा आप भी ना। बार बार इसकी मम्मी को क्यों बीच में ले आते हैं?

मालिनी: मैं सच कहती हूँ कि मैंने पापा का बहुत विरोध किया। पर मेरे दिल में डर बैठ गया था कि पापा दूसरी शादी करेंगे तो आपका क्या होगा। पापा तो बहुत दिनों से कोशिश में लगे थे पर मैंने कई दिनों तक इनको हाथ नहीं लगाने दिया । पर आख़िर में मजबूर हो गयी और मैं इनको और मना नहीं कर पाई। मुझे माफ़ कर दीजिए प्लीज़।

अब शिवा उसके गाल चूमा और बोला: मैं तुमसे बिलकुल नाराज़ नहीं हूँ। इस लिए अब चुप हो जाओ। और ये बात मन से निकाल दो कि हम अलग रहेंगे। मैंने देखा है कि तुम और पापा एक दूसरे को कितना पसंद करते हो। दोनों एक दिन रात पूरे नंगे रहे और रात दिन प्यार करते रहे।

मालिनी शर्म से लाल होकर: आऽऽऽऽह आपने सब देख लिया?

राजीव : और क्या ? इसने सब देख लिया है। अब तुम चुप हो जाओ और परेशान ना हो।

शिवा: मैं तुमको बहुत प्यार करता हूँ। और अब पता चल गया है कि पापा भी तुमको बहुत प्यार करते हैं। तुम भी हम दोनों को बहुत प्यार करती हो, ऐसी हालत में हम सब साथ ही रहेंगे ना।

अब राजीव फिर से हँसा और बोला: अरे मेरी प्यारी बहू , हम सब साथ रहेंगे। अब शिवा को जब सब पता ही है और वो हमारी चुदाई देख ही चुका है। तो अब छिपाना कैसा? अब तुम खुलकर हम दोनों की बीवी बनकर रहोगी।और अपनी जवानी हम बाप बेटे पर लुटाओगी। हैं ना शिवा?

शिवा मुस्कुरा दिया।
ये कहकर राजीव ने एक बहुत ही बोल्ड हरकत की और मालिनी के एक नितम्ब को सहलाने लगा।
मालिनी: आह पापा क्या कर रहे हैं? हाथ हटायिए ना।
राजीव: अरे बेटा अब क्यों शर्मा रही हो। अब तो खुल कर अपनी जवानी का मज़ा दो हम दोनों बाप बेटे को।
यह कहकर वो अपने पंजे में उसकी एक गाँड़ को दबाने लगा। शिवा उसकी इस हरकत से गरम होने लगा । उधर राजीव ने शिवा का एक हाथ पकड़ा और उसको मालिनी के दूसरे नितम्ब पर रख दिया। शिवा भी मस्ती से भर गया। वह भी उसकी मस्त मोटी गाँड़ दबाने लगा। आऽऽऽह यही वो पल थे जिनका उसे इंतज़ार था । आज वो और पापा दोनों मालिनी की एक एक गाँड़ मसल रहे हैं। बिलकुल वैसे ही जैसे कई साल पहले पापा के दोनों दोस्त मम्मी की एक एक गाँड़ मसल रहे थे और वो रोशनदान से छुपकर अपनी मम्मी को पापा के दो दोस्तों से मज़ा करते देखा करता था।

मालिनी ने महसूस किया कि उसकी गाँड़ पर दोनों के ही हाथ हैं। वो अजीब सा अनुभव की और गरम होने लगी। उसका मुँह शिवा की गोद में था और वो महसूस करके कि उसका लौड़ा खड़ा हो रहा है मस्ती से भरने लगी और बोली: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आप लोग ये क्या कर रहे हो? आऽऽऽह। छी हाथ हटाओ ना। छोड़ो मुझे।

तभी शिवा देखा कि राजीव ने उसकी नायटी उठानी शुरू की और शिवा के मुँह से निकल गया: जानू कमर उठाओ ना प्लीज़।

राजीव उसकी बात सुनकर मुस्कुराया। यहाँ शिवा ख़ुद चाहता था कि उसकी बीवी उसके बाप के सामने नंगी हो जाए। अब राजीव का भी लौड़ा खड़ा होने लगा।

मालिनी भी अब विरोध नहीं की और गरम होकर अपनी गाँड़ उठा दी और राजीव ने नायटी कमर तक चढ़ा दी और उसके गोरे गोरे मोटे चूतर अपनी छटा बिखेरने लगे। अब शिवा और राजीव उसके एक एक चूतर मसलने लगे और शिवा ने देखा कि पापा ने बहू की गाँड़ की दरार में भी अपना हाथ सरका दिया था। शिवा को यह दृश्य बहुत ही कामुक लगा और तभी मालिनी ने उसके लौड़े को लोअर के ऊपर से पकड़ा और सहलाने लगी। कमरा गरमाने लगा था।

तभी शिवा का फ़ोन बजा। फ़ोन राजीव ने उठाया और नाम पढ़ा – असलम।

शिवा के तो प्राण सूख गए वो जल्दी से फ़ोन लेकर काट दिया। राजीव को उसकी हरकत से थोड़ी हैरानी हुई।

