Incest ससुर कमीना और बहू नगीना:- 2(completed)

Well-known member
2,893
7,128
143
beauty-hot-gf-teen-sex-5-450x445.jpg
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
अगले दिन सुबह महक उठी और रानी के लिए दरवाज़ा खोली। रानी महक के लिए चाय बनाकर लाई और महक चाय पीने लगी। फिर रानी चाय लेकर राजीव के कमरे में गयी। पता नहीं महक को क्या सूझा कि वह खिड़की के पास आकर परदे के पीछे से झाँकने लगी। उसने देखा कि रानी राजीव को उठा रही थी। राजीव करवट लेकर सोया हुआ था। तभी वह सीधा लेटा पीठ के बल और उसका मोर्निंग इरेक्शन रानी और महक के सामने था। उसकी लूँगी का टेण्ट साफ़ दिखाई दे रहा था। अब रानी हँसी और उसके टेण्ट को मूठ्ठी में पकड़ ली और बोली: सपने में किसे चोद रहे थे? जो इतना बड़ा हो गया है यह ?
राजीव: अरे तुम्हारे सिवाय और किसकी बुर का सोचूँगा। तुम्हें सपने में चोद रहा था।
रानी: चलो झूठ मत बोलो। आपको तो सपने में सरला दिखी होंगी और क्या पता महक दीदी को ही चोद रहे होगे।
महक सरला का नाम सुन कर चौकी और फिर अपना नाम सुनकर तो उछल ही पड़ी। उसने नोटिस किया कि पापा ने रानी को उसका नाम लेने पर ग़ुस्सा नहीं किया। तो क्या रानी और पापा अक्सर उसके बारे में ऐसी बातें करते रहते हैं? और क्या पाप सरला आंटी को भी कर चुके हैं? और क्या पापा उसको अपनी सगी बेटी को भी चोदना चाहते हैं? हे भगवान ! वो तो पापा से थोड़ा सा फ़्लर्ट की थी और पापा उसे चोदने का प्लान बना रहे हैं?
तभी उसकी नज़र रानी पर पड़ी। वह अब लूँगी उठाकर उसके लौड़े को नंगा कर दी थी और उसे मूठिया रही थी और फिर अपना सिर झुकाकर उसे चूसने लगी। राजीव बैठे हुए चाय पी रहा था और वह उसके लौड़े को बड़े प्यार से चूस रही थी। महक सोची- उफफफफ क्या पापा भी , सुबह सुबह नौकरानी से लौड़ा चूसवा रहे है । और हे भगवान! कितना मोटा और बड़ा लौड़ा है! उसी समय राजीव ने उसको हटाया और बोला: अभी नहीं बाद में चूस लेना। चलो मैं बाथरूम से फ़्रेश होकर आता हूँ। रानी ने थोड़ी अनिच्छा से लौड़े को मुँह से निकाला और चाय का ख़ाली कप लेकर किचन में चली गयी। महक उसके आने के पहले ही वहाँ से हट गयी। महक को अपनी गीली बुर में खुजली सी महसूस हुई। वैसे भी उसे अपने पति से अलग हुए बहुत दिन हो गए थे और घर के वातावरण में चुदाई का महोल था ही। शिवा भी अपनी बीवी को चोद चुका होगा रात में।
तभी राजीव ड्रॉइंग रूम में आया और महक को नायटी में देखकर प्यार से गुड मोर्निंग बोला: बेटी, नींद आयी? मुझे तो बड़ी अच्छी आइ।
महक़ : जी पापा आइ । अच्छी तरह से सो ली।
राजीव मुस्कुरा कर: शिवा और बहु नहीं उठे अभी?
महक: अभी कहाँ उठे है । और वो हँसने लगी।
राजीव: हाँ भाई सुहागरत के बाद थक गए होंगे। वह भी हँसने लगा।
तभी राजीव का फ़ोन बजा। राजीव: हेलो , अरे कर्नल तुम? कहाँ हो भाई, कल शादी में भी नहीं आए? मैं तुमसे नाराज़ हूँ। कैसे दोस्त हो?
कर्नल: अरे यार KLPD हो गई। हम शादी के लिए ही निकले थे,पर हम नहीं पहुँच पाए। अभी होटेल में चेक इन किए हैं। और अभी सोएँगे। बहुत परेशान हुए हैं। आठ घंटे का सफ़र २४ घंटे में बदल गया क्योंकि नैनीताल के पास पहाड़ियों में रोड पर पहाड़ टूट कर गिर गए थे।
राजीव: ओह, ये तो बहुत बुरा हुआ यार। तुम अकेले हो या बहु भी है?
कर्नल: मैं अमिता के बिना कहीं नहीं जाता। वो भी है साथ में।
राजीव: तो चलो आराम करो। दोपहर को आना और साथ में खाना खाएँगे, और नवविवाहितों को आशीर्वाद दे देना। क्योंकि वो दोनो रात को ही गोवा जा रहे हैं।
कर्नल: हाँ यार ज़रूर आऊँगा। चल बाई।
महक: पापा ये आपके वही बचपन के दोस्त हैं जो आरमी से रेटायअर हुए हैं।
कर्नल: हाँ बेटी, वही है और जिसने अपना जवान बेटा एक ऐक्सिडेंट में खोया है। अब उसकी बहु ही उसका ध्यान रखती है।
महक: वो आपके दोस्त हैं तो यहाँ क्यूँ नहीं आए?
राजीव: बेटा, वो अपने हिसाब से रहता है। वो आया शादी में मेरे लिए यही बड़ी बात है।
तभी शिवा बाहर आया और अपने पापा से गले मिला और आशीर्वाद लिया और महक से भी गले मिला। तभी मालिनी भी बाहर आइ । उसने साड़ी पहनी थी। वह आकर अपने ससुर और अपनी ननद के पर छुए और उनसे आशीर्वाद लिया। फिर मालिनी किचन में चली गयी।
महक: अरे मालिनी, किचन में क्यों जा रही हो?
मालिनी: दीदी आज नाश्ता मैं बनाऊँगी। वो भी अपनी मर्ज़ी से , देखती हूँ आपको पसंद आता है या नहीं?
क़रीब एक घंटे के बाद रानी ने नाश्ते की टेबल सजायी और मालिनी ने उन सबको छोले पूरी और दही और हलवा खिलाया। सब उँगलियाँ चाटते रह गए।
राजीव ने खाने के बाद उसको एक सुंदर सा हार दिया और बोला: बेटी, बहुत स्वाद खाना बनाया तुमने। ये रखो। एक बात और बेटी, मेरा दोस्त और उसकी बहु खाने पर आएँगे आज। तुम और रानी कुछ अच्छा सा बना लेना।
मालिनी: जी पापा जी , हो जाएगा।
महक ने भी उसे एक अँगूठी दी और उसके खाने की बहुत तारीफ़ की।
जब महक और शिवा अकेले बैठे थे तो महक बोली: फिर सब ठीक से हो गया ना? मिस्टर नर्वस मैन ।
शिवा: दीदी आपकी ट्रेनिंग काम आइ और सब बढ़िया से हो गया।
महक: उसको बहुत तंग तो नहीं किया?
शिवा शर्माकर: नहीं दीदी, आप भी ना, मैं ऐसा हूँ क्या?
महक: अरे मैं तो तुझे छेड़ रही थी।
फिर सब अपने कमरे में आराम किए। मालिनी ने रानी को सब्ज़ी वगेरह काटने को बोला। शिवा और वो गोवा जाने की पैकिंग भी करने लगे।
दोपहर को १ बजे कर्नल और उसकी बहु आए जिनको राजीव अंदर लाया। कर्नल की बहु अमिता बहुत सुंदर और सेक्सी लग रही थी। उसने टॉप और स्कर्ट पहना था और कर्नल टी शर्ट और जींस में था। कर्नल आगे था उसके पीछे अमिता उसकी बहु और पीछे राजीव चलकर ड्रॉइंग रूम में आए। राजीव तो उसकी पतली कमर और उठी हुई गाँड़ देखकर ही मस्त होने लगा था
उनको मिलने महक भी बाहर आयी। वह अभी जींस और टॉप में थी। कर्नल उससे गले मिला और बोला: अरे तुम तो बहुत बड़ी हो गयी हो बेटी। तुम्हारी शादी के बाद पहली बार देखा है तुमको। वह उसकी छातियों को घूरते हुए बोला। जब महक अमिता से गले मिल रही थी तो कर्नल की आँखें महक की मस्त गोल गोल जींस में फँसी हुई गाँड़ पर ही थीं। फिर वह चारों बातें करने लगे।
तभी शिवा और मालिनी भी आए और दोनों ने कर्नल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। कर्नल ने अमिता से एक लिफ़ाफ़ा लिया और उनको उपहार दिया। मालिनी ने सलवार कुर्ता पहना था और उसका बदन पूरा ढका हुआ था अमिता की जाँघें नंगी थी और राजीव की आँखें बार बार वहीं पर जा रहीं थीं। सब खाना खाने बैठे और सबने मालिनी के बनाए भोजन की तारीफ़ की।
फिर अमिता महक के कमरे में चली गयी और राजीव कर्नल को अपने कमरे में ले गया और शिवा और मालिनी अपने कमरे में चले गए। नयी नयी शादी थी तो वह जल्दी ही चूम्मा चाटी करके चुदाई में लग गए। चुदाई उसी तरह से हुई जैसे रात को हुई थी।
महक और अमिता अपनी अपनी शादी की बातें कर रहीं थी। अमिता ने अपने पति के ऐक्सिडेंट का क़िस्सा भी सुनाया।
उधर कर्नल और राजीव भी बातें कर रहे थे।
राजीव: यार तेरे साथ बहुत बुरा हुआ जो जवान लड़का चल बसा। मैंने सोचा था कि अमिता विधवा होकर अपने मॉ बाप के पास चली जाएगी। पर उसने तेरे पास ही रहना पसंद किया। ये बहुत बड़ी बात है।
कर्नल: असल में बेटे की मौत के ग़म ने मुझे बिलकुल तोड़ दिया था। अमिता भी भारी सदमे में थी। तो हम दोनों एक दूसरे का सहारा बने। बाद में जब उसके माँ और बाप ने उसे अपने साथ चलने को कहा तो इसने मना कर दिया। जानते हो क्यों?
राजीव: क्यों मना कर दिया?
कर्नल: वो इसलिए, कि उसके पापा की आर्थिक स्तिथि अच्छी नहीं थी। अमिता को रईसी से जीने की आदत पड़ गयी थी। अच्छा खाना, महँगे कपड़े , पार्टी ,घूमना फिरना और बड़ी कारों का शौक़ था, जोकि उसके मायक़े में था ही नहीं।
राजीव: ओह ये बात है। तो क्या तुम उसकी शादी करने की सोच रहे हो?
कर्नल कुटीलता से मुस्कुराया: देखो यार, जब तक मेरा बेटा ज़िंदा था तबतक वो उसकी बीवी थी। अब उसकी मौत के बाद मैंने देखा किपार्टी में लोग उसको खा जाने की कोशिश करते है। और फिर एक दिन मैंने उसको अपनी बुर में मोमबत्ती डालकर हिलाते देखा।बस तभी मैंने उसको समझाया कि घर के बाहर चुदवा कर मेरी बदनामी करवाने से अच्छा है कि वो मेरी ही बीवी की तरह रहे। मेरी बीवी को मरे तो एक अरसा हो गया था। उसकी प्यास भी बुझ जाएगी और मेरा रँडीयों पर होने वाला ख़र्च भी बच जाएगा। उसको समझ में आ गया कि अगर अमीरी की ज़िंदगी जीनी है तो उसे मेरी बीवी बनकर रहना ही होगा। वो मान गयी, और अब हम पति पत्नी की तरह रहते हैं। और सिर्फ़ दुनिया के सामने वो मुझे पापा कहती है। ये है हमारी कहानी।
राजीव: ओह, मतलब तुम उस हसीन कमसिंन लौंडिया से पूरे मज़े कर रहे हो। यार बड़े क़िस्मत वाले हो।
कर्नल: अरे यार क्या तुम्हारा भी मन है उसे चोदने का? ऐसा है तो बोलो, वो भी हो जाएगा। तुमको समीर याद है?
राजीव: हाँ वो जो अहमदाबाद ने बड़ा व्यापारी है अपना दोस्त था।
कर्नल: वह ३ महीने पहिले नैनिताल आया था हमारे यहाँ। वह भी इस पर लट्टू हो गया। मैंने अमिता को समझाया कि जवानी चार दिन की है, मज़े करो। वो मान गयी और हम लोग पूरे हफ़्ते सामूहिक चुदाई का मज़ा लिए।
राजीव का मुँह खुला रह गया: ओह, तो तुमने और समीर ने मिलकर उसे चोदा, wow।
कर्नल: अरे इसके बाद मेरा एक मिलिटेरी का दोस्त अपने बेटे और बहू को मेरे घर भेजा था छुट्टियाँ मनाने। उन दिनो बहुत बर्फ़ पड़ रही थी। बाहर जा ही नहीं पा रहे थे। मुझे वह चिकना लड़का और उसकी बहू बहुत पसंद आ गए थे। वो लड़का भी बाईसेक्शूअल था मेरे जैसा। मैंने पहले चिकने को पटाया और उसकी ले ली। फिर उसको अपनी बीवी देने के लिए पटाया और तुम विश्वास नहीं करोगे अगले दिन ही हम चारों बिस्तर पर नंगे होकर चुदाई कर रहे थे। उस लड़के ने भी अमिता को चोदा।
राजीव: यार, तुम तो उसको रँडी बना दिए हो। यह कहते हुए वह अपना खड़ा लौड़ा मसलने लगा।
कर्नल: लगता है तुझे भी इसकी बुर चोदने की बहुत हवस हो रही है? वैसे उसकी बुर और गाँड़ दोनों मस्त है। देखोगे?
राजीव: दिखाओ ना फ़ोटो है क्या?
कर्नल: हा हा फ़ोटो क्या देखना है, जब वो ही यहाँ है अपना ख़ज़ाना दिखाने के लिए। पर उसके पहले एक बात बोलूँ, बुरा तो नहीं मानोगे?
राजीव: बोलो ना यार , तुम्हारी बात का क्या बुरा मानूँगा।
कर्नल: मेरा महक पर दिल आ गया है। तुमने उसे चोदा है क्या?
राजीव : अरे नहीं , वो मेरी बेटी है । मैं ऐसा कुछ नहीं किया।

