मालिनी सोची कि पापा को शायद परेशानी होगी। सो वह बोली: पापा के खाने का क्या होगा?
सरला: अरे एक रात बाहर खा लेंगे। मैं उनको बोल देती हूँ।
शिवा मुस्कुराया और सोचा कि वो आपकी बात तो मान ही जाएँगे। फिर चारु और मुन्नी मालिनी को अपने कमरे में ले गए। शिवा बोला: राकेश मैं थोड़ा सैर करके आता हूँ। कोई पार्क है क्या पास में?
राकेश: जीजा जी आप चाहो तो मैं ले चलता हूँ आपको।
शिवा: हाँ हाँ चलो ना। साथ रहेगा तो अच्छा ही लगेगा।
राकेश: मैं अभी आया जूते बदलकर। वो अपने कमरे में चला गया।
सरला किचन में खाने की तय्यारी कर रही थी । शिवा उसके पास आया। वो उसको पीछे से पकड़कर उसके कंधों को चूमकर बोला: मम्मी अब रोक तो लिया है आपने , रात का प्रोग्राम बनेगा क्या।
सरला: क्यों रात को मालिनी की नहीं लोगे क्या?
शिवा: उसका पिरीयड्ज़ आया हुआ है। आज तीसरा दिन है।
सरला: तभी मेरी लेने का ख़याल आया है?
शिवा उसकी गाँड़ दबाकर और चूचि मसलकर बोला: उफफफ मम्मी क्या माल हो आप। कुछ करो ना रात की चुदाई का इंतज़ाम।
सरला: उइइइइइइ छोड़ ना बेटा। मार ही डालेगा क्या। चल कुछ सोचती हूँ। और कुछ नहीं कर पाई तो मालिनी के दूध में नींद की एक गोली डाल दूँगी। वो मज़े से सोती रहेगी और तुम आके मज़े कर लेना। ठीक है ना?
शिवा उसे चूमकर: वाह मम्मी आपका प्लान बढ़िया है। लगता है ताई जी पर भी यही प्लान आज़माती होगी।
सरला उसके लौड़े को पैंट के ऊपर से दबाकर बोली: धत्त बदमाश कंही का। शिवा हंसकर उसकी बुर को साड़ी के ऊपर से दबाकर: ठीक है मम्मी मैं और राकेश थोड़ा पार्क तक घूम कर आते हैं । आप पापा से हमारे कल आने की बात कर लेना। फिर वह बाहर आया और तभी राकेश भी आया और दोनों पार्क की ओर चल पड़े।
उधर सरला ने अपने कपड़े ठीक किए जो शिवा ने ब्लाउस और साड़ी मसलकर ख़राब कर दिए थे और बुर को खुजाकर वो सोची कि उफफफ कितना गरम ख़ून है इस लड़के का?
फिर वो राजीव को फ़ोन लगाई: नमस्ते समधी जी। कैसे हैं ?
राजीव : बहुत उदास हूँ, बहु को तुमने हज़म जो कर लिया है।
सरला हँसकर : वो दोनों तो आज रुकने का सोचे हैं। कल सुबह वापस आएँगे।
राजीव: ये तो ग़लत बात है। शाम को वापस आने की बात हुई थी। मेरे डिनर का क्या होगा?
सरला: अरे एक रात बाज़ार से ऑर्डर करके मँगा लीजिएगा ना। रात के लिए कोई छम्मक छल्लो भी बुला लीजिए। आपकी रात रंगीन कर देगी।
राजीव: तुम जानती हो मुझे रँडी में कोई दिलचस्पी नहीं है। अच्छा ये तो बताओ तुम्हारा और शिवा का कुछ हुआ? बात आगे बढ़ी कि नाहीं ?
सरला हँसते हुए: वो तो आपका सगा बेटा ही निकला ।आज ही दोपहर को उसने मेरी आगे और पीछे दोनों की ले ली।
राजीव ख़ुशी से चिल्लाया: क्या बोलती हो? हो भी गया?
सरला: आप दुनिया के इकलौते बाप होगे जो अपने बेटे की ऐसी करतूत से ख़ुश हो रहे हैं। कोई दूसरा होता तो बेटे को दस जूते मारता ।
राजीव: अरे मेरा बेटा है। मुझे उस पर गर्व है। अच्छा बताओ कुछ सीखा है वो कि नहीं की बिस्तर पर औरत को कैसे मज़ा देना है?
सरला: अरे वो तो उस्ताद हो गया है। आख़िर मेरी बेटी भी तो साथ में ट्रेनिंग दी है ना उसको?
राजीव: अच्छा बताओ कि मेरे साथ ज़्यादा मज़ा आया कि शिवा के साथ?
सरला हँसती हुई: सच बोलूँ? शिवा का जवान बदन और उसका मस्त हथियार पागल कर देने वाला है। और जानते हो जवानी का स्टेमिना कितना ज़्यादा होता है। पूरे आधे घंटे बिना रुके उसने मुझे चोदा है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मेरी तो जैसे बरसों की प्यास बुझा दी उसने। आपको जलन तो नहीं हो रही है?
राजीव: अरे नहीं । बल्कि गर्व हो रहा है अपने बेटे की मर्दानगी पर। फिर आज रात का क्या प्लान है?
सरला: अभी आया था किचन में। सब कुछ दबाकर बोला है कि रात को आएगा मेरे कमरे में ।
राजीव: और मालिनी उठ गयी और देखी कि शिवा नहीं है तो?
सरला: उसको तो नींद की एक गोली दे दूँगी। सुबह तक मस्त सोएगी।
राजीव: चलो बढ़िया। अब इसके बाद तुम यहाँ आना और मैं मालिनी को तुम्हारी और शिवा की चुदाई दिखाऊँगा। बस उसके बाद सब कुछ बढ़िया हो जाएगा।
सरला थोड़ा परेशान होकर: शिवा को पता चला आपके और मालिनी के बारे में तो पता नहीं वो इसे कैसे लेगा?