तभी मालिनी बोली: मुझे छोड़िए अभी । मुझे नहाना है।

राजीव उसकी गाँड़ और बुर के छेदों को सहलाकर बोला: बेटी एक बार चुदवा लो ना? अब तो बाप बेटा साथ में चोदेंगे।

शिवा: हाँ मालिनी चलो ना एक राउंड हो जाए।

मालिनी: अभी नहीं। आप लोग भी नहा लो और मैं भी नहा लेती हूँ। अभी बाई भी काम करेगी। आज आप दुकान मत जायीये ना प्लीज़।

शिवा उसको चूमकर: ठीक है जानू, शाम को चला जाऊँगा।

राजीव उसकी बुर और गाँड़ को सहला कर बोला: ठीक है जैसा तुम कहो। फिर वो ड्रॉइंग रूम में चला गया। शिवा भी वहाँ आ गया क्योंकि मालिनी नहाने चली गयी थी। वो अपना फ़ोन उठाया और असलम को मेसिज किया- सब ठीक है। बाद में बात करूँगा।

राजीव: ये असलम क्यों फ़ोन किया था?

शिवा: वो पापा ऐसे ही कोई काम होगा।

फिर राजीव पूछा: ये कैम किसने फ़िट किया था?

शिवा उसको सब विस्तार से बताया । राजीव: वैसे तुम्हारी सास का क्या हाल है? हाल में बात हुई क्या?

शिवा: नहीं पापा बहुत दिन से बात नहीं हुई है।

तभी मालिनी की आवाज़ आयी : आओ नहा लो आप।

शिवा उठकर अपने कमरे में गया और अपना मोबाइल वहीं छोड़ गया। तभी फ़ोन बजा । राजीव ने देखा कि फिर से असलम का ही था। वो जल्दी से उठाया और खाँसकर बोला: हेलो।

असलम को खाँसी की आवाज़ में शिवा की आवाज़ नहीं समझ में आइ और वो बोला: यार तू आज सुबह जल्दी में अपने कपड़े यही छोड़ गया है। नहाने के बाद रात वाले कपड़े भी यही पड़ें है। कल आकर ले जाना। आयशा धुलवा कर रखेगी।

राजीव: अच्छा । कहकर खाँसने लगा। ताकि असलम उसकी आवाज़ ना पहचान सके।

असलम: अरे क्या हुआ बहुत खाँस रहा है। अच्छा ये बता जब तू घर पहुँचा तो भाभी अभी भी नंगी थी जैसे रात में तेरे पापा के साथ नंगी चुदवाने के समय थी? या कपड़े पहन चुकी थी?

राजीव सन्न रह गया । उफफफ ये शिवा भी असलम को अपनी बीवी और अपने बाप की चुदाई दिखा दिया है। ये लड़का भी पागल हो गया है क्या? कोई अपने घर की बात इस तरह बाहर वालों से बताता है भला?

राजीव खाँसके: कपड़ों में थी।

असलम: लो आयशा से भी बात करो। वो भी मरे जा रही है ये जानने को कि तुम अब क्या करोगे अपनी बीवी और अपने बाप के साथ?

तभी आयशा की आवाज़ आइ: फिर मेरे शेर अब तक मालिनी को चोदे की नहीं? मेरी तो गाँड़ और फुद्दी दोनों लेकर ही मानते हो। मालिनी की भी गाँड़ तो आपके पापा खोल ही चुके हैं अब आप कब लोगे उसकी गाँड़?

राजीव सोचा कि उफफफ हमारे घर की हर बात इन दोनों को मालूम है। ये नालायक शिवा ने क्या कर दिया?
वो खाँस कर: बाद में बताऊँगा। पापा आ गए। वो यह कहकर खाँसकर फ़ोन काट दिया।

राजीव सोच में डूब गया कि बात इस तरह बिगड़ जाएगी वो कभी सोचा नहीं था। इसका मतलब ये हुआ कि शिवा मुंबई गया ही नहीं और वो असलम के घर में था जहाँ सबने ससुर बहू की चुदाई और नंगे बदन का मज़ा लिया और आयशा भी शिवा से अच्छे से चुदी है। वो अपना सिर हिलाया और सोचा कि जैसे हर सवाल का एक जवाब होता है। इस परिस्थिति से भी कोई ना कोई रास्ते से निपट ही लेंगे। वो भी नहाने चला गया।
 
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राजीव और शिवा नहा कर ड्रॉइंग रूम में इकठ्ठे हुए।मालिनी अभी भी किचन में ही थी। राजीव : चलो शिवा बाज़ार होकर आते हैं। बेटी कुछ मंगाना है क्या बाज़ार से ?