महक भी हैरान रह गयी कि वो दोनों उसकी बात कर रहे हैं। वह कर्नल की सोच पर हैरान रह गयी।
WOW VERY NICE AND VERY HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
कर्नल: क्या मस्त माल है यार तुम्हारी बेटी, एक बार बस मिल जाए तो। ये कहते हुए वह अपना लौड़ा मसलने लगा।
राजीव ना हाँ कर पाया और ना ही ना।

कर्नल बोलता चला गया: यार, अगर तुमको ऐतराज़ ना हो तो आज रात ही महक को भी बिस्तर पर खींच लाएँगे। फिर चारों मज़े से सामूहिक चुदाई करेंगे। क्या कहते हो?

राजीव: मुझे समझ नहीं आ रहा है कुछ भी। वो अमिता की बुर और गाँड़ की फ़ोटो दिखाओ ना।

कर्नल: कहा ना फ़ोटो क्या दिखाना है, अभी उसे बुलाता हूँ और जो देखना होगा सब देख लेना साली का।

यह कहकर उसने बाहर आकर अमिता को आवाज़ दी। राजीव ने देखा कि कर्नल की पैंट में भी तंबू बना हुआ है।

अमिता महक से बोली: मैं अभी आइ, पापा बुला रहे हैं।

वह उठकर राजीव के कमरे में आइ और दरवाज़े के पीछे खड़े कर्नल ने दरवाज़ा बंद कर दिया। अब कर्नल आकर राजीव के साथ बिस्तर पर बैठ गया। अमिता सामने खड़ी हो गयी थी।

उधर महक सोची कि ऐसी क्या बात है जिसके लिए अमिता को बुलाया है। वो जाकर खिड़की से परदा हटाकर झाँकी और उसका मुँह खुला रह गया।

अंदर कर्नल अमिता के गाल सहलाकर बोला: अमिता, राजीव का तुम पर दिल आ गया है। वो तुम्हारी बुर और गाँड़ देखना चाहता है। दिखा दो ज़रा। अपनी पैंटी नीचे करो।

अमिता शर्मा कर बोली: क्या पापा छी मुझे शर्म आ रही है।

कर्नल: अरे मेरी रँडी बेटी, जैसा कह रहा हूँ करो, पैंटी नीचे करो।

अमिता ने चुपचाप पैंटी घुटनो तक नीचे कर दी। अब कर्नल ने उसकी स्कर्ट ऊपर कर दी और महक के आँखों के सामने उसके मोटे गोल चूतर थे। राजीव की आँखें उसकी बुर पर टिकी थी।

कर्नल: बोलो मस्त फूलि हुई है ना इसकी बुर ?

राजीव: हाँ यार बहुत सुंदर है। फिर वह हाथ बढ़ाकर उसकी बुर को सहलाने लगा। अनिता हाऽऽऽय्य कर उठी।

राजीव: सच में यार मस्त चिकनी बुर है चोदने में बहुत मज़ा आएगा। फिर वह उसको सहलाया और दो ऊँगली अंदर डालकर बोला: आह मस्त टाइट बुर है। अब वो उँगलियाँ निकाल कर चाटने लगा।

कर्नल: चल साली रँडी अब पलट कर अपनी गाँड़ दिखा।

अमिता चुपचाप पलट गयी। अब महक के सामने उसकी नंगी बुर थी। उधर राजीव उसके मस्त गोल गोल चूतरों को सहला रहा था। तभी कर्नल बोला: अमिता अपनी गाँड़ दिखाओ अंकल को , वो बहुत मस्ती से तुम्हारी गाँड़ मार कर तुमको मज़ा देंगे।

यह सुनकर अमिता ने अपने दोनो चूतरों को फ़ैलाया और राजीव उसकी गाँड़ के खुले छेद को देखकर समझ गया कि वह अक्सर गाँड़ मरवाती है। अब राजीव ने उसकी गाँड़ सहलायी और उसमें एक ऊँगली डाला और अंदर बाहर किया। तभी कर्नल ने उसकी बुर को दबाना शुरू किया। अब अमिता आऽऽऽऽहहह करने लगी। फिर बोली: अभी छोड़िए ना, महक, शिवा और मालिनी घर में हैं। बाद में रात को कर लीजिएगा।

अब दोनों ने उसे छोड़ दिया पर कर्नल बोला: बस एक बार आगे झुक कर अपनी बुर और गाँड़ की छवि तो दिखा दो अंकल को।

वह मुस्कुरा कर आगे झुकी और दोनों अधेड़ मर्द उसकी नंगी जवानी जा हुस्न देखकर मस्ती से अपने लौड़े मसलने लगे। फिर वह उठकर अपनी पैंटी ऊपर की और स्कर्ट नीचे करके कमरे से बाहर आने के पहले अपना हाथ बढ़ाकर एक एक हाथ में दोनों के लौड़ों को पैंट के ऊपर से दबा दी और बोली: रात को मज़ा करेंगे।