राजीव : अरे तुम चिंता ना करो मैं उसका पहले ही ब्रेन वाश कर दूँगा। अब उसे थोड़ी इनसेस्ट का मतलब समझाना होगा।
सरला: वो तो मैंने यहाँ ही शुरू कर दिया है। वैसे आपको बता दूँ कि आज उसने मेरे सामने कई बार बोला कि वो अपनी सगी माँ को नंगी देख चुका था और उसकी फंतसि थी किवो अपनी माँ को चोदे।
राजीव हैरानी से बोला: ओह। ऐसा क्या? ये तो नयी बात पता चली।
सरला: वो मुझसे और अपनी माँ में तुलना भी कर रहा था। ख़ासकर हमारी छातियों की।
राजीव: ओह तब तो काम आसान हो जाएगा। चलो रात में मज़े लो और कल रिपोर्ट देना। हैपी फ़किंग मेरे बेटे के साथ। फिर वो फ़ोन काट दिया।
उधर मालिनी अपनी बहनों के साथ बातें कर रही थी। बातों बातों में बात सेक्स की ओर मुड़ गयी। स्कूल में होने वाली बातों के बारे में लड़कियाँ बताने लगीं।
चारु: पता दीदी, हमारे स्कूल में कई लड़कियाँ बड़े अजीब अजीब से कपड़े पहन कर आती हैं । हमारी चाची तो हमको ऐसे कपड़े कभी पहनने ही ना दे।
मालिनी: पर स्कूल में तो यूनीफ़ॉर्म होती है ना?
चारु: शनिवार को कुछ भी पहन सकते है। कुछ लड़कियाँ तो मिनी स्कर्ट पहनकर आती हैं और लड़के अपनी पेन्सल कागच ज़मीन पर गिरा कर उनको उठाने के बहाने उनकी स्कर्ट के अंदर झाँकते है। ही ही ही । वो शर्मा कर हँसी।
मालिनी भी मज़े से आँख मटका कर: अब तू १८ की हो गयी है। बता क्यों झाँकते हैं?
चारु मस्ती में: वही देखने को झाँकते हैं जो कि जीजा जी आपकी साड़ी में देखने के लिए झाँकते हैं ।
मालिनी झूठा ग़ुस्सा दिखाकर: ठहर साली बहुत बोलना आ गया है। ये कहते हुए मारने दौड़ी। चारु चिल्लायी: चाची बचाओ ।और भाग कर किचन में सरला के पास आ गयी।
सरला हँसकर: क्या हुआ मालिनी क्यों मार रही है इसको?
मालिनी हँसकर: मम्मी ये बड़ी बदमाश हो गयी है। पर उसने शर्म के मारे उसको सब बात नहीं बताई। फिर दोनों वापस कमरे में आयीं। मालिनी: बहुत सयानी हो गयी है तो कोई बीएफ़ बनाया या नहीं?
चारु: धत्त दीदी। मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ। पर सच में बहुत सी लड़कियों के हैं। वो सब बुरे बुरे काम भी कर चुकी हैं।
मालिनी हँसकर :ओह, कैसे बुरे काम?
चारु: दीदी आप भी ना । मैं कैसे बताऊँ। वो भी मुन्नी के सामने। देखो ना कैसे कान खोलकर सब सुन रही है।
मालिनी: अरे तो क्या हुआ। अब मुन्नी भी तो जवान हो गयी है। देखो ना इसके दूध कितने बड़े हो गए हैं। दो साल से तो ब्रा भी पहन रही है। अब कोई बच्ची थोड़ी है।
सब हँसने लगे। मुन्नी: दीदी आप भी मुझे चिढ़ा रही हैं । मैं जीजा जी से शिकायत करूँगी।
मालिनी: ज़्यादा जीजा जीजा मत कर। कहीं साली को आधी घरवाली समझ कर पकड़ लिया तो उइइइइइ कर उठेगी।
अब चारु मस्ती से बोली: तो लगता है कि जीजा जी आपको बहुत उइइइइ कराते हैं । है ना?
मालिकी: अरे शादी के बाद तो जब वो चाहें मुझसे उइइइइइ या आऽऽहहह करा सकते हैं। उनके पास तो लाइसेंस है। पर कहीं इस बेचारी मुन्नी को उन्होंने पकड़ लिया तो ये तो गयी। हा हा हा।
मुन्नी: हमारे जीजा जी बहुत अच्छें है। वो ऐसा नहीं करेंगे। हाँ चारु ज़्यादा उछल रही है। शायद इसके साथ वो ऐसा कर लेंगे ।
चारु: दीदी अगर वो मेरे साथ कुछ करेंगे तो मैं आपको बता दूँगी। आप उनको ठीक कर दीजिएगा ।
मालिनी हँसकर : अपने जीजा से ख़ुद ही निपटो तुम लोग। मुझे क्यों बीच में लाते हो। हा हा ।
इस तरह की चूहल हो रही थी। मालिनी को लगा कि दोनों कलियाँ फूल बनने को मरी जा रही हैं। अगर इनको शिवा ही फूल बनाए तो ज़्यादा अच्छा होगा बनिस्बत इसके कोई बाहर वाला इनकी मलाई खा जाए। वो उसकी बहनों को बड़े ही प्यार से जवान करेंगा। बाहर वाले का तो कोई भरोसा ही नहीं कि किस तरह से इन नादान लड़कियों को मसलेंगे।पता नहीं ये शादी के पहले हो प्रेगनेंट ही ना हो जाएँ। वो सोची कि इस बारे में शिवा बात करेगी।