मालिनी: जी पापा लिस्ट बनाकर रखी है अभी लाई।

वो लिस्ट लेकर आयी तो दोनों उसे देखते ही रह गए। उसने आज एक बहुत ही सुंदर साड़ी पहनी थी और ब्लाउस स्लीव्लेस था और लो कट था जिसमें से उसकी गहरी क्लीवेज़ साफ़ दिख रही थी।
राजीव लिस्ट लेकर उसके हाथ को पकड़ा और बोला: उफफफ बेबी क्या मस्त दिख रही हो? वह उसकी कलाई सहलाने लगा।
वो मुस्कुराई और बोली: पापा छोड़िए ना , अभी बाई है यहाँ।

राजीव ने अपना मुँह उसके खुले पेट पर रखकर उसकी नाभि को चूमा और जीभ से चाटा और बोला: उफफफफ आज बहुत महक रही हो बेटी।

शिवा आँखें फाड़े ससुर बहू की प्रेम लीला देख रहा था और उसके लौड़े ने सिर उठाना शुरू कर दिया था। अब मालिनी शिवा को देखी और उसके पास आइ और बोली: आपको भी मेरी तारीफ़ में कुछ कहना है क्या?

शिवा उसको खींचकर अपनी गोद में बिठाया और बोला: मुझे तुम्हारे लब चूसने हैं। और वो उसके होंठ चूसने लगा। मालिनी थोड़ी देर मज़े से चूसवाई फिर बोली: आऽऽह छोड़िए अब । बाक़ी का बाई के जाने के बाद के लिए रखिए।
वह खड़ी हुई शिवा ने उसके गाँड़ को सहलाया और बोला: पापा आपने अच्छा किया इसकी गाँड़ खोल दी। आज मैं तो इसकी गाँड़ ही मारूँगा।

मालिनी हँसती हुई जाने लगी तो राजीव बोला: बेटी मटक के चल कर दिखाओ ना।

वो हँसी और गाँड़ मटका कर किचन में घुस गयी।

वो बाई का काम ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगे।

शिवा और राजीव बाज़ार चले गए। रास्ते में राजीव बोला: ये बताओ कि तुमने हमारी विडीओ असलम और उसकी बीवी से क्यों शेयर की?

शिवा अब दूसरी बार ग़लत क़िस्म से पकड़ा गया था। वो बोला: पापा आपको कैसे पता?

राजीव: मुझे तो ये भी पता है कि तुम मुंबई गए ही नहीं थे और असलम के घर में आयशा की चुदाई कर रहे थे ।

शिवा हैरान होकर: पापा पर ये आपको कैसे पता चला?

अब राजीव ने उसे असलम और आयशा से हुई बात के बारे में बताया। शिवा समझ गया कि पापा ने अपनी चतुराई से उन लोगों से सब निकलवा लिया होगा। वो बोला: पापा मुझे माफ़ कर दीजिए। पता नहीं मैंने ऐसा क्यों किया? मगर ये सच है कि मुझे आयशा को चोदने में मज़ा आता है। ख़ासकर जब उसका पति और मैं दोनों मिलकर उसे चोदतें हैं।

राजीव: तो क्या तुम मालिनी को भी असलम से चुदवाओगे?

शिवा: अगर मालिनी ख़ुद से चाहेगी तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं होगा।

राजीव: बेटा मैं सोचता था कि मालिनी घर की अमानत है उसे घर में ही रहना चाहिए। अब हम दोनों से तो चुदेगी ही, बाहर वालों से उसे क्यों चुदवाएँ?

शिवा: पापा चुदाई मर्ज़ी से होनी चाहिए फिर चाहे घर वालों से हो या बाहर वालों से क्या फ़र्क़ पड़ता है। बस बदनामी नहीं होनी चाहिए।

राजीव: हाँ यह सही कहा तुमने बस बदनामी नहीं होनी चाहिए।

शिवा हँसकर: और पापा वैसे भी आपने इतने मज़े लिए है पर कभी किसी को भनक नहीं लगने दी। है ना?

राजीव हँसकर: हाँ बेटा ये सही है। अगर तुम कैम नहीं लगाते तो इसकी भी भनक नहीं होती तुम्हें।

शिवा: पापा, मम्मी ने क्या क्या मज़े किए होंगे, आपको कभी भनक नहीं लगी होगी। है ना?

राजीव चौंक कर: मतलब? कैसे मज़े?

शिवा हँसकर : पापा मेरा मतलब है अगर उन्होंने भी इस तरह से मज़े लिए होंगे तो आपको थोड़े ना पता चला होगा?

राजीव: ओह मगर सविता ऐसी नहीं थी।

शिवा सोचा कि ये सही समय नहीं है ये बताने का कि मम्मी कैसी औरत थी और उसने क्या क्या देखा है इसी घर में ? वो बोला: पापा असलम और आयशा वाली बात अभी मत बताना मालिनी को। ये सही समय पर हम बताएँगे। ठीक है ना?