महक भी भागकर अपने कमरे में आयी और बाथरूम में घुस गयी। पिशाब करके उसने अपनी वासना को क़ाबू में किया और वापस कमरे में आयी तो अनिता वहाँ बैठकर टी वी देख रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। महक के दिमाग़ में एक बात ही चल रही थी कि उसके पापा ने कर्नल की महक के बारे में की गई गंदी बातों का कोई जवाब नहीं दिया और ना ही उसे ऐसी बात करने से टोका। इसका मतलब वो भी यही चाहते हैं कि मैं उनके दोस्त से चुदवाऊँ!! हे भगवान , ये सब क्या हो रहा है? वो आज तक अपने पति के अलावा किसी और से नहीं चुदी थी। यहाँ उसके पापा के दोस्त और क्या पता पापा भी उसको चोदने के चक्कर में है।

महक का सिर घूमने लगा कि ये उसकी ज़िंदगी में कैसा मोड आने वाला है। क्या वो इसके लिए तय्यार है ? पता नहीं आज की रात कैसे बीतेगी और उसकी ज़िंदगी में कैसा तूफ़ान आएगा?
शाम के नाश्ते के बाद शिवा और मालिनी एयरपोर्ट के लिए चले गए। राजीव ने रानी को छुट्टी दे दी और डिनर बाहर एक रेस्तराँ में करने का प्लान बनाया। सब तय्यार होकर एक रेस्तराँ के लिए निकले। महक भी अब अमिता की तरह स्कर्ट और टॉप में ही थी। दोनों की मस्त गोरी जाँघें बहुत मादक दिख रही थीं। कार में दोनों मर्द आगे बैठे और लड़कियाँ पीछे बैठीं।

रेस्तराँ में राजीव और अमिता अग़ल बग़ल एक सोफ़े पर बैठे और महक के साथ कर्नल बैठ गया। हल्का अँधेरा सा था हॉल में और सॉफ़्ट म्यूज़िक भी बज रहा था। कुछ जोड़े डान्स फ़्लोर पर नाच भी रहे थे। राजीव ने अपने लिए और कर्नल के लिए विस्की ऑर्डर की और लड़कियों को पूछा किक्या लेंगी।

कर्नल: वाइन लेंगी और क्या लेंगी? ठीक है ना महक?

महक मुस्कुरा दी: ठीक है अंकल ले लूँगी। अमिता क्या लेगी?

कर्नल: अरे वो तो विस्की भी ले लेती है पर अभी वाइन से ही शुरुआत करेगी।

फिर जैसे जैसे शराब अंदर जाने लगी, माहोल रोमांटिक होने लगा। राजीव का हाथ अमिता की नंगी जाँघों पर था और वह उसकी स्कर्ट को ऊपर करके सहलाए जा रहा था। अब कर्नल महक को बोला: बेटी, अब तुम बड़ी हो गयी हो, विस्की का भी मज़ा लो।

महक भी सुरुर में आ गई थी: ठीक है अंकल दीजिए , मुझे सब चलता है।

जब कर्नल ने देखा कि महक थोड़ी सी टुन्न हो रही है तो वह उसको बोला: क्या मैं अपनी प्यारी सी बेटी को डान्स फ़्लोर में चलने को कह सकता हूँ?

महक: ज़रूर अंकल चलिए ना डान्स करते हैं।
अमेरिकन सभ्यता का असर भी तो था।

अब वो दोनों डान्स करने लगे। अब कर्नल ने उसकी कमर में हाथ डालके उसको अपने से चिपका लिया। उसके बड़े बड़े बूब्ज़ कर्नल की छाती से टकरा रहे थे और वह उसके नंगी कमर को सहलाए जा रहा था। थोड़ी देर बाद कर्नल ने उसके निचले हिस्से को भी अपने निचले हिस्से से चिपका लिया और महक को उसके खड़े लौड़े का अहसास अपने पेट के निचले हिस्से पर होने लगा। वो अब ख़ुद भी उसकी मर्दानी गंध से जैसे मदहोश सी होने लगी। तभी कर्नल ने उसकी बाँह उठाकर नाचते हुए उसकी बग़ल में नाक घुसेड़ दी और उसकी गंध से मस्त होकर बोला: बेटी, तुम्हारे बदन की ख़ुशबू बहुत मादक है।

महक शर्मा कर: अंकल क्या कर रहे हैं? कोई देख लेगा?

कर्नल: बेटी, सब अपनी मस्ती में खोए हुए हैं, किसी को दूसरे की कोई फ़िक्र ही नहीं है। यह कहते हुए उसने महक को अपने से और ज़ोर से चिपका लिया। फिर वह बोला: बेटी, मुझे तुम्हारे पति से जलन हो रही है।

महक: वो क्यों?

कर्नल: क्या क़िस्मत पायी है जो उसे तुम्हारे जैसे बीवी मिली है। क्या मस्त बदन है तुम्हारा। वो तो तुमको छोड़ता ही नहीं होगा ना? दिन रात तुमसे लगा रहता होगा?

महक मुस्कुरा कर: अंकल शुरू शुरू में तो ऐसा ही था, पर अब हमारी शादी को छे साल हो गए हैं , अब वो बात कहाँ?

कर्नल: बेटी, तुम्हारी जवानी तो अब निखार पर आइ है। फिर वो उसकी कमर से हाथ ले जाकर उसके चूतर को हल्के से सहलाया और बोला: देखो क्या मस्त बदन है अब तुम्हारा । हर जगह के उभार कितने मस्त हैं। और फिर वह उसके चूतर दबा दिया।

महक जानती थी कि अगर उसने अभी कर्नल को नहीं रोका तो बाद में उसे रोकना नामुमकिन हो जाएगा। पर तभी कर्नल ने झुक कर उसकी टॉप से बाहर झाँक रही चूचियों पर चुम्बन ले लिया और महक का रहा सहा विरोध भी ख़त्म हो गया। उसकी बुर गीली होकर चुदाई की डिमांड करने लगी। वैसे भी उसे काफ़ी दिन हो गए थे चुदवाए हुए।

महक: चलिए अब वापस टेबल पर चलते हैं।

उधर राजीव और अमिता उनको देखे जा रहे थे। जैसे ही वो दोनों डान्स फ़्लोर पर गए अमिता बोली: अंकल कर्नल साहब आज आपकी बेटी को पटा के ही छोड़ेंगे।

राजीव ने उसकी जाँघ सहलाते हुए कहा: अच्छा है ना, अगर उसे कर्नल पसंद है, तो वह उससे चुदवा ले। इसमें बुराई क्या है?

फिर वह अमिता को बोला: बेटी, तुम बाथरूम जाकर पैंटी उतार कर अपने पर्स में डाल लो। मुझे तुम्हारी बुर में ऊँगली करनी है।


अमिता: अंकल पैंटी को एक तरफ़ कर देती हूँ, आप ऊँगली डाल लीजिए। यह कहकर वो थोड़ी सी उठी और शायद उसने पैंटी को एक तरफ़ को कर दिया। अब राजीव ने उसकी जाँघों के बीच उँगलिया डाली और वो सीधे बुर के अंदर चली गयीं। अमिता की आऽऽऽह निकल गयी। राजीव की उँगलियाँ जल्दी ही गीली हो गयीं। वह उनको चाटने लगा। तभी अमिता बोली: देखिए अंकल, कर्नल के हाथ अब महक के चूतर दबा रहे हैं। और आऽऽऽहहह देखिए वो अब उसकी चूचियाँ चूम रहे हैं।
WOW VERY NICE AND VERY HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
राजीव का लौड़ा अब पूरा कड़क हो चुका था और अपनी बेटी को अपने दोस्त के साथ मस्ती करते देख वह बहुत उत्तेजित हो रहा था। फिर जब वो दोनों वापस आए टेबल पर तो कर्नल के पैंट का टेंट साफ़ दिखाई दे रहा था। टेबल पर बैठ कर वो फिर से पीने लगे। इस बार कर्नल भी बेशर्म होकर अपने हाथ को उसकी नंगी जाँघों पर फेरने लगा। महक ने भी बेशर्मी से अपनी जाँघें फैला दी और अब उसकी उँगलियाँ उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से छूने लगी। कर्नल धीरे से महक के कान में बोला: बेटी, तुम्हारी पैंटी तो गीली हो रही है । सब ठीक है ना?

वो हँसकर बोली: अंकल सब आपका किया धरा है।

कर्नल ने अब हिम्मत की और उसका हाथ पकड़कर अपने पैंट के ऊपर से अपने लौड़े पर रखा और बोला: देखो मेरा भी बुरा हाल है। ये तो तुम्हारा ही किया धरा है।

महक भी बेशर्मी से उसके लौड़े को सहलायी और उसकी लम्बाई और मोटाई का अहसास करके बोली: आऽऽह आपका तो बहुत बड़ा है अंकल।

कर्नल: क्यों तुम्हारे पति का छोटा है क्या?

महक: उनका सामान्य साइज़ का है, पर आपका तो बहुत बड़ा है।

ये कहते हुए वह उसका लौड़ा सहलाए जा रही थी। तभी महक का फ़ोन बजा। उसके पति का फ़ोन था। महक: हाय कैसे हो?