राजीव: ठीक है । मैं उसे नहीं बताऊँगा।

शिवा: वैसे पापा आपसे मालिनी को चुदते देखकर आयशा बार बार बोली थी कि उसे आपसे चुदवाना है।

राजीव: सच ऐसा बोली थी? फिर तो यार उसकी ये इच्छा पूरी करनी होगी। वो लोअर के ऊपर से अपना लंड खुजा के बोला।

शिवा उसकी उत्तेजना को और बढ़ाने की सोचाऔर बोला: पापा वो भी अपने ससुर से चुदवा रही है और उसके सास के साथ भी वो लेज़्बीयन सेक्स करती है।

राजीव उत्तेजित होकर: वाह सच में तब वो तो मस्त माल होगी। जल्दी से दिलवाओ उसकी।

शिवा: पापा असलम भी तो मालिनी की लेना चाहता है। अगर वो मानेगी तो असलम भी आयशा को आपके नीचे लाने को तय्यार हो जाएगा।
राजीव: अरे मालिनी बाहर वाले के लिए जल्दी से नहीं मानेगी।

शिवा: पापा हम दोनों कोशिश करेंगे तो शायद मान जाए।
राजीव: ठीक है देखते हैं।
फिर वो बाज़ार से सामान ख़रीदे और वापस घर आए। दोनों सोच में डूबे हुए थे। घर वापस आने पर मालिनी सामान सम्भालकर ड्रॉइंग रूम में आयी और अपने पल्लू से पसीना पोछने लगी।
दोनों मर्द उसको बड़ी प्यार भरी नज़रों से देख रहे थे।

राजीव: हमारी बहू थक गयी लगता है। आओ मेरे पास तुम्हारे कंधे दबा दूँ।

मालिनी हँसकर : पापा आप कंधे तो क्या दबाओगे पर ये पक्का है कि और बहुत कुछ दबा दोगे।

शिवा भी हँसकर : वो जो भी दबाएँगे उसमें तुमको मज़ा ही आएगा ना। जाओ दबवा लो।

मालिनी मुँह बनाकर: मुझे नहीं दबवाना । अभी बिलकुल थक गयी हूँ। थोड़ी देर चैन से बैठूँगी।

शिवा : पापा मैं मालिनी के लिए निम्बू का रस बना कर लाता हूँ। इसकी थकावट कम हो जाएगी।

राजीव: चलो मैं भी तुम्हारी मदद करता हूँ।
अब मालिनी हैरानी और प्यार भरी नज़रों से उन दोनों को देखती ही रह गयी और वो किचन में जाकर ख़ूब बर्तन इधर उधर करके आख़िर में जूस लेकर ही आए। शिवा ट्रे में तीन गिलास जूस लेकर आया। राजीव ने ट्रे में से एक गिलास मालिनी को दिया और बोला: लीजिए महारानी जी आपका जूस।

शिवा: पापा इसका नहीं निम्बू का जूस। शिवा राजीव के पास ही बैठ गया। मालिनी दूसरे सोफ़े पर बैठी थी।
इस पर तीनों हँसने लगे। अब सब जूस पीने लगे।

मालिनी: आऽऽह सच में इसको पीकर जान में जान आ गयी। आप दोनों को धन्यवाद।

शिवा: अगर तुम आराम करना चाहो तो कर लो।

मालिनी: अरे नहीं मैं ठीक हूँ। मुझे क्या हुआ है?

राजीव: सच में तुम ठीक हो?

मालिनी: हाँ हाँ मैं ठीक हूँ। ऐसा क्यों पूछ रहे हैं आप?

राजीव: वो क्या है ना अगर तुम ठीक हो ना तो कपड़े उतारो ना। हम भी देखें कि तुम कितनी ठीक हो?

मालिनी: उफफफ पापा आप भी ना। मुझे आपकी बात सुनकर बड़ा अजीब लग रहा है। पता नहीं मुझसे ये कैसे होगा आप दोनों के सामने।

शिवा: पापा आप भी अन्याय कर रहे हो। जब हम दोनों कपड़े पहनकर बैठे हैं तो भला उसे शर्म नहीं आएगी क्या?

राजीव: सही कहा। पता नहीं मुझे ये क्यों नहीं सूझा।

वो उठा और अपनी शर्ट और लोअर उतारके सिर्फ़ एक चड्डी में आ गया। शिवा भी सब उतार के चड्डी में आ गया। मालिनी दोनों बाप बेटे के हट्टे कट्टे बदन को देखकर अपनी बुर में गिलेपन का अहसास करने लगी। दोनों की चड्डी में से फूला हुआ लौड़ा साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। अब दोनों फिर से बैठ गए और शिवा बोला: चलो जानू अब तुम्हारी बारी है।

मालिनी चुपचाप खड़ी हुई और अपनी साड़ी उतार दी। ब्लाउस और पेटिकोट में उसकी भरी हुई जवानी बहुत मादक लग रही थी।

राजीव: आऽऽऽह्हा बहु ज़रा मटक कर चल के दिखाओ ना।
वह अपना लंड दाबकर बोला।

मालिनी मुस्कुराई और अपनी गाँड़ मटका कर चल कर दिखाई। शिवा भी अब अपना लंड मसलने लगा था। अब मालिनी अपना ब्लाउस खोली और धीरे से हाथ उठाके उसे भी निकाली। उसकी बाल रहित चिकनी बग़लें देखते ही बनती थीं। अब वो ब्रा और पेटिकोट में थी। उफफफफ क्या मज़ेदार दृश्य है शिवा सोचा। अब वो अपनी ब्रा का स्ट्रैप भी खोली और धीरे से उसे भी निकाली। अब उसके मादक उन्नत उरोज उसके ससुर और पति के सामने थे। वो उनको एक एक हाथ में लेकर उन दोनों को दिखाई और बोली: ये पापा का और ये शिवा का। ठीक है ना?