वो: ठीक हूँ, तुम्हारी याद आ रही है, अब तो शादी भी हो गयी , अब वापस आ जाओ ना।

महक नशे में थी और उसके आँखों के सामने उसका सामान्य लौड़ा आ गया। अभी भी उसका एक हाथ कर्नल के लौड़े पर था। ओह भगवान मैं क्या करूँ? एक तरफ़ इतना मस्त लौड़ा है और दूसरी तरफ़ पति का सामान्य सा लौड़ा। वो सोचने लगी कि अंकल की चुदाई भी मस्त होगी। उसकी बुर अब पूरी तरह से पनिया गयी थी। वो बोली: बस अभी पापा अकेले हैं, जैसे ही शिवा और मालिनी होनिमून से वापस आएँगे मैं भी आ जाऊँगी।

राजीव का लंड अभी अमिता के हाथ में था और वह यह सुनकर बुरी तरह से मचल गया कि अभी महक बहुत दिन यहाँ रहेगी। वो मस्ती से अपनी उँगलियाँ अमिता की बुर में भी डाला और हिलाने लगा। तभी महक ने मोबाइल बंद किया और टेबल पर रखने लगी तभी वह नीचे गिर गया। वह उठाने के लिए झुकी और उसकी आँखों के सामने उसके पापा की उँगलियाँ अमिता की बुर में हिल रही थीं और उधर अमिता के हाथ उसके पापा के लौड़े पर चल रहे थे। वह ये देखकर बहुत उत्तेजित हो गयी।
फिर मोबाइल उठाकर वह और ज़ोर से उसका लौड़ा दबाने लगी। उधर कर्नल भी उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से सहलाने लगा। फिर कर्नल ने जो अंधेरे में बैठा था अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया था। अब अमिता उसके नंगे लौंडे को मसल कर मस्ती से भर उठी थी। उफफफ कितना मोटा कड़ा और गरम लौड़ा है। वो सोची और मज़े से भर उठी।

अब सभी बहुत उत्तेजित हो चुके थे। तभी कर्नल ने एक एस॰एम॰एस॰ लिखा और राजीव को भेजा। राजीव ने एस॰एम॰एस॰ पढ़ा। उसमें लिखा था नीचे झुक कर अपनी बेटी की हरकत देखो।
राजीव ने अपना रुमाल गिराया और उठाने के बहाने नीचे झुका और देखा कि महक की बुर में कर्नल की उँगलियाँ चल रही है और वह कर्नल का लौड़ा मसल रही है, जिसे कर्नल ने पैंट से बाहर निकाल रखा था। राजीव तो जैसे पागल ही हो गया था अपनी बेटी की इस हरकत से।

राजीव: चलो सबका खाना हो गया क्या ? अब घर चलें? दस बज गए हैं।
फिर उसने बिल पटाया और वो चारों अपने कपड़े ठीक करके बाहर आ गए। कार में अमिता राजीव के साथ बैठी और पीछे कर्नल और महक बैठीं। कार के चलते ही कर्नल ने महक का टॉप उठाकर उसकी ब्रा से उसकी एक चूचि बाहर निकाल ली और उसको पहले दबाया और फिर मुँह में लेकर चूसने लगा।

राजीव ने चूसने की आवाज़ सुनी तो पीछे रीयर व्यू मिरर में देखा और महक के बड़े दूध कर्नल के मुँह में देखकर वह बहुत उत्तेजित हो गया। उसने हाथ बढ़ाकर अमिता के दूध दबाने शुरू किए। पर कोई रीऐक्शन ना देखकर वह उसे देखा तो पाया कि वह लुढ़क गयी है।

राजीव: अरे अमिता तो सो गयी।

कर्नल: अरे वह दारू नहीं पचा पाती । अब वो सुबह तक बेहोश रहेगी। अब हमारे पास बस एक यही महक बची है मज़े लेने के लिए।

राजीव ने शीशे में देखा और पाया कि अब कर्नल का लौड़ा फिर से पैंट से बाहर था और महक अब उसे चूस रही थी। राजीव को लगा कि उसकी पैंट फट जाएगी , उसका लौड़ा इतना कड़क हो चुका था।

घर पहुँचने के पहले कर्नल और महक ने अपने कपड़े ठीक कर लिए थे। अब कर्नल ने अमिता को गोद में उठाया और लेज़ाकर उसको महक के बिस्तर पर सुला दिया। फिर वह बाहर आया और ड्रॉइंग रूम में सोफ़े पर बैठा और महक भी अपना पर्स वगेरह रख कर बाथरूम से वापस आकर सोफ़े में बैठी। तभी राजीव भी आया और सोफ़े पर बैठ गया। एक अजीब सी ख़ामोशी थी कमरे में।

कर्नल ने ख़ामोशी तोड़ी और बोला: यार साली अमिता तो टुन्न हो गयी अब महक का हो सहारा है । क्या बोलते हो?

राजीव : महक ने ही फ़ैसला करना है कि वह क्या चाहती है?

महक: अंकल आप इतनी देर से मुझे तंग कर रहे हो और अब क्या ऐसी ही प्यासी छोड़ दोगे?

कर्नल: बेटी, मैं तेरे पापा की बात कर रहा हूँ। क्या तुम उससे भी चुदवाओगी?

महक: पापा तो मरे जा रहे हैं मुझे चोदने को, मुझे सब पता है। मैंने आजतक अपने पति के अलावा किसी से भी किया नहीं है। पर आज बड़ा मन है आप दोनों से करवाने का। कहते हुए वह मुस्कुराते हुए एक ज़बरदस्त अंगड़ाई ली। उसके बड़े कबूतर टॉप में फड़फड़ा उठे।

कर्नल हँसते हुए बोला: वाह बेटी तुमने तो समस्या ही हल कर दी। और वह उठकर उसके पास आया और उसको अपनी गोद में खींचकर उसके होंठ चूसने लगा। फिर वह राजीव को बोला: आजा यार अब तेरी बेटी का मज़ा लेते हैं। ये कहते हुए उसने महक का टॉप उतार दिया और ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। तभी उसने अगला ऐक्शन किया और ब्रा भी निकाल दी। अब उसकी बड़ी चूचियाँ दोनों के सामने थीं। वह एक चूचि चूसते हुए बोला: आजा यार अब चूस अपनी बेटी की चूचि , देख क्या मस्त मलाई है । अब राजीव नहीं रुक पाया और आकर महक के बग़ल में बैठा और हाथ बढ़ाकर उसकी चूचि सहलाया और फिर वह भी एक चूचि चूसने लगा। महक ने नीचे देखा कि कैसे उसके पापा और अंकल उसकी एक एक चूचि चूस रहे थे। वह दोनों के सिर में हाथ फेरने लगी।

दोनों मर्द अब उसकी निपल को अपने होंठों में लेकर हल्के से दाँत से काट भी रहे थे। महक मज़े से आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह करने लगी। उधर दोनों के हाथ उसके पेट से होकर उसकी जाँघ पर घूम रहे थे। वह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करने लगी। दोनों की उँगलियाँ उसकी बुर के आसपास घूम रही थीं। वह अब अपनी गीली बुर की असहनीय खुजली को महसूस कर रही थी। तभी राजीव नीचे आकर उसकी स्कर्ट उतार दिया और अब पैंटी का गीलापन देखकर दोनों मर्द मुस्कुरा उठे। फिर राजीव ने उसकी पैंटी भी उतार दी । अब उसकी जाँघों को अलग करके उसकी बुर को देखा और मस्ती से उसको चूमने लगा। फिर वह उसे जीभ से चाटने लगे। फिर उसने उसकी कमर को और ऊपर उठाया और अब उसकी सिकुड़ी हुई गाँड़ भी उसके सामने थी । वह उसे भी चूमा और फिर से जीभ से चाटने लगा। महक पागल सी हो गयी थी। कर्नल उसकी चूचियों पर हमला किए था और पापा उसकी बुर और गाँड़ पर। वह उइइइइइइइइइ हाऽऽऽयय्य चिल्ला रही थी।

अब कर्नल खड़े हुआ और पूरा नंगा हो गया। उसका लौड़ा बहुत कड़ा होकर ऊपर नीचे हो रहा था। वह लौड़ा महक के मुख के पास लाया और महक ने बिना देर किए उसे चूसना शुरू कर दिया। तभी राजीव भी खड़ा हुआ और नंगा होकर अपना लौड़ा महक के मुँह के पास लाया। वह अब उसका भी लौड़ा चूसने लगी। अब वह बारी बारी से दोनों का लौड़ा चूस रही थी।

कर्नल: चलो बेटी, बिस्तर पर चलो और डबल चुदाई का मज़ा लो। अमिता तो कई बार इसका मज़ा ले चुकी है।

अब तीनो नंगे ही बिस्तर पर आकर लेटे। महक पीठ के बल लेटीं थी और दोनों मर्द उसकी चूचि पी रहे थे। उनके हाथ उसकी बुर और जाँघ पर थे। उधर महक ने भी उनका लौड़ा एक एक हाथ में लेकर सहलाना शुरू किया था। उग्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त मोटे और बड़े लौड़े थे। वह सोची कि आज की चुदाई उसे हमेशा याद रहेगी।

अब राजीव बोला: बेटी, पिल्ज़ ले रही हो ना? कहीं प्रेग्नन्सी ना हो जाए।

महक: पापा आज आपको एक बात बतानी है। हमने चार साल फ़ैमिली प्लानिंग की थी। पर पिछल दो साल से हम बच्चे की कोशिश कर रहे हैं, पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है। मैंने अपना चेकअप करवाया है, सब ठीक है। आपका दामाद अपनी जाँच के लिए तय्यार नहीं है।

राजीव: ओह तुमने यह तो कभी बताया नहीं बेटी। उसकी बुर सहलाते हुए वह बोला।

अब कर्नल और राजीव अग़ल बग़ल लेट गए और वह उठकर दोनों के लौड़े चूसने लगी। फिर वह उनके बॉल्ज़ को सहलाते हुए और चाटते हुए बोली: आपके इतने बड़े बड़े बॉल्ज़ में बहुत रस होगा । आप दोनों आज ही मुझे प्रेगनेंट कर दोगे , वैसे भी मेरा अन्सेफ़ पिरीयड चल रहा है।

राजीव: आऽऽह बेटी, ज़रूर आज तुम प्रेगनेंट हो ही जाओगी। आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क्या चूसती हो ह्म्म्म्म्म्म्म।

कर्नल उठा और नीचे जाकर उसकी बुर और गाँड़ चाटा और बोला: यार तू क्या चोदेगा? बुर या गाँड़?

राजीव: पहले बुर फिर गाँड़।

कर्नल: तो फिर चल तू लेट जा और महक तुम उसके ऊपर आकर लौड़े को अपनी बुर में ले लो। मैं पीछे से गाँड़ मारूँगा। यह कह कर वह ड्रेसिंग टेबल से क्रीम उठाकर लाया और अपने लौड़े पर मलने लगा।

राजीव के लौड़े पर अपना बुर रखकर महक बैठी और उसका लौड़ा अपनी बुर में धीरे धीरे अंदर करने लगी। अब वो आऽऽऽऽहहह कहती हुई पूरा लौड़ा अंदर कर ली। अब राजीव उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ दबाने लगा।कर्नल ने उसकी गाँड़ में क्रीम लगाकर अपना लौड़ा वहाँ सेट किया और धीरे से पेलने लगा। महक चिल्लाई: आऽऽऽहहहह दुःख रहा है, अंकल आपका बहुत मोटा है।

कर्नल: बस बेटी बस, देखो पूरा चला गया तुम्हारी टाइट गाँड़ में। आऽऽहाह मज़ा आ गया। फिर वह धक्के मारने लगा। राजीव भी नीचे से कमर उठाकर उसकी बुर फाड़ने लगा । महक इस डबल चुदाई से अब मस्त होने लगी। उसके निपल भी मसलकर लाल कर दिए थे दोनों ने।

अब महक भी अपनी गाँड़ उछालकर आऽऽऽऽऽहहह और चोओओओओओओदो आऽऽहहहह फ़ाआऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ चिल्लाने लगी।

दोनों मर्द अब मज़े से चोदने में लग गए। पलंग ज़ोर ज़ोर से हिले जा रहा था और फ़चफ़च और ठप्प ठप्प की आवाज़ भी गूँज रही थी।

अचानक महक बोली: अंकल आप अपना रस मेरी गाँड़ में नहीं मेरी बुर में ही छोड़ना, मैं आज ही गर्भवती होना चाहती हूँ। आऽऽऽह। हाऽऽऽऽऽय्य।

कर्नल: ठीक है बेटी, जैसा तुम कहो। और वो और ज़ोर से गाँड़ मारने लगा।

अब राजीव चिल्लाया: आऽऽऽऽऽऽह बेटी मैं गया। और वो झड़ने लगा। महक भी पाऽऽऽऽऽपा मैं भी गईइइइइइइइइ। कहकर झड़ गयी। कर्नल ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और चादर से पोंछा और महक के राजीव के ऊपर से हटने का इंतज़ार करने लगा। जब महक उठकर लेटी तो वह उसकी टाँगें उठाकर उसकी बुर में अपना लौड़ा डाल दिया। उसकी बुर राजीव के वीर्य से भरी हुई थी। अब वह भी दस बारह धक्के लगाकर झड़ने लगा। उसका वीर्य भी महक की बुर में सामने लगा।

महक आऽऽहहहह करके लेटी रही और बोली: आऽऽऽहब आप दोनों का कितना रस मेरे अंदर भर गया है। आज तो मैं ज़रूर से प्रेगनेंट हो ही जाऊँगी।

फिर सब फ़्रेश होकर लेट कर चूमा चाटी करने लगे। क़रीब एक घंटे के बाद फिर से चुदाई शुरू हुई, बस इतना फ़र्क़ था कि उसकी गाँड़ में इस बार पापा का और बुर में अंकल का लौड़ा था। लेकिन उनका वीर्य इस बार भी उसकी बुर को ही मिला।


बाद में सब नंगे ही लिपट कर सो गए।
WOW VERY NICE AND VERY HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
राजीव के लिए मालिनी की दिन भर की उपस्थिति का पहला दिन था। उसे बड़ा अजीब लग रहा था कि शायद वह अब रानी के साथ जब चाहे तब पुराने तरह से मज़े नहीं कर पाएगा।

मालिनी भी दिन भर ससुर को घर में देखकर सहज नहीं हो पा रही थी। उसके साथ बात करने को एक रानी ही थी।

रानी जल्दी ही मालिनी से घुल मिल गयी और पूछी: भाभी जी हनीमून कैसा रहा? भय्या ने ज़्यादा तंग तो नहीं किया? ये कहकर वो खी खी करके हँसने लगी।

तभी राजीव पानी लेने आया और उनकी बात सुनकर ठिठक गया और छुपकर उनकी बातें सुनने लगा।

मालिनी शर्मा कर: नहीं, वो तो बहुत अच्छें हैं, मेरा पूरा ख़याल रखते हैं, वो मुझे क्यों तंग करेंगे?

रानी: मेरा मतलब बहुत ज़्यादा दर्द तो नहीं दिया आपको ?ये कहते हुए उसने आँख मार दी।

मालिनी शर्मा कर बोली: धत्त , कुछ भी बोलती हो। वो मुझे बहुत प्यार करते हैं , वो मुझे तकलीफ़ में नहीं देख सकते।

रानी: तो क्या आप अभी तक कुँवारी हो? उन्होंने आपको चो-- मतलब किया नहीं क्या?

मालिनी: धत्त , कुछ भी बोलती हो, सब हुआ हमारे बीच, पर उन्होंने बड़े आराम से किया और थोड़ा सा ही दर्द हुआ।

रानी: ओह फिर ठीक है। मैं जब पहली बार चु- मतलब करवाई थी ना तब बहुत दुखा था। उन्होंने बड़ी बेरहमी से किया था।

मालिनी: इसका मतलब आपके पति आपको प्यार नहीं करते तभी तो इतना दुःख दिया था आपको।

रानी: अरे भाभी, मेरा पति क्या दुखाएगा? उसका हथियार है ही पतला सा । मेरी सील तो जब मैं दसवीं में थी तभी स्कूल के एक टीचर ने मुझे फँसाकर तोड़ दी थी। मैं तो दो दिन तक चल भी नहीं पा रही थी।

मालिनी: ओह ये तो बहुत ख़राब बात है। आपने उसकी पुलिस में नहीं पकड़वा दिया?

रानी: अरे मैं तो अपनी मर्ज़ी से ही चु- मतलब करवाई थी तो पुलिस को क्यों बुलाती।

मालिनी: ओह अब मैं क्या बोलूँ इस बारे में। तो फिर आप उनसे एक बार ही करवाई थी या बाद में भी करवाई थी?

रानी: आठ दस बार तो करवाई ही होंगी। बाद में बहुत मज़ा आता था उनसे करवाने में।

मालिनी: ओह, ऐसा क्या?

रानी: उनके हथियार की याद आती है तो मेरी बुर खुजाने लगती है। ये कहते हुए उसने अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी बुर खुजा दी।

मालिनी हैरानी से देखने लगी कि वो क्या कर रही है।

मालिनी के लिए ये सब नया और अजीब सा था।
फिर वह बोली: अच्छा चलो ,अब खाना बन गया ना, मैं अपने कमरे में जाती हूँ।

राजीव उनकी सेक्सी बातें सुनकर अपने खड़े लौड़े को दबाकर मस्ती से भर उठा। और इसके पहले कि मालिनी बाहर आती वह वहाँ से निकल गया।

मालिनी अपने कमरे में आकर सोचने लगी कि रानी के साथ उसने क्यों इतनी सेक्सी बातें कीं । वह इस तरह की बातें कभी भी वह किसी से नहीं करती थी। तभी शिवा का फ़ोन आया: कैसी हो मेरी जान? बहुत याद आ रही है तुम्हारी?

मालिनी: ठीक हूँ मुझे भी आपकी याद आ रही है। आ जाओ ना अभी घर। मालिनी का हाथ अपनी बुर पर चला गया और वह भी रानी की तरह अपनी बुर को साड़ी के ऊपर से खुजाने लगी।

शिवा: जान, बहुत ग्राहक हैं आज , शायद ही समय मिले आने के लिए। जानती हो ऐसा मन कर रहा है कितुमको अपने से चिपका लूँ और सब कुछ कर लूँ। वह अपना मोटा लौड़ा दबाकर बोला।

मालिनी: मुझे भी आपसे चिपटने की इच्छा हो रही है। चलिए कोई बात नहीं आप अपना काम करिए । बाई ।

फिर वह टी वी देखने लगी।

उधर रानी घर जाने के पहले राजीव के कमरे में गयी तो वह उसे पकड़कर चूमा और बोला: क्या बातें कर रही थीं बहू के साथ?

रानी हँसकर बोली: बस मस्ती कर रही थी। पर सच में बहुत सीधी लड़की है आपकी बहू । आपको उसको छोड़ देना चाहिए।

राजीव: मैंने उसको कहाँ पकड़ा है जो छोड़ूँगा ?