दोनों बाप बेटा जैसे उसकी हरकतों से दीवाने हुए जा रहे थे। दोनों ने हाँ में सिर हिलाया। अब वो अपनी पेटिकोट का नाड़ा खोली और पलट कर खड़ी हो गयी। अब उसकी मस्तानी गाँड़ से कपड़ा ज्यों ज्यों नीचे आ रहा था उसकी हसीन गोरी गाँड़ उनके सामने आती जा रही थी। पूरी नंगी होकर वो अपने पैरों से पेटिकोट को झुककर निकाली और अपनी जाँघों को अलग की ताकि उसका ख़ज़ाना साफ़ साफ़ दिख जाए। उसकी बुर और गाँड़ को देखकर दोनों मस्ती से लंड मसलने लगे। अब वो पलटी और उसकी चिकनी बुर का थोड़ा सा हिस्सा ही दिखाई दे रहा था। अब वो राजीव के पास आयी और आकर उसके सामने उकड़ूँ बैठी। शिवा उसे ध्यान से देख रहा था।वह राजीव की छाती सहलायी और सहलाते हुए नीचे को आइ। वह उसकी मांसल जाँघों को भी सहलायी और उनको अलग करी। अब मालिनी ने अपना हाथ चड्डी के ऊपर से उसके लौड़े पर रखा और अपना मुँह डालकर उसकी चड्डी के ऊपर से गीले हिस्से को चाटा। फिर चड्डी में हाथ डालकर अपने ससुर के मस्त लौड़े को पकड़कर बाहर निकाली और चड्डी उतार दी। अब वो उसके लंड को सहलायी और सुपाड़ा अपने मुँह में लेकर उसके प्रीकम को जीभ से चाटी। शिवा बग़ल में बैठा इस दृश्य का मज़ा ले रहा था और सोच रहा था कि मैं इस बार बग़ल में बैठके ये सब देख रहा हूँ और अपनी मम्मी को यही सब करते मैं कमरे के रोशनदान से देखा करता था। उफफफफ मम्मी भी मामा लोगों का ऐसा ही चूसती थी। मालिनी का मुँह अब ऊपर नीचे हो रहा था। राजीव अब उसकी एक चूचि दबा रहा था और शिवा को भी दूसरी चूचि दबाने का इशारा किया । अब बाप बेटा उसकी एक एक चूचि दबा रहे थे और उसके निपल भी मसल रहे थे।

अब मालिनी ने अपना मुँह वहाँ से हटाकर शिवा को देखा और उसकी तरफ़ खिसक गयी और उसने शिवा के साथ भी वही सब किया जो अभी अभी उनसे पापा के साथ किया था। जब वो उसका लंड चूस रही थी तो भी उसकी मस्त चूचियाँ दोनों बाप बेटा दबा रहे थे। अब मालिनी खड़ी हुई और राजीव ने उसकी बुर में अपना मुँह डाल दिया। वो अपनी एक जाँघ उठाके उसके कंधे पर रखी जिससे वो उसकी पूरी बुर मस्ती से चाटने लगा। शिवा उठा और उसके पीछे जाकर उसकी गाँड़ के छेद को सहलाया और वहाँ जीभ ले जाके उसे कुरेदने लगा।
मालिनी मस्ती से भरकर : उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ पाआऽऽऽऽऽऽऽपा में झड़ जाऊँगीइइइइइइइइ। छोड़ो मुझे। ये कहकर वो राजीव के मुँह को बाहर की ओर धकेली। अब शिवा भी पीछे से हट गया।
मालिनी शिवा से बोली: उफफफ आप पीछे क्या कर रहे थे।

शिवा: रानी आज तुम्हारी गाँड़ मारूँगा। पापा ने तो तुम्हारी गाँड़ खोल ही दी है। उसी की जाँच कर रहा था।

मालिनी हँसने लगी। शिवा उसकी एक बाँह ऊपर किया और उसके बग़ल को चूमने और जीभ से चाटने लगा। राजीव भी उसका देखा देखी उसकी दूसरी बग़ल चाटने लगा।
राजीव: उफफक क्या मस्त गंध है।

शिवा: हाँ पापा बहुत ही मादक है ये गंध । वो उसकी बग़ल चाटते हुए बोला।

अब राजीव बोला: चलो मैं नीचे लेटता हूँ, तुम मेरे ऊपर आ जाओ और शिवा तुम इसकी पीछे से आकर गाँड़ मार लेना। पर पहले मेरे कमरे से KY jel ले आओ । शिवा जाकर जेल ले आया।

राजीव दीवान पर लेट गया था और उसकी कमर एकदम से दीवान के एक कोने तक पहुँच गयी थी। अब उसका खड़ा लंड पूरे उफ़ान पर था। मालिनी उसके ऊपर चढ़ी और उसका लंड अपनी गीली बुर में घुसा लिया। शिवा उसके पीछे से आकर उसके बड़े चूतरों के पीछे आकर खड़ा हो गया और उसकी गाँड़ के छेद में लूब लगाया। अब वो अपने लंड पर भी लूब लगाया और उसके सुपाडे को गाँड़ के छेद में रखा और अंदर को दबाने लगा। मालिनी ने अपने गाँड़ की मसल्स को बाहर की तरफ़ धकेला और सुपाड़ा अंदर घुस गया।
मालिनी: आऽऽऽहहह धीरे से करोओओओओओओ ना।

राजीव ने अपने हाथ से उसकी चूचियाँ मसली और शिवा ने उसके चूतरों को फैलाकर अपना लंड अंदर दबाना जारी रखा। अब मालिनी की गाँड़ में उसका लंड घुसता चला गाया। शिवा उसकी गाँड़ की कसावट से मस्त होकर बोला: उफफफफ क्या तंग छेद है रानी तुम्हारा। आऽऽऽऽऽह मज़ा आऽऽऽऽऽ गयाआऽऽऽऽऽऽ।
अब वो नीचे खड़े खड़े ही धक्का मारने लगा। अब मालिनी आगे पीछे होने लगी और सामने से ससुर का और पीछे से पति के मस्त लंड का दुगुना मज़ा लेने लगी। शिवा बीच बीच में उसके मोटे चूतर दाबकर उनपर एक चपत भी लगा देता था।
कमरा फ़च फ़च और ठप्प ठप्प की आवाज़ों से गूँजने लगा था।
मालिनी उत्तेजना से भर कर चिल्लाने लगी : आऽऽऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽऽपा मस्त लग रहा है झाऽऽयय्य शिवा फ़ाआऽऽऽऽऽऽऽऽड़ दो मेरीइइइइइइइइ गाँड़।
अब वो पागलों की तरह उछलकर चुदवा रही थी। वह पीछे की ओर गाँड़ दबाकर पूरा शिवा का लंड भी अपनी गाँड़ में निगल रही थी।

दोनों बाप बेटा उसकी बेशर्मी देखकर मस्त हो रहे थे। शिवा सोच रहा था कि ये तो मम्मी की तरह ही एक रँडी लग रही है। उसे याद था कि पापा जब बीमार पड़े थे तो मम्मी ऐसे ही उनके दो दोस्तों से चुदवाती थी बिलकुल इस रँडी की तरह। वो पुरानी बातें यादकरके और ज़्यादा गरम हो गया। और झड़ने लगा। वो जल्दी जल्दी कमर हिलाकर चिल्लाया: आऽऽऽऽऽह साआऽऽऽली रँडीइइइइइइइ ले मेरा लंड ले और ले । वो झड़ गया और उसका वीर्य मालिनी की गाँड़ से बाहर निकलने लगा।

अब मालिनी भी चिल्लाई: आऽऽऽह पापा मैं भी गयीइइइइइइइइ।

राजीव भी जल्दी से नीचे से अपनी कमर उछालकर बोला: आऽऽऽह बेटी मैं भी गयाआऽऽऽऽऽऽऽ।
अब मालिनी राजीव के ऊपर लस्त होकर पड़ी हुई थी। शिवा बिस्तर पर ही बैठ गया था। और मालिनी की पीठ सहला रहा था।
तीनों की जब सांसें सामान्य हुई तो राजीव बोला: मज़ा आया तुम दोनों को?

शिवा: उफ़्फ़ पापा इतना मज़ा आया कि मैं बयान नहीं कर सकता।

मालिनी: हाँ पापा बहुत मज़ा आया। सच में दोनों छेदों में लंड का मज़ा ही कुछ और है। उफफफ क्या बताऊँ कितना अच्छा लग रहा था।

राजीव शिवा की ओर देखकर मुस्कुराता हुआ बोला: चलो अब सब परदे उठ गए हैं। अब मज़ा ही मज़ा लेना है। सही कहा ना? पर तुम बहू को रँडी क्यों कह रहे थे?
शिवा: पापा सॉरी जोश में मुँह से निकल गया।

मालिनी: सच बोलूँ ? मुझे बड़ा अच्छा लगा जब आप मुझे रँडी बोले। इसका मतलब है कि अब मैं चुदवाना सीख गयी हूँ। है ना?

यह सुनकर राजीव और शिवा मुस्कुरा उठे।
 
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मालिनी दुगुना मज़ा लेकर अपने कपड़े उठायी तो राजीव बोला: बेटी कपड़े क्या करोगी? जाओ बाथरूम से फ़्रेश होकर आ जाओ।

मालिनी: पापा आप भी कुछ भी कहते हो? मैं नंगी नहीं रहूँगी।

शिवा: अच्छा ऐसा करो सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट पहन लो। और कुछ नहीं।

राजीव: चलो वैसा करो जैसा शिवा कहता है। और हम भी सिर बनियान और चड्डी में रहेंगे ।

मालिनी चुपचाप चली गयी।

शिवा और राजीव भी बाथरूम जाकर फ़्रेश हुए और बनियान और चड्डी पहनकर पानी पीने लगे।
शिवा: पापा आप चाय पीयोगे क्या? मैं बना देता हूँ।

राजीव: चलो मैं भी साथ में बनाता हूँ। मालिनी ख़ुश हो जाएगी। दोनों किचन में थे तभी शिवा का फ़ोन बजा। आयशा थी लाइन पर। राजीव ने उसका नाम पढ़ा तो बोला: उसका फ़ोन उठा और स्पीकर पर कर दे। और खुलकर बात कर।

शिवा: हाय आयशा कैसी हो? असलम कहाँ है?