रानी: मेरा मतलब है कि इस प्यारी सी लड़की पर आप बुरी नज़र मत डालो।

राजीव: अरे मैंने कहाँ बुरी नज़र डाली है। बहुत फ़ालतू बातें कर रही हो। ख़ुद उससे गंदी बातें कर रही थी और अपनी बुर खुजा रही थी, मैंने सब देखा है।

रानी हँसकर: मैं तो उसे टटोल रही थी कि कैसी लड़की है। सच में बहुत सीधी लड़की है।

राजीव: अच्छा चल अब मेरा लौड़ा चूस दे घर जाने के पहले। ये कहकर वह अपनी लूँगी उतार दिया और बिस्तर पर पलंग के सहारे बैठ गया। उसका लौड़ा अभी आधा ही खड़ा था। रानी मुस्कुराकर झुकी और लौड़े को ऊपर से नीचे तक चाटी और फिर उसको जैसे जैसे चूसने लगी वह पूरा खड़ा हो गया और वह मज़े से उसे चूसने लगी। क़रीब १५ मिनट के बाद राजीव ह्म्म्म्म्म कहकर उसके मुँह में झड़ गया और रानी उसका पूरा रस पी गयी। बाद में उसने लौड़े को जीभ से चाट कर साफ़ कर दिया। फिर थोड़ा सा और चूमा चाटी के बाद वह अपने घर चली गयी।

दोपहर को क़रीब एक बजे मालिनी ने राजीव का दरवाज़ा खड़खड़ाया और बोली: पापा जी खाना लगाऊँ क्या?

राजीव अंदर से ही बोला: हाँ बेटी लगा दो।

मालिनी ने खाना लगा दिया तभी राजीव लूँगी और बनियान में बाहर आया। मालिनी पूरी तरह से साड़ी से ढकी हुई थी। दोनों आमने सामने बैठे और खाना खाने लगे। राजीव उससे इधर उधर की बातें करने लगा और शीघ्र ही वह सहज हो गयी।

राजीव ने खाने की भी तारीफ़ की और फिर दोनों अपने अपने कमरे ने चले गए। इसी तरह शाम की भी चाय साथ ही में पीकर दोनों थोड़ी सी बातें किए। रानी शाम को आकर चाय और डिनर बना कर चली गयी। शिवा दुकान बंद करके आया और मालिनी की आँखें चमक उठीं। शिवा अपने पापा से थोड़ी सी बात किया और अपने कमरे में चला गया। मालिनी भी अंदर पहुँची तब वह बाथरूम में था। जब वह बाथरूम से बाहर आया तो वह पूरा नंगा था उसका लौड़ा पूरा खड़ा होकर उसके पेट को छूने की कोशिश कर रहा था। मालिनी की बुर उसे देखकर रस छोड़ने लगी । वह शर्माकर बोली: ये क्या हो रहा है? ये इतना तना हुआ और ग़ुस्से में क्यों है?

शिवा आकर उसको अपनी बाहों में भर लिया और होंठ चूसते हुए बोला: जान आज तो पागल हो गया हूँ , बस अभी इसे शांत कर दो प्लीज़।

मालिनी: हटिए अभी कोई टाइम है क्या? डिनर कर लीजिए फिर रात को कर लीजिएगा।


शिवा ने उसका हाथ अपने लौड़े पर रख दिया और मालिनी सिहर उठी और उसे मस्ती से सहलाने लगी। उसका रहा सहा विरोध भी समाप्त हो गया। शिवा ने उसके ब्लाउस के हुक खोले और उसके ब्रा में कसे आमों को दबाने लगा। मालिनी आऽऽऽऽह कर उठी। फिर उसने उसकी ब्रा का हुक भी खोला और उसके कप्स को ऊपर करके उसकी नंगी चूचियों पर टूट पड़ा। उनको दबाने के बाद वह उनको खड़े खड़े ही चूसने लगा। मालिनी उइइइइइइइ कर उठी।
WOW VERY NICE AND VERY HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
अब उसने मालिनी को बिस्तर पर लिटाया और उसकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर करके उसकी पैंटी के ऊपर से बुर को दबाने लगा। मालिनी हाऽऽऽय्यय करके अपनी कमर ऊपर उठायी। फिर उसने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी बुर में अपना मुँह घुसेड़ दिया । अब तो मालिनी की घुटी हुई सिसकियाँ निकलने लगीं। उसकी लम्बी जीभ उसकी बुर को मस्ती से भर रही थी। फिर उसने अपना लौड़ा उसकी बुर के छेद पर रखा और एक धक्के में आधा लौड़ा पेल दिया। वह चिल्ला उठी आऽऽऽऽऽह जीइइइइइइ । फिर वह उसके दूध दबाकर उसके होंठ चूसते हुए एक और धक्का मारा और पूरा लौड़ा उसकी बुर में समा गया। अब वह अपनी कमर दबाकर उसकी चुदाई करने लगा। मालिनी भी अपनी गाँड़ उछालकर चुदवाने लगी। कमरे में जैसे तूफ़ान सा आ गया। दो प्यासे अपनी अपनी प्यास बुझाने में लगे थे। पलंग चूँ चूँ करने लगा। कमरा आऽऽऽऽहहह उइइइइइइ हम्म और उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ों से भरने लगा। क़रीब दस मिनट की चुदाई के बाद दोनों झड़ने लगे और एक दूसरे से बुरी तरह चिपट गए।

थोड़ी देर चिपके रहने के बाद वो अलग हुए और मालिनी शिवा को चूमते हुए बोली: थैंक्स , सच मुझे इसकी बहुत ज़रूरत थी।

शिवा शरारत से : किसकी ज़रूरत थी?

मालिनी शर्मा कर उसके गीले लौड़े को दबाकर बोली: इसकी ।

शिवा: इसका कोई नाम है?

मालिनी पास आकर उसके कान में फुसफ़सायी: आपके लौड़े की। ओ के ?

शिवा हँसकर: हाँ अब ठीक है। फिर उसकी बुर को सहला कर बोला: मुझे भी तुम्हारी बुर की बड़ी याद आ रही थी। दोनों फिर से लिपट गए। मालिनी बोली: चलो अब डिनर करते हैं। पापा सोच रहे होंगे कि ये दोनों क्या कर रहे है अंदर कमरे में?

शिवा हँसक : पापा को पता है कि नई शादी का जोड़ा कमरे में क्या करता है। हा हा ।

फिर दोनों फ़्रेश होकर बाहर आए। डिनर सामान्य था। बाद में राजीव सोने चला गया और ये जोड़ा रात में दो बार और चुदाई करके सो गया । आज मालिनी ने भी जी भर के उसका लौड़ा चूसा और उन्होंने बहुत देर तक ६९ भी किया । पूरी तरह तृप्त होकर दोनों गहरी नींद सो गए।

दिन इसी तरह गुज़रते गए। राजीव दिन में एक बार रानी से मज़ा ले लेता था और शिवा और मालिनी की चुदाई रात में ही हो पाती थी। सिवाय इतवार के, जब वो दिन में भी मज़े कर लेते थे। अब मालिनी की भी शर्म कम होने लगी थी। अब वह घर में सुबह गाउन पहनकर भी रहती थी और राजीव पूरी कोशिश करता कि वह उसके मस्त उभारो को वासना की दृष्टि से ना देखे। वह जब फ्रिज से सामान निकालने के लिए झुकती तो उसकी मस्त गाँड़ राजीव के लौड़े को हिला देती। पर फिर भी वह पूरी कोशिश कर रहा था कि किसी तरह वह इस सबसे बच सके और अपने कमीनेपन को क़ाबू में रख सके। और अब तक वो इसमे कामयाब भी था।

एक दिन उसने मालिनी की माँ सरला को श्याम के साथ बुलाया और एक होटेल के कमरे में उसकी ज़बरदस्त चुदाई की। शाम को श्याम और सरला मालिनी से मिलने आए। मालिनी बहुत ख़ुश थी। राजीव ने ऐसा दिखाया जैसे वह भी अभी उनसे मिल रह रहा हो। जबकि वो सब होटेल में दिन भर साथ साथ थे।

फिर वो दोनों वापस चले गए। रात को शिवा , मालिनी और राजीव डिनर करते हुए सरला की बातें किए और शिवा को अच्छा लगा की मालिनी अपनी माँ से मिलकर बहुत ख़ुश थी।

दिन इसी तरह बीतते गए। सब ठीक चल रहा था कि मालिनी के शांत जीवन में एक तूफ़ान आ गया।
उस दिन रोज़ की तरह जब सुबह ७ बजे मालिनी उठी और किचन में गयी तो रानी चाय बना रही थी । मालिनी को देख कर रानी मुस्कुराती हुई बोली : भाभी नींद आयी या भय्या ने आज भी सोने नहीं दिया ?

मालिनी: आप भी बस रोज़ एक ही सवाल पूछतीं हो। सब ठीक है हम दोनों के बीच। हम मज़े भी करते हैं और आराम भी। कहते हुए वह हँसने लगी।

रानी भी मुस्कुराकर चाय का कप लेकर राजीव के कमरे में गयी। राजीव मोर्निंग वॉक से आकर अपने लोअर को उतार रहा था और फिर वह जैसे ही चड्डी निकाला वैसे ही रानी अंदर आयी और मुस्कुराकर बोली: वाह साहब , लटका हुआ भी कितना प्यारा लगता है आपका हथियार। वह चाय रखी और झुक कर उसके लौड़े को चूम लिया। राजीव ने उसको अपने से लिपटा लिया और उसके होंठ चूस लिए। फिर वह लूँगी पहनकर बैठ गया और चाय पीने लगा। उसकी लूँगी में एक छोटा सा तंबू तो बन ही गया था।

रानी: आजकल आप घर में चड्डी क्यों नहीं पहनते?

राजीव : अब घर में चड्डी पहनने की क्या ज़रूरत है। नीचे फंसा सा लगता है। ऐसे लूँगी में फ़्री सा लगता है।

रानी: अगर बहू का पिछवाड़ा देख कर आपका खड़ा हो गया तो बिना चड्डी के तो वो साफ़ ही दिख जाएगा।

राजीव: जान बस करो क्यों मेरी प्यारी सी बहू के बारे में गंदी बातें करती हो? तुम्हारे रहते मेरे लौड़े को किसी और की ज़रूरत है ही नहीं। ये कहते ही उसने उसकी चूतरों को मसल दिया । रानी आऽऽह करके वहाँ से भाग गयी।

मालिनी ने चाय पीकर शिवा को उठाया और वह भी नहाकर नाश्ता करके दुकान चला गया। उसके जाने के बाद मालिनी भी नहाने चली गयी। रानी भी राजीव के कमरे की सफ़ाई के बहाने उसके कमरे में गयी जहाँ दोनों मज़े में लग गए ।
मालिनी नहा कर आइ और तय्यार होकर वह किचन में गयी। वहाँ उसे सब्ज़ी काटने का चाक़ू नहीं मिला। उसने बहुत खोजा पर उसे जब नहीं मिला तो उसने सोचा कि ससुर के कमरे से रानी को बुलाकर पूछ लेती हूँ। वह ससुर के कमरे के पास जाकर आवाज़ लगाने ही वाली थी कि उसे कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई पड़ी। वह रुक गयी और पास ही आधी खुली खिड़की के पास आकर सुनने की कोशिश की। अंदर से उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ गन्न्न्न्न्न्न्न ह्म्म्म्म्म की आवाज़ आ रही थी। वह धीरे से कांपते हुए हाथ से परदे को हटा कर अंदर को झाँकी। अंदर का दृश्य देखकर वह जैसे पथ्थर ही हो गयी। रानी बिस्तर पर घोड़ी बनी हुई थी और उसकी साड़ी ऊपर तक उठी हुई थी। पीछे उसका ससुर कमर के नीचे पूरा नंगा था और उसकी चुदाई कर रहा था। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ये क्या हो रहा है। क्या कोई अपनी नौकरानी से भी ऐसा करता है भला! इसके पहले कि वह वहाँ से हट पाती राजीव चिल्लाकर ह्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा। जब उसने अपना लौड़ा बाहर निकाला तो उसका मोटा गीला लौड़ा देखकर उसका मुँह खुला रह गया। उसे अपनी बुर में हल्का सा गीलापन सा लगा। वह उसको खुजा कर वहाँ से चुपचाप हट गयी।

अपने कमरे में आकर वह लेट गयी और उसकी आँखों के सामने बार बार रानी की चुदाई का दृश्य और पापा का मोटा लौड़ा आ रहा था। वह सोची कि बाप बेटे के लौड़े एकदम एक जैसे हैं, मोटे और लम्बे। पर शिवा का लौड़ा थोड़ा ज़्यादा गोरा है पापा के लौड़े से। उसे अपने आप पर शर्म आयी कि छि वो पापा के लौड़े के बारे में सोच ही क्यों रही है !!

फिर उसका ध्यान रानी पर गया और वह ग़ुस्से से भर गयी। ज़रूर उसने पापा के अकेलेपन का फ़ायदा उठाया होगा और उनको अपने जाल में फँसा लिया होगा। पापा कितने सीधे हैं, वो इस कमीनी के चक्कर में फँस गए बेचारे, वो सोचने लगी।

भला उसको क्या पता था कि हक़ीक़त इसके बिपरीत थी और असल में राजीव ने ही रानी को फ़ांसा थ।

वह सोची कि क्या शिवा को फ़ोन करके बता दूँ । फिर सोची कि नहीं वह अपने पापा को बहुत प्यार करते हैं और उनके बारे में ये जानकार वह दुःखी होगा। उसे अभी नहीं बताना चाहिए, हाँ समय आने पर वह उसे बता देगी। क़रीब आधे घंटे तक सोचने के बाद वह इस निश्चय पर पहुँची कि रानी को काम से निकालना ही इस समस्या का हल है। वो बाहर आइ तो देखा कि राजीव बाहर जाने के लिए तय्यार था। ना चाहते हुए भी उसकी आँख राजीव के पैंट के अगले भाग पर चली गयी। पैंट के ऊपर से भी वहाँ एक उभार सा था। जैसे पैंट उसके बड़े से हथियार को छुपा ना पा रही हो। वह अपने पे ग़ुस्सा हुई और बोली: पापा जी कहीं जा रहे हैं क्या?

राजीव: हाँ बहू , बैंक जा रहा हूँ। और भी कुछ काम है १ घंटा लग जाएगा। वो कहकर चला गया।

अब मालिनी ने गहरी साँस ली और रानी को आवाज़ दी। रानी आइ तो थोड़ी थकी हुई दिख रही थी।

मालिनी: देखो रानी आज तुमने मुझे बहुत दुःखी किया है।

रानी: जी, मैंने आपको दुःखी किया है? मैं समझी नहीं।

मालिनी: आज मैंने तुमको पापा के साथ देख लिया है। आजतक मैं सोचती थी कि तुम इतनी देर पापा के कमरे में क्या करती हो? आज मुझे इसका जवाब मिल गया है। छि तुम अपने पति को धोका कैसे दे सकती हो। पापा को फँसा कर तुमने उनका भी उपयोग किया है। अब तुम्हारे लिए इस घर में कोई ज़रूरत नहीं है। तुम्हारा मैंने हिसाब कर दिया है। लो अपने पैसे और दूसरा घर ढूँढ लो।

रानी रोने लगी और बोली: एक बार माफ़ कर दो भाभी।

मालिनी: देखो ये नहीं हो सकता। अब तुम जाओ और अब काम पर नहीं आना।

ये कहकर वो वहाँ से हट गयी। रानी रोती हुई बाहर चली गयी।

राजीव वापस आया तो थोड़ा सा परेशान था। वो बोला: बहू , रानी का फ़ोन आया था कि तुमने उसे निकाल दिया काम से?

मालिनी: जी पापा जी, वो काम अच्छा नहीं करती थी इसलिए निकाल दिया। मैंने अभी अपने पड़ोसन से बात कर ली है कल से दूसरी कामवाली बाई आ जाएगी।

राजीव को रानी ने सब बता दिया था कि वह क्यों निकाली गयी है, पर बहू उसके सम्मान की रक्षा कर रही थी। जहाँ उसे एक ओर खीझ सी हुई कि उसकी प्यास अब कैसे बुझेगी? वहीं उसको ये संतोष था कि उसकी बहू उसका अपमान नहीं कर रही थी। वह चुपचाप अपने कमरे में चला गया। पर उसकी खीझ अभी भी अपनी जगह थी।

उस दिन शाम की चाय और डिनर भी मालिनी ने ही बनाया था। राजीव मालिनी से आँखें नहीं मिला पा रहा था। डिनर के बाद सब अपने कमरों में चले गए। मालिनी ने शिवा को बताया कि रानी को काम से निकाल दिया है। शिवा ने कहा ठीक है दूसरी रख लो। उसने कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखाया और उसकी चूची दबाकर उसे गरम करने लगा।मालिनी ने भी उसका लौड़ा पकड़ा और उसको दबाकर पापा के लौड़े से तुलना करने लगी। शायद दोनों बाप बेटे का एक सा ही था ।जल्दी ही शिवा चुदाई के मूड में आ गया और उसे चोदने लगा। मालिनी ने भी सोचा कि इनको क्यों बताऊँ फ़ालतू में दुःखी होंगे, अपने पापा की करतूत जानकार।

चुदाई के बाद दोनों लिपट कर सो गए। पर मालिनी की आँखों में अभी भी पापा का मस्त लौड़ा घूम रहा था और वह भी सो गयी।

उधर राजीव की आँखों से नींद ग़ायब थीं । वह सोचने लगा कि कहीं बहू ने सब बातें शिवा को बता दी होगी। फिर सोचा नहीं वह नहीं बताएगी। वह चाहेगी कि बाप बेटे में कोई दूरी ना हो। यह सब सोचते हुए वह सो गया।


अब जब राजीव की प्यास बुझाने वाली ही चली गयी तो आगे वो कौन सी कमीनी हरकत करेगा???
WOW VERY NICE AND VERY HOT UPDATE
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
20,143
37,172
173
अगले दिन मालिनी सुबह उठकर चाय बनाई और राजीव के कमरे का दरवाज़ा खटखटाई और बोली: पापा जी चाय लाऊँ?