आयशा: वो तो ऑफ़िस गए। आप कहाँ हो दुकान पर ना?

राजीव ने हाँ कहने का इशारा किया और शिवा: हाँ दुकान पर ही हूँ ।बोलो क्या हुआ?

आयशा: यहाँ क्या होना है? आप बताओ वहाँ क्या चल रहा है?

शिवा :बस अभी एक राउंड मालिनी की चुदाई कर ली है। अब दुकान में हूँ।

आयशा: तो पापा के साथ कोई विडीओ की बात नहीं हुई?

राजीव के नहीं कहने से वो: नहीं अभी तक नहीं हुई।

आयशा: मैं सोची कि आपकी बात हो गयी होगी और आप और आपके पापा मिल कर मालिनी की ले रहे होंगे।

शिवा : तुम्हारे ससुर और सास कब आ रहे हैं?

आयशा: अरे उनके आने में तो अभी हफ़्ता है । इसीलिए मैं सोच रही थी कि आप मुझे अपने पापा से उनके आने के पहले ही चुदवा देते। उनके आने के बाद तो ये तीनों मेरी दिन रात बजाते रहेंगे। अपने अब्बा के सामने असलम भी ज़रा ज़्यादा ही गरम हो जाते हैं।

शिवा: चलो मैं पापा से बात करता हूँ । फिर तुमको कॉल करूँगा। फिर वो फ़ोन काट दिया।

राजीव: यार ये तो साली बहुत गरम रँडी है। बहुत मज़ा आएगा इसको चोदने में। राजीव फिर से अपना लौड़ा दबाकर बोला।

शिवा: पापा यहाँ तो उसे आप चोद नहीं सकते क्योंकि मालिनी को सब बताना पड़ेगा। आपको उसके घर जाना पड़ेगा। फिर उस असलम का क्या किया जाये जो कि मालिनी की लेने के पीछे पड़ा है ?

राजीव: ह्म्म्म्म चलो कुछ सोचते हैं। अभी तो दो चार दिन सिर्फ़ बहु का ही ध्यान रखा जाए। ठीक है ना?

शिवा: जी पापा ठीक है।

अब वो दोनों चाय बनाकर लाए तो मालिनी अभी वापस नहीं आयी थी। तभी वह अपने कमरे से बाहर आयी। शिवा और राजीव का मुँह खुल गया। उफफफफ क्या लग रही थी। ब्लाउस से बिना ब्रा के उसके निपल्ज़ साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रहे थे। और पेटिकोट काफ़ी नीचे बँधा होने से उसके गोरे पेट का काफ़ी हिस्सा नंगा दिख रहा था। गहरी नाभि किसी को भी मस्त कर सकती थी। जब वो आकर किचन में गयी तो उसके पिछवाड़े की उठान को देखकर दोनों के मुरझाए लंड फिर से अकड़ने लगे। वो किचन में झुककर पानी का बोतल निकाली और पानी पीकर वापस आयी। शिवा बोला: उफफफफ क्या मस्त दिख रही हो। सच में पापा ने दबा दबा कर तुम्हारे मम्मे बहुत बड़े कर दिए है।

राजीव: बदमाश कहीं का। मैंने अकेले ने बड़े किए है? और जो तू रोज़ उनको चूसता है और दबाता है, उसका कुछ नहीं?

मालिनी हँसकर : अच्छा अब आप लोग लड़िए मत । आप दोनों की कृपा का फल है । वो अपने मम्मे अपने दोनों पंजों में दबाकर बेशर्मी से बोली: वैसे कौन मेरे लिए अब बड़े साइज़ की ब्रा लाएगा? पापा या शिवा।

राजीव: शिवा लाएगा अपनी दुकान से । वैसे बहु रानी बिना ब्रा के ज़्यादा सेक्सी दिखती है। हैं ना शिवा?

शिवा: बिलकुल पापा सही कहा आपने । इसके तो इतने सख़्त और तने हुए हैं कि ब्रा की ज़रूरत ही नहीं है।

मालिनी: अगर नहीं पहनूँगी ना तो लटक जाएँगे।

शिवा हँसकर: अच्छा जानू ला देंगे। चलो चाय पियो।

मालिनी : क्या बात है आजकल मेरी बड़ी सेवा हो रही है? कभी जूस कभी चाय?