राजीव देर तक सोने के कारण आज वॉक पर भी नहीं गया था । वह उठा और उसकी लूँगी में मॉर्निंग इरेक्शन का तंबू बना हुआ था। वह बोला: मैं अभी बाहर आता हूँ वहीं पी लूँगा।

मालिनी ने चाय डाइनिंग टेबल पर रखी और ख़ुद चाय पीने लगी। थोड़ी देर बाद राजीव बाहर आया तो हमेशा की तरह मालिनी ने उसके पैर छुए और गुड मोर्निंग किया। राजीव ने उसे आशीर्वाद दिया और चाय पीने लगा। उसने देखा कि आज भी वह गाउन पहनी थी पर वह अब उसे वह टाइट हो रही थी क्योंकि वह अच्छा खाने और शायद बढ़िया चुदाई के चलते थोड़ी भर रही थी। उसकी चूचियाँ गाउन को दबा रही थी और उसके चूतरों के उभार भी गाउन से मस्त दिखने लग रहे थे।हालाँकि उसने कपड़े सही पहने थे और उसमें से कोई अंग प्रदर्शन नहीं हो रहा था। पर गाउन से भी वह बहुत मादक लग रही थी। राजीव की लूँगी में हलचल शुरू हो गयी। इसलिए वह उठकर वहाँ से चला गया।

राजीव अपने कमरे में आकर मालिनी की जवानी का सोचकर गरम होने लगा । फिर वह सोचा कि उसे अपना ध्यान बटाना होगा ।ये सोचकर वह तय्यार होकर बाहर चला आया और नाश्ता करके घर से बाहर जाने लगा। मालिनी और शिवा अभी नाश्ता कर रहे थे।

मालिनी: पापा जी आज मैं आपके साथ सब्ज़ी वग़ैरह लेने जाना चाहती हूँ , आप ले जाएँगे क्या? वो क्या है ना, मुझे यहाँ का कुछ पता नहीं है ना, इसीलिए आपकी मदद चाहिए। पड़ोसन कह रही थी कि शिवाजी चौक का सब्ज़ी बाज़ार सबसे अच्छा है।

राजीव: हाँ हाँ बेटी क्यों नहीं , मैं थोड़ी देर में आता हूँ तब चलेंगे। पर शिवाजी चौक में तो बेटी बहुत भीड़ होती है।

यह कहकर राजीव अपने एक दोस्त से मिलने निकल गया। उसकी पास ही में एक दुकान थी चश्मों की जिसमें उसका एक पुराना दोस्त पटेल बैठा था। पटेल उसे देखकर बहुत ख़ुश हुआ और बोला: अरे यार आज रास्ता कैसे भूल गए? आओ बैठो।

राजीव उसके पास बैठा और दोनों पुराने दिनों की बातें करने लगे। तभी बातें राजीव की बीवी की मौत की ओर चली गयीं। पटेल बोला: यार , भाभी जी ने तुझे धोका दे दिया। एकदम से चली गयी।

राजीव : हाँ यार एकदम से अकेला हो गया हूँ।

पटेल: यार सच में बहुत मुश्किल है बिना बीवी के रहना। हालाँकि इस उम्र में रोज़ मज़े नहीं करना होता है पर हफ़्ते में एक दो दिन तो मज़े का मूड बन ही जाता है। उसपर बीवी का ना होना सच में मुश्किल होता होगा।

राजीव: क्या तू सच में अभी भी भाभीजी के भरोसे ही है क्या? यहाँ वहाँ मुँह भी तो मारता होगा?

पटेल: अरे अब तुमसे क्या पर्दा भला। तुम्हारी भाभी के साथ तो हफ़्ते में एक बार हो ही जाता है। और मैं सामान लेने हर महीने मुंबई जाता हूँ और कम से कम दो रात वहाँ होटेल में गुज़ारता हूँ। वहाँ मेरी सेटिंग है रात में २०/२२ साल की एक लौड़िया आ जाती है पूरी रात साली के साथ चिपका रहता हूँ। पूरे पैसे वसूल करता हूँ।

राजीव: वाह भाई , तुम तो छिपे रूसतम निकले। वैसे यहाँ भी तो होटलों में लौंडियाँ मिलती होंगी।

पटेल: यहाँ कोई भी जान पहचान का मिल सकता है, वहाँ कौन अपने को जानता है भला?

राजीव: हाँ ये तो रिस्क है यहाँ करने में ।

पटेल: यार तू दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेता।

राजीव: अरे अभी तो मेरे बेटे की शादी हुई है अब इस उम्र में मैं क्या शादी करूँगा यार।

पटेल: अरे अपने गाँव साइड में तो हमारी उम्र के बूढ़ों को भी मस्त जवान लौड़िया मिल जाती हैं शादी के लिए बस कुछ पैसा फेंकना पड़ता है और तूने पैसा तो बहुत कमाया है यार।

राजीव : चल छोड़ ये सब बातें। फिर वह वहाँ से वापस आ गया।

जब वह घर पहुँचा तो शिवा दुकान जा चुका था और मालिनी एक नई नौकरानी से काम करवा रही थी। वह कोई ४० के आसपास की काली सी औरत थी और राजीव ने अपनी क़िस्मत को कोसा कि इस बार बहु ने ऐसी औरत चुनी है जिसे देखकर खड़ा लौड़ा भी मुरझा जाए।पर वह बोला: अरे बहु तुम तय्यार नहीं हुई बाज़ार जाना था ना?

मालिनी: बस पापा अभी ५ मिनट में तय्यार होकर आती हूँ। ये नई बाई है कमला। इसे काम समझा रही थी। ये कहकर वह अपने कमरे में चली गयी और १० मिनट में तय्यार होकर आइ। राजीव उसका इंतज़ार सोफ़े में बैठा टी वी देखकर कर रहा था। मालिनी: पापा चलें ?

राजीव ने आँखें उठाईं और मालिनी को देखता ही रह गया। गुलाबी सलवार सूट में वो बहुत प्यारी लग रही थी। ये कपड़े भी अब उसे थोड़े टाइट हो चले थे। पर उसने चुन्नी इस तरह से ली थी जिसमें उसकी छातियाँ पूरी ढकीं हुई थी। सच में उसकी बहु नगीना याने हीरा थी ,वह सोचा।

फिर दोनों बाहर आए और कार में बैठकर सब्ज़ी बाज़ार की तरफ़ चल पड़े। रास्ते में राजीव उसे शहर के ख़ास बाज़ार और मुहल्लों के बारे में बताने लगा। वह बड़े ध्यान से सुन रही थी। तभी सब्ज़ी मार्केट आ गयी ।दोनों कार से उतरे और मालिनी हाथ में थैला पकड़कर चल पड़ी। राजीव उसके पिच्छे चलने लगा। उसने ऊँची एड़ी का सेंडल पहनी थी और उसके चूतर सलवार में मस्त मटक रहे थे। राजीव का लौड़ा अकडने लगा। तभी वह एक सब्ज़ी वाले के यहाँ रुकी और झुक कर टमाटर पसंद करने लगी। अब उसकी चुन्नी ढलक गयी थी और उसकी मस्त छातियाँ सामने तनी हुए दिखाई दे रहीं थे। उसके चूतर भी पीछे से मस्त कशिश पैदा कर रहे थे। उफ़्फ़्फ़्ग्ग क्या मस्ती है इस लौड़िया में। तभी एक आदमी वहीं से गुज़रा और उसने झुकी हुई मालिनी की गाँड़ पर हाथ फेरा और चला गया।

राजीव को ग़ुस्सा आया पर वह आदमी ग़ायब हो चुका था। मालिनी एकदम से पलट कर देखी तब तक वह आदमी जा चुका था। राजीव उसके पीछे आकर खड़ा हुआ और बोला: बेटी, अब मैं यहाँ खड़ा हूँ तुम आराम से सब्ज़ी पसंद करो।

मालिनी: ठीक है पापा जी। वह अब अपने काम में लग गयी।
राजीव अब अच्छी तरह से उसकी गाँड़ का जायज़ा ले रहा था और अपने लौड़े को adjust कर रहा था। तभी राजीव को एक साँड़ आता दिखा और वह राजीव के बिलकुल बग़ल में आ गया और उसे रास्ता देने के लिए उसे आगे को होना पड़ा तभी उसका पैंट के अंदर से उसका लौड़ा उसकी चूतरों पर टकराने लगा। मालिनी सकपका कर उठने की कोशिश की और तभी वह साँड़ राजीव से टकराने लगा और राजीव आगे को हुआ और फिर मालिनी उसकी ठोकर से आगे को गिरने लगी। तभी राजीव ने उसके कमर पर हाथ डाला और उसे अपने क़रीब खींच लिया और वह नीचे गिरने से बच गयी । राजीव का अगला हिस्सा अब मालिनी के पिछवाड़े से पूरी तरह चिपक गया था। मालिनी को भी उसके कड़े लौड़े का अहसास अपनी गाँड़ पर होने लगा था। राजीव का हाथ उसकी कमर पर चिपका हुआ था। मालिनी पीछे को मुड़ी और उसने साँड़ को वहाँ से जाते देखा । वह समझ गयी कि क्या हुआ है। वह बोली: पापा जी साँड़ चला गया, अब मुझे छोड़ दीजिए।

राजीव झेंप कर पीछे को हुआ और अपने पैंट को अजस्ट करने लगा। मालिनी की आँखें उसकी पैंट पर पड़ी और वह शर्म से दोहरी हो गयी। वो सोची - हे भगवान ! ये पापा को क्या हो गया? वो इतने उत्तेजित मुझे छू कर हो गए क्या? फिर उसने अपनी आँखें वहाँ से हटाई और पैसे देने लगी।

राजीव: बेटी, मैंने बोला था ना कि यहाँ बहुत भीड़ रहती है। चलो तुम्हारी सब्ज़ी हो गयी या अभी और लेना है।

मालिनी: पापा जी अभी और लेनी है, चलिए उधर भीड़ नहीं है वहाँ से लेते हैं।


दिर उन्होंने सब्ज़ी ख़रीदी और वापस घर आए। मालिनी थोड़ी सी हिल सी गयी थी कि पापा उसे छू कर इतने उत्तेजित क्यों हो गए। क्या वो उसे ग़लत निगाह से देखते है। उसे थोड़ा ध्यान से रहना होगा अगर पापा जी उसके बारे में कुछ ऐसा वैसा सोचते हैं तो । फिर उसने अपने आप को कोसा और सोची कि छि पापा के बारे में वो ऐसा कैसे सोच सकती है। अब वह आराम करने लगी।
WOW VERY NICE AND VERY HOT UPDATE
 

Top