राजीव: बेटा सेवा करेंगे तभी तो मेवा मतलब तुम्हारी बुर मिलेगी।

सब हँसने लगे और चाय पीने लगे।
तभी मालिनी अपने बाल बाँधने के लिए हाथ उठाई और उसके बाल रहित चिकने बग़ल उनके सामने थे। दोनों बाप बेटा चिकनी बग़लों से गरम होने लगे ।हाथ उठने से आधी चूचियाँ भी ब्लाउस से बाहर आ गयीं थीं।

चाय पीने के बाद मालिनी ने कप उठाए और किचन में रखने गयी। क्योंकि उसने पैंटी नहीं पहनी थी इसलिए उसकी गाँड़ में पेटिकोट फँस गया था । उसके दोनों हाथों में कप था । वो किचन में चली गयी। शिवा और राजीव की आँखें मालिनी की गाँड़ में फँसे हुए कपड़े को देखकर फटी रह गयीं। उफफफफ क्या मादक और कामुक दृश्य था। उभरे हुए चुतरों के बीच दरार में फ़ंसा कपड़ा अभी भी वैसे ही था जब वो वापस आयी और सोफ़े पर बैठने लगी।

राजीव: रुको बेटी अभी मत बैठो।

मालिनी बैठने जा रही थी तभी वो रुक गयी और पूछी: पापा क्या हुआ?

राजीव उसको अपने पास बुलाया और उसको घुमाकर उसकी गाँड़ की दरार से कपड़ा निकाला और बोला: बेटी ये कपड़ा फ़ँसा हुआ था।

शिवा: पापा क्या क़िस्मत है कपड़े की । क्या मज़ा आया होगा कपड़े को? काश मैं इस दरार में फँस जाऊँ।

सब ये सुनकर हँसने लगे। तभी राजीव बोला: जानती बहु ऐसे ही एक बार मैंने तुम्हारी मम्मी की गाँड़ में फ़ंसा हुआ पेटिकोट का कपड़ा निकाला था। वैसे तुम्हारी मम्मी की गाँड़ तो और भी बड़ी बड़ी है। मस्त माल है वो भी। शिवा तुम्हारी सास को भी यहाँ बुला लो ना। वह भी हमारी चुदाई में शामिल हो जाएगी।

मालिनी: छी पापा । कभी कभी आपकी बात मुझे बड़ी अजीब लगता है। अब बेचारी मेरी मम्मी इसमें कहाँ से आ गयीं?

राजीव : अब शिवा ने तुमको तो बताया नहीं ना कि वह अपनी सास को चोद चुका है। आख़िर वो हम दोनों से अलग अलग चुदवा चुकी है तो इकठ्ठे चुदवाने में क्या हर्ज है?

मालिनी: छी मैं शर्म से मर जाऊँगी। अभी बाप बेटे से एक़साथ करवाने में भी अजीब लग रहा था।

शिवा: वही तो अजीब लगा था ना? पर बाद में मज़ा आया या नहीं?

मालिनी: आप तो बस मुझे बर्बाद करने पर ही तुले हैं।

शिवा: जानू एक बार हाँ कह दो फिर देखो कि कितना मज़ा आएगा? ये झिझक छोड़ो । आप भी समझाओ ना पापा इसको।

राजीव : शिवा बिलकुल ठीक कह रहा है। सच में शुरू में थोड़ी देर अजीब लगेगा पर उसके बाद बस मज़ा ही मज़ा।ज़रा सोचो कि दोनों माँ बेटी एक ही बिस्तर पर अग़ल बग़ल नंगी पड़ी होगी और एक पर शिवा और दूसरे पर मैं चढ़ा हुआ हूँगा। और हम भी बदल बदल के चुदाई करेंगे। बाप बेटा और माँ बेटी , उफफफफ क्या कॉम्बिनेशन होगा? वो चड्डी के ऊपर से ही अपना लौड़ा दबाकर बोला।
शिवा भी अपना लौड़ा मसलकर बोला: मान जाओ जानू। अभी फ़ोन करके उनको कल बुलाते हैं। और पूरी रात मज़ा लेंगे चारों । सुबह उनको वापस भेज देंगे। बोलो क्या कहती हो?

मालिनी: आप उनको सब बता दोगे बुलाने से पहले? या यहाँ आने पर बताओगे?

शिवा: इसमें बताना क्या है? बहाने से बुला लेंगे। और रात में मज़ा कर लेंगे। बस इतनी सी तो बात है।

मालिनी थोड़ा सा चिंतित होकर: क्या बहाना बनाएँगे?

राजीव: अरे मैं अपने अकेलेपन का बहाना बनाऊँगा। तुम हाँ बोलो तो अभी फ़ोन करूँ?

शिवा: जानू प्लीज़ हाँ बोल दो ना।

मालिनी ने दोनों के दबाव में हथियार डालके कहा: ठीक है जो आपकी मर्ज़ी हो करो पर ये सब मुझे बड़ा अजीब लग रहा है। वो काफ़ी परेशान होंगी ये जानकर कि मैं अपने ससुर से भी करवा रही हूँ।

शिवा: अरे कोई परेशान नहीं होंगी। वो चुदाई को बुरा नहीं मानती। पापा आप फ़ोन करो। स्पीकर मोड में रखना ताकि हम भी सुन सकें।

राजीव ने फ़ोन लगाया: हेलो सरला क्या हाल है?
 

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